RSI Indicator in Hindi

टेक्निकल इंडिकेटर के अन्य लेख

शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इंट्राडे ट्रेडिंग इंडीकेटर्स (best indicator for intraday trading in hindi) का इस्तेमाल किया जाता है जिससे एक ट्रेडर स्टॉक के ट्रेंड, वॉल्यूम, वोलैटिलिटी और मोमेंटम की जानकारी आसानी से प्राप्त करता है। ऐसा ही एक इंडिकेटर है RSI (Relative Strength Index)। आज इस लेख में हम RSI Indicator in Hindi को विस्तार में समझेंगे।

RSI Indicator जे.वेल्स विल्डर ने बनाया था जिससे एक ट्रेडर स्टॉक और मार्केट की मोमेंटम की जानकारी प्राप्त कर सकता है, सरल भाषा में ये इंडिकेटर आपको बताता है कि कितनी तेज़ी से किसी भी स्टॉक के प्राइस में बदलाव आ रहा है

तो आइये इस इंडिकेटर की बारीकियों को समझने के लिए इसके मीनिंग, फार्मूला और किस तरह से चार्ट में  इसका इस्तेमाल किया जाता है के बारे में जाने

RSI Indicator Explained in Hindi

स्टॉक मार्केट में ट्रेड करते समय निरंतर शेयर का प्राइस बढ़ता घटता रहता है, अब इसके चलते एक ट्रेडर के लिए ये जानना काफी मुश्किल हो जाता है की वह किस तरह की पोजीशन से ज़्यादा फायदा कमा सकता है। इसी मुश्किल को आसान करने के लिए RSI indicator जैसे शेयर मार्किट इंडिकेटर (share market indicator in hindi) का इस्तेमाल किया जाता है।

RSI indicator एक ओसीलेटर की तरह काम करता है जो 0-100 वैल्यू के बीच में ओसीलेट करता रहता है। अब जैसे की आप जानते है कि शेयर मार्केट में जब किसी भी शेयर की डिमांड बढ़ती है यानी कि ज़्यादा बायर आते है तो प्राइस बढ़ता है और सेलर के आने से प्राइस घटना प्राइस घटना शुरू होता है।

लेकिन हर एक फेज का अंत ज़रूर आता है। जब लगातार बायर की संख्या अधिक हो जाती है तो शेयर का प्राइस काफी बढ़ जाता है और ऐसे में ट्रेडर अपना प्रॉफिट बुक कर मार्केट से निकलने लगते है। इससे शेयर में गिरावट होना शुरू होती है।

अब कब शेयर कर प्राइस मैक्सिमम है और कब वह सस्ते दामों में मिलेगा इन सबका संकेत देने के लिए आरएसआई इंडिकेटर (RSI indicator in hindi) आपकी मदद करता है। 


RSI Indicator Formula in Hindi

अभी तक हमने RSI के मीनिंग और वैल्यू की बारे में जानकारी दी है, अब ये जानते है की इस वैल्यू की गणना किस तरह से की जाती है

विल्डर ने इस इंडिकेटर को बनाते समय एक सिंपल से फार्मूला का इस्तेमाल किया था

RSI = 100 – [100 / 1+RS ]

यहाँ पर RS= Average Gain/Average Loss

ये पूरी गणना 14 पीरियड RSI के अनुसार की गयी है

यहाँ पर पहले एवरेज को निकलने के लिए निम्नलिखित फार्मूला का इस्तेमाल किया जाता है:

  • First Average Gain = पिछले 14 पीरियड में कमाए हुए प्रॉफिट को जोड़े / 14.
  • First Average Loss = पिछले 14 पीरियड में हुए लॉस की वैल्यू को जोड़े / 14

अब ऊपर निकली हुई वैल्यू को निम्नलिखित फार्मूला में उपयोग कर एवरेज गेन और लॉस की वैल्यू गणना की जाती है, जिसके बाद इसे RSI फार्मूला में इस्तेमाल कर रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स की वैल्यू निकाली जाती है:

  • Average Gain = [(previous Average Gain) x 13 + current Gain] / 14.
  • Average Loss = [(previous Average Loss) x 13 + current Loss] / 14.

इस वैल्यू के आधार पर हर एक मिनट, घंटे या दिनों के हिसाब से RSI की वैल्यू की गणना कर सकते है। ये शुरूआती ट्रेडर को थोड़ा मुश्किल लग रहा होगा लेकिन अगर आप स्टॉक ट्रेडिंग चार्ट का इस्तेमाल करेंगे तो आपको इस गणना की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

इस लेख में आगे जानेंगे की RSI का इस्तेमाल आप चार्ट में किस प्रकार कर सकते है और किस तरह से ये आपको ट्रेडिंग करने के लिए एक सहायक टूल है


RSI Trading Strategy in Hindi 

स्टॉक मार्केट चार्ट में और लगभग हर तरह की ट्रेडिंग एप में RSI indicator को इस्तेमाल करने का ऑप्शन प्रदान किया जाता है। इसकी डिफ़ॉल्ट सेटिंग 14 पीरियड की होती है हालांकि आप अपने अनुसार इसे बदल भी सकते है। जैसे की अगर आपको ज़्यादा बारीकी से स्टॉक का विश्लेषण करना है तो उसके लिए आप RSI 8 को चुन सकते है।

