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]]>आइये जानते है!
किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले ज़रूरी है उसकी जानकारी होना। Wipro की बात करें तो इस कंपनी की स्थापना 1945 में हुई थी और 167 देशो में ये कंपनी टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग सर्विस प्रदान करती है। आज के समय में कंपनी का कुल रेवेन्यू 11 बिलियन डॉलर है।
कंपनी के शेयर NSE और BSE (Difference between NSE and BSE in Hindi) में लिस्टेड है और वर्तमान में कंपनी का शेयर प्राइस 382 रुपए है।
अब बात करते है कि इस कंपनी का शेयर कैसे ख़रीदे?
शेयर्स खरीदने (Share Kharidne Ka Tarika) के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Demat vs Trading Account in Hindi) की आवश्यकता होती है। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए निम्नलिखित कागजात की आवश्यकता होती है।
इन सभी कागजात से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकते हैं और ट्रेडिंग के लिए किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हैं।
हां लेकिन सही कीमत पर शेयर खरीदने के लिए और ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए Wipro कंपनी की मौजूदा स्थिति और मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis of Stocks in Hindi) करना न भूले।
यहाँ पर कुछ ज़रूरी डाटा प्रदान किया गया है, जिससे आप कंपनी की वित्तीय स्थिति को जान सकते है:
Wipro मार्केट कैप – 1,99,79,364.46
Wipro P/E रेश्यो – 17.09
Total शेयर्स – 5,22,19,98,029
Share प्राइस – 382.
ब्रोकिंग एप जैसे की Groww (Groww App in Hindi) या अन्य स्टॉक ब्रोकर एप से आप डीमैट खाता खोलने (Demat Account Kaise Khole) के बाद शेयर खरीद सकते है। ग्रो एप से विप्रो के शेयर्स खरीदने की प्रक्रिया इस प्रकार है।
ट्रेडर्स स्टॉक ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफार्म से Wipro के शेयर्स आसानी से खरीद सकते हैं। शेयर्स खरीदने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। सही और पूरी जानकारी के साथ ही किसी कंपनी के शेयर ख़रीदे और साथ में स्टॉक ब्रोकर की विश्वसनीयता का भी ध्यान रखे।
निवेश के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए अगर आप इच्छुक है तो निचे दिए गए फॉर्म को भरे और हमारी टीम की सहायता से फ्री में डीमैट अकाउंट खोलें |
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इन सभी कम्पनीज में निवेशकों की पसंदीदा कम्पनीज और उनके शेयर प्राइस कुछ इस प्रकार है
S. NO. | Tata स्टॉक Name | Tata स्टॉक Price |
|
TCS | 3391 Rs. |
|
TATA STEEL | 119 Rs. |
|
TATA MOTOR | 648 Rs. |
|
Tata Chemicals | 965 Rs. |
|
Tata Power | 251 Rs. |
|
Indian Hotels | 400 Rs. |
|
TItan | 3275 Rs. |
|
Air India | 55.70 Rs. |
अब टाटा ग्रुप के कम्पनीज के शेयर्स खरीदने के लिए शेयर मार्केट में डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है, डीमैट अकाउंट (Demat Account in Hindi) में शेयर्स रख सकते हैं और ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account Meaning in Hindi) में शेयर्स की खरीद सकते हैं।
स्टॉक ब्रोकर से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए डाक्यूमेंट्स इस प्रकार हैं।
अकाउंट खोलने के बाद आप स्टॉक ब्रोकर की एप में लॉगिन करें और उसके बाद निम्नलिखित चरणों का पालन कर Tata ke share kharide.
यहाँ पर हमने Groww app (Groww app in Hindi) का उदाहरण लिया है, सभी स्टॉक ब्रोकर की एप में ये प्रक्रिया लगभग एक सामान होती है:
निष्कर्ष
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के बाद शेयर्स खरीदने का तरीका (Share Kharidne ka Tareeka) काफी आसान है। आप किसी भी ब्रोकर की एप से आसानी से टाटा कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हैं।
यहाँ पर ध्यान रहे की अगर आप लम्बे समय के लिए शेयर को खरीद रहे है तो कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis in Hindi) ज़रूर करें और वही शार्ट टर्म के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis of Stocks in Hindi) कर शेयर को खरीद सकते है।
अगर आप भी निवेश की दुनिया में नए हैं तो हमारी टीम आपको फ्री में डीमैट अकाउंट खोलने में मदद कर सकती है | इसके लिए बस आपको नीचे दिए हुए फॉर्म को भरना होगा | उसके बाद हमारी टीम आपसे जल्द ही संपर्क करेगी |
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ग्रो एप से निम्नलिखित विकल्प में निवेश कर सकते हैं।
नीचे कुछ स्टेप्स बताये गए हैं जिससे ग्रो एप से शेयर्स में आसानी से निवेश कर सकते हैं।
ग्रो एप से आसानी से म्यूच्यूअल फंड्स (Mutual Funds in Hindi) में भी निवेश कर सकते हैं।
नीचे कुछ स्टेप्स बताए गए हैं जिससे ग्रो एप से म्यूच्यूअल फंड्स में आसानी से निवेश कर सकते हैं।
ग्रो एप से फिक्स्ड डिपाजिट में भी आसानी से निवेश कर सकते हैं।
ग्रो एप निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच काफी पॉपुलर है | इस पोस्ट में आपने जाना कि ग्रो ऐप में कैसे निवेश करें | ग्रो एप से आसानी से फिक्स्ड डिपाजिट, शेयर्स, म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं।
