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]]>आमतौर पर, ये फीस कॉन्ट्रैक्ट नोट पर नहीं लिखी होती है और इसलिए कई ट्रेडर इस अतिरिक्त खर्चे से अनजान होते हैं। ये शुल्क आपको हर स्क्रिप के बेचने के बाद लगाए जाते हैं।
आपको इस शुल्क की पूरी जानकारी देने के लिए, हमने इस लेख में ब्रोकर द्वारा लागू डीपी शुल्क की विस्तृत समीक्षा की है।
आइए इस समीक्षा पर नजर डालें।
कोटक सिक्योरिटीज ग्राहकों से कई प्रकार के शुल्क वसूल करती है। ऐसा ही एक शुल्क डीपी शुल्क है जो डिपॉजिटरी द्वारा ली जाती है।
ये शुल्क एक ट्रेडर या निवेशक पर किस तरह से लागू होते हैं, इसे समझने के हम एक उदाहरण लेंगे।
मान लीजिए, अनीता ने हाल ही में कोटक सिक्योरिटीज के साथ ट्रेड शुरू किया और ABC स्टॉक के 10 शेयर बेचने के बाद पूरे खर्चे को कैलकुलेट किया।
लेकिन कैलकुलेशन करने के बाद, वह अतिरिक्त खर्चे को देख कर हैरान हो जाती है। इस अतिरिक्त खर्च को देख कर, वह सभी लागू खर्चों के बारे में रिसर्च करती है और फिर पता लगता है कि ये अतिरिक्त खर्च डीपी शुल्क है।
यह एक फ्लैट ट्रांजैक्शन फीस है जो डीमैट अकाउंट से शेयर डेबिट होने पर लगाया जाता है। यह फीस प्रतिदिन एक बार प्रति स्क्रीन पर लागू होती हैं।
कोटक सिक्योरिटीज में लागू डीपी शुल्क को नीचे दिए टेबल में देख सकते हैं:
कोटक सिक्योरिटीज में डीपी शुल्क | ||
खाता | शुल्क | न्यूनतम भुगतान |
रेगुलर (Non-BSDA अकाउंट) | सिक्योरिटीज और NSDL शुल्क के संयुक्त मूल्यों का 0.04% | ₹27 + NSDL शुल्क |
BSDA अकाउंट | सिक्योरिटीज और NSDL शुल्क के संयुक्त मूल्यों का 0.06% | ₹44.50 + NSDL शुल्क |
अभी आगे बढ़ते हैं और देखते है कि वास्तव में कोटक सिक्योरिटीज डीपी शुल्क कैसे कैलकुलेट की जाती है।
अभी आपके दिमाग में एक बात घूम रही होगी कि कोटक सिक्योरिटीज में डीपी शुल्क कैसे कैलकुलेट किया गया। यह एक बहुत ही आसान प्रक्रिया है।
उदाहरण के लिए, एक स्क्रिप की वैल्यू ₹10,000 है, तब डीपी शुल्क इस प्रकार होगा:
10,000 का 0.04% = 4 + NSDL शुल्क। चूँकि न्यूनतम भुगतान राशि ₹27 है तो डीपी शुल्क ₹27 रुपये होगा।
जैसा की हम ऊपर चर्चा कर चुके है डीपी शुल्क प्रत्येक स्क्रिप के अनुसार लागू होती है और इसमें वॉल्यूम की कोई भूमिका नहीं होती है।
यहाँ एक उदाहरण से समझाया गया है।
मान लीजिये कि आप ₹2000 भाव के 5 शेयर बेचना चाहते हैं।
ट्रांजैक्शन 1:
3 शेयर के लिए, यहां डीपी शुल्क NSDL शुल्क और सिक्योरिटीज का 0.04% होगा।
1 शेयर = ₹2000
3 शेयर = ₹6000
डीपी चार्ज = ₹2.4 (6000 का 0.04%)
न्यूनतम भुगतान की जाने वाली राशि ₹27 रुपये होगी, तो आपको कम से कम ₹27 रुपये भुगतान करना होगा।
ट्रांजैक्शन 2:
2 शेयर = 4000
डीपी शुल्क = ₹1.6 (₹4000 का 0.04%)
न्यूनतम डीपी शुल्क = ₹27
इसका मतलब आपको केवल ₹27 रुपये फिर से भुगतान करने होंगे।
लेकिन, ऊपर की गणना सही नहीं है। ये गलत कैलकुलेशन है।
जैसा की पहले चर्चा की गयी है, डीपी शुल्क आपको प्रति दिन प्रति स्क्रिप पर केवल एक बार लगाया जाता है और ट्रांजैक्शन 1, पर ये शुल्क पहले से ही लागू है. इसलिए आपको दूसरे ट्रांजैक्शन में कोई भी डीपी शुल्क नहीं देना होगा।
हालांकि, मान लेते है आपने ट्रांजैक्शन 2 को दूसरे दिन किया होता है और आपका टर्नओवर ₹1 लाख रुपये का होगा।
इस मामले में, आपको 0.04% X 100000 यानी ₹100 रुपये का भुगतान करना होगा।
अब आपको कोटक सिक्योरिटीज डीपी शुल्क के बारे में जानकारी प्राप्त हो गयी है तो हमें उम्मीद है कि आपको अतिरिक्त शुल्क देख कर चिंता नहीं होगी। तो अगर आप जानना चाहते है कि कोटक सिक्योरिटीज में डीपी शुल्क क्या है, तो बहुत आसानी से ऊपर दिए उदाहरण को देख कर गणना कर सकते है।
अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करके लाभ लेना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट खाता होना चाहिए।
अभी डीमैट खाता खोलने के लिए नीचे दिए फॉर्म को भरें।
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]]>यह सभी शुल्क एक ट्रेडर के द्वार उस समय भुगतान किए जाते है जब वह इस ब्रोकर के साथ जुड़कर निरंतर तौर पर ट्रेड करता है।
ये शुल्क किसी भी ट्रेडर के द्वारा तब अदा किया जाता है जब वह अपना अकाउंट Groww के साथ खुलवा चूका हो उसके बाद ही उसके द्वार ये शुल्क अदा किया जाता है।
लेकिन हमे पहले इस शुल्क से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी ले लेनी चाहिए।
तो चलिए शुरू करते हैं।
अपने अक्सर निवेशकों को इस बात की शिकायत करते हुए सुना होगा की उनके ट्रेडिंग अकाउंट से हिडन शुल्क के रूप में कुछ न कुछ हर बार काटा जाता है। और उन्हें भी इस बात की जानकारी तब मिलती है जब वह लाभ कामने के बाद उसकी गणना करते है और उसमे लाभ की राशि उन्हें कम प्राप्त होती है।
असल में वह गायब हुई राशि डीपी शुल्क के रूप में काट ली जाती है और इसी वजह से लाभ की राशि भी कम प्राप्त होती है।
असल में डीपी शुल्क को कोई ब्रोकर नही बल्कि डिपॉजिटरी वसूल करती है जोकी एक ट्रेडर को डिलीवरी ट्रेड के दौरान अपने डीमैट खाते से हुए शेयर्स की हर निकासी (Sale) पर देने होते है। ये शुल्क प्रति स्क्रिप लगाए जाते हैं।
ट्रेडर या निवेशक को इन शुल्कों के बारे में जानकारी इसलिए नहीं होती है क्योंकि इसके बारे में कहीं भी कॉन्ट्रैक्ट नोट में खुल कर बात नहीं की गयी है यही कारण है की इन्हे हिडन शुल्क की श्रेणी में रखा गया है।
ये शुल्क या तो एनएसडीएल (NSDL) या फिर सीएसडीएल (CDSL) द्वार वसूल किये जाते हैं और इसका भुगतान किसी व्यक्ति विशेष को न जाकर सीधे भारत सरकार को किया जाता है।
डीपी शुल्क क्या है और किसके द्वारा लगाए जाता है इस चीज की जानकारी लेने के बाद हमे इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि Groww डीपी शुल्क के रूप में कितने रुपए वसूल करता है?
Groww डीपी शुल्क के रूप में अपने ग्राहकों से ₹13.5+GST प्रति स्क्रिप प्रति दिन के रूप में के लेता है। आइए इस चीज को हम एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं:
Groww डीपी शुल्क | |
डीपी शुल्क | ₹13.5+GST (प्रति स्क्रिप प्रति दिन) |
मिस्टर पंकज Groww के साथ रोजाना ट्रेड करते हैं। तो चलिए मान लेते हैं कि पंकज ने आज टाटा पावर के 100 शेयर ख़रीदे।
यहाँ पर हम दो अलग अलग स्थितियों की बात करेंगे पहली तो यह पंकज चाहें तो 2 महींने बाद लाभ कमाने के बाद सभी शेयर को बेच कर इस ट्रेड से बाहर आ सकता है।
इस दशा में उसे केवल एक बार ही ₹13.5+GST जोकि ₹15.93 होता का भुगतान करना होगा।
अब इसी में हम दूसरी स्थिति की बात करते हैं जिसमें पंकज एक साथ सभी शेयर को न बेच कर अलग अलग समय पर कुछ शेयर को बेचता है जैसे कि 25 शेयर (पहले हफ्ते के बाद), 50 शेयर (अगले महीने) इसके बाद 10 शेयर (दोबारा 3 महींने के बाद) और अंत में बचे हुए 15 शेयर को साल के बाद बेचता है।
इस दशा में उसे हर बार डीपी शुल्क अदा करना होगा फिर चाहें उसे 1 ही शेयर क्यों न सेल करना होगा उसे हर बार डीपी शुल्क देना होगा आइये जानते है कैसे:
25 शेयर पहले हफ्ते में बेचने पर डीपी शुल्क होगा = ₹13.5+GST
50 शेयर अगले महीने बेचने पर लगने वाला डीपी शुल्क = ₹13.5+GST
10 शेयर अगले 3 महीने पर बेचने के बाद डीपी शुल्क = ₹13.5+GST
और अंत में बचे हुए 15 शेयर के बेचने पर डीपी शुल्क = ₹13.5+GST
इस दशा में पंकज को हर बार डीपी शुल्क अदा करना होगा जो ₹63.72 ( जीएसटी समेत) होगा।
अब एक और स्थिति की बात करते है जिसको लेकर नए ट्रेडर अक्सर दुविधा में रहते हैं। की अगर पंकज इन 100 शेयर को 50 सुबह और फिर उसी दिन 50 शेयर शाम को या दिन में बेचता है तो क्या उसे डीपी शुल्क के रूप में 2 बार शुल्क अदा करना होगा? जी बिल्कुल नहीं।
क्योंकि डीपी शुल्क प्रति स्क्रिप पर एक दिन में एक ही बार लागु होता है।
फिर चाहे आप उस स्क्रिप से शेयर्स को दिन में एक बार सेल करें या एक से अधिक बार आपको बस एक बार ही डीपी शुल्क अदा करना होगा। क्योंकि डीपी शुल्क एक दिन में एक स्क्रिप पर केवल एक बार ही लागू होता है।
डिलीवरी ट्रेड में डीपी शुल्क जानने के बाद आइए अब जानते हैं कि Groww इंट्राडे में कितना डीपी शुल्क वसूल करता है?
