On Neck Candlestick Pattern in Hindi

बाकी चार्टिंग पैटर्न्स

कैंडलस्टिक पैटर्न शेयर बाजार में हमें भाव को पढ़ने और समझने में मदद करते है। इनकी मदद से हम भविष्य में स्टॉक के भाव में होने वाले बदलाव की भविष्यवाणी कर पाते है। ऐसे ही एक पैटर्न है On Neck Candlestick Pattern। आज इस लेख में On Neck candlestick pattern in hindi में जाने इसकी विशेषताएं और कैसे इसे ट्रेड के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

On Neck Candlestick Pattern क्या है?

शेयर मार्केट चार्ट में ये पैटर्न एक Bearish Continuation Pattern है जिसे की एक बेयरिश (मंदी) पैटर्न माना जाता है पर कई बार ये पैटर्न तेजी में भी बनता है।

ये मार्केट में आगे आने वाली तेजी और मंदी के लगातार आगे बढ़ने को दर्शाता है। इसका मतलब है की जिस तरफ मार्केट पहले से ही जा रही है उसी तरफ उसका ट्रेंड जारी रहेगा।

ये कैंडलस्टिक पैटर्न (candlestick pattern in hindi) अपनी पिछली कैंडल की गर्दन पर बनता है। इसलिए इसे On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न कहते है।

अब कई बार ये ट्रेंड की निरंतरता को दर्शाता है तो कई बार रेवेर्सल के सिग्नल भी देता है।

लेकिन Encyclopedia of Candlestick Charts के Author “Thomas Bulkowski” की माने तो बेयरिश मार्केट में 56% ये पैटर्न कंटिन्यू ट्रेंड को जारी रखता है।

इसलिए Thomas Bulkowski इसे अकेले इस्तेमाल करने की बजाए टेक्निकल एनालिसिस की कुछ अन्य टूल्स जैसे की शेयर मार्केट इंडिकेटर (share market indicator in hindi) की सहायता लेने की सलाह देते है।

वैसे तो ये पैटर्न Continuation Pattern है ही पर जब 44% स्थिति में जब On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न से मार्केट रिवर्स करेगी बहुत बड़ा मूव आने की संभावना होती है, तो आइये अब जानते है कि ये पैटर्न बनता कैसे है। 


On Neck Candlestick Pattern कैसे बनता है?

अगर मार्केट में एक बड़ी लाल कैंडल बनने के बाद गेप डाउन में एक ग्रीन कैंडल बनती है जिसका बॉडी साइज बहुत छोटा है तो On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न बनता है। पर ये छोटी हरी कैंडल पिछली लाल कैंडल के Low के ऊपर Close नहीं करनी चाहिए।

आप नीचे दिया उदाहरण देख सकते है।


On Neck Candlestick Pattern को कैसे ट्रेड करें?

जैसे की हमें पहले से ही पता है की On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न मंदी के साथ-साथ एक ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न भी है। तो इसे हम केवल बेयरिश मार्केट में ही देखेंगे। वहां से या तो मार्केट अपना ट्रेंड कंटिन्यू करेगी या रिवर्सल आएगा।

इसे ट्रेड करने के लिए सबसे पहले हमें बेयरिश मार्केट के ट्रेंड को देखना होगा। अगर मार्केट बेयरिश साइड में ट्रेड कर रही है तो हम On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न को देखेंगे।

हम इसे यहाँ एक उदाहरण की मदद से समझते है।

यहाँ हम इस चार्ट में देख पा रहे है की ये TCS कंपनी के शेयर का चार्ट है और इसमें एक बेयरिश ट्रेंड चल रहा है मार्केट तेजी से नीचे गिर रही है।

इस बेयरिश ट्रेंड में एक बड़ी लाल रंग की बेयरिश कैंडलस्टिक बन रही है और उसके बाद एक गैप डाउन हुआ है और उस गैप डाउन के बाद एक हरे रंग की छोटी बुलिश कैंडल बनी है और बुलिश साइड में अपनी Closing दे रही है।

पर वो हमारी बड़ी बेयरिश कैंडल के Low से ऊपर नहीं जा पा रही है, इस तरह से On Neck Candlestick पैटर्न बनता है जिससे हमें ये समझ आता है की मार्केट अब डाउन ट्रेंड में ही चलेगी।

लेकिन इस पैटर्न के बनने के बाद हमें ट्रेड करने से पहले एक कन्फर्मेशन कैंडल का इन्तजार करना चाहिए। क्योंकि उस कैंडल के बिना हमें ट्रेंड किस तरफ जाएगा इसमें शंका रहती है।

