डबल कैंडलस्टिक पैटर्न यानी की दो कैंडलस्टिक से मिलकर बनने वाला पैटर्न। बाज़ार में आने वाले उतार चढ़ाव को कैंडलस्टिक की मदद से समझने में मदद मिलती है। ये पैटर्न बायर्स यानी की खरीददारों और सेलर्स यानी की बिकवालों की स्थिति को प्रदर्शित करते है। आइये जानते है मार्केट में लाभदायक double candlestick pattern in hindi के बारे में
कैंडलस्टिक पैटर्न अलग अलग तरह के होते है, सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न के बाद डबल कैंडलस्टिक पैटर्न आते है जो शेयर मार्केट को रिवर्स करने, कंटिन्यू करने के सिगनल देते है।
कैंडलस्टिक पैटर्न ट्रेडर्स के मनोविज्ञान को भी दर्शाते है जो की बाज़ार में हुई हालिया गतिविधि के कारण बने होते है।
डबल कैंडलस्टिक पैटर्न बनता कैसे है?
डबल कैंडलस्टिक पैटर्न, जैसे की आपको पता है की दो कैंडलस्टिक पैटर्न से बनता है इसमें दो कैंडलस्टिक कुछ इस तरह से होती है की पहली कैंडलस्टिक ज्यादातर समय बाज़ार के ठहरने और दूसरी आगे बढ़ने का संकेत दे रही होती है।
जैसे की मान लो अपट्रेंड चल रहा है और पहली कैंडल जो की एक हरी कैंडल हो सकती है वो शूटिंग स्टार जैसा एक पैटर्न बनाती है और उस पैटर्न के बाद एक और कैंडलस्टिक बनती है जो उस पैटर्न को कन्फर्म करती है या ये बताती है की अब बाज़ार रिवर्स होगा।
ये दोनों कैंडलस्टिक सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न से ज्यादा बेहतर तरीके से काम करते है, इनमें ट्रेडर के सही रहने की ज्यादा संभावना होती है।
इसमें भी कुछ पैटर्न बुलिश मार्केट तो कुछ बेयरिश मार्केट का संकेत देते है। आइये इन पैटर्न को विस्तार में जाने।
Bullish Candlestick Pattern in Hindi
नाम से ही पता चल रहा है कि वह double candlestick pattern जो मार्केट में आने वाली तेज़ी की जानकारी देते है।
इसमें दो कैंडल support के पास बनती है जो जिसके ब्रेकआउट पर मार्केट अपट्रेंड मूव करती है।
Bullish Engulfing Pattern in Hindi
बाज़ार में जब शेयर का भाव लगातार नीचे गिर रहा होता है यानी की शेयर मंदी (डाउनट्रेंड) में चल रहा होता है और एक ऐसा लेवल आता है जब वो अपने किसी सपोर्ट लेवल पर पहुँच जाता है और वहां पर खरीददारी का दबाव बढ़ने लगता है।
तब नीचे गिर रही मार्केट में एक लाल कैंडल यानी की बियरिश कैंडल बनती है और उसको कवर करती हुई एक बुलिश (तेजी) वाली कैंडल बनती है, यानी की वो पहली लाल कैंडल को इन्गल्फ़ कर रही है। इसे बुलिश एंगुलफ़ींग पैटर्न (Bullish Engulfing Pattern in Hindi) कहते हैं |
भाव में हुई इस हरकत से ये बात समझ आती है की अब खरीददार बिकवालों पर हावी हो गए है और अब बाज़ार पर उनका नियंत्रण हो चुका है, आगे भी उनका ही नियंत्रण रह सकता है।
इसके बाद बाज़ार तेजी की और मुड जाता है, यही कारण है की इसे ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न कहते है।
