अ डिजिटल ब्लॉगर https://hindi.adigitalblogger.com स्टॉक ब्रोकर के विश्लेषण और अंतर Wed, 22 May 2024 11:27:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=4.9.9 https://hindi.adigitalblogger.com/wp-content/uploads/2017/12/Favocon.png अ डिजिटल ब्लॉगर https://hindi.adigitalblogger.com 32 32 Wipro Share Kaise Kharide https://hindi.adigitalblogger.com/wipro-share-kaise-kharide/ https://hindi.adigitalblogger.com/wipro-share-kaise-kharide/#respond Wed, 29 Nov 2023 09:38:35 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=155161 Wipro भारत की अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है, विप्रो इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, कंसलटेंट, बिज़नेस सेवाएं प्रदान करती है। साथ ही ये एक लिस्टेड कंपनी है तो अब प्रश्न आता है कि Wipro share kaise kharide? आइये जानते है!  Wipro के शेयर में निवेश कैसे करें? किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले ज़रूरी है उसकी जानकारी होना। […]

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FAQs के अन्य लेख

Wipro भारत की अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है, विप्रो इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, कंसलटेंट, बिज़नेस सेवाएं प्रदान करती है। साथ ही ये एक लिस्टेड कंपनी है तो अब प्रश्न आता है कि Wipro share kaise kharide?

आइये जानते है!

 Wipro के शेयर में निवेश कैसे करें?

किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले ज़रूरी है उसकी जानकारी होना। Wipro की बात करें तो इस कंपनी की स्थापना 1945 में हुई थी और 167 देशो में ये कंपनी टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग सर्विस प्रदान करती है। आज के समय में  कंपनी का कुल रेवेन्यू 11 बिलियन डॉलर है।

कंपनी के शेयर NSE और BSE (Difference between NSE and BSE in Hindi) में लिस्टेड है और वर्तमान में कंपनी का शेयर प्राइस 382 रुपए है। 

अब बात करते है कि इस कंपनी का शेयर कैसे ख़रीदे?

शेयर्स खरीदने (Share Kharidne Ka Tarika) के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट (Demat vs Trading Account in Hindi) की आवश्यकता होती है। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के लिए निम्नलिखित कागजात की आवश्यकता होती है।  

  1. पैन कार्ड 
  2. आधार कार्ड 
  3. वोटर ID कार्ड 
  4. बैंक अकाउंट 
  5. इनकम स्टेटमेंट 

इन सभी कागजात से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकते हैं और ट्रेडिंग के लिए किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हैं।  

हां लेकिन सही कीमत पर शेयर खरीदने के लिए और ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए Wipro कंपनी की मौजूदा स्थिति और मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis of Stocks in Hindi) करना न भूले। 

यहाँ पर कुछ ज़रूरी डाटा प्रदान किया गया है, जिससे आप कंपनी की वित्तीय स्थिति को जान सकते है:

Wipro मार्केट कैप – 1,99,79,364.46

Wipro P/E रेश्यो – 17.09 

Total शेयर्स – 5,22,19,98,029

Share प्राइस – 382. 

Wipro Share Kaise Kharide

ब्रोकिंग एप जैसे की Groww (Groww App in Hindi) या अन्य स्टॉक ब्रोकर एप से आप डीमैट खाता खोलने (Demat Account Kaise Khole) के बाद शेयर खरीद सकते है। ग्रो एप से विप्रो के शेयर्स खरीदने की प्रक्रिया इस प्रकार है।  

  1. ग्रो एप ओपन करें, लॉगिन ID से लॉगिन करें । 

Wipro share buying process on Groww App

  1. All स्टॉक के ऑप्शन पर क्लिक करें । 
  2. Wipro के शेयर पर क्लिक करें ।

selection of wipro share for investment on groww app

  1. Wipro शेयर खरीदने के लिए Buy ऑप्शन पर क्लिक करें । 
  2. ट्रेडिंग विंडो पर ज़रूरी जानकारी जैसे की लॉन्ग टर्म निवेश के लिए डिलीवरी पर क्लिक करें।
  3. इसके बाद limit या market आर्डर चुने, यानी की अगर आप करंट प्राइस पर शेयर खरीदना चाहते है तो मार्केट आर्डर (Market Order in Hindi) और अगर एक निर्धारित कीमत पर Buy आर्डर लगाना चाहते है तो लिमिट आर्डर (Limit Order in Hindi) पर क्लिक करें।
  4. Quanity दर्ज़ करें।

  1. पूरा विवरण भरने के बाद Buy बटन पर क्लिक्स करें और आर्डर कन्फर्म करें। 
  2. एक्सचेंज में आर्डर मैच होने के बाद एक्सेक्यूट कर दिया जाएगा।

निष्कर्ष 

ट्रेडर्स स्टॉक ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफार्म से Wipro के शेयर्स आसानी से खरीद सकते हैं। शेयर्स खरीदने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। सही और पूरी जानकारी के साथ ही किसी कंपनी के शेयर ख़रीदे और साथ में स्टॉक ब्रोकर की विश्वसनीयता का भी ध्यान रखे।

निवेश के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए अगर आप इच्छुक है तो निचे दिए गए फॉर्म को भरे और हमारी टीम की सहायता से फ्री में डीमैट अकाउंट खोलें |

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Tata Ke Share Kaise Kharide https://hindi.adigitalblogger.com/tata-ke-share-kaise-kharide/ https://hindi.adigitalblogger.com/tata-ke-share-kaise-kharide/#respond Wed, 29 Nov 2023 07:05:17 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=155132 टाटा भारत की जानी-मानी कंपनी है, टाटा ग्रुप की स्थापना 1858 में हुई थी और आज के समय में कंपनी का रेवेन्यू लगभग 12 लाख करोड़ है। टाटा कंपनी के अंदर 29 से ज्यादा कंपनी है, लेकिन यहाँ प्रश्न आता है कि tata ke share kaise kharide?  टाटा के शेयर कैसे खरीदें? टाटा ग्रुप में […]

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टाटा भारत की जानी-मानी कंपनी है, टाटा ग्रुप की स्थापना 1858 में हुई थी और आज के समय में कंपनी का रेवेन्यू लगभग 12 लाख करोड़ है टाटा कंपनी के अंदर 29 से ज्यादा कंपनी है, लेकिन यहाँ प्रश्न आता है कि tata ke share kaise kharide? 

टाटा के शेयर कैसे खरीदें?

Step-by-step process to buy tata shares

टाटा ग्रुप में निम्नलिखित कम्पनिया शामिल है:

  • TCS 
  • Tata Steel 
  • Tata Motors 
  • Titan 
  • Tata Chemicals 
  • Tata Power 
  • Indian Hotels 
  • Tata Consumer Products 
  • Tata Communications 
  • Voltas 
  • Trent 
  • Tata Metaliks 
  • Tata Elxsi 
  • Nelco 
  • Tata Coffee 
  • Croma 
  • Air India 

 इन सभी कम्पनीज में निवेशकों की पसंदीदा कम्पनीज और उनके शेयर प्राइस कुछ इस प्रकार है 

S. NO.  Tata स्टॉक Name  Tata स्टॉक Price 
TCS 3391 Rs. 
TATA STEEL 119 Rs.
TATA MOTOR 648 Rs.
Tata Chemicals 965 Rs.
Tata Power 251 Rs. 
Indian Hotels 400 Rs. 
TItan  3275 Rs. 
Air India  55.70 Rs. 

अब टाटा ग्रुप के कम्पनीज के शेयर्स खरीदने के लिए शेयर मार्केट में डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है, डीमैट अकाउंट (Demat Account in Hindi) में शेयर्स रख सकते हैं और ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account Meaning in Hindi) में शेयर्स की खरीद सकते हैं। 

स्टॉक ब्रोकर से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए डाक्यूमेंट्स इस प्रकार हैं। 

  1. पैन कार्ड 
  2. आधार कार्ड 
  3. बैंक अकाउंट 
  4. फोटो और हस्ताक्षर
  5. आय प्रमाण 

अकाउंट खोलने के बाद आप स्टॉक ब्रोकर की एप में लॉगिन करें और उसके बाद निम्नलिखित चरणों का पालन कर Tata ke share kharide. 

