बाकी चार्टिंग पैटर्न्स
मार्केट में चल रही तेज़ी के बाद आने वाले डाउनट्रेंड को पहचानने के लिए कई कैंडलस्टिक है जिसमे से एक ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न है। लेकिन ये पैटर्न क्यों और कब बनता है और इसमें ट्रेड कब लेनी चाहिए? आइये इन सब सवालो का आसान जवाब पाए Tweezer top candlestick pattern in hindi।
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है?
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न बाज़ार की तेजी में बनने वाला पैटर्न है, दो कैंडलस्टिक (Double Candlestick Pattern in Hindi) से बना ये पैटर्न जिसमें पहली कैंडलस्टिक हरे रंग की बुलिश(तेजी) की और दूसरी कैंडल लाल रंग की बियरिश (मंदी) की बनती है।
जहाँ ये पैटर्न बनता है वह पर जो ट्रेडर तेजी में पहले से ही अपने सोदे लेकर बैठे थे वो बाहर निकलते है, और नये ट्रेडर जो मंदी में सोदा बनाकर मुनाफा कमाना चाहते है वो अपना सोदा बनाते है।
एक ट्रेडर के लिए से समझना बहुत जरूरी है की जो कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern in Hindi) वो देख रहा है वो बना किस कारण से है, ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न के बनने का कारण ये है की जब बाज़ार अपनी तेजी में हो और एक ऐसे लेवल पर पहुच जाए जहाँ से नई खरीददारी आना बिलकुल बंद हो जाए और जो सोदे पहले से ही लिए गए थे उनका मुनाफा निकालना शुरू हो जाए।
इस परिस्थिति को ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न बखूबी दर्शाता है। ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की बनावट में कुछ अंतर होता है, जिसे इस चित्र में दर्शाया गया है।
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न कई अलग-अलग बनावट में तो बन सकता है पर उसका High (हाई) बिलकुल एक जैसा ही होगा। जैसे की इस चित्र में दर्शाया गया है की पैटर्न A, B, C, D
Tweezer Top Candlestick Pattern की पहचान कैसे करें?
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करने के जरूरी पहलू कुछ इस प्रकार है। जिससे ट्रेडर को इस पैटर्न की चार्ट में खोजने में आसानी होगी।
- यह पैटर्न हमेशां अपट्रेंड (तेजी) के बाज़ार में बनता है।
- जब भी यह पैटर्न बनता है तो उसके बाद बाज़ार में ट्रेंड रिवर्स आता है और बाज़ार तेजी से निकलकर मंदी की और आगे बढ़ने लगता है।
- यह पैटर्न कुल दो कैंडलस्टिक से मिलकर बनता है।
- इस पैटर्न में पहली कैंडल बुलिश (तेजी को दर्शाने वाली हरी) कैंडल होती है।
- दूसरी कैंडल बियरिश (मंदी को दर्शाने वाली लाल) कैंडल होती है।
- इन दोनों कैंडल का High बिलकुल एक जैसा होता है।
- दोनों कैंडल में पहली कैंडल का ही बुलिश (हरे रंग की) होना जरूरी होता है, उसके बाद वाली कैंडल लाल या हरी दोनों में से कोई भी हो सकती है, यहाँ रंग मायने नहीं रखता, केवल कैंडल का High मायने रखता है।
इस तरह से ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान की जाती है।
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड कैसे करें?