अगर आप Groww के साथ पहले से जुड़े हुए हैं और इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो शायद आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में शुल्क के बारे में पता होगा।
लेकिन हम नए ट्रेडर या उन लोगो को यह जानकारी देना चाहते हैं कि जोकि groww के साथ जुड़कर इंट्राडे में ट्रेडिंग करना चाहते हैं। कि उन्हें इंट्राडे में ट्रेड करने पर किसी भी प्रकार का शुल्क अदा नही करना होता है।
हैरान मत होइए इसके पीछे का कारण यह है कि डिलीवरी ट्रेड में शेयर डीमैट खाते से निकासी होने के बाद पैसो के लेनदेन को लेकर T+2 दिन का समय लेते है और इस प्रकिया को पूरा करने के लिए यह शुल्क एक ट्रेडर को डिपॉजिटरी को देना होता है लेकिन इंट्राडे में शेयर डीमैट खाते तक नहीं आते है और इसमें डीमैट खाते का कोई रोल नहीं है इसलिए इंट्राडे पर यह शुल्क लागु नहीं होते।
इस लेख में उदाहरण सहित Groww डीपी शुल्क के बारे में बात की गयी है।
डीपी शुल्क के बारे में अक्सर कॉन्ट्रैक्ट नोट में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी होती है इसीलिए एक ट्रेडर को भी इसके बारे में जानकारी नहीं होती है।
डीपी शुल्क के बारे में सही जानकारी होने से ट्रेडर को ट्रेड के बाद लाभ और हानि की गणना करने में आसानी होती है।
Groww के डीपी शुल्क जानने के बाद अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए।
अभी डीमैट अकाउंट खुलवाने के नीचे दिए फॉर्म को भरें।
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]]>The post आईसीआईसीआई डीपी शुल्क appeared first on अ डिजिटल ब्लॉगर.
]]>आईसीआईसीआई डायरेक्ट, भारत के टॉप स्टॉक ब्रोकर्स में से एक है। जो आपको विभिन्न सेग्मेंट्स में ट्रेडिंग करने की अनुमति देता है।
तो चलिए, शुरू करते हैं।
ICICI DP Charges in Hindi
आपके आईसीआईसीआई डीमैट अकाउंट से होने वाली हर ट्रांजेक्शन के लिए डिपॉजिटरी के द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क को डीपी शुल्क कहा जाता है।
यहाँ डीपी शुल्क से संबंधित कुछ पॉइंट्स दिए गए हैं जिनपर ध्यान देना जरुरी है:
नीचे आपको एक टेबल दिया गया है जिसमें एनएसडीएल और सीडीएसएल डिपॉजिटरी द्वारा लगाए जाने वाले आईसीआईसीआई डीपी शुल्क को समझाया गया है।
आईसीआईसीआई डीपी शुल्क | ||
एनएसडीएल | सीडीएसएल | एडिशनल फीस |
₹20 | ₹20 | 18% GST |
इस प्रकार, हम देख सकते हैं कि आईसीआईसीआई डायरेक्ट, सीडीएसएल और एनएसडीएल डीमैट अकाउंट के लिए ₹20 + 18% GST =₹23.6 डीपी शुल्क लगाता है।
चलिए, सही ढंग से समझने के लिए 3 अलग अलग उदाहरणों को देखते हैं।
#1 उदाहरण
मिस्टर X ने 100 शेयर इनफ़ोसिस के और 100 शेयर TCS के किसी विशेष ट्रेडिंग डे पर बेचे। चूँकि डीपी शुल्क प्रति स्क्रिप लगाए जाते हैं इसलिए इसलिए उनको दोनों ट्रांजेक्शन के अलग-अलग डीपी शुल्क का भुगतान करना पड़ा।
ऊपर हुई ट्रांजेक्शन के आधार पर आईसीआईसीआई में कुल डीपी शुल्क इस प्रकार हुए:
इनफ़ोसिस के 100 डेबिट शेयर = ₹23.6 (₹20+3.6)
TCS के 100 डेबिट शेयर = ₹23.6 (₹20+3.6)
#2 उदाहरण
चलिए, अब एक अलग उदाहरण देखते हैं। यहाँ मिस्टर X ने सुबह 10 बजे इंफोसिस के 50 शेयर और उसी दिन 3 बजे 50 शेयर ओर बेचे।
इस प्रकार, यहाँ उन्होनें 2 बार शेयर डेबिट किये, फिर उन्होनें केवल एक बार ही ₹23.6 डीपी शुल्क का भुगतान किया। क्योंकि डीपी शुल्क दिन में केवल एक बार प्रति स्क्रिप पर लगाए हैं।
#3 उदाहरण
आखिरी उदाहरण में, मिस्टर X ने सोमवार को इंफोसिस के 50 शेयर बेचे और अगले दिन फिर उन्होनें मंगलवार को इंफोसिस के 50 शेयर की ट्रांजेक्शन की।
चूँकि उन्होनें एक ही स्क्रिप की दो अलग अलग दिनों पर ट्रांजेक्शन की, जिस वजह से उन्हें दो बार डीपी शुल्क देना पड़ा।
कुल डीपी शुल्क = ₹23.6+₹23.6 = ₹47.2
डीपी शुल्क सामान्य रूप से हिडन चार्ज होते हैं जो किसी कॉन्ट्रैक्ट में नहीं लिखे होते। इसलिए आईसीआईसीआई डायरेक्ट डीमैट अकाउंट ओपनिंग से पहले इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए .
तो यदि आपको भी डीपी शुल्क से संबंधित कोई जानकारी चाहिए तो आप “अ डिजिटल ब्लॉगर” के माध्यम से
अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं .
इसके अलावा, यदि आप फ्री में डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं या अकाउंट ओपनिंग की कोई जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरें.
उसके बाद आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी.
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]]>लेकिन इससे पहले कि हम डीपी शुल्क पर चर्चा करें, हमें मोतीलाल ओसवाल के बारे में जान लेना चाहिए।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज 1987 में स्थापित एक फुल-सर्विस स्टॉकब्रोकर है और इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है।
यह एक सेबी द्वारा रजिस्टर्ड फर्म है और एनएसडीएल (NSDL) और सीडीएसएल (CDSL) के साथ एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है।
यह एनएसई, बीएसई, एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स जैसे कई स्टॉक एक्सचेंज से एफिलिएटेड है। यह कई फाइनेंशियल सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग की सुविधा देता है जैसे:
अब हमें ब्रोकर के बैक ग्राउंड के बारे में पता चल गया है। इसलिए हम हमारे मुख्य टॉपिक Motilal Oswal DP Charges in Hindi के बारे में बात करेंगें।
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट द्वारा आखिरी शुल्क, ब्रोकर द्वारा तय किया जाता है, लेकिन इसका एक हिस्सा डिपॉजिटरी को दिया जाता है। यह न्यूनतम राशि दोनों डिपॉजिटरी यानी सीडीएसएल और एनएसडीएल द्वारा तय की जाती है।
ब्रोकर इसमें अपने लिए एक छोटी राशि जोड़ता है, और बाकी की राशि डिपॉजिटरी को भुगतान की जाती है।
ट्रेडर या निवेशक द्वारा जनरेट होने वाले प्रत्येक स्क्रिप पर एक डीपी शुल्क लगाया जाता है।
जब आप एक डिलीवरी ट्रेडिंग में फाइनेंशियल एसेट बेचते हैं तो यह शुल्क लिया जाता है। मोतीलाल ओसवाल में डीपी शुल्क 0.075% या ₹75 है, या फिर अधिक भी हो सकता है।
डीपी शुल्क के बारे में जानने के बाद आप सोच रहे होंगे कि मोतीलाल ओसवाल में डीपी शुल्क की गणना कैसे की जाती है?