यहाँ पर हमने Groww app (Groww app in Hindi) का उदाहरण लिया है, सभी स्टॉक ब्रोकर की एप में ये प्रक्रिया लगभग एक सामान होती है:

  1. ग्रो एप ओपन करें, लॉगिन ID से लॉगिन करें। 

Log in into groww app to buy tata shares

  1. ग्रो एप All स्टॉक के ऑप्शन पर क्लिक करें । 

All stocks option in Groww App

  1. अब मान लेते है कि आप Tata Group में TCS शेयर खारिधना चाहते है तो उसपर क्लिक करें। 
  2. Sell या Buy के ऑप्शन पर Buy ऑप्शन पर क्लिक करें। 

Selection of Buy Option in Groww to buy TCS Shares

  1. Buy ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद, Type (Delivery या intraday), Qty (कितने शेयर आप खरीदना चाहते है, और Price (जिस कीमत पर खरीदना चाहते है) दर्ज़ करें। 

selection of type, quantity and price while buying tata shares

  1. पूरा विवरण भरने के बाद आर्डर कन्फर्म करें। 
  2. Exchange आपके आर्डर को मैच यानी की जिस कीमत पर आप शेयर खरीदना चाहते है अगर उसी में कोई विक्रेता है तो आपका आर्डर एक्सेक्यूट हो जाएगा।

निष्कर्ष 

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के बाद शेयर्स खरीदने का तरीका (Share Kharidne ka Tareeka) काफी आसान है। आप किसी भी ब्रोकर की एप से आसानी से टाटा कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हैं। 

यहाँ पर ध्यान रहे की अगर आप लम्बे समय के लिए शेयर को खरीद रहे है तो कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis in Hindi) ज़रूर करें और वही शार्ट टर्म के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis of Stocks in Hindi) कर शेयर को खरीद सकते है

अगर आप भी निवेश की दुनिया में नए हैं तो हमारी टीम आपको फ्री में डीमैट अकाउंट खोलने में मदद कर सकती है | इसके लिए बस आपको नीचे दिए हुए फॉर्म को भरना होगा | उसके बाद हमारी टीम आपसे जल्द ही संपर्क करेगी |

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Groww App Me Option Trading Kaise Kare https://hindi.adigitalblogger.com/groww-app-me-option-trading-kaise-kare/ https://hindi.adigitalblogger.com/groww-app-me-option-trading-kaise-kare/#respond Tue, 28 Nov 2023 14:16:21 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=155038 शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading in Hindi) काफी पॉपुलर है और जब बात Groww एप की आती है तो इसमें ट्रेड करना बहुत ही आसान है। आइये जानते है कि Groww app me option trading kaise kare? ग्रो एप पर आप ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे खेलते हैं? Groww में ऑप्शन […]

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शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading in Hindi) काफी पॉपुलर है और जब बात Groww एप की आती है तो इसमें ट्रेड करना बहुत ही आसान है। आइये जानते है कि Groww app me option trading kaise kare?

ग्रो एप पर आप ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे खेलते हैं?

Groww में ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडर को डीमैट खाता (Demat Account in Hindi) के साथ F&O सेगमेंट को भी एक्टिवेट करना होता है। 

इसके लिए आपको KYC दस्तावेज़ों के साथ-साथ इनकम स्टेटमेंट और ITR भी अपलोड करनी होती है। 

सेगमेंट एक्टिव होने के बाद आप आसानी से Groww app me option trading कर सकते है। 

अपने ग्रो अकाउंट में लॉगिन ID से लॉगिन करें, Explore ऑप्शन पर क्लिक करें।

  1. F&O ऑप्शन पर क्लिक करें।

selection of F&O for option trading in Groww app

  1. Option Contracts खरीदने के लिए Index Option Chain में Nifty 50 और Bank Nifty में एक ऑप्शन सेलेक्ट करें

selection of nifty 50 or bank nifty in index option chain in Groww app

  1. मार्केट ट्रेंड के अनुसार Call ऑप्शन या Put ऑप्शन (Call and Put Option in Hindi) सेलेक्ट करें
  2. कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदने के लिए Call ऑप्शन या Put ऑप्शन पर क्लिक करें

call or put option selection while buying option contracts in groww app

  1. Type, Qty, Price में जानकारी भरें। 

filling of Type, Qty, Price for option trading in groww app

  1. Qty में 50 क्वांटिटी का एक लॉट होता है, Quantity के अनुसार लॉट की संख्या दर्ज़ करें। 
  2. Price में मार्केट (Market Order in Hindi) या Limit (Limit Order in Hindi) ऑप्शन चूने। 
  3. Advance ऑप्शन में Regular आर्डर चुने। 
  4. Buy Option पर क्लिक कर आर्डर प्लेस करें
  5. आर्डर प्लेस करने के बाद Dashboard पर F&O पोजीशन देख सकते हैं। 
  6. पोजीशन डिटेल के लिए Detail पर क्लिक करें।
  7. Sell पर क्लिक करें, Type, Qty, Price पर जानकारी भरें।
  8. Contracts बेचने के लिए, F&O पोजीशन पर क्लिक करें।

ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके ग्रो एप से आसानी से ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

Groww ऑप्शन ट्रेडिंग शुल्क 

ग्रो ऍप में ऑप्शन ट्रेडिंग खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकरेज देना पड़ता है। ग्रो एप में ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए चार्जेज (Option Trading Charges in Hindi) का भुगतान करना पड़ता है। 

    ग्रो एप ऑप्शन ट्रेडिंग ब्रोकरेज चार्जेज     
इक्विटी ऑप्शन करेंसी ऑप्शन 
20 ₹ प्रत्येक आर्डर पर 20 ₹ प्रत्येक आर्डर पर

निष्कर्ष 

ऑप्शन ट्रेडिंग काफी प्रचिलित है लेकिन एक शुरूआती ट्रेडर के लिए बड़े नुकसान का कारण भी बन सकती है। Groww काफी आसान user interface प्रदान करता है जिससे कोई भी ट्रेडर आसानी से ऑप्शन ट्रेड कर सकता है, लेकिन नुकसान से बचने के लिए ज़रूरी है कि सही जानकारी और समझ के साथ ही ऑप्शन में पैसा लगाए। 

हमें उम्मीद है की आपको पूरी तरह समझ आया होगा कि ग्रो में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते है और इसमें कितना चार्ज लगता है |

अगर आप निवेश की दुनिया में शामिल होना चाहते हैं तो आज ही अपना डीमैट अकाउंट खोलें | ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरें | हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क  करेगी और इस सन्दर्भ में आपकी मदद करेगी | 

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Groww App Me Invest Kaise Kare https://hindi.adigitalblogger.com/groww-app-me-invest-kaise-kare/ https://hindi.adigitalblogger.com/groww-app-me-invest-kaise-kare/#respond Tue, 28 Nov 2023 13:25:56 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=155040 निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच ग्रो एप काफी पॉपुलर है जिसमे एक ट्रेडर अलग-अलग सेगमेंट और प्रोडक्ट में निवेश कर सकता है। लेकिन एक शुरूआती निवेशक के लिए जानना ज़रूरी होता है कि Groww app me invest kaise kare। और क्या ग्रो ऐप में निवेश करना सुरक्षित है? ग्रो एप से शेयर्स में इन्वेस्ट कैसे करें? […]

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निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच ग्रो एप काफी पॉपुलर है जिसमे एक ट्रेडर अलग-अलग सेगमेंट और प्रोडक्ट में निवेश कर सकता है। लेकिन एक शुरूआती निवेशक के लिए जानना ज़रूरी होता है कि Groww app me invest kaise kare। और क्या ग्रो ऐप में निवेश करना सुरक्षित है?

ग्रो एप से शेयर्स में इन्वेस्ट कैसे करें?

