Evening Star Candlestick Pattern in Hindi

बाकी चार्टिंग पैटर्न्स

जिस तरह से मॉर्निंग स्टार पैटर्न बुलिश रेवेर्सल का सिग्नल देता है, ठीक उसी तरह इवनिंग स्टार पैटर्न (evening star candlestick pattern in hindi) से अपट्रेंड की समाप्ति और बेयरिश ट्रेंड की शुरुआत का संकेत मिलता है।

लेकिन शेयर मार्केट चार्ट में ये पैटर्न कब बनता है और इसके पीछे ट्रेडर की सायकोलोजी क्या है, आइये जानते है।

इवनिंग स्टार पैटर्न क्या होता है?

इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न इन हिंदी में जानने से पहले आपको ट्रेंड की जानकारी होना ज़रूरी है क्योंकि ये एक ऐसा पैटर्न है जो अपट्रेंड यानी की तेजी में बनता है और इसके बनने के बाद मार्केट में गिरावट आनी शुरू हो जाती है।

इस पैटर्न को बुलिश ट्रेंड यानी की तेजी का अंत माना जाता है। शोर्ट सेलर्स के बीच ये पैटर्न बहुत मशहूर पैटर्न है। और इसको प्रॉफिट बुकिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

जिस प्रकार सूर्यास्त के बाद रात हो जाती है उसी प्रकार इस कैंडलस्टिक पैटर्न के बनने के बाद मार्केट में मंदी आती है और इसलिए इसे इवनिंग स्टार पैटर्न कहा जाता है

इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न को समझना काफी आसान है, इसे 3 कैंडलस्टिक पैटर्न के समूह वाला पैटर्न कहते है। आइये हम नीचे दी गई इमेज की मदद से समझते है।

इस इमेज में हम देख पा रहे है की यहाँ 3 कैंडलस्टिक है:

  1. पहली हरे रंग की बुलिश कैंडल जो तेजी (Bullish) को दर्शा रही है।
  2. उसके बाद गैप अप के साथ दूसरी लाल रंग की छोटी कैंडल बन रही है जो इनडिसीजन यानी की असमंजस को दर्शा रही है।
  3. उसके बाद एक गैप डाउन के साथ एक बड़ी बियरिश कैंडल है जो मंदी (Bearish) को दर्शा रही है।

इन्हीं तीन कैंडलस्टिक को मिलाकर इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न बनता है। 


इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक की सायकोलोजी क्या है?

इवनिंग स्टार की सायकोलोजी समझने की लिए हमें ये जानना होगा की इसके बनने के पीछे का क्या कारण है।

इसे हम बिलकुल स्टेप-बाय-स्टेप समझते है।

जैसा की हम जानते है की इवनिंग स्टार अपट्रेंड में बनता है तो जब अपट्रेंड में अचानक हरे रंग की बड़ी बुलिश कैंडल बनती है तो ट्रेडर्स को लगता है की मार्केट में अब और तेजी आ रही है। और इसी कारण उनका तेजी की तरफ रुझान बना रहता है।

अगले दिन जब मार्केट गैप अप खुलती है और थोड़ी तेजी दिखाती है तो ट्रेडर्स को लगने लगता है की मार्केट में अब काफी तेजी आ गई है अब प्रॉफिट बुकिंग आएगी।

यानी मार्केट में लोगों का काफी अच्छा मुनाफा बन चुका है अब वो अपने सोदों को बेचकर अपना मुनाफा निकालेंगे।

और इसी सोच के साथ ज्यादातर ट्रेडर्स अपने सोदे बेचना शुरू कर देते है। और बिकवाली का प्रेशर इतना बढ़ जाता है की बायर्स यानि की खरीददार अब मार्केट को कंट्रोल नहीं कर पाते और आगे भाव को बढ़ा नहीं पाते।

सेलर्स यानी की बिकवालों के दबाव में मार्केट जहाँ से ओपन होती है लगभग वहीं वापस आ जाती है, यहाँ वो डोजी और स्पिनिंग टॉप जैसा पैटर्न बनती है।

 अब अगले दिन जब मार्केट खुलती है तो एक बड़ा गैप डाउन दिखाई देता है, और जब ये गैप डाउन दिखाई देता है तो ट्रेडर्स को ये सिग्नल मिलता है की अब मार्केट में सेलिंग आ गई है यानी की मार्केट सेलर के कंट्रोल में आ गई है। यहाँ से डाउनट्रेंड की शुरुआत होने की संभावना बन जाती है।


इवनिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में ट्रेड कैसे करें?

इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड करना काफी आसान होता है। इसे हम नए सोदे बनाने और पुराने सोदों से मुनाफा बुक करने के लिए भी इस्तेमाल करते है। यहाँ हम कैसे नया सोदा बना सकते है और पुराने सोदों को कैसे बेचेंगे इसे स्टेप-बाय-स्टेप से समझेंगे।

सबसे पहले हम एक उदाहरण लेते है।

 

इस इमेज में हमें स्टॉप लॉस (stop loss meaning in hindi) और Entry करने के लिए पॉइंट्स दिखाई दे रहे है। यहाँ हम इनडिसीजन कैंडल (बीच वाली कैंडल जो डोजी और स्पिनिंग टॉप की तरह दिखाई देती है) के ऊपर अपना स्टॉप लोस आर्डर लगाएंगे।

और अपने सोदे की कन्फर्मेशन के लिए जब मार्केट हमारे पैटर्न की आखिरी केंडल (बियरिश लाल रंग की बड़ी कैंडल) के नीचे ट्रेड करने लगेगी तब अपना नया सोदा बनायेंगे।

इसे हम रियल मार्केट के एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते है।

यहाँ हमारे सामने कारें बनाने वाली कंपनी Maruti Suzuki का डेली टाइमफ्रेम का चार्ट है, इसमें हमें एक स्ट्रोंग बुलिश ट्रेंड दिखाई दे रहा है, और ट्रेंड के बिलकुल टॉप पर हमें इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न बना हुआ दिखाई दे रहा है, और उसके बाद मार्केट में मंदी आ गई और मार्केट तेजी से नीचे गिर गई है।

यहाँ अगर ट्रेडर्स ने पहले से ही सोदा लिया हुआ है तो जैसे की इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न की कन्फर्मेशन मिले उन्हें अपना सोदा बेचकर अपना मुनाफा बुक कर लेना चाहिये। क्योंकि यहाँ से मार्केट में तेजी से बिकवाली आएगी और वो अपना मुनाफा खो सकते है।


मॉर्निंग कैंडलस्टिक और इवनिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में अंतर

मोर्निंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न (morning star candlestick pattern in hindi) और इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न में कुछ समानताएं होने के बावजूद ये एक दूसरे के विपरीत काम करते है, जैसे की:

  1. दोनों पैटर्न ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न है, यानी की इनके बनने के बाद मार्केट में ट्रेंड बादल जाएगा।
  2. मोर्निंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न बनने के बाद मार्केट मंडी से निकलकर अपट्रेंड में जाती है, यानी की मार्केट में बुलिश ट्रेंड आता है।
  3. इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न बनने के बाद मार्केट में गिरावट आनी शुरू हो जाती है और मार्केट तेजी से सीधा मंदी की और बढ़ने लगती है।

निष्कर्ष

इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न से हमें बुलिश ट्रेंड के अंत का पता चलता है। इसके बाद मार्केट में एक तेज बिकवाली आती है और ट्रेडर्स को समय रहते अपने सोदों से मुनाफा निकालने का मोका मिल जाता है और बिकवाली की तरफ नए सोदे बनाने का मोका तो मिलता ही है।

टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर ट्रेडर्स द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले मुख्य कैंडलस्टिक पैटर्न में ये पैटर्न बहुत उपयोगी पैटर्न है।

टेक्निकल एनालिसिस में इस पैटर्न को अकेले इस्तेमाल किये जाने के बजाय शेयर मार्केट इंडिकेटर (share market indicator in hindi) का भी इस्तेमाल करें, ताकि ट्रेडर्स कोई गलत निर्णय लेने से बच सकें। इससे उनका एनालिसिस बेहतर स्थिति में पहुच जाता है।

यदि आप शेयर मार्केट ट्रेडिंग के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो बस नीचे दिए गए फॉर्म में कुछ बुनियादी विवरण भरें।

आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

9 − five =