जब भी यह पैटर्न बनता है तो हम इसके आगे वाली कैंडल के बनने का इन्तजार करेंगे और देखेंगे की क्या अगली कैंडल इस पैटर्न के नीचे क्लोज करती है, अगर हाँ तो मार्केट अपना ट्रेंड जारी रखेगी। नहीं तो यहाँ से बड़ा रिवर्सल आ सकता है।

यहाँ हम सपोर्ट और रेजिस्टेंस (support and resistance in hindi) जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करके अपने निर्णय को पुख्ता कर सकते है।

अब हम ट्रेंड रिवर्सल का एक उदाहरण देखते है।

हमारे सामने KOTAKBANK का चार्ट है। उसमें हम On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न देख पा रहे है। पर यहाँ ये पैटर्न एक सपोर्ट के ऊपर बना है।

पैटर्न बनने के बाद हमें रिवर्सल के लिए एक कन्फर्मेशन भी मिल गई। एक बड़ी हरी रंग की बुलिश कैंडल जो सपोर्ट पर बनी है और उसके बाद पूरा ट्रेंड ही रिवर्स हो गया। यहाँ से अब मार्केट अप ट्रेंड की तरफ चली गई। हमें हमेशां ये ध्यान रखना होता है की हमारा कैंडलस्टिक पैटर्न कहा बन रहा है।


On Neck Candlestick Pattern की क्या Psychology है?

स्टॉक मार्केट में जब भी कोई पैटर्न बनता है तो उसके पीछे ट्रेडर्स की एक साइकोलॉजी काम कर रही होती है।

इस सायकोलोजी को समझने के लिए हमें ये देखना पड़ेगा की ट्रेडर्स इस मोके पर क्या करना चाहते है। 

जैसा की हमने ऊपर TCS के चार्ट में देखा की गिरते हुए ट्रेंड में अचानक तेजी से बिकवाली आने के बाद हमें एक गैप डाउन होता हुआ दिखाई दे रहा है। उस गैप से पता चलता है की अब ट्रेडर्स ट्रेंड की दिशा में और ज्यादा मजबूती से अपनी पोजीशन बना रहे है।

उसके बाद उस गैप को भरने की कोशिश की गई है, वो गैप फील तो हुआ है पर कंटिन्यू नहीं कर पाया, इससे पता चलता है की Opposite Side के ट्रेडर्स Strong नहीं हुए है और अब ट्रेंड पहले की तरह ही बियरिश ही चलेगा। क्योंकि सेलर्स अभी भी ट्रेंड पर हावी है।

और यहीं पर हमने KOTAKBANK के चार्ट में देखा की On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न बन जाने के बाद एक बड़ी बुलिश कैंडल बनी और मार्केट में एक बड़ा रिवर्सल आ गया।

इससे ये संकेत मिल रहा है की बायर ने गैप को पूरा भर दिया है और ऊपर की तरफ अपनी मजबूत स्थिति दर्ज की है। अब मार्केट बायर के हाथ में चली गई है। और इस ट्रेंड रिवर्सल में साथ दिया सपोर्ट लेवल ने। 


On Neck Candlestick Pattern – in Neck Pattern से कितना अलग है?

On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न और in Neck कैंडलस्टिक पैटर्न दोनों देखने में तो एक जैसे लगते है पर है अलग-अलग। आइये एक उदाहरण से समझते है।

इस फोटो में हम देख पा रहे है की यहाँ In Neck और On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न से थोडा आगे जाकर अपनी पिछली केंडल की क्लोजिंग के आस-पास आकर क्लोज हुई है।

देखने में ये दोनों पैटर्न एक जैसे लगते है और काम भी एक जैसा करते है पर On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न को in Neck कैंडलस्टिक पैटर्न की बजाए ज्यादा मजबूत पैटर्न माना जाता है।


निष्कर्ष

On Neck कैंडलस्टिक पैटर्न हमें आगे चलने वाले ट्रेंड के बारे में जानकारी तो देता है पर ये हमें ये नहीं बता सकता की अब ट्रेंड और कितना आगे जाएगा। एक समझदार ट्रेडर को पैटर्न के व्यवहार के बारे में पता होना चाहिए।

आप केवल एक कैंडलस्टिक पैटर्न के अनुसार ट्रेड नहीं कर सकते आपको कई अन्य टेक्निकल एनालिसिस के तरीकों को साथ में आजमाना चाहिए।

यदि आप शेयर मार्केट ट्रेडिंग के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो बस नीचे दिए गए फॉर्म में कुछ बुनियादी विवरण भरें।

आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी:

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