Three Outside Down Candlestick Pattern in Hindi

बाकी चार्टिंग पैटर्न्स

टेक्निकल इंडिकेटर आपको ट्रेंड, मोमेंटम आदि का संकेत तो देते है लेकिन ये ज़्यादातर देर से सिग्नल देते है जो एक ट्रेडर के कम प्रॉफिट या ज़्यादा नुकसान का कारण बनते है। अब ऐसे में आते है कैंडलस्टिक पैटर्न जो आने वाले ट्रेंड और रेवेर्सल की जानकारी देते है जैसे की एक पैटर्न है थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न (three outside down candlestick pattern in hindi) जो आपको मार्केट में आने वाले डाउनट्रेंड का संकेत देता है।

अब ये पैटर्न की पहचान कैसे की जाती है और इससे ट्रेड पोजीशन कब और कैसे लेनी चाहिए उसके लिए आगे ये कैंडलस्टिक पैटर्न इन हिंदी विस्तार में समझाया गया है

What is Three Outside Down Candlestick Pattern in Hindi?

थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न बेयरिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न (bearish engulfing candlestick pattern in hindi) से मिलकर बनता है। यानी की एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न की कन्फर्मेशन कैंडलस्टिक के साथ लाने पर इस पैटर्न को थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है।

यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है की यहाँ तीसरी कैंडल को कन्फर्मेशन कैंडल कहा जाता है।

तेजी की मार्केट में इस पैटर्न के बनने के बहुत आसार होते है, जब मार्केट अपने टॉप पर पहुँच जाती है और ट्रेडर्स को लगने लागता है की मार्केट अब बहुत ऊपर आ गई है तो वो अपने सोदे निकालने शुरू कर देते है, और कुछ सेलर्स आने वाले डाउनट्रेंड में सोदे बनाने शुरू कर देते है, और उसी समय थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण होता है।

जैसे की आप नीचे दिए गए इमेज में देख सकते है कि तीन कैंडलस्टिक से बना ये पैटर्न जिसमें पहली दो कैंडलस्टिक (A और B) कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण कर रही होती है, उसके बाद ट्रेडर्स तीसरी कैंडल (C) का कन्फर्मेशन के लिए इन्तजार करते है। जैसे ही एनगोल्फिंग पैटर्नके बाद बेयरिश कैंडल बनती है तो डाउनट्रेंड कन्फर्म होता है और ट्रेडर्स शार्ट पोजीशन लेना शुरू करते है।

इसी कन्फर्मेशन कैंडल के बन जाने के बाद इस पैटर्न को थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है।

इसको थोड़ा और गहराई से जाने तो कैंडल A छोटी हरे रंग की बुलिश कैंडल है जो मार्केट में बायर्स के कम दबाव को दर्शा रही है, यानी बायर्स ज्यादा ताकतवर नहीं है, अगर होते तो इस कैंडल का साइज़ काफी बड़ा होता। और उसके बाद जो कैंडल B बन रही है वो पहले से ही मार्केट में जो बायर्स का कम दबाव है उसको और कमजोर करते हुए बेचने वाले सेलर्स की ताकत दर्शा रही है।

जब कैंडल C बन रही है वो मार्केट में आ चुके बियरिश सेंटिमेंट को और ज्यादा पक्का यानी की कन्फर्मेशन दे रही है की जो सेंटिमेंट मार्केट में बना है वो अब सही बना है। इसके बाद तेजी की तरफ ट्रेडर्स का रुझान बढ़ने के आसार रहते है।


How to Use Three Outside Down Candlestick Pattern in Hindi?

थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान इसके बनने के तरीके से होती है।

यहाँ हम जानने की कोशिश करेंगे की थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न बनता कब है।

  1. ये पैटर्न हमेशां अपट्रेंड में बनता है।
  2. जब भी ये पैटर्न बनता है तो उसके बाद मार्केट में ट्रेंड रिवर्स आता है और मार्केट तेजी (अपट्रेंड) से निकलकर मंदी (डाउनट्रेंड) में चली जाती है।
  3. ये पैटर्न कुल तीन कैंडलस्टिक से मिलकर बनता है।

थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न बनता कैसे है, इसका मनोविज्ञान और ट्रेडर्स की सोच इसके साथ कैसे चलती है ये तो समझ लिया अब हम इस पैटर्न को ट्रेड कैसे करते है ये समझेंगे।

जैसा की हम ऊपर दर्शाए गए चित्र में देख पा रहे है, अपट्रेंड बनने के बाद मार्केट में छोटी हरी बुलिश कैंडल बनी जिससे ये कन्फर्म हो गया की मार्केट में अब खरीददारों(बायर्स) का दबाव कम हो रहा है और उसके बाद जो बड़ी बियरिश लाल कैंडल बनी।

इस कैंडल के बनने से ट्रेडर को कन्फर्मेशन मिला कि मार्केट में बायर्स कमजोर हो चुके है और मार्केट अब सेलर्स (बेचकर कमाने वालों) के हाथ में जा चुकी है। और इस सेंटिमेंट को पूरी तरह से तीसरी बियरिश कैंडल ने कन्फर्म कर दिया की अब मार्केट मंदी की तरफ ही जाएगी।

Entry (सोदा) कहाँ लें: आप देख सकते है की तीनों कैंडल से मिलकर बने इस थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न की अंतिम कैंडल के नीचे जब मार्केट ट्रेड करने लगे तब मंदी का सोदा बना सकते है।

स्टॉपलोस ऑर्डर कहाँ लगाएं: स्टॉपलोस ऑर्डर (stop loss meaning in hindi) हम इस थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न के बिलकुल ऊपर लगाएंगे। इससे वोलाटिलिटी बढ़ जाने पर स्टॉप लोस लगने के चांस कम रहते है।

Three Outside Up and Down Candlestick Pattern in Hindi 

थ्री आउटसाइड डाउन और थ्री आउटसाइड अप कैंडलस्टिक पैटर्न (three outside up candlestick pattern in hindi) एक दूसरे के विपरीत काम करते है, जहाँ थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न अपट्रेंड में बनता है, और मार्केट को रिवर्स करके डाउनट्रेंड में लेकर जाता है।

वहीं थ्री आउटसाइड अप कैंडलस्टिक पैटर्न डाउनट्रेंड में बनता है और मार्केट को अपट्रेंड में लेकर जाता है।

 

दोनों पैटर्न तीन कैंडलस्टिक से मिलकर बनते है, थ्री आउटसाइड डाउन कैंडलस्टिक पैटर्न में बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न बनता है और ठीक इसके विपरीत थ्री आउटसाइड अप में बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न (bullish engulfing pattern in hindi)

अब दोनों पैटर्न में तीसरी कैंडल कन्फर्मेशन कैंडल होती है, three outside down में बेयरिश कैंडल और three outside up में बुलिश कैंडल ट्रेंड कन्फर्मेशन देती है, जिसका इस्तेमाल कर ट्रेडर्स लॉन्ग या शार्ट पोजीशन लेते है।


निष्कर्ष

कैंडलस्टिक पैटर्न को टेक्निकल एनालिसिस में सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है और वो इसलिए क्योंकि कैंडलस्टिक पैटर्न भाव के व्यवहार को प्रदर्शित करते है, अगर एक ट्रेडर को कैंडलस्टिक पैटर्न की अच्छे से समझ हो तो वो भाव में आ रहे उतार चढ़ाव को आसानी से समझ सकता है और भाव में भविष्य में होने वाले बदलाव की भविष्यवाणी कर सकता है।

टेक्निकल एनालिसिस में कैंडलस्टिक पैटर्न को जीतना ज्यादा महत्व दिया जाता है उसके साथ-साथ ये हिदायत भी दी जाती है की कैंडलस्टिक पैटर्न को कभी भी अकेले ट्रेड नहीं करना चाहिए।

एक ट्रेडर को टेक्निकल एनालिसिस की पूरी समझ होनी चाहिए. 

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