PMS – अ डिजिटल ब्लॉगर https://hindi.adigitalblogger.com स्टॉक ब्रोकर के विश्लेषण और अंतर Wed, 22 May 2024 11:27:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=4.9.9 https://hindi.adigitalblogger.com/wp-content/uploads/2017/12/Favocon.png PMS – अ डिजिटल ब्लॉगर https://hindi.adigitalblogger.com 32 32 जेएम फाइनेंशियल पोर्टफोलियो प्रबंधन https://hindi.adigitalblogger.com/jm-financial-pms-hindi/ https://hindi.adigitalblogger.com/jm-financial-pms-hindi/#respond Fri, 24 Jun 2022 06:35:24 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=72037 जेएम फाइनेंशियल पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा कैपिटल मार्केट और रीसर्च क्षमताओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए लोकप्रिय है। अपने ग्राहकों के लिए…

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जेएम फाइनेंशियल पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा कैपिटल मार्केट और रीसर्च क्षमताओं में अपनी विशेषज्ञता के लिए लोकप्रिय है। अपने ग्राहकों के लिए विशिष्ट रूप से निर्मित पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं को डिजाइन करने का गुण कंपनी को प्रसिद्ध बनाता है।

आइए अब यह जानते है,  कि इस कम्पनी का  प्रदर्शन या रिटर्न, मूल्य निर्धारण और समस्त प्रस्ताव  इसकी पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं का फ़ायदा उठाने के लिए आपके समझ में आता है या नहीं।

इसके अलावा, आप पीएमएस इनवेस्टमेंट रिस्क के बारे में भी पढ़ें।

अब देखिए, जैसा कि नाम से पता चलता रहा है,  कि जेएम फाइनेंशियल व्यक्तियों को फाइनेंशियल (वित्तीय) सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है,  और वही दूसरी ओर यह फर्म पूरे देश में  सभी को वित्तीय रूप से आकर्षित  कर रही हैं।


जेएम फाइनेंशियल पोर्टफोलियो प्रबंधन की समीक्षा 

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस सर्विसेज लिमिटेड कंपनी ने वर्ष 1998 में सिक्युरटीज़ एक्सचेंज बोर्ड ओफ़ इण्डिया (सेबी) के साथ रेजिस्टर किया था ।

मॉर्गन स्टेनली और जेएम फाइनेंशियल ग्रुप के बीच एक संयुक्त उद्यम (जॉइन्ट वेन्चर) गठन के बाद, इस कंपनी को जेएम मॉर्गन स्टेनली रिटेल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रेजिस्टर किया गया था। 

और फिर बाद में दोनों कंपनियों द्वारा वर्ष 2007 में इस संयुक्त उद्यम((जॉइन्ट वेन्चर) को ख़त्म कर दिया गया था।

वैसे तो  कई दशकों से जेएम फाइनेंशियल मार्केट में काफी लोकप्रिय है,  और एक सभी तरह की सेवाये प्रदान करने वाला  स्टॉकब्रोकर होने के नाते यह अपने ग्राहकों को इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटी, पीएमएस जैसे कई क्षेत्रों में निवेश करने के सुझाव देता  है।

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज  के पोर्टफोलियो मैनेजर को शेयर और स्टॉकब्रोकिंग, रीटेल सेल्ज़ और निवेश सलाह  में से  निवेश सलाहकार सेवाओं पर सबसे पहले ध्यान देने के उद्देश्य से रखा जाता है।

यह कंपनी अपनी रीसर्च विशेषज्ञता के लिए बहुत  लोकप्रिय है,  या फिर इसके लिए हम यह भी  कह सकते हैं,  कि कंपनी की मुख्य योग्यता रीसर्च करना ही  है। 

यह  अपनी रीसर्च  क्षमताओं के साथ-साथ , कैपिटल मार्केट और निष्पादन में  भी निपुण है,  जो इस कंपनी को अपने ग्राहकों को उनके लिए एक विशिष्ट रूप से निर्मित निवेश रणनीति प्रदान करने में सक्षम बनाता है।

पोर्टफोलियो मैनेजरो को जेएम फाइनेंशियल पीएमएस  अपने बिज़नेस को पूरा करने और अपने ग्राहकों को निवेश के सर्वोत्तम तरीके के साथ लाभ प्राप्त करने में सहायता करने के लिए रखा जाता है।

इसके साथ साथ आप यह भी पढ़ें, कि मुझे पोर्टफोलियो की आवश्यकता क्यों है?

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस के पास अपने  ग्राहकों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है,  जिसमें हाई नेट वर्थ ग्राहक, रिटेल ग्राहक और कॉर्पोरेट्स ग्राहक आदि शामिल हैं।

इस कंपनी के पास विशेषज्ञों की एक टीम है,  जिसमें रिलेशनशिप मैनेजर भी शामिल हैं, जो इनके ग्राहकों को, शोधकर्ताओं को कॉरपोरेट को और हाई नेट वर्थ व्यक्तियों को महत्वपूर्ण रीसर्च रिपोर्ट प्रदान करने वाली विशेष सेवाएँ प्रदान करते हैं।

इसके अलावा, इनके पास कई तरह के निवेश प्रोडक्टस जैसे म्युचुअल फंड, आईपीओ, आरबीआई और विभिन्न प्रकार के  बॉन्डस भी उपलब्ध हैं।

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया लिमिटेड  नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (बीएसई), सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीडीएसएल), मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (एमएसईआई,) नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल), सेबी (रीसर्च और निवेश सलाहकार) में एक ट्रेडिंग सदस्य है।

कंपनी का नाम जेएम फाइनेंशियल पीएमएस
स्थापना  वर्ष 1998 जून में 
संस्थापक का नाम श्री निमेश एन. कमानी
कंपनी का प्रकार निजी (प्राइवेट)
पीएमएस रणनीतियाँ विकास और मूल्य पोर्टफोलियो रणनीति,  पोर्टफोलियो प्रोडक्ट-डबेट,  पोर्टफोलियो प्रोडक्ट-लाइफ़ साइकल  अल्फा रणनीतियाँ आदि 
कमीशन मॉडल प्रीपेड कमीशन,  वॉल्यूम-बसेड़ कमीशन, प्रोफ़िट शेयरिंग  कमीशन 

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस के इस लेख में , हम पोर्टफोलियो मैनेजर के लगभग सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को सम्मिलित करेंगे, जो एक निवेशक के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।

हम इसमें इनकी पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं, पोर्टफोलियो प्रबंधन रणनीतियों, निवेश योजनाओ, कमीशन मॉडल, ग्राहक सहायता, निष्कर्ष, और बार बार  पूछे जाने वाले प्रश्न, आदि जैसे विषयों को भी सम्मिलित करेंगे।


जेएम फाइनेंशियल पोर्टफोलियो प्रबंधन के प्रकार 

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस अपने ग्राहकों को तीन पीएमएस प्रकार प्रदान करता है।

  1. डिस्क्रेशनेरी पीएमएस
  2. नान-डिस्क्रेशनेरी पीएमएस
  3. ऐड्वाइज़री पीएमएस
  4. डिस्क्रेशनेरी पीएमएस

जहां तक ​​ डिस्क्रेशनेरी पीएमएस सेवा का सवाल है, तो इसमें पसंद  और निवेश का समय दोनो  पोर्टफोलियो मैनेजर के हाथ में होते है।

जबकि  जेएम फाइनेंशियल पीएमएस अपने ग्राहकों को निवेश पोर्टफोलियो से संबंधित अपनी राय प्रस्तुत करने की पूरी अनुमति देता है। लेकिन फिर भी, उसका अंतिम निर्णय पोर्टफोलियो मैनेजर की स्वीकृति के आधार पर होता  है।

  1. नॉन- डिस्क्रेशनेरी पीएमएस

नॉन- डिस्क्रेशनेरी  पीएमएस सेवा में, निवेश पोर्टफोलियो का मैनजमेंट उनके  के हाथों में ही रहता है। और वह अपने लिए हर तरह का निर्णय ले सकता है,  जैसे सिक्युरिटी को चुनना, निवेश का समय तय करना , किसी सिक्युरिटी से बाहर निकलना आदि।

इस प्रकार के  पीएमएस में, पोर्टफोलियो मैनेजर की भूमिका केवल ट्रेडर की तरह होती है। लेकिन इसमें अगर इनका कोई ग्राहक चाहता है, तो वह अपने पोर्टफोलियो मैनेजर का सुझाव भी  ले सकता है।

  1. एडवाइजरी पीएमएस

ऐड्वाइज़री पीएमएस सेवा की रचना विशेष रूप से हाई-नेट वर्थ और कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए की गई है, जिनके पास इक्विटी पोर्टफोलियो की अधिक मात्रा होती है।

इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा दी गई विशेषज्ञ राय और रीसर्च  रिपोर्ट न केवल इसंके ग्राहकों को सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद करती है,  बल्कि उनको अपने पोर्टफोलियो पर नियंत्रण करने  में भी मदद करती है।

पीएमएस का विवरण जानने के लिए, यहां क्लिक करें


जेएम फाइनेंशियल पोर्टफोलियो प्रबंधन मैनेजर्स

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस के पास विशेषज्ञों की एक टीम है,  जो अपनी जानकारी  और अनुभव के साथ ग्राहक को उनका निवेश पोर्टफोलियो मैनिज करने में मदद करती है। 

श्री राकेश पारेख जी जेएम फाइनेंशियल पीएमएस में सर्वश्रेष्ठ पोर्टफोलियो मैनेजरस में से एक है।

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस की टीम के सदस्य के नाम इस प्रकार हैं:

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस  संगठन में पोर्टफोलियो मैनेजरस की एक अनुभवी टीम है,  जो इनके ग्राहकों को उनके निवेश पर अच्छी मात्रा मे रिटर्न प्राप्त करने के लिए बहुत ही अच्छी- अच्छी रणनीतिया  प्रदान करते  है।

तो चलिए अब हम, इनके पोर्टफोलियो मैनेजर के संक्षिप्त परिचय पर चर्चा करते हैं। जैसे 

श्री राकेश पारेख जी  (हेड पीएमएस ग्रुप), जेएम फाइनेंशियल

श्री राकेश पारेख जी  को फंड मैनेजर और सीनियर एनालिस्ट के रूप में इक्विटी के उभरते मार्केटस  में 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

लेकिन अभी वर्तमान में, ये इस कंपनी में  पोर्टफोलियो मैनेजर के प्रमुख के रूप में अपनी सेवा प्रदान कर रहे  है।

इस कंपनी  में पारेख जी 12 लोगों की एक  टीम को संभाल रहे हैं, जो हाई-नेट वर्थ वाले ग्राहकों, पारिवारिक कार्यालयों और कॉर्पोरेट्स के लिए डिस्क्रेशनेरी और ऐड्वाइज़री सेवाओं का प्रबंधन करते हैं।


जेएम फाइनेंशियल पीएमएस की रणनीतियां  

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस द्वारा अपने निवेशकों के लिए कई प्रकार की रणनीतियों की पेशकश की जाती है। जिसमें से वे  एक ऐसी रणनीति को चुन सकते हैं, जो उनके लिए उनके  निवेश के उद्देश्य  और उनकी आवश्यकता  के अनुसार सबसे उपयुक्त हो।

वैसे तो, जेएम फाइनेंशियल पीएमएस द्वारा विभिन्न प्रकार की विशिष्ट रूप से निर्मित निवेश रणनीतियों की पेशकश की जाती है, लेकिन हमारे लिए इस प्रकार की सभी रणनीतियों पर चर्चा करना संभव नहीं है। इसलिए, अब हम इसकी कुछ महत्वपूर्ण निवेश रणनीतियों पर चर्चा करने जा रहे हैं।

देखिये, जेएम फाइनेंशियल पीएमएस द्वारा दी गई निवेश रणनीतियों की सूची निम्नलिखित  है: जैसे 

  • ग्रोथ और वैल्यू पोर्टफोलियो रणनीति
  • पोर्टफोलियो प्रोडक्ट-डेट 
  • पोर्टफोलियो प्रोडक्ट-लाइफ़ साइकल 
  • अल्फा रणनीतियाँ
  1. ग्रोथ और वैल्यू पोर्टफोलियो रणनीति

‘ग्रोथ और वैल्यू’ पोर्टफोलियो रणनीति का पुराना नाम ‘कोर’ था। और इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य इक्विटी और इक्विटी से संबंधित निवेश प्रोडक्टस में निवेश करके अपने ग्राहकों को मध्यम या लम्बे समय तक उनके कैपिटल (पूंजी) को बढ़ाना था।

इसलिए इसमें केवल उन कंपनियों का ही चयन किया जाता है,  जो उन्हें अपनी वैल्यू के अनुसार लम्बे समय तक  विकास की संभावना के साथ आकर्षक लगती  हैं।

अब हम आपको ऐसे कुछ कारको के बारे में बताते है,  जो कंपनी की आकर्षक वैल्यूएशन के लिए देखे जाते हैं: जैसे 

  • ऐसी कंपनियां जिनके  पास स्केल-अप क्षमता होती  है।
  • ऐसी कंपनियों जिनके पास अपनी कुछ अंडरवैल्यूड ऐसेट दिखाई देती  हैं।
  • ऐसी कंपनियों जिनके पास मैनजमेंट करने का गुण हो।
  • ऐसी कंपनियों जो अपनी सेगमेंट के मार्केट लीडर हो,  और लगातार विकास के साथ अपना काम कर रही हो। 
  • ऐसी कंपनियां जो अस्थायी संकट से गुजरती हैं,  लेकिन, भविष्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रदान करने के लिए उस कंपनी का आधार काफ़ी मजबूत है।
  • ऐसी कंपनियां जिनके मैनजमेंट में कुछ बदलाव, बिज़नेस में  बदलाव, और  पुनर्गठन आदि चीजे  करने की आवश्यकता होती है।

लेकिन ऐसे कुछ अन्य कारक भी होते हैं,  जिन्हें पोर्टफोलियो मैनेजर को इस मैनजमेंट रणनीति को लागू करते समय देखना पड़ता है।

  1. पोर्टफ़ोलियो प्रोडक्ट-डेब्ट 

पोर्टफोलियो प्रोडक्ट-डेब्ट का मुख्य उद्देश्य मध्यम से लंबे समय के लिए नुकसान के रिस्क को करके सकारात्मक रिटर्न प्रदान करना है।

इस रणनीति के तहत आपका पैसा मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, डेब्ट इंस्ट्रूमेंट और डेब्ट ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है।

इसलिए,  इसमें इनके ग्राहकों द्वारा दिया गया फंड गवर्न्मन्ट सिक्युरटीज़, डेब्ट- ऑरीएन्टिड फंडस,  आर बीआई रीलीफ बांडस, सर्टिफ़िकेट ऑफ डिपॉज़िट, कमर्शियल पेपरस , मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, सिक्युर्ड और अन्सिक्युर्ड

बॉन्डस एंड और डिपॉज़ि, जैसे निवेशों पर लगाया जा सकता है जिनका रिटर्न अस्थिर या निश्चित हो सकता है।

इसमें ग्राहकों को अपने पोर्टफोलियो मैनेजर को अपने लिए विशिष्ट रूप से निर्मित निवेश पोर्टफोलियो के बारे में सुझाव देने की अनुमति होती है लेकिन, उनके किसी भी मामले में, अंतिम निर्णय केवल पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा ही लिया जाता है।

  1. पोर्टफ़ोलियो प्रोडक्ट III- लाइफ़ साइकल 

पोर्टफोलियो प्रोडक्ट III- लाइफ़ साइकल रणनीति के तहत, ग्राहक निवेश करने के लिए विभिन्न वर्गों जैसे कि इक्विटी, डेब्ट, करन्सी मार्केट इंस्ट्रूमेंट और अन्य वर्ग की ऐसेट  के साथ अपने विकास के लिए इसका इस्तेमाल करता है।

इनका “ऐसेट  एलोकेशन प्लान’ इनके ही पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा इनके  ग्राहको की उपस्थिति में निर्धारित किया जाता है, जिसके माध्यम से पोर्टफोलियो मैनेजर अपने ग्राहकों का निवेश उद्देश्य, उनकी रिस्क लेने की इच्छा और वह कितना रिटर्न प्राप्त करने  की उम्मीद कर रहे है, के  जानने के बाद ही उनका निवेश पोर्टफोलियो बनाता  है।

इसने अपने ग्राहको को  अपने निवेश पोर्टफोलियो को अनुकूलित करने के लिए अपने पोर्टफोलियो मैनेजरस को अनौपचारिक रूप मार्गदर्शन प्रदान करने की भी अनुमति प्रदान कर रखी है, लेकिन फिर भी इनका पोर्टफोलियो मैनेजर ही है, जो अंतिम निवेश / पोर्टफोलियो को बनाने का निर्णय ले सकता है।

  1. पोर्टफ़ोलियो प्रोडक्ट IV- अल्फा स्ट्रैटेजीज़

इस अल्फा रणनीति का मुख्य उद्देश्य मध्यम से लम्बे समय तक कैपिटल (पूंजी)  को बढ़ा करना है। अल्फा रणनीति में  निम्नलिखित प्लानस  (योजनाये) उपलब्ध हैं:

  • हाई-रिस्क प्लान (योजना):  इसमें आप इक्विटी शेयर्स (equity meaning in hindi), म्यूचुअल फंडस, वारंटस, कन्वर्टबल डिबेंचर आदि जैसी सिक्युरिटीज़ में निवेश कर सकते है,  लेकिन इसमें कॉर्पोरेट घोषणाएं भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए इस प्लान का नकारात्मक पहलू  बहुत ज़्यादा है।
  • लो-रिस्क प्लान (योजना): इसमें आप इक्विटी, वारंट, डिबेंचर और म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है।  लेकिन इसमें निवेश पोर्टफ़ोलियो बनाने  के लिए मर्जर एंड ऐक्वज़िशन, टेकओवर, डी-लिस्टिंग, बायबैक आदि बहुत महत्वपूर्ण होते है।  इसके साथ इस इस प्लान का नकारात्मक पहलू भी  सीमित है।

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस रिटर्न्स

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस द्वारा उपलब्ध करवाया जाने वाला रिटर्न / प्रदर्शन बहुत आकर्षक है। यह कंपनी अपने  निवेशकों को आकर्षक रिटर्न प्रदान करती है,  ताकि वे इस कंपनी के साथ मिल कर अपने  निवेश उद्देश्य को प्राप्त कर सकें।

इस कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली रणनीतियों के तहत पिछले तीन फाइनेंशियल (वित्तीय) वर्षों में प्रदान की जाने वाली पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाएं इस प्रकार हैं: जैसे 

पोर्टफोलियो प्रोडक्ट  2015-16 2016-17 2017-18 2018-19(1st अप्रैल से 31सेंट जनवरी 2019) 
डिस्क्रेशनेरी % रिटर्न  % रिटर्न % रिटर्न % रिटर्न
ग्रोथ और वैल्यू (जोकि आमतोर पर ‘कोर’ के रूप में जाना जाता है) -7.90 31.40 4.08 -2.04
प्रदर्शन के संकेतक (एनएसई निफ्टी)  -8.70 20.87 10.77 8.09
नॉन- डिस्क्रेशनेरी पीएमएस 3.25 47.54 5.97 -20.92

जैसे की ऊपर दी गयी टेबल में, हम यह देख सकते हैं कि पोर्टफोलियो मैनेजर का प्रदर्शन बेहद संतोषजनक था।

हालांकि, ऊपर दिया गया रिकॉर्ड केवल पिछले तीन वित्तीय वर्षों का ही है, जिसमें कंपनी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था।


जेएम वित्तीय पीएमएस निवेश योजना (इन्वेस्टमेंट प्लान) 

जेएम फाइनेंशियल अपने ग्राहकों को निम्नलिखित चार प्रकार की निवेश योजनाओं की पेशकश करता है जिसमें ब्रान्ज़

(कांस्य), सिल्वर, गोल्ड और प्लेटिनम शामिल हैं। लेकिन इनके वॉच प्लान में निवेश करने के लिए राशि की एक सीमा तय होती है, जिसमें निवेश राशि सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार न्यूनतम से शुरू होकर रु. 5 करोड़ तक की होती है।

आइए अब इसके  हर प्लान की संक्षिप्त चर्चा शुरू करते है: जैसे  

ब्रोंज (कांस्य): ब्रान्ज़ (कांस्य) निवेश प्लान (योजना) पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा पेश की जाने वाली सबसे सस्ती निवेश  योजना है।

इसकी शुरुआत केवल ₹ 25 लाख रुपये से होती है जिसे आप ₹ 50 लाख रुपये तक ले कर जा सकते  है। जो लोग पीएमएस में अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं, वो इस निवेश योजना को चुन सकते हैं।

सिल्वर: पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा पेश की जाने वाली दूसरी निवेश प्लान “सिल्वर“ है। इस योजना के तहत निवेश की सीमा ₹ 50 लाख रुपये से लेकर ₹ 1 करोड़ तक होती  है। 

यदि आप एक मध्यम रिस्क लेने  वाले व्यक्ति हैं,  तो आपके लिए यह  योजना आपके लिए बिल्कुल ठीक है,  लेकिन आप  इस पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा में  ₹1 करोड़ से अधिक का निवेश नहीं कर सकते  है।