चलिए, इसके बारे में जानते हैं।
Motilal Oswal DP Charges in Hindi की गणना करना बहुत ही आसान है। डीपी शुल्क से उत्पन्न स्क्रिप को प्रति स्क्रिप गणना करके मोतीलाल डीपी शुल्क का पता लगाते हैं।
मान लीजिए कि आप एक दिन में ₹10,000, ₹1,00,000, और ₹10,00,000 की कीमत के तीन ट्रेड को एक्सीक्यूट करते हैं, तो उससे तीन स्क्रिप जनरेट होते हैं।
जनरेट होने वाली प्रत्येक स्क्रिप के लिए, आपको पहले बताए गए मानदंडों को पूरा करना होगा।
स्क्रिप 1- ₹10,000 X 0.075% = ₹7.5, जो 75 से कम है। इसलिए, यहां डीपी चार्ज ₹75 है।
स्क्रिप 2- ₹1,00,000 X 0.075% = ₹ 75, जो ₹75 के बराबर है। इसलिए, डीपी चार्ज ₹75 है।
स्क्रिप 3- ₹10,00,000 X 0.075% = ₹750, जो ₹75 से अधिक है। इसलिए, यहां डीपी चार्ज केवल ₹75 होगा।
उपरोक्त उदाहरणों से, हम आशा करते हैं कि मोतीलाल ओसवाल में डीपी शुल्क को कैलकुलेट करने का कांसेप्ट क्लियर हो गया होगा।
Motilal Oswal DP Charges in Hindi की गणना करने में कई ट्रेडर और निवेशक कंफ्यूज हो सकते हैं। लेकिन आप उस के लिए कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
जब आपके डीमैट खाते से शेयर डेबिट होते हैं तो उसके लिए आपको डीपी शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।
आप या तो उन्हें मैन्युअल रूप से कैलकुलेट कर सकते हैं या एडवांस मोतीलाल ओसवाल डीपी चार्ज कैलकुलेटर पर भरोसा कर सकते हैं।
यहां आपको अपने डीमैट खाते से आपके द्वारा किए गए लेन-देन की संख्या दर्ज करने की आवश्यकता है और ओवरऑल डीपी शुल्क दिखाए जाएंगे।
इसलिए, यदि आप उपरोक्त लेनदेन के लिए डीपी शुल्क की गणना करते हैं, तो यह बराबर होगा
₹75 + ₹75 + ₹75 = ₹225
तो, आप तीन ट्रेडों के लिए ₹225 का भुगतान करते हैं, भले ही आपने प्रॉफिट कमाया हो या नहीं।
निष्कर्ष
डीपी शुल्क एक ऐसा पहलू है जिसमें किसी स्टॉकब्रोकर के साथ एक डीमैट खाता खोलने पर इसके बारे में नहीं बताया जाता है। इसलिए, आपको हिडन चार्जेज के बारे में पता होना चाहिए।
हमने ट्रेडर या निवेशक द्वारा भुगतान किए गए चार्ज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की है। आपने मोतीलाल ओसवाल में डीपी शुल्कों की कैलकुलेशन के बारे में भी जान लिया है।
इसके अलावा, आप इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
हमें उम्मीद है कि Motilal Oswal DP Charges in Hindi के बारे में आपके सभी सवाल हल हो गए होंगें।
यदि आप भी आईपीओ में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले डीमैट खाता खोलें।
डीमैट खाता खोलने के लिए यहाँ दिए गए फॉर्म को देखें:
यहाँ अपना बुनियादी विवरण भरें और उसके बाद आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था कर दी जाएगी।
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]]>The post स्टॉक्सकार्ट डीपी शुल्क appeared first on अ डिजिटल ब्लॉगर.
]]>यहां हम इस विषय से जुडी सारी जानकारी आपको देंगे लेकिन आपको यह लेख पढ़ने के साथ-साथ अच्छे से समझना होगा।
आइए पहले स्टोक्सकार्ट के बारे में जानते है, यह एक डिस्काउंट ब्रोकर है जो इक्विटी,कमोडिटी,करेंसी और डेरिवेटिव सहित विभिन्न सेगमेंट में ट्रेड करने का अवसर प्रदान करता है।
लेकिन ट्रेडिंग में आने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम स्टॉक्सकार्ट डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता होना है।
एक तरफ जहां ट्रेडिंग खाता कैश होल्ड रखता है, वहीं डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आपकी होल्डिंग को सुरक्षित रखता है।
चूंकि स्टॉक्सकार्ट एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है, जो आपके डीमैट खाते से बेचे गए प्रत्येक शेयर के लिए सीडीएसएल जैसे डिपॉजिटरी में पंजीकृत है, आपको कुछ शुल्क का भुगतान करना होगा जिसे डीपी शुल्क कहा जाता है।
इस लेख में हम ब्रोकर द्वारा लगाए गए स्टॉक्सकार्ट डीपी शुल्क के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि डीपी शुल्क आपके डीमैट खाते पर और आपके द्वारा शेयर बेचने पर लगाए गए शुल्क हैं। ये शुल्क ब्रोकरेज में शामिल नहीं हैं और इसलिए कॉन्ट्रैक्ट नोट में ये नहीं दिए होते हैं।
साथ ही, यहां यह जानना जरूरी है कि ये शुल्क प्रति शेयर के हिसाब से लिए जाते हैं, न कि बेचे जा रहे शेयरों की मात्रा पर। इस प्रकार, चाहे आप 1 शेयर या 100 शेयर बेचते हैं, डीपी शुल्क समान रहते हैं।
ये शुल्क डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी प्रतिभागी द्वारा लगाए जाते हैं। यदि स्टॉक निफ्टी का हिस्सा है तो एनएसडीएल द्वारा शुल्क लगाया जाता है और बीएसई शेयरों के लिए सीडीएसएल द्वारा शुल्क लगाया जाता है।
इसलिए, जब स्टॉक्सकार्ट के साथ ट्रेड करते हैं, तो ये शुल्क सीडीएसएल द्वारा लगाए जाते हैं।
जब डीमैट खाता बेचा जाता है तो स्टॉक्सकार्ट डीपी शुल्क ₹15.5 + 18% प्रति GST होता है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड का डीपी चार्ज ₹5.5 है।
इसकी अवधारणा को समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं।
चूंकि स्टॉक्सकार्ट ने प्रति शेयर .5 15.5 का शुल्क लिया है। अब मान लेते हैं, आप इंफोसिस के 10 शेयर और टीसीएस के 10 शेयर खरीदते हैं। अब जब आप खरीदते हैं, तो शेयर T + 2 दिनों में आपके डीमैट खाते में स्थानांतरित हो जाते हैं।
अब आप 10 दिनों के बाद शेयर बेचने का मन बना लेते हैं। आप इंफोसिस के 2 शेयर और टीसीएस के 2 शेयर बेचते हैं।
जब से आप दो अलग-अलग कंपनियों के शेयर बेच रहे हैं, कुल डीपी शुल्क 15.5 x 2= 31+18% जीएसटी यानी ₹31.58
अब शेयर खरीदने के 15 दिनों के बाद आप TCS का 1 हिस्सा बेचते हैं, जैसे ₹15.5 +18% जीएसटी यानी 18.29 .
फिर से महीने में आपने इन्फोसिस के शेष शेयर यानी 8 शेयर बेचे, फिर स्टॉक्सकार्ट डीपी शुल्क 18.29 होगा चाहे वह कितने भी शेयरों का हो।
ब्रोकर द्वारा लगाए जा रहे सभी शुल्कों में, डिपॉजिटरी प्रतिभागी अपनी कमाई करने में सक्षम है।
चूंकि स्टॉक्सकार्ट सीडीएसएल के साथ पंजीकृत है, जो ₹5.5 डीपी शुल्क लेता है, फिर यहां ब्रोकर डिपॉजिटरी को शुल्क का भुगतान करने के बाद ₹10 (₹15.5 – ₹5.5) कमा सकता है।
जैसा कि पहले से ही ज्ञात है, भारत में दो डिपॉजिटरी एनएसडीएल और सीडीएसएल हैं। जब आप ट्रेड शुरू करते हैं, तो आप वास्तव में डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के साथ एक डीमैट खाता खोलते हैं जो डिपॉजिटरी के सदस्य हैं। जब आप डीमैट खाते से शेयर बेचते हैं, तो सर्विस के लिए डीपी शुल्क लिया जाता है।
इस प्रकार, डीपी शुल्क किसी भी डिलीवरी शेयरों को बेचने पर बेचे जाने वाले फ्लैट लेनदेन शुल्क हैं ।
इसलिए जब आप स्टॉक्सकार्ट के साथ एक डीमैट खाता खोलते हैं, तो यहां डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (स्टॉक्सकार्ट) ने आपके स्टॉक्सकार्ट डीमैट अकाउंट से कोई भी शेयर बेचने पर फीस लगा दी है।
ये शुल्क डिपॉजिटरी और इसके पार्टिसिपेंट की आय का मुख्य स्रोत हैं।
चूंकि इंट्राडे ट्रेडिंग एक दिन के अंदर यानी एक ही ट्रेडिंग सत्र के अंदर शेयरों की खरीद और बिक्री से संबंधित है।
इस ट्रेडिंग में, स्टॉक एक दिन में चुकता हो जाता है, डीमैट खाते में शेयरों का कोई हस्तांतरण नहीं होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में कोई डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट शुल्क शामिल नहीं है।
इसलिए, यदि आप डे ट्रेडिंग करते हैं जो एक ही ट्रेडिंग सत्र में आपकी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर देता है तो आप डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट शुल्क का भुगतान करने से रोक सकते हैं, इसके लिए इसमें इस प्रकार कोई स्टॉक्सकार्ट डीपी शुल्क नहीं हैं।
स्टॉक्सकार्ट के पास ट्रेडिंग सेवाओं के लिए बहुत वास्तविक शुल्क हैं। स्टॉक्सकार्ट डीमैट अकाउंट द्वारा, एक निवेशक अपने शेयरों या सिक्योरिटीज को सुरक्षित तरीके से डिपॉजिटरी के माध्यम से डीमैटरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित कर सकता है।
स्टॉक्सकार्ट अच्छी गुणवत्ता और बेस्ट सर्विसेज के लिए जाना जाता है।
लेकिन अगर आप स्टॉक्सकार्ट के साथ ट्रेड कर रहे हैं या ब्रोकर के साथ एक खाता खोलना चाहते हैं तो डीपी और अन्य लेन-देन शुल्क के बारे में ऐसी सभी जानकारी को जानना अच्छा है।
यदि आप डीमैट खाता खोलना चाहते हैं तो नीचे विवरण भरें और कुछ ही समय में आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था है।
यहां बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी!