RSI indicator कैसे पढ़े

टेक्निकल एनालिसिस के लिए आप RSI का इस्तेमाल आप अलग-अलग तरह से कर सकते है। जैसे की आप ट्रेंड किस दिशा में बढ़ रहा है और किस दिशा में आगे जा सकता है इसके बारे में RSI आपको जानकारी देता है। अब इससे एक ट्रेडर आसानी से एक सही पोजीशन लेकर प्रॉफिट कमा सकता है।

अगर किसी RSI की वैल्यू 70 या उससे अधिक है तो माना जाता है की मार्केट में बायर की संख्या सेलर से ज़्यादा है (overbought condition) जो आने वाले डाउनट्रेंड का संकेत देता है और दूसरी तरफ अगर स्टॉक का प्राइस 30 या उससे कम है तो स्टॉक ओवरसोल्ड है, यानी सेलर मार्केट में ज़्यादा होने का प्रतीत होता है, इससे स्टॉक की कीमत बढ़ने के आसार होते है।

क्योंकि ये इंडिकेटर आने वाले ट्रेंड की जानकारी पहले से ही प्रदान करता है इसलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी कहा जाता है

साथ ही आप इस इंडिकेटर से ट्रेंड की जानकारी ले सकते है। जानना चाहते है कैसे? RSI इंडिकेटर की रेंज ज़्यादातर ट्रेडर 70-30 की रखते है अब जब भी आपने इस इंडिकेटर को इस्तेमाल किया होगा तो इस इंडिकेटर में 50 RSI पर एक लाइन और होती है अब इस लाइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, उसके लिए आइये पहले नीचे दिए गए चार्ट को देखते है।

ऊपर दिए गए चार्ट में जब RSI की वैल्यू ऊपर से नीचे की ओर आती हुए RSI 50 को क्रॉस करती है अब यहाँ पर जब RSI वैल्यू 70 से ज़्यादा है तो आने वाले डाउनट्रेंड का संकेत मिलता है वही जैसे ही RSI 50 को क्रॉस करता है तो ट्रेंड कन्फर्मेशन का सिग्नल मिलता है

इसी तरह से जब RSI की वैल्यू 30 से नीचे होती है तो अपट्रेंड का संकेत मिलता है और जैसे ही RSI 30 से बढ़ते हुए 50 को ऊपर की और क्रॉस करता है तो अपट्रेंड का सिग्नल मिलता जो बायर के लिए एक अवसर लेकर आता है

इसी तरह से नीचे चार्ट में स्टॉक वैल्यू स्ट्रेटेजी के अनुसार बदली जा सकती है। 


RSI Divergence in Hindi

इसके साथ RSI इंडिकेटर आपको ट्रेंड कब रिवर्स होने वाला है उसकी भी जानकारी देता है, जानना चाहते है कि कैसे?

अब अगर आपने स्टॉक मार्केट चार्ट में RSI इंडिकेटर को देखा होगा तो आपको ज्ञात होगा की ये इंडिकेटर प्राइस की तरह ही मूव करता है। लेकिन कभी-कभी ये प्राइस के विपरीत चलता है और यही से वह ट्रेंड रिवर्स होने का संकेत देता है।

इसको समझने के लिए नीचे दिए गए चार्ट की जानकारी को पढ़े। जब प्राइस हायर लौ (यानी की अपट्रेंड में हो) लेकिन उसे समय RSI लोवर लो बना रहा हो तो ये आने वाले ट्रेंड रेवेरसल का संकेत देता है और टेक्निकल भाषा में इसे RSI divergence कहा है।

इसी तरह से अगर RSI हायर लॉ और प्राइस लोवर लॉ बना रहा हो तो वह चल रहे डाउनट्रेंड के ख़त्म होने का संकेत देता है

इसे कन्फर्म करने के लिए आप दूसरे इंडिकेटर का इस्तेमाल RSI के साथ कर सकते है जैसे की बोलिंजर बैंड्स (bollinger bands in hindi) जिससे आपको वोलैटिलिटी की जानकारी मिलती है और आप बेहतर और सही संकेत के साथ मार्केट में ट्रेड सकते है।

तो RSI indicator आपको सिर्फ ट्रेंड या मोमेंटम की जानकारी नहीं देता ये आपको आने वाले रेवेर्सल से भी अवगत करवाता है और एक ट्रेडर को सही पोजीशन लेने में सहयोग करता है। ये डाईवेर्जेंस स्ट्रेटेजी इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading in hindi) के लिए बहुत लाभदायक होती है क्योंकि इससे ट्रेडर को ज़्यादा मुनाफा कमाने का अवसर मिलता है।


निष्कर्ष 

RSI Indicator in hindi में आपने जाना की किस तरह से इस  आप स्टॉक में सही पोजीशन लेने, उसके रेवेर्सल और ट्रेंड की जानकारी प्राप्त कर उसके सही तरीके से ट्रेड कर मुनाफा कमा सकते है। एक तरह का प्रमुख और आसान इंडिकेटर जो आपको मार्केट के मोमेंटम की जानकारी देता है, इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको इसकी बारीकियों से अवगत करवाया है।

एक सही जानकारी प्राप्त करने के लिए और सही ट्रेड करने के लिए आप इस इंडिकेटर को अन्य इंडिकेटर के साथ इस्तेमाल कर सकते है, जिससे आप अपने नुक्सान होने के मौके कम कर सके


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