गोल्ड: इस प्लान के तहत निवेश  करने के लिए आपको ₹1 करोड़ से ₹ 5 करोड़ के बीच की आवश्यकता होती है। इसलिए ऐसे निवेशक जो संयम के साथ हाई-रिस्क उठा सकते हैं,  और ₹5 Cr तक का निवेश कर सकते हैं,  वे इस “गोल्ड”  निवेश प्लान  का विकल्प चुन सकते हैं।

प्लैटिनम: यह अंतिम निवेश प्लान है। यदि आप ₹5 Cr से अधिक का निवेश करने में सक्षम हैं। तो आप इस प्लान को चुन सकते हैं। वैसे तो यह प्लान ज्यादातर संस्थागत (इन्स्टिटूशनल) निवेशकों द्वारा चुना जाता है।


जेएम वित्तीय पीएमएस कमीशन मॉडल

दुसरी पीएमएस कंपनियों की तरह, जेएम फाइनेंशियल पीएमएस भी अपने ग्राहकों को तीन कमीशन मॉडल प्रदान करता है। इसका प्रत्येक मॉडल इसके ग्राहकों की विभिन्न सुविधा के अनुसार पेश किया जाता हैं।

क्यूँकि हर ग्राहक की अपनी एक अलग मानसिकता होती है,  और वे अपनी सहूलियत के अनुसार ही  कमीशन देना चाहते हैं,  जिसमें वे संतुष्ट होते हैं कि वे कम भुगतान कर रहे हैं।

ये देखिये यहाँ इस कंपनी द्वारा पेश किए गए कमीशन मॉडल के प्रकार निम्नलिखित हैं।

  1. प्रीपेड कमीशन मॉडल
  2. वॉल्यूम-बेसड कमीशन मॉडल
  3. प्रोफ़िट-बेसड  कमीशन मॉडल

अब देखिए यहाँ इन सबका त्वरित स्पष्टीकरण है:

  1. प्रीपेड कमीशन मॉडल

यह मॉडल अपने  ग्राहकों को पोर्टफोलियो मैनेजरस को एडवांस (निश्चित समय से पूर्व करना) ही कमीशन का भुगतान करने की अनुमति देता है।

इसमें कमीशन के लिए ग्राहक और पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा एक फ़िक्स्ट प्रतिशत तय किया जाता है, और उसी तय प्रतिशत के आधार पर कुल पोर्टफोलियो वैल्यू में से कमीशन लिया जाता है।

इस मॉडल के तहत, अगर किसी ग्राहक को निवेश पोर्टफोलियो द्वारा अधिक प्रोफ़िट मिलता है,  तो भी वह हाई कमीशन का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होता है।

इसमें कमीशन का प्रतिशत पहले से तय होता है या फिर उसका भुगतान किया जा चुका होता है, इसलिए यह इनके ग्राहकों के बहुत आराम देता है।

और इसके साथ ही, इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर भी कभी नुकसान नहीं उठाता,  क्योंकि पोर्टफोलियो में नुकसान का मतलब उसकी कमीशन का नुकसान नहीं है।

  1. वोल्यूम बेसड कमीशन मॉडल

इस मॉडल के तहत पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा एक वर्ष में  आपके निवेश पोर्टफोलियो में उत्पन्न वॉल्यूम के आधार पर कमीशन तय किया जाता है। इसलिए इसमें सभी लेनदेन को ग्राहक से कमीशन चार्ज करने के लिए रिकोर्ड किया जाता  है।

इसमें लेनदेन का वॉल्यूम का प्रतिशत दोनों पक्षों द्वारा पूर्व-निर्धारित कर लिया जाता है।

लेकिन इसमें एक भी  संभावना हो सकती  है,  कि पोर्टफोलियो मैनेजर हाई -कमीशन चार्ज करने के लिए आपको धोखा देने के लिए  कुछ ग़लत लेनदेन वॉल्यूम  भी दिखा सकता है। लेकिन ऐसे मामले  केवल एक संभावना है।

इसलिए किसी भी ग्राहक को अपने निवेश पोर्टफोलियो के लिए पोर्टफोलियो मैनेजर नियुक्त करने से पहले उस पोर्टफोलियो मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए।

  1. प्रोफ़िट- बेसड कमीशन मॉडल

ये प्रोफ़िट-बेसड कमीशन मॉडल इस कम्पनी के  ग्राहकों के पसंदीदा कमीशन मॉडल में से एक है। क्यूँकि  इस मॉडल में, कुछ हद तक निवेश पोर्टफोलियो से प्रोफ़िट होना निश्चित होता है, क्योंकि इस मॉडल में पोर्टफोलियो मैनेजर को प्रोफ़िट देने के बाद ही कमीशन चार्ज करने की अनुमति होती है।

लेकिन अगर इनके ग्राहक को अपने निवेश पोर्टफोलियो से कोई प्रोफ़िट नहीं होता, तो पोर्टफोलियो मैनेजर को भी  कोई कमीशन नहीं मिलता।

इसमें कुल प्रोफ़िट का तय प्रतिशत ही पोर्टफोलियो मैनेजर को कमीशन के रूप में मिलता है।

जैसे प्रोफ़िट ज़्यादा, तो कमीशन का प्रतिशत कम या फिर उसका उल्टा।

नीचे दी गई तालिका में कंपनी द्वारा लगाए गए कमीशन का प्रतिशत दिखाया गया है: 

प्रीपेड कमीशन (वार्षिक), वोल्यूम आधारित कमीशन (वार्षिक), प्रॉफिट आधारित शेयरिंग(वार्षिक)

निवेश सीमा निवेश में कमीशन (प्रतिशत) लेनदेन वॉल्यूम  (प्रतिशत) वॉल्यूम में कमीशन (प्रतिशत) प्रॉफिट  प्रॉफिट में कमीशन (प्रतिशत)
₹25L – 50L 1.13  ₹25L – 50L 0.113 ₹2.5L-5L 21.3
₹50L-1CR 1.03 ₹50L-1CR 0.105 ₹5L-10L 20.3
₹1Cr- 5Cr 0.93 ₹1Cr- 5Cr 0.095 ₹10-50L 19
₹5CR या अधिक 0.80 ₹5Cr या अधिक 0.080 ₹50L और अधिक 17.5

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस शुल्क  

पीएमएस चार्जस ऐसे चार्जस होते हैं,  जो कंपनी द्वारा लगाये जाते है, जैसे मैनजमेंट फ़ीस, ब्रोकरेज शुल्क, कस्टडी फ़ीस, एग्ज़िट लोडफ़ीस आदि।

इसके अलावा कंपनी द्वारा पीएमएस निवेशक से लिये जाने वाले अन्य शुल्क निम्नलिखित हैं।

  • पोर्टफोलियो मैनजमेंट फ़ीस: यह फ़ीस कंपनी द्वारा दी जाने वाली पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा के लिये लिया जाता है। इसमें कुछ मामलों में क्वांटम पोर्टफोलियो वैल्यू का प्रतिशत या तय प्रतिशत का चार्ज किया जाता है।
  • अपफ्रंट फ़ीस: यह फ़ीस ग्राहकों द्वारा पेश किए गए धन के आधार पर प्रीपेड फ़ीस के रूप में ली जाती है। इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर अपने ग्राहकों के पोर्टफोलियो से यह चार्जस लेता है। आम तौर पर ये चार्जस एसेट वैल्यू के 0.09% -1.20% के बीच चार्ज किया जाता है।
  • एक्जिट चार्ज: इसमें कंपनी द्वारा ग्राहकों से जल्दी एक्जिट करने के  लिये चार्ज लिया जाता है। यदि इसमें कोई भी ग्राहक पोर्टफोलियो के बनने के बाद एक वर्ष से पहले इसमें से एक्जिट  करता है, तो कंपनी उस ग्राहक से ये फ़ीस वसूलती है। जोकि उनकी अस्सेस्ट वैल्यू की सीमा का 0.95% -1.45% होता है।
  • डिपॉजिटरी / कस्टोडियन फीस: यह कंपनी निवेश पोर्टफोलियो, डीमैट अकाउंट, डेमेटेरियलाइजेशन, रीमैटेरियलाइजेशन, आदि की फीस के लिए अपने ग्राहकों से चार्जस लेती है। जोकि उनकी अस्सेस्ट वैल्यू का 0.21% -0.45% के बीच होता  है।

जेएम वित्तीय पीएमएस लाभ

जेएम फाइनेंशियल की पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं के बहुत सारे फ़ायदे  हैं, जो वे अपने ग्राहकों को आकर्षित करने और उनके साथ एक स्वस्थ और लम्बे समय तक संबंध बनाए रखने के लिए प्रदान करते है।

  • यह कंपनी अपने निवेशकों को संतुष्ट करने के लिए लचीले कमीशन मॉडल और निवेश प्लान की पेशकश करती है, जिन से उन्हें संतुष्टि मिलती  है।
  • ये अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की विशिसट रूप से निर्मित निवेश रणनीतियों की पेशकश करते हैं,  जोकि उनके  निवेश उद्देश्य और रिस्क उठाने की क्षमता को जानने के बाद बनाई जाती हैं।
  • ये कंपनी अपने पोर्टफोलियो निवेशकों को उचित ग्राहक सेवा प्रदान करती  है,  ताकि वे अपने निवेश पोर्टफोलियो से संबंधित किसी भी समस्या को महसूस न कर सके।
  • इनकी मैनजमेंट टीम के साथ-साथ अपने इसके पोर्टफोलियो मैनेजरस का भी अपने  क्षेत्र में भारी अनुभव मैनजमेंट की  बहुत मदद करता है, और ग्राहकों को अपने  निवेश पोर्टफोलियो से संबंधित सही समय पर सही कदम उठाने में मदद करता है।
  • ऐसा निवेशक जिसकी फाइनेंशियल क्षमता कम हो, वो भी जेएम फाइनेंशियल पीएमएस के माध्यम से पीएमएस में निवेश कर सकता है।

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस ग्राहक सहायता 

जेएम फाइनेंशियल पीएमएस अपने ग्राहकों को एक अच्छी ग्राहक सहायता प्रदान करता है। वे अपने ग्राहकों को चैट और कॉल सुविधा के माध्यम से भी सहायता  प्रदान करते हैं, ताकि वे अपने पोर्टफोलियो से संबंधित कंपनी से कुछ भी जानकारी ले सकें। 

इनके पास अपने ग्राहकों के देने के लिए रिलेशनशिप मैनेजर और व्हाट्स ऐप की सुविधा भी उपलब्ध है,  जो इनके ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करते है।

यदि इनके किसी ग्राहक के पास  जटिल प्रश्न है, तो उस मामले में वह ग्राहक सीधे अपने पोर्टफोलियो मैनेजर को भी कॉल कर के बात कर सकता है।

उस ग्राहक की कॉल संख्या उसके निवेश पोर्टफोलियो के कुल मूल्य पर निर्भर करती है।

ग्राहक सहायता 

कॉल करने की सुविधा उपलब्ध है
ईमेल करने की सुविधा उपलब्ध है
चैट करने की सुविधा उपलब्ध है
व्हाट्सएप करने की सुविधा उपलब्ध है
रिलेशनशिप मैनेजर सपोर्ट उपलब्ध है
फंड मैनेजर से संपर्क करने की सुविधा  उपलब्ध है -एक महीने में 5-6 बार के लिए 

निष्कर्ष

जेएम फाइनेंशियल सर्वश्रेष्ठ पीएमएस ब्रांडों में से एक है, जो अपने ग्राहकों की सहायता करने के लिए उन्हें  कई तरह की सुविधाएं प्रदान करता है।

ये अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकर कि कई निवेश योजनाओ और रणनीतियों की पेशकश करता हैं,  जो उनकी आवश्यकताओं और निवेश उद्देश्यों के अनुसार होती हैं।

इनकी ग्राहक सहायता सेवा भी बहुत प्रशंसनीय है, और इसके साथ साथ वे एक ही समय में, अपने ग्राहकों से उचित कमीशन और अन्य शुल्क भी ले लेते हैं।

इसलिए, यदि आप एक अच्छी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी की तलाश कर रहे हैं,  तो जेएम फाइनेंशियल आपकी पीएमएस सर्च लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए।

इसलिए यदि आप अपनी कैपिटल (पूंजी) को स्थानांतरित करना चाहते हैं,  और एक विश्वसनीय निवेश घर(इन्वेस्टमेंट हाउस) के साथ अपनी पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाएं शुरू करना चाहते हैं, तो चलिए इसमें  हम आपकी सहायता करते हैं।

पोर्टफोलियो प्रबंधन शुरू करें

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NJ PMS https://hindi.adigitalblogger.com/nj-pms-review-hindi/ https://hindi.adigitalblogger.com/nj-pms-review-hindi/#respond Tue, 02 Mar 2021 12:54:53 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=80484 NJ PMS अपने ग्राहकों को उनके लिए विशेष रूप से निर्मित पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज़ प्रदान करता है। कंपनी निवेशकों को…

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NJ PMS अपने ग्राहकों को उनके लिए विशेष रूप से निर्मित पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज़ प्रदान करता है। कंपनी निवेशकों को बहुत अधिक रिस्क के बिना उनके लिए लम्बी समय में संपती बनाने में मदद करती है।

कई हाई नेट-वर्थ वाले व्यक्ति, विशेष रूप से शुरुआती चरण में, ऐसे समाधान की तलाश करते हैं जो उन्हें विभिन्न फाइनेंशियल प्रोडक्ट में उचित रिस्क के स्तर और रिटर्न के साथ निवेश करने में मदद कर सकें।

इससे पहले कि हम NJ PMS से संबंधित जानकारी प्राप्त करें, आपको समझना चाहिए कि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कितना महत्वपूर्ण है और आपको पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की आवश्यकता क्यों है।

पीएमएस एक ऐसी सर्विस है, जो भारतीय सिक्योरिटीस और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नाम से जानी जाती है।

पीएमएस में न्यूनतम निवेश, ₹50,00,000 है, और अन्य विवरण पीएमएस विवरण में पढ़े जा सकते हैं।

इसके अलावा यह भी पढ़े, एक पीएमएस हाउस काम कैसे करता है?

NJ PMS की चर्चा पर वापस आते हुए, कई निवेशकों की चिंताएं हैं – क्या NJ PMS आपके निवेश की जरूरतों का एक सही समाधान है?

आइए इसे विस्तृत समीक्षा में जानें।


NJ PMS का निरीक्षण 

NJ PMS ने अपना व्यवसाय 1994 में शुरू किया था। सेबी पंजीकृत NJ PMS सूरत में स्थित है। यह कंपनी श्री नीरज चोकसी और श्री जिग्नेश देसाई के नेतृत्व में अस्तित्व में आई।

आइए पहले पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज़ के अर्थ को समझते हैं। पीएमएस एक ऐसी सर्विस है जो आपको अपनी सम्पत्ति मैनेजमेंट प्रोफ़ाइल बनाने में मदद करती है।

NJ PMS भारत में प्रसिद्ध और प्रमुख फाइनेंशियल प्रोडक्ट और सर्विस वितरकों में से एक है।

कंपनी निवेशकों को एक उत्कृष्ट पीएमएस सर्विस प्रदान करती है क्योंकि इसमें 20 वर्षों के अनुभव के साथ पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्षेत्र की ठोस समझ है।

कंपनी प्रसिद्ध टैगलाइन “रेस्ट एश्योर्ड” पर अपना व्यवसाय चलाती है। इसका मतलब है कि कंपनी ग्राहकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो से एक उत्कृष्ट रिस्क-समायोजित रिटर्न प्रदान करने का आश्वासन देती है।

पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा दी जाने वाली डिस्क्रेशनेरी पोर्टफोलियो मैनजमेंट सर्विस ग्राहकों को उनके निवेश के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करती है।

कंपनी कुछ बहुत प्रभावी निवेश रणनीतियाँ प्रदान करती है। कंपनी की पीएमएस रणनीतियाँ निवेश के उद्देश्य और विभिन्न निवेशकों के रिस्क की स्तर वहन करने की क्षमता को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।

ये रणनीतियाँ निवेशकों को उनके निवेश पर मन की शांति प्रदान करती है, और वे भी आश्वस्त महसूस करते हैं। कंपनी के मौजूदा ग्राहक, कंपनी द्वारा प्रदान की गई एक अच्छी पीएमएस सर्विस का सबसे अच्छा उदाहरण हैं।

NJ PMS अभी से ही पीएमएस निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट ऑप्शन साबित हो रहा है।

पोर्टफोलियो प्रबंधकों और रीसर्च विश्लेषकों की तरह, कंपनी के पेशेवर विशेषज्ञों की टीम निवेशकों को अपेक्षित रिटर्न प्रदान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करते है।

आइए, पोर्टफोलियो निवेश के दृष्टिकोण से NJ PMS के प्रत्येक महत्वपूर्ण पहलू के बारे में विस्तृत चर्चा करें, जैसे कि कंपनी द्वारा पेश किए गए पीएमएस के प्रकार, मैनेजर का विवरण, कमीशन मॉडल, निवेश योजना, चार्जेज़ , प्रोफ़िट, कस्टमर सपोर्ट, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न, आदि।

कंपनी का नाम एनजे एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड
स्थापना वर्ष 1994
संस्थापक का नाम नीरज चोकसी
कंपनी का प्रकार प्राइवेट 
पीएमएस स्ट्रैटेजीज एनजे वेल्थ ब्लूचिप पोर्टफोलियो, एनजे वेल्थ मल्टीकैप पोर्टफोलियो, एनजे इंडिया फ्रीडम ईटीएफ पोर्टफोलियो, एनजे ऐडवाईजर डायनामिक स्टॉक एलोकेशन पोर्टफोलियो, एनजे वेल्थ डायनामिक ईटीएफ आवंटन पोर्टफोलियो
कमीशन मॉडल प्रीपेड कमीशन, वॉल्यूम-आधारित कमीशन, प्रॉफिट शेयरिंग कमीशन

NJ PMS प्रकार

एनजे वेल्थ के पास निवेशकों के फंड का मेनेज करने के विभिन्न तरीके हैं। वे अपने ग्राहकों के फंड को तीन अलग-अलग तरीकों से उपयोग करते हैं, अर्थात्, डिस्क्रेशनेरी पीएमएस, नॉन- डिस्क्रेशनेरी पीएमएस, और सलाहकार सर्विस ।

  1. डिस्क्रेशनेरी पीएमएस

पोर्टफोलियो मेनेजमेंट सर्विस जिसमें पोर्टफोलियो मैनेजर को अपनी ओर से निवेश पोर्टफोलियो से संबंधित संपूर्ण निर्णय लेने की अनुमति होती है। पोर्टफोलियो मैनेजर सही रणनीति और लेनदेन का सही समय चुन सकता है। इसके बाद वह निवेश का फैसला लेता है।

  1. नॉन-डिस्क्रेशनेरी पीएमएस

नॉन-डिस्क्रेशनेरी पीएमएस के तहत, पोर्टफोलियो मैनेजर केवल निवेशकों को निवेश की योजना की सिफारिश करता है। ट्रेड एक्सीक्यूट का सही समय ग्राहक के हाथ में रहता है। हालांकि, निवेश मैनेजर इस सर्विस में एक ट्रेडर की भूमिका निभाता है।

  1. एनजे सलाहकार पीएमएस

इस श्रेणी के तहत, कंपनी निवेशकों को केवल सलाहकार सर्विस प्रदान करती है। ट्रेड करने का अंतिम निर्णय केवल ग्राहक पर निर्भर करता है।


NJ PMS लॉग-इन

चूंकि एनजे एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कई सर्विस दी गई हैं, यह ग्राहकों को उनके पोर्टल पर लॉग-इन करने और उनके नियमित अपडेट पर नज़र रखने की सुविधा प्रदान करते है।

इस पोर्टल को NJ PMS क्लाइंट डेस्क के नाम से जाना जाता है।

इसे इस्तेमाल करने के लिए, आपको इनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और पीएमएस डेस्क लॉग-इन बटन पर क्लिक करना होगा। आप लॉग-इन पेज पर पुनः पहुँच जाएंगे। पीएमएस पोर्टल का उपयोग करने के लिए लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दर्ज करें।


NJ PMS फंड मैनेजर्स

एनजे पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज में कई फंड मैनेजर हैं जो ग्राहकों को एक आकर्षक पोर्टफोलियो रिटर्न प्रदान करने के लिए हर समय काम करते हैं। श्री विराल शाह कंपनी के सबसे अच्छे फंड मैनेजरों में से एक हैं जो भीड़ से अलग हैं।

श्री विराल शाह

एमबीए (वित्त) और बीई धारक श्री विराल शाह NJ PMSपोर्टफोलियो रणनीति तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कंपनी के ग्राहकों के लिए कई अनुकूलित रणनीतियाँ बनाई हैं।

श्री शाह के पास फाइनेंस के क्षेत्र में कुल 16 वर्षों से अधिक का अनुभव है। एनजे एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड में शामिल होने से पहले, उन्होंने एनजे इंडिया इन्वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड में अनुसंधान दल का नेतृत्व किया है।

इसके अलावा, उन्होंने एनजे ग्रुप की कंपनियों में म्यूचुअल फंड रिसर्चर और पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में काम किया है।


