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]]>आइये जानते है!
किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले ज़रूरी है उसकी जानकारी होना। Wipro की बात करें तो इस कंपनी की स्थापना 1945 में हुई थी और 167 देशो में ये कंपनी टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग सर्विस प्रदान करती है। आज के समय में कंपनी का कुल रेवेन्यू 11 बिलियन डॉलर है।
कंपनी के शेयर NSE और BSE (Difference between NSE and BSE in Hindi) में लिस्टेड है और वर्तमान में कंपनी का शेयर प्राइस 382 रुपए है।
अब बात करते है कि इस कंपनी का शेयर कैसे ख़रीदे?
शेयर्स खरीदने (Share Kharidne Ka Tarika) के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Demat vs Trading Account in Hindi) की आवश्यकता होती है। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए निम्नलिखित कागजात की आवश्यकता होती है।
इन सभी कागजात से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकते हैं और ट्रेडिंग के लिए किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हैं।
हां लेकिन सही कीमत पर शेयर खरीदने के लिए और ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए Wipro कंपनी की मौजूदा स्थिति और मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis of Stocks in Hindi) करना न भूले।
यहाँ पर कुछ ज़रूरी डाटा प्रदान किया गया है, जिससे आप कंपनी की वित्तीय स्थिति को जान सकते है:
Wipro मार्केट कैप – 1,99,79,364.46
Wipro P/E रेश्यो – 17.09
Total शेयर्स – 5,22,19,98,029
Share प्राइस – 382.
ब्रोकिंग एप जैसे की Groww (Groww App in Hindi) या अन्य स्टॉक ब्रोकर एप से आप डीमैट खाता खोलने (Demat Account Kaise Khole) के बाद शेयर खरीद सकते है। ग्रो एप से विप्रो के शेयर्स खरीदने की प्रक्रिया इस प्रकार है।
ट्रेडर्स स्टॉक ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफार्म से Wipro के शेयर्स आसानी से खरीद सकते हैं। शेयर्स खरीदने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। सही और पूरी जानकारी के साथ ही किसी कंपनी के शेयर ख़रीदे और साथ में स्टॉक ब्रोकर की विश्वसनीयता का भी ध्यान रखे।
निवेश के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए अगर आप इच्छुक है तो निचे दिए गए फॉर्म को भरे और हमारी टीम की सहायता से फ्री में डीमैट अकाउंट खोलें |
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इन सभी कम्पनीज में निवेशकों की पसंदीदा कम्पनीज और उनके शेयर प्राइस कुछ इस प्रकार है
S. NO. | Tata स्टॉक Name | Tata स्टॉक Price |
|
TCS | 3391 Rs. |
|
TATA STEEL | 119 Rs. |
|
TATA MOTOR | 648 Rs. |
|
Tata Chemicals | 965 Rs. |
|
Tata Power | 251 Rs. |
|
Indian Hotels | 400 Rs. |
|
TItan | 3275 Rs. |
|
Air India | 55.70 Rs. |
अब टाटा ग्रुप के कम्पनीज के शेयर्स खरीदने के लिए शेयर मार्केट में डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है, डीमैट अकाउंट (Demat Account in Hindi) में शेयर्स रख सकते हैं और ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account Meaning in Hindi) में शेयर्स की खरीद सकते हैं।
स्टॉक ब्रोकर से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए डाक्यूमेंट्स इस प्रकार हैं।
अकाउंट खोलने के बाद आप स्टॉक ब्रोकर की एप में लॉगिन करें और उसके बाद निम्नलिखित चरणों का पालन कर Tata ke share kharide.
यहाँ पर हमने Groww app (Groww app in Hindi) का उदाहरण लिया है, सभी स्टॉक ब्रोकर की एप में ये प्रक्रिया लगभग एक सामान होती है:
निष्कर्ष
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के बाद शेयर्स खरीदने का तरीका (Share Kharidne ka Tareeka) काफी आसान है। आप किसी भी ब्रोकर की एप से आसानी से टाटा कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हैं।
यहाँ पर ध्यान रहे की अगर आप लम्बे समय के लिए शेयर को खरीद रहे है तो कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis in Hindi) ज़रूर करें और वही शार्ट टर्म के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis of Stocks in Hindi) कर शेयर को खरीद सकते है।
अगर आप भी निवेश की दुनिया में नए हैं तो हमारी टीम आपको फ्री में डीमैट अकाउंट खोलने में मदद कर सकती है | इसके लिए बस आपको नीचे दिए हुए फॉर्म को भरना होगा | उसके बाद हमारी टीम आपसे जल्द ही संपर्क करेगी |
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Groww में ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडर को डीमैट खाता (Demat Account in Hindi) के साथ F&O सेगमेंट को भी एक्टिवेट करना होता है।
इसके लिए आपको KYC दस्तावेज़ों के साथ-साथ इनकम स्टेटमेंट और ITR भी अपलोड करनी होती है।
सेगमेंट एक्टिव होने के बाद आप आसानी से Groww app me option trading कर सकते है।
अपने ग्रो अकाउंट में लॉगिन ID से लॉगिन करें, Explore ऑप्शन पर क्लिक करें।
ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके ग्रो एप से आसानी से ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं।
ग्रो ऍप में ऑप्शन ट्रेडिंग खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकरेज देना पड़ता है। ग्रो एप में ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए चार्जेज (Option Trading Charges in Hindi) का भुगतान करना पड़ता है।
ग्रो एप ऑप्शन ट्रेडिंग ब्रोकरेज चार्जेज | |
इक्विटी ऑप्शन | करेंसी ऑप्शन |
20 ₹ प्रत्येक आर्डर पर | 20 ₹ प्रत्येक आर्डर पर |
ऑप्शन ट्रेडिंग काफी प्रचिलित है लेकिन एक शुरूआती ट्रेडर के लिए बड़े नुकसान का कारण भी बन सकती है। Groww काफी आसान user interface प्रदान करता है जिससे कोई भी ट्रेडर आसानी से ऑप्शन ट्रेड कर सकता है, लेकिन नुकसान से बचने के लिए ज़रूरी है कि सही जानकारी और समझ के साथ ही ऑप्शन में पैसा लगाए।
हमें उम्मीद है की आपको पूरी तरह समझ आया होगा कि ग्रो में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते है और इसमें कितना चार्ज लगता है |
अगर आप निवेश की दुनिया में शामिल होना चाहते हैं तो आज ही अपना डीमैट अकाउंट खोलें | ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरें | हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क करेगी और इस सन्दर्भ में आपकी मदद करेगी |
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ग्रो एप से निम्नलिखित विकल्प में निवेश कर सकते हैं।
नीचे कुछ स्टेप्स बताये गए हैं जिससे ग्रो एप से शेयर्स में आसानी से निवेश कर सकते हैं।
ग्रो एप से आसानी से म्यूच्यूअल फंड्स (Mutual Funds in Hindi) में भी निवेश कर सकते हैं।
नीचे कुछ स्टेप्स बताए गए हैं जिससे ग्रो एप से म्यूच्यूअल फंड्स में आसानी से निवेश कर सकते हैं।
ग्रो एप से फिक्स्ड डिपाजिट में भी आसानी से निवेश कर सकते हैं।
ग्रो एप निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच काफी पॉपुलर है | इस पोस्ट में आपने जाना कि ग्रो ऐप में कैसे निवेश करें | ग्रो एप से आसानी से फिक्स्ड डिपाजिट, शेयर्स, म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं।
इन सभी विकल्पों को चुनने से पहले ज़रूरी है कि आप सही तरह से कंपनी और प्रोडक्ट का विश्लेषण करें और उसके बाद उसमे इन्वेस्ट करें।
अगर आप निवेश की दुनिया में शामिल होना चाहते हैं तो आज ही अपना डीमैट अकाउंट खोलें | ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरें | हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क करेगी और इस सन्दर्भ में आपकी मदद करेगी |
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ग्रो एप से पैसे निकालने के लिए कुछ आसान से स्टेप्स का अनुसरण करना पड़ता है, जिससे ग्रो एप वॉलेट का पैसा आसानी से बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है।
ग्रो एप से शेयर मार्केट (Share Market in Hindi), SIP, म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Funds in Hindi), डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं, अलग – अलग निवेश के विकल्प में निवेश किए गए पैसों को निकालने की प्रोसेस अलग है।
अब आपने किसी शेयर में कुछ समय पहले निवेश किया था और उसमे अच्छा-ख़ासा मुनाफा भी कमा लिया, लेकिन अब इन पैसो को कैसे निकालें, आइये जानते है।
ग्रो एप वालेट में पैसे प्राप्त करने के बाद आसानी से बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते हैं, ग्रो एप (Groww app in Hindi) निवेश के जरिए पैसे कमाने के अलावा रेफरल से भी पैसा कमाने का विकल्प प्रदान करता है, रेफरल से कमाए गए पैसे ग्रो एप वॉलेट में आता है, जिसे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
ग्रो एप वॉलेट से बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए वालेट में कम से कम 100 रुपये होने चाहिए।
ट्रेडर्स और निवेशक पैसे कमाने के लिए शेयर्स के अलावा अन्य सेगमेंट जैसे म्यूचयल फण्ड, फिक्स्ड डिपाजिट, SIP (SIP Meaning in Hindi), डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं।
शेयर्स में निवेश किए गए पैसे के अलावा अलग-अलग निवेश के ऑप्शन से पैसे निकालने की प्रोसेस लगभग समान है। ट्रेडर्स और निवेशक अपने निवेश किये गए धन को वापस ग्रो एप वालेट में आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
अनुभवी ट्रेडर्स शेयर मार्केट में ज्यादा लाभ कमाते हैं, अनुभवी ट्रेडर्स के पास सारी जानकारी जैसे शेयर्स की खरीद बिक्री, शेयर मार्केट में निवेश किए गए पैसे कैसे निकालें के बारे में पूरी जानकारी होती है।
Groww एप से आप कभी भी पैसे निकाल सकते है हां लेकिन न्यूनतम राशि 100 रुपये की होनी चाहिए।
अगर आपको निवेश करने के सफर में पहला कदम उठाना है तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी | हमारी टीम इस सन्दर्भ में आपकी सहायता कर सकती है | उसके लिए बस आपको निचे दिए गए फॉर्म को भरने की जरूरत है |
