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]]>यह अनिवासी भारतीयों के लिए अब तक की अच्छी खबर रही है। उनमें से कई ने तो अपने देश में मार्केट की अच्छी अर्थव्यवस्था का आनंद लेते हुए जबरदस्त मुनाफा भी कमाया है।
हालांकि, कई एनआरआई (अनिवासी भारतीय) अभी भी भारत में होने वाली एनआरआई ट्रेडिंग के बारे में भ्रमित हैं। और साथ ही कई तो उन एनआरआई ट्रेडिंग प्रतिबंधों के बारे में स्पष्ट तरीक़े से जानते भी नहीं जो अभी भी लगे हुए हैं।
इसलिए आज हम एनआरआई ट्रेडिंग, एनआरआई डीमैट अकाउंट और एनआरआई ट्रेडिंग प्रतिबंधों पर चर्चा करेंगे जो प्रत्येक एनआरआई को ध्यान में रखने चाहिए।
आरबीआई ने कुछ क्षेत्रों में एनआरआई को भारत में ट्रेड करने की अनुमति दी हुई है। इन क्षेत्रों में निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं:
PIS के माध्यम से एनआरआई ट्रेडिंग: PIS के माध्यम से एनआरआई ट्रेडिंग करने के लिए एक एनआरआई को भारत में पोर्टफोलियो निवेश योजना खाता खोलने की आवश्यकता होती है।
इस खाते को वह एनआरआई अपने एनआरई या एनआरओ बचत खाते के साथ भी जोड़ सकता है।
इसमें उस एनआरआई को अपने द्वारा किए जाने वाले हर ट्रेड के बारे में पीआईएस को सूचित करना पड़ता है।
यदि वह एनआरआई भारत के बाहर अपने फ़ंडस को शिफ़्ट करना चाहता है तो वह आरबीआई से अनुमति लेकर ऐसा कर सकता है। लेकिन यह प्रणाली थोड़ी जटिल है और इसमें एनआरआई ट्रेडिंग प्रतिबंध भी अधिक है।
PIS के बिना एनआरआई ट्रेडिंग: पीआईएस के बिना एनआरआई ट्रेडिंग एक प्रमुख भारतीय बैंक के साथ एनआरओ बैंक खाता खोलकर पूरा कि जा सकती है।
एनआरओ बैंक खाते में, फ़ंडस को गैर-प्रत्यावर्तनीय आधार पर रखा जाता है। जिसका मतलब यह होता है कि वह एनआरआई उस फंड को भारत से बाहर कही भी स्थानांतरित नहीं कर सकता हैं।
इसलिए इस विधि में पीआईएस खाते की कोई आवश्यकता नहीं होती है। जिसके कारण यहा सारा लेनदेन तेज़ी से होता है, और साथ ही हर क़दम पर होने वाले प्रत्येक लेनदेन के बारे में भी आरबीआई को सूचित करना आवश्यक नही होता।
तो चलिए अब जल्दी से इन प्रतिबंधो और उसे सम्बंधित प्रावधानों पर एक नज़र डालते है।
भारत का कोई भी व्यक्ति जो अब भारत में नही रहता उसे एनआरआई कहते है। उसके पास भारत के निवासी के रूप में योगता प्राप्त करने के लिए निम्मलिखित में से एक चीज़ अवश्य होनी चाहिए:
वह व्यक्ति उस विशेष वर्ष में भारत में कम से कम 182 दिनो के लिए उपलब्ध हो।
या
वह व्यक्ति भारत में पहले से ही पिछले 4 वर्षों में 365 दिनो तक उपलब्ध था और अब इस विशेस वर्ष में भी वह 60 दिनो के लिए यही है।
एनआरआई होने के कारण, उस व्यक्ति को इन मानदंडों को अयोग्य घोषित करने की आवश्यकता होगी।
अब हम यहा कुछ अलग अलग तरह के एनआरआई ट्रेडिंग पर लगने वाले प्रतिबंध के बारे में बता रहे है जो एक एनआरआई पर ट्रेडिंग करते समय लगाए जाते है। वो प्रतिबंध निम्नलिखित है:
यदि कोई एनआरआई किसी भारतीय सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग कर रहा होता है, तो वह उस कंपनी की कुल होल्डिंग का 10% से अधिक अपने पास नहीं रख सकता।