NJ PMS की रणनीतियाँ

NJ PMS चार अलग-अलग प्रकार की रणनीति प्रदान करता है, जो निवेशकों की आवश्यकताओं के अनुसार बनाई जाती हैं। सभी चार रणनीतियाँ किसी न किसी आधार पर एक दूसरे से भिन्न हैं। यहां चार रणनीतियों का नाम दिया गया है:

  • एनजे वेल्थ ब्लूचिप पोर्टफोलियो
  • एनजे वेल्थ मल्टीकैप पोर्टफोलियो
  • एनजे इंडिया फ्रीडम ईटीएफ पोर्टफोलियो
  • एनजे ऐडवाईजर डायनामिक स्टॉक आवंटन पोर्टफोलियो
  • एनजे वेल्थ डायनामिक ईटीएफ आवंटन पोर्टफोलियो

एनजे वेल्थ ब्लूचिप पोर्टफोलियो 

एनजे वेल्थ ब्लूचिप पोर्टफोलियो रणनीति का निवेश उद्देश्य अच्छी तरह से स्थापित कंपनियों में धन का निवेश करना है, जिसमें उत्कृष्ट विस्तार का अवसर है और मध्यम अवधि से लम्बी अवधि तक कैपिटल मैं बढ़त उत्पन्न करने में सक्षम हैं।

निवेश रणनीति निम्नलिखित बिंदुओ पर केंद्रित है:

  • फ्री कैश फ्लो, रेवेन्यू ग्रोथ, आरओई, आरओसीई और लोन ग्रोथ के आधार पर मजबूत कंपनियों की पहचान करना।
  • चयनित कंपनियों को बाजार पूंजीकरण द्वारा शीर्ष 300 कंपनियों में आना चाहिए।
  • उपरोक्त मापदंडों के आधार पर, शीर्ष 15 कंपनियों का चयन किया जाता है।
  • शेयरों का पुनर्वित्त एक वार्षिक काम है।

निवेश पोर्टफोलियो में 15 स्टॉक होते हैं जो मार्केट कैप / सेक्टर के आधार पर नहीं चुने जाते हैं।

न्यूनतम आवश्यक निवेश राशि ₹50 लाख और उसके बाद 1 के गुणक में है। रणनीति के लिए न्यूनतम टॉप-अप ₹5 लाख और इसके गुणक में है।

इस रणनीति के प्रदर्शन / रिटर्न को आप बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई के अनुसार देख सकते है।

एनजे वेल्थ मल्टीकैप पोर्टफोलियो

इस रणनीति में निवेश का उद्देश्य उन कंपनियों के लिए दीर्घकालिक पूंजी बढ़ाना है जो पूरे मार्केट कैपिटलाइजेशन रेंज में सबसे अधिक मुनाफ़ अल्फा करते हैं।

ये निवेश रणनीति निम्नलिखित बिंदुओ पर केंद्रित होती है:

  • पिछले कैलेंडर वर्ष में असाधारण रूप से अधिकअल्फा उत्पन्न करने वाले 20 से 30 शेयरों को चुनना।
  • उन कंपनियों की लिक्विडिटी की जाँच करना।
  • इस रणनीति का आधार आईआईएसएल अल्फा 50 है, जिसे निफ्टी लार्ज-कैप 100 और निफ्टी मिडकैप 150 से चुना गया है।
  • रणनीति किसी भी क्षेत्र या बाजार कैपिटलाइजेशन के लिए निष्पक्ष है।
  • पोर्टफोलियो हर तिमाही में एक बार फिर से संतुलित किया जाता है

इस रणनीति के लिए न्यूनतम निवेश ₹50 लाख और उसके बाद 1 के गुणक में है। इसके अलावा, अतिरिक्त टॉप-अप के लिए न्यूनतम निवेश ₹5 लाख प्रति रणनीति है।

इस रणनीति के लिए सेट बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई है।


एनजे इंडिया फ्रीडम ईटीएफ पोर्टफोलियो

फ्रीडम ईटीएफ पोर्टफोलियो रणनीति का निवेश उद्देश्य इक्विटी-अनुकूल ईटीएफ में निवेश करना है जो मध्यम से लंबी अवधि में कैपिटल मैं बढ़त उत्पन्न करती है।

ये निवेश रणनीति निम्नलिखित बिंदुओ पर केंद्रित है:

  • यह पोर्टफोलियो, ईटीएफ के पूरे समूह से बनाया गया है।
  • पोर्टफोलियो मैनेजर अपनी गणना के आधार पर किसी भी ईटीएफ का चयन कर सकता है।
  • पोर्टफोलियो मैनेजर साल में एक बार निवेश पोर्टफोलियो की जाँच करता है।

इस रणनीति के पोर्टफोलियो में विभिन्न सूचकांकों पर नज़र रखने वाले ईटीएफ का एक समूह है।

एक निवेशक को न्यूनतम ₹50 लाख फंड और उसके बाद ₹1 के गुणक में निवेश करना चाहिए। न्यूनतम अतिरिक्त टॉप-अप राशि ₹5 लाख है।

इस रणनीति के तहत पोर्टफोलियो का प्रदर्शन / रिटर्न बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई के अनुसार देख जा सकता है।


डायनामिक स्टॉक आवंटन पोर्टफ़ोलियो

डायनेमिक स्टॉक एलोकेशन पोर्टफोलियो का निवेश उद्देश्य कम से कम अस्थिरता के साथ इक्विटी और डेट सेगमेंट में निवेश के माध्यम से लम्बी अवधि में कैपिटल को बढ़ाना है। और यह तभी संभव है जब आपको इक्विटी में निवेश कैसे शुरू करें की जानकारी हो।

पोर्टफोलियो में 15 स्टॉक और डेट शामिल हैं। पोर्टफोलियो एक विशेष सेक्टर और बाजार कैपिटलाइजेशन के प्रति निष्पक्ष है।

डायनामिक स्टॉक आवंटन पोर्टफोलियो निम्नलिखित बिंदुओ पर केंद्रित है:

  • अच्छी इक्विटी और डेट ऐसेट वर्गों में आवंटन द्वारा निवेश के माध्यम से बेहतर रिटर्न प्राप्त करना।
  • इक्विटी सेग्मेंट के लिए ब्लू-चिप पोर्टफोलियो रणनीतियाँ।
  • बेहतर टैक्स दक्षता, कम क्रेडिट रिस्क, एग्ज़िट चार्ज और अस्थिरता के आधार पर इक्विटी / ऋण का चयन किया जाता है।
  • छमाही आधार पर एसेट एलोकेशन रीबैलेंसिंग और हर साल सिक्योरिटी रीबैलेंसिंग।

आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि ₹50 लाख है और उसके बाद ₹1 के गुणक में। अतिरिक्त टॉप-अप सुविधा ₹5 लाख है, और बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 500 टीआरआई है।


डायनामिक ईटीएफ आवंटन पोर्टफ़ोलियो

इस रणनीति का निवेश उद्देश्य अच्छी तरह से प्रदर्शन करने वाले और कुशल ईटीएफ और आर्बिट्राज फंड में निवेश के माध्यम से लम्बे समय की कैपिटल को बढ़ाना है।

डेट / आर्बिट्राज फंड एक निवेश पोर्टफोलियो बनाते हैं।

इस रणनीति के तहत निवेश निम्नलिखित रणनीतियो पर केंद्रित होता है:

  • अच्छी इक्विटी और डेट ऐसेट्स वर्गों में आवंटन द्वारा निवेश के माध्यम से बेहतर रिटर्न की पेशकश।
  • पोर्टफोलियो मैनेजर इक्विटी पोर्टफोलियो में विभिन्न ईटीएफ में निवेश करता है।
  • इक्विटी / डेट का टैक्स कुशलता के लिये चयन, कम क्रेडिट रिस्क , एग्ज़िट चार्ज और अस्थिरता के लिए बेहतर आधार है।
  • एसेट एलोकेशन रीबैलेंसिंग छमाही आधार पर किया जाता है, और सिक्योरिटी री-बैलेंसिंग हर साल किया जाता है।

न्यूनतम निवेश राशि ₹50 लाख है, और कंपनी द्वारा दी गई अतिरिक्त टॉप-अप सुविधा ₹5 लाख है। फिर से यहा , वापसी को मापने के लिए बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 500 टीआरआई है।


NJ PMS प्रदर्शन

सभी निवेश रणनीतियाँ और कंपनी के उत्कृष्ट पेशेवरों की टीम NJ PMS के उत्कृष्ट प्रदर्शन की ओर आकर्षित करती है।

NJ PMS के पोर्टफोलियो मैनेजमेंटसर्विस ओं के रिटर्न इस प्रकार हैं:

  • तीन साल के लिए लगभग 9% है,
  • पांच साल के लिए, रिटर्न की दर 11% है,
  • सात साल के लिए यह 10% है।
  • दस साल के लिए, वापसी दर 12% है, और
  • 11 और अधिक वर्षों के लिए, रिटर्न 15% सीएजीआर है।

NJ PMS निवेश योजनाएं

प्रत्येक पीएमएस कंपनी ग्राहकों की सुविधा के लिए निवेश योजना बनाती है। यह ग्राहक को पीएमएस में निवेश करने और उनकी फाइनेंशियल क्षमता और रिस्क की क्षमता के आधार पर एक आकर्षक रिटर्न प्राप्त करने में मदद करता है।

NJ PMS चार प्रकार की निवेश योजनाएं भी प्रदान करता है, जो ब्रान्ज़, सिल्वर ,गोल्ड और प्लेटिनम हैं।

ब्रान्ज़: इस निवेश योजना के तहत निवेश की सीमा ₹25 लाख से ₹50 लाख के बीच है। और योजना लो-प्रोफाइल निवेशकों के लिए फिट है।

सिल्वर: यह कंपनी द्वारा पेश किया गया दूसरा निवेश प्लान है। इस योजना में, निवेश सीमा ₹50 लाख से ₹1 करोड़ के बीच है। और मध्यम रिस्क लेने वाले ग्राहकों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है।

गोल्ड: इस योजना के लिए आवश्यक निवेश निधियों की सीमा ₹1 करोड़ से ₹5 करोड़ है। वे निवेशक जिनके पास मामूली या हाई रिस्क लेने की क्षमता है, वे इस योजना के ऑप्शन को चुन सकते हैं।

प्लैटिनम: यह योजना ₹5 करोड़ से ऊपर के निवेश के लिए तैयार निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट ऑप्शन है। आमतौर पर, इन निवेशकों में हाई रिस्क लेने की क्षमता होती है, और यह मार्केट में बड़े पैमाने पर फ़ंड्ज़ लगा सकते है।


NJ PMS चार्जेज़ 

NJ PMS धन या कमीशन साझाकरण मॉडल स्थिति के अनूरूप ढाला जा सकता है। कंपनी अपने ग्राहकों को उनकी पूर्ण संतुष्टि के अनुसार फंड मैनेजर के लिए एक कमीशन व्यवस्था चुनने की अनुमति देती है। एनजे अपने ग्राहकों को कई मॉडलों से चुनने का ऑप्शन प्रदान करता है।

सभी मॉडलों के कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। कमीशन मॉडल हैं:

  • प्रोफ़िट-शेयरिंग बेसड कमीशन मॉडल।
  • प्रीपेड कमीशन मॉडल।
  • वॉल्यूम-बेसड कमीशन मॉडल।

प्रोफ़िट -शेयरिंग बेसड कमीशन मॉडल

यह मॉडल उद्योग में सर्वश्रेष्ठ है। लाभ-साझाकरण-आधारित कमीशन मॉडल में, निवेशक को पोर्टफोलियो के लाभ के बाद ही कमीशन का भुगतान करना होगा। क्योंकि इस मॉडल में, एक पोर्टफोलियो मैनेजर लाभ की प्राप्ति के बाद ही कमीशन चार्ज कर सकता है।

इस मॉडल से जुड़ा पीएमएस निवेश रिस्क कम है, और इसीलिए पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा कमीशन का प्रतिशत बाकी मॉडलों की तुलना में अधिक है।

प्रीपेड कमीशन मॉडल

निवेशक लेनदेन शुरू करने से पहले पोर्टफोलियो मैनेजर को कमीशन का भुगतान करता है। इस मॉडल में, कुल मूल्य के आधार पर एक प्रतिशत तय किया जाता है, जो कि पोर्टफोलियो की लागत में वृद्धि के साथ घटता है।

इस मॉडल के तहत, एक पोर्टफोलियो मैनेजर बहुत सक्रिय नहीं होता है, जैसा की प्रॉफिट शेयरिंग कमीशन मॉडल में होता है। इस मॉडल में, पोर्टफोलियो मैनेजर को पहले से ही कमीशन दे दिया जाता है।

आमतौर पर इस मॉडल में कम प्रतिशत कमीशन लिया जाता है क्योंकि इसमें रिस्क अधिक होता है।

वोल्यूम-आधारित कमीशन मॉडल

पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा एक वर्ष में पूर्ण किए गए लेनदेन के कुल मूल्य पर कमीशन लिया जाता है।

इस मॉडल में, पोर्टफोलियो मैनेजर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है; यदि वह चाहे है, तो वह किसी भी धनराशि को जोड़े बिना पोर्टफोलियो के लिए पूर्ण किए गए लेनदेन की संख्या में वृद्धि करके हाई कमीशन चार्ज ले सकता है।

इसलिए, इस कमीशन मॉडल को चुनने का निर्णय लेने से पहले पोर्टफोलियो मैनेजर के रिकॉर्ड की जांच करना आवश्यक है।

रेंज और कमीशन का प्रतिशत प्रत्येक मॉडल के नीचे दी गई तालिका में उल्लिखित है।

प्रीपेड कमीशन मॉडल (वार्षिक) वोल्यूम-आधारित कमीशन (वार्षिक) प्रोफ़िट-शेयरिंग बेसड कमीशन (वार्षिक)
इन्वेस्टमेंट सीमा  कमीशन का प्रतिशत (%) लेनदेन की राशि की रेंज कमीशन का वॉल्यूम में प्रतिशत (%) प्रोफ़िट  प्रोफ़िट का कमीशन प्रतिशत (%)
₹25 लाख -₹50 लाख 1.30 ₹25 लाख -₹50 लाख 0.13 ₹2.5 लाख -₹5 लाख 23
₹50 लाख -1 करोड़ 1.20 ₹50 लाख -1 करोड़  0.12 ₹5 लाख – 10 लाख 22
₹1 करोड़ -5 करोड़ 1.10 ₹1 करोड़ -5 करोड़ 0.11 ₹10 लाख – 50 लाख 21
₹5 करोड़ से अधिक  1.00 ₹5 करोड़ से अधिक  0.10 ₹50 लाख 

से अधिक 

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NJ PMS चार्ज 

पीएमएस चार्ज विभिन्न प्रकार के अन्य चार्ज हैं, जो एक निवेशक को कंपनी या पोर्टफोलियो मैनेजर को भुगतान करने की आवश्यकता होती है।

वे चार्जेज़ निम्नलिखित हैं:

मैनेजमेंट शुल्क: कंपनी अपने रणनीति प्रकार के आधार पर निवेश के मैनेजमेंट और सलाहकार चार्ज वसूलती है।

अग्रिम शुल्क: इस चार्ज का भुगतान अग्रिम चार्ज के रूप में किया जाता है। इस चार्ज की सीमा एसेट मूल्य के 0.8% से 1.2% के बीच है।

ब्रोकरेज शुल्क: कंपनी की पीएमएस टीम निवेश पोर्टफोलियो के पक्ष में पूर्ण किए गए लेनदेन के लिए यह चार्ज लेती है। चार्ज कहीं 0.008% -0.012% के बीच है।

कस्टोडियन चार्ज: पीएमएस हाउस ने ग्राहकों पर कस्टोडियन चार्ज 0.15% से लेकर एसेट मूल्य के 0.25% तक लगाया है।

डिपॉजिटरी चार्ज: यह चार्ज 0.11% से 0.21% के बीच है।

एग्जिट लोड चार्ज: यदि कोई ग्राहक निवेश / पोर्टफोलियो निर्माण के 365 दिनों के भीतर अपनी राशि को निकालता है, तो ग्राहक को कुल एग्ज़िट राशि पर 2% का चार्ज देना होगा।


NJ PMS के फ़ायदे 

NJ PMS के माध्यम से पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज़ में विभिन्न प्रकार के फ़ायदे हो सकते हैं:

  • प्रफ़ेशनल मैनेजमेंट टीम: कंपनी ने उन पेशेवरों की एक टीम नियुक्त की है जो रिस्क को नियंत्रित करते हुए निवेशक के फाइनेंशियल उद्देश्य के लिए काम करते हैं।
  • मजबूत पृष्ठभूमि: कंपनी के पास इस क्षेत्र में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। तो, यह ग्राहकों के फंड मैनेजरों के लिए बेहतर रिटर्न पाने का सबसे अच्छा तरीका होता है।
  • ऑनलाइन एक्सेस: कंपनी के ग्राहकों को ऑनलाइन एक्सेस की अनुमति दी जाती है। हम कह सकते हैं कि उन्हें अपने पोर्टफोलियो की ऑनलाइन जानकारी जैसे रिपोर्ट और अन्य पोर्टफोलियो जानकारी ऑनलाइन क्लाइंट डेस्क के माध्यम से एक्सेस करने का अधिकार है।
  • व्यापक रणनीति प्रस्ताव: कंपनी के पास ग्राहक की निवेश की जरूरत और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार अनुकूलित रणनीतियों की एक विस्तृत श्रृंखला है।
  • लचीलापन: पोर्टफोलियो मैनेजर निवेश प्रक्रियाओं और पैटर्न के संदर्भ में लचीलेपन का आनंद लेता है। वह निवेशक के पोर्टफोलियो में आवश्यक परिवर्तन करने के लिए स्वतंत्र है। ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार कमीशन मॉडल और निवेश योजना का ऑप्शन भी चुन सकते हैं।
  • अनुकूलित सलाह: एक ग्राहक के रूप में, आपको अपने निवेश उद्देश्य और जोखिम उठाने की क्षमता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद पोर्टफोलियो मैनेजर से अनुकूलित सलाह मिलेगी।
  • सुचारू संचालन: ग्राहक को पोर्टफोलियो मैनेजर से पोर्टफोलियो सर्विस मिलती है, और वह कंपनी से सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदार होता है, जैसे कि पोर्टफोलियो की स्थिति और प्रदर्शन, नियमित रूप से रिपोर्ट, और निवेश पोर्टफोलियो की वर्तमान होल्डिंग, आदि।

NJ PMS कस्टमर सपोर्ट

NJ PMS ग्राहकों को उत्कृष्ट ग्राहक सर्विस प्रदान करता है। कंपनी ग्राहकों को किसी भी निवेश पोर्टफोलियो समस्या को सीधे हल करने के लिए कंपनी को कॉल करने की अनुमति देती है।

ग्राहकों को ईमेल और कॉल सहायता प्रदान की जाती है। ग्राहक के किसी भी पोर्टफोलियो संबंधी समस्या को हल करने और दोनों पक्षों के बीच संबंध को मजबूत बनाने के लिए एक रीलेशनशीप मैनेजर भी नियुक्त किया जाता है।

एक निवेशक फंड मैनेजर को 30 दिनों में 7 से 12 बार सीधे कॉल कर सकता है। निवेशक की समस्या का समाधान अधिकतम दिन 15 कार्य दिवस में किया जाता हैं।

NJ PMS से संपर्क करने के विभिन्न तरीके नीचे सूचीबद्ध हैं:

ईमेल – njpms.services@njgroup.in, grievance@njpms.in

हेल्पडेस्क – 1800 1020 155, 0261 4025901। कोविड-19 के कारण, एनजे हेल्पलाइन (टोल-फ्री नंबर) को 0141 494 1762 में स्थानांतरित कर दिया गया है।


निष्कर्ष

NJ PMS भारत में सर्वश्रेष्ठ पीएमएस में से एक है जो क्लाइंट के जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश उद्देश्य के अनुसार विभिन्न प्रकार की निवेश रणनीतियों की पेशकश करता है।

फंड मैनेजरों और अनुसंधान विश्लेषकों की टीम कंपनी की रीढ़ है।

वे हमेशा निवेशकों के लिए अनुकूलित पीएमएस सर्विस तैयार करने में अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। इसलिए, यदि आप अपने फंड का सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो आप बिना किसी झिझक के NJ PMS चुन सकते हैं।

इस प्रकार, यदि आप एक अच्छी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो हमें चीजों को आगे ले जाने में मदद करें।

आरंभ करने के लिए बस कुछ मूल विवरण भरें:

नाम

ईमेल

मोबाइल *


NJ PMS के बारे में बार बार पूछे जाने वाले प्रशन 

यहां NJ PMS के बारे में सबसे अधिक पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न हैं, जिनके बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए:

  1. NJ PMS द्वारा प्रदान की जाने वाली रणनीतियां कौन सी हैं?

यह कंपनी निम्नलिखित रणनीति प्रदान करती है: जैसे 

  • एनजे वेल्थ ब्लूचिप पोर्टफोलियो
  • एनजे वेल्थ मल्टीकैप पोर्टफोलियो
  • एनजे इंडिया फ्रीडम ईटीएफ पोर्टफोलियो
  • एनजे ऐडवाईजर डायनामिक स्टॉक आवंटन पोर्टफोलियो
  • एनजे वेल्थ डायनामिक ईटीएफ आवंटन पोर्टफोलियो
  1. इसमें कितने न्यूनतम निवेश फंड की आवश्यकता होती है?