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BO ID का फुल फॉर्म बेनेफिशियल ओनर इडेंटीफिकेशन नंबर (Beneficial Owner Identification Number) है, BO ID 16 अंकों का होता है, पहले की 8 अंक DP ID होती है और अंतिम की 8 अंक ग्रो एप की Client ID होती है। BO ID में डीमैट नंबर भी होता है जो सीडीएसएल (CDSL) में पंजीकृत नंबर भी।
उदाहरण के तौर पर,
1 | 3 | 0 | 1 | 0 | 8 | 0 | 0 | 1 | 5 | 5 | 3 | 6 | 8 | 9 | 1 |
BO ID ( Beneficial Owner Identification Number) – 1301080015536891 (16 अंक )
DP ID – 13010800 ( पहले का 8 अंक)
Client ID – 15536891 ( अंत के 8 अंक)
अब क्योंकि हर एक निवेशक का डीमैट अकाउंट (Demat Account in Hindi) नंबर अलग-अलग होता है इसलिए BO ID भी अलग होती है।
कुछ आसान से स्टेप्स का अनुसरण करने के बाद आसानी से ग्रो एप में BO ID प्राप्त कर सकते हैं।
सारे स्टेप्स फॉलो करने के बाद यूनिक BO ID न. प्राप्त कर सकते हैं। BO ID No. के साथ DP ID यानी डिपॉजिटरी प्रतिभागी (Depository Participant in Hindi) ID और Client ID न. भी प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आपको अपने Groww डीमैट अकाउंट (Groww Demat Account in Hindi) से जुड़ी किसी भी शिकायत या जानकारी लेनी होती है तो उसके लिए BO ID की जानकारी होना आवश्यक है। ऊपर दिए गए तरीके से आप पता लगा सकते है की आपकी Groww Boid kya hai |
अगर आप अपने ID भूल जाते है तो आसानी से एप में देख सकते है या कस्टमर केयर को फ़ोन कर अपने रजिस्टर्ड नंबर की जानकारी दे प्राप्त कर सकते है।
अगर आप भी निवेश की दुनिया में प्रवेश करना चाहते है तो जल्द से जल्द निचे दिए गए फॉर्म में अपना विवरण दें | हमारी टीम आपका डीमैट अकाउंट खोलने में पूरी मदद करेगी |
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]]>अब वैसे तो आज के डिजिटल समय में शेयर खरीदना और बेचना बहुत ही आसान हो गया है लेकिन एक ट्रेडिंग प्लेटफार्म को पूरी तरह से समझकर ट्रेड करना काफी ज़रूरी है।
तो आइये जानते है की आप Groww ट्रेडिंग एप (Groww App in Hindi) में शेयर की खरीदारी कैसे कर सकते है।
Groww एक डिस्काउंट ब्रोकर है जो NSE और BSE (Difference Between BSE and NSE in Hindi) के साथ रजिस्टर्ड है और इसके साथ आपको स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कम्पनीज के शेयर खरीदने और बेचने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करता है।
इस प्लेटफार्म का उपयोग कर आप मार्केट में इंट्राडे, डिलीवरी और साथ ही साथ ऑप्शन में भी ट्रेड कर सकते है। अब शेयर खरीदने के लिए सबसे पहले आपको Groww के साथ एक डीमैट खाता (Demat Account in Hindi) खोलना होगा।
डीमैट खाता खोलने के बाद आप लॉगिन कर शेयर को खरीद और बेच सकते है। यदि आप ग्रो एप्प के जरिये किसी कंपनी जैसे टाटा के शेयर खरीदने (Tata ke share kaise kharide) के बारे में सोच रहे है तो इसकी प्रक्रिया बहुत आसान है |
आइये इसे पूरे विस्तार में जाने।
डीमैट खाता खोलने के बाद आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर ग्रो ऐप से शेयर खरीद सकते है:
अपने आर्डर की जानकारी के लिए ‘Position’ पर क्लिक करें। अगर आपके दर्ज़ वैल्यू पर सेलर होगा तो आर्डर एक्सेक्यूट हो जाएगा अन्यथा आपकी चुनी हुयी वैलिडिटी के अनुसार कैंसिल हो जाएगा।
अब तक आपने जाना कि Groww ऐप में शेयर कैसे खरीदें और कैसे मौलिक विश्लेषण से आप सही शेयर्स का चुनाव कर सकते है | अब बात करते हैं ग्रो ऐप में शेयर खरीदने पर कितना भुगतान करना पड़ता है |
बात करें चार्जेज की Groww में ट्रेड करने की फीस काफी कम है। इंट्राडे और डिलीवरी में न्यूनतम फीस 0.05% है वही अधिकतम ट्रेडिंग भुगतान मात्रा 20 रुपये का है। ग्रो एप के चार्जेज कुछ इस प्रकार हैं:
चार्जेज के प्रकार | चार्ज |
अकाउंट ओपनिंग और AMC चार्जेज | 0 |
इक्विटी ब्रोकरेज | Rs 20 या 0.05 % एक आर्डर के लिए (जो काम हो ) |
फ़्यूचर्स और ऑप्शंस | Rs 20 (प्रति ऑर्डर) |
प्लेज | Rs 0 |
रेगुलेटरी और स्टटूटोरी चार्जेज
इक्विटी | फ़्यूचर्स और ऑप्शंस | |||
इंट्राडे | डिलीवरी | फ़्यूचर्स | ऑप्शंस | |
STT (सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स) | 0.025% (Buy) |
0.1% (Buy/Sell) |
0.0125% (Sell) |
0.0625% (Buy) |
स्टाम्प ड्यूटी | 0.003% (Buy) |
0.015% (Buy) |
0.002% (Buy) |
0.003%
(Buy) |
एक्सचेंज ट्रांसक्शन चार्जेज | NSE:0.00325% BSE: 0.00375% (Buy/Sell) |
NSE:0.00325% BSE: 0.00375% (Buy/Sell) |
NSE:0.0019% BSE:0.00% (Buy/Sell) |
NSE:0.05% BSE:0.0375% (Buy/Sell) |
SEBI टर्नओवर चार्ज | 0.0001% (Buy/Sell) |
0.0001% (Buy/Sell) |
0.0001% (Buy/Sell) |
0.0001% (Buy/Sell) |
DP चार्ज | 0 | 13.5 (प्रति कंपनी) | 0 (Buy/Sell) |
0 (Buy/Sell) |
इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फंड ट्रस्ट चार्ज | NSE:0.0001% (Buy/Sell) |
NSE:0.0001% (Buy/Sell) |
0.0001% (Buy/Sell) |
0.0005% (Buy/Sell) |
