डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न

बाकी चार्टिंग पैटर्न्स

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न को हिंदी में अवरोही त्रिकोण पैटर्न भी कह सकते हैं जो कि मंदी के समय में बनता है।

इस पैटर्न में एक स्पष्ट तिरछी रेखा बनाते हुए निरंतर नये लो पर नये हाई की श्रृंखला बनती है। इस श्रृंखला में एक होरिजेंटल रेखा इन हाईज के बॉटम को जोड़ती है।

इस विस्तृत समीक्षा में, हम सीखेंगे कि डिसेंडिंग ट्रायंगल पैट्रन की पहचान कैसे करें, यह कैसे काम करता है और आप अपने मुनाफे को अधिकतम करने के लिए इसे अपने ट्रेड में कैसे नियोजित कर सकते हैं।

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैट्रन की पहचान

डिसेंडिंग ट्रायंगल प्रमुख कैंडलस्टिक पैटर्न्स (candlestick patterns in hindi) में से एक है। इसमें नीचे एक होरिजेंटल यानि क्षैतिज रेखा होती है और एक नीचे की ओर झुकी हुई रेखा टॉप प्राइसेस को जोड़ती है। यह पैटर्न मंदी के बाजार के परिदृश्य की विशेषता है जहां कीमतें एक निश्चित स्पोर्ट (Support) लेवल तक जाती हैं। हाईस की श्रृंखला एक ऊपरी रेखा बनाती है और निचली रेखा स्पोर्ट लेवल है।

Descending Triangle Pattern

पैटर्न के अंत की ओर स्पोर्ट लाइन टूटने के बाद भी कीमतों में गिरावट जारी रहती है। कभी-कभी, एक मजबूत स्पोर्ट लाइन बन सकती है और जो कि कीमतों में बाउंस बैक या उछाल का कारण बन सकती है। जो भी मामला हो, एक डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न  तब बनना शुरू होता है जब या तो मूल्य एक महत्वपूर्ण रेसिसटेंस (Resistance) फोर्स से आगे निकल जाता है या एक प्रतिकूल बाजार एक स्पोर्ट लेवल का बार-बार सामना करता है मगर मूल्य स्पष्ट रूप से वापस आ जाता है।

अन्य मामलों में, यह लाभ की संभावना के साथ टारगेट एरिया के रूप में कार्य करता है, या इसे आप सिर्फ एक अवसर के रूप में देख सकते हैं जहां एक आकर्षक मूल्य मिल रहा है। इस बिंदु पर, खरीदारी को बल मिल सकता है जिससे कीमत स्थिर हो जाती है क्योंकि मांग (Demand) आपूर्ति (Supply) से अधिक हो जाती है।

बाजार की ताकत में यह बदलाव कीमत बढ़ने का कारण बनता है।

इस मौके पर ट्रेडर अतिरिक्त स्टॉक बेचना पसंद करते हैं, इससे सप्लाइ बढ़ जाती है और कीमत एक बार फिर से कम हो जाती है। जब कीमत पिछले स्पोर्ट एरिया को छूती है, तो बढ़ी हुई मांग के कारण कीमत फिर से बढ़ जाती है। हालांकि, यह वृद्धि पिछली वृद्धि जितनी नहीं होती है और कीमत फिर से नीचे आ जाती है।

Descending Triangle Pattern

इसके बाद, यह एक बार फिर से हाई डिमांड  कीमतों को वापिस उठाने का काम करती है। नया हाई पिछले हाई से नीचे बनता है जो कि बियर्स के नियंत्रण को दर्शाता है।  ऊपरी लेवल के झुकाव के परिणामस्वरूप ही यह डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न बनता है।


डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न में ट्रेड कैसे करें?