सेबी के अनुसार, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस के लिए न्यूनतम आवश्यक फंड ₹50 लाख है।

  1. NJ PMS में टर्मिनेशन चार्ज क्या है?

यदि आप अपने फंड को पोर्टफोलियो निर्माण / निवेश के 365 दिनों के भीतर ही रिडीम कर लेते है, तो NJ PMS 2% टर्मिनेशन चार्ज लेता है।

  1. पोर्टफोलियो मैनेजमेंटयोजना खाता (पीआईएस) क्या है?

एक अनिवासी भारतीय (NRI) को भी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) में निवेश करने की अनुमति होती है। वो अपना पीआईएस अकाउंट (पोर्टफोलियो निवेश योजना खाता) खोलकर निवेश कर सकता हैं।

  1. अतिरिक्त टॉप अप के लिए न्यूनतम निवेश राशि कितनी होती है?

यहाँ अतिरिक्त टॉप अप के लिए हर निवेश रणनीति में न्यूनतम ₹5 लाख होती है।


यदि आप पोर्टफोलियो प्रबंधन की सेवाएं लेना चाहते है तो नीचे दिए फॉर्म में अपनी जानकारी दर्ज करें।
जानकारी दर्ज करने के बाद शीघ्र ही आपको एक कॉलबैक प्राप्त होगी।

पोर्टफोलियो प्रबंधन शुरू करें

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यूटीआई पीएमएस https://hindi.adigitalblogger.com/uti-pms-hindi/ https://hindi.adigitalblogger.com/uti-pms-hindi/#respond Tue, 12 Jan 2021 11:39:47 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=74679 यूटीआई पीएमएस भारत के सबसे पुराने और भरोसेमंद ब्रांडों में से एक है। इस कंपनी को चार स्पोंसर (भारत के लोकप्रिय…

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यूटीआई पीएमएस भारत के सबसे पुराने और भरोसेमंद ब्रांडों में से एक है। इस कंपनी को चार स्पोंसर (भारत के लोकप्रिय बैंकों) की मदद से प्रोमोट किया जाता है। इस कंपनी के द्वारा दी जाने वाली पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाएं निवेशकों को एक आकर्षक रिटर्न प्रदान करती हैं।

यह भी पढ़ें, मुझे पोर्टफोलियो की आवश्यकता क्यों है? और पीएमएस का विवरण

आइए, अब इस सर्विस कंपनी के बैकग्राउंड, इनके निवेशों का प्रदर्शन, इसके द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क, इनके लाभ और कमियों आदि के बारे में भी जानते है।


यूटीआई पीएमएस की समीक्षा 

यूटीआई पीएमएस को वर्ष 2002 में स्थापित किया गया था, और 1 फरवरी, 2003 को इसका संचालन शुरू किया गया था।

इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय जीवन बीमा निगम और पंजाब नेशनल बैंक पोर्टफोलियो मैनेजर के प्रमोटर के रूप में कार्य करते हैं। इसके प्रत्येक स्पोंसर के पास भारत में पीएमएस कंपनियों की पेड-अप शेयर कैपिटल (पूंजी) का 25% हिस्सा है।

इनकी यूटीआई एएमसी, एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जो 14 नवंबर,  2007 को एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदल दी गई थी।

यूटीआई पीएमएस एक पोर्टफोलियो मैनेजर है, जो अपने ग्राहकों को तीन अलग-अलग प्रकार की पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाएं प्रदान करता है। यह तीन सर्विस इस प्रकार है :

  • डिस्क्रिशनरी
  • नॉन – डिस्क्रिशनरी
  • एडवाइज़री सर्विस 

इस कंपनी के पास हाई नेट-वर्थ के ग्राहक, संस्थान और कॉर्पोरेट ग्राहक हैं।

इसके अलावा, आप यूटीआई एएमसी आईपीओ अलॉट्मेंट स्टैट्स भी पढ़ें।

यूटीआई पीएमएस वर्ष 2004 से घरेलू और विदेशीय फंडों का मैनजमेंट कर रहा है। यूटीआई पीएमएस मैनजमेंट करने वाले कुछ विदेशीय फंड हैं:

  • शिंसी इंडिया फंड (यह भारतीय इक्विटी फंड जापान में स्थित है।)
  • रेनबो फंड (यह मॉरीशस में रेजिस्टर्ड एक मल्टी-क्लास  इक्विटी फंड है।)
  • चीन-भारत डायनेमिक ग्रोथ फंड (यह सिंगापुर में स्थित है।)
  • अल मदीना इंडिया फंड, (यह कुवैत में रेजिस्टर्ड एक कम्प्लेंट फंड है।)

भारत की सरकार ने राष्ट्रीय जीवन बीमा (एलआईसी) और राष्ट्रीय कौशल विकास फंड (मुख्य रूप से एक डेबट ओरिएन्टेड फंड) के धन के मैनजमेंट के लिए इस कंपनी को अपना पोर्टफोलियो मैनेजर भी नियुक्त किया हुआ है।

यूटीआई पीएमएस हमें लगभग पांच प्रकार की रणनीतियां प्रदान करते है,  जिसमें एग्रेसिव, मॉडरेट और कन्सर्वेटिव स्ट्रैटजी शामिल हैं।

कंपनी का नाम यूटीआई पीएमएस
स्थापना वर्ष  2002
कंपनी प्रकार पब्लिक लिमिटेड
पीएमएस रणनीतियाँ अग्रेसिव, मॉडरेट और कन्सर्वेटिव स्ट्रैटजी
कमीशन मॉडल प्रीपेड कमीशन, वॉल्यूम-आधारित

कमीशन, प्रॉफिट-शेयरिंग कमीशन


यूटीआई पीएमएस के प्रकार

अब, इस लेख में हम यूटीआई पीएमएस के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे पीएमएस के प्रकार, पीएमएस रणनीतियाँ, कमीशन मॉडल, मैनेजर का विवरण, प्रदर्शन / रिटर्न, निवेश प्लान, शुल्क, ग्राहक सहायता, आदि पर चर्चा करने जा रहे हैं। 

यूटीआई पीएमएस तीन अलग-अलग प्रकार की पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाएं प्रदान करते है। जैसे:

  • डिस्क्रिशनरी
  • नॉन – डिस्क्रिशनरी
  • एडवाइज़री सर्विस 

डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो मैनजमेंट: 

इस पोर्टफोलियो मैनजमेंट सर्विस के तहत, पोर्टफोलियो मैनेजर को निवेशक के पोर्टफोलियो को मैनेज करने का पूर्ण अधिकार होता है। इसमें खाता खोलते समय ही बताये गये निवेशक के रिस्क प्रोफ़ाइल का ध्यान रखकर ही  निवेश किया जाता है।

इसमें ग्राहक समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की स्थिति और प्रदर्शन की भी जांच कर सकता है। और इसमें  पोर्टफोलियो मैनेजर को कोई भी कदम उठाने से पहले अपने ग्राहक को सूचित करना पड़ता है।

यह कंपनी अपने ग्राहकों को दो प्रकार के ऑप्शन प्रदान करती है, जैसे फिक्स फीस (निर्धारित शुल्क) और फिक्स प्लस वैरीऐब्ल फीस।

नॉन – डिस्क्रिशनरी पोर्टल मैनजमेंट:

इस पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा के तहत, ग्राहक उस कदम को निर्देशित करता है, जो उसके पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा लिया जाना चाहिए। इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर निवेश पोर्टफोलियो को संभालते हुए निष्क्रिय रूप से कार्य करता है,  जबकि इसमें एक्टिव भूमिका केवल ग्राहक द्वारा ही निभाई जाती है।

इस सेवा में, पोर्टफोलियो मैनेजर अपने ग्राहक की तरफ़ से ट्रेडों को पूरा करता है, सेटेलमेंट करता है, और उन्हें अपनी निगरानी में रखने के साथ साथ उसके अन्य बैक-ऑफ़िस कार्यों को भी करता है।

इस सर्विस की फीस, फिक्स फीस / पोर्टफोलियो पर मिलने वाले रिटर्न का मिश्रण होती है।

एडवाइज़री पोर्टफोलियो प्रबंधन:

इसमें अपने ग्राहकों की रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर, उनके पोर्टफोलियो मैनेजर समय-समय पर उन्हें सलाह देते है। हालांकि, इसमें पोर्टफोलियो निवेश से संबंधित अंतिम निर्णय ग्राहक के पास ही होता है।

इसमें फीस एक फिक्स आधार या वैरीऐब्ल आधार पर चार्ज की जाती है, जो कि खाता खोलने के फॉर्म के नियमों के रूप में लिखा होता है।


यूटीआई पीएमएस फंड मैनेजर

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी का प्रदर्शन उनके पोर्टफोलियो मैनेजर, विश्लेषकों और फंड मैनेजरों की टीम पर निर्भर करता है।क्योंकि उनकी विशेषज्ञता और अनुभव ही निवेशकों को बेहतर रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।

यूटीआई पीएमएस के पास विशेषज्ञों की एक टीम भी है, और अब यहां हम कंपनी के मुख्य फंड मैनेजर के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।

श्री अजय त्यागी (फंड मैनेजर):

यूटीआई फंड मैनेजमेंट टीम में अजय त्यागी जी फंड मैनेजर और कार्यकारी उपाध्यक्ष हैं। वह लगभग सभी कुछ मैनेज करते है। वह तक़रीबन $2 बिलियन एएमयू से अधिक के घरेलू और विदेशी ग्राहकों के फंड को माँगे करते है।

वह वर्ष 2000 में एक इक्विटी विश्लेषक के रूप में पोर्टफोलियो मैनेजर में शामिल हुए थे, और तभी से टेलीकॉम, आईटी और मीडिया जैसे क्षेत्रों पर नज़र रख रहे हुए है।

अजय त्यागी जी के पास सीएफए की डिग्री है और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए भी पूरा किया हुआ है।


यूटीआई पीएमएस की रणनीतियाँ 

इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर निवेशकों को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं और रिस्क प्रोफ़ाइल के अनुसार विभिन्न प्रकार की रणनीतियां प्रदान करता है। फिर यही रणनीतियां इनके निवेशकों को उनकी उम्मीद के मुताबिक बेहतर रिटर्न दिलाने में मददग़र साबित होती हैं।

यह कंपनी, लॉन्ग टर्म, मिड-टर्म और शॉर्ट टर्म निवेश रणनीतियों पर काम करती है। इसमें ग्राहकों की जरूरतों को जानने के बाद ही पैसा लगावाया जाता है।

अब यहां पर आपके लिए निवेश रणनीतियों की सूची दी गई है: जैसे 

  • एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी
  • मॉडरेट इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी
  • कन्सर्वेटिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी

एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी

इस कंपनी की आक्रामक निवेश रणनीति से तात्पर्य उस निवेश के प्रकार से है, जिसमें अपेक्षाकृत अधिक उच्च स्तर का रिस्क लेकर उच्च मुनाफ़े की उम्मीद की जाती है।

इस रणनीति का उद्देश्य मूलधन या इनकम की सुरक्षा के बजाय पूंजी को बढ़ाना है।

यह रणनीति उन निवेशकों के लिए बिल्कुल ठीक है, जो मार्केट में एक उच्च राशि का निवेश करने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत हैं, और जिनमे उच्च रिस्क लेने की क्षमता है। इसलिए यह रणनीति युवा निवेशकों के लिए एकदम उपयुक्त है।

इस एग्रेसिव रणनीति के लिए, मॉडरेट और कन्सर्वेटिव रणनीति की तुलना में मैनजमेंट अधिक एग्रेसिव होना चाहिए।

और इस एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी के प्रदर्शन को मापने के लिए बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई मिड-कैप इंडेक्स है।

मॉडरेट इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी

इस रणनीति का उद्देश्य मार्केट के उतार-चढ़ाव के खिलाफ निवेशकों के एसेट की रक्षा करना है। इसलिए उच्च रिटर्न इस रणनीति का प्राथमिक उद्देश्य नहीं है, लेकिन इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य पूंजी संरक्षण है।

इस मध्यम निवेश रणनीति के तहत निवेश 4-6 वर्षों की अवधि में मिड-टर्म के लिए किया जाता है। इस रणनीति के पोर्टफोलियो मिश्रण में आम तौर पर 10% मनी मार्केट, 50% इक्विटी और 40% बॉन्ड शामिल  होते है।

इस रणनीति को वही निवेशक पसंद करते हैं, जिनकी निवेश और रिस्क उठाने की की क्षमता मध्यम होती हैं। वे केवल थोड़ा सा ही रिस्क उठा सकते हैं और अपने निवेश से अच्छा रिटर्न पाने के लिए पैसा लगा सकते हैं।

कन्सर्वेटिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी 

कन्सर्वेटिव स्ट्रैटजी का उद्देश्य निवेश रिटर्न पर पूंजी संरक्षण है। इस रणनीति के माध्यम से आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू को सुरक्षित करने के लिये कम रिस्क वाली सिक्योरिटी जैसे कि मनी मार्केट और फिक्स डिपॉजिट, ब्लू-चिप / लार्ज-कैप कंपनियों में निवेश किया जाता है।

जो लोग कन्सर्वेटिव स्ट्रैटजी चुनते हैं, उनमें रिस्क लेने की क्षमता मध्यम या कम होती है।

कन्सर्वेटिव स्ट्रैटजी के तहत निवेश पोर्टफोलियो मुख्य रूप से इक्विटी के बजाय डेबट रखता है।

इस स्ट्रैटजी का सबसे अच्छा उदाहरण एक रिटायर्ड व्यक्ति है।क्योंकि वे रिस्क लेने की स्थिति में नहीं होते हैं, लेकिन इसके बजाय वे अपनी मूल राशि के लिए भी सुरक्षा चाहते हैं।


यूटीआई पीएमएस का प्रदर्शन

इन सभी तीनों रणनीतियों के प्रदर्शन की चर्चा नीचे दिए गए टेबल में प्रत्येक के बेंचमार्क के सामने की गई है। प्रदर्शन टेबल में केवल उन ग्राहकों के पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को दिखाया गया है, जिन्होंने उस विशेष अवधि के लिए पीएमएस सेवाओं का लाभ उठाया है।

पिछले तीन वर्षों की पीएमएस रणनीतियों से रिटर्न:

पीएमएस रणनीतियाँ /बेंचमार्क  1-साल रिटर्न  (31 मार्च 2019 का) 1-साल रिटर्न  (31 मार्च 2018 का) 1-साल रिटर्न  (31 मार्च 2017 का)
एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी 12.75 15.97 19.49
बीएसई मिड कैप इंडेक्स -3.03 13.24 32.75
मॉडरेट इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी 14.99 11.78 16.52
बीएसइ 500 इंडेक्स 8.35 11.82 24.02
कन्सर्वेटिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी  11.80 7.63 16.04
निफ़्टी इंडेक्स 14.93 10.25 18.55

उपरोक्त यूटीआई पीएमएस रणनीतियों के प्रदर्शन टेबल से हम यह देख सकते हैं, कि इनकी पहली दो रणनीतियाँ “एग्रेसिव” और “मॉडरेट” ने पिछले तीन वर्षों में निवेशकों को अच्छे रिटर्न दिए है। इन रणनीतियों ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स को रिटर्न के अच्छे प्रतिशत के साथ हराया है।

हालाँकि, इनकी तीसरी रणनीति कन्सर्वेटिव ने इन वर्षों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। इसलिए इसका बेंचमार्क इंडेक्स प्रतिशत रिटर्न सभी तीन वर्षों में कम है।

इसलिए, प्रदर्शन टेबल के आधार पर कोई भी इसमें इनके पोर्टफोलियो मैनेजर के साथ अपने पैसे का निवेश कर सकता है।


यूटीआई पीएमएस निवेश प्लान 

इस कंपनी द्वारा पेश किये जाने वाले निवेश प्लान इनके निवेशकों की सभी श्रेणियों को आकर्षित करती है। इनके निवेशक कम, मध्यम और उच्च वित्तीय क्षमता के भी हो सकते  है। इसलिए, इस कंपनी ने एक ऐसा निवेश प्लान बनाया है, जो इनके साथ निवेश करने वाले निवेशकों की प्रत्येक श्रेणी के अनुकूल है।

यूटीआई पीएमएस द्वारा बनाये निवेश प्लान निम्नलिखित हैं: जैसे 

  • ब्रॉन्ज़ (₹25,00,000 से ₹50,00,000)
  • सिल्वर (₹50,00,000 से ₹​1 करोड़)
  • गोल्ड (₹1 करोड़ से ₹5 करोड़)
  • प्लेटिनम (₹5 करोड़ या उसे अधिक)

ब्रॉन्ज़ 

यह एक मूल निवेश योजना है, और इसमें निवेश राशि सेबी के निर्देशन के अनुसार होती है। लेकिन अगर आप कम रिस्क प्रोफाइल वाले ग्राहक हैं, और आपकी वित्तीय क्षमता भी कम है, तो आप इस योजना को अपने लिये चुन सकते हैं।

इसके अधिक नियमों और विनियमों को जानने के लिए आप पीएमएस एसबीआई के उल्लेख को देख सकते हो।

सिल्वर

सिल्वर, यह दूसरी निवेश योजना कंपनी द्वारा उन निवेशकों के लिए बनाई गई है, जो ₹50 लाख से ₹1 करोड़ के बीच निवेश कर सकते हैं।क्योंकि इस योजना के तहत निवेशकों का रिस्क प्रोफ़ाइल मध्यम होता है।

गोल्ड

‘गोल्ड’ इस  कंपनी द्वारा पेश की जाने वाली एक और निवेश योजना है। लेकिन यह योजना केवल उन निवेशकों को सबसे अच्छी लगती है, जिनमे अधिक रिस्क लेने की क्षमता होती है, और वे ₹1 करोड़  से ₹5 करोड़  तक का निवेश करने के लिए तैयार होते हैं।

प्लैटिनम

यह योजना हाई नेट-वर्थ वाले ग्राहकों के लिए सबसे अच्छी है। क्योंकि वो लोग ₹5 करोड़ से ऊपर निवेश कर सकते हैं,  और इसके पोर्टफोलियो में निवेश करके हाई रिटर्न प्राप्त करने के लिए हाई रिस्क उठा सकते है।


यूटीआई पीएमएस कमीशन मॉडल

यह कंपनी अपने निवेशकों को तीन बुनियादी कमीशन मॉडल प्रदान करती है। जिससे वे अपनी सुविधा और रिस्क प्रोफ़ाइल के अनुसार किसी भी मॉडल का चयन कर सकते हैं।

इसका प्रत्येक मॉडल विभिन्न कारकों पर आधारित होता है, जैसे प्रॉफिट, लेनदेन की मात्रा और पोर्टफोलियो का कुल मूल्य आदि।

यहाँ इस कंपनी के कमीशन मॉडल के नाम निम्नलिखित है: जैसे 

  • प्रॉफिट बेस्ड कमीशन मॉडल
  • प्रीपेड कमीशन मॉडल
  • वॉल्यूम-बेस्ड कमीशन मॉडल

प्रॉफिट-बेस्ड कमीशन मॉडल:

इसकी सबसे अधिक मांग वाला और लाभदायक कमीशन मॉडल है। इस कंपनी के अधिकांश निवेशक इस कमीशन मॉडल के माध्यम से हाई कमीशन का भुगतान करना चाहते हैं।

इस मॉडल के तहत, निवेश पोर्टफोलियो से अर्जित कुल लाभ के आधार पर पीएमएस कमीशन का भुगतान किया जाता है।

इसमें आपका पोर्टफोलियो मैनेजर आपके लिए लाभ कमाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देता है, क्योंकि वो जानता है कि उसका कमीशन आपके लाभ पर निर्भर करता है। इसलिए यदि आपको कोई लाभ नहीं होगा, तो पोर्टफोलियो मैनेजर का कोई कोई कमीशन नहीं बनेगा।

इसलिए, यह मॉडल निवेश पोर्टफोलियो से जितना संभव हो उतना बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करता है।

इसमें कमीशन का प्रतिशत दोनों पक्षों के बीच समझौते के समय तय कर लिया जाता है।

इसमें निवेशक के लाभ की सीमा जितनी अधिक होती है, उतना ही पोर्टफोलियो मैनेजर की कमीशन का प्रतिशत कम होता है।

प्रीपेड कमीशन मॉडल:

इस मॉडल के तहत कमीशन का भुगतान पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा प्राप्त करने से पहले ही एडवांस में कर दिया जाता है। इस मॉडल का एक फ़ायदा यह है, कि आपको हाई रिटर्न या हाई लेनदेन की मात्रा के लिए हाई कमीशन का भुगतान नहीं करना पड़ता है।

इसके साथ साथ इसमें भी समझौते के समय ही दोनों पक्षों के बीच कमीशन का प्रतिशत तय कर लिया जाता है।

लेकिन इस मॉडल में, यह भी संभावना होती है,  कि आपका पोर्टफोलियो मैनेजर हर समय प्रॉफिट-बेस्ड कमीशन मॉडल की तरह सतर्क न रहे।

वॉल्यूम-बेस्ड कमीशन मॉडल:

यह मॉडल किसी विशेष निवेश पोर्टफोलियो से संबंधित कुल लेनदेन की मात्रा पर आधारित होता है।

इसमें आप अपने पोर्टफोलियो मैनेजर को एक वर्ष में कुल वोल्यूम के आधार पर भुगतान किया जाता है। इसमें आपके लेनदेन की मात्रा आपके पोर्टफोलियो मैनेजर के कमीशन का फैसला करती है।

इसलिए आपके लेनदेन की कुल मात्रा जितनी अधिक होगी, आपके पोर्टफोलियो मैनेजर का कमीशन उतना ही अधिक होगा और इसके विपरीत आपके लेनदेन की कुल मात्रा जितनी कम होगी, आपके पोर्टफोलियो मैनेजर का कमीशन भी उतना कम होगा।

इसलिए, इस मॉडल में यह संभावना होती है कि आपका पोर्टफोलियो मैनेजर अनावश्यक या लाभहीन लेनदेन करके अपने लिए लेनदेन की मात्रा को बढ़ा दे।

चलिए, अब हम आपके साथ नीचे दिए गए टेबल में आपकी कुल आय के प्रतिशत और श्रेणी, पोर्टफोलियो मूल्य और कुल प्रोफ़िट पर चर्चा करने जा रहे हैं:

प्रीपेड कमीशन (वार्षिक) वॉल्यूम -बेस्ड कमीशन (वार्षिक) प्रॉफिट शेयरिंग कमीशन (वार्षिक) 
निवेश सीमा निवेश का (%) कमीशन  लेनदेन की वॉल्यूम सीमा  वॉल्यूम का (%) कमीशन प्रॉफिट प्रॉफिट का (%) कमीशन
₹25 L- 50L 1.50 ₹25 L- 50L 0.23 ₹2.5L- 5L 32
₹50L-1 करोड़  1.40 ₹50L-1 करोड़ 0.21 ₹5L- 10L 27
₹1 करोड़ -5 करोड़ 1.30 ₹1 करोड़ -5 करोड़ 0.19 ₹10L- 50L 22
₹5 करोड़ या उससे अधिक  1.20 ₹5 करोड़ या उससे अधिक 0.16 ₹50L

या उससे अधिक

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यूटीआई पीएमएस शुल्क  

इस कंपनी एक निवेशक को कमीशन के अलावा, कुछ अन्य शुल्क भी अदा करने होते हैं, जैसे कि मैनजमेंट फ़ीस, ब्रोकरेज चार्ज, कस्टोडियन चार्ज, एंट्री-एग्जिट चार्ज आदि, जिन्हें पीएमएस शुल्क भी कहा जाता है।

डिस्क्रिशनरी पीएमएस के लिए:

इसमें किसी ग्राहक के निवेश पोर्टफोलियो के एनएवी का 5% तक एक निश्चित मैनजमेंट फ़ीस ली जाती है।

इनकी मैनजमेंट फीस का दूसरा तरीका है (फिक्स्ड + वेरिएबल)। इस प्रणाली में, एनएवी का 5% और परिवर्तनीय शुल्क जो कि सकारात्मक वार्षिक पोर्टफोलियो रिटर्न से जुड़ा हुआ होता है, वह फ़ीस के रूप में लिया जाता है।

यूटीआई पीएमएस अपने ग्राहकों से विथड्रा फीस भी लेता है। ये फ़ीस, पोर्टफोलियो मैनजमेंट समझौते के साथ अटैच फ़ीस की अनुसूची के अनुसार लिया जाता है।

यह कंपनी दोनों पक्षों के बीच समझौते के अनुसार ब्रोकरेज फ़ीस, कस्टोडियन चार्ज आदि भी चार्ज करती है।


यूटीआई पीएमएस के फायदे  

यूटीआई पीएमएस निवेशकों को बहुत सारे लाभ प्रदान करता है,  ताकि उन्हें किसी भी सेवा की कमी से कहीं भी जाने की आवश्यकता न पडे।

यहां पीएमएस निवेशक के रूप में आपको मिलने वाले लाभों की सूची दी गई है।

विभिन्न रणनीतियाँ: यूटीआई पीएमएस अपने  ग्राहकों को कई प्रकार की निवेश रणनीतियों की पेशकश करता है। इन रणनीतियों को इन्होंने अपने निवेशको की वित्तीय स्थिति और रिस्क प्रोफ़ाइल के अनुसार सुविधाजनक रणनीति प्रदान करने की दृष्टि से बनाया है।

सुविधाजनक कमीशन मॉडल:  यह कंपनी अपने निवेशको को कमीशन के तीन अलग-अलग आधार प्रदान करती है,  जिसके द्वारा इनका ग्राहक अपने पोर्टफोलियो मैनेजर को कमीशन का भुगतान कर सकता है।

इन्होंने कमीशन फ़ीस की तकनीक ग्राहक को उनके आराम के अनुसार भुगतान करने में मदद करने के लिए बनाई है।

बेहतर रिटर्न:  इनकी  तीन में से दो निवेश रणनीतियाँ वर्षों से निवेशकों को बेहतर रिटर्न दे रही हैं। क्योंकि वह रणनीतियाँ इस तरह बनाई गयी  हैं, कि वे अपने ग्राहकों के वित्तीय उद्देश्य के अनुसार काम करती हैं। 

ग्राहक सहायता: इस कंपनी द्वारा बहुत अच्छा ग्राहक समर्थन प्रदान किया जाता है। इसके निवेशक जिस प्रकार चाहते है, उसी प्रकार उनके प्रश्नों को हल किया जाता  है।

इसके लिए दोनों पक्षों के बीच संबंध मजबूत बनाने के लिए इस कंपनी द्वारा एक रिलेशनशिप मैनेजर भी नियुक्त किया जाता है।

नुभवी विशेषज्ञ : इसमें अच्छी तरह से अनुभवी प्रफेशनलस की टीम निवेशकों के पोर्टफोलियो को संभालती है,  जिससे बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है।

इनकी यह टीम मार्केट और पोर्टफोलियो पर चौबीसों घंटे ध्यान रखती है,  ताकि वे आवश्यक कदम तुरंत उठा सकें।


यूटीआई पीएमएस ग्राहक सहायता

यदि कोई कंपनी अपने ग्राहकों को अच्छी ग्राहक सहायता प्रदान करती है, तो ग्राहक के साथ उसके संबंध लम्बे समय तक बने रहने की संभावना बढ़ जाती है।

इसलिये यूटीआई पीएमएस भी अपने ग्राहकों का बहुत सपोर्ट करता है। ये अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करता हैं,  ताकि इनकी पीएमएस सेवाये  प्राप्त करते समय उन्हें किसी समस्या का सामना न करना पड़े।

यह कंपनी अपने निवेशकों को ईमेल और कॉल सुविधा भी प्रदान करती है,  ताकि वे अपने प्रश्नों का उत्तर जाने के लिए कंपनी को सीधे कॉल कर सकें। और  इसके लिए कंपनी ने एक रिलेशनशिप मैनेजर भी नियुक्त किया हुआ है।

इस कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों को दिया हुआ एक और समर्थन यह है, कि उनके पास अपने पोर्टफोलियो मैनेजर को सीधे कॉलिंग करने की सुविधा है।

इनका कोई भी ग्राहक अपने पोर्टफोलियो मैनेजर से अपने निवेश पोर्टफोलियो से संबंधित सीधे कोई भी प्रश्न पूछ सकता है। लेकिन एक महीने में कॉल की संख्या उनके पोर्टफोलियो के मूल्य के आधार पर तय की जाती है।

यूटीआई पीएमएस का आपकी किसी भी समस्या को हल करने वाला टीएटी 8-10 कार्य दिवस होता है।


निष्कर्ष

यूटीआई पीएमएस पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा के क्षेत्र में एक ब्रांड नाम है। यह कंपनी बहुत पुरानी है, और उसने अच्छी सेवाएँ देकर ग्राहकों का भरोसा हासिल किया है।

इस कंपनी द्वारा बनाई गई निवेश रणनीतियां इनके निवेशक के सभी उद्देश्य की श्रेणियों को कवर करती हैं, और इसके साथ ही इसमें कोई भी निवेशक अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार इनकी किसी भी निवेश योजना का चयन कर सकता है।

इस कंपनी के कमीशन मॉडल और अन्य चार्जस भी उद्योग के अनुसार फ़ायदेमंद और कम हैं।

इनकी ग्राहक सहायता प्रणाली भी इनके ग्राहक की जिससे वे असुविधाजनक और असहज महसूस करते हैं उनके प्रत्येक चरण में मदद करती है।

इसलिए, उपरोक्त सभी बातों पर विचार करके आप बिना किसी परेशानी के यूटीआई पीएमएस के साथ अपने पोर्टफोलियो निवेश की योजना बना सकते हैं।

यदि आप अपनी निवेश पूंजी के लिए पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं का उपयोग शुरू करना चाहते हैं,

तो आगे के कदम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए गए फॉर्म में बुनियादी विवरण भरें और उसके बाद हम आपके लिए कॉल बैक की व्यवस्था करेंगें।  

पोर्टफोलियो प्रबंधन शुरू करें


यूटीआई पीएमएस के बारे में अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल 

यहां यूटीआई पीएमएस के बारे में सबसे अधिक पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न हैं,  जिनके बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए:

प्रश्न: किसी को भी यूटीआई पीएमएस क्यों चुनना चाहिए?

उत्तर: यूटीआई पीएमएस अपने ग्राहकों को फंड मैनजमेंट विशेषज्ञता, दैनिक पोर्टफोलियो पहुंच, कुशल संचालन, लागत प्रभावी गुणवत्ता जैसी सेवाये  प्रदान करता है, और अंत में महत्वपूर्ण बात यह है, कि वे आपको मानसिक शांति भी प्रदान करते है।

प्रश्न: क्या कंपनी द्वारा पोर्टफोलियो वापसी की कोई गारंटी है?

इसका उत्तर बहुत स्पष्ट है ‘नहीं’। यूटीआई पीएमएस रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देता है। इस बात के बारे में कोई निश्चितता भी नहीं है, कि आपको यूटीआई से भी कोई रिटर्न मिलेगा या किसी मामले  में कोई पूंजी संरक्षण होगा।

प्रश्न: क्या पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा में निवेश करने  की कोई न्यूनतम राशि सीमा है?

हां, 25 लाख रुपये पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा में निवेश करने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि है।

क्या कोई निवेशक अपने खाते से आंशिक राशि निकाल सकता है?

हां, इसमें  इनके  निवेशक को आंशिक राशि निकालने की अनुमति है। हालांकि, उस निवेशक को 25 लाख का न्यूनतम संतुलन बनाए रखना आवश्यक होता  है।

 

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क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है? https://hindi.adigitalblogger.com/is-pms-a-good-investment-hindi/ https://hindi.adigitalblogger.com/is-pms-a-good-investment-hindi/#respond Mon, 04 Jan 2021 07:02:50 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=72787 पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के जो ट्रेंड आ रहे है, उनसे पता चलता है कि यह बहुत ही अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प…

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PMS के अन्य लेख

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के जो ट्रेंड आ रहे है, उनसे पता चलता है कि यह बहुत ही अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प है। लेकिन क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है? 

निवेश विकल्पों की विशाल सूची के बीच, पीएमएस सेवाओं को अक्सर एक कारण या दूसरे के लिए अनदेखा किया जाता है। मुख्य रूप से, इन्वेस्टमेंट टूल, हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) के साथ जुड़ा हुआ है।

ग्राहक पीएमएस कंपनियों से संपर्क करते हैं। उनका पहला प्रश्न यही होता है कि पीएमएस हाउस कैसे कार्य करता है? आमतौर पर स्टॉकब्रोकर और निवेश प्रबंधन कंपनियां ग्राहकों की ओर से पोर्टफोलियो के प्रबंधन के उद्देश्य को पूरा करती है।

पोर्टफोलियो स्टॉक में किए गए निवेश या वित्तीय साधनों जैसे कि डेरिवेटिव, शेयर, इक्विटी, कमोडिटी, इत्यादि के संयोजन होते हैं।

किसी भी इन्वेस्टमेंट में निवेश करने से पहले निवेशक बहुत विचार करता है। यह विचार वित्तीय साधन, निवेश की मात्रा, जोखिम कारक, आदि को लेकर हो सकता है।

पीएमएस  में न्यूनतम इन्वेस्टमेंट 50 लाख रुपए की होती है। इसलिए यह प्रश्न जायज़ है- क्या पीएमएस अच्छी इन्वेस्टमेंट है? 

यहाँ पर हम क्लाइंट्स को दिए जाने वालो लाभों और इस इन्वेस्टमेंट में क्या रिस्क है, इस बारे में बात करेंगे। 


पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की विशेषताएं 

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के लाभों को जानने के लिए, हमे पहले इनका मूल्यांकन करना होगा।

सबसे पहले पीएमएस की विशेषताओं के साथ शुरू करते है-

  1. उच्च रिटर्न- पीएमएस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी इन्वेस्टमेंट में उच्च रिटर्न मिलता है। पोर्टफ़ोलियो का प्रबंधन पेशेवर निधि प्रबंधकों द्वारा किया जाता है, जिनको  वर्षों का अनुभव होता है और यह   ग्राहक की उम्मीदों को पूरा करते हैं।
  2. पोर्टफोलियो की स्वायत्तता – पीएमएस सेवा का चयन करने वाले निवेशक अपने पोर्टफोलियो पर पूर्ण स्वायत्तता का आनंद लेते हैं। निवेशक के पास निवेश की खरीद, बिक्री और समय के बारे में पूर्ण जानकारी होती है।
  3. नियमित रूप से निवेश करना- निवेशक अपने निवेश पर सबसे लाभ कमाना चाहता  हैं ऐसा वह  पीएमएस के माध्यम से नियमित और व्यवस्थित रूप से निवेश कर हासिल कर सकते हैं। नियमित रूप से छोटे निवेश करने से समय के साथ मुनाफा बढ़ सकता है।
  4. सही निर्णय – कुछ निवेशक  को ज्ञान या अपेक्षित अनुभव की कमी होती है, जिसके कारण उनको पोर्टफोलियो  एक कठिन कार्य लगता है निवेश का अर्थ है  सही निर्णय लेना या दूसरे शब्दों में – सही समय पर सही स्टॉक  का चयन करना।
  5. इन्वेस्टमेंट को ट्रैक करने में आसानी- पेशेवरों द्वारा प्रबंधित एक विविध पोर्टफोलियो होने से सभी परिसंपत्तियों का ट्रैक रखने में एक निवेशक को आसानी होती है। कई परिसंपत्तियों में निवेश करना कभी-कभी भ्रामक हो सकता है और इसलिए कुछ निवेशक एक ही पोर्टफोलियो में कई परिसंपत्तियों को मिलाकर चुनते हैं।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के नुकसान

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का सबसे बड़ा नुकसान यह है,कि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में प्रारंभिक न्यूनतम निवेश पूंजी अधिक होती है,इससे  आमतौर पर निवेशक डर जाता है।

इसके इलावा पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कुछ अन्य नुकसान भी है, जिसके बारे में इन्वेस्टर को पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।

पीएमएस के नुकसान की वर्णन नीचे किया गया है-

  1. न्यूनतम निवेश राशि- पीएमएस का सबसे बड़ा नुकसान इसका प्रारंभिक न्यूनतम निवेश है, जो बहुत अधिक है । इन्वेस्टर कम से कम 50 लाख रुपए की पूंजी निवेश करके ही,पीएमएस सर्विसेज की उपयोग कर सकता है। यह कई रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए बाधा साबित होती है।
  2. पोर्टफोलियो का विविधीकरण – विविधता ठीक होती है, लेकिन कभी-कभी इन्वेस्टर कार्य के साथ ओवरबोर्ड जा सकते हैं। विभिन्न वित्तीय साधनों पर निवेश करना आपके पक्ष में काम कर सकता है, और वही यह नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। निवेशक एक शेयर में निवेश करने से संभावित लाभ को खो भी  सकता सकता है ।

एक बार पीएमएस की पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद आपको यह जानकारी भी होनी चाहिए कि इन्वेस्टर किस पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज में कैसे इन्वेस्ट करे।


निष्कर्ष

क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है? संक्षेप में, हाँ । वैसे, कई कारण हैं जो इस सेवा को एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। हालांकि, इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप इस निवेश से सबसे अधिक लाभ कमा सकते हो।

इसमें इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो का ध्यान  प्रोफेशनल पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा रखा जाता है ताकि इन्वेस्टर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।

एक इन्वेस्टर जिसके पास निवेश में अनुभव और विशेषज्ञता का अभाव है, वह पीएमएस सेवा की सदस्यता का चयन कर सकता है। इसके अलावा, इन्वेस्टर को अपने निवेश पर पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त होती है और वे अपने विवेक के अनुसार लेनदेन कर सकते हैं।

जहाँ पीएमएस सर्विसेज के कई लाभ है, वही इसके कुछ नुकसान भी है। पीएमएस सेवाओं का लाभ केवल कम से कम 50 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी लगाने  वाले इन्वेस्टर को ही मिल सकता है।

इसलिए, यह कई रिटेल इन्वेस्टर के लिए एक बाधा बन जाता है। जिसके बाद वह अन्य कम महंगे फाइनेंशियल सेक्टर का विकल्प चुन लेते हैं।


यदि आप सब ब्रोकर के रूप में बिज़नेस करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

आप नीचे प्रदर्शित फार्म में भरकर भी शुरुआत कर सकते हैं और आपको शीघ्र ही एक कॉलबैक प्राप्त होगी।

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PMS के अन्य लेख

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) निवेशकों को उनके ट्रेड को मैनेज करने में सहायता करता है। एक निवेशक को पीएमएस और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा के प्रकार के बारे में समझकर ही निवेश करना चाहिए।

आज, हम पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के प्रकार पर चर्चा करेंगे। लेकिन इससे पहले आपको पोर्टफोलियो की परिभाषा समझनी चाहिए। आपको पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज(PMS) के बारे में विस्तार से पता होना चाहिए।

इसके अलावा, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज रेगुलेशन सेबी के बारे में पढ़ें और जानिए वॉरेन बफे की तरह पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?

पोर्टफोलियो, डेरिवेटिव्स, कमोडिटीज, कैश, ईटीएफ और क्लोज-एंड फंड जैसे वित्तीय सगमेंट्स का एक समूह है। यह एक सामान्य धारणा है कि पोर्टफोलियो में केवल वित्तीय साधन होते हैं हालांकि ऐसा नहीं है।

एक पोर्टफोलियो में रियल एस्टेट, निजी निवेश, कला और अन्य फाइनेंशियल सेग्मेंट्स भी शामिल हैं।

चलिए, अब पोर्टफोलियो की परिभाषा को समझने के बाद पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के अर्थ जानते हैं।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के फीचर्स न केवल ब्रोकर द्वारा बल्कि कई नामी कंपनियों द्वारा भी बढ़ाए जाते हैं। PMS के लिए क्लाइंट बेस हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और इंस्टीट्यूशंस हैं।

सेवा का विस्तार करने वाली कंपनियों को ग्राहक के पोर्टफोलियो को मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर नियुक्त करना होगा।

पोर्टफोलियो के प्रबंधन में शामिल जोखिमों की गणना और पोर्टफोलियो के नकारात्मक को कम करने के द्वारा किया जाता है।

जब एक फंड मैनेजर एक पोर्टफोलियो को संभालता है, तो उद्देश्य निवेशकों की गलतियों को कम करना है जो निवेशक के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।

नए पीएमएस सेबी रेगुलेशन यह है कि पीएमएस पंजीकरण सेवा का लाभ उठाने के लिए पीएमएस में न्यूनतम निवेश की आवश्यकता 50 लाख है, जिसे सेबी द्वारा नवंबर 2019 में 25 लाख से बढ़ा दिया गया था।

एक फंड मैनेजर आपके निवेश को संभाल सकता है, लेकिन आप स्वामित्व का अधिकार बरकरार रख सकते हैं।आप अपने डीमैट खाते का उपयोग करके निवेश किए कर सकते हैं।

पोर्टफ़ोलियो सौंपने से पहले सहायता के शुल्क  पर सहमति दी जाती है। इसमें दो पार्टी, निवेशक और फंड मैनेजर,फ़्यूचर में होने वाली किसी भी समस्या को कम करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं।

यह भी पढ़ें: क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है?


Portfolio Management Types in Hindi

पोर्टफोलियो प्रबंधन एक ऐसा कार्य है जिसके लिए स्टॉक मार्केट के कार्यप्रणाली के बारे में पूरी समझ होनी चाहिए.

निवेशक पोर्टफोलियो बनाने और प्रबंधित करने का काम किसी और वह किसी अन्य निवेशक को सौंपता है जब उसे ट्रेडिंग से जुड़ा कम ज्ञान होता है या समय की कमी होती है। 

आइए, जानते हैं कि निवेशक के रूप में आपको एक पोर्टफोलियो की आवश्यकता क्यों होती है?