लेकिन यदि वह कंपनी कोई सार्वजनिक बैंक है, तो उसके शेयरों में उसका अधिकतम स्वीकार्य हिस्सा 20% हो जाता है।
एक भारतीय कंपनी में एनआरआई की होल्डिंग प्रतिशत को विशेष परिस्थितियों में 24% तक बढ़ाया जा सकता है।
लेकिन ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताने के लिए उस कंपनी के प्रमुख अधिशासी निकाय (जेनरल एग्जीक्यूटिव बॉडी) को एक प्रस्ताव पारित करना पड़ता है।
एनआरआईस को सभी प्रकार के शेयरों में ट्रेडिंग करने की अनुमति नही होती। वे केवल गैर-डिलीवरी के आधार पर शेयरों को ट्रेड कर सकते हैं।
इसका मतलब है कि उन्हें दिन में ट्रेडिंग करने की अनुमति नहीं होती, और उन्हें शॉर्ट सेलिंग से भी वंचित रखा जाता है।
अगर कोई एनआरआई किसी स्टॉक को खरीदता है, तो वह उसे दो दिनों की न्यूनतम अवधि के बाद ही बेच सकता है, उससे पहले उसे इसे बेचने की अनुमत्ति नही है।
यदि कोई एनआरआई पीआईएस खाते के माध्यम से ट्रेडिंग कर रहा है, तो उसे प्रत्यावर्तनीय शेयरों के लिए और गैर-प्रत्यावर्तनीय शेयरों के लिए एक अलग-अलग पीआईएस खाते रखने की अनुमति है।
यदि कोई एनआरआई भारतीय निवासी में बदल जाता है, तो उसके लिए इस बात को बैंकों को सूचित करना और अपने केवाईसी को अपडेट करवाना अनिवार्य होता है।
एक एनआरआई अपनी पावर ऑफ अटॉर्नी किसी भारत के निवासी को प्रदान कर सकता है। वह ऐसा इसलिए करता है ताकि वो भारतीय निवासी उस एनआरआई की ओर से उसकी संपत्ति को व्यस्थित तरीक़े से रख सके।
पावर ऑफ अटॉर्नी को बनाते समय, एक एनआरआई को कई विकल्पों की अनुमति दी जाती है। जैसे उसके पास किसी भी व्यक्ति को अपनी सभी संपत्तियों की पावर ऑफ अटॉर्नी सौंपने का विकल्प है।
या वह अपनी संपत्ति के किसी एक विशेष वर्ग की भी पावर अटॉर्नी को भी सौंप सकता है।
उदाहरण के लिए, एक एनआरआई अपनी संपत्ति को व्यस्थित करने के लिए एक व्यक्ति को अपनी पावर ऑफ अटॉर्नी दे देता है। लेकिन वह व्यक्ति उस एनआरआई के बैंक खातों तक नहीं पहुंच सकता।
हालांकि, यदि वह एनआरआई उस व्यक्ति को कोई प्रमुख पावर ऑफ अटॉर्नी देता है, तो वह व्यक्ति उस एनआरआई की सभी संपत्तियों को व्यस्थित करने के साथ साथ उसके बैंक खाते भी शामिल है।
एनआरआईस अक्सर टैक्सेशन के विषय पर अस्पष्ट रहते हैं। एनआरआईस आमतौर पर यह पूछते हैं कि क्या उनको दो बार टैक्स देना होंग, जैसे एक भारत में और दूसराउनके अपने निवास देश में।
ख़ैर, यह उनके निवास देश पर निर्भर करता है। और भारतीय भाग के लिए टैक्स उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले साधनो पर होता है।
हालाँकि, भारत ने कई देशों के साथ टैक्सेशन पर समझोते किये हुए है जिससे दो बार टैक्स देने से बचा जा सकता है। और इस स्तिथि में अनिवासी भारतीयों को केवल भारत में ही टैक्स का भुगतान करना होता है।
इसलिए आपको पहले से ही इसकी जाँच करनी होगी की जिस देश में आप रहते है वह देश इस श्रेणी में आता है या नही।
एक एनआरआई को अपने उस बैंक खाते में मिनिमम अकाउंट बैलेन्स रखने की आवश्यकता होती है, जो उसने अपने ट्रेडिंग खाते के साथ जोड़ा होता है।
जबकि भारतीय निवासियों को भी अपने खातों में मिनिमम अकाउंट बैलेन्स रखना आवश्यकता होता है, लेकिन अनिवासी भारतीयों के मामले में इसकी आवश्यकता काफी अधिक होती है।