ग्रो एप से निम्नलिखित विकल्प में निवेश कर सकते हैं।

  1. शेयर्स 
  2. म्यूच्यूअल फंड्स 
  3. फिक्स्ड डिपाजिट

Steps to Invest in Shares through Groww App

नीचे कुछ स्टेप्स बताये गए हैं जिससे ग्रो एप से शेयर्स में आसानी से निवेश कर सकते हैं

  1. ग्रो एप में लॉगिन ID से लॉगिन करें
  2. ग्रो ऐप में शेयर्स खरीदने (Groww App se Share Kaise Kharide) के लिए ग्रो एप वॉलेट में पैसे डालें

process to invest in Groww App

  1. All Stock के ऑप्शन पर क्लिक करें

Investment in All Stocks in Groww App

  1. स्टॉक का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis of Stocks in Hindi) कर स्टॉक खरीदने के लिए स्टॉक पर क्लिक करे और Next Page पर Buy ऑप्शन पर क्लिक करें
  2. Type, Qty, Order पर जानकारी भरे
  3. Type में ट्रेडिंग इंट्राडे (Intraday Trading in Hindi) और डिलीवरी में एक ऑप्शन चुनें
  4. Qty में NSE और BSE (Difference between NSE and BSE in Hindi) में एक ऑप्शन चूने और शेयर्स की संख्या दर्ज़ करें
  5. Price ऑप्शन में मार्केट और लिमिट में एक ऑप्शन चूने
  6. सारे ऑप्शन दर्ज़ करने के बाद Buy Now पर Click करें और शेयर्स खरीदें

ग्रो एप से म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करें

ग्रो एप से आसानी से म्यूच्यूअल फंड्स (Mutual Funds in Hindi) में भी निवेश कर सकते हैं 

नीचे कुछ स्टेप्स बताए गए हैं जिससे ग्रो एप से म्यूच्यूअल फंड्स में आसानी से निवेश कर सकते हैं 

Invest in mutual funds through Groww app

  1. ग्रो एप में लॉगिन ID से लॉगिन करें
  2. Mutual Fund के ऑप्शन पर क्लिक करें
  3. All Mutual Fund के ऑप्शन पर क्लिक करें, All Mutual Fund के ऑप्शन में अपने पसंद की कंपनी में निवेश कर सकते हैं

All Mutual funds investment in Groww App

  1. Mutual Fund पर Click करने के बाद One Time और Monthly SIP ऑप्शन (SIP Meaning in Hindi) का विकल्प दिखाई देगा
  2. One Time के लिए Invest पर Click करें और Monthly SIP के लिए Start SIP पर क्लिक करे
  3. पेमेंट प्रोसेस पूरा करें

Parag Parikh flexi cap fund Direct Growth Graph in Groww app

ग्रो एप से फिक्स्ड डिपाजिट में इन्वेस्ट कैसे करें 

ग्रो एप से फिक्स्ड डिपाजिट में भी आसानी से निवेश कर सकते हैं

  1. ग्रो एप (Groww App in Hindi) ओपन करें
  2. More ऑप्शन पर क्लिक करें और Fixed Deposit ऑप्शन पर क्लिक करें
  3. Fixed Deposit ऑप्शन पर क्लिक करने पर बैंक के Fixed Deposit के प्लान दिखाई देंगे
  4. Fixed Deposit और ब्याज दर दिखाई देगा
  5. बैंक के FD प्लान पर क्लिक करें और अमाउंट दर्ज करें

निष्कर्ष 

ग्रो एप निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच काफी पॉपुलर है | इस पोस्ट में आपने जाना कि ग्रो ऐप में कैसे निवेश करें | ग्रो एप से आसानी से फिक्स्ड डिपाजिट, शेयर्स, म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं 

इन सभी विकल्पों को चुनने से पहले ज़रूरी है कि आप सही तरह से कंपनी और प्रोडक्ट का विश्लेषण करें और उसके बाद उसमे इन्वेस्ट करें। 

अगर आप निवेश की दुनिया में शामिल होना चाहते हैं तो आज ही अपना डीमैट अकाउंट खोलें | ऐसा करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरें | हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क  करेगी और इस सन्दर्भ में आपकी मदद करेगी | 

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Groww Se Paise Kaise Nikale https://hindi.adigitalblogger.com/groww-se-paise-kaise-nikale/ https://hindi.adigitalblogger.com/groww-se-paise-kaise-nikale/#respond Tue, 28 Nov 2023 11:55:38 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=155025 Groww एप में ट्रेड कर मुनाफा कमाया है लेकिन उस मुनाफे का इस्तेमाल नहीं कर पाए? जाने कि groww se paise kaise nikale और अपने कमाए मुनाफे का सही इस्तेमाल करें। Groww App Se Paise Kaise Nikale ग्रो एप से पैसे निकालने के लिए कुछ आसान से स्टेप्स का अनुसरण करना पड़ता है, जिससे ग्रो […]

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Groww एप में ट्रेड कर मुनाफा कमाया है लेकिन उस मुनाफे का इस्तेमाल नहीं कर पाए? जाने कि groww se paise kaise nikale और अपने कमाए मुनाफे का सही इस्तेमाल करें।

Groww App Se Paise Kaise Nikale

ग्रो एप से पैसे निकालने के लिए कुछ आसान से स्टेप्स का अनुसरण करना पड़ता है, जिससे ग्रो एप वॉलेट का पैसा आसानी से बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है। 

ग्रो एप से शेयर मार्केट (Share Market in Hindi), SIP, म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Funds in Hindi), डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं, अलग – अलग निवेश के विकल्प में निवेश किए गए पैसों को निकालने की प्रोसेस अलग है। 

ग्रो एप्प से शेयर्स में निवेश किए गए पैसे कैसे निकालें 

अब आपने किसी शेयर में कुछ समय पहले निवेश किया था और उसमे अच्छा-ख़ासा मुनाफा भी कमा लिया, लेकिन अब इन पैसो को कैसे निकालें, आइये जानते है। 

ग्रो एप वालेट में पैसे प्राप्त करने के बाद आसानी से बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते हैं, ग्रो एप (Groww app in Hindi) निवेश के जरिए पैसे कमाने के अलावा रेफरल से भी पैसा कमाने का विकल्प प्रदान करता है, रेफरल से कमाए गए पैसे ग्रो एप वॉलेट में आता है, जिसे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। 

Groww app money withdrawal process

ग्रो एप वॉलेट से बैंक अकाउंट में पैसे प्राप्त करने की प्रोसेस इस प्रकार है। 

  1. ग्रो एप वॉलेट से पैसे निकलने के लिए ग्रो एप ओपन करें, लॉगिन ID से लॉगिन करने के बाद प्रोफाइल ऑप्शन पर क्लिक करें। 
  2. प्रोफाइल पर क्लिक करने के बाद अकाउंट विवरण में ग्रो एप वालेट बैलेंस दिखाई देगा, बैलेंस के नीचे Withdraw के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद, जीतने पैसे निकालना चाहते हैं वह अमाउंट दर्ज़ करें, 

Process to transfer money from Groww app wallet to bank account

  1. अमाउंट दर्ज़ करने के बाद withdraw amount कन्फर्म करने के 24 घंटे के बाद पूरा पैसा बैंक अकाउंट में आ जाता है। 

ग्रो एप वॉलेट से बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए वालेट में कम से कम 100 रुपये होने चाहिए। 

ट्रेडर्स और निवेशक पैसे कमाने के लिए शेयर्स के अलावा अन्य सेगमेंट जैसे म्यूचयल फण्ड, फिक्स्ड डिपाजिट, SIP (SIP Meaning in Hindi), डिजिटल गोल्ड में निवेश करते हैं। 

शेयर्स में निवेश किए गए पैसे के अलावा अलग-अलग निवेश के ऑप्शन से पैसे निकालने की प्रोसेस लगभग समान है। ट्रेडर्स और निवेशक अपने निवेश किये गए धन को वापस ग्रो एप वालेट में आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। 

निष्कर्ष 

अनुभवी ट्रेडर्स शेयर मार्केट में ज्यादा लाभ कमाते हैं, अनुभवी ट्रेडर्स के पास सारी जानकारी जैसे शेयर्स की खरीद बिक्री, शेयर मार्केट में निवेश किए गए पैसे कैसे निकालें के बारे में पूरी जानकारी होती है। 

Groww एप से आप कभी भी पैसे निकाल सकते है हां लेकिन न्यूनतम राशि 100 रुपये की होनी चाहिए।

अगर आपको निवेश करने के सफर में पहला कदम उठाना है तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी | हमारी टीम इस सन्दर्भ में आपकी सहायता कर सकती है | उसके लिए बस आपको निचे दिए गए फॉर्म को भरने की जरूरत है |

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Groww Boid Kya Hai https://hindi.adigitalblogger.com/groww-boid-kya-hai/ https://hindi.adigitalblogger.com/groww-boid-kya-hai/#respond Tue, 28 Nov 2023 11:16:39 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=155016 जब भी आप Groww के साथ डीमैट खाता खोलते है तो आपको एक BO ID दी जाती है जो आपके आपका डीमैट खाते को ट्रैक करने के काम आती है। आज इस पोस्ट में जानेंगे की groww boid kya hai? Groww में BO ID क्या होती है?  BO ID का फुल फॉर्म बेनेफिशियल ओनर इडेंटीफिकेशन […]

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जब भी आप Groww के साथ डीमैट खाता खोलते है तो आपको एक BO ID दी जाती है जो आपके आपका डीमैट खाते को ट्रैक करने के काम आती है। आज इस पोस्ट में जानेंगे की groww boid kya hai?

