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अगर आप कमोडिटी ट्रेडिंग (Commodity Trading in Hindi) से पैसा कमाना चाहते हैं तो सबसे पहली शर्त कमोडिटी (Commodity Meaning in Hindi) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल करनी है।
आपको यह देखना होगा कि आखिर कमोडिटी क्या है (Commodity in Hindi), और उससे कैसे पैसे कमाया जा सकता है।
अगर वर्तमान समय की बात करें तो ज्यादातर लोगों को कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) के बारे में नहीं पता है और ऐसे लोग लाभ कमाने का एक अच्छा अवसर खो रहे हैं।
कमोडिटी को सरल शब्दों (Commodity Meaning in Hindi) में समझें, तो यह हमारे जीवन में उपयोग होने वाली सामान्य वस्तुएं जैसे की खाद्य पदार्थ (गेहूं, चावल) कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ, कीमती धातु इत्यादि को दर्शाता है।
कमोडिटी को वस्तु या जिंक्स भी कहा जाता है।
लेकिन, अब यह देखते है कि ऊपर बातये कमोडिटी से व्यापर (Commodity Trading) कैसे कर सकते है।
Commodity Trading in Hindi
आपने शेयर बाजार के बारे में सुना होगा जहाँ शेयर की खरीद बिक्री के माध्यम से ट्रेड किया जाता है और प्रॉफिट कमाते हैं।
ठीक उसी तरह कमोडिटी मार्केट में भी वस्तुओं का व्यापर करते है। कमोडिटी बाजार लोगों को ऊपर बताये कमोडिटी में व्यापर करने के मौका देती है।
इन कमोडिटीज को जब कमोडिटी एक्सचेंज के माध्यम से खरीद-बिक्री करते है तो इस प्रक्रिया को कमोडिटी ट्रेडिंग (Commodity Trading) कहा जाता है।
हालाँकि, कमोडिटीज ट्रेडिंग का प्रचलन प्राचीन समय से ही हो रहा है। उस समय, एक्सचेंज प्रणाली की जगह ट्रेडिंग को भौतिक रूप से किया जाता था, यानी की खरीदार और विक्रेता खुद एक दूसरे के पास जाकर ट्रेड करते थे।
प्राचीन समय में, ज्यादातर ट्रेडिंग पशुओं, मशाले, आनाज आदि में ही किया जाता था। यहाँ ट्रेडर को भुगतान भी भौतिक रूप से करना पड़ता था।
हालांकि, समय गुजरने के साथ कमोडिटी ट्रेडिंग करने का तरीका भी बदल गया है। टेक्नोलॉजी और वैश्वीकरण ने दुनिया भर के बाजार को एक साथ जोड़ दिया।
आप इस विस्तृत समीक्षा को नीचे दिए वीडियो के माध्यम से भी समझ सकते हैं।
अब कमोडिटी ट्रेडिंग, कमोडिटी एक्सचेंज पर ऑनलाइन होती है। जहाँ कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान से बैठ कर एक इंटरनेट से लैस डिवाइस के साथ ट्रेड कर सकता है।
कमोडिटी को डिमटेरियलाइज्ड रूप में खरीदे और बेचे जाते हैं और इसमें कोई भौतिक आदान-प्रादन नहीं होती है। डिमटेरियलाइज्ड का अर्थ है की आप सब कुछ ऑनलाइन फॉर्मेट में कर सकते है।
इस प्रक्रिया में ट्रेडर को प्राप्त लाभ और नुकसान को भी ऑनलाइन ही निपटाया जाता है। यदि ट्रेडर को लाभ होता है तो वह राशि ट्रेडर के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
अभी तक हमनें कमोडिटी ट्रेडिंग की बुनियादी बातों को समझा है, अब आगे कमोडिटी ट्रेडिंग की शुरुआत कब हुई, इसके लिए क्या योग्यता चाहिए और इसके कार्यप्रणाली इत्यादि के बारे में बात करेंगे।
अब कमोडिटी ट्रेडिंग से आगे बढ़कर इससे संबंधित विषयों पर चर्चा करेंगे।
कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है
इक्विटी, रियल एस्टेट और सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं में निवेश के बाद, लोगों ने कमोडिटी में भी निवेश करना शुरू कर दिया।
यह रिटेल इन्वेस्टर और ट्रेडर के लिए निवेश करने का एक नया प्लेटफॉर्म मिल गया।
हालांकि, कमोडिटी ट्रेडिंग में जोखिम और चुनौतियां भी हैं। लेकिन यह ट्रेडर को मुनाफा कमाने का भी एक अच्छा प्लैटफॉर्म देता है, जहाँ ट्रेडर कमोडिटी को ऑनलाइन खरीद और बेच सकता है।
ट्रेडिंग के अन्य सेगमेंट की तरह कमोडिटी में भी ट्रेड करने के लिए मेहनत, ज्ञान, अनुभव और समर्पण की आवश्यकता होती है।