और सभी बैंको में अलग अलग मिनिमम अकाउंट बैलेन्स रखना आवश्यक होता है।
इसलिए यदि आप एक एनआरआई हो तो आपका जिस बैंक में आपका खाता है उसकी सीमा क्या है उसे आप स्वयं ही जाँच कर सकते है।
इसमें ओसीबी का मतलब ओवरसीज कॉर्पोरेट बॉडी है। ओसीबी कोई कम्पनी या अन्य प्रकार की कॉर्पोरेट बॉडी होती है जहाँ किसी भी एनआरआई के लिए उसकी कुल होल्डिंग में कम से कम 60% तक हिस्सा होता है। जिसे वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने पास रख सकते हैं।
जहाँ पहले ओसीबी को भारतीय मार्केट में ट्रेड करने की अनुमति थी लेकिन अब उन्हें ऐसा करने की अनुमति नही है।
हालांकि, जिन ओसीबी ने पीआईएस के माध्यम से भारतीय मार्केट में पहले से ही निवेश किया हुआ था वो उनको अभी भी शेयर रखने की अनुमति है।
वह तब तक अपने पास उन शेयरों को रख सकते है जब तक वो मार्केट में बिक ना जाए।
एनआरआईस को भारत में करन्सी डेरिवेटिव्स में ट्रेड करने की अनुमति नही है। केवल भारत के निवासी ही इस क्षेत्र में ट्रेड कर सकते हैं।
इसलिए एक भारतीय निवासी के रूप में योग्यता प्राप्त करने के लिए आपको क्या करना होगा, यह जाने के लिए # 1 प्रतिबंध को देखे।
डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग करने के लिए एनआरआई पर प्रतिबंध लगने के कई कारण है जैसे इस ट्रेडिंग क्षेत्र की अस्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय निर्भरता, और एनएसई और बीएसई जैसे नियामक संस्थाओ के बहुत सारे कठिन नियम है।
एक्सचेंज ट्रेडेड डिरिवटिव अनुबंधो के लिए एक एनआरआई पर लागू होने वाली कई सीमाएं होती हैं। जो निम्मलिखित है: जैसे
सूचकांक आधारित अनुबंध: जिसमे आप एक साथ 15% या उसे भी अधिक डिरिवटिव अनुबंधो को ओपन इंट्रेस्ट के साथ अंतर्निहित सूचकांक पर रख सकते है।
स्टॉक विकल्प और सिंगल स्टॉक फ़्यूचर अनुबंध- इसमें प्रत्येक विशिष्ट ग्राहक की सुरक्षा के लिए सभी डिरिवटिव अनुबंधों में ओपन पोजीशन निम्मलिखित से अधिक नहीं होनी चाहिए:
फ़्री-फ़्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन का 1% (शेयरों की संख्या के आधार पर)
या
सभी डिरिवटिव अनुबंधो में अंतर्निहित स्टॉक का 5% ओपन इंट्रेस्ट रखना (शेयरों की संख्या के आधार पर)
हमें उम्मीद करते है, कि आप एक एनआरआई के नाते , इन एनआरआई ट्रेडिंग प्रतिबंधों को हमेशा ध्यान में रखेंगे। ये सभी प्रतिबंध एनआरआई पर उनके निवास देश की परवाह किए बिना लागू होते हैं।
इस मामले में अगर आपके पास कोई और अन्य प्रश्न भी है तो , हम हमेशा आपकी मदद के लिए मौजूद हैं।
इस तरह यदि आपको एनआरआई डीमैट खाता खोलने में सहायता की आवश्यकता है या सामान्य रूप से निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो आगे के क़दम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते है:
आप नीचे दिए फॉर्म में अपनी बुनियादी विवरण दर्ज करे और आपको शीघ्र ही एक कॉलबैक प्राप्त होगी।
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]]>The post NRI ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए दस्तावेज appeared first on अ डिजिटल ब्लॉगर.