शेयर्स मार्केट (Share Market meaning in Hindi) में मुनाफा कमाने के लिए स्टॉक मार्केट की सारी जानकारी होना आवश्यक है। शेयर मार्केट में जानकारी के अभाव में कई बार नुकसान का सामना करना पड़ता है।
इस पोस्ट में ग्रो ऐप से शेयर कैसे खरीदे के विषय पर पूरी जानकारी प्रदान की गयी है, जिससे नए ट्रेडर्स या निवेशक आसानी से शेयर मार्केट में मुनाफा कमा सकते हैं।
शेयर्स खरीदने के लिए एप डाउनलोड करने के बाद जरुरी डाक्यूमेंट्स सत्यापित करने, अकाउंट एक्टिवट होने और ग्रो एप वॉलेट में पैसे ऐड करने के बाद पोस्ट में बताए गए जानकारी से आसानी से ग्रो एप में निवेश (Groww App Me Invest Kaise Kare) कर सकते हैं।
अक्सर निवेशकों और ट्रेडर्स के मन में सवाल आता है की क्या ग्रो एप्प सुरक्षित है या नहीं (Groww App Safe or Not in Hindi)| तो हम आपको बता दे की ग्रो अप्प का इस्तेमाल बिलकुल सुरक्षित है |
तो देर किस बात की | आज ही अपने डीमैट अकाउंट खोलें और कूद पड़ें स्टॉक मार्किट की दुनिया में | नीचे दिए गए फॉर्म को बाहर कर आप हमारी टीम की मदद से जल्द से जल्द अपना डीमैट खाता चालू कर सकते है |
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]]>वैसे तो शेयर मार्केट में हज़ारो कम्पनीज है लेकिन उनमे से कुछ ही कम्पनीज के शेयर में इंट्राडे ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाया जा सकता है तो आइये जाने ऐसे कौनसे कारक है जो इंट्राडे के लिए शेयर चुनने के लिए महत्वपूर्ण है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर का चुनाव करने के लिए कुछ पहलुओं को ध्यान में रखना होता है जैसे की :
किसी भी शेयर को इंट्राडे ट्रेडिंग में खरीदने से पहले इन चारों पहलुओं पर सही होना जरूरी है, आइये इन चारो पहलूओं को विस्तार में समझते है:
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading Meaning in Hindi) यानी की आज ही ट्रेड ली और आज ही मार्केट के बंद होने से पहले अपनी ट्रेड को क्लोज कर दिया।
अब इंट्राडे में लिक्विडिटी की जरूरत कुछ इस तरह है की ट्रेड लेने के लिए शेयर की पर्याप्त क्वांटिटी होना जरूरी होता है|अगर उसमें ज्यादा क्वांटिटी में शेयर ट्रेड हो रहे होंगे तभी तो ट्रेडर सोदे में ज़्यादा मुनाफा कमा पायेगा।
Liquidity की जानकारी वॉल्यूम (What is Volume in Share Market in Hindi) से ली जाती है जो ये संकेत देता है कि कितने ट्रेडर मार्केट वैल्यू पर शेयर को बेचने और खरीदने में इच्छुक है।
जितने ज़्यादा ट्रेडर की वॉल्यूम उतना मुनाफा कमाने का अवसर।
उदाहरण के लिए, मान लो की अगर आपने किसी शेयर को 1000 रुपये के भाव पर खरीद लिया लेकिन उसमे लिक्विडिटी कम है तो ऐसे में स्क्वायर ऑफ करते समय आपको कम सेलर होने की वजह से सही सौदा नहीं मिलेगा और कई बार नुक्सान के साथ आपको अपनी पोजीशन से बाहर निकलना होगा।
इसके साथ वॉल्यूम की जानकारी से हम ट्रेंड को भी जान सकते है:
वॉल्यूम | प्राइस | ट्रेंड |
Increases | Increases | Bullish |
Increases | Decreases | Bearish |
Decreases | Increases | Bullish Trend will end soon |
Decreases | Decreases | Bearish Trend will end soon |
इंट्राडे के लिए बेस्ट स्टॉक चुनने के लिए लिक्विडिटी के बाद वोलैटिलिटी पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होता है। वोलैटिलिटी यानी की अस्थिरता, अगर किसी शेयर में अस्थिरता रहेगी तभी तो वो दिन के दौरान ऊपर नीचे जाएगा और ट्रेडर उस ऊपर नीचे जाने की स्थिति में सोदा लेकर मुनाफा बना पाएगा।
शेयर की वोलैटिलिटी को उसके ऊपर नीचे होने की दशा में मापा जाता है, जितनी अच्छी वोलैटिलिटी उतने अच्छे सोदा लेने के मौके।
आइये इसे एक उदाहरण से समझते है।
मान लो की किसी शेयर की कीमत ₹100 चल रही है और उसकी volatility 1% है इसका मतलब वह ज़्यादा से ज़्यादा 101 तक ऊपर जा सकता है और 99 की वैल्यू तक नीचे गिर सकता है।
ऐसे में अगर आपने सपोर्ट पर इस शेयर को खरीद भी लिया तो ज़्यादा मुनाफा नहीं कमा पाओगे।
वही अगर शेयर में 4% की वोलैटिलिटी हो तो वह मुनाफा कमाने का अवसर भी है लेकिन उसके साथ कई तरह के जोखिम भी है।
मार्केट में वोलैटिलिटी की जानकारी के लिए बोलिंजर बैंड इंडिकेटर (bollinger band indicator in hindi) का उपयोग कर सकते है। यह शेयर मार्किट इंडिकेटर (Share Market Indicator in Hindi) की सूची में वोलैटिलिटी इंडिकेटर में विभाजित है |
रेंज बाउंड मार्किट या कंसोलिडेशन मार्किट: इसमें भाव एक छोटी रेंज में ऊपर निचे होता रहता है और ट्रेडर ज्यादातर इसके झांसे में फंसकर अपनी पूंजी गँवा देता है।
ऊपर दर्शाए चार्ट में देखिये की एक रेंज बनी हुई है और भाव बार बार उस रेंज में ऊपर निचे जा रहा है, अब नए और अनुभवहीन ट्रेडर इस रेंज में सौदा तो ले लेते है और उनका टारगेट नहीं आ पाता।
कारण होता है की शेयर ट्रेंड में नहीं होता और जब भी वो सौदा लेता है तो उसको आगे ग्रोथ मिलने की बजाए रेंज का ऊपरी बैंड मिल जाता है जो की शेयर को वापस निचे धकेल देता है।
जब तक बाज़ार इस रेंज से निकलकर ट्रेंड नहीं पकड़ लेता तब तक ट्रेड करना जानबूझकर जोखिम उठाना कहलाएगा।