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न प्राइस एक्शन ट्रेडिंग का केंद्रीय पहलू है। यह चार्ट पैटर्न संभावित रूप से डाउनट्रेंड (Downtrend) के अंत में बनता है। यह असेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न  से बिल्कुल विपरीत है। यह पैटर्न ट्रेडिंग ब्रेकआउट्स (Breakouts) के लिए ठीक रहता है।

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न की सबसे अधिक संभावना मंदी के दौर में होती है, लेकिन यह कभी-कभी तेजी से भी बन सकता है। मंदी के गठन में एक निरंतर पैटर्न होता है। जब यह पैटर्न तेजी के दौरान प्रकट होता है, तो इसे रिवर्सल पैटर्न के रूप में भी जाना जाता है। आप डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न के साथ ट्रेडिंग करने के लिए कई रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं।

Descending Triangle Pattern

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न में मूल्य कम से कम दो बार स्पोर्ट लेवल पर बाउंस लेता है। स्पोर्ट एरिया से चार्ट के नीचे की ओर ब्रेकआउट एक मजबूत मंदी की गति को दर्शाता है जिसके परिणामस्वरूप गिरावट होती है।

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न में नीचे की ओर ब्रेकआउट बन सकता है जिसमें रिवर्सल के बजाय एक निरंतर गिरता हुआ पैटर्न ही बनता है।


पारंपरिक ट्रेडिंग रणनीति

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न का उपयोग करके ट्रेडिंग करने की सबसे सरल रणनीति ब्रेकआउट स्ट्रेटेजी है। यह रणनीति ब्रेकआउट की उम्मीद के कारण काम करती है। अल्पकालिक लाभ कमाने के लिए ट्रेडर एक स्टॉक चुन सकता है जो या तो कॉंसोलिडेशन फेस में है या डाउनट्रेंड का हिस्सा है।

यह रणनीति हमेशा काम करती है। एक बार आपने स्टॉक को चुन लेने और उससे जुड़े टाइम फ्रेम का निर्धारण करने के बाद आपको केवल कॉंसोलिडेशन फेस की प्रतीक्षा करनी है।

डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न के साथ लचीलापन एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह देखने में मदद करता है कि नये लो और नये लोअर हाई कैसे बने हैं। इस प्राइस एक्शन के स्पष्ट होने के बाद, आप आगे बढ़ सकते हैं और डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न खींच सकते हैं। एक समझदार ट्रेडर वॉल्यूम को देख कर डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न खींचने के लिये इसकी पुष्टि करता है।

वॉल्यूम के बारे में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह  डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न के अंत तक पहुंचते पहुंचते बहुत कम होने लगता है। कम वॉल्यूम आमतौर पर ब्रेकआउट के करीब हो जाता है। कम वॉल्यूम की पहचान करने के बाद, पहले हाई और लो से दूरी नापना भी एक अच्छी रणनीति है।

फिर इसे ब्रेकआउट एरिया से प्रोजेक्ट किया जाता है और यह टार्गेट प्राइस बन जाता है।

मजबूत अल्पकालिक रणनीति

हैकिन-ऐशी चार्ट का उपयोग डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न के लिए एक शक्तिशाली अल्पकालिक ट्रेडिंग रणनीति है। ये चार्ट ट्रेंड को सही दिखाने में मदद करते हैं। इस रणनीति का उपयोग करते समय, ट्रेडर आमतौर पर इंतजार करते हैं जब तक कि डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न पूरी तरह से दिखाई नहीं देता है।

जब वे पैटर्न देखते हैं तो वे बाजार में तेजी के असर की तलाश करते हैं। ब्रेकआउट से ठीक पहले बाजार का यह विशेष चरित्र स्पष्ट है और इसे ब्रेकआउट से ठीक पहले लॉंग पोजिशन बनाने के लिए एक संकेत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Descending Triangle Pattern

इस मामले में पहले हाई और पहले लो की दूरी को माप कर एक प्रोजेक्टिड प्राइस प्राप्त किया जाता है जो कि ब्रेकआउट लेवल बन सकता है। इस अवधि के वॉल्युम में बदलााव पर नजर रखना भी महत्वपूर्ण है।

बाजार की भावना देखने के लिए वॉल्यूम बार का महत्व है जो कि तेजी के लिये  ब्रेकआउट होगा इसका अलर्ट ट्रेडर्स को दे सकते हैं।


