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स्टार स्प्लिट रिवर्स, जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इसकी अवधारणा ‘स्टॉक स्प्लिट‘ के ठीक विपरीत होती है।
अगर आसान भाषा में बात करें, तो शुरुआती स्तर के व्यापारियों के लिए इसे ‘सरल‘ बनाते हुए हम एक-एक करके समझते हैं, कि यह कैसे काम करता है और किस प्रकार से यह आपके निवेश को प्रभावित करता है।
‘स्टॉक स्प्लिट रिवर्स’ से सम्बंधित कुछ मुख्य बातें
हमेशा ही यह जानना बेहतर होता है कि आप क्या कर रहे हैं? और आप ही से क्यों कर रहे है? ऐसा इसलिए है, क्योंकि यदि आप एक ‘खराब प्रदर्शन करने वाले स्टॉक‘ के मालिक हैं तो आपके साथ स्टॉक स्प्लिट रिवर्स होने की बहुत अधिक संभावना है। स्टार स्प्लिट रिवर्स अपने नाम के अनुरूप ही स्टॉक स्प्लिट के विपरीत काम करता है।
यह कंपनी द्वारा द्वितीयक (सेकेंडरी) मार्केट (बाजार) में शेयरों की संख्या कम करने और एक्सचेंजो (‘एन एस ई ‘, ‘बी एस ई‘, ‘एम सी एक्स‘ इत्यादि) में शेयरों के दाम बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर द्वारा निर्णय लिया जाता है कि वे अपनी कंपनी को सूची से हटा कर या ट्रेड किये बिना या बाजार में एक पेनी स्टॉक के रूप में सुरक्षित रखना चाहते हैं।
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स को स्टॉक मर्ज के रूप में भी जाना जाता है।
फिर से आपको बता दें, कि स्टॉक स्प्लिट रिवर्स की मुख्य अवधारणा यह है कि इसमें शेयरों की संख्या घट जाती है लेकर शेयरों के भाव/दाम बढ़ जाते हैं। यदि कंपनी का संपूर्ण धन सुरक्षित रहता है तो यहां किसी प्रकार से नुकसान नहीं होता है, लेकिन स्टॉक के मूल्य जरूर बढ़ जाते हैं।
अगर आप स्टॉक स्प्लिट को और अच्छे से जानना चाहते हैं तो आप स्टॉक स्प्लिट का उदाहरण लेख को पढ़कर सभी प्रकार कि जानकारी ले सकतें हैं।
यह कैसे काम करता है?
शेयर स्टॉक स्प्लिट के बारे में जानने से पहले आपको स्टॉक के बारे में जानना बेहतर होगा। स्टॉक अमेरिकीयों द्वारा शेयरों के लिए उपयोग किए जाने वाला शब्द है, स्टॉक कंपनी के शेयरों का हिस्सा होता है।
कंपनी कि प्रत्येक शेयरधारक के पास आंशिक रूप से कंपनी का मालिकाना हक होता है। किसी भी पब्लिक लिस्टेड कंपनी के शेयर, देश के स्टॉक एक्सचेंज के सेकेंडरी मार्केट में व्यापार करने के लिए खुले होते है।
जैसा कि ऊपर बताया गया है, हमारे देश (भारत) में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज आदि उपलब्ध है।
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स करने के मुख्य कारण:
जब किसी विशेष स्टॉक में ट्रेडिंग (व्यापार) बहुत कम होता है तो इसे एक पेनी स्टॉक माना जाता है (कंपनी शेयरों के लिए यह एक अच्छी खबर नहीं है)।
यह विभिन्न कारणों जैसे – शेयरों के खराब प्रदर्शन और कंपनी के संभावनाओं की कमी के कारण प्रकट होता है। ऐसी स्थिति में कंपनी को एक्सचेंज से डिलीट होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसलिए इससे बचने के लिए कंपनी को लिक्विडिटी मूल्य और स्टॉक के दाम बढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
ऐसी स्थिति में कंपनी के ‘बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स‘ को कुछ महत्वपूर्ण निर्णय जैसे {स्टॉक स्प्लिट रिवर्स या शेयर के फेस वैल्यू को बढ़ाने या कंपनी को किसी अदर या अन्य ग्रुप कंपनीज के साथ मर्ज करने या किसी सिमिलर (अपने जैसे ही दूसरी) कंपनी के साथ मिलाने} लेने पड़ते हैं।
यह किस प्रकार काम करता है?