इन सभी विकल्पों को चुनने से पहले ज़रूरी है कि आप सही तरह से कंपनी और प्रोडक्ट का विश्लेषण करें और उसके बाद उसमे इन्वेस्ट करें।
अगर आप निवेश की दुनिया में शामिल होना चाहते हैं तो आज ही अपना डीमैट अकाउंट खोलें | ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरें | हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क करेगी और इस सन्दर्भ में आपकी मदद करेगी |
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]]>सुबह बाज़ार में 9:00 से लेकर 9:15 तक प्री मार्केट ओपनिंग सेशन होता है, ट्रेडर्स इसी समय ट्रेड करना और इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते है, इस समय में इंट्राडे मार्जिन जैसी सुविधाएँ नहीं मिलती। पर खरीदने और बेचने की अनुमति होती है।
9:15 बजे के बाद हर प्रकार की ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग शुरू हो जाती है। जिसमें मार्जिन से लेकर अन्य प्रकार की सभी सुविधांए मिलती है।
3:30 बजे बाज़ार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग बंद हो जाती है। ये तो बात हुई बाज़ार के खुलने और बंद होने की, अब बात करते है की शेयर खरीदने का सही समय क्या है।
अब इसमें कोई दो राय नहीं है कि शेयर खरीदने का सही समय आपके प्रॉफिट को काफी हद तक प्रभावित करता है लेकिन उसके साथ एक सही शेयर का चुनाव करना भी काफी ज़रूरी है।
इसके लिए शार्ट टर्म ट्रेड के लिए टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis in hindi) और लॉन्ग टर्म के लिए फंडामेंटल एनालिसिस (fundamental analysis in hindi) की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
आज के समय में इंट्राडे ट्रेडिंग करना एक आम बात हो गई है, लगभग सभी ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग करते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading meaning in hindi) यानी की आज ही ट्रेड ली और आज ही ट्रेड को क्लोज कर दिया।
इंट्राडे ट्रेडिंग मुख्यतः दिन में दो बार सबसे ज्यादा होती है, ये वो समय होते है जब बाज़ार में सबसे ज्यादा वोलैटिलिटी (अस्थिरता) और मोमेंटम होता है और बाज़ार एक दिशा में जाने लगता है।
ऐसा ज़्यादातर मार्केट के शुरूआती घंटो में होता है। अगर इस समय कोई सोदा बनाया जाए तो अच्छा मुनाफा अर्जित किया जा सकता है।
इसके बाद बाज़ार साइडवेज़ (Range Bound) हो जाते है और अगर इस समय बाज़ार में कोई सोदा बनाया जाए तो बाज़ार एक तरह नहीं जाता और नुकसान होने का चांस बढ़ जाता है।
सुबह के बाद और दोपहर तक बाज़ार आमतौर पर साइडवेज़ ही रहता है, फिर उसके बाद बाज़ार में एकतरफा मूवमेंट आती हुई देखी जाती है, जिसमें की ट्रेडर्स काफी ज्यादा ट्रेड करते है।
ये दो समय अच्छी वोलैटिलिटी देते है जिनका इंट्राडे ट्रेडिंग में काफी अच्छा फायदा उठाया जा सकता है और मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
इसके साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए शेयर में वॉल्यूम यानी की liquidity की जानकारी होना भी ज़रूरी है। दिन के जिस समय पर वॉल्यूम बढ़ रही हो वह भी एक ट्रेडर के लिए शार्ट या लॉन्ग पोजीशन लेने का अवसर लेकर आती है
शेयर खरीदने का सही समय क्या है ये काफी हद तक परिस्थिति पर निर्भर करता है। सबसे अच्छा समय वो माना जाता है जब बाज़ार में गिरावट आती है और अच्छी-अच्छी कंपनियों के शेयर धाराशाही होकर सस्ते दामों में मिल रहे होते है।
अच्छी कंपनियों के शेयर यानी की ब्लू चिप शेयर जो बाज़ार में गिरावट आने पर ज्यादा नहीं गिरते और धीरे धीरे लम्बी समयावधि में अच्छा मुनाफा देते है।
अगर लम्बे समय में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो आपको इसे शेयर का पोर्टफोलियो बनाना चाहिए जो धीरे ही सही पर अच्छा रिटर्न देते हों।
ऐसा करने के कई तरीके हैं, जैसे की आप SIP (Systematic investment Plan) की मदद से इन्वेस्ट कर सकते हो।
शेयर खरीदने का सही समय क्या है जानने से पहले कंपनी का सही तरीके से अच्छे से मूल्यांकन करना चाहिए और ऐसा करने के लिए आपको उसके फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स को देखना चाहिए।
फाइनेंसियल स्टेटमेंट से कंपनी के हालात के बारे में जानकारी मिल जाती है। और इसके साथ-साथ आपको कंपनी के व्यवसाय के बारे में सटीक जानकारी मिल जाती है।
इस काम को फंडामेंटल रिसर्च करना या फंडामेंटल अनालिसिस करना कहते है। इसमें मुख्यतः तीन चीजें होती है।
शेयर खरीदने का सही समय क्या है यह इस बात पर भी निर्भर करता है की बाज़ार में हम कम्पनी को किस तरह देख रहे है।
इसको एक उदाहरण से समझते है, मान लेते है की Infosys जो एक जानी मानी कंपनी है और पिछले कुछ सालो में अपने निवेशकों को ज़्यादा रिटर्न कमाने का अवसर दिया है लेकिन क्या आज के समय में उसमे निवेश करके आप ज़्यादा रिटर्न कमा सकते है।
मान की कंपनी ग्रो कर सकती है लेकिन महंगे दामों में शेयर खरीदना भी आपके रिटर्न को कम कर सकता है।
तो क्या Infosys का शेयर अब कभी नहीं खरीद सकते?