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]]>आगे बढ़ने से पहले डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी सिक्योरिटीज की मूलभूत बातों को समझें।
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आपके डीमैट अकाउंट से शेयर बेचने पर हर बार कुछ शुल्क लेते हैं। ये कुछ हिडन चार्ज हैं और कॉन्ट्रैक्ट नोट में बताए नहीं जाते हैं।
सरल शब्दों में कहें तो यह ब्रोकर द्वारा बेचे गए शेयरों की संख्या के बावजूद लगाए गए ट्रांजेक्शन चार्ज है। तो चाहे आप 1 शेयर बेचो या 100 शेयर, एंजेल ब्रोकिंग डीपी चार्जेज वही रहते हैं।
ये शुल्क आम तौर पर अपने ग्राहकों को डीमैट खाता सर्विस देने के लिए लगाए जाते हैं। इसके अलावा, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को आमतौर पर स्टॉकब्रोकर के नाम से जाना जाता है, उसे डिपॉजिटरी को मेम्बरशिप चार्ज के रूप में शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।
डीपी तब ग्राहक से डीपी शुल्क प्राप्त करके इस अतिरिक्त(Additional) शुल्क का भुगतान करता है।
आइए, अब यहां एंजेल ब्रोकिंग में डीपी शुल्क के बारे में बात करते हैं। आइए, इसके लिए एंजेल ब्रोकिंग के डीपी चार्ज को समझने के लिए नीचे टेबल पर एक नज़र डालते हैं:
डीपी शुल्क | |
₹20 प्रति डेबिट ट्रांजेक्शन | बीएसडीए ग्राहकों के लिए ₹50 प्रति डेबिट ट्रांजेक्शन |
टेबल को बेहतर ढंग से समझने के लिए यहां एक संक्षिप्त विवरण दिया गया है।
जब स्टॉक, होल्डिंग से बेचे जाते हैं, तो वॉल्यूम के प्रति स्क्रिप डिविडेंट पर ₹20 + GST लागू होता है।
शेयर खरीदने और बेचने के लिए एंजेल ब्रोकिंग डीपी चार्ज ₹20+जीएसटी के तौर पर पहले से निर्धारित है। एंजेल ब्रोकिंग सीडीएसएल और एनएसडीएल के साथ पंजीकृत है जो स्टॉक ब्रोकर्स को रेगुलेट करता है।
ये स्टॉकब्रोकर डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट हैं जो वास्तव में मध्यस्थ(Mediator) के रूप में काम करते हैं और डिपॉजिटरी में विभिन्न काम करते हैं।
इस प्रकार, डीपी शुल्कों की गणना करने के लिए ऐसा कोई कैलकुलेटर नहीं है। भारत में दो प्रमुख डिपॉजिटरी हैं।
डीपी (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट) एक मध्यस्थ (Mediator) है जो डिपॉजिटरी में काम करता है। एक डीपी के रूप में एंजेल ब्रोकिंग, डीपी शुल्क लेता है जो उपरोक्त टेबल में दिए गए हैं।
एंजेल ब्रोकिंग एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है जो डिपॉजिटरी के साथ मिलकर ग्राहकों से डिपॉजिटरी चार्ज करता है।
डीमैट खाते के लिए विभिन्न डीपी और उनके शुल्कों की तुलना करके डीमैट खाते के लिए सही रास्ता चुनने के लिए जरूरी है।
डीपी चुनने के लिए अपने डीमैट खाते के लिए लगाए गए सभी शुल्कों पर ध्यान दें।
डीपी शुल्क आपके डीमैट खाते और सभी ट्रांजेक्शन पर लगाया जाता है। ये शुल्क कॉन्ट्रैक्ट नोट पर बताए नहीं जाते हैं। डीपी शुल्क, रेवेन्यू शुल्क हैं जो डिपॉजिटरी और पार्टिसिपेंट्स के लिए हैं।
एंजेल ब्रोकिंग के डीपी चार्ज को एक बार देखें और बेहतर अनुभव के लिए सर्विस शुरू करें।
यदि डीमैट खाता खोलने की सोच रहे हैं? तो कृपया नीचे दिए गए फॉर्म को देखें:
यहां बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी!
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]]>The post अपस्टॉक्स डीपी शुल्क appeared first on अ डिजिटल ब्लॉगर.
]]>यदि आप एक सक्रिय निवेशक हैं, तो आपको अपस्टॉक्स के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए जो पहले RKVS के रूप में जाना जाता था। चलिए हम आपको अपस्टॉक्स के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी देते हैं जो भारत में प्रसिद्ध डिस्काउंट ब्रोकरों में से एक है।
जनवरी 2012 में स्थापित, अपस्टॉक्स अपने निवेशकों को इक्विटी, डेरिवेटिव्स-फ्यूचर्स और ऑप्शंस, करेंसी ट्रेडिंग, कमोडिटी, जैसे विभिन्न ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में ट्रेडिंग करने की सुविधा प्रदान करता है।
दुनिया भर में 1,80,000 से अधिक के क्लाइंट के साथ यह एनआरआई ट्रेडिंग सेवाएं (NRI trading services) भी प्रदान करता है।
इसके अलावा, अपस्टॉक्स अपने डेस्कटॉप और मोबाइल ऐप के माध्यम से शुरुआती और उन्नत स्तर के ट्रेडर्स के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करता है। इसके अलावा, आप डेमो लेने के लिए उनके साथ संपर्क में रह सकते हैं जो मुफ्त में दिए जाते हैं।
अब चूंकि आपको अपस्टॉक्स के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल गई है, तो आईये हम डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट पर चर्चा करें और देखते है क्या है इसके अर्थ, प्रकार, महत्व और अपस्टॉक्स डीपी चार्ज ।
अब, आपके मन में एक सवाल उठ सकता है: डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट क्या है और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट कौन है?
डिपॉजिटरी एक संस्थान या निकाय है जो इक्विटी, डेरिवेटिव, म्यूचुअल फंड, फ्यूचर्स और ऑप्शंस (एफएंडओ), डिबेंचर और कमोडिटीज जैसे सेगमेंट में ट्रेडिंग करते समय सभी लेनदेन और शेयरों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
इस प्रकार, डिपॉज़िटरी का मुख्य उद्देश्य एक निवेशक के अनिवार्य या प्रतिभूतियों को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखना है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) दो डिपॉजिटरी हैं जो स्टॉक, शेयर, बॉन्ड और एसेट को पेपरलेस तरीके से बनाए रखने के लिए भारतीय स्टॉक मार्केट में काम कर रही हैं।
इसके अलावा, जब आप उपरोक्त डिपॉजिटरी में से एक के साथ टाई-अप करते हैं तो आपको बार-बार पेपर प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होती है।
एक बार जब आपडिपॉजिटरी के साथ एक डीमैट खाते को खोलते हैं, तो यह सभी महत्वपूर्ण सिक्योरिटीज को बिना किसी परेशानी के सुरक्षित रखता है और अन्य पार्टियों के साथ स्वचालित रूप से सभी आवश्यक जानकारी साझा करता है।
एनएसडीएल(NSDL) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और सीडीएसएल(CDSL) के साथ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा प्रवर्तित है। हालांकि, दोनों सरकारी एजेंसियां समान कार्य और कर्तव्य निभाती हैं।
आज तक, सीडीएसएल के साथ दो करोड़ से अधिक डीमैट खाते खुले हैं।
-सीडीएसएल की वेबसाइट पर प्रति डेटा
मई 2020 के आंकड़ों के अनुसार, एनएसडीएल(NSDL) के साथ डेढ़ करोड़ से अधिक निवेशकों के खाते पंजीकृत किए गए हैं।
-एनएसडीएल वेबसाइट पर प्रति डेटा
कुछ ब्रोकर या एजेंसियां हैं जो निवेशकों और डिपॉजिटरी को मिलाते हैं और इन मध्यस्थों को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के रूप में जाना जाता है।
इन डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स का ट्रेडिंग प्रक्रिया में कदम रखने के लिए सेबी और डिपॉजिटरी के साथ जुड़ा होना आवश्यक है और ऐसा ही एक अपस्टॉक्स है।
सामान्य शब्दों में,
बैंक के साथ बैंक खाता: आपके पैसे को सुरक्षित रखता है
डिपॉजिटरी प्रतिभागी के साथ डीमैट खाता: आपके शेयर, बॉन्ड, शेयर और सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखता है।
अपस्टॉक्स भी अन्य ब्रोकरों की तरह, डिपॉजिटरी की मदद से आपकी एसेट(Assets) की रक्षा और सुरक्षा के लिए अपस्टॉक्स फ्री डीमैट अकाउंट से किए गए प्रत्येक लेनदेन के लिए कुछ डीपी शुल्क लगाता है।
अगर आप Assets के बारे में और अधिक जानकरी प्राप्त करना चाहते है तो आप Assets Meaning in Hindi की समीक्षा का अध्यन कर सकते हैं।
डीमैट खाते से शेयर बेचने पर हर बार लगने वाला अपस्टॉक्स डीपी शुल्क:
18.5 + GST @ 18% = 21.83 (CDSL charges)
निष्कर्ष
अपस्टॉक्स भारत में एक डिस्काउंट ब्रोकर है और अपनी अलग अलग ट्रेडिंग सेवाओं के लिए बहुत वास्तविक कीमत वसूलता है।
अपस्टॉक्स डीमैट खाते के माध्यम से, एक निवेशक या एक ट्रेडर डिपॉजिटरी की मदद से डेमेटेरिअलिज़ेड रूप में रखकर सिक्योरिटीज की रक्षा कर सकता है। चूंकि, दोनों डिपॉजिटरी एक समान हैं इसलिए किसी एक को तय करना चुनौतीपूर्ण नहीं है।
अपस्टॉक्स डीपी से संबंधित निवेशकों या ट्रेडर्स द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्न यहां दिए गए हैं।
मेरी अपस्टॉक्स डीपी आईडी क्या है?