Groww में BO ID क्या होती है? 

BO ID का फुल फॉर्म बेनेफिशियल ओनर इडेंटीफिकेशन नंबर (Beneficial Owner Identification Number) है, BO ID 16 अंकों का होता है, पहले की 8 अंक DP ID होती है और अंतिम की 8 अंक ग्रो एप की Client ID होती है। BO ID में डीमैट नंबर भी होता है जो सीडीएसएल (CDSL) में पंजीकृत नंबर भी।

उदाहरण के तौर पर, 

3 0 1 0 8 0 0 1 5 5 3 6 8 9 1

BO ID ( Beneficial Owner Identification Number) – 1301080015536891 (16 अंक ) 

DP ID  – 13010800 ( पहले का 8 अंक)

Client ID – 15536891 ( अंत के 8 अंक)

अब क्योंकि हर एक निवेशक का डीमैट अकाउंट (Demat Account in Hindi) नंबर अलग-अलग होता है इसलिए BO ID भी अलग होती है।

Groww App mein BO ID कहा खोजे?

कुछ आसान से स्टेप्स का अनुसरण करने के बाद आसानी से ग्रो एप में BO ID प्राप्त कर सकते हैं

  1. अपने मोबाइल में ग्रो एप इंस्टॉल करें, Login ID से लॉगिन करें, नए पेज पर अपने मोबाइल स्क्रीन पर टॉप राइट कार्नर पर प्रोफाइल पर क्लिक करें
  2. नए पेज पर कई सारे ऑप्शन दिखाई देंगे Account Details ऑप्शन पर क्लिक करें
  3. नए पेज पर निजी विवरण नाम, जन्म की तारीख, डीमैट अकाउंट न. और BO ID दिखाई देगा, BO ID के 16 अंकों के न. में पहले का 8 न. DP ID है और अंतिम का 8 न. Client ID है

सारे स्टेप्स फॉलो करने के बाद यूनिक BO ID न. प्राप्त कर सकते हैं। BO ID No. के साथ DP ID यानी डिपॉजिटरी प्रतिभागी (Depository Participant in Hindi) ID और Client ID न. भी प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष 

अगर आपको अपने Groww डीमैट अकाउंट (Groww Demat Account in Hindi) से जुड़ी किसी भी शिकायत या जानकारी लेनी होती है तो उसके लिए BO ID की जानकारी होना आवश्यक है। ऊपर दिए गए तरीके से आप पता लगा सकते है की आपकी Groww Boid kya hai |

अगर आप अपने ID भूल जाते है तो आसानी से एप में देख सकते है या कस्टमर केयर को फ़ोन कर अपने रजिस्टर्ड नंबर की जानकारी दे प्राप्त कर सकते है।

अगर आप भी निवेश की दुनिया में प्रवेश करना चाहते है तो जल्द से जल्द निचे दिए गए फॉर्म में अपना विवरण दें | हमारी टीम आपका डीमैट अकाउंट खोलने में पूरी मदद करेगी | 

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ग्रो ऐप से शेयर कैसे खरीदे? https://hindi.adigitalblogger.com/groww-app-se-share-kaise-kharide/ https://hindi.adigitalblogger.com/groww-app-se-share-kaise-kharide/#respond Fri, 17 Nov 2023 13:25:51 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=154532 ज़ेरोधा को पछाड़ते हुए Groww के पास सबसे ज़्यादा क्लाइंट है और ऐसे में अगर आप भी इस ब्रोकर के साथ जुड़ चुके है तो जाने की ग्रो ऐप से शेयर कैसे खरीदे? अब वैसे तो आज के डिजिटल समय में शेयर खरीदना और बेचना बहुत ही आसान हो गया है लेकिन एक ट्रेडिंग प्लेटफार्म को […]

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FAQs के अन्य लेख

ज़ेरोधा को पछाड़ते हुए Groww के पास सबसे ज़्यादा क्लाइंट है और ऐसे में अगर आप भी इस ब्रोकर के साथ जुड़ चुके है तो जाने की ग्रो ऐप से शेयर कैसे खरीदे?

अब वैसे तो आज के डिजिटल समय में शेयर खरीदना और बेचना बहुत ही आसान हो गया है लेकिन एक ट्रेडिंग प्लेटफार्म को पूरी तरह से समझकर ट्रेड करना काफी ज़रूरी है 

तो आइये जानते है की आप Groww ट्रेडिंग एप (Groww App in Hindi) में शेयर की खरीदारी कैसे कर सकते है

Groww Me Share Kaise Kharide

Groww एक डिस्काउंट ब्रोकर है जो NSE और BSE (Difference Between BSE and NSE in Hindi) के साथ रजिस्टर्ड है और इसके साथ आपको स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कम्पनीज के शेयर खरीदने और बेचने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करता है

इस प्लेटफार्म का उपयोग कर आप मार्केट में इंट्राडे, डिलीवरी और साथ ही साथ ऑप्शन में भी ट्रेड कर सकते है। अब शेयर खरीदने के लिए सबसे पहले आपको Groww के साथ एक डीमैट खाता (Demat Account in Hindi) खोलना होगा।

डीमैट खाता खोलने के बाद आप लॉगिन कर शेयर को खरीद और बेच सकते है। यदि आप ग्रो एप्प  के जरिये किसी कंपनी जैसे टाटा के शेयर खरीदने (Tata ke share kaise kharide) के बारे में सोच रहे है तो इसकी प्रक्रिया बहुत आसान है | 

आइये इसे पूरे विस्तार में जाने।

डीमैट खाता खोलने के बाद आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर ग्रो ऐप से शेयर खरीद सकते है:

  • User ID और password दर्ज़ कर Groww app में लॉगिन करें।
  • अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फण्ड डाले। 
  • जिस भी कंपनी के शेयर को आप खरीदना चाहते है उसका मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis of Stocks in Hindi) करें।

ग्रो ऐप से शेयर कैसे खरीदे

Groww App Share Buying Process

  • विश्लेषण करने के बाद आप स्टॉक को Watchlist में डाले या सीधे Buy बटन पर क्लिक करें।
  • ट्रेडिंग विंडो में Product (delivery या intraday) का चयन करें।

Grow app share buying in delivery trading

 

  • जितनी quantity में शेयर खरीदना चाहते है वह दर्ज़ करें।
  • Order type (Share Market Order in Hindi) का चयन करें।
  • आर्डर वैलिडिटी (Day or IOC) में से एक को चुने।
  • पूरा विवरण भरने के बाद अपने आर्डर को कन्फर्म करें।

अपने आर्डर की जानकारी के लिए ‘Position’ पर क्लिक करें। अगर आपके दर्ज़ वैल्यू पर सेलर होगा तो आर्डर एक्सेक्यूट हो जाएगा अन्यथा आपकी चुनी हुयी वैलिडिटी के अनुसार कैंसिल हो जाएगा।

अब तक आपने जाना कि Groww ऐप में शेयर कैसे खरीदें और कैसे मौलिक विश्लेषण से आप सही शेयर्स का चुनाव कर सकते है | अब बात करते हैं ग्रो ऐप में शेयर खरीदने पर कितना भुगतान करना पड़ता है |

Groww Charges in Hindi 

बात करें चार्जेज की Groww में ट्रेड करने की फीस काफी कम है। इंट्राडे और डिलीवरी में न्यूनतम फीस 0.05% है वही अधिकतम ट्रेडिंग भुगतान मात्रा 20 रुपये का है। ग्रो एप के चार्जेज कुछ इस प्रकार हैं:

चार्जेज के प्रकार  चार्ज 
अकाउंट ओपनिंग और AMC चार्जेज 
इक्विटी ब्रोकरेज  Rs 20 या 0.05 % एक आर्डर के लिए (जो काम हो )
फ़्यूचर्स और ऑप्शंस  Rs 20 (प्रति ऑर्डर)
प्लेज  Rs 0 

रेगुलेटरी और स्टटूटोरी चार्जेज 

इक्विटी  फ़्यूचर्स और ऑप्शंस 
इंट्राडे  डिलीवरी  फ़्यूचर्स ऑप्शंस
STT (सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स) 0.025%
(Buy)
0.1%
(Buy/Sell)
0.0125%
(Sell)
0.0625%
(Buy)
स्टाम्प ड्यूटी  0.003%
(Buy)
0.015%
(Buy)
0.002%
(Buy)
0.003%

(Buy)

एक्सचेंज ट्रांसक्शन चार्जेज  NSE:0.00325%
BSE: 0.00375%
(Buy/Sell)
NSE:0.00325%
BSE: 0.00375%
(Buy/Sell)
NSE:0.0019%
BSE:0.00%
(Buy/Sell)
NSE:0.05%
BSE:0.0375%
(Buy/Sell)
SEBI टर्नओवर चार्ज  0.0001%
(Buy/Sell)
0.0001%
(Buy/Sell)
0.0001%
(Buy/Sell)
0.0001%
(Buy/Sell)
DP चार्ज  0 13.5 (प्रति कंपनी) 0
(Buy/Sell)
0
(Buy/Sell)
इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फंड ट्रस्ट चार्ज  NSE:0.0001%
(Buy/Sell)
NSE:0.0001%
(Buy/Sell)
0.0001%
(Buy/Sell)
0.0005%
(Buy/Sell)

निष्कर्ष

शेयर्स मार्केट (Share Market meaning in Hindi) में मुनाफा कमाने के लिए स्टॉक मार्केट की सारी जानकारी होना आवश्यक है शेयर मार्केट में जानकारी के अभाव में कई बार नुकसान का सामना करना पड़ता है 

इस पोस्ट में ग्रो ऐप से शेयर कैसे खरीदे के विषय पर पूरी जानकारी प्रदान की गयी है, जिससे नए ट्रेडर्स या निवेशक आसानी से शेयर मार्केट में मुनाफा कमा सकते हैं

शेयर्स खरीदने के लिए एप डाउनलोड करने के बाद जरुरी डाक्यूमेंट्स सत्यापित करने, अकाउंट एक्टिवट होने और ग्रो एप वॉलेट में पैसे ऐड करने के बाद पोस्ट में बताए गए जानकारी से आसानी से ग्रो एप में निवेश (Groww App Me Invest Kaise Kare) कर सकते हैं 

अक्सर निवेशकों और ट्रेडर्स के मन में सवाल आता है की क्या ग्रो एप्प सुरक्षित है या नहीं (Groww App Safe or Not in Hindi)| तो हम आपको बता दे की ग्रो अप्प का इस्तेमाल बिलकुल सुरक्षित है |

तो देर किस बात की | आज ही अपने डीमैट अकाउंट खोलें और कूद पड़ें स्टॉक मार्किट की दुनिया में | नीचे दिए गए फॉर्म को बाहर कर आप हमारी टीम की मदद से जल्द से जल्द अपना डीमैट खाता चालू कर सकते है |

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IV in Option Chain in Hindi https://hindi.adigitalblogger.com/iv-option-chain-hindi/ https://hindi.adigitalblogger.com/iv-option-chain-hindi/#respond Mon, 06 Nov 2023 14:52:22 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=154219 IV in option chain या फिर कहें ऑप्शन ट्रेडिंग में IV यानी की Implied Volatility एक बहुत जरूरी पहलु होता है | इसकी मदद से ऑप्शन के प्रीमियम मे भविष्य में बढ़ने और गिरने की दर का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऑप्शन चैन के अंदर IV का डेटा मिलता है जिसकी मदद से ट्रेडर […]

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IV in option chain या फिर कहें ऑप्शन ट्रेडिंग में IV यानी की Implied Volatility एक बहुत जरूरी पहलु होता है | इसकी मदद से ऑप्शन के प्रीमियम मे भविष्य में बढ़ने और गिरने की दर का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऑप्शन चैन के अंदर IV का डेटा मिलता है जिसकी मदद से ट्रेडर को प्रीमियम के ऊपर और नीचे जाने की गति का भी अंदाजा हो जाता है।

स्टॉक मार्किट में आपने वोलैटिलिटी के बारे में तो सुना होगा, बाज़ार के तेजी से ऊपर और नीचे जाने को वोलैटिलिटी से पर्दर्शित किया जाता है।

ऑप्शन चैन में IV (Implied Volatility) क्या होता है।

ऑप्शन चैने के अंदर कॉल और पुट (call and put option in Hindi) दोनों साइड में IV डाटा दिया होता है, हर एक स्ट्राइक प्राइस का अलग-अलग IV होता है।

ऑप्शन चैन में IV (Implied Volatility) डाटा

ऊपर दर्शाए गए चित्र में हम देख पा रहे है की Volume और LTP (LTP Meaning in Stock Market in Hindi) के कोलम के बीच में IV का कोलम दिया गया है।

IV की मदद से ये पता नहीं किया जा सकता की बाज़ार किस तरफ को जाएगा, पर ऊपर या नीचे कितनी रेंज तक जा सकता है इस बात का पता लगाया जा सकता है।

ऑप्शन चैन में IV (इम्प्लाइड वोलैटिलिटी) का क्या महत्व है।

इम्प्लाइड वोलैटिलिटी ऑप्शन चैन में ट्रेडर को उसकी चुनी हुई स्ट्राइक प्राइस (Strike Price in Hindi) पर जो प्रीमियम है उसके ऊपर जाने और नीचे जाने की गति को बताता है। इम्प्लाइड वोलैटिलिटी प्राइस के इतिहास यानी की उसके हिस्टोरिकल डाटा की और वर्तमान के डाटा की गणना करके निकाली जाती है।

IV की मदद से बाज़ार के पर और नीचे जाने की रेंज का पता लगाया जा सकता है पर ये बिलकुल पुख्ता नहीं होता की इतनी ही रेंज होगी। इससे एक नजरिया बनाया जा सकता है। और उस नजरिये को आधार बनाकर ऑप्शन में ट्रेडिंग की जा सकती है।

मान लो की किसी स्टॉक या ऑप्शन का प्राइस 100 रुपये है और उसकी वोलैटिलिटी 10 है तो वो स्टॉक 

100 से लेकर 110 रुपये के बीच में ऊपर की तरफ ट्रेड कर सकता है और 100 से 90 रुपये के बीच नीचे की तरफ ट्रेड कर सकता है। यानी की 90 रुपये से लेकर 110 रुपये के बीच में प्राइस मूव कर सकता है।

High इम्प्लाइड वोलैटिलिटी और Low इम्प्लाइड वोलैटिलिटी क्या होता है।

इम्प्लाइड वोलैटिलिटी में एक रेंज होती है जिससे पता चलता है की बाज़ार कितना ऊपर और कितना नीचे जा सकता है जिसे High IV और Low IV से दर्शाया जाता है। इसलिए ऑप्शन चैन में IV का उपयोग कर इस बात का भी पता लगाया जा सकता है की अभी ऑप्शन के प्रीमियम महंगे है या सस्ते।

High IV: हाई इम्प्लाइड वोलैटिलिटी से मतलब है की बाज़ार अपने करंट प्राइस से कितना ऊपर जा सकता है। यानी की अगर करेंट मार्केट प्राइस अभी 100 रूपये है और हाई इम्प्लाइड वोलैटिलिटी 5 रुपये है तो अगर बाज़ार ऊपर की तरफ जाएगा तो 100+5 = 105 तक जा सकता है।

जिस स्ट्राइक प्राइस की इम्प्लाइड वोलैटिलिटी हाई होती है उसके प्रीमियम हाई होते है और उसके प्रीमियम और ज्यादा हाई होने की संभावना कम ही होती है, यहाँ सेलर यानी की ऑप्शन राइटर मोके का फायदा उठाकर ऑप्शन को राईट करते है और जब प्रीमियम गिरता है तो वो मोटा मुनाफा कमाते है।