ट्रेंड के सहारे ट्रेडिंग: इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंड की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। ट्रेंड से ट्रेडर ये तय कर पाता है की खरीददारी करनी है या बिकवाली करनी है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन करने के लिए ये एक जरूरी पहलु है |
ऊपर दर्शाये चार्ट में एक घंटे का टाइम फ्रेम और उसमें तेजी यानी की बुलिश मार्केट दिखाई दे रही है। इसमें भाव मूविंग एवरेज के साथ साथ मूमेंटम करता हुआ दिखाई दे रहा है। अब देखने वाली बात ये है की एक घंटा जो की एक बड़ा टाइमफ्रेम है तो छोटे टाइम फ्रेम में मूमेंटम के आधार पर ट्रेड करना आसान होता है।
दूसरी तरफ 15 मिनट के टाइमफ्रेम वाले चार्ट में देखा जा सकता है की एक घंटे की मूविंग एवरेज (Moving Average in Hindi) पर जब भाव आता है तो वहां से दोबारा मूमेंटम के साथ ऊपर चला जाता है, एक ट्रेडर के लिए इस तरह ट्रेंड के साथ ट्रेड करना आसान होता है और मुनाफा निकालना भी आसान होता है।
क्योंकि ज्यादातर टाइम शेयर का भाव अपने ट्रेंड के अनुरूप ही जाता है तो अपट्रेंड में बुलिश सौदा लेने की बजाए बियरीश सौदा लेना अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।
ट्रेंड के साथ चलने में गलत होने की संभावना कम हो जाएगी।
मूमेंटम यानी की तेजी की स्पीड यानी गति, किसी भी चीज की गति को मूमेंटम के सहारे समझा जा सकता है। जैसे की गाडी जब चलती हुई धीरे धीरे और तेज गति के साथ चलने लगती है।
तो उसे कहा जाएगा की गाडी ने मूमेंटम पकड़ ली है। बिलकुल उसी प्रकार शेयर जब बुलिश ट्रेंड में चल रहा हो और जब वो बुलिश ट्रेंड में ही और तेज गति पकड़ ले तो उसे कहेंगे की शेयर ने मूमेंटम पकड़ ली है।
टेक्निकल अनालिसिस के सहारे उस मूमेंटम को समझा जा सकता है और ट्रेड भी किया जा सकता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में टेक्निकल अनालिसिस का ही उपयोग होता है, क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग की समय सीमा केवल एक ही दिन की होती है तो वो फंडामेंटल अनालिसिस (Fundamental Analysis in Hindi) या किसी अन्य प्रकार के अनालिसिस की मदद से कर पाना संभव नहीं होता।
हमने लिक्विडिटी (तरलता), वोलैटिलिटी (अस्थिरता) और ट्रेंड के बारे में समझ लिया, जब कोई शेयर इन तीनों चीजों के आधार पर सही हो और ट्रेड करने लायक हो तो अंतिम चरण बचता है टेक्निकल अनालिसिस, जो ट्रेडर को बताएगा की कहाँ पर सोदा लेना है और कहाँ पर बेचना है।
अब जो भी शेयर ट्रेडर के टेक्निकल अनालिसिस के आधार पर खरीदने लायक हो उन्हें खरीदा जा सकता है, इसके लिए कुछ कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern in Hindi), चार्ट पैटर्न, इंडिकेटर और रणनीतियां है जिनकी मदद ली जा सकती है।
ट्रेडर को टेक्निकल अनालिसिस के जरिये इंट्राडे में अच्छी लिक्विडिटी, अच्छी खासी वोलैटिलिटी, और ट्रेडिंग शेयर को ही खरीदना चाहिए।
इस पोस्ट में आपने जाना की इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने | आपको बता दें की इंट्राडे ट्रेड करना जितना मुश्किल है उतना ही आसान भी है बस फर्क है प्लानिंग करने और बिना प्लानिंग के ही इंट्राडे ट्रेडिंग करने की कोशिश करना।
अगर प्लानिंग के साथ इंट्राडे करेंगे तो आप पहले बड़े टाइमफ्रेम के सहारे ट्रेंडिंग स्टॉक्स को खोजेंगे उसके बाद उन खोजे हुए स्टॉक्स में टेक्निकल अनैलिसिस की मदद से सौदा बनाएँगे। ऐसा करने पर मुनाफा कमाने की संभावनाएं बढ़ जाएगी।
टेक्निकल अनालिसिस, ये शब्द जितना पुराना है उतना ही प्रभावशाली है। एक ट्रेडर को अच्छी तरह सोच विचार करने के उपरान्त सही पहलुओं के अनुरूप इंट्राडे में स्टॉक चुनने के बाद टेक्निकल अनालिसिस की मदद से शेयर को खरीदना चाहिए।
अगर आप शेयर मार्किट में इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिये पैसा कमाना चाहते है तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरिये | हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क करके आपका डीमैट अकाउंट खोलने में मदद करेगी |
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]]>अब मार्केट में कई ब्रोकर है, उनमे से कुछ फुल-सर्विस तो कुछ डिस्काउंट ब्रोकर है। अब ब्रोकर अलग है तो इनके शुल्क भी अलग है जो इनके प्रोडक्ट और सर्विस पर निर्भर करते है।
उदाहरण के लिए अगर Zerodha की बात की जाए तो वह फ्लैट ब्रोकरेज लेता है और वही IIFL जो एक फुल सर्विस ब्रोकर है ट्रेडिंग टर्नओवर के अनुसार कमीशन चार्ज करता है।
आपका अकाउंट कौनसे ब्रोकर के साथ है और वह आपसे इंट्राडे ट्रेडिंग का कितना शुल्क लेता है, जानने के लिए ये ब्लॉग अंत तक पढ़े।
Zerodha काफी समय से शीर्ष ब्रोकर में से एक है। डिस्काउंट ब्रोकर के मॉडल में Zerodha काफी अच्छा ब्रोकर है। अपनी टेक्नोलॉजी के लिए मशहूर ये ब्रोकर इंडिया का पहला डिस्काउंट ब्रोकर है। Zerodha में इंट्राडे ट्रेडिंग के चार्जेज (Zerodha Intraday Charges in Hindi) की सूची कुछ इस प्रकार है |