Tweezer Bottom Pattern in Hindi
जब शेयर का भाव डाउनट्रेंड (मंदी) में चल रहा हो और वो अपने सपोर्ट लेवल पर पहुच जाए और शेयर में बिकवालों के ऊपर खरीददार हावी होने लगे और शेयर को उनके नियंत्रण से अपने नियंत्रण में ले ले तब ट्वीज़र बॉटम (Tweezer Bottom Candlestick Pattern in Hindi) का निर्माण होता है।
ये पैटर्न ट्वीज़र टॉप पैटर्न का उलट होता है और इसमें गिरते हुए शेयर में एक बियरिश (लाल) कैंडल बनती है और उसके तुरंत बाद एक हरी (बुलिश) कैंडल बनती है, इसमें ख़ास बात ये होती है की दोनों कैंडल का लो लगभग एक सामान होता है।
इससे ये संकेत मिलता है की खरीददार खरीददारी के कुछ ज्यादा ही इच्छुक है।
जब भी ट्वीज़र टॉप पैटर्न जो की एक ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न है, ये बनता है तब शेयर के भाव में तेजी आनी शुरू हो जाती है।
Piercing Line Pattern in Hindi
पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न (Piercing Line Candlestick Pattern in Hindi) जो शेयर में आई मंदी के बिलकुल अंत में बनता है, ये पैटर्न भी मंदी के खत्म होने का संकेत देता है और बाज़ार के तेजी की और आगे बढ़ने की शुरुआत करता है।
जब डाउनट्रेंड चल रहा होता है और तब वो अपनी किसी ऐसे सपोर्ट लेवल पर पहुच जाता है जहाँ पर खरीददार बिकवालों पर हावी हो जाते है और बिकवालों के बेचने की छमता हो खत्म कर देते है और वहां पर बहुत दबाव के साथ खरीददारी आती है।
इस स्थिति में होता ये है की एक रेड (बियरिश) कैंडल बनती है और उसके बाद एक गैप डाउन होता है जो बिकवालों की मजबूती को दिखाता है पर उसके तुरंत बाद एक हरी (बुलिश) कैंडल बनती है जो अपनी पिछली लाल कैंडल को 50% से ज्यादा कवर कर लेती है।
ये एक संकेत होता है की अब बिकवाल उतने ताकतवर नहीं रहे और भाव उनके नियंत्रण से निकलकर खरीददारों के नियंत्रण में जा रहा है।
यहीं से डाउनट्रेंड के खत्म और अपट्रेंड के शुरू होता है।
Bullish Harami Pattern in Hindi
शेयर जब डाउनट्रेंड में होता है और वो बिकवालों के नियंत्रण में होता है, बाज़ार नीचे गिर रहा होता है और अचानक एक बड़ी लाल (बियरिश) कैंडल बनती है जो बिकवालों की बढ़ते नियंत्रण को दर्शाती है।
ऐसा होने के साथ साथ वो अपने सपोर्ट लेवल पर पहुँच जाती है और वहां पर खरीददारों का नियंत्रण बढ़ता है और अचानक एक गैप अप आता है और वहां एक छोटी पर बुलिश (तेजी) की हरी कैंडल बन जाती है जो तेजी में ही क्लोजिंग देती है।
ये कैंडल अपनी पिछली लाल कैंडल को लगभग 50% कवर कर लेती है।
इससे पता चलता है की शेयर का भाव अब बिकवालों के नियंत्रण से बाहर निकलकर खरीददारों के नियंत्रण में आ रहा है।
यहाँ से अपट्रेंड की शुरुआत होती है और बाज़ार तेजी में चला जाता है।
Bearish Candlestick Pattern in Hindi
अब अपट्रेंड की जानकारी तो मिल गयी, लेकिन अगर मार्केट में एक तेज़ी के बाद मंदी आने वाली हो तो?