ऐसा नहीं है।
अच्छी से अच्छी और बड़ी से बड़ी कंपनी के शेयर को तब खरीदना चाहिए जब वह सस्ते हो रखे हो। अब SALE को ही ले लो, आपके पसंदीदा ब्रांड में जब SALE लगती है तो आप discounted price पर खरीदारी करते हो, पैसा वह भी खर्च होता है लेकिन कम पैसो में बढ़िया चीज़ खरीदने का अवसर मिलता है।
बस शेयर मार्केट में निवेश करने का भी सही समय वह ही है।
मार्केट में जब कोई भी कंपनी का शेयर प्राइस अपने All Time High या resistance के पास होता है तो वह से मार्केट में correction या retracement की स्थिति बनती है।
आपको अगर कंपनी के fundamental और growth की पूरी जानकारी है तो यही गिरावट आपके निवेश का सही समय बनती है।
एक तरह से बढ़िया रिटर्न वाला शेयर कम से कम दामों में खरीदने का मौका मिलता है जिससे आप अपनी इन्वेस्टमेंट पर ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद कर सकते है। तो यह कहना गलत नहीं होगा की स्मार्ट निवेशक स्मार्ट उपायों का प्रयोग करके (Smart solutions for smart investors in Hindi) अपना फायदा कर सकते है
इसके साथ निवेश का सही समय नीचे दिए कुछ कारकों पर निर्भर करता है:
शेयर खरीदने से पहले कम्पनी के बारे में जानकारी।
अच्छी कम्पनी का आईपीओ आने पर: कोई भी कपनी IPO की मदद से शेयर बाज़ार में कदम रख सकती है, IPO आने पर ये पता लगा लिया जाए की कम्पनी अगर अच्छी है और आगे इसके शेयर के दाम बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
बाज़ार में शेयर खरीदने का सही समय क्या है के साथ साथ उस शेयर के सही प्राइस का पता होना बहुत जरूरी होता है। शेयर खरीदने से पहले कम्पनी के हालात के बारे में जान लेना बहुत आवश्यक होता है, ये बिलकुल वैसा ही है की अगर हम किसी अनजान व्यक्ति को पैसे देने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से जानकारी इकठ्ठा करते है, फिर उसे पैसे देते है।
इसके अलावा टेक्नीकल अनालिसिस भी एक तरीका है ट्रेडिंग करने का जो बाज़ार में अच्छा मुनाफा निकालने में ट्रेडर की मदद कर सकता है।
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]]>क्या आप अभी तक इस सफलता को परिभाषित नहीं कर पाए है? खैर उसके लिए आप कुछ सफल इन्वेस्टर्स की जानकारी ले सकते है और जान सकते है की उन सभी सफल निवेशकों में कोई न कोई निवेश योजना एक ही जैसी होती है। आप भी इन आदतों का पालन कर स्टॉक मार्केट में निवेश कर अपने रिटर्न को बढ़ा सकते है।
यहाँ पर सफल निवेशकों की सात आदतों के बारे में चर्चा की गयी है जो आपको स्टॉक मार्केट में सफलता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेंगी:
1. नियमित रूप से निवेश करें: एक सफल निवेशक नियमित रूप से निवेश करने के महत्त्व से काफी हद तक वाकिफ होता है। मार्केट में जिस भी तरह की परिस्थितिया या NAV हो आप कुछ राशि निवेश करके रख सकते हो।
एक सही शुरुआत के लिए Systemic Investment Plan आपके मासिक निवेश में अनुसाशन बनाए रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। और अगर आपको किसी महीने ज़्यादा सैलरी या बोनस प्राप्त होता है तो आप अपने मासिक निवेश में ज़्यादा राशि दाल सकते हो।
2. अपने वित्तीय लक्ष्य को परिभाषित करें: निवेश करने का अर्थ सिर्फ लम्बे समय के ज़्यादा धन एकत्रित करने से नहीं है बल्कि उस रिटर्न और प्रॉफिट को अपने अलग-अलग सपने जैसे की फॉरेन ट्रिप लेना, विदेश में पढ़ाई करना आदि से भी है।
जो जब भी आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना शुरू करें तो उस समय अपने कम, मध्य अवधि और लॉन्ग टर्म के लिए वित्तीय उद्देश्य तय करे। इस तरह से आपको कितनी राशि के साथ निवेश करना है, कब तक निवेश करना है और उस पर आप कितन रिटर्न प्राप्त कर सकते है उसका विश्लेषण पहले से ही कर पाएंगे।
3. अपने निवेश में विविधिता लाए: यहाँ पर ज़रूरी है कि आप निवेश करते समय अलग-अलग एसेट्स में निवेश करें जैसे की डेब्ट सिक्योरिटीज, इक्विटी, फिक्स्ड डिपाजिट, म्यूच्यूअल फण्ड, रियल एस्टेट, आदि। अब इसमें आप अपने जोखिमों को कम कर अपने रिटर्न और मुनाफा कमाने की सम्भावना को बढ़ा सकते है।
4. आपात स्थिति के लिए धन की व्यवस्था करें: वित्तीय आपात स्थिति कभी भी आ सकती है तो इसलिए ज़रूरी है कि आप उसके लिए हरदम तैयार रहे। तो अगर आप किसी भी वित्तीय लक्ष्य या रिटायरमेंट के लिए निवेश कर रहे है तो आपात स्थिति को ध्यान में रखकर ही करे। कम से कम 6 महीने के खर्च के साथ किसी लिक्विड म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें।
5. उद्देश्य के साथ निवेश करें: स्मार्ट निवेशक एक वित्तीय उद्देश्य के साथ ही निवेश करने की योजना बनाता है। अगर आप एक स्मार्ट इन्वेस्टमेंट (smart investment tips in hindi) ओर देख रहे है तो उसके लिए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट प्लान होना काफी आवश्यक है।
6. लम्बी अवधि के लिए निवेश करें: कम समय में कमाए हुए मुनाफे की और न देखकर, मध्य अवधि और लम्बी अवधि के लिए निवेश करने की योजना बनाये। उसके बाद ज़रूरी है कि आप ट्रेडिंग, जो कम समय में मुनाफा प्रदान करने के लिए की जाती है वह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से किस तरह से अलग है।
7. जितनी जल्दी हो सके स्टॉक मार्केट में निवेश करना शुरू करें: ज़्यादातर स्मार्ट निवेशक जल्दी निवेश शुरू करने पर विश्वास करते है। वह ऐसा इसलिए करते है क्योंकि देर से निवेश करने पर बाजार के उतार चढ़ाव में फसने का डर होता है और ये फैसला करना मुश्किल होता है की आप कितनी राशि आगे के लिए सहज कर रखना चाह रहे है।
निष्कर्ष
अब क्योंकि आप स्मार्ट इन्वेस्टमेंट के तरीके से अच्छे से अवगत है तो यहाँ पर आप इन सब पहलूओं को समझे और अपनाए जिससे आप ज़्यादा मुनाफा और रिटर्न प्राप्त कर सके।
आप स्टॉक मार्केट, इकोनॉमिक्स, निवेश करने की रणनीतियों के बारे में एंजेल वन के नॉलेज सेण्टर से सीख सकते है जहाँ पर छोटे छोटे आर्टिकल, वीडियो और पॉडकास्ट के रूप में आपको स्टॉक मार्केट से जुड़ी बातो से अवगत करवाया गया है।
एंजेल वन अपने यूजर के लिए एडवांस डिजिटल प्लेटफार्म लेकर आया है जो उन्हें स्मार्ट निर्णय लेने में मदद प्रदान करता है। तो अभी अपनी निवेश करने के सफर को Angel One के साथ शुरू करें और Smart Republic का इस्तेमाल कर Zero Brokerage 1 और Smart Recommendation 2 का लुफ्त उठा सकते है।