प्रत्येक पोर्टफोलियो प्रबंधन रणनीति प्रदर्शन के खिलाफ जोखिम को संतुलित करने पर आधारित है।

अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के संबंध में अपने रिटर्न को अधिक करने के लिए आप जो भी वित्तीय सेगमेंट में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको सही निवेश चुनने के लिए कई रणनीतियाँ,लाभ और कमजोरियों को जानना होगा।

निवेश की अवधि, यदि कोई पोर्टफोलियो प्रबंधन चुनता है, तो डिफ़ॉल्ट रूप से लॉन्ग-टर्म होता है।

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं चार प्रकार की होती हैं। वे इस प्रकार हैं:

  • एक्टिव पोर्टफोलियो प्रबंधन
  • पैसिव पोर्टफोलियो प्रबंधन
  • डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो प्रबंधन
  • नॉन-डिस्क्रिशनरी प्रबंधन

इन चार प्रकारों पर नीचे विस्तार से चर्चा की गई है।


एक्टिव पोर्टफोलियो प्रबंधन

एक शेयर मार्केट में विशेषज्ञ एक्टिव पोर्टफोलियो मैनेज टेक्निक्स का उपयोग करके एक पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है। एक सक्रिय रणनीति को लागू करने का उद्देश्य बाजार में अन्य लोगो की तुलना में बेहतर रिटर्न उत्पन्न करना है।

फंड मैनेजर को बाजार का मूल्यांकन करने के लिए सक्रिय रूप से मूल्यांकन करना होता है ताकि सामान्य से अधिक होने पर वित्तीय सेगमेंट खरीदने के बारे में निर्णय लिया जा सके और उन्हें सही समय आने पर बेच सकें।

बिज़नेस की अच्छी समझ, शेयर बाजार का क्वांटिटेटिव एनालिसिस, और इस रणनीति के लिए व्यापक डायवर्सिफिकेशन की आवश्यकता है।

इस प्रकार की दो बड़ी यूएसपी यह है कि फंड मैनेजर को आवश्यक होने पर योजना को बदलने की अनुमति दी जाती है, और इसमें ऐसे रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता होती है जो मार्केट को हरा सकते हैं।

एक्टिव स्ट्रेटेजी उन लोगों के लिए अत्यधिक उपयुक्त है जो इस फील्ड में अनुभवी हैं और उच्च जोखिम उठाने की क्षमता रखते है। नीचे रणनीति के कुछ विपक्षों की सूची दी गई है:

  • इस रणनीति को को पूरा करने के लिए फंड मैनेजरों की फीस बहुत अधिक है।
  • निवेशक कई गलतियाँ कर देते है।
  • अधिक जोखिम लेने के इच्छुक निवेशकों के लिए सही लेकिन यह हाई रिटर्न भी जेनेरेट करता है।

जब आपकी स्ट्रेटेजी शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव के कारण अनपरिडिक्टेबल हो जाती है तो आपके निवेश की वोलैटिलिटी रेट कई गुना बढ़ जाती है।

इस प्रकार, आप अपने अनुसार दिए गए पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा के प्रकार को चुनें।


पैसिव पोर्टफोलियो प्रबंधन

पोर्टफोलियो के प्रबंधन की पैसिव स्ट्रेटेजी एक्टिव पोर्टफोलियो प्रबंधन के ठीक विपरीत है। इस रणनीति का पालन करने वाले प्रबंधक बाजार में होने वाले मूवमेंट में भरोसा नहीं करते हैं। बल्कि, वे निवेश करने के लिए सुरक्षित पक्ष का चयन करते हैं।

पैसिव पोर्टफोलिओ का चयन करने वाले निवेशकों को न्यूनतम जोखिम ले सकते है। वे सेंसेक्स या निफ्टी जैसे शेयर बाजार के सूचकांकों की नकल करके क्षेत्रों में विविध पोर्टफोलियो का निर्माण करते हैं।

यह रिस्क को डिस्ट्रीब्यूट करता है और नुकसान को कम करता है।

कंपनियों को निवेश के समय शीर्ष कंपनियों से रिटर्न की उम्मीदों के आधार पर चुना जाता है। इसके अलावा, पैसिव स्ट्रेटेजी में निवेश अनिवार्य रूप से लॉन्ग-टर्म में होता है।

पैसिव इन्वेस्टिंग के लाभ हैं:

  1. इम्प्लीमेंटेशन की कम लागत। 
  2. वे लॉन्ग-टर्म में लगातार लाभ जेनेरेट करते हैं।

पैसिव इन्वेस्टिंग के नुकसान हैं:

  1. केवल लॉन्ग-टर्म के निवेशकों के लिए उपयुक्त है।
  2. बाजार को हराने और अधिक लाभ कमाने के विकल्प के खिलाफ अवसर की लागत।
  3. जोखिम के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है, और आप अपनी पूंजी की सुरक्षित नहीं रख सकते हैं।

आपको एक्टिव और पैसिव स्ट्रेटेजी को और अधिक आराम से समझने के लिए, हम आपको एक सरल और सीधा उदाहरण देंगे।

उदाहरण के लिए, एक फंड मैनेजर है, जो एक एक्टिव स्ट्रेटेजी का पालन करता है, जो हेक्सावेयर जैसी आईटी कंपनी का हिस्सा खरीदता है।

एक अन्य प्रबंधक, पैसिव स्ट्रेटेजी में विश्वास करते हुए, बीएसई आईटी इंडेक्स के तहत कई कंपनियों के शेयर खरीदता है।

ये दोनों एक ही सेक्टर में ट्रेडर्स के पैसे का निवेश कर रहे हैं, लेकिन अलग-अलग मात्रा में जोखिम का सामना कर सकते हैं।

कैसे?

यहाँ इन्वेस्टर ने स्माल, मिड और लार्ज कैपिटल वैल्यूज की विभिन्न कंपनियों में निवेश करके जोखिम को कम किया किया है, वहीं पहले वाले ने अधिक रिस्क उठया है इसलिए यदि शेयर की कीमत गिरती है, तो निवेशक अपनी पूंजी को एक सेकंड में डूबा सकता है।


डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो प्रबंधन

जैसा कि डिस्क्रिशनरी शब्द बहुत स्पष्ट रूप से बताता है, पोर्टफोलियो प्रबंधक / फंड प्रबंधक का ग्राहक के निवेश निर्णयों पर पूरा नियंत्रण है।

प्रबंधक ग्राहक की ओर से खरीदने या बेचने का फैसला करता है और रणनीति का उपयोग करता है।

इस रणनीति को उन निवेशकों द्वारा एक्सेक्यूट किया जाना चाहिए, जिनके पास शेयर बाजार में निवेश की गहरी समझ और व्यापक ज्ञान है। 

डिस्क्रिशनरी निवेश के लाभ हैं:

  • पोर्टफोलियो का संचालन एक निवेश विशेषज्ञ करता है।
  • ग्राहक के लिए कोई निर्णय लेने में कोई कठिनाई नहीं होती।
  • यदि आपके और प्रबंधक के सुझाव खरीदने और बेचने के समान हैं, तो प्रबंधन प्रक्रिया अधिक सरल है।

फंड मैनेजर पर पूरा भरोसा रखने के साथ, आश्वस्त ग्राहक सभी निवेशों को एक विवेकाधीन प्रबंधक को सौंप देते हैं। यदि आप अपने निवेश की जिम्मेदारी खुद रखना चाहते हैं, तो डिस्क्रिशनरी इन्वेस्टमेंट आपके लिए नहीं है।


नॉन-डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो प्रबंधन

नॉन-डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो प्रबंधक को एडवाइजर को सलाहकार कहा जा सकता है क्योंकि ग्राहक के हाथों में अंतिम निर्णय होता है। प्रबंधक केवल निवेश के लिए सुझाव के साथ आता है, और अप्रूवल अंततः ग्राहक पर निर्भर करता है।

प्रबंधक आपको विशेष निवेश रणनीति और संबंधित वित्तीय क्षेत्रों के लाभ और हानियों के साथ प्रदान करता है लेकिन ग्राहक की अनुमति के बिना निष्पादित नहीं करता है।

इस रणनीति से आपके निवेश पर नियंत्रण करने के बिना वित्तीय सलाहकार तक पहुंच प्राप्त करने का महत्वपूर्ण लाभ है।

इस रणनीति में सबसे महत्वपूर्ण कमी यह है कि पोर्टफ़ोलियो में त्वरित बदलाव आपकी मंज़ूरी के कारण हो सकते हैं।


निष्कर्ष

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं या पीएमएस निवेश विशेषज्ञों द्वारा एक महान पोर्टफोलियो के निर्माण और इसे बनाए रखने में शेयर बाजार के ट्रेडर्स या निवेशकों की सहायता करने के लिए प्रदान की जाने वाली सेवा है।

इन सेवा प्रदाताओं का प्राथमिक उद्देश्य ग्राहक के पोर्टफोलियो में दिवेर्सिफिइंग लाकर नुकसान को कम करना है।

चार पीएमएस प्रकार हैं – एक्टिव, पैसिव, डिसस्क्रिशनरी और नॉन-डिसस्क्रिशनरी।

एक्टिव पोर्टफोलियो प्रबंधन उच्च जोखिम वाली क्षमता रखने वाले निवेशकों या ट्रेडर्स के लिए है, और जोखिम लेने की क्षमता में वृद्धि के साथ उच्च लाभ प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है।

पैसिव पोर्टफोलियो प्रबंधन एक सुरक्षित निवेश रणनीति है। यह उन निवेशकों के लिए है जो विस्तारित अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और अपनी पूंजी को डुबोने के रिस्क को कम करना चाहते हैं।

नॉन-डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो प्रबंधन निवेशकों के लिए फ़ाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेने की तरह है, लेकिन फाइनेंशियल सेगमेंट को खरीदने, बेचने या रखने की पावर बनाए रखता है।

फंड प्रबंधक को ग्राहक के लिए किसी भी लाभदायक ट्रेड को एक्सेक्यूट करने से पहले निवेशक की मंजूरी लेनी होगी।

हमें उम्मीद है कि आप विभिन्न प्रकार के पीएमएस को समझ गए होंगे और चार में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करेंगे।


यदि आप पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं, तो अगले चरण को आगे बढ़ाने में हमारी सहायता करें।

बस नीचे दिए गए फॉर्म में कुछ बुनियादी विवरण भरें:

पोर्टफोलियो प्रबंधन शुरू करें

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PMS के अन्य लेख

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं (PMS) का लाभ उठाने से पहले आपको इन सेवाओं के बारे में कई तरह की जानकारी सीखना ज़रूरी होता है। इसलिए, इस प्रकार की, PMS कंपनियों के विभिन्न पहलुओं को समझना आवश्यक है। बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं भारत की सर्वश्रेष्ठ PMS सर्विसेज में से एक है।

ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह अपने ग्राहकों को जो विभिन्न वित्तीय (फाइनेंशियल) उत्पादों में निवेश करना चाहते हैं, उनको यह बेहतर पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा प्रदान करते है। यह कंपनी अपनी निवेश रणनीति अपने निवेशकों की आवश्यकता विश्लेषण के आधार पर बनाती है।

तो, चलिए अब हम इसके बारे में अधिक जानकारी एकत्रित करे!


बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन की समीक्षा  

बसंत महेश्वरी वेल्थ एडवाइजर्स 30 जुलाई 2015 को स्थापित हुए और सेबी के तहत पंजीकृत हुए। कंपनी ग्राहकों को पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा और सलाहकार सेवा प्रदान करती है।

बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन उन कंपनियों में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित करता है जिनकी लगातार और अनुमानित कमाई होती है। इसका अर्थ उन कंपनियों से है, जिनके पास लंबी अवधि में औसत से अधिक कमाई के बढ़ने का रिकॉर्ड है।

भारत में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं कैसे शुरू करें? – कंपनी द्वारा पेश की गई पीएमएस सेवा एक निवेशक की पूरी जरूरत के विश्लेषण के तहत है। पोर्टफोलियो इस तरह से बनाया गया है कि यह रिस्क की क्षमता और निवेशक के निवेश लक्ष्य को पूरा करता है।

कंपनी अपने पीएमएस व्यवसाय को उनके द्वारा बनाए गए निवेश के सिद्धांतो पर चलाती है जो एक निश्चित आधार पर आधारित है जो बसंत महेश्वरी पीएमएस स्टॉक का चयन करने में मदद करता है।

स्टॉक लगातार आय, वृद्धि, स्केलेबल बिज़नेस, आरओई, मैनजमेंट, डिवीडेंड भुगतान, कैश फ़्लो  और छोटी कंपनियों के आधार पर चुना जाता है।

पीएमएस फर्म तीन रणनीतियों पर निवेश करती है जो स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप रणनीति हैं। मूल रूप से, पोर्टफोलियो प्रबंधन का अर्थ सरल है।

यह आपको पोर्टफोलियो में विविधता लाने के द्वारा पैसे कमाने और रिस्क को कम करने में मदद करता है।

बसंत महेश्वरी पीएमएस कंपनी से जुड़े विशेषज्ञ पेशेवर के माध्यम से पीएमएस सेवा प्रदान करता है।

ये विशेषज्ञ फंड मैनेजर और शोध विश्लेषक हैं जो ग्राहकों के निवेश पोर्टफोलियो मैनजमेंट के लिए अपने वर्षों के अनुभव के साथ कड़ी मेहनत करते हैं।

इस पीएमएस लेख में, हम बसंत महेश्वरी पीएमएस के हर महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे।

हम पीएमएस विवरण, पीएमएस के प्रकार, मैनेजर के विवरण, कमीशन मॉडल, निवेश योजना, शुल्क, लाभ, ग्राहक सहायता, आदि जैसे अंको को कवर करेंगे।

कंपनी का नाम बसंत महेश्वरी पीएमएस
वर्ष में स्थापित 30 जून 2015
संस्थापक का नाम बसंत महेश्वरी
कंपनी का प्रकार निजी कम्पनी
पीएमएस रणनीतियाँ स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप
कमिशन मॉडल प्रीपेड कमीशन, वॉल्यूम-आधारित

कमीशन, लाभ साझाकरण कमीशन


बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन के प्रकार

बसंत महेश्वरी पीएमएस ग्राहकों को तीन प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है।

  • डिस्क्रेशनेरी पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा
  • नॉन – डिस्क्रेशनेरी पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा 
  • एडवाइजरी सेवाएं   
  1. डिस्क्रेशनेरी पीएमएस

डिस्क्रेशनेरी पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा के तहत, पोर्टफोलियो मैनेजर को सेक्योरिटी में किसी भी निवेश को जोड़ने या हटाने या दोनों के बीच समझौते के अनुसार एक ग्राहक की ओर से निवेश निर्णय लेने की पूर्ण अनुमति होती है।

पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा लिया गया निर्णय पूर्ण और अंतिम है और किसी भी परिस्थिति में विचाराधीन के लिए नहीं खोला जा सकता है।

यह केवल पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा धोखाधड़ी, सकल, इरादे, लापरवाही, आदि की जमीन पर संदिग्ध है।

इस सेवा के तहत ज़िम्मेदारी में सेक्योरिटीयो का फेरबदल, सुरक्षित अभिरक्षा और पोर्टफोलियो की निगरानी, ​​पुस्तकों, अधिकारों और डिवीडेंड का मैनजमेंट शामिल हो सकता है, ताकि लाभ निवेशक के पोर्टफोलियो में जमा हो सकें।

एक ग्राहक का पोर्टफोलियो, पोर्टफोलियो स्कीम के विवेकाधिकार के आधार पर उसी योजना के दूसरे ग्राहक से भिन्न हो सकता है।

  1. नॉन – डिस्क्रेशनेरी पीएमएस

नॉन – डिस्क्रेशनेरी पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं के तहत, पोर्टफोलियो मैनेजर को समझौते के अनुसार ग्राहक द्वारा लाई गई सेक्योरिटी को जोड़ने या हटाने की कोई अनुमति नहीं होगी।

इस पीएमएस प्रकार के तहत जिम्मेदारी मार्केट के आंकड़ों पर शोध करना और ग्राहकों को सर्वोत्तम विकल्प सुझाना है। इन निवेशों की स्वीकृति या अस्वीकृति ग्राहक की अनुमति पर है।

ग्राहक की ओर से निर्णय लेने के लिए फंड मैनेजर के पास कोई अधिकार नहीं होता है।

  1. अड्वाइज़री सेवाएँ

सलाहकार सेवाओं में पोर्टफोलियो रणनीति, पोर्टफोलियो के सेक्टर के अनुसार एलोकेशन, निवेश और ग्राहक के पोर्टफोलियो पर एक विशेष सेक्योरिटी के विभाजन के बारे में सलाह देना शामिल है।

पोर्टफोलियो मैनेजर ग्राहकों के सलाहकार के रूप में कार्य करता है। वह किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा यदि यह ग्राहकों के निवेश पोर्टफोलियो से उत्पन्न होता है।


बेसेंट महेश्वरी पीएमएस फंड मैनेजर्स

बसंत महेश्वरी पीएमएस के पेशेवर निवेशकों को रिस्क को कम करते हुए अपने वित्तीय (फाइनेंशियल)उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करते हैं।

कंपनी के सबसे जानकार और अनुभवी पेशेवर बसंत महेश्वरी हैं। आइए उनकी प्रोफ़ाइल पर तेज़ी से नज़र डालें।

बसंत महेश्वरी (सह-संस्थापक और पार्टनर)

बसंत महेश्वरी पीएमएस कंपनी के सह-संस्थापक और भागीदार बसंत महेश्वरी हैं। उन्होंने आइसीएफऐआइ से इक्विटी रिसर्च एंड एनालिसिस कोर्स भी किया है। वह कॉमर्स ग्रेजुएट और कॉस्ट अकाउंटेंट हैं।

बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो भारतीय निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। संस्थापक ने टीवी 18, पैंटालून रिटेल, टाइटन इंडस्ट्रीज, ग्रुह फाइनेंस के साथ अनुभव प्राप्त किया है।

बसंत महेश्वरी ने ऑनलाइन पोर्टल इक्विटी डेस्क की शुरुआत की जहां निवेशक निवेश से संबंधित प्रश्नों पर चर्चा कर सकते हैं। यह पोर्टल बसंत महेश्वरी पीएमएस वेबसाइट के नाम से प्रसिद्ध है।


बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन रणनीति विवरण

निवेश का उद्देश्य

बसंत महेश्वरी पीएमएस पोर्टफोलियो का निवेश उद्देश्य मध्यम से दीर्घकालिक इक्विटी में निवेश करके एक पूंजी को बढ़ाना है।

पोर्टफोलियो मैनेजर एक पोर्टफोलियो बनाता है जो मार्केट कैपिटलाइज़ेशन और बेंचमार्क एग्नॉस्टिक स्ट्रैटेजी है। मार्केट कैप (यानी लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप) और सेक्टर / उद्योग में निवेश की विविधता होती है।

कंपनी स्टॉक मार्केट  में सूचीबद्ध भारतीय इक्विटी में धन का निवेश करती है। निवेश पोर्टफोलियो के लिए स्टॉक चयन के कुछ बुनियादी मापदंड हैं।

निवेश सिद्धांत 

  • लगातार और अनुमानित आय वाली कंपनियां। रणनीति का केंद्र अगली बड़ी दिशा का चयन करना है।
  • जिन कंपनियों के पास स्केलेबल व्यवसाय है उनका मतलब है कि कंपनी के उत्पादों और सेवाओं के मूल्य और मात्रा दोनों के संदर्भ में वृद्धि होनी चाहिए।
  • एक बढ़ते हुए स्टॉक को लेने की कोशिश करें जो एक विजेता स्टॉक की श्रेणी में आता है।
  • पोर्टफोलियो के लिए स्टॉक का चयन करते समय रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) भी एक महत्वपूर्ण कारक है। उच्च आरओई किसी व्यवसाय की आत्मनिर्भर क्षमता और दक्षता का एक अच्छा संकेतक है।
  • कंपनी के मैनजमेंट की भूमिका एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैसा कि वे निवेशकों को एक अच्छा रिटर्न प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं।
  • रणनीति का फोकस छोटी पूंजीकरण कंपनियों को चुनना है। इन कंपनियों में भविष्य में अपने व्यवसाय के विस्तार की संभावना के साथ-साथ उच्च विकास की संभावना है।
  • नकदी प्रवाह भी एक पैमाना है जिस पर कंपनी मैं निवेश किया जा सकता है। एक बार जब किसी कंपनी का नकदी प्रवाह धीमा हो जाता है, तो स्टॉकधारक के लिए उस स्टॉक से बाहर आना जरूरी हो जाता है।
  • कंपनी का डिवीडेंड भुगतान भी कंपनी के स्वस्थ विकास का एक संकेतक है क्योंकि कोई भी कंपनी नकली लाभ दिखाने के लिए अपनी नकदी का भुगतान नहीं कर सकती है।

पोर्टफोलियो मैनेजर हमेशा स्टॉक चयन द्वारा एक बेहतर रिटर्न (जो निश्चित रूप से जोखिम-समायोजित होता है) उत्पन्न करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देता है जो फ़ंडामेटल रीसर्च विश्लेषण, उनके मूल्यांकन और उनके व्यवसाय पर आधारित होता है।

बसंत महेश्वरी पीएमएस की निवेश रणनीति के तहत निवेश करने के लिए आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि रु 1,00,00,000 (केवल एक करोड़ रुपए)। यह राशि निश्चित नहीं है, इसे पोर्टफोलियो मैनेजर के एकमात्र निर्णय के आधार पर भी बदला जा सकता है।