ट्रेडर को कमोडिटी, बाजार और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में पर्याप्त जानकारी होना चाहिए जो कमोडिटी की कीमत में उतार-चढ़ाव का कारण बनता है।
ट्रेडर को कमोडिटी बाजार में सही कदम उठाने में सक्षम होने के लिए मौलिक विश्लेषण और / या तकनीकी विश्लेषण के बारे में पर्याप्त जानकारी होना आवश्यक है।
इसमें कुछ जोखिम भी जुड़े हैं जिसे अच्छी तरह से प्रबंधित करने पर पूंजी का नुकसान हो सकता है।
कमोडिटी ट्रेडिंग का उद्देश्य पोर्टफोलियो में विविधता लाना है।
पोर्टफोलियो में विविधीकरण के साथ, एक ट्रेडर जोखिम को एक सामान स्तर पर बनाए रखने के साथ ही अपने समग्र निवेश पर अधिक रिटर्न की अपेक्षा कर सकता है।
वास्तव में, भारत में कमोडिटी में ट्रेडिंग के जरिये एसेट्स एलोकेशन में सुधार, महंगाई जैसे जोखिमों के खिलाफ हेजिंग (बचाव) और वैश्विक विकास की मांग का एक हिस्सा बन सकते है।
भारत में, कमोडिटी ट्रेडिंग निमंलकिहित एक्सचेंज में होती है:
- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX),
- नेशनल कमोडिटीज एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स),
- नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE),
- इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX),
- ऐस डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज (NDCE) और,
- यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCE)
इन एक्सचेंजों को फॉर्वर्ड मार्केट कमीशन (Forward Market Commission) द्वारा विनियमित (Regulate) किया जाता है।
आप विभिन्न कमोडिटी एक्सचेंज में पंजीकृत ब्रोकर (Registered Broker) के साथ खाता खोलकर कमोडिटीज का ट्रेड कर सकते हैं।
Commodity me Trading Kaise Kare
कमोडिटी ट्रेडिंग का मूल आधार मांग और आपूर्ति (Demand and Supply) है, जैसे जब आपूर्ति (Supply) कम हो जाती है, तो मांग (Demand) बढ़ जाती है और इसलिए कीमतें (Prices) बढ़ जाती है और जब आपूर्ति (Supply) अधिक हो जाती है, तो मांग (Demand) के साथ कीमतें घट जाती है।
ट्रेडर इन उतार-चढ़ाव से लाभ उठाकर मुनाफा (Profit) कमाता है या नुकसान (Loss) से बचता है।
व्यापक रूप से ट्रेडिंग के लिए कमोडिटीज की चार श्रेणियां है: धातु (Metal), ऊर्जा (Energy), पशुधन (Livestock) और कृषि (Agri)।
मौसम, सरकारी नीतियों, सामाजिक कारकों और वैश्विक कारकों से प्रभावित मांग और आपूर्ति में बदलाव के कारण कीमतें भी प्रभावित होती हैं।
प्रत्येक कमोडिटी को एक विशिष्ट लॉट साइज और अनुबंध मूल्य (Contract Price) के अंतर्गत ट्रेड किये जाते हैं और मूल्य में उतार चढ़ाव लाभ या हानि का कारण बनता है।
यहां कमोडिटी ट्रेडिंग की प्रत्येक श्रेणी का एक संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
धातु (Metal)
इस श्रेणी में मुख्य रूप से साधारण और कीमती धातुएं शामिल हैं।
साधारण धातुओं में निकेल, स्टील, जिंक, एल्युमिनियम, टिन, आयरन आदि शामिल हैं, तो कीमती धातुओं में प्लैटिनम, गोल्ड, सिल्वर आदि हैं।
ऊर्जा (Energy)
एनर्जी कमोडिटी में ऐसी वस्तुएं आती है जो एनर्जी यानी ऊर्जा को अन्य रूप में उत्पन्न करती हैं। यह बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद जैसे प्राकृतिक गैस, कोयला, यूरेनियम, गैसोलीन आदि हो सकते हैं।
पशु (Livestock)
पशु, पोल्ट्री उत्पाद मुख्य रूप से भारत में ट्रेड के लिए पशुधन वस्तुओं को बनाते हैं।
कृषि (Agricultural)
अंत में, एग्री कमोडिटीज के अंतर्गत मक्का, कपास, रबर, ऊन, कॉफी, गेहूं, चीनी, सोयाबीन आदि हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप टॉप कमोडिटीज पर इस विस्तृत समीक्षा को देख सकते हैं।
कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे काम करता है?