तकनीकी संकेतों का उपयोग

स्टॉक ट्रेडर्स आमतौर पर चार्ट पैटर्न पर आजमाई हुई प्राइस एक्शन तकनीकों को लागू करते समय टेक्निकल इंडिकेटरों (Technical Indicators) का लाभ उठाते हैं। सबसे सरल इंडिकेटरों में से एक, ब्रेकआउट की संभावना का सटीक अनुमान लगाने के लिए मूविंग एवरेज तकनीक है।

तकनीक यह अनुमान लगाने में उपयोगी है कि अनुकूल मार्केट हालात में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए ब्रेकआउट कब होगा।

मूविंग एवरेज जैसे तकनीकी इंडिकेटर के उपयोग करने पर वॉल्यूम अनुमान या सफल ट्रेडिंग पोजिशन लेने से पहले एक तेजी के सिग्नल की आवश्यकता नहीं होती है। ट्रेडर आमतौर पर बाजार में पकड़ हासिल करने के लिए डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न में तकनीकी इंडिकेटरों के साथ प्राइस टार्गेट लेवल का अनुमान जोड़ते हैं।


डिसेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न के प्रकार

इस संदर्भ में, यह विचार करने योग्य है कि डिसेंडिंग ट्रायंगल रिवर्सल पैटर्न संभावित रूप से  टॉप पर या बॉटम पर बन सकता है। टॉप पर डिसेंडिंग ट्रायंगल रिवर्सल पैटर्न आमतौर पर वॉल्यूम में गिरावट के के कारण देखा जाता है जब स्टॉक की कीमतें कोई हाई लेवल नहीं बना रहीं होती हैं। यह गिरावट बाजार पर बुल्स के नियंत्रण कमजोर होने के साथ दिखती है।

ट्रेडर्स को किस कीमत पर कार्रवाई करनी है यह देखने ले लिये समतल लाइन दिखेनी होगी जो कि स्पोर्ट लेवल को मिला कर बनती हुई दिखाई देती है। जब कीमतें बार बार स्पोर्ट लेवल से टकरातीं हैं और हाई छोटे होते जाते हैं है तो भविष्य में नीचे की तरफ ब्रेकआउट होने की उम्मीद की जाती है।

ब्रेकआउट से ठीक पहले प्राइस में कितना कम मूवमेंट होगा इसका अनुमान लगाने के लिए सबसे पहला हाई को देखना होगा। इससे प्राइस स्पोर्ट लेवल तोड़ने के बाद कितना नीचे जायेगा इसका अनुमान लगाने में सहायता मिलती है।

डिसेंडिंग ट्रायंगल रिवर्सल पैटर्न में रिवर्स भी सही होता है। डाउनट्रेंड के अंत में कम होने वाली प्राइस एक्शन इस मामले में स्पष्ट है और नीचे का समतल स्पोर्ट लेवल कीमत के निचले स्तर को दिखाता है। लोअर हाई अक्सर इस पैटर्न में दिख सकते हैं और प्राइस एक्शन अपसाईड भी देखा जाता है। इस रणनीति का उपयोग करके लॉंग पोजीशन लेना भी संभव है।

इस प्रकार के पैटर्न में ढलान की रेखा की वजह से प्राइस एक्शन का कारण बनता है। दूरी को समतल स्पोर्ट लाइन से पहले हाई प्राइस तक के अंतर को मापा जाता है, और इससे ब्रेकआउट लेवल से प्रोजेक्ट किया जाता है। इस अनुमानित दूरी का ध्यान रखते हुए टार्गेट प्राइस निर्धारित किया जाता है।

अंत में हम कह सकते हैं कि डिसेंडिंग ट्रायंगल रिवर्सल पैटर्न एक लोकप्रिय कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न है जो कमजोर डिमांड को दर्शाता है। स्टॉक ट्रेडर्स इस तरह के पैट्रन पसंद करते हैं क्योंकि वे कम समय अवधि में अधिक लाभ कमाने के लिए सही रणनीति का काम करते हैं।

यदि आप ऐसे ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न का उपयोग करना चाहते हैं या जेनेरिक स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करना चाहते हैं, तो हम अगला चरण लेने में आपकी सहायता कर सकते हैं:

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