अपस्टॉक्स डीपी आईडी आपके साथ साझा की जाती है, जो कि खाता खोलने की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आमतौर पर 16 अंकों की डीमैट खाता संख्या होती है
अपस्टॉक्स डीमैट खाते को कैसे बंद करें?
आप एक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से अपने अपस्टॉक्स डीमैट खाते को बंद कर सकते हैं। अपस्टॉक्स वेबसाइट पर “डाउनलोड रिपोर्ट्स” पर जाएँ।
“डीमैट खाता बंद करने का फॉर्म” प्रिंट करें और दिए गए सभी विवरणों को हाथ से भरें। भरने के बाद, अपस्टॉक्स, उच्च कार्यालय(Head office), कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में कूरियर करें।
मैं अपस्टॉक्स पर डीपी चार्ज कैसे रोकूं?
इंट्राडे ट्रेडिंग (T+0) के साथ आपको अपस्टॉक्स डीपी चार्ज का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
इसलिए यदि आप भी ट्रेडिंग करना चाहते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि कौन सा स्टॉकब्रोकर आपके लिए सबसे अच्छा है, बस नीचे अपना विवरण भरें।
हम आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था करेंगे, बिल्कुल मुफ्त!
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]]>The post शेयरखान डीपी आईडी appeared first on अ डिजिटल ब्लॉगर.
]]>खाता की सुरक्षा के लिए, डीमैट खाते के खाताधारक को भारत के डिपाजिटरी द्वारा शेयरों की बिक्री और खरीद के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या(Unique identification number) प्रदान की जाती है।
डिपॉजिटरी एक वित्तीय संस्थान है जहां आप सिक्योरिटीज को स्टॉक, बॉन्ड, डिबेंचर(debentures) इत्यादि को एक डीमैटरियलाइज्ड रूप में जमा कर सकते हैं।
शेयरखान ब्रोकर 16 अंकों की डीपी आईडी प्रदान करता है जो डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के द्वारा डीमैट खाताधारक को दी जाती है, जिसके पास इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से ट्रेडिंग के लिए एक खाता है।
डीपी आईडी एक 16 अंकों का अक्षर और संख्यात्मक(numeric) या बस संख्यात्मक संख्या है। सीडीएसएल डिपॉजिटरी अकाउंट के लिए आईडी 16 अंको की है।
NSDL के लिए, शुरुआती दो अंक अल्फा हैं, और 14 अंक संख्या(numbers) हैं।
शुरुआती आठ अंक डीमैट सेवा देने वाले के होंगे जिसे डीपी कहा जाता है। यह उस ब्रोकर के सभी ग्राहकों के लिए एक सामान होगा।
और अगले आठ अंक आपके डीमैट सेवा प्रदाता के साथ आपके डीमैट अकाउंट नंबर या क्लाइंट आईडी या उपयोगकर्ता आईडी के होते हैं, जिसे बेनेफिशरी ओनर आईडी (BOID) कहा जाता है।
आशा है कि आपको हमारे द्वारा प्रदान की गई डीपीआई आईडी(DPI ID) के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल जाएगी, चलिए अब हमारी मुख्य बिंदु शेयरखान डीपी आईडी पर चलते है।
इसके अलावा, शेयरखान प्रोडक्ट, और शेयरखान लेजर पढ़ें।
शेयरखान डीपी आईडी एनएसडीएल और सीडीएसएल दोनों के साथ एक डिपॉजिटरी प्रतिभागी है, जो भारतीय शेयर बाजार के मुख्य दो डिपॉजिटरी हैं।
डिपॉजिटरी वह जगह है जहां धन संबंधित सिक्योरिटीज डीमैटरियलाइज्ड स्ट्रक्चर में होती हैं। डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को डिपॉजिटरी के एजेंट के रूप में चित्रित किया जाता है।
वे डिपॉजिटरी और निवेशक के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। डिपॉजिटरी एक्ट के तहत डिपॉजिटरी और डीपी के बीच एक समझौता किया जाता है।
अधिनियम के दिशानिर्देशों के अनुसार, DP, SEBI से प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद ही सेवाएं प्रदान कर सकता है।
डीपी आईडी एक 16 अंकों की संख्या है जो दो अलग-अलग आईडी को मिलाकर बनाई जाती है, यानी पहले आठ अंक डिपॉजिटरी प्रतिभागी (शेयरखान) के होंगे। खाता बनाते समय अन्य आठ अंक क्लाइंट को प्रदान की जाने वाली क्लाइंट आईडी होंगे।
इसे एक उदाहरण से स्पष्ट करते हैं;
यदि शेयरखान आईडी है: 15748963
क्लाइंट आईडी 59876354 है
फिर डीमैट खाता संख्या 1574896359876354 होगी।
शेयरखान सीडीएसएल(CDSL) और एनएसडीएल(NSDL) दोनों के साथ एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है। खाता खोलने के समय, आप डिपॉजिटरी में से किसी एक को चुन सकते हैं। शेयरखान आईडी इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके पास किस डिपॉजिटरी का खाता है
एनएसडीएल और सीडीएसएल के लिए शेयरखान डीपी आईडी निम्नानुसार हैं:
एनएसडीएल (NSDL) को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड को दर्शाता है। यह भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा डिपॉजिटरी है। डिपॉजिटरी शब्द का अर्थ सिक्योरिटीज मार्केट में एक्सचेंज की गई सिक्योरिटीज को रखने और उनकी सुरक्षा के लिए एक एसोसिएशन से है।
शेयरखान डीपी आईडी मूल रूप से 8 अंकों के की विशिष्ट पहचान है, पहले दो शुरुआती अक्षर(alphabets) हैं, और शेष छह अंक संख्यात्मक रूप में हैं।
एनएसडीएल को IDBI, NSE, UTI द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है। शेयरखान एनएसडीएल डीपी आईडीसी ग्राहक आईडी और डीमैट खाता आईडी का मिश्रण है, जैसे कि IN300513।
एनएसडीएल ऑफ़र कोड और पहले दो शुरुआती अक्षर डिपॉजिटरी के लिए हैं जो क्लाइंट के लिए यह जानना आसान बनाते हैं कि वे किस डिपॉजिटरी के साथ काम कर रहे हैं।
शेयरखान NSDL DP ID IN300513 है।
सीडीएसएल एक और डिपॉजिटरी है जो बीएसई के लिए काम करती है और इसे एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, बीओबी, एचडीएफसी, एक्सिस और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है।
सीडीएसएल की मुख्य विशेषता लाभकारी, विश्वसनीय और सुरक्षित डिपॉजिटरी सेवाएं प्रदान करना है।
सीडीएसएल ने अपना कारोबार फरवरी 1999 से शुरू किया था, जब बाजार के पहरेदार सेबी से पहले अधिग्रहण कर लिया था।
शेयरखान सीडीएसएल डीपी आईडी कुल 8 अंकों की संख्या और एनएसडीएल की तरह इसमें कोई अक्षर((alphabets)) नहीं होता है।
शेयरखान सीडीएसएल डीपी आईडी 12036000 है।
डिपॉजिटरी एक ऐसी जगह है, जहां वित्तीय सिक्योरिटीज डीमैटरियलाइज्ड रूप में होती हैं। भारत के दो मुख्य डिपॉजिटरी NSDL और CDSL हैं।
उनकी मुख्य चिंता इलेक्ट्रॉनिक मोड से भौतिक(physical) सिक्योरिटीज को स्थानांतरित करना है।
सीडीएसएल या एनएसडीएल ब्रोकरेज फर्मों को डीपी आईडी आवंटित करता है, और फिर ये फर्म उस ग्राहक को खाता संख्या प्रदान करते हैं जो उस फर्म के साथ खोलना चाहते हैं।
एनएसडीएल डीपी आईडी को पहले दो शुरुआती अक्षर के साथ और बाकि सभी संख्यात्मक (numeric) रूप में प्रदान करता है ।
इसके विपरीत, सीडीएसएल संपूर्ण संख्यात्मक रूप में प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि इस लेख ने शेयरखान डीपी आईडी के संबंध में आपके प्रश्नों को हल करने में मदद की है।
यदि आप शेयर मार्केट इन्वेस्ट करना चाहते है तो अभी तुरंत डीमैट अकाउंट खुलवाएं
अभी डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए नीचे दिए फॉर्म में बुनियादी विवरण दर्ज करे।
यहाँ विवरण दर्ज करें और आपको शीघ्र ही एक कॉलबैक प्राप्त होगी।
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]]>जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है।
इस शुल्क को डीपी शुल्क (Depository Participant Charges) के रूप में जाना जाता है।
इस पोस्ट में, हम अपने पाठकों को DP Charges in Hindi में सभी सम्बंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, भारतीय शेयर मार्केट में विभिन्न ब्रोकर्स द्वारा ली जाने वाली डीपी शुल्कों के बारे में भी बतायंगे।
इससे पहले की हम डीपी शुल्क के बारे में बात करें, आपको पहले डिपॉजिटरी के बारे में एक संक्षिप्त विवरण देते है।
डिपॉजिटरी एक ऐसी संस्था है जो अपने साथ सिक्योरिटीज रखती है, जिसमें शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव, F&O(फ्यूचर और ऑप्शन), और कमोडिटीज के साथ ट्रेडिंग की जाती है।