Low IV: लो इम्प्लाइड वोलैटिलिटी से मतलब है की बाज़ार अपने करंट प्राइस से कितना नीचे जा सकता है।

यानी की अगर करेंट मार्केट प्राइस अभी 100 रूपये है और लो इम्प्लाइड वोलैटिलिटी 7 रुपये है तो अगर बाज़ार नीचे (बियरिश) की तरफ जाएगा तो 100-7 = 93 रुपये तक जा सकता है।

लो इम्प्लाइड वोलैटिलिटी सेलर्स से ज्यादा बायर्स को फायदा पहुचाती है, क्योंकि यहाँ प्रीमियम सस्ते होते है जिन्हें बायर्स पसंद करते है और जैसे-जैसे इम्प्लाइड वोलैटिलिटी बढ़ेगी उसके साथ-साथ प्रीमियम भी बढेगा तो बायर्स को फायदा होगा।

इम्प्लाइड वोलैटिलिटी को कैसे इस्तेमाल किया जाता है।

इम्प्लाइड वोलैटिलिटी एक मैथमेटिकल फोर्मुला (सूत्र) की मदद से निकाली जाती है। ऑप्शन चैन में IV का उपयोग करके ट्रेडर इन तीन चीजों का पता लगा सकता है :

  1. ऑप्शन के भाव को निर्धारित करने में मदद करता है। 
  2. अंडरलायिंग एसेट के भाव के ऊपर नीचे की और मूव करने की रेंज बताता है।
  3. डायरेक्शनल जोखिम बताता है।

आजकल इम्प्लाइड वोलैटिलिटी हर प्लेटफार्म या सॉफ्टवेयर में खुदबखुद दी होती है। जैसे की NSE की ऑप्शन चैन में दी होती है।

एक ऑप्शन सेलर के नजरिये से देखा जाए तो वो यही तय करके ऑप्शन को सेल करता है की एक्सपायरी आने पर उसके ऑप्शन में कोई भी प्रीमियम नहीं बचेगा यानी की वो OTM (Out The Money) होगा जो की ITM (in The Money) नहीं हो पाएगा और जीरो हो जाएगा और उसका सारा प्रीमियम ऑप्शन सेलर को मिल जाएगा।

एक ऑप्शन सेलर का प्रॉफिट ऑप्शन बायर के द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम ही तो होता है। एक्सपायरी आने पर अगर ऑप्शन बायर का प्रीमियम ITM (इन द मनी) ना हुआ तो उसकी वैल्यू अपने आप जीरो हो जाएगी और वो प्रीमियम ऑप्शन सेलर का हो जाएगा।

हालांकि ऑप्शन के भाव को कम या ज्यादा होने में ऑप्शन ग्रीक जैसे की वेगा, थीटा, गामा और रो भी अपनी भूमिका निभाते है।

जिस स्टॉक या इंडेक्स की वोलैटिलिटी लो होती है उन स्टॉक्स के प्रीमियम सस्ते होते है और जिनकी वोलैटिलिटी ज्यादा होती है उनके प्रीमियम महंगे होते है।

निष्कर्ष।

ऑप्शन चैन में इम्प्लाइड वोलैटिलिटी के बारे में जाना की बाज़ार के उतार और चढाव में इसका कितना और किस प्रकार से योगदान है और ये ऑप्शन के प्रीमियम पर कितना असर डालती है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में IV के साथ साथ कई अन्य जरूरी चीजें भी होती है जिनके बारे में एक ट्रेडर को जानना चाहिए ताकि वो ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading Basics in Hindi) को अच्छे से समझ सके और ट्रेडिंग में आने वाले मोकों को समझकर उनसे मुनाफा निकाल सके।

IV के अलावा लॉन्ग बिल्डउप, शोर्ट बिल्डउप, शोर्ट कवरिंग जैसी चीजों के बारे में भी आपको पता होना चाहिए, इनकी मदद से भी बाज़ार में आने वाले उतार चढ़ाव का पता चलता है।

ऑप्शन चैन के फंडामेंटल डाटा और टेक्नीकल अनालिसिस को मिलाकर ट्रेड के लिए निर्णय लेने में सुगमता होती है। और ट्रेड के गलत होने का जोखिम कम होता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में टेक्नीकल अनालिसिस का और ऑप्शन चैन जैसी टूल्स का खूब इस्तेमाल किया जाता है, एक ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस को अच्छे से सीखकर अच्छा मुनाफा कमा सकता है।

टेक्नीकल अनालिसिस सीखने के लिए आप नीचे दिए गए फॉर्म में अपना जरूरी विवरण भरिये, हमारी टीम आपसे संपर्क करके आपको इसमें मदद करेगी। 

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इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने? https://hindi.adigitalblogger.com/intraday-ke-liye-stock-kaise-chunein/ https://hindi.adigitalblogger.com/intraday-ke-liye-stock-kaise-chunein/#respond Mon, 06 Nov 2023 14:09:34 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=154238 इंट्राडे ट्रेडिंग जो की ट्रेडर को अच्छा मुनाफा दे सकती है, पर एक गलत शेयर में पोजीशन लेना नुकसान का कारण भी बन सकती है और इसलिए सबसे ज़रूरी ये जानना है कि इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने|  वैसे तो शेयर मार्केट में हज़ारो कम्पनीज है लेकिन उनमे से कुछ ही कम्पनीज के शेयर […]

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इंट्राडे ट्रेडिंग जो की ट्रेडर को अच्छा मुनाफा दे सकती है, पर एक गलत शेयर में पोजीशन लेना नुकसान का कारण भी बन सकती है और इसलिए सबसे ज़रूरी ये जानना है कि इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने| 

वैसे तो शेयर मार्केट में हज़ारो कम्पनीज है लेकिन उनमे से कुछ ही कम्पनीज के शेयर में इंट्राडे ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाया जा सकता है तो आइये जाने ऐसे कौनसे कारक है जो इंट्राडे के लिए शेयर चुनने के लिए महत्वपूर्ण है।

Intraday Trading me Konse Share Kharide?

इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर का चुनाव करने के लिए कुछ पहलुओं को ध्यान में रखना होता है जैसे की :

  1. लिक्विडिटी (तरलता)
  2. वोलैटिलिटी (अस्थिरता)
  3. ट्रेंड
  4. मोमेंटम

किसी भी शेयर को इंट्राडे ट्रेडिंग में खरीदने से पहले इन चारों पहलुओं पर सही होना जरूरी है, आइये इन चारो पहलूओं को विस्तार में समझते है:

Liquidity Analysis for Intraday Hindi 

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading Meaning in Hindi) यानी की आज ही ट्रेड ली और आज ही मार्केट के बंद होने से पहले अपनी ट्रेड को क्लोज कर दिया।

अब इंट्राडे में लिक्विडिटी की जरूरत कुछ इस तरह है की ट्रेड लेने के लिए शेयर की पर्याप्त क्वांटिटी होना जरूरी होता है|अगर उसमें ज्यादा क्वांटिटी में शेयर ट्रेड हो रहे होंगे तभी तो ट्रेडर सोदे में ज़्यादा मुनाफा कमा पायेगा।

Liquidity की जानकारी वॉल्यूम (What is Volume in Share Market in Hindi) से ली जाती है जो ये संकेत देता है कि कितने ट्रेडर मार्केट वैल्यू पर शेयर को बेचने और खरीदने में इच्छुक है।

जितने ज़्यादा ट्रेडर की वॉल्यूम उतना मुनाफा कमाने का अवसर।

उदाहरण के लिए, मान लो की अगर आपने किसी शेयर को 1000 रुपये के भाव पर खरीद लिया लेकिन उसमे लिक्विडिटी कम है तो ऐसे में स्क्वायर ऑफ करते समय आपको कम सेलर होने की वजह से सही सौदा नहीं मिलेगा और कई बार नुक्सान के साथ आपको अपनी पोजीशन से बाहर निकलना होगा।

इसके साथ वॉल्यूम की जानकारी से हम ट्रेंड को भी जान सकते है:

वॉल्यूम   प्राइस  ट्रेंड 
Increases  Increases  Bullish 
Increases  Decreases  Bearish 
Decreases  Increases  Bullish Trend will end soon 
Decreases  Decreases  Bearish Trend will end soon 

Volatility Analysis for Intraday in Hindi 

इंट्राडे के लिए बेस्ट स्टॉक चुनने के लिए लिक्विडिटी के बाद वोलैटिलिटी पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होता है। वोलैटिलिटी यानी की अस्थिरता, अगर किसी शेयर में अस्थिरता रहेगी तभी तो वो दिन के दौरान ऊपर नीचे जाएगा और ट्रेडर उस ऊपर नीचे जाने की स्थिति में सोदा लेकर मुनाफा बना पाएगा।

Volatility Analysis for Intraday Using Candlestick Chart

शेयर की वोलैटिलिटी को उसके ऊपर नीचे होने की दशा में मापा जाता है, जितनी अच्छी वोलैटिलिटी उतने अच्छे सोदा लेने के मौके।

आइये इसे एक उदाहरण से समझते है।

मान लो की किसी शेयर की कीमत ₹100 चल रही है और उसकी volatility 1% है इसका मतलब वह ज़्यादा से ज़्यादा 101 तक ऊपर जा सकता है और 99 की वैल्यू तक नीचे गिर सकता है

ऐसे में अगर आपने सपोर्ट पर इस शेयर को खरीद भी लिया तो ज़्यादा मुनाफा नहीं कमा पाओगे। 

वही अगर शेयर में 4% की वोलैटिलिटी हो तो वह मुनाफा कमाने का अवसर भी है लेकिन उसके साथ कई तरह के जोखिम भी है।

मार्केट में वोलैटिलिटी की जानकारी के लिए बोलिंजर बैंड इंडिकेटर (bollinger band indicator in hindi) का उपयोग कर सकते है। यह शेयर मार्किट इंडिकेटर (Share Market Indicator in Hindi) की सूची में वोलैटिलिटी इंडिकेटर में विभाजित है | 

Trend Analysis for Intraday in Hindi 

रेंज बाउंड मार्किट या कंसोलिडेशन मार्किट: इसमें भाव एक छोटी रेंज में ऊपर निचे होता रहता है और ट्रेडर ज्यादातर इसके झांसे में फंसकर अपनी पूंजी गँवा देता है।

Trend Analysis Showing Price Consolidation Between Range to choose Intraday stock

ऊपर दर्शाए चार्ट में देखिये की एक रेंज बनी हुई है और भाव बार बार उस रेंज में ऊपर निचे जा रहा है, अब नए और अनुभवहीन ट्रेडर इस रेंज में सौदा तो ले लेते है और उनका टारगेट नहीं आ पाता।

कारण होता है की शेयर ट्रेंड में नहीं होता और जब भी वो सौदा लेता है तो उसको आगे ग्रोथ मिलने की बजाए रेंज का ऊपरी बैंड मिल जाता है जो की शेयर को वापस निचे धकेल देता है।

जब तक बाज़ार इस रेंज से निकलकर ट्रेंड नहीं पकड़ लेता तब तक ट्रेड करना जानबूझकर जोखिम उठाना कहलाएगा।

ट्रेंड के सहारे ट्रेडिंग: इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंड की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। ट्रेंड से ट्रेडर ये तय कर पाता है की खरीददारी करनी है या बिकवाली करनी है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन करने के लिए ये एक जरूरी पहलु है | 

इंट्राडे में स्टॉक चुनने के लिए ट्रेंड एनालिसिस

ऊपर दर्शाये चार्ट में एक घंटे का टाइम फ्रेम और उसमें तेजी यानी की बुलिश मार्केट दिखाई दे रही है। इसमें भाव मूविंग एवरेज के साथ साथ मूमेंटम करता हुआ दिखाई दे रहा है। अब देखने वाली बात ये है की एक घंटा जो की एक बड़ा टाइमफ्रेम है तो छोटे टाइम फ्रेम में मूमेंटम के आधार पर ट्रेड करना आसान होता है।

दूसरी तरफ 15 मिनट के टाइमफ्रेम वाले चार्ट में देखा जा सकता है की एक घंटे की मूविंग एवरेज (Moving Average in Hindi) पर जब भाव आता है तो वहां से दोबारा मूमेंटम के साथ ऊपर चला जाता है, एक ट्रेडर के लिए इस तरह ट्रेंड के साथ ट्रेड करना आसान होता है और मुनाफा निकालना भी आसान होता है।

क्योंकि ज्यादातर टाइम शेयर का भाव अपने ट्रेंड के अनुरूप ही जाता है तो अपट्रेंड में बुलिश सौदा लेने की बजाए बियरीश सौदा लेना अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।

ट्रेंड के साथ चलने में गलत होने की संभावना कम हो जाएगी।

इंट्राडे में टेक्निकल अनालिसिस के आधार पर शेयर की खरीददारी।

मूमेंटम यानी की तेजी की स्पीड यानी गति, किसी भी चीज की गति को मूमेंटम के सहारे समझा जा सकता है। जैसे की गाडी जब चलती हुई धीरे धीरे और तेज गति के साथ चलने लगती है।

तो उसे कहा जाएगा की गाडी ने मूमेंटम पकड़ ली है। बिलकुल उसी प्रकार शेयर जब बुलिश ट्रेंड में चल रहा हो और जब वो बुलिश ट्रेंड में ही और तेज गति पकड़ ले तो उसे कहेंगे की शेयर ने मूमेंटम पकड़ ली है।

टेक्निकल अनालिसिस  के सहारे उस मूमेंटम को समझा जा सकता है और ट्रेड भी किया जा सकता है।

Momentum Analysis for Intraday in Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग में टेक्निकल अनालिसिस का ही उपयोग होता है, क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग की समय सीमा केवल एक ही दिन की होती है तो वो फंडामेंटल अनालिसिस (Fundamental Analysis in Hindi) या किसी अन्य प्रकार के अनालिसिस की मदद से कर पाना संभव नहीं होता।

हमने लिक्विडिटी (तरलता), वोलैटिलिटी (अस्थिरता) और ट्रेंड के बारे में समझ लिया, जब कोई शेयर इन तीनों चीजों के आधार पर सही हो और ट्रेड करने लायक हो तो अंतिम चरण बचता है टेक्निकल अनालिसिस, जो ट्रेडर को बताएगा की कहाँ पर सोदा लेना है और कहाँ पर बेचना है।

अब जो भी शेयर ट्रेडर के टेक्निकल अनालिसिस के आधार पर खरीदने लायक हो उन्हें खरीदा जा सकता है, इसके लिए कुछ कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern in Hindi), चार्ट पैटर्न, इंडिकेटर और रणनीतियां है जिनकी मदद ली जा सकती है।

ट्रेडर को टेक्निकल अनालिसिस के जरिये इंट्राडे में अच्छी लिक्विडिटी, अच्छी खासी वोलैटिलिटी, और ट्रेडिंग शेयर को ही खरीदना चाहिए।

निष्कर्ष।

इस पोस्ट में आपने जाना की इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने | आपको बता दें की इंट्राडे ट्रेड करना जितना मुश्किल है उतना ही आसान भी है   बस फर्क है प्लानिंग करने और बिना प्लानिंग के ही इंट्राडे ट्रेडिंग करने की कोशिश करना।

अगर प्लानिंग के साथ इंट्राडे करेंगे तो आप पहले बड़े टाइमफ्रेम के सहारे ट्रेंडिंग स्टॉक्स को खोजेंगे उसके बाद उन खोजे हुए स्टॉक्स में टेक्निकल अनैलिसिस की मदद से सौदा बनाएँगे। ऐसा करने पर मुनाफा कमाने की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

टेक्निकल अनालिसिस, ये शब्द जितना पुराना है उतना ही प्रभावशाली है। एक ट्रेडर को अच्छी तरह सोच विचार करने के उपरान्त सही पहलुओं के अनुरूप इंट्राडे में स्टॉक चुनने के बाद टेक्निकल अनालिसिस की मदद से शेयर को खरीदना चाहिए।

अगर आप शेयर मार्किट में इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिये पैसा कमाना चाहते है तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरिये | हमारी टीम जल्द ही आपसे संपर्क करके आपका डीमैट अकाउंट खोलने में मदद करेगी |