Equity intraday Charges | Flat ₹ 20 or 0.03% (whichever is lower) |
Future Intraday Charges | 0.03% or Rs. 20/executed order whichever is lower |
Option Intraday Charges | Flat Rs. 20 per executed order |
Zerodha की तरह ही Groww भी डिस्काउंट ब्रोकर के मॉडल पर काम करता है। निचे Groww के इंट्राडे ब्रोकरेज के खर्चों की डिटेल्स दी हुई है।
Equity intraday Charges | ₹20 per executed order or 0.05% (whichever is lower) |
Future Intraday Charges | Flat Rs. 20 per executed order |
Option Intraday Charges | Flat Rs. 20 per executed order |
Upstox भी एक डिस्काउंट मॉडल पर चलने वाला ब्रोकर है। इसमें Zerodha और Groww की तरह ही ट्रेडिंग प्लान्स है। निचे Upstox के इंट्राडे ब्रोकेरज चार्जेज की जानकारी दी गई है।
Equity Intraday Charges | ₹20 per executed order or 0.05% (whichever is lower) |
Future Intraday Charges | ₹20 per executed order or 0.05% (whichever is lower) |
Option Intraday Charges | Flat ₹20 per executed order. |
Angel One जिसे पहले Angel Broking के नाम से जाना जाता था। जिसकी लगभग 1996 में शुरुआत हुई थी। पहले ये फुल सर्विस मॉडल पर काम किया करते थे अब इनका हाइब्रिड मॉडल है, इसका मतलब है की ये डिस्काउंट और फुल सर्विस दोनों तरह के ब्रोकर है।
Angel One की बहुत सारी विशेषताएं इसको ख़ास बनती हैं | आइए अब जानते हैं Angel One इस्तेमाल करने पर इंट्राडे ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है | ये चार्जेज कुछ इस प्रकार है |
Equity Intraday Charges | ₹ 0 for first 30days or ₹ 500 then
₹ 20 / Executed Order Or 0.03% (Whichever Is Lower) |
Future Intraday Charges |
₹ 0 for first 30days or ₹ 500 then ₹ 20 / Executed Order Or 0.25% (Whichever Is Lower) |
Option Intraday Charges | ₹ 0 for first 30days or ₹ 500 then
₹ 20 / Executed Order Or 0.25% (Whichever Is Lower) |
Kotak Securities के तीन प्लान है, पहला Trade Free Plan, दूसरा Trade Free Youth प्लान और तीसरा Trade Free Max प्लान।
99 रुपये देकर आप लाइफटाइम के लिए ये प्लान ले सकते हो।
Equity Intraday Charges | ₹0 |
Future Intraday Charges | ₹0 |
Option Intraday Charges | ₹0 |
299 रुपये देकर आप पहले साल के लिए, और 499 रुपये देकर अगले साल के लिए फिरसे ये प्लान ले सकते हो।
Equity Intraday Charges | ₹0 |
Future Intraday Charges | ₹0 |
Option IntradayCharges | ₹0 |
Kotak Securities के इन दोनों प्लान में इंट्राडे ट्रेडिंग चार्जेज बिलकुल फ्री है, इनमें मार्जिन और कुछ अन्य चीजें पर ही चार्जेज लगते है।
Motilal Oswal भी बहुत पुराना ब्रोकर है, लगभग 1987 में मुंबई में इसकी शुरुआत हुई थी। Motilal Oswal फुल सर्विस ब्रोकर है और अपनी फुल सर्विस के लिए ये ब्रोकर मशहूर है। यहाँ गौर करने वाली बात ये है की मोतीलाल ओसवाल का ब्रोकरेज शुल्क (Motilal Oswal brokerage in Hindi) बहुत कम है और इसी वजह से ये बहुत से ट्रेडर्स की पहली पसंद है |
Equity Intraday Charges | 0.02% |
Future Intraday Charges | 0.02% |
Option Intraday Charges | 20 Per Lot |
5paisa एक डिस्काउंट ब्रोकर है, जो की नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड भी है। अपने डिस्काउंट मॉडल में 5paisa फिक्स चार्ज (5paisa charges in Hindi) लेता है। निचे आप इसके द्वारा लिए जाने वाले इंट्राडे ट्रेडिंग चार्जेज दिए गए है।
Equity Intraday Charges | ₹20 |
Future Intraday Charges |
₹20 |
Option Intraday Charges | ₹20 |
अगर आपके पास 5paisa का ₹599 रुपये महीने का Subscription प्लान है तो ₹10 रुपये ब्रोकरेज हर प्रकार की ट्रेड में फिक्स होगा
इंट्राडे ट्रेडिंग में शुल्कों की गणना करने से पहले ब्रोकर द्वारा लिए जाने वाले चार्ज का पता होना चाहिए।
यहाँ हम डिस्काउंट ब्रोकर Zerodha की बात कर लेते है।
Zerodha इंट्राडे में ज्यादा से ज्यादा 20 रूपए या 0.03% (जो भी इनमें से कम हो) लिया जाता है। इसके आलावा Zerodha Equity, Currency, और Commodity की ट्रेड में भी यही चार्ज लेता है। पर ऑप्शन ट्रेडिंग में 20 रुपये प्रति ट्रेड के हिसाब से लिए जाते है।
आइये एक गणना करके देखते है।
मान लीजिये की SBI Bank के शेयर का भाव 500 रुपये चल रहा है और हम उसके 100 शेयर 500 के भाव पर खरीदकर 510 के भाव पर बेचना चाहते है तो इसकी इंट्राडे के शुल्कों की गणना कैसे होगी।
500 के भाव पर 100 शेयर खरीदे गए: यानी की 500 X 100 = 50000
510 के भाव पर 100 शेयर बेचे गए: यानी 510 X 100 = 51000
तो टोल वैल्यू बनी 50000 + 51000 = 101000
और इस 101000 की वैल्यू का 0.03% बना 30.30 रुपये। ये हुई ब्रोकरेज चार्जेज। क्योंकि ये खरीददारी और बिकवाली दोनों की वैल्यू को जोड़कर गणना की गई है, इसे अलग अलग करके भी ब्रोकरेज निकाली जा सकती है।
इसके आलावा ट्रेडिंग टर्नओवर या वैल्यू को आधार बनाकर अन्य खर्चे भी लगते है। जैसे की STT | STT के खर्चे बिकवाली के आधार पर लगते है। जो की 0.025% बेचने पर लगते है।
