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करेंसी ट्रेडिंग या फॉरेक्स ट्रेडिंग में ट्रेड करने लिए एक निवेशक को सबसे पहले उसके बारे में उचित जानकारी होनी आवश्यक है। एक नए निवेशक को करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ और उससे होने वाले नुकसान का पता होना चाहिए।
आइए, सबसे पहले करेंसी ट्रेडिंग पर चर्चा करते हैं।
करेंसी ट्रेड या फॉरेक्स ट्रेडिंग, ट्रेड करने के लिए काफी आकर्षक सेगमेंट है और यह प्रतिदिन लगभग 5 ट्रिलियन डॉलर का ट्रेड करते हैं।
यदि आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग में ट्रेड करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले एक करेंसी ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होगी।
करेंसी ट्रेडिंग की महत्वपूर्ण वृद्धि के परिणामस्वरूप एक खाते को प्रबंधित करने की लागत में कमी आई है।
ऐसा देखा गया है कि ट्रेडिंग अकाउंट खोले जाने में वृद्धि हुई है, लेकिन साथ ही इसके खर्चे में कमी भी हुई है। इसका कारण यह है कि कई ऑफर में बिना किसी शुल्क के खाते खोले जा सकते हैं या कुछ ग्राहक से हर ट्रांजेक्शन पर शुल्क लेते हैं।
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट का अर्थ
एक करेंसी ट्रेडिंग खाता, ट्रेडिंग के लिए आपकी विदेशी करेंसी के स्टॉक को रखने का काम करता है। ट्रेड को संचालित करने के लिए निवेशक अपने अनुसार करेंसी ट्रेडिंग के आधार पर अधिक से अधिक धन अर्जित कर सकता है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट के प्रकार
- स्टैंडर्ड ट्रेडिंग अकाउंट : जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये अकाउंट सबसे परम्परागत है। पूरी दुनिया के स्टॉक ब्रोकर्स आकउंट को पसंद करते हैं, कुछ इसे “इंटरमीडिएट” या “क्लासिक” ट्रेडिंग अकाउंट के रूप में परिभाषित करते हैं।
इन खातों के लिए न्यूनतम जमा राशि $ 5000 से $ 10,000 के मार्जिन है।
- माइक्रो/मिनी ट्रेडिंग अकाउंट : ये खाता असंतुष्ट निवेशक के लिए अच्छा प्रस्ताव है और यह उसको माइक्रो / मिनी लॉट में ट्रेड करने की अनुमति देता है।
माइक्रो खातों को $ 250 से $ 500 तक की न्यूनतम जमा राशि के साथ खोला जा सकता है, जबकि मिनी खातों को खोलने के लिए पहले $ 25 प्रारंभिक राशि के रूप जमा करने की आवश्यकता होती है।
- मैनेज्ड अकाउंट : जो निवेशक ज़्यादा कैपिटल के साथ निवेश करना चाहते हैं ये खाता उन निवेशकों के लिए ब्रोकर्स के द्वारा प्रबंधित किया जाता है। इसकी न्यूनतम जमा सीमा $ 25,000 से अधिक है और स्टैंडर्ड लॉट्स में ट्रेड का एक हिस्सा है।
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट खोलें
एक फॉरेक्स ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए सबसे पहले एक ब्रोकर को ढूंढें। इसके बाद, पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ब्रोकर्स को आपके कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
एक ब्रोकर को चुनने के बाद आपको अपनी पसंद के अनुसार एक खाता चुनना होगा। अब विभिन्न विकल्पों में से एक विकल्प को चुनें।
माइक्रो / मिनी ट्रेडिंग अकाउंट, निवेश कैपिटल के आधार पर नए निवेशक के लिए सबसे सुरक्षित है। हालाँकि वह मैनेज्ड अकाउंट का विकल्प कभी भी चुन सकता है, लेकिन इसमें लेन-देन अर्थात ट्रांजेक्शन विकल्प नहीं होता है।
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
करेंसी ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जो अलग अलग ब्रोकर के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