निवेश रणनीति की वापसी / प्रदर्शन को बेंचमार्क सूचकांकों – एनएसई निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स के अनुसार मापा जाता है।


बसंत महेश्वरी पीएमएस रिटर्न्स

बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन ने अपना संचालन वर्ष 2016 में 17-02-2016 से शुरू किया। नीचे दी गई तालिका उनकी निवेश रणनीति या पीएमएस के पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा प्रबंधित प्रदर्शन को दर्शाती है

विवरण 01-04-2018 से 31-03-2019 01-04-2017 से 31-03-2018 01-04-2016 से 31-03- 2017 17-02-2015 से 31-03-2016
कुल अवधि 12

महीने

12

महीने

12

महीने

1 महीना 

और 3 दिन

पीएमएस प्रदर्शन (%) 11.04 20.36 31.60 5.13
एनएसई निफ्टी 50 प्रदर्शन (बेंचमार्क सूचकांक)% में 14.93 10.25 18.55 9.79
बीएसई सेंसेक्स (बेंचमार्क इंडेक्स)% में 17.30 11.30 16.88 9.27

उपरोक्त तालिका बेंचमार्क इंडेक्स एनएसई निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स के साथ पोर्टफोलियो मैनेजर के प्रदर्शन को दिखाती है।

पोर्टफोलियो मैनेजर के प्रदर्शन की गणना करने के लिए वेटेड औसत विधि का उपयोग किया जाता है।

बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन के पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं के रिटर्न को देखते हुए, हम देखते हैं कि पोर्टफोलियो ने 1 महीने में दोनों बेंचमार्क इंडेक्स के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है।

वित्त वर्ष 2016-17 में फिर से 12 महीने की अवधि के लिए, इसने दोनों बेंचमार्क इंडेक्स को 31.60% बेहतर प्रदर्शन देकर हराया है।

वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पोर्टफोलियो का प्रदर्शन 20.36% था और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यह 11.04% था।

इसलिए, कंपनी अपनी रणनीति के आधार पर निवेश पोर्टफोलियो के पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं के प्रदर्शन के आधार पर एक अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनी है।


बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन निवेश योजना

कंपनी द्वारा पेश की गई निवेश योजनाएं निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं। प्रत्येक स्तर का निवेशक कंपनी की निवेश योजना के माध्यम से आसानी से पीएमएस में निवेश कर सकता है।

पोर्टफोलियो प्रबंधन हाउस चार अलग-अलग प्रकार की निवेश योजनाएं प्रदान करता है।

  • ब्रॉन्ज़ (कांस्य): 25 लाख से ₹ ​​50 लाख
  • सिल्वर: ₹50 लाख से ₹ ​​1 करोड़ 
  • गोल्ड: ₹ 1 करोड़ से ₹ ​​5 करोड़
  • प्लेटिनम: ₹ 5 करोड़ और ऊपर

ब्रॉन्ज़ (कांस्य): यह निवेश योजना निम्न स्तर के निवेशकों के लिए बनाई गई है, जिनकी वित्तीय (फाइनैन्शल) क्षमता कम है या वे न्यूनतम राशि और कम रिस्क का निवेश करना चाहते हैं।

यह योजना निवेशक को 25 लाख से 50 लाख के बीच निवेश करने की अनुमति देती हैं

सिल्वर: यह योजना निवेशकों को 50 लाख से 1 करोड़ के बीच निवेश करने की अनुमति देती है।

यदि कोई निवेशक थोड़ा अधिक रिस्क ले सकता है और उसके पास 50 लाख से अधिक निवेश करने के लिए फंड उपलब्ध है, तो इस निवेश योजना का विकल्प चुन सकता है।

गोल्ड: कंपनी द्वारा पेश किया गया तीसरा निवेश प्लान गोल्ड है।

आवश्यक निवेश की सीमा 1 करोड़ से 5 करोड़ के बीच है। जिनके पास मध्यम-उच्च रिस्क वाली क्षमता है, वे इस योजना के तहत निवेश कर सकते हैं।

प्लैटिनम: यह योजना उच्च प्रोफ़ाइल निवेशकों को सूट करती है जो 5 करोड़ से ऊपर का निवेश कर सकते हैं और एक उच्च रिस्क वहन क्षमता है।


बसंत महेश्वरी पीएमएस कमीशन मॉडल

बसंत महेश्वरी पीएमएस कंपनी के साथ अपनी सुविधा और लंबे समय तक चलने वाले सहयोग के लिए अपने निवेशकों को सुविधाजनक कमीशन मॉडल प्रदान करता है।

पीएमएस कंपनियां कमीशन के तीन अलग-अलग मॉडल पेश करती हैं जो एक पोर्टफोलियो के अलग-अलग मूल्य और लाभ-बंटवारे पर आधारित होते हैं।

निवेशक किसी भी मॉडल को चुन सकता है,  जिसमें वो लाभदायक महसूस करता हो।

कंपनी द्वारा पेश किए गए तीन पीएमएस कमीशन मॉडल निम्नलिखित हैं।

  • प्रीपेड कमीशन मॉडल 
  • वॉल्यूम-बेसड कमीशन मॉडल
  • प्रोफ़िट-शेयरिंग बेसड कमीशन मॉडल

प्रीपेड कमीशन मॉडल

प्रीपेड कमीशन मॉडल पोर्टफोलियो मैनेजर को निवेशक को वास्तविक पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा प्रदान करने से पहले कमीशन चार्ज करने की अनुमति देता है।

एक ग्राहक द्वारा पीएमएस में निवेश किया गया कुल फंड उस कमीशन के आधार के रूप में लिया जाता है जिसे पोर्टफोलियो मैनेजर को भुगतान करना आवश्यक होता है।

बसंत महेश्वरी धन सलाहकार पोर्टफोलियो के कुल मूल्य का एक स्लैब कंपनी द्वारा बनाया जाता है, जिस पर ग्राहक द्वारा कमीशन का एक अलग प्रतिशत लिया जाता है।

इस मॉडल में जुड़े रिस्क अन्य आयोग मॉडल की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक है।

वॉल्यूम-बेस्ड कमीशन मॉडल

इस कमीशन मॉडल के तहत, एक साल के भीतर निवेश पोर्टफोलियो के लिए पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा किए गए लेनदेन के कुल मूल्य के आधार पर पीएमएस कमीशन का शुल्क लिया जाता है।

इस मॉडल में, एक पोर्टफोलियो मैनेजर की प्रामाणिकता बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरी तरह से उस पर निर्भर करता है कि वह कुल लेनदेन की मात्रा को बढ़ाना चाहता है या नहीं। पोर्टफोलियो मैनेजर यह अच्छी तरह से जानता है कि लेन-देन की उच्च मात्रा से उसे अधिक कमीशन मिलेगा।

तो, यह इस कमीशन मॉडल की सबसे बड़ी कमी है।

लेनदेन की कुल मात्रा का एक स्लैब और कमीशन का प्रतिशत कंपनी द्वारा बनाया जाता है जिस पर कमीशन लिया जाता है।

प्रोफ़िट-शेयरिंग बेसड कमीशन मॉडल

प्रॉफिट-शेयरिंग कमीशन मॉडल उद्योग में सबसे अच्छा मॉडल है। इस मॉडल में, एक ग्राहक हमेशा लाभ में रहता है क्योंकि वह पोर्टफोलियो से लाभ प्राप्ति के बाद ही कमीशन का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होता है।

पोर्टफोलियो मैनेजर हमेशा अपनी विशेषज्ञता से अधिक से अधिक लाभ कमाने की कोशिश करता है क्योंकि वह जानता है कि उच्च लाभ से कमीशन का अधिक हिस्सा होगा।

इस मॉडल के तहत जुड़ा रिस्क बहुत कम है क्योंकि एक ग्राहक लाभ प्राप्त करने के बाद ही कमीशन का भुगतान करता है। तो, कमीशन मॉडल के बाकी हिस्सों की तुलना में कमीशन का प्रतिशत अधिक है।

तो, यहाँ स्लैब का विवरण और कमीशन का प्रतिशत है:

प्रीपेड कमीशन (वार्षिक) वोल्यूम-आधारित कमीशन मॉडल

 (वार्षिक)

लाभ साझाकरण आधारित 

(वार्षिक)

निवेश सीमा निवेश का कमीशन % लेनदेन की मात्रा सीमा % की मात्रा में कमीशन लाभ लाभ कमीशन % में  i
₹25 लाख – 50 लाख  1.70 ₹25 लाख – 50 लाख 0.16 ₹2.5 लाख – 5 50 लाख 25
₹50L-1 करोड़  1.50 ₹50लाख-1 करोड़ 0.15 ₹550 लाख – 1050 लाख 24
₹1 करोड़ -5 करोड़ 1.40 ₹1 करोड़ -5 करोड़ 0.14 ₹10 लाख – 50 लाख 22
₹5 करोड़ और ऊपर 1.20 ₹5 करोड़ और ऊपर 0.13 ₹50 लाख और ऊपर  20

बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन शुल्क

जो ग्राहक कंपनी से पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं का लाभ उठाते हैं कुछ लागत और खर्च के लिए शुल्क देते है। हालांकि, शुल्क की सही राशि और उनका आधार समझौते के समय ग्राहक को सूचित किया जाएगा।

निम्नलिखित शुल्क ग्राहक को कंपनी से पीएमएस सेवा का लाभ उठाने के लिए भुगतान करने होंते है।

मैनजमेंट शुल्क: ग्राहक से पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा प्रदान करने के लिए मैनजमेंट शुल्क लिया जाता है। यह शुल्क पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा प्रबंधित फंड का निश्चित या प्रतिशत हो सकता है। निश्चित शुल्क के मामले में, यह 2% प्रति वर्ष से अधिक नहीं बढ़ेगा।

कंपनी को भुगतान करने के लिए आवश्यक अन्य शुल्क हैं कस्टोडियन / डिपॉजिटरी शुल्क, रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट शुल्क, ब्रोकरेज और लेनदेन लागत, सेक्योरिटी उधार और उधार लेने के शुल्क, प्रमाणीकरण और पेशेवर शुल्क, और आकस्मिक खर्च।

उपरोक्त सभी शुल्कों का प्रतिशत / राशि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौते के साथ समझौते के समय उल्लेख किया जाएगा।


बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन के लाभ

बसंत महेश्वरी पीएमएस के पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं के लाभ निम्नलिखित हैं:

  • कंपनी एक तैयार पीएमएस मॉडल के माध्यम से काम नहीं करती है, यह एक निवेशक की आवश्यकता विश्लेषण के माध्यम से जाने के बाद एक पोर्टफोलियो बनाता है।
  • यह एक सस्ती और सुविधाजनक कमीशन मॉडल और साथ ही निवेश योजना प्रदान करता है जो निवेशकों की प्रत्येक श्रेणी के अनुरूप है।
  • कंपनी पोर्टफोलियो प्रबंधकों और अनुसंधान विश्लेषकों की एक विशेषज्ञ टीम की मदद से काम करती है जो अपने क्षेत्र में बहुत कुशल हैं।
  • बेहतर ग्राहक सहायता ग्राहकों को प्रदान की जाती है। ताकि ग्राहक अपने प्रश्नों का उत्तर अलग-अलग माध्यम से प्राप्त कर सकें, जैसे कि पोर्टफोलियो मैनेजर को सीधे कॉल, ईमेल या व्हाट्स ऐप, आदि।
  • कंपनी की नियमित रूप से कमाई में वृद्धि और भविष्य में कमाई की भावी संभावना वह आधार है जिस पर पोर्टफोलियो में जोड़ने के लिए स्टॉक का चयन किया जाता है और निवेशकों की अच्छी कमाई की वापसी प्रदान करता है।
  • अपनी शुरुआत से ही कंपनी द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीति के प्रदर्शन का ट्रैक रिकॉर्ड।

बसंत महेश्वरी पीएमएस कस्टमर सपोर्ट

बसंत महेश्वरी पीएमएस कंपनी के साथ काम करते समय उन्हें पूर्ण संतुष्टि देने के लिए अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार से कस्टमर सपोर्ट प्रदान करता है।

एक ग्राहक को अपने पोर्टफोलियो से संबंधित समस्याओं का समाधान प्राप्त करने के लिए सीधे कंपनी को कॉल करने की अनुमति दी जाती है। और इस कारण से, कंपनी द्वारा एक रेलेशन्शिप मैनेजर नियुक्त किया जाता है।

ग्राहक कंपनी को अपने प्रश्नों को ईमेल कर सकता है, और ग्राहक को समाधान उसी तरह प्रदान किया जाएगा।

सबसे अच्छी बात यह है कि ग्राहक अपने सवालों के जवाब पाने के लिए एक महीने में सीधे पोर्टफोलियो मैनेजर को 5-8 बार कॉल कर सकते हैं।

कंपनी 7-10 कार्य दिवसों के भीतर ग्राहक की किसी भी समस्या को हल करने के लिए उत्तरदायी है।


निष्कर्ष

बसंत महेश्वरी पीएमएस बहुत पुरानी कंपनी नहीं है, लेकिन इसने अपनी बेहतर निवेश रणनीति का पालन करके बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।

यह ग्राहक की आवश्यकता और रिस्क की क्षमता के गहन विश्लेषण से गुजरने के बाद निवेश पोर्टफोलियो बनाते है।

कंपनी द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीति ज्यादातर दीर्घकालिक निवेश उद्देश्यों के लिए है। निवेशकों की प्रत्येक श्रेणी के लिए निवेश योजना और कमीशन मॉडल काफी सुविधाजनक  है।

दूसरी ओर, शुल्क बहुत कम हैं और जो सभी ग्राहको के लिए कुछ मानदंडों के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकते हैं।

इसलिए, यदि आप एक वास्तविक और एक अच्छा प्रदर्शन करने वाला पीएमएस खोज रहे हैं, तो बसंत माहेश्वरी पीएमएस के साथ जुड़ने में संकोच न करें।


यदि आप उच्च रिटर्न के साथ शीर्ष पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवाओं का उपयोग करने में रुचि रखते हैं, तो हमें अगले चरण को आगे बढ़ाने में आपकी सहायता करते हैं।

शुरुआत करने के लिए बस कुछ मूल विवरण भरें:

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बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबंधन के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

यहां बसंत महेश्वरी पोर्टफोलियो प्रबन्धन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ शीर्ष प्रश्न दिए गए हैं जिनके बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए।

  1. बसंत महेश्वरी पीएमएस का निवेश उद्देश्य क्या है?

मध्यम से लंबी अवधि के कैप इक्विटी में निवेश के माध्यम से निवेश का उद्देश्य पूंजी को बढ़ाना है।

  1. क्या बसंत महेश्वरी पीएमएस और उसके ग्राहकों के पोर्टफोलियो मैनेजर के बीच कोई अनुबंध आवश्यक है?

हां, पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा ग्राहक को पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा में प्रवेश करने से पहले दोनों पक्षों के बीच एक लिखित समझौते की आवश्यकता होती है।

  1. कंपनी का निवेश का सिद्धांत क्या है?

एक कंपनी की अनुमानित और लगातार कमाई बसंत महेश्वरी पीएमएस का मूल निवेश सिद्धांत है।

  1. पोर्टफोलियो निवेशक की टैक्स देयता क्या है?

एक निवेश पोर्टफोलियो निवेशक की टैक्स देयता प्रत्यक्ष कैपिटल मार्केट निवेशक के समान है।

  1. क्या पीएमएस में अपेक्षित रिस्क है?

हां, पोर्टफोलियो मैनजमेंट सेवा से जुड़ा रिस्क है, कभी-कभी निवेश की गई मूल राशि का गिरना भी होता है।

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पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) द्वारा उपयोग की जाने वाली वित्तीय सेवाएं हैं, जिसमें वे एक प्रोफेशनल पोर्टफोलियो मैनेजर के साथ अपने पोर्टफोलियो के मैनेजर पर भरोसा करते हैं।

एक पोर्टफोलियो को एक तरह से एसेट्स की बास्केट के रूप में देखा जा सकता है जिसमें करेंसी, म्यूचुअल फंड, ईटीएफ, इक्विटी, शेयर, आदि जैसे वित्तीय साधनों का संयोजन होता है।

पोर्टफोलियो मैनेजर निवेश निर्णय लेने में मदद करता है और विभिन्न वित्तीय प्रोडक्ट्स में निवेश में विविधता लाता है।

निवेशकों के लिए शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए पोर्टफोलियो की विविधता ही सबसे पहली प्राथमिकता है।

ग्राहक भारतीय नियामक सेबी या निवेश प्रबंधन कंपनियों के साथ पंजीकृत एक स्टॉकब्रोकिंग फर्म के माध्यम से पीएमएस सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

इसके अलावा, एक पीएमएस हाउस काम कैसे करता है?

हालांकि, एक निवेशक को पीएमएस में न्यूनतम निवेश के रूप में कम से कम 50 लाख होना चाहिए। पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं प्रदान करने के बारे में अधिक जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।


पोर्टफोलियो प्रबंधन कंपनी 

भारत में, अगर पीएमएस कंपनियों की बात करने तो यहां निवेशकों के पास कई ऑप्शन है। क्योंकि ब्रोकिंग स्पेस में बहुत सारी कंपनियां मौजूद हैं। इसलिए इन्हीं पीएमएस सर्विस  प्रोवाइडर में अंतर जानना महत्वपूर्ण हो जाता है।

पोर्टफोलियो, रिस्क मैनेजमेंट प्रबंधन, बेहतर निवेश निर्णय, और विशेष निवेश लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश करने की विविधता पीएमएस की कुछ विशेषताएं हैं जो निवेशकों को इन वित्तीय सेवाओं को लेने के लिए मजबूर करती हैं।

भारत में दो प्रकार की पोर्टफोलियो प्रबंधन कंपनियां हैं:

1) स्टॉकब्रोकर – स्टॉक मार्केट पर ट्रेड करने के लिए ट्रेडर्स को सेबी पंजीकृत स्टॉकब्रोकर के साथ एक खाता होना आवश्यक है।

ट्रेडर्स को ट्रेड करने में मदद करने के अलावा, कुछ स्टॉकब्रोकर फर्म अपने ग्राहकों को पीएमएस सेवाएं भी प्रदान करते हैं। ग्राहक आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित स्टॉकब्रोकिंग फर्मों के लिए अपनी ओर से अपने विभागों के प्रबंधन के कार्य के लिए जाने जाते हैं।

हालांकि, इनकी तुलना में कुछ ऐसे स्टॉकब्रोकर हैं जो बेहतर पीएमएस प्रोडक्ट प्रदान करते हैं। यहां कुछ स्टॉकब्रोकर की सूची दी गई है: जो पीएमएस सेवाएं प्रदान करते हैं:

  • मोतीलाल ओसवाल पीएमएस
  • आईसीआईसीआई पीएमएस
  • आईआईएफएल पीएमएस

2) इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी –स्टॉकब्रोकर्स के अलावा, कई इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियां हैं जो ग्राहकों को पीएमएस सेवाएं प्रदान करती हैं।

ये निवेश प्रबंधन कंपनियां अनुभव और एक्सपर्ट पोर्टफोलियो प्रबंधकों की विशेषज्ञता ग्राहक के निवेश लक्ष्यों और जोखिम की क्षमता के अनुसार रणनीति प्रदान करती है।

भारत में, ‍ऐल्‌कमि पीएमएस, एएसके पीएमएस, पोरिंजू वेलियथ पीएमएस देश के सर्वश्रेष्ठ पीएमएस प्रदाताओं की सूची में कुछ नाम हैं।


पोर्टफोलियो प्रबंधन के प्रकार 

कुल मिलाकर, पीएमएस सर्विसेज के 3 प्रकार हैं, जिन्हें निवेशक अपने निवेश उद्देश्यों के आधार पर चुन सकते हैं:

डिस्क्रिशनरी  पीएमएस सर्विसेज – डिस्क्रिशनरी पीएमएस सेवाओं में, निवेश से संबंधित सभी निर्णय पोर्टफोलियो प्रबंधक द्वारा लिए जाते हैं। निवेशक पूरी तरह से मैनेजर के साथ अपने पोर्टफोलियो पर भरोसा करता है।

मैनेजर वित्तीय साधनों (Financial Instruments) में निवेश करने का फैसला करता है, और उन लेनदेन को एक्सेक्यूट करने का समय तय करता है।

दूसरे शब्दों में, पोर्टफोलियो को निवेशक की ओर से एक पेरोफेशनल पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है।

नॉन-डिस्क्रिशनरी पीएमएस सर्विसेज- नॉन-डिस्क्रिशनरी पीएमएस सर्विसेज में, पोर्टफोलियो मैनेजर केवल वित्तीय साधन और निवेश के समय के संबंध में सलाह देता है।

निवेशक के सुझाव के बिना मैनेजर उन सुझावों पर कार्रवाई करने की पॉवर नहीं रखता है। निवेशक उन निवेश सलाहों को लागू करने या न करने का विकल्प बनाता है।

हालांकि, अगर निवेशक निवेश करना पसंद करता है, तो निवेश पोर्टफोलियो प्रबंधक द्वारा किया जाएगा।

व्यक्तिगत निवेशक के पास सलाह पर कार्रवाई करने का विकल्प और पॉवर है। निवेशक, इस मामले में बस निवेश के लिए सुझाव चाहता है लेकिन निवेश वह अपने दम पर ही करता है।


निष्कर्ष

निवेशक अपने पोर्टफोलियो से लाभ को अधिकतम करने के लिए पीएमएस या पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज का चयन करते हैं। निवेशक विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे कि म्यूचुअल फंड, स्टॉक, ईटीएफ आदि में निवेश करते हैं।

भारत में, कई अच्छी तरह से स्थापित पीएमएस कंपनियां हैं, जबकि कुछ स्टॉकब्रोकर और कुछ निवेश प्रबंधन कंपनियां हैं जो पीएमएस सर्विस की हाई क्वालिटी को सुनिश्चित करती हैं।

ज्यादातर मामलों में न्यूनतम निवेश राशि 50 लाख रुपये से अधिक है। पीएमएस के लिए चुनने के पीछे कई कारणों में इस तरह के उच्च स्तर के निवेश को संभालने में पोर्टफोलियो प्रबंधकों का अनुभव और विशेषज्ञता है।

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पोर्टफोलियो प्रबंधन में निवेश जोखिम बहुत सारे कारकों पर निर्भर है। लेकिन इन पहलुओं पर चर्चा करने से पहले, हम पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के बारे में जानते हैं।

शुरुआत करने से पहले आइए, पीएमएस मीनिंग के बारे में थोड़ा जानें।

पीएमएस एक सेबी द्वारा पंजीकृत पीएमएस कंपनियों द्वारा विस्तारित एक सेवा है जो हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) को अपने निवेश पोर्टफोलियो को बनाने और मैनेज करने में मदद करने के लिए फंड मैनेजर्स को नियुक्त करती है।

एक निवेशक को पीएमएस के विवरण जैसे पीएमएस के फीचर्स, पीएमएस मिनिमम इन्वेस्टमेंट, पीएमएस शुल्क, पीएमएस रिटर्न, और पोर्टफोलियो मैनेजर कितना महत्वपूर्ण है?