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में तो समझ लिया की यह बनता कैसे है, इसका मनोविज्ञान क्या है, पर सबसे जरूरी बात ये है की इसे ट्रेड कैसे किया जाता है।
ट्वीज़र टॉप को ट्रेड करने के लिए हम निचे दर्शाए चार्ट की मदद लेंगे।
ऊपर TATA STEEL कंपनी का Daily टाइमफ्रेम का चार्ट है, जिसमें साफ़ तौर पर अपट्रेंड चलता हुआ दिखाई दे रहा है, और अपट्रेंड के बिलकुल शीर्ष पर ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न बना है जिसके बाद बाज़ार सीधा नीचे मंदी में आ गया है।
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड करने के लिए Setup, Entry, Stop Loss और Risk Management जैसी बातों का पता होना जरूरी होता है।
Setup: ट्रेडिंग करते समय एक ट्रेडर के पास साफ़ तौर पर एक रणनीति होनी आवश्यक होती है, जो ट्रेडर को सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद कर सके। इस रणनीति में ट्रेडर कहाँ पर सोदा लेना सही रहेगा, कहाँ पर स्टॉप लोस आर्डर लगाना है, कितनी पूंजी का इस्तेमाल करना है इत्यादि जरूरी बातें एक Setup का हिस्सा होते है।
Entry: एक नए ट्रेड के जहन में जो पहला शब्द आता है वो Entry ही होता है, ट्रेडर के लिए एक ऐसी जगह या भाव जिसके बाद उसका मुनाफा होने के चांस बढ़ जाते है, उसे Entry Point कहते है।
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न मने एंट्री तब लेना सबसे सुरक्षित होता है जब पैटर्न के बन जाने के बाद बाज़ार पैटर्न की पहली और दूसरी दोनों कैंडलस्टिक के नीचे ट्रेड करना शुरू कर दे।
ऐसा करने से घाटा होने के चांस कम हो जाते है, क्योंकि जब बाज़ार पैटर्न से नीचे मंदी में ट्रेड करना शुरू करेगा तब सबके लिए ये मानना आसान होगा की अब बाज़ार मंदी के लिए चल पड़ा है।
Risk Management: ट्रेडिंग में कहा जाता है की जिसने ट्रेडिंग में अपनी “पूंजी बचा ली और घटने नहीं दी” वो एक न एक दिन अच्छा ट्रेडर जरुर बन जाएगा।
अगर अनुभवी ट्रेडर की माने जो सालों से बाज़ार में ट्रेड और इन्वेस्ट कर रहे है वो अपनी पूंजी का बहुत छोटा हिस्सा ही एक ट्रेड में लागते है, ताकि अगर उनका कोई फैसला गलत हो जाए तो उनकी कुल पूंजी पर कोई ख़ास असर ना पड़े और आगे वाले सोदे वो आराम से ले सके और अच्छा ख़ासा मुनाफा बना सके।
ज्यादातर ट्रेडर जो लम्बे समय से बाज़ार में मुनाफा अर्जित कर रहे है वो अपनी पूंजी का एक ट्रेड में 0.5% से लेकर 2% तक ही लगाते है।
Difference Between Tweezer Top and Bottom in Hindi
ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न और ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न (Tweezer Bottom Candlestick Pattern in Hindi) में कुछ ज्यादा अंतर नहीं है, बस ट्वीज़र टॉप तेजी में बनता है और बाज़ार को मंदी की और लेकर जाता है। ट्वीज़र बॉटम मंदी में बनता है और बाज़ार को तेजी की और ले जाता है।
आइये नीचे दर्शाए चित्र में अंतर को देखते है।
आप देख पा रहे है की ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न में Equal High (बराबर के हाई) बने हुए है, और ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न में Equal Low (बराबर के लो) बने हुए है।
निष्कर्ष
टेक्निकल एनालिसिस में कैंडलस्टिक पैटर्न को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है क्योंकि कैंडलस्टिक पैटर्न बाज़ार के भाव को समझने में ट्रेडर की सबसे ज्यादा मदद करते है, या यूं कहो की बाज़ार में भाव के हो रहे उतर-चढ़ाव को अच्छे से समझते है।
एक समय कैंडलस्टिक जापान में चावल के भाव के व्यवहार समझने में इस्तेमाल किया जाता था और आज भी उसी तरह कैंडलस्टिक बाज़ार के व्यवहार को समझने मे ट्रेडर्स की मदद कर रही है।
एक ट्रेडर के लिए टेक्नीकल अनालिसिस (Technical Analysis in Hindi) और उसमे इस्तेमाल होने वाली टूल्स, इंडीकेटर्स और कैंडलस्टिक को समझना बहुत जरूरी है। इससे बाज़ार में आगे मिलने वाले मौकों से मुनाफा कमाना आसान होता है।
हमें उम्मीद है की Tweezer Top Candlestick Pattern in Hindi के इस विषय से आपको जरूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी | इस जानकारी का इस्तेमाल करके आप निवेश की दुनिया में अच्छा मुनाफा कमा सकते है |
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