]]>हालांकि एनआरआई डीमैट खाता खोलना पहले की तुलना में अब काफ़ी आसान हो गया है, लेकिन फिर भी कुछ ऐसी निश्चित आवश्यकताएं हैं जिन्हें पूरा करना आवश्यक होता है।
एक बार जब आपके पास ये सारे दस्तावेज़ जमा हो जाते हैं, तो आपका एनआरआई ट्रेडिंग खाता भी खुल जाएगा और जिसके लिए इन दस्तावेज़ो के अलावा और कुछ नहीं चाहिए होगा।
NRI ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए निम्नलिखित कुछ ऐसे दस्तावेज़ो की सूची है जिनकी आपको भारत में ट्रेडिंग खाता खोलने के समय आवश्यकता होगी।
आपको इन दस्तावेज़ो की आवश्यकता ज़्यादातर फ़ोटोकॉपी के रूप में होती है। और उन फोटोकोपीस की प्रतियाँ कितनी होनी चाहिए यह उस संस्था के पर निर्भर करता है जिसमें आप अपना खाता खुलवा रहे है।
ये भी हो सकता है की वहाँ का कोई कार्यकारी आपसे आपके मूल दस्तावेज़ो को दिखाने की भी माँग कर सकता है अगर उसे आपके मामले में कुछ भिन्नता लगी या फिर उसे किसी दस्तावेज़ का सत्यापन करने की आवश्यकता लगे। चलिए अब इन विभिन्न दस्तावेज़ो पर एक नज़र डालते है:-
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप एनआरआई डीमैट खाता चेकलिस्ट पर इसकी विस्तृत समीक्षा जांच कर सकते हैं।
इसमें आपके द्वारा जमा करवाए जाने वाले सभी दस्तावेजों को अटेस्टमेंट करने की आवश्यकता होती है। लेकिन सबसे पहले आपको उन दस्तावेजों को सेल्फ अटेस्ट करना होता।
सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी ए4 साइज की शीट पर होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, जमा करवाए जाने वाले सभी दस्तावेजों को किसी अधिकृत व्यक्ति से भी अनुप्रमाणन करवाना पड़ता है। वह व्यक्ति किसी भारतीय एजेंसी का वाणिज्य दूतावास, न्यायालय मजिस्ट्रेट, न्यायाधीश या कोई स्थानीय बैंकर हो सकता है।
हम यह बात सिर्फ़ एनआरआई ट्रेडिंग खाता खोलने के समय जमा करवाने वाले दस्तावेजो के बारे में नहीं कर रहे है, आपको उन्हें ठीक से निष्पादित करने की भी आवश्यकता होती है।
शुरुआत में एक एनआरआई ही ख़ुद ही अपने दस्तावेजों को निष्पादित कर सकता है।और अन्य कोई भी व्यक्ति उन्हें निष्पादित नही कर सकता भले ही उसके पास उस एनआरआई की पावर ओफ़ अटर्नी भी हो। इसके अलावा उस एनआरआई व्यक्ति की वैयक्तिक रूप से जांच पड़ताल की भी आवश्यकता होती है।
क्यूँकि सिर्फ़ एनआरआई ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए जमा किए जाने वाले दस्तावेजो से खाता खोलने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।
ऊपर बताए हुए दस्तावेजों के अलावा, एक एनआरआई को ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर माँगी जाने वाली कुछ घोषणाएं को भी प्रस्तुत करने की आवश्यकता पड़ सकती है। जैसे
उदाहरण के लिए, उन्हें अक्सर एक घोषणा पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है जिसमें ये लिखा होता है, कि वे फ़ईमए के नियमों को समझते हैं और उनका अनुपालन भी करते हैं, और वे भविष्य में भी उनका अनुपालन करते रहेंगे।
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप एनआरआई डीमैट खाता के लिए नियमों पर इसकी विस्तृत समीक्षा जाँच करें सकते है।
निष्कर्ष
एनआरओ ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए बहुत अधिक दस्तावेजो की आवकश्यता नहीं होती और यह खाता खोलने की प्रक्रिया भी बहुत सीधी है। चूँकि आरबीआई ने एनआरआईस को भारत में प्रतिभूति निवेश की सुविधा प्रदान की है, जिसका एनआरआईस पूरा उपयोग करते है।
यदि आपके पास एनआरआई ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए दस्तावेजों के संबंध में कोई भी प्रश्न हैं, तो हमें आपकी सहायता करने में 24 × 7 प्रसन्नता होगी ।
इसके अलावा, यदि आप स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए एक एनआरआई खाता खोलना चाहते हैं, तो आगे के कदम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते है। जिसके लिए बस अपना कुछ बुनियादी विवरण यहा भरें:
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]]>The post NSE एनआरआई ट्रेडिंग appeared first on अ डिजिटल ब्लॉगर.