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए एक ट्रेडर के पास कई प्रकार के तरीकें हैं। कमोडिटी में किस प्रकार ट्रेड करनी चाहिए उसके लिए आप शेयर मार्केट बुक्स (share market books in hindi) को पढ़ सकते है।
उसके पश्चात निम्न तरीको से कमोडिटी ट्रेड को समझ सकते है।
कमोडिटी ट्रेडिंग का सबसे लोकप्रिय तरीका एक कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (Commodity Future Contract) में ट्रेडिंग करना है।
खरीदार (Buyer) और विक्रेता (Seller) आने वाले किसी एक निश्चित समय के लिए पहले से तय मूल्य पर एक कमोडिटी की एक विशिष्ट मात्रा को खरीदने / बेचने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट करता हैं।
कमोडिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में प्रवेश करने वाली संस्थाएं मुख्य रूप से हेजर्स (Hedgers) या सट्टेबाज (Speculators) हैं।
हेजर्स मुख्य रूप से आयातक (Importers), निर्यातक (Exporters) या विनिर्माण (Manufactures) होते हैं।
हेजर्स भविष्य में कमोडिटी की कीमतों में होने बदलाव से होने वाले वित्तीय नुकसान के अपने जोखिम को कम करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट करते हैं।
उदाहरण के तौर पर, एयरलाइन उद्योग तेल के लिए फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट करते है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे भविष्य में निश्चित कीमत पर तेल प्राप्त कर सकें और उनका व्यापार बाजार की अस्थिरता से प्रभावित न हों।
दूसरी तरफ, सट्टेबाज (Speculators) वे हैं जो कीमतों के उतार चढ़ाव का लाभ उठाने और प्रक्रिया में मुनाफा कमाने के लिए कमोडिटी के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में प्रवेश करते हैं।
वे वास्तविक डिलीवरी नहीं लेते हैं और कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म होने से पहले अपनी पोजीशन बंद कर लेते हैं।
स्टॉक के रूप में कमोडिटी:
कमोडिटी से संबंधित कंपनियों के शेयरों को खरीदने और बेचने के रूप में भी कमोडिटी ट्रेडिंग की जा सकती है।
उदाहरण के लिए, एक ट्रेडर ऑयल कॉन्ट्रैक्ट खरीदने के बजाय, रिफाइनरी या ऑयल कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं।
ये स्टॉक, फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की तरह ही आगे बढ़ता हैं, लेकिन इन्हें खरीदना और रखना आसान है और तुलनात्मक रूप से कम अस्थिर होते हैं।
शेयर में ट्रेडिंग करना निश्चित रूप से अधिक रिसर्च और जानकारी की आवश्यकता होती है।
डायरेक्ट स्टॉक के बजाय, स्टॉक ऑप्शन में भी ट्रेड किया जा सकता है जिसके लिए कम निवेश की आवश्यकता होती है और जोखिम केवल ऑप्शन की लागत तक ही सीमित होता है।
हालांकि, इसमें समस्या यह है कि स्टॉक ऑप्शन कमोडिटी के सटीक मूवमेंट को नहीं दिखाता है।
कमोडिटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFS) और एक्सचेंज ट्रेडेड नोट्स (ETNS):
ईटीएफ और ईटीएन कमोडिटी ट्रेडिंग के दूसरे रूप हैं।
उनके माध्यम से, ट्रेडर सीधे फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में निवेश किए बिना कमोडिटीज में निवेश कर सकता है। ईटीएफ और ईटीएन दोनों वास्तविक कमोडिटी और शेयरों जैसी कीमतों के उतार-चढ़ाव की तरह काम करते हैं।