ऐसे में कुछ और double candlestick pattern बनते है जो आने वाली मंदी का संकेत देते है। ये पैटर्न भी दो कैंडलस्टिक से मिलकर बनते है और ज़्यादातर resistance के आस पास होते है जिससे रेवेर्सल की जानकारी मिलती है।
Bearish Engulfing Pattern in Hindi
बियरिश इन्गल्फिंग पैटर्न बिलकुल बुलिश इन्गल्फिंग का उलट होता है, ये पैटर्न जब भी बनेगा उसके बाद बाज़ार मंदी में जाएगा।
होता ये है की बाज़ार अपट्रेंड यानी की तेजी में चल रहा होता है, शेयर का भाव बढ़ रहा होता है पर एक ऐसा लेवल आता है जहाँ पर कोई रेजिस्टेंस होता है और वहां पर भाव के पहुँचने पर खरीददारों पर बिकवालों का दबाव बढ़ने लगता है और ये दबाव बियरिश इन्गल्फिंग पैटर्न की शक्ल ले लेता है।
इसमें एक हरी (तेजी) की कैंडल होती है जिसको सेलर लाल (मंदी) की कैंडल से कवर यानी की इन्गल्फ़ कर रहे होते है।
जब भी ये पैटर्न बनता है, सीधे तौर पर बाज़ार में खरीददारों पर बिकवालों का नियंत्रण बनता हुआ दिखाई दे रहा होता है।
और इसके बाद बाज़ार तेजी से मंदी का रुख कर लेता है।
Dark Cloud Cover Pattern in Hindi
बिलकुल पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न का उलट डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न (Dark Cloud Cover Pattern in Hindi) शेयर के भाव को तेजी से मंदी की और मोड़ने का काम करता है।
जब शेयर तेजी में चल रहा होता है तब वो अपने रेजिस्टेंस पर पहुंचता है और वहां पर तेजी को आगे बढ़ाने वाले खरीददारों (बुल्स) का भाव पर जो नियंत्रण होता है वो अचानक कम होने लगता है और बिकवाल (बियर्स) खरीददारों के नियंत्रण से बाज़ार को अपने हाथों में ले लेते है।
आइये इसे समझते है, अपट्रेंड में एक हरी (तेजी) की कैंडल बनती है जो खरीददारों की निशानी है उसके बाद एक गैप अप होता है और उसके तुरंत बाद एक कैंडल बनती है जो पिछली लाल कैंडल को 50% या उससे ज्यादा कवर कर लेती है।
ये कैंडल लाल (मंदी) की होती है। ये कवर कर लेना ही बिकवालों का खरीददारों पर नियंत्रण दर्शाता है।
इसके बाद तो भाव पर नियंत्रण बिकवालों का हो ही गया है तो बाज़ार भी नीचे मंदी की तरफ मुड जाएगा और शेयर डाउनट्रेंड में बदल जाएगा।
Bearish Harami Pattern in Hindi
बायर्स यानी की खरीददारों पर बिकवालों के हावी होने पर बियरिश हरामी पैटर्न बनता है जो आगे चलकर अपट्रेंड को डाउनट्रेंड में बदल देता है।
ये पैटर्न बुलिश हरामी का उल्टा होता है, इसमें शेयर का भाव अपट्रेंड में बढ़ रहा होता है और वो अपने किसी रेजिस्टेंस लेवल या ऐसे भाव पर पहुँच जाता है जहाँ पर बिकवालों का यानी की सेलर्स का बहुत ज्यादा प्रेसर होता है।
ऐसे स्थिति शेयर के भाव को मंदी (डाउनट्रेंड) में बदल देती है। और खरीददारों के हाथ से शेयर के भाव पर से नियंत्रण अपने हाथों में ले लेते है।
इसमें होता ये है की एक बड़ी हरी (तेजी) की कैंडल बनती है, उसके तुरन्त बाद एक गैप डाउन होता है जो बिकवालों के नियंत्रण को कम होता दर्शाता है।
उसके बाद एक लाल (मंदी) की कैंडल बनती है जो की अपनी पिछली हरी कैंडल को लगभग 50% तक कवर कर लेती है।
