इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम

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इंट्राडे ट्रेडिंग वो ट्रेडिंग स्टाइल है जहाँ एक ट्रेडर एक ही दिन में कोई स्टॉक को बाय या सेल करके अपना मुनाफा कमाता है। लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम और उसमे ट्रेड करने की सही अवधि क्या होती है उसकी जानकारी भी एक ट्रेडर के पास ज़रूर होनी चाहिए। 

इक्विटी सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading in hindi) लिए, आपको 6 घंटे की अवधि मिलती है, और कमोडिटी ट्रेडिंग रात तक कर सकते है। 

हम इस लेख में ये जानेंगे की इक्विटी मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कौन सा समय सही रहता है और हम इक्विटी के सेगमेंट के साथ कमोडिटी और करेंसी सेगमेंट में ट्रेड कब कर सकते है। 

Intraday Trading Time in Hindi

हर सेगमेंट में चाहे वो इक्विटी (equity meaning in hindi), कमोडिटी या करेंसी हो, हर दिन इनके प्राइस में उतर चढाव होता है। अगर आप इस प्राइस के उतार चढाव से पैसे कमाना चाहते हैं , तो इंट्राडे ट्रेडिंग कई लाभदायक तरीकों में से एक है। 

फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स के प्राइस  के मूवमेंट उनके वोलैटिलिटी , लिक्विडिटी या अन्य बहुत सारे कारणों के वजह से होता है। और हर समय मार्केट का मूवमेंट अलग होता है। 

इसलिए आप जो  कोई भी सेगमेंट में ट्रेड करना चाहते हैं , सबसे ज़रूरी ये बात है की, ट्रेड करने के लिए आप एक सही समय का चुनाव करें। 

एक सही पोजीशन सही समय पर लेने से ही आप शेयर मार्केट ट्रेडिंग में सफल हो सकते हैं , और अच्छा  खासा मुनाफा कमा सकते हैं। हम आगे इस लेख में, बेस्ट इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम के बारे में पढ़ेंगे। 

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही समय जानने से पहले, ये जान लें की इक्विटी, कमोडिटी और करेंसी सेग्मेंट्स के मार्केट की खुलने और बंद होने का समय अलग होता है। 

चलिए  इन सेग्मेंट्स के मार्केट के खुलने और बंद होने का समय जान लेते हैं। 


इक्विटी इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम

इक्विटी मार्केट में आप एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों के स्टॉक्स या शेयर्स में ट्रेड करते हैं। ये कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होती हैं।  और आप अपने मार्केट एनालिसिस के हिसाब से कोई भी स्टॉक इ आप ट्रेड कर सकते हैं। 

इक्विटी मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ नियम है (intraday trading rules in hindi) जैसे की ट्रेड करने का टाइम सुबह 9:15 से दोपहर 3:20  तक होती है। इक्विटी मार्केट सोमवार ये शुक्रवार तक ही खुला रहता है।  हर शनिवार और रविवार को इक्विटी मार्केट बंद रहता है। और एक्सचेंज द्वारा घोस्टिक किये गए दिनों पर भी ये मार्केट बंद रहता है। 

आप एक दिन के ये 6 घंटे के दौरान आप एक या एक से अधिक पोजीशन मार्केट में ले सकते हैं। लेकिन इस पर ध्यान देना जरूरी है कि आप जो भी पोजीशन, जिस भी समय पर ले , दोपहर के 3:20 से पहले आप उस पोजीशन को स्क्वायर  ऑफ  या बंद कर ले।  

क्यों की अगर आप वैसा नहीं करते हैं, आपका स्टॉक ब्रोकर खुद ही आपके पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर देता है। जिसके लिए आपको अपने ब्रोकर को अतिरिक्त शुल्क देने की आवश्यकता होती है। 


कमोडिटी इंट्राडे  ट्रेडिंग टाइम 

कमोडिटी ट्रेडिंग में आप मेटल्स, क्रूड आयल , नेचुरल गैस, कॉटन अदि की ट्रेड कर सकते हैं। 

कमोडिटी में ट्रेड करने के लिए शेयर मार्केट टाइम (share market timing in hindi) 9 बजे से लेकर रात के 11:30 तक होती है। इसी बीच आप कमोडिटी सेगमेंट  में लिस्टेड कोई भी  कमोडिटी में पोजीशन ले सकते हैं। इक्विटी मार्केट की तरह, कमोडिटी मार्केट भी शनिवार और रबिवार, बंद रहता है। यानि आपको 12 घंटे के ट्रेडिंग हॉर्स के बिच में ही ट्रेड करना पड़ता है। 

कमोडिटी मार्केट में भी, आपको इक्विटी मार्केट की तरह आपको स्क्वायर ऑफ का ध्यान रखना है और मार्केट बंद होने से काम से काम 15 मिनट पहले आपको अपना पोजीशन स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है।  