यहाँ एक मध्यस्थ अपने ग्राहकों की ओर से डिपॉजिटरी में विभिन्न प्रकार की सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं। इन मध्यस्थों को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के रूप में जाना जाता है।
अनिवार्य रूप से, भारत में केवल दो डिपॉजिटरी हैं: CDSL और NSDL
NSDL का Full Form नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (इंडिया) लिमिटेड है।
यह भारत की पहली डिपॉजिटरी है और इसकी स्थापना 8 नवंबर 1996 में हुई थी।
NSDL के प्रमोटर में एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) IDBI और यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया है।
इसका काम भारत में फाइनेंशियल मार्केट को निवेशक, ब्रोकर्स, बैंक, और सभी प्रकार की सिक्योरिटी से जुड़ी सेवाएं प्रदान करना है।
यह निवेशक की सिक्योरिटी को “इलेक्ट्रॉनिक” फॉर्मेट में अपने पास रखता है।
CDSL का फुल फॉर्म सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस (इंडिया) लिमिटेड है। इसकी स्थापना फरवरी 1999 में मुंबई में हुई थी।
यह भारत की दूसरी सिक्योरिटी डिपॉजिटरी है और बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के अंतर्गत आती है।
यह बैंक की तरह ही काम करता है लेकिन यह पैसों की जगह लोगों के शेयरों और सिक्योरिटी को अपने पास सुरक्षित रखता है।
इसलिए निवेशक जब भी कोई सिक्योरिटी या स्टॉक खरीदता है तो उसे डिपॉजिटरी के पास रखा जाता जाता है।
प्रत्येक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को इसके संचालन करने से पहले उपरोक्त डिपॉजिटरी में से किसी एक के तहत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।
अब आप सोच रहे होंगे कि डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट कौन हो सकते हैं।
निम्नलिखित सूची है:
जैसे आप बैंक शाखा से बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाते हैं, डिपॉजिटरी सेवाएं जैसे डिमटेरियलाइज़ेशन, रिमटेरियलाइज़ेशन आदि का डीपी के माध्यम से लाभ उठाया जा सकता है।
आपको डीमैट खाता खोलने के लिए सीधे डिपॉजिटरी में जाने की आवश्यकता नहीं है। आप डीमैट अकाउंट को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के द्वारा खोल सकते हैं।
आप उन डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के साथ खाता खोल सकते है जो डिपॉजिटरी के सदस्य है जैसे जेरोधा, आईसीआईसीआई, मोतीलाल ओसवाल और एंजेल ब्रोकिंग आदि।
इन फुल-सर्विस स्टॉकब्रोकर्स के माध्यम से निवेशक अपने डीमैट अकाउंट को खोल सकते है। ये ब्रोकर्स निवेशक के फंड और शेयर्स आदि को सुरक्षित रखने के लिए डीपी शुल्क को लगाते हैं।
यहाँ तक हमनें डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के बारे में बात की है।
अब आपको What is DP Charges in Hindi के बारे में विवरण देंगे।
DP Charges का फुल फॉर्म डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) शुल्क है।
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) शुल्क एक स्टॉक ब्रोकर द्वारा लगाए गए शुल्क होते हैं जो डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट होते है। यह शुल्क तब लागू होते है जब आप स्टॉक बेचते है।
अक्सर, निवेशकों को डीपी शुल्क के ऊपर ध्यान नहीं जाता है, क्योंकि यह ब्रोकरेज या कॉन्ट्रैक्ट नोट पर नहीं प्रदर्शित होता है। ब्रोकर द्वारा वसूली गई फीस ब्रोकरेज शुल्क से अतिरिक्त एक आय है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिये कि आपके पास कुछ स्टॉक है और आप इसे अपने स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से बेचते हैं जिनके साथ आपका डीमैट खाता है।
ब्रोकरेज शुल्क के अलावा, आपको स्टॉक ब्रोकर द्वारा लगाए गए डीपी शुल्क (एनएसडीएल के लिए 4.5 या सीडीएसएल के लिए 5.5) + डेबिट शुल्क लगाया जाएगा। डीपी शुल्क की गणना इस तरह से की जाती है। ये शुल्क ब्रोकर से ब्रोकर तक अलग-अलग होते हैं।
DP Charge एक फिक्स्ड लेनदेन शुल्क है जो आपके द्वारा बेची गई मात्रा के विपरीत डिलीवरी ट्रेड के विक्रेता पक्ष यानी Seller Side पर लगाया जाता है।
यह शुल्क बेची गयी शेयर्स की संख्या के विपरीत प्रति स्क्रिप के आधार पर लगाते है। इसलिए, DP Charge वही होगा जो आप XYZ कंपनी का 1 शेयर बेचते हैं या उसी कंपनी के 1000 शेयर।
यह सीडीएसएल / एनडीएसएल द्वारा लिए गए शुल्क है, लेकिन कुछ ब्रोकर आपके द्वारा रखे गए शेयरों की संख्या के आधार पर डेबिट शुल्क लेते हैं।
यह एक बहुत ही सामान्य प्रश्न है जो कई ट्रेडर और निवेशकों द्वारा पूछे जाते हैं।
हालाँकि,आप डिलीवरी ट्रेड में डीपी शुल्क देने से नहीं बच सकते हैं लेकिन तीन तरीके हैं जिनके द्वारा आप डीपी शुल्क से बच सकते हैं:
डीपी चार्ज (एनडीएसएल के लिए 4.5 या सीडीएसएल के लिए CD 5.5) + स्टॉकब्रोकर द्वारा लगाए गए डेबिट शुल्क
किसी भी नए और अनुभवी ट्रेडर के लिए इन शुल्कों के बारे में जानना बहुत आवश्यक है। इसलिए अब हम उन शुल्कों के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देंगे।
आइए इन शुल्कों के बारे में जानें –
अकाउंट खोलने के शुल्क – डीमैट खाता खोलते समय ट्रेडर द्वारा इस शुल्क का भुगतान करना आवश्यक होता है. आपको खाता खोलने का शुल्क केवल एक बार ही देना होता है। यह एक प्रकार के प्रबंधन शुल्क ही होते हैं।
कई डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट अपने फर्म के प्रमोशन के लिए खाता खोलने का शुल्क नहीं लेते है।
AMC (एनुअल मेंटेनेंस चार्ज) – AMC शुल्क वे शुल्क हैं जो ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता खोलने के लिए प्रत्येक वर्ष निवेशक के खाते पर लगाए जाते हैं। इनका मुख्य कार्य निवेशक के खाते को सक्रिय रखना होता है।
ट्रांजेक्शन शुल्क – ट्रांजेक्शन शुल्क का अर्थ निवेशक के खाते से शेयर खरीदने और बेचने के लिए लगाए जाने वाले शुल्क हैं।
ये प्रतिशत आधारित शुल्क हैं जो ट्रेडर के अकाउंट पर लगाए जाते हैं। अपने खाते से शेयर खरीदने और बेचने पर ये शुल्क स्टॉकब्रोकर के द्वारा लगाए जाते हैं।
ट्रांजेक्शन शुल्क महीने में एक बार लिए जाते हैं।
यह शुल्क विभिन्न डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के द्वारा अलग-अलग लिए जाते हैं। ये ट्रांजेक्शन शुल्क शेयर खरीदने के लिए अलग और बेचने के लिए अलग होते हैं।
इनमें से कुछ पार्टिसिपेंट्स शेयर खरीदने पर शुल्क लेती है और कुछ खरीदने और बेचने दोनों पर शुल्क लेती हैं। इस प्रकार लेन देन के शुल्क अलग अलग प्रकार से लिए जाते हैं।
डीमैट/रीमैट शुल्क – डीमैट अकाउंट ऐसा खाता है जिसमें ग्राहक के फंड्स, सिक्योरिटी और शेयर्स इलेक्ट्रॉनिक रूप में होते हैं।
यह शुल्क शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक से फिजिकल में और फिजिकल से इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने के लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के द्वारा लिए जाते हैं।
इस शुल्क को कितना रखना है, यह डिपॉजिटरी और पार्टिसिपेंट्स की आपसी बात और नियमों पर निर्भर करता है। यह निवेशकों के इलेक्ट्रॉनिक और फिजिकल आवेदनों के अनुसार अलग-अलग होते हैं।
ट्रेडर के डीमैट खाते पर शेयर खरीदने और बेचने के लिए सभी स्टॉकब्रोकर्स के द्वारा अलग अलग शुल्क लगाए जाते हैं। अब हम यहाँ सभी स्टॉक ब्रोकर्स के द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों के बारे में एक नज़र डालते हैं-
निवेशक के द्वारा अपने खाते से शेयर्स को बेचने पर ₹13.5 शुल्क लिया जाता है। इसमें ₹5.5 CDSL का और ₹8 जेरोधा का होता है।
ट्रेडर के द्वारा प्रत्येक स्क्रिप बेचने पर आईसीआईसीआई के द्वारा ये डीपी शुल्क ₹4.5 शुल्क लगाए जाते है
एंजेल ब्रोकिंग के द्वारा ₹20 और 18% जीएसटी डीपी शुल्क के रूप में लिया जाता है और ये ग्राहक के द्वारा स्क्रिप बेचने पर भुगतान किया जाता है।
यह निवेशकों से स्क्रिप बेचने पर ₹25 या 0.025% शुल्क लेता है जो अधिक भी हो सकता है।
यह ट्रांजेक्शन वैल्यू का 0.04% या ₹25 शुल्क लेता है जो स्क्रिप बेचने पर लिया जाता है। ये सेल के आधार पर अधिक भी हो सकता है।