इसमें एक कमी यह है कि सभी कमोडिटीज में उनसे जुड़े ईटीएफ या ईटीएन नहीं हैं और प्राइस मूवमेंट सटीक और बिंदु दर बिंदु नहीं होता है।
कमोडिटी म्यूचुअल फंड और इंडेक्स फंड:
कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए एक और अप्रत्यक्ष तरीका म्यूचुअल फंड और इंडेक्स फंडों में निवेश करना है जो कि ऊर्जा, खनन और कृषि जैसे कमोडिटी से संबंधित उद्योगों में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।
कुछ कमोडिटी इंडेक्स म्यूचुअल फंड सीधे कॉन्ट्रैक्ट और कमोडिटी-लिंक्ड डेरिवेटिव्स में निवेश करते हैं और प्रत्यक्ष एक्सपोजर देते है ।
वे अधिक विविधता और तरलता प्रदान करते हैं लेकिन कमोडिटी की कीमतों का निवेश नहीं है।
इसके साथ आप कमोडिटी में इंट्राडे ट्रेडिंग भी कर सकते है, लेकिन कमोडिटी में इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम इक्विटी मार्केट से अलग होता है। यहाँ आप रात 11:55 तक कमोडिटी में ट्रेड कर सकते है। बस सही ट्रेडिंग के लिए ज़रूरी है कि आप मार्केट की सभी जानकारी और वोलैटिलिटी के अनुसार ही कोई पोजीशन ले।
कमोडिटी ट्रेडिंग के फायदे
कमोडिटी ट्रेडिंग में अन्य ट्रेडिंग सेगमेंट की तुलना में कई फायदे प्रदान करती है। ज्यादातर, ट्रेडिंग निवेश आर्थिक अनिश्चितताओं के समय निवेशकों को लाभ प्रदान करता है।
कुछ फायदे हैं:
पोर्टफोलियो का विविधीकरण:
कमोडिटी ट्रेडिंग, ट्रेडर को उनके पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद करती है।
एक ट्रेडर कमोडिटीज के साथ स्टॉक, बॉन्ड और अन्य सेगमेंट में निवेश करके, किसी एक सेगमेंट में अचानक आये गिरावट से अपने नुकसान को कम करने में सक्षम हो सकता है।
इसके अलावा, कमोडिटी, स्टॉक की तुलना में आर्थिक और भौगोलिक कारकों के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देती हैं।
इसलिए कमोडिटी में निवेश करके बेहतर रिटर्न और अस्थिरता को कम कर सकते है।
हेजिंग:
कमोडिटीज जोखिम के खिलाफ विशेष रूप से मुद्रास्फीति या मंदी के समय प्रभावी हेज के रूप में कार्य करती है। यदि कमोडिटी की कीमत बढ़ने की उम्मीद है, तो ट्रेडर कॉन्ट्रैक्ट कमोडिटी खरीद सकता हैं और ऊंची कीमतों के जोखिम के खिलाफ हेजिंग का तरीका अपना सकता है।
यह आयातकों और निर्यातकों के लिए उपयोगी होता है।
मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा:
जब अर्थव्यवस्था में गिरावट आती है तो, मुद्रास्फीति बढ़ जाती है और कमोडिटी की कीमतें बढ़ जाती हैं।
इस समय, स्टॉक और बॉन्ड की कीमतें नीचे आती है लेकिन कमोडिटी में निवेश निवेशकों को उछाल से लाभ उठाने और कमोडिटी की ऊंची कीमती से बचाने में मदद करती है।
कम मार्जिन:
कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आवश्यक मार्जिन राशि अनुबंध मूल्य की लगभग 5-10% होता है जो अन्य एसेट्स क्लास की तुलना में काफी कम है।
इसलिए, ट्रेडर कम पैसे के साथ अधिक ट्रेड कर सकता हैं।
विकास और रिटर्न के अधिक अवसर:
कमोडिटी ट्रेडिंग काफी जोखिम भरा है लेकिन यदि जोखिम को अच्छी तरह से प्रबंधित किया जाए और निवेश को उचित शोध और विश्लेषण के बाद ठीक से किया जाता है, तो यह बहुत ही मुनाफे का सौदा हो सकता है।