तो अभी Angel One मोबाइल एप डाउनलोड करें और अपने वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए निवेश करने की योजना बनाये।
Disclaimer
तो क्या आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है? तो अभी नीचे दिए गए फॉर्म में अपना विवरण भरे और हम आपको एक सही स्टॉकब्रोकर चुनने में और उनके साथ अकाउंट खोलने में मदद प्रदान करेंगे।
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]]>इन अलग-अलग निवेश मार्गों के अस्तित्व का मतलब है कि ज़्यादा से ज़्यादा निवेशक शेयर बाजार तक पहुंच सके । हालांकि, इतने सारे विकल्प मौजूद होने से निवेशक का भ्रमित होना संभव है कि कौन सा निवेश उनके लिए सबसे उपयुक्त होगा।
इसके सही उतर के लिए आपको बहुत सरे ऑप्शन दिए जाते है जिनमे से एक Angel One’s Website है जहाँ पर आप वित्तीय बाजार से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है और अपने निवेश में एक नयी ऊँचाई को छू सकते है।
अब एक शुरूआती निवेशक के सामने सबसे बड़ी चुनौती आती है की वह कौनसे विकल्प में कितनी राशि के साथ निवेश करें, तो अगर आप भी इसी असमझस में है तो उसके लिए ज़रूरी है कुछ महत्वपूर्ण टिप्स का उपयोग करना जो आपको मार्केट में निवेश करने और अपनी पोर्टफोलियो में विविधिता लाने में काफी लाभदायक साबित होगी।
1. US Stock में निवेश करें
हाल के दिनों में कई निवासी भारतीयों के बीच US Market में निवेश करना काफी लोकप्रिय हो गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये निवेश आपको भारतीय शेयरों से आगे बढ़ने के लिए अपनी होल्डिंग्स में विविधता लाने की अनुमति देते हैं और आपके पोर्टफोलियो के सामने आने वाले समग्र जोखिमों को समायोजित करने में मदद करते हैं।
Vested1 के साथ Angel One के मिलाप ने भारतीय निवेशकों के लिए एंजेल वन के मोबाइल ऐप के माध्यम से US Stock और ETF में निवेश करना संभव बना दिया है।
यहां शून्य कमीशन निवेश संभव है, जिससे निवेशक बिना कमीशन के बाजारों में खरीद-बिक्री कर सकते हैं लेकिन निवेशक को वायर चार्ज शुल्क और विदेशी मुद्रा रूपांतरण लागू हो सकते हैं। हालांकि, निवेशकों के लिए fractional investing में भाग लेना संभव है जो उन्हें अत्यधिक कीमत वाले शेयरों तक प्रवेश प्राप्त करने की अनुमति देता है।
2. एक विविध पोर्टफोलियो बनाएं
यदि आपको लगता है कि आपके पास निवेश निर्णय लेने के लिए आवश्यक कौशल नहीं है और आप शेयरों का चयन अच्छी तरह से नहीं कर सकते हैं, तो आप एक ऐसे इंजन का उपयोग कर सकते हैं जो आपके लिए चुनिंदा शेयरों में मदद करता है।
इसके लिए आप एंजेल वन का rule-based tool, ARQ Prime2 का इस्तेमाल कर सकते है जो आपको बिना किसी फीस के स्टॉक टिप्स प्रदान करता है। स्टॉक बीटा का उपयोग कर यह इंजन आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिम सीमा को ध्यान में रखते हुए विकास, गति, गुणवत्ता और मूल्य स्टॉक अनुशंसाएं प्रदान करता है। यह इंजन आपके पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करता है और उसमे एक बेहतर विविधिता प्रदान करता है।
3. स्टॉक्स के थीमैटिक बास्केट का लाभ उठाएं
यदि आप हमेशा थीमैटिक बास्केट में निवेश करने की आशा रखते हैं, तो Smallcase3 के साथ एंजेल वन का एकीकरण ध्यान देने योग्य है। यह आधुनिक निवेश उत्पाद निवेशकों को सस्ती कीमत पर अपना कम जोखिम वाला विविध पोर्टफोलियो बनाने में सक्षम बनाता है जिससे वे अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
पूर्व-निर्मित शेयरों में निवेश करने से समय और प्रयास की बचत होती है। इन बास्केट के घटकों की बार-बार समीक्षा की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निवेशकों के लक्ष्यों के अनरूप हों। Smallcase का उपयोग निवेश उद्देश्यों की एक श्रृंखला को पूरा करने के लिए किया जा सकता है और जोखिमों को कम करने के लिए सोने के निवेश, स्टॉक, निश्चित आय निवेश और ईटीएफ से बना होता है।
ऊपर बताए गए रणनीतिक निवेश साधनों ने निवेशकों के लिए वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करना और द स्मार्ट रिपब्लिक ऑफ एंजेल वन का हिस्सा बनना संभव बना दिया है।यदि आप अपना खुद का निवेश सफर शुरू करना चाहते हैं तो आज ही एंजेल वन वेबसाइट पर जाएं ताकि आप बाजारों और उनके भीतर काम करने की रणनीतियों के बारे में अधिक जान सकें।
डिस्क्लेमर
1 एंजेल वन लिमिटेड की भागीदारी केवल रेफरल तक ही सीमित है। एंजेल वन लिमिटेड इस उत्पाद को सीधे ग्राहकों को पेश नहीं करता है। क्लाइंट की सहमति के साथ क्लाइंट का विवरण थर्ड पार्टी स्टॉकब्रोकर (निहित) के साथ साझा किया जाएगा। केवाईसी सहित सभी लेन देन सीधे क्लाइंट और एंजेल वन लिमिटेड के साथ तीसरे पक्ष के स्टॉकब्रोकर (निहित) द्वारा निष्पादित किए जाएंगे। कोई व्यक्तिगत वित्तीय देनदारी नहीं होगी।
2 ARQ एक एक्सचेंज स्वीकृत परिणाम नहीं है और इससे संबंधित किसी भी विवाद को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर नहीं निपटाया जाएगा।
3 सेबी रजिस्टर्ड संस्था द्वारा दी जाने वाली स्मॉलकेस सुविधाएं एंजेल वन लिमिटेड केवल वितरण गतिविधि के संबंध में सभी विवादों के विक्रेता के रूप में कार्य कर रहा है और इसकी पहुंच नहीं होगी ।
4 यह ब्लॉग विशेष रूप से शैक्षिक उद्देश्य के लिए है।
5 प्रतिभूति बाजार में निवेश बाजार जोखिम के अधीन हैं, निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें। ब्रोकरेज सेबी द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होगा।. https://bit.ly/2VBt5c5
अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है तो अभी हमसे संपर्क करें और हम आपके एक सही स्टॉकब्रोकर को चुनने और उसके साथ डीमैट खाता खोलने में मदद प्रदान करेंगे।
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]]>वैसे तो जो भी कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड है आप उसमे निवेश करने के लिए शेयर कैसे ख़रीदे और बेचे उसकी जानकारी प्राप्त कर पैसा कमा सकते है, लेकिन इसके अलावा भारत में कई कम्पनिया है और इनमे से काफी ऐसी भी है जो स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नहीं है, लेकिन चाहे कंपनी स्टॉक मार्केट में हो या नहीं आप फिर भी उसके शेयर खरीद सकते है?