हालाँकि, इस प्रक्रिया के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित दस्तावेजों को जमा करने की आवश्यकता होती है-
- खाता खोलने का फॉर्म।
- पहचान प्रमाण – आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस / पासपोर्ट / वोटर कार्ड / पैन कार्ड।
- अड्रेस प्रूफ – आइडेंटिटी प्रूफ भी हो सकता है अगर उसपर अड्रेस लिखा हो / बिजली बिल / राशन कार्ड / टेलीफोन बिल / पंजीकृत रेंट एग्रीमेंट।
- 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट या वार्षिक खातों की प्रतिलिपि / आईटीआर / करंट 1 महीने की सैलरी स्लिप।
फॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट को कैसे लॉगिन करें
फॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के जमा करने और सत्यापन के बाद, आपको एक ईमेल प्राप्त होगा जो आपको अपने खाते को सक्रिय/एक्टिव करने के लिए निर्देश देगा।
एक बार जब आप प्रक्रिया को सक्रिय करने के लिए चरणों का पालन करते हैं, तो आपको एक अंतिम ईमेल प्राप्त होगा जिसमें आपके लॉगिन क्रेडेंशियल- यूजरनेम, पासवर्ड, के साथ-साथ आपके खाते में फंड जमा करने के निर्देश होंगे।
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट के शुल्क
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट स्थापित करने के कुछ शुल्क होते हैं, जिनमें से खाता खोलने का शुल्क पहला और सबसे महत्वपूर्ण है। यह शुल्क प्रमाणित नहीं हैं और यह विभिन्न डीपी के बीच भिन्न हैं।
आम तौर पर, करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट लगभग ₹600 से ₹800 के शुल्क पर खोला जाता है और यह डीमैट खाते के समान ही है। लेकिन बाद में इसमें वार्षिक रखरखाव शुल्क (एएमसी) भी लिए जाते हैं।
डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के आधार पर हर ट्रांजेक्शन पर शुल्क फिर से भिन्न हो सकते हैं।
इसके अलावा, ब्रोकरेज शुल्क अलग-अलग हैं और यह ट्रेडिंग के प्रकार के आधार पर तय किए जाते हैं। लेकिन, सामान्य तौर पर, मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग शुल्क 0.03% से 0.05% के आसपास होता है।
डिलीवरी ट्रेड में 0.5% के आसपास या इससे बहुत अधिक शुल्क लगता है।
प्रत्येक करेंसी फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 0.03% से 0.05% तक का शुल्क लिया जाता है जबकि 0.03% से अधिक 1% प्रीमियम को करेंसी विकल्पों के लिए सामान्य माना जाता है।
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट के लाभ निम्नलिखित हैं:
- बिना रूकावट के आसान लेन-देन – यह ट्रेड इंटरनेट-आधारित है, इसलिए फंड को एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित करना काफी सरल है।
- तुलना करना – आप ट्रेड, खर्च / नुकसान और विभिन्न ट्रेडों से होने वाले मुनाफे के बीच तुलना कर सकते हैं। आप एक बेहतर रणनीति बनाने के लिए अपनी बिक्री, मुनाफे, नुकसान का विश्लेषण कर सकते हैं।
- फ्लेक्सिबिलिटी – इस फॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट का सबसे बड़ा आकर्षण इसकी फ्लेक्सिबिलिटी है जो इसे विभिन्न उपकरणों को एक्सेस करने में मदद करती है। आपको रुझान के बारे में सूचित करने और निर्णय लेने में सहायता आदि करने के लिए यहाँ सैकड़ों ऐप्स हैं।
- ट्रैक करने में आसान – उपरोक्त लाभ की निरंतरता के रूप में इस पर विचार करें। यह ट्रेड ऑनलाइन है और इसी के कारण इसे कहीं भी, कभी भी, एक्सेस किया जा सकता है।
इसलिए सभी गतिविधियों और लेन-देन को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। वस्तुतः यह रडार के तहत कुछ भी ना जाने की अनुमति देता है।