शेयरखान अपने ग्राहकों से ₹5.5 और जीएसटी के साथ डीपी शुल्क लेता है।
स्क्रिप बेचने पर ये अपने ग्राहकों से ट्रांजेक्शन वैल्यू का 0.04% या ₹25 शुल्क प्राप्त करता है। ये डीपी शुल्क अधिक भी हो सकता है।
जब भी आप कोई स्क्रिप सेल करते हैं तो उसके लिए आपको अप्सटॉक्स को ₹18.5 और 18% जीएसटी देना आवश्यक है। इसमें ₹5.5 CDSL शुल्क और ₹13 अप्सटॉक्स का शुल्क है।
मोतीलाल ओसवाल के साथ ट्रेड करने पर ये डीपी शुल्क ट्रांजेक्शन वैल्यू का 0.03% या ₹30( प्रति निर्देश) हैं। और यदि आप इनके बाहर ट्रेड कर रहे है तो ये शुल्क ट्रांजेक्शन वैल्यू का 0.04% या ₹40(प्रति निर्देश) हैं।
यह ट्रांजेक्शन वैल्यू का 0.01% शुल्क लेते हैं। ये शुल्क कम से कम ₹21 या ज्यादा से ज्यादा ₹300(प्रति निर्देश ) तक शुल्क वसूल करते हैं।
ये पार्टिसिपेंट्स ट्रांजेक्शन वैल्यू का 0.04% या कम से कम ₹27 (प्रति निर्देश) शुल्क लेते हैं। इनमें से ₹4.5 NSDL का होता है। ये शुल्क तब लिए जाते हैं जब आप कोई स्क्रिप अपने डीमैट खाते से सेल करते हैं।
ब्रोकर |
NDSL Charges | CDSL Charges |
– |
₹13.5 | |
– |
₹20 | |
₹27 | ||
– |
₹25 | |
₹27 |
– | |
₹21 | ||
₹25 |
– |
|
₹35 |
– | |
₹24 |
₹25 | |
₹17.5 |
₹18.5 | |
₹12.5 |
– | |
₹30 |
– | |
₹20 |
– | |
₹25 |
– | |
– | ₹15 | |
– |
₹20.5 |
किसी भी नए और अनुभवी ट्रेडर के लिए इन शुल्कों के बारे में जानना बहुत आवश्यक है। इसलिए अब हम उन शुल्कों के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देंगे।
आइए इन शुल्कों के बारे में जानें –
अकाउंट खोलने के शुल्क – डीमैट खाता खोलते समय ट्रेडर द्वारा इस शुल्क का भुगतान करना आवश्यक होता है. आपको खाता खोलने का शुल्क केवल एक बार ही देना होता है। यह एक प्रकार के प्रबंधन शुल्क ही होते हैं।
कई डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट अपने फर्म के प्रमोशन के लिए खाता खोलने का शुल्क नहीं लेते है।
AMC (एनुअल मेंटेनेंस चार्ज) – AMC शुल्क वे शुल्क हैं जो ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता खोलने के लिए प्रत्येक वर्ष निवेशक के खाते पर लगाए जाते हैं। इनका मुख्य कार्य निवेशक के खाते को सक्रिय रखना होता है।
ट्रांजेक्शन शुल्क – ट्रांजेक्शन शुल्क का अर्थ निवेशक के खाते से शेयर खरीदने और बेचने के लिए लगाए जाने वाले शुल्क हैं।
ये प्रतिशत आधारित शुल्क हैं जो ट्रेडर के अकाउंट पर लगाए जाते हैं। अपने खाते से शेयर खरीदने और बेचने पर ये शुल्क स्टॉकब्रोकर के द्वारा लगाए जाते हैं।
ट्रांजेक्शन शुल्क महीने में एक बार लिए जाते हैं।
यह शुल्क विभिन्न डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के द्वारा अलग-अलग लिए जाते हैं। ये ट्रांजेक्शन शुल्क शेयर खरीदने के लिए अलग और बेचने के लिए अलग होते हैं।
इनमें से कुछ पार्टिसिपेंट्स शेयर खरीदने पर शुल्क लेती है और कुछ खरीदने और बेचने दोनों पर शुल्क लेती हैं। इस प्रकार लेन देन के शुल्क अलग अलग प्रकार से लिए जाते हैं।
डीमैट/रीमैट शुल्क – डीमैट अकाउंट ऐसा खाता है जिसमें ग्राहक के फंड्स, सिक्योरिटी और शेयर्स इलेक्ट्रॉनिक रूप में होते हैं।
यह शुल्क शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक से फिजिकल में और फिजिकल से इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने के लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के द्वारा लिए जाते हैं।
इस शुल्क को कितना रखना है, यह डिपॉजिटरी और पार्टिसिपेंट्स की आपसी बात और नियमों पर निर्भर करता है। यह निवेशकों के इलेक्ट्रॉनिक और फिजिकल आवेदनों के अनुसार अलग-अलग होते हैं।
किसी निवेशक के द्वारा अपने डीमैट खाते से बेचे जाने वाले शेयर्स या स्क्रिप्स पर जो डीपी शुल्क लगाए जाते हैं इन्हें डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स शुल्क कहा जाता है।
ये शुल्क डिपॉजिटरी और इसके पार्टिसिपेंट्स की आपसी सहमति से ग्राहक के डीमैट खाते पर लगाया जाता है।
डीपी शुल्क के साथ साथ ग्राहक के ट्रेडिंग खाते पर कई अन्य शुल्क भी लगाए जाते हैं जैसे खाता खोलने के शुल्क, ट्रांसजेक्शन शुल्क, एएमसी शुल्क और डीमैट शुल्क।
ये शुल्क अलग अलग पार्टिसिपेंट्स के द्वारा अलग अलग प्रकार से और अलग अलग प्रतिशत में लगाए जाते हैं।
प्रश्न: डीपी शुल्कों का भुगतान करने से कैसे बचें ?
इसमें केवल 3 तरीकें है जिनसे आप डीपी शुल्कों को देने से बच सकते हैं। यदि आप अपनी इंट्राडे पोजीशन को क्लोज कर देते हैं, BTST में ट्रेड करते हैं या फिर आप F&O सेगमेंट में ट्रेड करते हैं तो आपको डीपी शुल्क नहीं देना होगा। हालाँकि, डिलीवरी ट्रेडिंग में डीपी शुल्कों का भुगतान करने से नहीं बचा जा सकता।
प्रश्न: क्या इंट्राडे ट्रेडिंग पर डीपी शुल्क लिया जाता है ?
नहीं, इंट्राडे ट्रेडिंग पर डीपी शुल्क नहीं लिया जाता।
प्रश्न: क्या BTST ट्रेड पर डीपी शुल्क लिया जाता है ?
नहीं, BTST ट्रेड पर कोई डीपी शुल्क नहीं लिया जाता।
प्रश्न: डीपी शुल्क कब लगाए जाते हैं ?
जब आप अपने डीमैट खाते से शेयर बेचते हैं तो डिपॉज़िटरी पार्टिसिपेंट्स के द्वारा ये शुल्क लगाए जाते हैं।
प्रश्न: क्या म्यूचुअल फंड्स पर भी डीपी शुल्क लगाए जाते हैं ?
यदि आपके फंड्स डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में हैं तो आपको शेयर बेचने पर डीपी शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।
यदि आप स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग या निवेश के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो आगे के कदम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते हैं:
यहां अपनी जानकारी दर्ज करें और आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी!
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]]>यदि आप अपने स्टॉक ब्रोकर के रूप में आईआईएफएल को चुनने में रुचि रखते हैं, तो आपके लिए यह लेख पढ़ना और ट्रेडिंग और निवेश क्षेत्र में आईआईएफएल के कामकाज को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
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इसके अलावा, डीपी के सिद्धांतों, और इसकी प्रक्रिया को समझना सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
अब, आइए पहले IIFL DP Charges in Hindi को समझने से पहले आईआईएफएल के बारे में जानते है !
आईआईएफएल की स्थापना वर्ष 1995 में निर्मल जैन ने भारत में सबसे प्रमुख वित्तीय या पूंजी कंपनी बनाने के लिए की थी और इस कंपनी ने वास्तव में 2000 से अधिक फ्रेंचाइजी और भारत में 500 से अधिक शहरों के सब-ब्रोकर्स के साथ एक उपलब्धि हासिल की है। और अब IIFL के साथ भारत में 2 लाख से अधिक ग्राहक पंजीकृत हैं।
भारत में शीर्ष शेयर ब्रोकर्स में से एक होने के नाते ट्रेडर्स और निवेशकों को फुल-सर्विस ब्रोकर्स की सुविधा प्रदान करता है, यह विभिन्न ट्रेडिंग और निवेश क्षेत्रों में काम कर रहा है। IIFL के साथ काम करने वाले कुछ का उल्लेख करने के लिए:
अपने ग्राहकों को एक व्यवस्थित क्रम में कई सेवाएं प्रदान करने के लिए, IIFL ने तीन महत्वपूर्ण स्तंभों में अपनी सेवाएं प्रदान करता हैं:
IIFL वेल्थ मैनेजमेंट, एसेट मैनेजमेंट और इंटरनेशनल सब्सिडियरीज से संबंधित है, जबकि IIFL फाइनेंस लिमिटेड सभी प्रकार के होम लोन और माइक्रोफाइनेंस सेवाओं का ख्याल रख रहा है।
तीसरी श्रेणी- IIFL सिक्योरिटीज लिमिटेड पूंजी निवेश, बीमा ब्रोकर और सुविधाएं सेवाओं के साथ काम करने वाली सबसे बड़ी श्रेणी है।
IIFL सबसे पुराने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) में से एक है, जिनका भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एक्सचेंजों के साथ टाई-अप है।
IIFL बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा सूचीबद्ध ऑनलाइन LIVE स्टॉक और शेयर प्रदान करता है।
क्या आप जानते हैं? एनएसई और बीएसई भारत के लोकप्रिय एक्सचेंज है जिनके शेयर, स्टॉक, बॉन्ड और डिबेंचर सुरक्षित हैं और भारत के , सीडीएसएल और एनएसडीएल डीमैट खाता प्रक्रिया के जरिए सुरक्षित हैं!