]]>हालांकि, उनमें से ज्यादातर को ये नही पता होता की इस दिशा में आगे कैसे बढ़ना है।
लेकिन जब आप या कोई भी व्यक्ति सिक्योरिटीज या इक्विटी में ट्रेडिंग के बारे में बात कर रहा हैं, तो आप सबको मार्केट में क्या करना है और क्या नही दोनो के बारे में पता होना चाहिए। इस जानकारी के बिना, आपका सुरक्षित निवेश भी जोखिम भरा हो सकता है।
यही कारण है कि अब हम आपके साथ इस विस्तृत गाइड में NSE एनआरआई ट्रेडिंग के सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। जिससे आपको पता चल जाएगा कि आपको कैसे शुरू करना है और इसमें कैसे छोटी-छोटी और बहुत जटिल पेचीदगियों का ख्याल रखना है।
आइए NSE एनआरआई ट्रेडिंग पर चर्चा शुरू करने और एनआरआई डीमैट खाता खोलने से पहले, हम ये समझते हैं कि एनआरआई के रूप में किसे वर्गीकृत किया गया है और क्या वो NSE एनआरआई ट्रेडिंग के योग्य है भी:
एक प्रवासी भारतीय (NRI) ऐसा व्यक्ति होता है जो भारत का नागरिक तो है लेकिन दूसरे देश में रहता है, और यदि वह भारत का नागरिक नहीं भी है, तो भी भारतीय मूल का व्यक्ति तो है।
किसी व्यक्ति की योग्यता की वो NRI है या नही, FEMA द्वारा निर्धारित नियमों के आधार पर की जाती है। यदि आपको यह संदेह है कि आप NRI के रूप में वर्गीकृत करते हैं या नहीं, तो आप उनके नियमों की जांच कर सकते हैं।
लेकिन आपको यह भी ध्यान रखना ज़रूरी होता है कि भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति NSE एनआरआई ट्रेडिंग के लिए योग्य होता है। जब किसी व्यक्ति को भारतीय मूल की योग्यता प्राप्त करने होती है तो उसे निम्न मानदंडों में से किसी एक को पूरा करना आवश्यक होता है: जैसे
जब आप एक एनआरआई होते हैं, तब आपको विविध प्रकार के क्षेत्रों में निवेश करने की बहुत अधिक स्वतंत्रता दी जाती है।
शुरुआत करने के लिए, एक एनआरआई एनएसई एनआरआई ट्रेडिंग के माध्यम से किसी भी ऐसी कंपनी के परिवर्तनीय डिबेंचर या शेयर को खरीद सकता हैं, जो भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के माध्यम से सूचीबद्ध होती है।
यदि आप पोर्टफोलियो निवेश योजना (पोर्टफ़ोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम) के तहत खरीदना चाहते है, तो आप अपने फ़ंडस के प्रत्यावर्तन या गैर-प्रत्यावर्तनीय फ़ंडस के आधार के बीच मोड का चयन कर सकते हैं।
इसके अलावा, इसमें निवेश करने के लिए आप केवल कंपनीयो के शेयरों तक ही सीमित नहीं होते है, क्योंकि इसमें निवेश करने के लिए कई अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं। जिसमें
इसके अलावा, कोई भी एनआरआई एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में भी निवेश कर सकता हैं।
एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड बहुत सी प्रतिभूतियों का एक समहु होता है, जो लगातार अंतर्निहित संपत्तियो को ट्रैक करता रहता है। (उदाहरण के लिए, स्टॉक)