- पारदर्शिता / ट्रांसपेरेंसी – सभी लेन-देन और डील्स की जानकारी बिलकुल साफ़ है। किसी भी गैरकानूनी गतिविधि का पता इसके आधार से लगाया जा सकता है।
करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट में कमियां
आपको उन चुनौतियों के बारे में बताना और भी आवश्यक हो जाता है, जो प्रक्रिया के कारण आपके सामने आ सकती हैं।
ब्रोकरेज लागत – ब्रोकर्स कभी-कभार अनुचित लागत वसूल सकते हैं और बड़े पैमाने पर इनमें पारदर्शिता की कमी होती है।
इंटरनेट लिटरेसी/साक्षरता – यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इंटरनेट साक्षरता अनिवार्य है।
धोखाधड़ी से सावधान – करंट करेंसी ट्रेड मार्केट में धोकेबाज़ स्टॉक ब्रोकर के द्वारा धोखाधड़ी के बहुत मामले सामने आए हैं । अपनी मेहनत की कमाई से किसी और पर भरोसा करना नुकसानदायक हो सकता है।
सही समझ जरुरी है – हालाँकि, यह प्रक्रिया बहुत सरल है लेकिन इसका सामना करने में कई रुकावटें आती है। करेंसी ट्रेड मार्केट में उचित समझ के बिना ट्रेड करने से आपके सामने कई कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
अनुमान नहीं लगाया जा सकता – मार्केट का यह स्वभाव आपको जल्द पैसा कमाने के साथ-साथ पैसे गवाने में भी भ्रमित कर सकता है। आप इसका पूर्वानुमान नहीं लगा सकते। जैसे ही लोग नुकसान उठाते हैं, तो कई नए लोग अपने खातों को बंद करने का चयन करते हैं।
निष्कर्ष
फॉरेक्स मार्केट में आने के लिए करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य है। अपनी आवश्यकतानुसार सही खाते को चुनने में बहुत अधिक विचार की आवश्यकता होती है।
ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आपको पैसे खर्च करने की जरुरत होती है क्योंकि ब्रोकर की सेवाओं के लिए खाता खोलने की प्रक्रिया को शुरू करने की आवश्यकता होती है।
मार्केट के इस विशिष्ट क्षेत्र में हम आपको धोकेबाज़ स्टॉक ब्रोकर्स से सावधान करना ज़रूरी समझते हैं।
अक्सर पूछे जाने सवाल (FAQs)
करेंसी डीमैट अकाउंट कैसे खोलें ?
करेंसी ट्रेडिंग में ट्रेड करने के लिए सबसे पहले आपके पास एक ब्रोकर होना चाहिए। उसके बाद आप जिस अकाउंट को खोलना चाहते हैं, उस प्रकार के अकाउंट को चुनें। फिर ब्रोकर अकाउंट खोलने के लिए ज़रूरी दस्तावेजों की एक लिस्ट आपको देगा।
करेंसी डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन से दस्तावेज़ ज़रूरी हैं?
खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ ब्रोकर्स के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। लेकिन, आम तौर पर निम्नलिखित की आवश्यकता होगी:
खाता खोलने का फॉर्म
आइडेंटिटी प्रूफ
एड्रेस प्रूफ
वित्तीय प्रमाण
विभिन्न करेंसी ट्रेडिंग शुल्क क्या हैं?
यहाँ खाता खोलने के शुल्क और कुछ मामलों में वार्षिक रखरखाव शुल्क(एएमसी) हैं। फिर ब्रोकरेज शुल्क हैं जो ट्रेड के प्रकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
फॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट में पंजीकरण कैसे करें?
आप आवेदन पत्र पूरा करके एक ब्रोकर के साथ अपना खाता पंजीकृत करें। प्रक्रिया पूरा होने पर, आपको अपना यूजर नेम और पासवर्ड युक्त एक ईमेल प्राप्त होगा जिससे आप अपने अकाउंट को एक्सेस कर सकते हैं।
यदि आप स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग या निवेश के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो आगे के कदम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते हैं:
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