क्या आपको इस बात ने असमंझस में डाल दिया है?
आपकी दुविधा को दूर करते है और जानते है कि बिना स्टॉकब्रोकर के शेयर कैसे खरीदते है?
आमतोर में आप किसी भी कंपनी के शेयर कैसे खरीदते है? जो कम्पनीज स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती है, आप स्टॉकब्रोकर की मदद से उन कम्पनीज में निवेश कर सकते है। लेकिन बिना एक्सचेंज में लिस्ट हुए भी आप डायरेक्ट परचेस प्लान (DSPP) के ज़रिये कुछ कम्पनीज के शेयर ख़रीदे जा सकते है।
अब क्योंकि यहाँ पर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयर में इन्वेस्ट नहीं करना है तो आप बिना स्टॉकब्रोकर के शेयर खरीद सकते है।
लेकिन ये डायरेक्ट स्टॉक परचेस प्लान है क्या और किस तरह से आप इसका इस्तेमाल कर शेयर का लेन-देन कर सकते है, चलिए इसे बारीकी से जानते है।
आमतौर पर, इंवेस्टर्स स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर खरीदते हैं। इस मामले में, ब्रोकर इंवेस्टर और कंपनी के बीच एक बिचौलिए के रूप में कार्य करता है। लेकिन डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान (DSPP) एक ऐसा कार्यक्रम है जो इंवेस्टर्स को बिना किसी ब्रोकर के हस्तक्षेप के सीधे उस कंपनी से शेयर खरीदने में सक्षम बनाता है।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान ब्रोकरेज मॉडल के विकल्प की पेशकश करता है। जो आमतौर पर शेयरों की खरीद और बिक्री के समय ब्रोकर के द्वारा ली जाती है। डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान में इंवेस्टर ब्रोकर को बिना कोई कमीशन का भुगतान किए, आप सीधे कंपनी में इंवेस्ट कर सकते हैं।
हालांकि, डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान एक इंवेस्टर और एक कंपनी के बीच समझौता है। इसलिए, शेयरों की खरीद के संबंध में प्रत्येक कंपनी की अलग-अलग आवश्यकताएं हो सकती हैं, जिसपर निवेशक को काफी ध्यान देने की ज़रुरत होती है।
ब्रोकरेज मॉडल की तरह , यहां पर भी इंवेस्टर अपने चेक या सेविंग अकाउंट से मनी ट्रांसफर करके डायरेक्ट स्टॉक परचेज शुरू करते हैं। इसमें कुछ मिनिमम शेयर वैल्यू निर्धारित की जाती है और निवेशक सिर्फ उतने ही शेयर को खरीद सकता है।
साथ ही, प्रत्येक शेयर का प्राइस मार्केट प्राइस के बराबर नहीं होता है, बल्कि समय के अनुसार इसकी कीमत एवरेज होती है। एक बार शेयर खरीदे जाने के बाद, एडमिनिस्ट्रेटर इंवेस्टर को एक सर्टिफिकेट जारी किया जाता है जो खरीदे गए शेयरों की संख्या, लाभांश और अन्य जरूरी जानकारी बताता है।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज को ट्रांसफर अलग एजेंट द्वारा मैनेज किया जाता है, जो थर्ड पार्टी इंस्टीट्यूशन होते है जैसे की बैंक और एहि इंस्टीटूशन लेनदेन रिकॉर्ड करते हैं, सर्टिफिके जारी करते हैं और एडमिनिस्ट्रेटिव ड्यूटी (प्रशासनिक कर्तव्यों) का पालन करते हैं।
अब जिस तरह से सभी कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट नहीं होती, ठीक उसी प्रकार सभी कम्पनीज डायरेक्ट परचेस प्लान की सुविधा प्रदान नहीं करती। एक रिटेल इन्वेस्टर किन कंपनी के शेयर बिना ब्रोकर के खरीद सकता है उसके लिए आप कंपनी की वेबसाइट के इन्वेस्टर रिलेशन पेज पर जाए जहाँ पर आपको निवेश से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान की जाती है।
आज के समय में भारत में कुछ ऐसी कम्पनीज है जो डायरेक्ट परचेस शेयर प्लान लागू करती है जैसे की RCOM, SUZLON, IDEA, DHFL, JETAIRWAYS, JP ASSOCIATES, BHUSAN STEEL, आदि।
इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स के लिए जो बड़ी मात्रा में शेयर खरीदते हैं, डायरेक्ट स्टॉक परचेज फायदेमंद हो सकती है क्योंकि कंपनियां ट्रेडिशनल ब्रोकरेज मॉडल की तुलना में डिस्काउंट की पेशकश कर सकती हैं।
रिटेल इन्वेस्टर भी इस प्लान के अंतर्गत कई तरह के लाभ उठा सकती है जिसका विवरण आगे दिया गया है।
अब ब्रोकर के साथ शेयर खरीदने के तो कई फायदे है जैसे की आपको डीमैट अकाउंट की सुविधा प्रदान की जाती है, साथ ही आपको share kharidne wala app प्रदान किया जाता है जिससे आप अपने स्टॉक की मूवमेंट की जानकारी प्रदान कर सकते हो।
इसके साथ और भी अन्य फायदे है लेकिन बिना स्टॉकब्रोकर के शेयर खरीदने या कहे डायरेक्ट परचेस प्लान के स्टॉक खरीदने के भी कुछ फायदे है, जैसे की:
इंवेस्टर्स के लिए डायरेक्ट स्टॉक परचेज के सबसे बड़े फायदों में से एक है ब्रोकरेज फीस से छुटकारा। साथ ही कंपनियां DSPP के अंतर्गत शेयर्स डिस्काउंट प्राइस में प्रदान करती है।
ब्रोकरेज मॉडल से बचना भी खरीदारी के अनुभव में अधिक सरल बनता है तो अगर आप किसी कंपनी के बिज़नेस से पूरी तरह से अवगत है तो आप आसानी से कुछ ही चरणों में शेयर्स खरीद सकते है।