कमोडिटी के लिए तेजी से बढ़ती मांग के कारण, कमोडिटी ट्रेडर बढ़ सकते हैं और अच्छे पैसे कमा सकते हैं।
लिक्विडिटी:
कमोडिटी में निवेश रियल एस्टेट जैसे अन्य एसेट क्लास में निवेश की तुलना में अत्यधिक लिक्विड है और खरीद और बिक्री बहुत आसान और तेजी से होती है।
इसलिए पोजीशन को आसानी से स्क्वायर ऑफ किया जा सकता है और जब आवश्यक हो तब कैश किया जा सकता है।
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कमोडिटी ट्रेडिंग के जोखिम
निवेश और ट्रेड के सभी अन्य रूपों की तरह, कमोडिटी ट्रेडिंग भी कई जोखिमों के अधीन है।
जब निवेशक बाजार में बिना तैयारी या बहुत अधिक उम्मीदों के साथ प्रवेश करता है, तो जोखिम बढ़ जाता है। निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और अपने जोखिम लेने के सामर्थ्य के हिसाब से ही ट्रेड करना चाहिए।
निम्नलिखित कुछ जोखिम हैं:
उच्च लिवरेज:
कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आवश्यक मार्जिन राशि काफी कम है, इस प्रकार उच्च लाभ प्राप्त होता है।
हालांकि, अगर अच्छी तरह से संभाला नहीं जाता है तो उच्च लाभ एक जाल के रूप में भी कार्य कर सकता है।
ट्रेडर के पास उस धन को खोने की उच्च संभावना होती है और इस प्रकार भारी कर्ज के अधीन हो सकता है।
उच्च अस्थिरता:
कमोडिटी पूरी तरह से अस्थिरता के मामले में काफी जोखिम भरा होता है। कमोडिटी में अस्थिरता स्टॉक के मुकाबले लगभग दोगुनी और बॉन्ड के मुकाबले लगभग चार गुना होती है।
इसलिए, कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग अनुभवहीन ट्रेडर के लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है।
ज्ञान और समझ की कमी:
ट्रेडिंग के किसी भी रूप का आधार अनुभव और ज्ञान होता है। कई नए ट्रेडर खुद को शिक्षित नहीं करते हैं और खुद ट्रेडिंग के समुद्र में कूद जाते हैं।
ट्रेडर को ट्रेडिंग की प्रैक्टिस शुरू करने से पहले अच्छी कमोडिटी ट्रेडिंग किताबें, बातचीत और अन्य अनुभवी ट्रेडर के साथ अनुभव साझा करना चाहिए और अपनी खुद की ट्रेडिंग की योजनाएं बनानी चाहिए और रणनीतियों को पढ़ना चाहिए।
इस प्रकार, कमोडिटी ट्रेडिंग एक दिलचस्प और पुरस्कृत प्रक्रिया है जो निवेशकों को उनके पोर्टफोलियो की हेजिंग, अटकलें और विविधीकरण में मदद करती है।
साथ ही, बाजार काफी अस्थिर और जोखिम भरा होता है, इसलिए ट्रेडर को बाजार में प्रवेश करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और अच्छे मुनाफे को कमाने और नुकसान को कम करने के लिए केंद्रित, समर्पित और मेहनती रहना चाहिए।
निष्कर्ष
Commodity Meaning in Hindi के पूरी विषयों पर चर्चा करने के बाद, हम निम्नलिखित निष्कर्ष पर आ गए है।
- कमोडिटी ट्रेडिंग में निवेशक अन्य ट्रेडिंग की तुलना में ज्यादा लाभ कमा सकते है।
- इसके अलावा, कमोडिटी ट्रेडिंग में निवेशक अपनी पोर्टफोलियो में विविधता लाएं सकते है।
- कमोडिटी ट्रेडिंग जोख़िम भरा है, लेकिन अगर सही रणनीति के साथ ट्रेड किया जाए तो इसमें रिटर्न की संभावना भी अधिक होती है।
यदि आप कमोडिटी ट्रेडिंग या किसी अन्य वित्तीय सेगमेंट में निवेश शुरू करना चाहते हैं – तो नीचे दिए गए फॉर्म में बस कुछ बुनियादी विवरण भरें:
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