हमारी बिकवाली की वैल्यू 510 X 100 = 51000 बानी थी तो 51000 का 0.025% हुआ 12.75 पर इसमें होते ये है की इसे राउंड नंबर के आधार पर देखा जाता है, अगर रकम के आगे वाली वैल्यू के पास की वैल्यू है तो आगे वाली वैल्यू को माना जाएगा और अगर पीछे वाली वैल्यू के पास की है तो पीछे वाली वैल्यू को माना जाएगा।
जैसे की 12.75 जो है वो 13 के नजदीक है तो यहाँ STT 13 रुपये ही मानी जाएगी, अगर यही 12.50 से निचे होती तो वैल्यू 12 रुपये मानी जाती।
इसके आलावा Exchange Txn Charge, GST, SEBI Charges, और Stamp Duty भी लगती है।
इन खर्चों के बारे में आप ब्रोकर की साइट पर जाकर पढ़ सकते है।
जैसे की Exchange Txn Charge जो की Exchange द्वारा लिए जाते है।
GST सरकार द्वारा ली जाती है। और शेयर बाज़ार को रेगुलेट करने वाली सेबी भी अपने चार्जेज लेती है। इसके आलावा राज्य सरकारें Stamp Duty लेती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में चार्ज ज्यादा होने के कई कारण होते है, जैसे की:
ट्रेडिंग में ब्रोकर के अलावा भी काफी खर्चे होते है, जो निचे टेबल में दिए गए है।
Type Of Charges | Equity intraday | Currency | Commodity |
STT/CTT | 0.1% on Buy & Sell | No STT | 0.01% on Sell Side |
Transaction Charges | NSE: 0.00325%
BSE: 0.00375% |
NSE:0.0009%
BSE: 0.0009% |
Exchange txn Charge: 0.0026% |
GST | 18% on (Brokerage + SEBI Charges + Transaction Charges) | 18% on (Brokerage + SEBI Charges + Transaction Charges) | 18% on (Brokerage + SEBI Charges + Transaction Charges) |
SEBI Charges | ₹10 / Crore | ₹10 / Crore | Agri: ₹1 / Crore
Non-agri: ₹10 / Crore |
Stamp Charges | 0.003% or ₹300 / Crore On Buy-Side | 0.0001% or ₹10 / Crore On Buy-Side | 0.002% or ₹200 / Crore On Buy-Side |
These figures are taken from the broker’s site and may change over time.
अब हम बात करते है ऊपर शीट में बताए गए चार्जेज की, ये सब चार्जेज कौन कौन से चार्जेज है और इन्हें कोन लेता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ये सारे चार्जेज लिए जाते है,इसके लिए ट्रेडर को अलग अलग चार्जेज नहीं भरने पड़ते बल्कि ब्रोकर के टर्मिनल के माध्यम से खुदबखुद सेटल हो जाते है।
आजकल लगभग ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग करते है, उनके लिए ट्रेडर को अपने सोदों पर लगने वाले चार्जेज के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि ये खर्चे उनके मुनाफे का काफी बड़ा हिस्सा होते है।
ज्यादातर ट्रेडर ये गलती करते है की वो इन खर्चों पर ध्यान नहीं देते और ज्यादा ट्रेड करने लगते है, ज्यादा ट्रेड के साथ ये खर्चे भी बढ़ जाते है। इसलिए intraday trading me kitna charge lagta hai यह हर ट्रेडर को पता होना चाहिए |
ऊपर दी गयी जानकारी से आप भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ स्टॉकब्रोकर (Stock Brokers for Intraday Trading in Hindi) का चुनाव कर सकते हैं |
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कमाना चाहते हैं तो उसकी शुरुआत आप डीमैट अकाउंट खोल कर आसानी से कर सकते हैं | इसमें आपकी मदद के लिए हमारी टीम हमेशा तैयार है | बस आपको नीचे दिए गए फॉर्म को भर कर इसमें पहला कदम उठा सकते हैं |
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]]>सुबह बाज़ार में 9:00 से लेकर 9:15 तक प्री मार्केट ओपनिंग सेशन होता है, ट्रेडर्स इसी समय ट्रेड करना और इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते है, इस समय में इंट्राडे मार्जिन जैसी सुविधाएँ नहीं मिलती। पर खरीदने और बेचने की अनुमति होती है।
9:15 बजे के बाद हर प्रकार की ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग शुरू हो जाती है। जिसमें मार्जिन से लेकर अन्य प्रकार की सभी सुविधांए मिलती है।
3:30 बजे बाज़ार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग बंद हो जाती है। ये तो बात हुई बाज़ार के खुलने और बंद होने की, अब बात करते है की शेयर खरीदने का सही समय क्या है।
अब इसमें कोई दो राय नहीं है कि शेयर खरीदने का सही समय आपके प्रॉफिट को काफी हद तक प्रभावित करता है लेकिन उसके साथ एक सही शेयर का चुनाव करना भी काफी ज़रूरी है।
इसके लिए शार्ट टर्म ट्रेड के लिए टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis in hindi) और लॉन्ग टर्म के लिए फंडामेंटल एनालिसिस (fundamental analysis in hindi) की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
आज के समय में इंट्राडे ट्रेडिंग करना एक आम बात हो गई है, लगभग सभी ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग करते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading meaning in hindi) यानी की आज ही ट्रेड ली और आज ही ट्रेड को क्लोज कर दिया।
इंट्राडे ट्रेडिंग मुख्यतः दिन में दो बार सबसे ज्यादा होती है, ये वो समय होते है जब बाज़ार में सबसे ज्यादा वोलैटिलिटी (अस्थिरता) और मोमेंटम होता है और बाज़ार एक दिशा में जाने लगता है।