कंपनी के लिए भी डायरेक्ट स्टॉक परचेज फायदेमंद हो सकती है क्योंकि यह इंवेस्टर के साथ उसके स्ट्रांग रिलेशन को बढ़ावा देती है। चूंकि शेयर सीधे खरीदे जाते हैं और कंपनी जानकारी को बढ़ावा देने और साझा करने के लिए सीधे इंवेस्टर्स तक पहुंच सकती है।
साथ ही, डायरेक्ट स्टॉक परचेज के माध्यम से खरीदे गए शेयरों को छोटा नहीं किया जा सकता है, जो शॉर्ट-सेलिंग को रोकता है और प्राइस वोलैटिलिटी (अस्थिरता) को कम करता है।
अब आप सभी जानते है की स्टॉक मार्केट में सभी तरह की लेन-देन सेबी द्वारा रेगुलेट की जाती है तो अगर आपको किसी भी तरह का फ्रॉड या धोखा होता है तो उसमे आप अपने निवेश की हुई राशि का भुगतान प्राप्त कर सकते है, लेकिन DSPP के अंतर्गत ऐसी कोई रेगुलेशन नहीं होती है और इसलिए इस तरह से शेयर खरीदने के कई तरह के नुकसान भी है, जैसे की:
हालांकि डायरेक्ट स्टॉक परचेज ब्रोकरेज फीस को खत्म कर देती है, फिर भी आपको हर कंपनी के शेयर खरीदने के लिए अलग-अलग इनिशियल फीस के अलावा अन्य फीस भी देनी पड़ सकती हैं, जैसे अकाउंट सेटअप फीस, ट्रांजैक्शन फीस और बेचने के लिए फीस आदि।
इसलिए अगर आप एक्टिव ट्रेडर है तो डीएसपीपी के बजाए डिस्काउंट ब्रोकर के साथ जुड़कर ब्रोकरेज बचा सकते हैं।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज एक इंवेस्टर और एक कंपनी के बीच होती है। जबकि ब्रोकरेज हजारों स्टॉक ऑप्शन की पेशकश करता है, डायरेक्ट स्टॉक परचेज इंवेस्टर को एक कंपनी के स्टॉक तक ही सीमित कर देती है और इंवेस्टर के ट्रेडिंग ऑप्शन को भी कम कर देता है।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज के साथ शेयर खरीदने से पहले उस शेयर की कीमत जानना मुश्किल है क्योंकि कीमतें एवरेज होती हैं। इससे मार्केट को समय देना मुश्किल हो जाता है और इंवेस्टर्स के लिए अपने शेयर बेचना मुश्किल हो जाता है।
बिना ब्रोकर के शेयर खरीदने के लिए एक रिटेल निवेशक को डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान (डीएसपीपी) इंवेस्टर की सुविधा दी जाती है। ये प्लान लंबे समय की इंवेस्टमेंट के लिए सही रहता है। डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान में सभी काम मैनुवल ही करना पड़ता है, आपको ट्रेडिंग करने के लिए कोई ट्रेडिंग एप नहीं प्रदान की जाती।
हालांकि इस तरह से शेयर खरीदने के कई फायदे है लेकिन डीएसपीपी में कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आपको प्रत्येक कंपनी को अलग-अलग संपर्क करना पड़ता है, जो काफी सिरदर्दी वाला काम है।
तो आप चाहे तो अपनी मनचाही कंपनी की पूरी जांच कर उसमे बिना ब्रोकर के भी निवेश कर सकते है।
अगर आप स्टॉक मार्केट में सुरक्षित तरह से निवेश करना चाहते है तो उसके लिए अभी हमे संपर्क करें। हम आपको एक सही स्टॉकब्रोकर चुनने में और उसके साथ डीमैट खाता खोलने में मदद प्रदान करेंगे।
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]]>तो अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाह रहे है उसके लिए यहाँ पर कुछ रणनीतियाँ दी गई है (investment strategies for stock market in hindi) जिससे आप स्टॉक मार्केट में निवेश कर एक अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
यह रणनीतियाँ और स्टॉक मार्केट की जानकारी Angel One के नॉलेज सेण्टर पर बहुत ही आसान भाषा में समझाई गई है।
तो चलिए अब इन वित्तीय जानकारी के अलावा स्टॉक मार्केट में निवेश की कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियों पर नज़र डालते है।
अगर आप शेयर मार्केट से करोड़पति बनाना चाहते है तो ज़रूरी है कुछ रणनीतियां बनाने और उसके लिए बहुत से ज़रूरी पहलू जैसे की एक निवेशक का:
एक सही रणनीति को चुनकर आप अपने रिटर्न को बढ़ा सकते है और अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकते है। आइये अब 3 महत्वपूर्ण निवेषिक रणनीतियो के बारे में एक-एक करके जानकारी प्राप्त करते है।
1. अपने लक्ष्य निर्धारित करें
एक कंपनी में निवेश कर एक अच्छा रिटर्न प्राप्त करना बहुत सी बाते जैसे कि आपने कितनी धनराशि के साथ निवेश किया है, कितने समय के लिए आपने निवेश किया है और आप हर वर्ष उससे कितना लाभ प्राप्त कर रहे है पर निर्भर करता है।
तो चाहे आप निवेश एक घर खरीदने के लिए कर रहे है या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ये सभी पैरामीटर आपकी पोर्टफोलियो बनाने में लाभदायक होते है और इसलिए पूरी सूझ-बूझ के साथ इनका चयन करना चाहिए।
2. स्टॉक मार्केट की जानकारी प्राप्त करना