ये एक सिगनल है की अब शेयर के भाव पर बिकवालों का नियंत्रण स्थापित हो रहा है और उसके बाद शेयर में डाउनट्रेंड शुरू हो जाता है।
Tweezer Top Pattern in Hindi
ट्वीज़र टॉप पैटर्न जो की एक ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न है। ये तब बनता है जब शेयर का भाव अपने अपट्रेंड के शीर्ष पर पहुँच जाता है।
जब किसी शेयर का भाव तेजी में चलता हुआ अपने रेजिस्टेंस पर पहुँच जाता है तो वो एक जगह जाकर रूक जाता है और वहीं से सीधा नीचे की और आना शुरू हो जाता है।
इस पैटर्न में आमतौर पर ये देखा जाता है की अपने रेजिस्टेंस पर जाकर पहली बुलिश कैंडल क्लोज होती है पर उसके बाद वाली कैंडल उसके हाई के ऊपर जाने की बजाए उसके हाई से सीधा नीचे की और आती हुई बियरिश कैंडल का निर्माण करती है और दोनों कैंडलस्टिक का हाई बराबर होता है।
ट्वीज़र टॉप (Tweezer Top Candlestick Pattern in Hindi) बाज़ार में आने वाली मंदी को दर्शाता है। इसके बनने के बाद बाज़ार का भाव नीचे गिरने लगता है। इस इस पैटर्न में कैंडलस्टिक की बनावट में थोड़ी बहुत अलग अलग हो सकती है पर High हर बार एक जैसा ही रहेगा।
कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड कैसे करें?
कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड करने के लिए ज्यादातर किसी कॉन्फ्लुएंस पॉइंट की जरूरत होती है मतलब की एक ऐसा पॉइंट जहाँ पर कई सारे पैटर्न या इंडिकेटर एक ही तरफ ट्रेड लेने का इशारा कर रहे होते है। जब ऐसा होता है तो मुनाफा बनने के मौके बढ़ जाते है।
अब कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Patterns in Hindi) कई बार गलत संकेत भी देते है और इसलिए इन पैटर्न के बनने के बाद सही समय पर ट्रेड पोजीशन लेनी चाहिए।
अब ये सही समय होता है इन कैंडलस्टिक पैटर्न का ब्रेकआउट।
बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न के बाद बनने वाली कैंडल अगर हाई के ऊपर क्लोज होती है तो ये मार्केट के अपट्रेंड को कन्फर्म करती है और ट्रेडर लॉन्ग पोजीशन लेकर मुनाफा कमा सकता है।
इसी तरह bearish candlestick पैटर्न के बाद बनने वाली कैंडल अगर उसके low प्राइस को ब्रेक करती है तो ये डाउनट्रेंड को कन्फर्म कर एक सही ट्रेड पोजीशन लेने में मदद करती है।
इसके अलावा Relative Strength index इंडिकेटर (RSI indicator in hindi) की सहायता से ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग गुणवता को सुधार सकता है। RSI को इन पैटर्न के साथ ट्रेड करने का सबसे आसान तरीका ये है की आप RSI के ओवरबॉट और ओवरसोल्ड लेवल की मदद ले मार्केट के मोमेंटम की जानकारी ले सकते है।
निष्कर्ष
सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न के बाद डबल कैंडलस्टिक पैटर्न (Double Candlestick Pattern in Hindi) ट्रेडर के लिए मुनाफा कमाने का बहुत अच्छा जरिया है।
कैंडलस्टिक पैटर्न जो की टेक्नीकल एनालिसिस और प्राइस एक्शन का एक मुख्य भाग है और ये मार्केट में एक कन्फर्म पोजीशन लेने में मदद करता है।
इसको पूरी तरह से समझने के लिए आप शेयर मार्केट कोर्स ले सकते है या मार्केट में practice कर अपने ट्रेड को प्रॉफिटेबल बना सकते है।