ऐसा ज़्यादातर मार्केट के शुरूआती घंटो में होता है। अगर इस समय कोई सोदा बनाया जाए तो अच्छा मुनाफा अर्जित किया जा सकता है।
इसके बाद बाज़ार साइडवेज़ (Range Bound) हो जाते है और अगर इस समय बाज़ार में कोई सोदा बनाया जाए तो बाज़ार एक तरह नहीं जाता और नुकसान होने का चांस बढ़ जाता है।
सुबह के बाद और दोपहर तक बाज़ार आमतौर पर साइडवेज़ ही रहता है, फिर उसके बाद बाज़ार में एकतरफा मूवमेंट आती हुई देखी जाती है, जिसमें की ट्रेडर्स काफी ज्यादा ट्रेड करते है।
ये दो समय अच्छी वोलैटिलिटी देते है जिनका इंट्राडे ट्रेडिंग में काफी अच्छा फायदा उठाया जा सकता है और मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
इसके साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए शेयर में वॉल्यूम यानी की liquidity की जानकारी होना भी ज़रूरी है। दिन के जिस समय पर वॉल्यूम बढ़ रही हो वह भी एक ट्रेडर के लिए शार्ट या लॉन्ग पोजीशन लेने का अवसर लेकर आती है
शेयर खरीदने का सही समय क्या है ये काफी हद तक परिस्थिति पर निर्भर करता है। सबसे अच्छा समय वो माना जाता है जब बाज़ार में गिरावट आती है और अच्छी-अच्छी कंपनियों के शेयर धाराशाही होकर सस्ते दामों में मिल रहे होते है।
अच्छी कंपनियों के शेयर यानी की ब्लू चिप शेयर जो बाज़ार में गिरावट आने पर ज्यादा नहीं गिरते और धीरे धीरे लम्बी समयावधि में अच्छा मुनाफा देते है।
अगर लम्बे समय में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो आपको इसे शेयर का पोर्टफोलियो बनाना चाहिए जो धीरे ही सही पर अच्छा रिटर्न देते हों।
ऐसा करने के कई तरीके हैं, जैसे की आप SIP (Systematic investment Plan) की मदद से इन्वेस्ट कर सकते हो।
शेयर खरीदने का सही समय क्या है जानने से पहले कंपनी का सही तरीके से अच्छे से मूल्यांकन करना चाहिए और ऐसा करने के लिए आपको उसके फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स को देखना चाहिए।
फाइनेंसियल स्टेटमेंट से कंपनी के हालात के बारे में जानकारी मिल जाती है। और इसके साथ-साथ आपको कंपनी के व्यवसाय के बारे में सटीक जानकारी मिल जाती है।
इस काम को फंडामेंटल रिसर्च करना या फंडामेंटल अनालिसिस करना कहते है। इसमें मुख्यतः तीन चीजें होती है।
शेयर खरीदने का सही समय क्या है यह इस बात पर भी निर्भर करता है की बाज़ार में हम कम्पनी को किस तरह देख रहे है।
इसको एक उदाहरण से समझते है, मान लेते है की Infosys जो एक जानी मानी कंपनी है और पिछले कुछ सालो में अपने निवेशकों को ज़्यादा रिटर्न कमाने का अवसर दिया है लेकिन क्या आज के समय में उसमे निवेश करके आप ज़्यादा रिटर्न कमा सकते है।
मान की कंपनी ग्रो कर सकती है लेकिन महंगे दामों में शेयर खरीदना भी आपके रिटर्न को कम कर सकता है।
तो क्या Infosys का शेयर अब कभी नहीं खरीद सकते?
ऐसा नहीं है।
अच्छी से अच्छी और बड़ी से बड़ी कंपनी के शेयर को तब खरीदना चाहिए जब वह सस्ते हो रखे हो। अब SALE को ही ले लो, आपके पसंदीदा ब्रांड में जब SALE लगती है तो आप discounted price पर खरीदारी करते हो, पैसा वह भी खर्च होता है लेकिन कम पैसो में बढ़िया चीज़ खरीदने का अवसर मिलता है।
बस शेयर मार्केट में निवेश करने का भी सही समय वह ही है।
मार्केट में जब कोई भी कंपनी का शेयर प्राइस अपने All Time High या resistance के पास होता है तो वह से मार्केट में correction या retracement की स्थिति बनती है।
आपको अगर कंपनी के fundamental और growth की पूरी जानकारी है तो यही गिरावट आपके निवेश का सही समय बनती है।
एक तरह से बढ़िया रिटर्न वाला शेयर कम से कम दामों में खरीदने का मौका मिलता है जिससे आप अपनी इन्वेस्टमेंट पर ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद कर सकते है। तो यह कहना गलत नहीं होगा की स्मार्ट निवेशक स्मार्ट उपायों का प्रयोग करके (Smart solutions for smart investors in Hindi) अपना फायदा कर सकते है
इसके साथ निवेश का सही समय नीचे दिए कुछ कारकों पर निर्भर करता है:
शेयर खरीदने से पहले कम्पनी के बारे में जानकारी।
अच्छी कम्पनी का आईपीओ आने पर: कोई भी कपनी IPO की मदद से शेयर बाज़ार में कदम रख सकती है, IPO आने पर ये पता लगा लिया जाए की कम्पनी अगर अच्छी है और आगे इसके शेयर के दाम बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
बाज़ार में शेयर खरीदने का सही समय क्या है के साथ साथ उस शेयर के सही प्राइस का पता होना बहुत जरूरी होता है। शेयर खरीदने से पहले कम्पनी के हालात के बारे में जान लेना बहुत आवश्यक होता है, ये बिलकुल वैसा ही है की अगर हम किसी अनजान व्यक्ति को पैसे देने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से जानकारी इकठ्ठा करते है, फिर उसे पैसे देते है।
इसके अलावा टेक्नीकल अनालिसिस भी एक तरीका है ट्रेडिंग करने का जो बाज़ार में अच्छा मुनाफा निकालने में ट्रेडर की मदद कर सकता है।
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