ऐसे सवालों के जवाब निवेशकों के लिए मदद करते हैं कि उसे एक पोर्टफोलियो बनाना चाहिए या नहीं।

इसके अलावा, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं सेबी नियमों का पालन करना होगा क्योंकि पीएमएस इंडस्ट्री सेबी द्वारा विनियमित है। 

यह भी पढ़ें: पोर्टफोलियो प्रबधंन सेवा के प्रकार

पोर्टफोलियो प्रबंधन सर्विस एक व्यक्तिगत वित्त सेवा है जिसमें पीएमएस दो प्रकार के होते हैं – नॉन-डिस्क्रिशनरी और डिस्क्रिशनरी।

नॉन-डिस्क्रिशनरी पीएमएस में, फंड मैनेजर को किसी भी निवेश या लेनदेन को एक्सेक्यूट करने से पहले ग्राहकों की अनुमति मिलती है। वह उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर सर्च करता है और उन्हें क्लाइंट को बताता है।

डिस्क्रिशनरी पीएमएस में, फंड मैनेजर के पास अपने विवेक पर ट्रेडों को एक्सेक्यूट करने का विकल्प होता है। निवेश के फैसलों पर कॉल लेने के लिए किसी क्लाइंट की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है।

चलिए अब हम अपने आज के विषय पर वापिस आते है, पीएमएस निवेश जोखिम कई कारकों पर निर्भर है। तो, उन पर विस्तार से चर्चा करते हैं।


पीएमएस निवेश में जोखिम

पीएमएस निवेश जोखिम के लिए कई रिस्क जिम्मेदार होते हैं जैसे कि निवेश की रणनीति, जोखिम लेने की क्षमता, ट्रांसपेरेंसी आदि पर निर्भर हैं, क्योंकि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में निवेश करना बहुत ही जोखिम भरा है।

सेबी के नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एक निवेशक को पीएमएस सेवा का लाभ उठाने के लिए कम से कम 50 लाख रुपये के पीएमएस में न्यूनतम निवेश करना होगा।

नीचे महत्वपूर्ण कारकों की एक सूची दी गई है:

पोर्टफोलियो निवेश की रणनीति

पोर्टफोलियो के निवेश और निर्माण के लिए सही रणनीति चुनना आवश्यक है। रणनीति को आपके वित्तीय लक्ष्यों और आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए। 

आप किसी योजना के साथ स्थिति में निवेश नहीं करना चाहते हैं, लेकिन इसे प्राप्त नहीं करना चाहते हैं।

इसलिए, निवेश की रणनीति का चयन करने से पहले, अपने लक्ष्यों की योजना बनाएं और उसी के अनुसार काम करें।

पोर्टफोलियो रिस्क और कंसन्ट्रेशन

पीएमएस निवेश में जोखिम फंड, एकाग्रता और उस विशेष निवेश साधन में शामिल जोखिम पर अधिक निर्भर करता है।

पीएमएस में आम तौर पर 20-25 स्टॉक और कुछ बॉन्ड जैसे केंद्रित पोर्टफोलियो होते हैं। पोर्टफोलियो जितना अधिक केंद्रित होगा, वह उतना ही जोखिम भरा होगा, लेकिन उतना ही लाभदायक भी हो सकता है।

डिस्क्लोज़र और ट्रांसपेरेंसी 

पीएमएस में सपष्टता अन्य समान सेवाओं की तुलना में काफी कम है।

अन्य निवेशों डिस्क्लोज़र में अनिवार्य हैं, लेकिन पीएमएस में पूरा करने के लिए फंड्स की बहुत कम आवश्यकता होती हैं।

ये योजनाएं और रणनीतियां कई आकर्षक रिटर्न दे सकती हैं, लेकिन केवल एक अच्छी तरह से कम व्यक्ति ही जोखिम उठा सकता है। क्योंकि निवेश की न्यूनतम राशि 50 लाख निर्धारित की गई है।


निष्कर्ष

कई पहलू पीएमएस निवेश जोखिम को प्रभावित करते हैं। चूंकि जोखिम अनिश्चित है, इसलिए छोटे पैमाने के निवेशक के लिए जोखिम को कम करने के लिए न्यूनतम निवेश राशि अधिक संख्या में निर्धारित की जाती है।

पीएमएस एक ऐसी सुविधा है जो कंपनियों द्वारा विस्तारित की जाती है जो सेबी के साथ पंजीकृत हैं। वे जोखिम को कम करने और मुनाफे को अधिकतम करने के लिए विविध पोर्टफोलियो का निर्माण करते हैं। लेकिन मुनाफे का कभी पता नहीं लगाया जा सकता है।

इस प्रकार, कोई फर्क नहीं पड़ता कि पोर्टफोलियो कितना नियोजित है, पीएमएस निवेश जोखिम हमेशा निवेशक पर रहता ही है।


यदि आप पोर्टफ़ोलियो प्रबंधन सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं, तो अगले चरण को आगे बढ़ाने में हमारी सहायता करें।

बस नीचे दिए गए फॉर्म में कुछ बुनियादी विवरण भरें:

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पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) के लिए लोकप्रिय हैं, और इस वजह से कई लोग अक्सर पूछते हैं कि भारत में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा को कैसे शुरू करें।

क्या आप भी इस प्रश्न का जवाब जानना चाहते हैं? लेकिन, इससे पहले आपको PMS के बारे में बुनियादी जानकारी होनी चाहिए। 

चलिए, शुरू करते हैं।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज यानि पीएमएस कंपनियों द्वारा विस्तारित एक सुविधा है जो वित्तीय सिक्योरिटीज के साथ एक पोर्टफोलियो बनाने में हाई नेट-वैल्यू इंडिविजुअल (HNI) की सहायता करती है 

इस सेवा में, फंड मैनेजर ग्राहकों को शेयर बाजार से लाभ में मदद करने के लिए एक विविध पोर्टफोलियो का निर्माण करते हैं। एक पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड को छोड़कर शेयर, कमोडिटी, करेंसी, डेरिवेटिव और अन्य वित्तीय सिक्योरिटीज शामिल होती हैं।

सोच रहे होंगे कि कौन पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं प्रदान कर सकता है? – यह पीएमएस हाउस है जो अपने ग्राहकों को पीएमएस सेवाएं प्रदान करता है।

यह अपने पुराने ट्रेंड्स और प्रदर्शनों का विश्लेषण करके निवेशक पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज में निवेश कैसे कर सकता है?

यह इंडस्ट्री सेबी द्वारा विनियमित है और इस प्रकार पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा सेबी के नियमों का पालन करता है।

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा के लिए न्यूनतम निवेश 50 लाख है।

आपको कुछ आवश्यक पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा विवरण जैसे पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा रिटर्न, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा शुल्क, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा निवेश जोखिम, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा रणनीतियाँ, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा कमीशन और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा के प्रकार के बारे में पता होना चाहिए।

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा की मूल बातें स्पष्ट होने के साथ, भारत में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं कैसे शुरू करें, इस बारे में बात करते हैं।


भारत में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी कैसे शुरू करें

आइए, आसान तरीके से समझने के लिए हम इसे निम्नलिखित चरणों में समझाने की कोशिश करेंगे।

  • कंपनी को सेबी (भारतीय सिक्योरिटीज और विनिमय बोर्ड) के साथ पंजीकृत करें।
  • आवेदन शुल्क के रूप में नॉन-रिटर्न योग्य ₹ 1 लाख का भुगतान करें।
  • इस शुल्क का भुगतान मुंबई में डिमांड ड्राफ्ट (सेबी के पक्ष में) के रूप में किया जाता है।
  • आवेदन पत्र में फॉर्म ए है।
  • कुछ अतिरिक्त जानकारी भी पेश की जानी है। यह जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
  • फॉर्म को मुंबई में सेबी के प्रधान कार्यालय में पोस्ट करें।

कुछ अन्य आवश्यकताओं को पूरा करना होगा:

  • प्रोफेशनल पोर्टफोलियो प्रबंधक का बेस नेट-वर्थ 5 करोड़ होना चाहिए।
  • रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए, आवेदक को पंजीकरण शुल्क के रूप में रजिस्ट्रेशन फी 10 लाख का भुगतान करना होगा।
  • यह प्रमाणपत्र तीन साल के लिए वैध है।
  • इस प्रमाण पत्र के नवीकरण के लिए, आवेदक को इसकी समाप्ति से तीन महीने पहले आवेदन करना चाहिए।
  • पंजीकरण के लिए रिन्यूअल फीस  5 लाख है।

रेगुलेटरी बॉडी इन सभी पीएमएस सेबी के नियमों और विनियमों को तैयार करती है।


निष्कर्ष

इंडिपेंडेंट फंड मैनेजर्स के बीच सबसे आम प्रश्न यह है कि भारत में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं को कैसे शुरू किया जाये ?

उनके लिए अपने काम के आधार का विस्तार करने और अपनी इनकम बढ़ाने के लिए यह एक अच्छा अवसर है।

हमें उम्मीद है कि इस लेख में आप भारत में पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज कैसे शुरू करें से जुडी सारी जानकरी से क्लियर हो गए होंगे।


यदि आप पोर्टफ़ोलियो प्रबंधन सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं, तो अगले चरण को आगे बढ़ाने में हमारी सहायता करें। बस नीचे दिए गए फॉर्म में कुछ बुनियादी विवरण भरें

पोर्टफोलियो प्रबंधन शुरू करें

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क्या आप पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस के बारे में जानते हैं? यदि नहीं, तो आइए Portfolio Management Services Meaning In Hindi को समझते हैं। 

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) निवेशकों को उनके ट्रेड को मैनेज करने में सहायता करता है। 

इन्वेस्टमेंट की प्रक्रिया शुरुआती लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि इसमें मार्केट के बारे में पूरी जानकारी और ज्ञान की आवश्यकता होती है। 

यह भी जानें: क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है? 

निवेशकों को इंडस्ट्री में होने वाले जोखिम और नुकसान की गणना करने में सक्षम होना चाहिए।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले पूरी तरह से रिसर्च की जरूरत होती है, क्योंकि यह निवेशक को एक गलत निर्णय की वजह से भारी नुकसान में डाल सकते हैं। 

यह एक पोर्टफोलियो मैनेजर की जिम्मेदारी है कि वह किसी निवेशक को अपनी मोनेटरी स्ट्रेंथ के अनुसार सबसे अच्छे इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम देकर उनसे अधिक से अधिक मुनाफा कमा सके।

एक निवेशक को अपने फंड मैनेजर पर पूरा भरोसा होना चाहिए, मैनेजर को उनके अनुसार कार्य करने देना चाहिए और उन्हें रोकना नहीं चाहिए।

जोखिम स्तर के अंदर, पोर्टफोलियो मैनेजर का ऑब्जेक्टिव केवल निवेशक के निवेश में इच्छा अनुसार रिटर्न प्रदान करना है।

जानिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की प्रक्रिया क्या है?, पोर्टफोलियो प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है? 

पोर्टफोलियो मैनेजर को पूरी तरह से निवेशक की कमजोरियों, अवसरों और खतरों का मूल्यांकन करने की क्षमता की आवश्यकता होती है। 

यही कारण है कि आपको पोर्टफोलियो प्रबंधन की आवश्यकता है और यह जानना चाहिए कि आपको अपने पोर्टफोलियो में कितना कैश रखना चाहिए?

चलिए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस के प्रकार जानने के लिए आगे बढ़ते हैं।


पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के प्रकार

इस सेक्शन में आपको विभिन्न प्रकार के पोर्टफोलियो मैनेजर सर्विस जो भी सेवाएं प्रदान करता है उनके खुद के कई उद्देश्य होते है जो वे निवेशकों को प्रदान करते हैं

  • डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट
  • नॉन -डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट
  • एक्टिव  पोर्टफोलियो मैनेजमेंट
  • पैसिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट 

डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट

इसमें निवेशक को फंड मैनेजर पर भरोसा करना होता है। निवेशक को प्रबंधक को पूंजी राशि प्रदान करने की आवश्यकता है। बाकी का फैसला पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा किया जाता है।

पोर्टफोलियो प्रबंधक उन सभी निर्णयों को लेता है जो ग्राहक की निवेश नीति के पूरी तरह से अनुकूल हैं। डायवर्सिफिकेशन पोर्टफोलियो में, प्रबंधक दूसरों से अधिक शुल्क लेता है क्योंकि उसे लक्ष्यों को प्राप्त करने में अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होती है।

नॉन -डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट

इसमें पोर्टफोलियो मैनेजर का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को लाभकारी सलाह देना है। वह आपकी ओर से सभी इनपुट लेगा और लाभ प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएगा।

वह जोखिम, या कोई बाधा, लाभ, और कमियों के बारे में सभी निर्देश प्रदान करके निवेशक के लिए एक एक रास्ता बनाता है।

मैनेजर और निवेशक के बीच पूरी चर्चा होने के बाद, अब जब निवेशक वास्तविकता जानता है, तो अंतिम निर्णय पूरी तरह से निवेशक द्वारा लिया जाता है।

जब निवेशक ग्रीन सिग्नल देता है, तब मैनेजर की भूमिका आती है, वह फिर एक निवेशक की ओर से काम करता है।

एक्टिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट

जब भी निवेशक को उसकी जरूरत हो, पोर्टफोलियो मैनेजर उनके लिए  हर समय उपस्थित रहता है। वह प्रक्रिया जहां मैनेजर एक सही  बेंचमार्क या टारगेट रिटर्न से आगे निकलने के उद्देश्य से स्पष्ट अनुमान लगाता है।

रिटर्न जितना अधिक होगा, उतना ही ज़्यादा जोखिम शामिल होगा। पूरी राशि एक सेक्टर में निवेश करने के बजाय, पोर्टफोलियो प्रबंधक विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ाकर जोखिम को कम करने का प्रयास करता है।

पैसिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट 

यह एक्टिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के बिलकुल विपरीत है। मुख्य योजना उसी रिटर्न को प्राप्त करना है, जैसा कि इंडेक्स में दिखाया गया है। इसे इंडेक्स मैनेजमेंट के रूप में भी जाना जाता है।

निवेशक या पोर्टफोलियो प्रबंधकों द्वारा लागू की गई विधि एक अनौपचारिक दृष्टिकोण की अधिकता है। वे एक बेंचमार्क इंडेक्स सेट करते हैं, जहां वे पहुंचना चाहते हैं और उसी के अनुसार प्रदर्शन करते हैं।

इसका उद्देश्य चयनित बेंचमार्क के अनुसार निवेश पर अच्छी मात्रा में रिटर्न तैयार करना है।

पोर्टफोलियो प्रबंधक आमतौर पर इंडेक्स फ़ाइनेंस के साथ प्रयोग करते हैं, जिसमें तुलनात्मक रूप से कम टर्नओवर और समझदारी से लॉन्ग-टर्म तक रिटर्न होता है।

आइए पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के कुछ उद्देश्यों को देखें और एक संक्षिप्त चर्चा करें।


पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के उद्देश्य 

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस के लक्ष्य संसाधनों को लोकप्रिय सिक्योरिटीज में लॉन्ग-टर्म  में रिटर्न को बढ़ावा देना है, उदाहरण के लिए, इक्विटी, ऋण,कैश, कमोडिटी,इत्यादि।

क्या पीएमएस एक अच्छा निवेश है? – उचित डायवर्सिफिकेशन की मदद से, पीएमएस क्लाइंट को जोखिम कम करने और ग्राहक के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करता है।

यहाँ पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के उद्देश्य हैं।

सिद्धांत निवेश की सुरक्षा: पीएमएस की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता जोखिम को कम करना है।

शुरू में निवेश की गई राशि का मुख्य उद्देश्य निवेशित पूंजी को सुरक्षित रखना है।

निवेश पर रिटर्न  निवेशित राशि से कम नहीं होना चाहिए। यदि रिटर्न निवेश से कम है, तो इसका मतलब है कि एक निवेशक को नुकसान हुआ है। यदि रिटर्न अधिक है तो निवेश, तो हां, यह एक लाभदायक निवेश है।

कैपिटल ग्रोथ: कैपिटल ग्रोथ शब्द को सुनकर हमारे दिमाग में जो पहली बात आई वह यह है कि कुछ पैसा और विकास से जुड़ा है। पोर्टफोलियो मैनेजर को निवेशक के निवेश के लिए रिटर्न बढ़ाने की आवश्यकता होती है।

पूंजी निवेश के अनुसार निवेश पर रिटर्न बढ़ जाना चाहिए। फिर निवेशक के लिए पोर्टफोलियो मैनेजर को नियुक्त करना फायदेमंद होगा।

पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन: इंडस्ट्री में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की सिक्योरिटीज में निवेश जानबूझकर एक तरह से डिज़ाइन किया गया है ताकि पोर्टफोलियो प्रबंधक निवेश की गई राशि पर नुकसान के जोखिम को कम कर सकें।

कैपिटल को अलग-अलग इंडस्ट्री सेगमेंट में निवेश करने और जोखिम कारक को कम करने के लिए निवेश किया जाता है जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

लगातार रिटर्न: निवेश करने के लिए लगाई गई राशि पर लगातार रिटर्न प्राप्त करना महत्वपूर्ण कारक है। निवेशकों के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश पर नियमित रिटर्न जरूरी है।

अगर निवेश की गई पूंजी नियमित रिटर्न दे रही है, तो यह निवेशक के लिए लाभदायक साबित होगा और योजनाबद्ध तरीके से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में उसकी मदद करेगा।

इसके अलावा, वॉरेन बफे की तरह पोर्टफोलियो कैसे बनाएं? और पोर्टफोलियो प्रबंधन लाभ प्राप्त करें। जानिए, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की प्रक्रिया क्या है?

PMS के बारे में जानने के बाद, जानिए कि कैसे एक निवेशक निवेश प्रबंधन सेवाओं में निवेश कर सकता है?


निष्कर्ष

पोर्टफोलियो मैनेजर पीएमएस प्रदान करता है जो मैनेजर निवेश पर रिटर्न लाने के लिए जिम्मेदार होता है जिसमें  ग्राहकों द्वारा निवेश किया जाता है।

निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए धन का निवेश करते हैं, लेकिन निवेश करने से पहले पूरी रिसर्च करना आवश्यक है जो उसके लिए फायदेमंद होगा।

एक निवेशक को किसी जानकार व्यक्ति से सलाह लेनी चाहिए जो उनकी मदद कर सके और उन्हें सफल बना सके।

लोग एक पोर्टफोलियो मैनेजर को नियुक्त करते हैं, अपनी योजनाओं के बारे में विचार देते हैं और फिर पोर्टफोलियो मैनेजर की भूमिका शुरू होती है।

यह चार अलग-अलग प्रकार की पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस सर्विसेज जैसे कि डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, नॉन-डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, एक्टिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, पैसिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट प्रदान करता है।

यह सभी अपनी जगह महत्वपूर्ण और जरुरी है।

हमें उम्मीद है कि इस लेख ने आपको पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के अर्थ के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद की है।


यदि आप पोर्टफ़ोलियो प्रबंधन सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं, तो अगले चरण को आगे बढ़ाने में हमारी सहायता करें।

बस नीचे दिए गए फॉर्म में कुछ बुनियादी विवरण भरें:

पोर्टफोलियो प्रबंधन शुरू करें

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