करेंसी इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम 

फॉरेक्स या FX एक ऐसा एक्सचेंज है, जहां ट्रेडर, निवेशक, संस्थान और बैंक, विश्व  के करेंसियों  खरीदते और बेचते हैं। करेंसी के अलग लग एक्सचेंज में टीम अलग अलग होते हैं। 

NSE Cash , BSE Cash और  NSE F&O के ट्रेडिंग हॉर्स सुबह 9 :15 से लेकर दोपहर के 3 :30 तक होता है। 

NSE Currency Derivatives और  BSE Currency Derivatives, के ट्रेडिंग हॉर्स सुबह 9 बजे से लेकर शाम के  5 बजे तक का होता है। 

MCX  में दो ट्रेडिंग हॉर्स साल के दो समय में होता है।  एक अप्रैल से अक्टूबर के महीने में सुबह 10 बजे से रात के  11:30 बजे तक।  और दूसरा नवंबर महीने से मार्च तक  सुबह  10 बजे से  रात के  11:55 तक का होता है। 

आपको यहाँ भी इक्विटी और कमोडिटी के तरह, मार्केटके बंद होने से 25  मिनट पहले अपने पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है। 

हर ब्रोकर का  इंट्राडे ट्रेडिंग स्क्वायर ऑफ का समय अलग होता है, इसके बारे में आप अपने ब्रोकर से जरूर इस बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। ये फिक्स्ड समय के अलावा  कुछ स्पेशल ट्रेडिंग दिन होते हैं जैसे, मुहूर्त ट्रेडिंग जो दिवाली के समय के की जाती है।  आपको ये समय के बारे में आपके ब्रोकर आपको सूचित कर देते है।  


Intraday Trading Time Frame in Hindi 

अभी तक तो हमने अलग-अलग सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर मार्केट कितने बजे खुलता है और बंद होता है उसकी जानकारी ली है अब बात करते है कि दिन की किस अवधि में ट्रेड करना सबसे अधिक लाभदायक हो सकता है। 

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए उन्हीं स्टॉक्स का चुनाव किया जाता है जिसमें ज्यादा वोलैटिलिटी हो। पर इन स्टॉक्स में अलग अलग समय में वोलैटिलिटी भी अलग होती है जिसके आधार पर इंट्राडे ट्रेडिंग का समय सीमा निम्नलिखित 4  चरणों में किआ गया है :

1. पहला चरण (सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक )

ये समय मार्केट में बहुत ज्यादा वोलैटिलिटी देखने को मिलता है। इसका कारण मार्केट बंद होने के बाद अगर कुछ न्यूज़ आता  है , जिस से उस स्टॉक के प्राइस पर पर प्रभाव पड़ता है , तब हमें उस स्टॉक में वोलैटिलिटी देखने मिलता है। ये वोलैटिलिटी इसलिए  भी होता है , क्यों की बाज़ार खोलने पर पहले मार्केट ऑर्डर्स एक्सेक्यूटे होते हैं। इस समय बाजार में ज्यादा ट्रेडर एक्टिव रहते हैं, जिस से इस समय ज्यादा वोलुवोलुमे देखने को मिलती है। 

इस समय मुनाफा होने का अवसर सबसे ज्यादा अधिक होता है , अगर आप मार्केट को अछि तरह से समझते हैं , और आप एक अनुभवी ट्रेडर हैं। और आप अगर शुरूआती ट्रेडर हैं , और आपको मार्केट के बारे में इतना ज्ञान नहीं है , तो आप इस समय ट्रेड न करें, क्योंकि ये समय नुकसान होने के चान्सेस भी ज्यादा होते हैं।    

2. दूसरा चरण (सुबह 10:30 से दोपहर  12 बजे तक  )

ये समय मार्केट स्थिर रहती है, और अहम एवरेज वॉल्यूम देखने को मिलता है।  इस समय बाजार का निर्धारित किया जा सकता है और यहाँ से इंडेक्स भी स्थिर हो जाते हैं। 

इस समय आप स्टॉक्स के चार्ट , पैटर्न्स को पढ़कर अपना पोजीशन ले सकते हैं। लेकिन अगर आप यहाँ पोजीशन लेते हैं, आपको स्क्वायर ऑफ करने के लिए ज्यादा देर तक रुकना पड़ सकता है। 

3. तीसरा चरण ( दोपहर के 12 बजे से 2:30 बजे तक )

ये समय बाज़ार में आराम की अवधी मन जाता है। यहाँ आपका फोकस बाजार के न्यूज़ , ग्लोबल डाटा, फुटुरेस डाटा एशियाई मार्केट के बंद होने की स्थिति और यूरोपियन मार्केट के खोलने के स्थिति पर होना चाहिए। 

ये वो समय है , जब आप तभी ट्रेड करे जब आपके पास कोई सुचना हो जिस से मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ सकती है , या फिर आप लिए हुए पोजीशन को इस समय आप स्क्वायर ऑफ कर सकते हैं। 

4. चौथा और आखिरी चरण (दोपहर 2:30 बजे से  3:20 तक )

