जब आप स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको ब्रोकर को कुछ कमीशन या ब्रोकरेज देना पड़ता है। परंपरागत रूप से, ब्रोकर ट्रेडर्स और निवेशकों से प्रतिशत आधारित ब्रोकरेज लेते हैं। यह मूल रूप से एक विशिष्ट ब्रोकरेज प्रतिशत आपके कुल ट्रेडिंग मूल्य के ऊपर लगाया जाता है और वह इसे आपके कुल ट्रेडिंग मूल्य (पोर्टफोलियो) में से काट लेता है ।
यहाँ एक उदाहरण लेते हैं:
मान लीजिए, पिछले महीने आपने टीसीएस के 1000 शेयर खरीदे थे, प्रत्येक का मूल्य ₹500 था और फिर चार दिनों बाद उन सभी शेयरों को ₹550 की कीमत पर बेच दिया। इस मामले में, आपका कुल व्यापार मूल्य होगा:
= ₹(1000 x 500) + (1000 x 550)
= ₹(5,00,000 + 5,50,000)
= ₹1,0,50,000
चूंकि यह डिलीवरी ट्रेड है, मान लें कि ब्रोकर 0.4% प्रतिशत के रूप में ब्रोकरेज शुल्क लेता है। अब, संपूर्ण ब्रोकरेज शुल्कों की गणना करने के लिए, आपके कुल व्यापार मूल्य से ब्रोकरेज शुल्क का गुणा करना होगा, अर्थात ₹1050000 x 0.4% = ₹4200
इस प्रकार, खरीद और बिक्री के इस विशेष निष्पादन के लिए आपको अपने स्टॉक ब्रोकर को ब्रोकरेज शुल्क के रूप में ₹4200 का भुगतान करना होगा।
इसी प्रकार, यदि आपका ट्रेड मूल्य अपेक्षाकृत कम है, उदाहरण के लिए, आप एपटेक के 10 शेयरों को प्रत्येक ₹10 की कीमत पर खरीदते हैं और फिर उन्हें ₹12 में बेच देते हैं। इस मामले में, आपका कुल व्यापार मूल्य इस प्रकार होगा:
= ₹(10 x 10) + (10 x 12)
= ₹(100 + 120)
= ₹220
यदि आप ₹220 को 0.4% से गुणा करते हैं , तो आपका कुल ब्रोकरेज शुल्क ₹0.88 हो हो जाएगा। हालांकि, फुल सर्विस शेयर ब्रोकर आमतौर पर अपने ग्राहकों से ट्रेडों पर कुछ कम से कम ब्रोकरेज लेते हैं। आम तौर पर, यह ₹20 – 30 के आसपास होता है। इसका मतलब यह है कि आप की ट्रेडिंग वैल्यू कम होने के बावजूद आपसे न्यूनतम ब्रोकरेज शुल्क ₹ 20 से ₹ 30 लिया जाएगा और यह उस से कम नहीं होगा ।
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इसके अलावा, आपको यह अवश्य पता होना चाहिए कि जब आप पूर्ण सेवा शेयरधारकों के अधिकारियों के साथ शुल्क पर चर्चा करते हैं, तो वे आम तौर पर ब्रोकरेज शब्दावली जैसे कि 10 पैसे, 50 पैसा आदि का उपयोग करते हैं । अब, इसका यह अर्थ नहीं है कि आपसे ट्रेडिंग के समय ब्रोकरेज 50 पैसे या 10 पैसे लिया जाएगा। यह उनके बताने का तरीका है और यह वास्तव में क्रमशः 0.50% और 0.10% हो सकता है।
इसके अलावा, पूर्ण सेवा शेयर ब्रोकर के अधिकारियों के साथ ब्रोकरेज शुल्क के बारे में बातचीत जरूर करें। जाहिर है, वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन ब्रोकरेज प्रतिशत में हमेशा मोल भाव होता है । खासकर अगर आप उच्च प्रारंभिक पूंजी के साथ शुरू कर रहे हैं या आप शेयर बाजार में भारी वॉल्यूम के साथ ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको मोलभाव करने में फायदा होगा ।
आइए डिस्काउंट ब्रोकिंग अवधारणा में आते हैं, जहां ‘फ्लैट’ दर ब्रोकरेज के रूप में लगाया जाता है। ‘फ्लैट’ दर का ट्रेडिंग मूल्य के साथ कुछ लेना देना नहीं होता है । उदाहरण के लिए, कुछ स्टॉक ब्रोकर है जैसे कि 5पैसा, जो हर निष्पादित ऑर्डर पर ₹ 10 ब्रोकरेज के रूप में लेते हैं । इस प्रकार, चाहे आपके व्यापार का मूल्य यदि ₹ 1000 या ₹ 100,000 या ₹ 10,00,000 – है तो भी आपकी ब्रोकरेज उस विशेष डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर के साथ हर निष्पादित आदेश पर ₹10 ही रहेगी ।
इसके अलावा,यहां और भी अच्छे डिस्काउंट ब्रोकर हैं जो आपसे ₹10 से लेकर ₹20 तक ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं
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कुछ डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ‘फ्लैट मासिक व वार्षिक योजनाएं भी देते हैं। ऐसी योजनाओं के तहत, आपको मासिक आधार पर एक बार में विशिष्ट ‘फीस’ देनी पड़ती है , तो आप उस विशेष अवधि के लिए असीमित संख्या के लिए ट्रेड और असीमित ट्रेड वैल्यू के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं।
इस तरह की असीमित व्यापारिक योजनाएं बड़े ट्रेडर्स के लिए उपयुक्त हैं,जो विशेषकर इंट्राडे मे बहुत ज्यादा ट्रेडिंग करते हैं ।
स्टॉक ब्रोकरर्स जैसे कि फिनवासीया किसी भी सेगमेंट में व्यापार के आधार पर ब्रोकरेज नहीं लेते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप उनका कौन -सा ट्रेडिंग प्लेटफार्म चुनते है। वह अपने ग्राहकों को विभिन्न ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ज्यादातर आउटसोर्स किए गए) प्रदान करते हैं और ग्राहकों की आवश्यकताओं और जरूरत के अनुसार, विशिष्ट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता को मिल जाता हैं
अब, उपयोगकर्ता को चुनिंदा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के आधार पर आवधिक शुल्क (मासिक, वार्षिक आदि) का भुगतान करना होगा। इस विकल्प के साथ, उपयोगकर्ता किसी भी सेगमेंट में, किसी भी ट्रेड वैल्यू के साथ असीमित बार ट्रेडिंग कर सकते हैं।
ब्रोकेरेज शुल्क पर विचार करने के लिए अंतिम टिप्स
- जब आप शेयर ब्रॉकर के कार्यकारी अधिकारी के साथ ब्रोकरेज शुल्क को अंतिम रूप देते हैं, तो ब्रोकर के आधिकारिक ईमेल आईडी से दस्तावेज और ईमेल किया जाए। इसके अलावा, हमेशा अपने लेनदेन पर वास्तविक ब्रोकरेज पर नजर रखें। हालांकि, भारतीय शेयर बाजार एक सख्ती से विनियमित उद्योग है, फिर भी किसी भी संभावित वित्तीय खतरों से दूर रहना हमेशा बेहतर होता है।
- ब्रोकरेज शुल्क आमतौर पर ट्रेडिंग सेगमेंट के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। इस प्रकार, सभी सेगमेंट स्कीम की दरों के बारे में अवगत रहें और वास्तव में आपसे जो शुल्क लिया जा रहा है, उस पर पर ध्यान दें।
- ब्रोकरेज शुल्क के अलावा, आपको जो दूसरे भुगतान करने होते हैं वह इस प्रकार हैं :
- सेवा कर – जो उत्पन्न कुल ब्रोकरेज का 15% है। इसमें 14 प्रतिशत सेवा कर, 0.50% स्वच्छ भारत उपकर, 0.50% कृषि कल्याण सेस होता है
- स्टाम्प ड्यूटी यह राज्य से राज्य तक अलग है क्योंकि यह राज्य नियंत्रण के अधीन है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में, आपके इक्विटी डिलिवरी ट्रेडों के लिए स्टाम्प ड्यूटी के रूप में आपके लेनदेन कीमत का 0.01% लगेगा।
- सेबी टर्नओवर शुल्क – यह शुल्क नियामक निकाय द्वारा लगाया जाता है। शेयर बाजार पर किए गए सभी लेनदेन पर सेबी टर्नओवर फीस लगती है उदाहरण के लिए, debt instrument में की गई ट्रेडिंग के लिए 0.000005% सेबी टर्नओवर फीस लगेगी ।
- एसटीटी या सिक्योरिटीज ट्रांज़ैक्शन टैक्स – यह ट्रेडिंग सेगमेंट पर निर्भर करता है। आपके द्वारा ट्रेडिंग सेगमेंट इक्विटी डिलीवरी में , आपकी कुल ट्रेडिंग मूल्य का 0.1% एसटीटी के रूप में समायोजित किया जाएगा और ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए, आपके ट्रेडिंग मूल्य का 0.05% एसटीटी लगेगा।
उम्मीद है, हम शेयर बाजार में ब्रोकरेज गणनाओं और संबंधित शुल्कों की मूल वास्तविकताओं को समझाने में कामयाब हुए हैं। यदि आप एक ट्रेडिंग खाता खोलना चाहते हैं और अपने लिए सबसे उपयुक्त स्टॉक ब्रोकर से जुड़ना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए फॉर्म में अपने विवरण प्रदान करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें।
हमारी टीम यह सुनिश्चित करेगी कि आपको स्टॉक ब्रोकर से एक निःशुल्क कॉलबैक मिले, जो आपकी आवश्यकताओं के साथ ठीक से मेल खाता हो।