किसी शेयर या स्टॉक को डीमैटरियलाइज़ करने के लिए, इन डिपॉज़िटरी में से एक के साथ IIFL DP, जिसे डीमैट अकाउंट भी कहा जाता है, के साथ एक डिपॉजिटरी खाता होना अनिवार्य है।
IIFL भारत के दोनों डिपॉजिटरी – सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सिक्योरिटीज लिमिटेड) और एनएसडीएल (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड) से जुड़ा हुआ है, जो अपने ग्राहकों को अपनी पसंद का कोई भी विकल्प चुनने की पेशकश करता है।
जब आप आईआईएफएल के साथ पंजीकृत करते है तो आपको Demat Khata Kaise Kholen के बारे में पता लगता है।
यहाँ, आपको अपने शेयरों, डिबेंचर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, आदि को “डीमैटरियलाइज्ड” फॉर्मेट में रखने के लिए डिपॉजिटरी को एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा।
IIFL अपनी सेवाओं के खिलाफ बहुत मामूली कीमत वसूलता है।
चूंकि यह ब्रोकरेज या अन्य शुल्क के रूप में प्रदर्शित नहीं होता है, इसलिए यह आमतौर पर खाताधारक द्वारा किसी का ध्यान नहीं जाता है।
IIFL द्वारा लगाए गए डीपी शुल्क का उपयोग किया जाता है, जबकि एक खाता धारक किसी भी प्रकार के स्टॉक, शेयर, बॉन्ड आदि को दूसरे पार्टी को बेचता है।
इसलिए, आईआईएफएल रु 5.5 + 0.04% लेन-देन मूल्य प्रति स्क्रिप्ट के डीपी चार्ज के रूप में अपने सीडीएसएल से जुड़े ग्राहकों और एनएसडीएल डीमैट खाताधारकों के लिए प्रति शेयर लेनदेन मूल्य का रु4.5 + 0.04%।
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के रूप में IIFL को चुनने के फायदे
चूंकि डिपॉजिटरी के बिना ट्रेडिंग और निवेश करना संभव नहीं है और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के बिना डिपॉजिटरी से सीधे संपर्क करना भी संभव नहीं है, इसलिए सही DP चुनना बेहद जरूरी है।
IIFL चुनना कोई गलत विकल्प नहीं है! आइए देखें कि ऐसा क्यों है:
यह सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि भारत के बाहर अन्य देशों जैसे न्यूयॉर्क, सिंगापुर, मॉरीशस, हांगकांग, दुबई, लंदन और कोलंबो में भी इनकी मौजूदगी है।
IIFL अपने डीमैट खाताधारकों को एक विशिष्ट आईडी प्रदान करता है। एक बार जब आप आईआईएफएल के साथ डीमैट खाता खोलने के लिए सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करते हैं, तो आपको एक आईडी दी जाएगी जिसे डीपी आईडी (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आईडी) के रूप में जाना जाता है जो लेनदेन के प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है।
DP ID IIFL- NSDL, और CDSL से जुड़े डिपॉजिटरी द्वारा जारी की जाती है। आमतौर पर, डीपी आईडी एक खाता धारक डीमैट खाता संख्या और उसके ग्राहक या ग्राहक आईडी का संयोजन होता है।
दो प्रकार के डीपी आईडी हैं जो एक ग्राहक के साथ IIFL साझा करता है:
IIFL के CDSL के साथ मजबूत संबंध हैं जो कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, HDFC, और अन्य संस्थानों जैसे ठोस वित्तीय फर्मों द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।
यह डिपॉजिटरी आईआईएफएल के साथ लंबे समय से काम कर रही है और डीमैट खाते में उपलब्ध शेयरों, डिबेंचर, बॉन्ड और अन्य आवश्यक स्टॉक को डीमैटरियलाइज करने के लिए मूल्यवान प्रयास कर रही है।
जब डीआईएमटी खाते को आईआईएफएल के साथ खोला जाता है, तो सभी दस्तावेज जैसे पैन, डीओबी, आधार कार्ड, आदि उन्हें प्रस्तुत किए जाते हैं, तो आईआईएफएल सीडीएसएल डीपी आईडी बहुत कम समय में जनरेट होती है और खाताधारक विभिन्न सेगमेंट पर ट्रेड करना या निवेश करना शुरू कर सकते है।
IIFL CDSL DP ID में आठ संख्यात्मक फॉर्मेट ID जैसे 22350077 होते हैं।
IIFL ग्राहकों के साथ साझा की जाने वाली अन्य प्रकार की DP ID IIFL NSDL DP ID है जिसमें आम तौर पर खाता धारक के डीमैट खाता आईडी और उसके ग्राहक आईडी वाले 8 अक्षर और नंबर शामिल होते हैं।
NSDL का मतलब नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड है और डिपॉजिटरी का प्रसार IDBI बैंक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसी बड़ी पूंजी फर्मों द्वारा किया जाता है, और इलेक्ट्रॉनिक रूप में सभी डीमैट खाताधारकों के लिए शेयर, डेन्चर इत्यादि रखने के लिए किया जाता है।
इनिशियल राशि प्रत्येक डिपॉजिटरी के लिए यूनिक कोड से शुरू होती है ताकि खाताधारकों को एक नज़र में यह पता चल सके कि वे एनएसडीएल के साथ काम कर रहे हैं।
डीपी खाते में प्रवेश करने या डीमैट खाते को खोलने के लिए, पहला कदम ब्रोकर के साथ खाता खोलना है। एक बार जब आप आवेदन को संसाधित करते हैं, तो पुष्टि आपके पंजीकृत ईमेल पते पर भेजी जाती है।
लॉगिन क्रेडेंशियल में उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड शामिल हैं।
आप उन्हें ब्रोकर द्वारा प्रदान किए गए कई प्लेटफार्मों तक पहुंचने और अपने डीमैट खाते का उपयोग करके निवेश करने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
यदि आप नए निवेशक या ट्रेडर हैं, तो आपको भारतीय डिपॉजिटरी, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स और डीपी के शुल्क के बारे में अच्छी तरह से पता नहीं होगा।
हालाँकि, इस लेख के माध्यम से हमने IIFL DP Charges in Hindi और India Infoline के साथ काम करने के लाभों को जानने के लिए आपके लिए आवश्यक सभी आवश्यक जानकारी को कवर करने का प्रयास किया है।
IIFL लंबे समय से भारत के दो डिपॉजिटरी – NSDL और CDSL के साथ काम कर रहा है और एनएसई और बीएसई द्वारा सूचीबद्ध शेयरों और शेयरों पर सटीक लाइव डेटा प्रदान कर रहा है।
एक एकल खाते के साथ, और आईआईएफएल खाता धारक आईपीओ, म्युचुअल फंड, इक्विटी, डेरिवेटिव्स, और अन्य जैसे विभिन्न सेगमेंट में डीमैट खाते के माध्यम से प्रत्येक बिक्री के लिए मामूली डीपी शुल्क का भुगतान करके ट्रेड और निवेश कर सकते है।
IIFL अपनी उच्च गुणवत्ता और अच्छी सेवाओं, असंख्य ट्रेड और निवेश प्रोडक्ट , उपयोगकर्ता के अनुकूल ऐप- IIFL मार्केट, त्रुटिहीन निवेश मॉडल और आदि के लिए जाना जाता है!
यहाँ IIFL DP Charges in Hindi से संबंधित लोगों द्वारा सबसे अधिक पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों है।
खाता धारक द्वारा IIFL से जुड़े किसी भी डिपॉजिटरी के साथ डीपी खाता खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
आप दो DP खाते नहीं खोल सकते। आप अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट यानि कि आईएनडीओएनएल की मदद से सीडीएसएल या एनडीएसएल के साथ एक डिपॉजिटरी खाता खोल सकते हैं।
आईआईएफएल द्वारा लगाए गए डीपी शुल्कों की गणना करने का एक बहुत ही सरल तरीका है। IIFL DP शुल्कों की गणना करने के लिए, नीचे दिए गए सूत्र का पालन करें:
डीपी शुल्क = सीडीएसएल / एनएसडीएल शुल्क + डेबिट कार्ड जो आईआईएफएल (न्यूनतम 25रु) द्वारा लगाया गया है।
आप IIFL के वितरण ट्रेडों में डीपी शुल्क से नहीं बच सकते हैं। चूंकि सभी प्रक्रिया और लेनदेन डीमैट खाते से चलते हैं और एक बार खाता धारक किसी भी शेयर या शेयरों को बेचता है, तो डीपी शुल्क लगाया जाता है।
एक आम आदमी के कार्यकाल में, एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) डिपॉजिटरी (NSDL / CDSL) का प्रतिनिधि होता है, जो इन डिपॉजिटरी और निवेशकों या ट्रेडर्स के बीच समन्वय(coordinate) करता है।
जैसे कुछ जाने-माने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स इंडिया इंफोलाइन, ज़ेरोधा, एंजेल ब्रोकिंग, अपस्टॉक्स आदि हैं।
डीमैट खाता खोलना चाहते हैं!
यहां बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी!
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