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ROC Indicator in Hindi https://hindi.adigitalblogger.com/roc-indicator-hindi/ https://hindi.adigitalblogger.com/roc-indicator-hindi/#respond Mon, 06 Nov 2023 12:14:02 +0000 https://hindi.adigitalblogger.com/?p=154217 टेक्निकल अनालिसिस में इस्तेमाल किये जाने वाले इंडिकेटर में से एक है रेट ऑफ चेंज | ROC Indicator in Hindi के ऊपर बोलें  तो ये संकेतक वर्तमान में चल रहे शेयर के भाव और उसके कुछ समय पहले के पुराने भाव को प्रतिशत के आधार पर उसमे होने वाले बदलाव को मापकर दर्शाता है। ROC इंडिकेटर की मदद […]

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टेक्निकल अनालिसिस में इस्तेमाल किये जाने वाले इंडिकेटर में से एक है रेट ऑफ चेंज | ROC Indicator in Hindi के ऊपर बोलें  तो ये संकेतक वर्तमान में चल रहे शेयर के भाव और उसके कुछ समय पहले के पुराने भाव को प्रतिशत के आधार पर उसमे होने वाले बदलाव को मापकर दर्शाता है।

ROC इंडिकेटर की मदद से ट्रेंड की गति को समझा जा सकता है, की क्या ट्रेंड गति यानी की स्पीड पकड़ रहा है या ट्रेंड की स्पीड कम हो गई है या वो अपनी स्पीड को उसी स्थिति में बनाए हुए है। यानी की ये इंडिकेटर मूमेंटम बताएगा।

क्योंकि ये इंडिकेटर मूमेंटम को दर्शाता है तो शेयर मार्किट इंडिकेटर (Share Market Indicator in Hindi) की सूची में इसे मूमेंटम टेक्निकल इंडिकेटर भी कहते है।

ROC इंडिकेटर की गणना।

आइये समझते है की आर ओ सी इंडिकेटर को स्टॉक मार्केट में इस्तेमाल कैसे किया जाता है।

ROC इंडिकेटर को जीरो से शुरू किया जाता है, 

रेट ऑफ़ चेंज संकेतक का गणित:

ROC = [(क्लोज – क्लोज n समय पहले) / (क्लोज n समय पहले)] * 100

इस गणना के जरिये ही ROC ट्रेंड का हिसाब किताब बता पाता है।

ROC इंडिकेटर काम कैसे करता है।

अगर भाव बढ़ा है तो ROC की वैल्यू पॉजिटिव होगी और अगर भाव गिरा है तो ROC की वैल्यू नेगेटिव होगी।

ROC इंडिकेटर को अपर बाउंड और लोअर बाउंड के आधार पर देखा जाता है, इसकी वैल्यू नीचे गिरवाट में  -100 तक जा सकती है पर इसके नीचे नहीं जा सकती। और इसके विपरीत अपर बाउंड में इसकी कोई लिमिट नहीं होती।

ROC पीरियड के आधार पर चलता है, यानी की पिछले कितने दिनों में क्या हुआ। इसलिए इसमें पीरियड को बदला भी जा सकता है और ROC की वैल्यू निकाली जा सकती है।

अगर आप पिछले 20 दिनों के आधार पर ROC की वैल्यू निकालना चाहते है तो आप इंडिकेटर की सेटिंग में पीरियड को बदलकर 21 दिन कर सकते है और अगर आप 7 दिनों के पीरियड को समझना चाहते है तो आप इसमें सेटिंग बदलकर 7 दिन कर सकते हो।

ऊपर दर्शाए गए चार्ट में आप देख सकते है की ROC इंडिकेटर लगाया गया है और उसमें 21 दिनों के ROC पीरियड की सेटिंग की गई है।

कैंडलस्टिक चार्ट (Candlestick Charts in Hindi) में ये भी दर्शाया गया है की ROC की वैल्यू अपनी जीरो लाइन से ऊपर उठ रही है | जब भी ROC की वैल्यू जीरो लाइन से ऊपर उठती है तब ट्रेंड को पोजिटिव माना जाता है और जब भी लाइन आगे बढ़ना बंद कर देती है और एक रेंज में चलती रहती है तब पता चलता है की ट्रेंड अब स्लो हो गया है।

और जब लाइन जीरो लाइन से नीचे आ जाती है तो पता चलता है तो इसका मतलब होता है की ट्रेंड ने अपनी गति खो दी है और अब वो नेगेटिव ट्रेंड यानी की डाउन ट्रेंड में चल रहा है।

ट्रेडर को ROC इंडिकेटर के बारे में क्या-क्या ध्यान में रखना चाहिए।

  1. ROC इंडिकेटर में जीरो लाइन सबसे जरूरी होती है, जब भी इंडिकेटर इससे ऊपर होगा और आगे बढ़ रहा होगा तो ट्रेंड को बुलिश (तेजी) माना जाएगा।
  2. इंडिकेटर जब जीरो लाइन के नीचे ट्रेड करने लगे तो इसे बियरिश (मंदी) माना जाएगा और वहां से बुलिश सोदे बनाने से दूर रहा जाएगा।
  3. जब भी इंडिकेटर जीरो से ऊपर हो और आगे बढ़ रहा हो तो ये माना जाता है की अपट्रेंड अब और तेजी पकड़ रहा है।
  4. बिलकुल ऐसे ही जब डाउन ट्रेंड चल रहा हो और ROC की वैल्यू जीरो से नीचे हो और इंडिकेटर नीचे जा रहा हो तो पता चलता है की अब डाउनट्रेंड में और ज्यादा गिरवाट आ रही है।
  5. ऐसे ही जब डाउनट्रेंड में इंडिकेटर जीरो से नीचे हो और ऊपर उठना शुरू हो जाए तो ट्रेंड का डाउनट्रेंड से अपट्रेंड में चले जाना दर्शाता है।

ROC की मदद से ट्रेड कैसे करें।

ROC इंडिकेटर की मदद से ट्रेडर को ट्रेड करना काफी आसान होता है, क्योंकि ये इंडिकेटर मूमेंटम बताता है तो ट्रेडर को मूमेंटम देखकर और किसी ट्रेंड कन्फर्म करने वाले इंडिकेटर की मदद से ट्रेड करनी चाहिए।

ROC Indicator ka ट्रेडिंग में इस्तेमाल

ऊपर दर्शाए चार्ट में डाउनट्रेंड चलता हुआ दर्शाया गया है और उसके साथ साथ 10 और 20 पीरियड की मूविंग एवरेज (Moving Average in Hindi) दर्शाई गई है|

इसके साथ साथ दोनों मूविंग एवरेज का क्रोसओवर होता हुआ दिखाई दे रहा है और प्राइस उनके ऊपर ट्रेड करना शुरू कर रहा है तब ट्रेंड बदल रहा है, और इसी वक्त ROC इंडिकेटर की लाइन जीरो से ऊपर आती हुई दिखाई दे रही है।

दोनों इंडिकेटर EMA और ROC ट्रेंड के बदलने को पुख्ता कर रहे है। इसे कांफ्लुएंस ट्रेडिंग करना भी कहते है।

निष्कर्ष।

ट्रेडिंग करने के लिए टेक्निकल अनालिसिस बहुत जरूरी है और इंडिकेटर ट्रेडर को सही निर्णय लेने में मदद करते है।

ROC Indicator in Hindi के विषय पर ये कहना गलत नहीं होगा की ये संकेतक ट्रेडर को अपने निर्णय को पुख्ता करने में मदद करता है |

इसका प्रयोग करने के साथ साथ अनुभवी ट्रेडर हमेशां से यही सलाह देते है की कांफ्लुएंस पॉइंट्स का इस्तेमाल करो। जिसमें एक से ज्यादा तकनीकों का इस्तेमाल होता है।

हमें उम्मीद है की आपको हमारी ये जानकारी पसंद आयी होगी और आपका स्टॉक मार्किट की तरफ रुझान बढ़ा होगा |

अगर आपको स्टॉक मार्किट में शुरुआत करनी है तो आप नीचे दिए हुए फॉर्म को भर सकते हैं | हमारी टीम जल्द से जल्द आप को संपर्क करेगी और आपका डीमैट अकाउंट खोलने में सहायता करेगी |

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