एक शुरूआती निवेशक के लिए सबसे ज़रूरी है की वह निवेश करने से पहले स्टॉक मार्केट के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर ले।
इसके लिए आप एंजेल वन के Youtube चैनल को फॉलो कर सकते है। यहाँ पर आप स्टॉक मार्केट से जुड़ी न्यूज़, आईपीओ और मार्केट से जुड़े ज़रूरी पहलू को आसान भाषा में समझ सकते है।
3. निवेश में विविधता लाए
सही स्टॉक में निवेश करने के साथ ज़रूरी है कि आप अपने निवेश में विविधिता लाये। इससे आप आपने जोखिमों को कम अपने रिटर्न को बढ़ा सकते है।
अपने पोर्टफोलियो में विविधिता लाने के लिए आप Angel One के ARQ Prime 1 का उपयोग कर सकते है। ARQ Prime एक नियम आधारित विकल्प है जो एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर आपको टिप्स प्रदान करता है जिससे आप बिना भावनाओं को बीच में लाये निवेश कर मुनाफा कमा सकते है।
साथ ही Angel ARQ Prime आपके जोखिमों और ज़रूरतों का विश्लेषण कर स्मार्ट बीटा का उपयोग कर आपको ग्रोथ, वैल्यू और हाई मोमेंटम स्टॉक की सूची प्रदान करता है।
इस तरह के टूल का इस्तेमाल कर एक निवेशक अपने जोखिमों को कम कर अपने नुक्सान को सीमित करते हुए निवेषिक योजना बना सकता है।
निष्कर्ष
निवेश करने के लिए आज के समय में बहुत ही लाभदायक विकल्पों मौजूद है जिससे कोई भी निवेश करना शुरू कर सकता है, इसका सबसे बड़ा कारण है मार्केट में एडवांस और स्ट्रेटेजिक टूल्स का होना. इसके लिए सही समझ और जानकारी होना भी ज़रूरी है। तो अगर आप जानना चाहते है कि शेयर मार्केट कैसे सीखे तो एंजेल वन जो स्टॉक मार्केट की शिक्षा के साथ बहुत से अन्य विकल्प प्रदान करता है, उसके साथ जुड़ सकते है। अभी वेबसाइट पर जाए और निवेश शुरू करें।
Disclaimer
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म में अपना विवरण भरे और हम आपका निःशुल्क डीमैट खाता खोलने में मदद प्रदान करेंगे:
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]]>अब हम पिछले एक साल का डाटा देखे तो काफी आईपीओ मार्केट में आये और उनमे से ज़्यादातर आईपीओ ने निवेशको को अच्छा फायदा प्रदान किया, लेकिन ये स्मार्ट निवेशक वही है जो कंपनी की भलीभांति परख करके ही उसमे निवेश करें।
अब ये प्रश्न आता है की आईपीओ निवेशकों को ज़्यादा आकर्षित क्यों लगते है? इसका सबसे मुख्य कारण है कि वह निवेशकों को कम दामों में इक्विटी शेयर में निवेश करने का मौका प्रदान करते है जो उन्हें आगे चलकर एक अच्छा रिटर्न प्रदान करने के योग्य होते है।
लेकिन क्या आप जानते है की आईपीओ में कमाया हुआ सारा पैसा कंपनी की मैनेजमेंट के पास जाता है और कंपनी की ग्रोथ इस बात पर सबसे ज़्यादा निर्भर करती है कि कंपनी की मैनेजमेंट टीम उन पैसो का किस तरह से उपयोग कर रही है।
तो एक सही आईपीओ में निवेश के लिए यहाँ पर कुछ टिप्स दिए गए है जिससे आप एक सही निर्णय ले सकते है:
आईपीओ में निवेश करने से पहले कंपनी की जानकारी जैसे की इशू साइज, लोट साइज और इक्विटी प्रतिशत जो आईपीओ के ज़रिये कंपनी सेकेंडरी मार्केट में लिस्ट करने जा रही है कि पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
ये सभी डिटेल्स आप कंपनी के प्रॉस्पेक्टस से देख सकते है।
कंपनी के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस को पढ़ने के बाद एक निवेशक को ये जानकारी प्राप्त करनी चाहिए कि वह कंपनी किस तरह से आईपीओ से आये हुए फण्ड का उपयोग करने वाली है।
कंपनी का प्रॉस्पेक्टस पढ़ने के बाद आप ये पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
अब हो सकता है कि कोई जानी मानी कंपनी आईपीओ लेकर आ रही हो लेकिन उसमे निवेश करने से पहले ज़रूरी है कि आप उस कंपनी में लॉच होने वाले प्रति शेयर की कीमत की जानकारी प्राप्त करें।
इसकी पूरी गणना करने के लिए ये जाने की कंपनी के प्रमोटर्स किस तरह से आईपीओ फण्ड का इस्तेमाल करने वाले है। इसकी बेहतर जानकारी के लिए आप Angel One के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते है।
एंजेल वन आपको आईपीओ से जुड़ी पूरी जानकारी बहुत ही आसान भाषा में प्रदान करता है जिससे एक शुरूआती निवेशक आईपीओ कंपनी की बारीकियों की जान कर उसमे निवेश करने का निर्णय ले सकता है।
हो सकता है कि कंपनी ने पिछले कुछ समय में एक अच्छा प्रदर्शन किया हो लेकिन इससे ये अनुमान लगाना मुश्किल है कि कंपनी आगे भी इसी तरह की ग्रोथ फेज में रहेंगी।
यहाँ पर एक शुरूआती निवेशक Angel One के नॉलेज सेण्टर में इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है और उन सब पहलूओं की जानकारी ले सकता है जो एक कंपनी की ग्रोथ के लिए ज़रूरी है।
निष्कर्ष
आईपीओ के फायदे आपको किसी भी नए आईपीओ एक निवेशक को अपनी और आकर्षित करता है लेकिन एक निवेश करने से पहले ज़रूरी है की आप उस आईपीओ निवेश से जुड़े जोखिमों को अच्छे से समझ सके।