इनमे ईटीएफस के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि, वे प्रत्यावर्तन के साथ-साथ गैर-प्रत्यावर्तन आधार पर ट्रेड कर सकते हैं।
साथ ही,यह वास्तव में उस देश पर भी निर्भर करंता है जिस देश में आप रह रहे होते है. उदाहरण के लिए, यहा पर बहुत से स्टॉक बरोकेर्स है जो इक्विटी के अलावा एनआरआई को किसी अन्य निवेश उत्पादों की अनुमति नही देते है लेकिन इसके विपरीत कई ऐसे भी है जो आपको इक्विटी डिलीवरी में या केवल डेरिवटिवस में एनआरआई ट्रेडिंग करने की अनुमति दे देंगे।
भारत में एनएसई एनआरआई ट्रेडिंग करने का सबसे अच्छा तरीका पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम (PIS) है। यह एक ऐसी योजना है जो भारत में NSE एनआरआई ट्रेडिंग की सुविधा के लिए आरबीआई द्वारा बनाई गई थी।
हालाँकि, आप बिना पीआईएस (PIS) के भी एनआरआई ट्रेडिंग कर सकते हैं।
इस स्कीम के तहत, एक एनआरआई को PIS के लिए आरबीआई द्वारा अनुमोदित किसी भी बैंक की शाखा में अपना पीआईएस खाता खोलना होता है, पीआईएस खाते दो प्रकार का हो सकते है :
NRE खाता: NRE नॉन-रेजिडेंशियल एक्सटर्नल अकाउंट का संक्षिप्त नाम है। इन खातों के फ़ंडस उस देश के NRE निवासयो के लिए पूरी तरह से प्रत्यावर्तनीय होते है। इसके अलावा, इस प्रकार के खातो में ब्याज पर किसी भी तरह टैक्स की कटौती नहीं होती है।
इसके बारे में ओर अधिक जानकारी के लिए, आप NRE शेयर ट्रेडिंग टैक्स पर इस विस्तृत समीक्षा की जांच कर सकते हैं।
NRO खाता: NRO गैर-निवासी साधारण खातों का संक्षिप्त नाम है। इन खातो के फ़ंडस को गैर-प्रत्यावर्तनीय आधार पर आयोजित किया जाता है। लेकिन अगर कोई एनआरआई अपने फ़ंडस को किसी विदेशी बैंक के खाते में शिफ्ट करना चाहता है, तो उसे ये करने से पहले आरबीआई की अनुमति लेनी होगी।
ओवरसीज कॉरपोरेट बॉडी (जिसे OCB भी कहा जाता है) कोई भी ऐसे कंपनी या एजेंसी होती है, जहाँ कम से कम साठ प्रतिशत ओनरशिप प्रवासी भारतीयों (NRI) का होता है।
साथ ही इनमें वे ट्रस्ट भी शामिल होते हैं जो विदेशों में स्थापित किए जाते हैं, जिसमें साठ प्रतिशत से अधिक ब्याज प्रवासी भारतीयों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संघटित किया जाता हैं।
2003 से पहले, ओवरसीज कॉरपोरेट बॉडीस को एनएसई एनआरआई ट्रेडिंग में भाग लेने की अनुमति थी। हालांकि, 16 सितंबर, 2003 से, इसे पूरी तरह से निषिद्ध कर दिया गया था। तब से एनएसई पर सूचीबद्ध किसी भी कंपनी में कोई भी ओवरसीज कॉरपोरेट बॉडी निवेश नहीं कर सकती।
हालांकि, इस तारीख से पहले जिन ओसीबी ने शेयर खरीद लिए थे वो अपना काम बस तब तक जारी रख सकते थे जब तक वो शेयर मार्केट में बिक नहीं जाते।
यहाँ कुछ ऐसे दस्तावेज बताए जा रहे हैं जो आपको भारत में एनएसई एनआरआई ट्रेडिंग करने के लिए जमा करने की आवश्यकता होगी:
जब भी आप किसी तरह के खाते के लिए पंजीकरण कर रहे होते हैं, तो आपको स्वयं ही अपने दस्तावेजो को निष्पादित करना होता है।