इस समय मार्केट में बहुत ज्यादा वोलैटिलिटी देखने को मिलता है, क्यों की जो ट्रेडर्स पोजीशन ले चुके हैं , अभी स्क्वायर ऑफ करने आते हैं।  यहाँ वे  आपको ज्यादा वॉल्यूम देखने को मिल सकता है।  लेकिन कोई नया पोजीशन लेना अभी जोखिम भरा हो सकता है , क्यों की मार्केट विपरीत दिशा में मूव करना शुरू करती है। 

अगर आप कोई पोजीशन लिए हैं , तो ये सही वक़्त है उस पोजीशन को क्लोज करने की।  


इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे 

इंट्राडे ट्रेडिंग में भले ही एक ट्रेडर को कम से कम समय में निर्णय लेना होता है तो इसमें जोखिम भी ज़्यादा होता है, लेकिन उसके साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करने के कई फायदे होते है:

  • शेयर मार्केट (share market in hindi) में निवेश से इंट्राडे ट्रेडिंग में काम पैसों की आवश्यकता होती हैं। 
  • आप हर दिन स्टॉक्स में होने वाले उतर चढ़ाव से पैसा कमा सकते हैं। 
  • आपको अपने निवेश से मुनाफा कामने के लिए ज्यादा समय इंतज़ार नह करना पड़ता। 
  • आप इंट्राडे ट्रेडिंग ले लिए अपने ब्रोकर से लिवरेज पा  सकते हैं, जिससे आप ज्यादा ट्रेड करके, ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। 
  • आप अपने पैसों को ज्यादा दिन के लिए निवेश नहीं करना पड़ता , आप एक ही दिन में ट्रेड करके अच्छा  खासा मुनाफा कमा सकते हैं।  
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको रातों रत बाज़ार में परिवर्तन होने का जोखिम का सामना नहीं  करना पड़ता है। कई बार कुछ समाचार के कारण या किसी अन्य कारणों से शेयर के मूल्य में बदलाव आता है।  आप इस बदलाव के कारण होने वाले जोखिम से बचते हैं।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आप एक मंदे बाजार से भी कमाई कर सकते हैं। 

इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान

एक शुरूआती ट्रेडर को फायदों के साथ-साथ नुकसान के भी कई कारण होते है जैसे की:

इंट्राडे के फायदों के साथ साथ कुछ नुकसान भी हैं। लेकिन अगर आप इन होने वाले  नुकसानों को ध्यान में रखकर ट्रेड करे, तो आप कुछ हद तक होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।   

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में कोई निर्धिस्ट आय नहीं होता है । तो अगर आप ये सोच कर इंट्राडे ट्रेड करते हैं , की हर दिन आपको मुनाफा होगा और हर दिन आप कमा सकते हैं , तब एक अच्छा ट्रेड लेने में दिकत आ सकता है और नुकसान होने के चान्सेस बढ़ जाते हैं। 
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में अस्थिर बाजार का सबसे बड़ा जोखिम होता है।  जैसे कोवीड -19 और डेमॉनीटाइज़शन के समय पर हुआ था। 
  • आप अपनी भावनाओं से ट्रेड नहीं कर सकते हैं। कभी अगर हमें एक दिन में ज्यादा नुकसान हो जता है या ज्यादा मुनाफा हो जाता है , तब अगर हम अपने भावनाओं को अपने वस् में नहीं रखेंगे और ओवर कॉन्फिडेंस में एके गलत ट्रेड ले लिए , तब नुकसान हो सकते हैं। 
  • मार्केट का सही समझ और टेक्निकल एनालिसिस अगर आप अच्छे से करना नहीं सीखे हैं, तब आपको भारी नुकसान सहने  पड़ सकते हैं। 
  • अगर आप बिना कोई रणनीति से ट्रेड कर रहे हैं , तो आप अपना सम्पूर्ण पूंजी गवा सकते हैं।  

निष्कर्ष 

इंट्राडे ट्रेडिंग की रणनीतियो (intraday trading strategies in hindi) के साथ अगर ट्रेड किया जाए तो ये एक बहुत ही लाभदायक  ट्रेडिंग स्टाइल है। इंट्राडे ट्रेडिंग जितना लाभदायक है, उतना जोखिम से भरा हुआ भी  है। 

अगर आप मार्केट को अच्छे से समझकर, टेक्निकल एनालिसिस कर के सही से ट्रेड करे तब आपको अच्छे  रिटर्न्स मिल सकते हैं। बस एक ट्रेडर को सही समय और टाइम फ्रेम का ध्यान रखकर ही ट्रेड करना चाहिए।  

आप जिस भी ट्रेडिंग सेगमेंट में ट्रेड कर रहे है उसको सही से समझ और सही अवधि में खरीद और बेच कर आप अपने नुकसान को सीमित और लाभ को बढ़ा सकते है।  


यदि आप डीमैट खाता खुलवाना चाहते हैं तो कृपया नीचे दिए गए फॉर्म को भरें। 

यहां बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी। 

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