बेहतर निर्णय के लिए आप Angel One website पर जाकर आईपीओ और उससे जुड़े सभी जानकारी ले सकते है और उसके आधार पर किसी भी तरह का निवेषिक निर्णय ले सकते है।
डिस्क्लेमर
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए अभी संपर्क करें और हमारी टीम आपको एक स्टॉकब्रोकर को चुनने में और डीमैट खाता ऑनलाइन खोलने में मदद प्रदान करेंगी।
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]]>ज़्यादातर निवेशक इन दोनों इन्वेस्टमेंट ऑप्शन को एक सामान ही देखते है किन्तु जब हम इन्हे ध्यान से और गहराई से देख ते हैंतब इनमें बहुत सारे फर्क निकल कर हमारे सामने आते हैं।
एंजेल वन ने अपनी वेबसाइट पर नॉलेज सेण्टर के द्वारा आपको एजुकेशनल कंटेंट प्रदान करता है जिससे आप इसके अंतर और निवेश करने के अलग-अलग पहलूओं को अच्छे से समझ पाए और उसके अनुसार अलग-अलग तरह से फाइनेंसियल मार्केट में निवेश करने की योजना बना पाए।
चलिए यहाँ पर हम म्यूच्यूअल फण्ड और एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड के बारे में जानकारी प्राप्त करते है:
यह एक प्रोफेशनली तौर पर मैनेज्ड इंवेस्टमेंट स्कीम है जिसमें निवेशकों के द्वारा अपने पैसे जमा किये जाते हैं और फिर उन पैसों को अलग-अलग प्रकार की होल्डिंग्स में लगाया जाता है।
म्यूच्यूअल फंड्स स्टॉक और डेब्ट इंस्टूमेंट्स से लेकर बांड्स तक में इन्वेस्ट करता है। हर म्यूच्यूअल फंड् की अपनी एक नेट एसेट वैल्यू होती है जो उस पूरी इन्वेस्टमेंट की टोटल वैल्यू और निवेशकों की गणना कर उसका भाग करके निकली जाती है।
यह फंड्स मार्केट इंडेक्स की सहायता से ही मैनेज होते है और उसी के मुताबिक चलते हैं। साधरणतः ETFs के स्टॉक अपने इंडेक्स पर ही बेस्ड होते हैं। इन्हे मैनेज करने के लिए कोई फण्ड मैनजेर नहीं होता है इन्हे सिर्फ इंडेक्स की परफॉर्मेंस के आधार पर ट्रैक किया जाता है।
यह फंड स्टॉक एक्सचेंज में सक्रिय रूप से ट्रेड करते हैं और ट्रेडिंग सेशन के दौरान ही इन्हे खरीदा और बेचा जा सकता है।
एक्सचेंज ट्रेड फंड्स को म्यूच्यूअल फंड्स से आगे क्यों रखा जाता है उसे समझने के लिए हम नीचे लिखे गए कारणों को जानेंगे।
आसान तरलता:- यह निवेशकों को ETFs में अपनी सुविधा के मुताबिक निवेश करने की आज़ादी देता है। ETFs के मार्केट प्राइस रियल टाइम होते हैं और यह इक्विटी शेयर्स की तरह ही ऑपरेट होते हैं। जबकि इसके विपरीत निवेशक एक बार जिस फण्ड हाउस से अनुरोध करता है म्यूच्यूअल फंड्स सिर्फ उसी से बेचे और खरीदे जा सकते हैं। नेट एसेट वैल्यू (NAV) का इस्तेमाल म्यूच्यूअल फण्ड के अमाउंट में एक यूनिट के मूल्य का पता लगाने के लिए किया जाता है।
कम एक्सपेंस रेश्यो:- जैसा कि हमे पता है कि ETFs सिर्फ इंडेक्स के मुताबिक प्रदर्शन करते हैं , इसलिए इसे मैनेज करने की ज्यादा जरूरत नहीं होती है। बिना एक्टिव मैनेजर का मतलब है कि ETFs के निवेश से संबधित खर्च बहुत कम होगा।
इससे विपरीत म्यूच्यूअल फंड्स में फण्ड मैनेजर की सर्विसेज़ प्राप्त की जाती है जो निवेशक की जगह पर निवेश से संबधित फैसले लेता है। इन सर्विसेज़ का नतीजा होता है कि म्यूच्यूअल फंड्स से संबधित खर्च बढ़ जाता है।
छोटा लॉक इन पीरियड :- जो ETFs में इन्वेस्ट करना चुनते हैं उनके पास समय संबधित कोई बंदिश नहीं होती है, वह जब चाहे अपनी मर्जी के मुताबिक अपनी होल्डिंग बेच सकते हैं। इसके विपरीत म्यूच्यूअल फंड्स 9 दिन से लेकर 3 साल तक का कम से कम होल्डिंग पीरियड रहता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ने म्यूच्यूअल फंड्स की कौन सी स्कीम में निवेश किया है। इस समय के दौरान निवेशक अपनी होल्डिंग्स को बेच नहीं सकते हैं।
संक्षेप में यह है कि एक्सचेंज ट्रेड फंड्स में निवेश इसके मिलने वाले फायदों के कारण एक सही निवेश है जबकि म्यूच्यूअल फंड्स में यह सब नहीं है। क्योंकि इन्हे जब चाहे खरीदा और बेचा जा सकता है तो निवेशक सही समय पर निवेश करने का फैसला ले सकते हैं। दूसरा वह अपने पोर्टफोलियो में विवधिकरण और रिस्क मैनजेमेंट कर सकते हैं।
उन्होंने इसके खर्चे को कम करके इसे निवेशकों के लिए और पॉकेट फ्रेंडली बना दिया है। यह निवशकों को किसी विशेष समय सीमा में बंधने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। अगर आप भी अपनी इन्वेस्टमेंट की यात्रा की शुरुआत करना चाहते हैं तो आप एंजेल वन की वेबसाइट पर जाकर ऐसा कर सकते हैं और ETFs के बारे में और जानकारी ले सकते हैं साथ ही निवेश की और रणनीतियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर :-
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