कोई एनआरआई किसी अन्य व्यक्ति को अपने दस्तावेजो के निष्पादन के लिए नहीं भेज सकता है, फिर भले ही उस व्यक्ति के पास उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी ही क्यों ना हो।
जब कोई एनआरआई स्वयं जाँच पड़ताल करवा रहा हो तो उसे उन्हें सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की फोटोकोपी जमा करवानी पड़ती है। लेकिन वो सभी कॉपीज़ अभिप्रमाणित होनी चाहिए।
और उनको अभिप्रमाणित करवाने के उद्देश्य से आप भारतीय दूतावास/कांसुलेट जनरल, नोटरी पब्लिक, कोर्ट, कोई स्थानीय बैंकर, जज या मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं।
जब भी आप एनएसई एनआरआई ट्रेडिंग कर रहे होते है, तब आपको कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है, जिससे आप यह सुनिश्चित कर सके की आप और आपके द्वारा किया गया निवेश सुरक्षित है।
इसमें आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप जिन प्रतिभूतियों में निवेश कर रहे हैं, वे आरबीआई की प्रतिबंध सूची में तो नहीं हैं, और यदि आप ऐसी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, तो उसके लिए आपसे जुर्माना वसूल किया जा सकता है।
इसमें आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जब आप खरीदारी कर रहे हों, तब आपके हाथ में पर्याप्त फ़ंडस हो।
इसमें आप अपने बिक्री के लिए किसी भी ऑर्डर को निष्पादित करने से पहले यह जाँच ले कि वो प्रतिभूतिया आपके खाते में उपलब्ध है भी या नही।
इसमें किसी भी प्रतिभूति के भुगतान को आपको डीमैट खाते में ही स्थानांतरित करना होता है। और आपको यह भी देखना होता है वो डीमैट खाता सही एनआरई या एनआरओ खाते से जुड़ा भी हुआ है या नही। आप इसमें दो अलग-अलग ट्रेडिंग खाते भी खोल सकते है – जैसे एनआरई और एनआरओ खाता।
इसमें जब भी आप कोई ख़रीदारी या बिक्री का लेन देन कैश सेगमेंट में करते है तब आपको यह पता होना चाहिए कि एक एनआरई इस तरह के लेनदेन को केवल डिलिवरी के आधार पर ही ख़त्म कर सकता है।
कोई भी एनआरआई एक्सचेंज के करेन्सी सेगमेंट में ट्रेड नही कर सकता। क्यूँकि वो सेगमेंट केवल भारत के निवासियों के लिए ही आरक्षित है।
अगर आप इन जानकारीयो को ध्यान में रखेंगे तो यह आपको सुनिश्चहित करेगी की आपके सभी एनएसई एनआरआई ट्रेडिंग लेनदेन सुरक्षित हैं।
इसके अलावा, आप उन सभी सावधानियों को भी ध्यान में रखे जो मैंने सूचीबद्ध की है तो आप अपने ट्रेडिंग कैरियर में सभी परेशनियो से बाहर रहेंगे।
एनएसई एनआरआई ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे साथ बने रहें। हैप्पी ट्रेडिंग!
यदि आप भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करना चाह रहे हैं, तो हम आपको आपके अगले कदम उठाने में पूरी सहजता से आपकी सहायता करेंगे।
जिसको शुरू करने के लिए बस अपना कुछ बुनियादी विवरण यहा भरे:
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]]>The post NRI डीमैट खाते के नियम appeared first on अ डिजिटल ब्लॉगर.
]]>इन नियमों को FEMA यानी (फ़ॉरेन एक्सचेंज मैनज्मन्ट ऐक्ट) विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम द्वारा नियमित आधार पर निर्धारित और संशोधित किया जाता है।
जहां तक एनआरआई (प्रवासी भारतीय) का सवाल है, तो इनके पास कई ऐसे तरीके हैं जिसे एक एनआरआई भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता हैं।
सबसे पहले, एक एनआरआई इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग या आईपीओ के माध्यम से प्राथमिक स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है।
लेकिन इसे वो प्रत्यावर्तनीय आधार पर ही कर सकते है क्योंकि जहां वो अपने NRE बैंक खाते में धन का उपयोग करके अपने NRE डीमैट खाते में शेयर को आईपीओ और शेयरों का आवंटन करने के बाद उसका स्वामित्व हासिल करते हैं।
*यहाँ NRE का अर्थ नॉन रेजिडेंशियल एक्सटर्नल है।
यह निवेश एक गैर-प्रत्यावर्तनीय आधार पर भी किया जा सकता है। हालांकि, उस स्थिति में, NRO बैंक और NRO डीमैट खातों का उपयोग किया जाना चाहिए।
*यहाँ NRO का मतलब नॉन-रेजिडेंशियल ऑर्डिनरी है।
दूसरी बात यह है कि यदि आप भारत में रहने के दौरान ही डीमैट खाता रखने वाले व्यक्ति हैं और हाल ही के दिनों में किसी विदेशी देश में चले गए हैं और वहाँ एनआरआई का दर्जा प्राप्त कर चुके है, तो आपको अपने डीमैट खाते को NRO की श्रेणी में बदलने की आवश्यकता है।
जो की आप उसी विदेशी देश से कर सकते है जिसके लिए भारत में आपकी भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता भी नहीं होती है।
इसके बाद आप चाहे किसी भी कार्यप्रणाली को चुने लेकिन आपके पास पहले से जिस भी ग्राहक के शेयरो का स्वामित्व है उन्हें आपको अपने एनआरओ होल्डिंग खाते में स्थानांतरित करना ही पड़ेगा।
आइये अब, एनआरआई डीमैट खाते के कुछ नियमों के बारे में चर्चा करते है।
निष्कर्ष
NRI डीमैट खाता के लिए कई नियमो और अधिनियम है, जिसका कारण यह है की इसमें दो अलग अलग अर्थव्यवस्थाएँ शामिल होती है। इसके अलावा कुछ ओर टैक्स रेगुलेशन और आवश्यकताएँ भी है जिसका ध्यान रखना आवश्यक होता है।
ज्यादातर समय, आपको सिर्फ़ एक ही बार टैक्स का भुगतान करना होता है।
लेकिन, आप जिस देश में रहते है और उसका टैक्स स्लैब प्रतिशत भारत में वसूले जाने वाले टैक्स से ज़्यादा है, तो आपको भारत में टैक्स भुगतान करने के बाद विदेशी सरकारी को केवल बचे हुए टैक्स का ही भुगतान करना होगा।
उपरोक्त, एनआरआई डीमैट खातों के नियमो की चर्चा की गयी है, तो इसमें हम आपको यह भी बता दे की कई बार नियमों में बदलाव भी किए जाते है जो पॉलिसी परिवर्तन के आधार पर या फिर सरकार की कोई विशिष्ट शर्त जिसको को विनियमित करने में सक्षम हो उसके आधार पर होते है और जिसको पहले NRI ट्रेडर को करने की अनुमति नही थी।
हम इस ब्लॉग पर इन नियमों को समयबद्ध तरीके से अपडेट करते रहते हैं ताकि आपको सभी विषयो पर नई और सबसे अप्डेटेड जानकारी मिलती रहे।
यदि, आप NRI डीमैट खाते के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता है, या अपने लिए ही एनआरआई डीमैट खाता खोलना चाहता हैं, तो इसके लिए आगे के कदम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते है।
उसके लिए बस आप यहा अपना कुछ बेसिक विवरण दर्ज करे जिसके बाद आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जायगी।
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