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स कई अलग-अलग अनुपातों में किया जाता है। यह 5:1 या 10:1 या इससे अधिक कई और अनुपात हो सकते हैं। इसका सीधा मतलब यह होता है कि अगर आपके पास 5 या 10 शेयर है तो इसे एक शेयर बनाया जाएगा। इससे शेयरों की कीमत और तरलता (लिक्विडिटी) 5 या 10 गुना बढ़ जाती है।
रिकॉर्ड डेट:
‘स्टॉक स्प्लिट‘ सूचकांक द्वारा जारी एक विशेष तिथि को किया जाता है। इस तिथि को अधिकार डेट कहते हैं। इस डेट के बाद मर्ज किए गए शेयर एक्सचेंज में कारोबार करना शुरू कर देते हैं।
“D” एक्सचेंज में ‘टीकर के अंत में‘ स्टॉक चिन्ह:
यदि एक्सचेंज में उपलब्ध किसी स्टॉक के के अंत में “D” का चिन्ह लगा होता है, तो इसका मतलब है कि यह स्टॉक स्प्लिट रिवर्स में चला गया है। इसलिए आपको इस “D” चिन्ह के मतलब से परिचित रहना चाहिए, और आपको ऐसे संकेतों पर नजर रखना चाहिए और जागरूक रहना चाहिए।
यदि आप एक निवेशक हैं या आप किसी ऐसे शेयर में निवेश करना चाहते हैं जो स्टार स्प्लिट रिवर्स में चला गया है, तो आपको सबसे पहले कंपनी द्वारा उठाए गए इस कदम को समझने की जरूरत है। और अपने विवेक के आधार पर आप उसे विशेष कंपनी में है निवेश करना या न करना चुन सकते हैं।
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स कंपनी के व्यवसाय के हित में काम कर सकता है और कभी-कभी इसके विपरीत भी हो सकता है। इसलिए, ऐसे ही स्टॉक में निवेश करने जैसे कदम को उठाने से पहले आप इन विभिन्न कारको पर अवश्य विचार करें।
यदि आष्टा के हित में काम करता है तो आपको नीचे दिए गए चित्र के अनुसार ही ग्रोथ दिखेगा:
हालांकि, जैसा कि ऊपर दिखाया गया है कि स्टॉक स्प्लिट के ठीक बाद एक त्वरित घाटा हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे कंपनी और इस निवेशकों ने अवसर को पहचाना और स्टॉक फिर ऊपर आने लगा और इसके मूल्य में सुधार देखा गया।
जैसे कि चित्र में दिखाया गया है, ठीक इसी प्रकार आपको नुकसान भी हो सकता है यदि आप ‘स्टॉक स्प्लिट रिवर्स‘ के साथ आगे बढ़ने का ‘निष्पक्ष निर्णय‘ नहीं लेते हैं।
इस प्रकार, एक निवेशक के रूप में आपको स्टॉक की स्पीड रिवर्स में आने वाले तेजी के पीछे कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टरी (निदेशक मंडल) द्वारा लिए गए निर्णय की सूझ-बूझ को समझना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
यदि उनकी कही हुई बातें संस्था के व्यवसाय के अनुरूप लगती हैं तो बातें समझ में आती हैं। अन्यथा, आपको निवेश करने के लिए किसी अन्य विकल्पों का तलाश करना चाहिए
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स के उदाहरण:
आप में से कई ऐसे लोग होंगे, जो स्टॉक स्प्लिट रिवर्स को आसान भाषा में समझना चाहते हैं और इसलिए हम यहां एक आसान उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
मान लीजिए कि एक कंपनी है जो स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध है। इसके मैनेजमेंट (प्रबंधन) ने 100 शेयरों के लिए 1 रिवर्स स्टॉक स्प्लिट की घोषणा की, जिसका मतलब है कि प्रत्येक 100 ‘स्टॉक‘ 1 ‘रिवर्स स्प्लिट स्टॉक‘ बन जाएगा। अगर आप इसको और अच्छे से समझना चाहते हैं तो आप मान ले कि आपके पास किसी कंपनी के 1000 शेयर मौजूद हैं और एक शेयर की मौजूदा कीमत 50 या ₹0.05 पैसे हैं।
इसका मतलब कंपनी के 1000 शेयरों की कुल कीमत ₹500 है। रिवर्स स्टॉक स्प्लिट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको ₹50 प्रति शेयर की दर से 10 शेयर दिया जाता है तो 10 शेयरों की कुल कीमत ₹500 हो जाएगी।
यह हमें बताता है कि रिवर्स स्टार्ट स्प्लिट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिए कंपनी का बाजार मूल्य प्रभावित नहीं होता है।
दूसरी ओर यदि एक व्यक्ति के पास ‘एक्स‘ नाम के किसी कंपनी ‘ए‘ के 50 शेयर है।
इस संबंध में कंपनी ‘ए रिवर्स स्टॉक स्प्लिट की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सकती है। तू कंपनी के प्रबंधन (बोर्ड ऑफ डायरेक्टरी) को उन शेयरों को खरीदना होगा और उन 50 शेयरों को रखने वाले व्यक्ति ‘एक्स‘ को शेयरों की वर्तमान कीमत का भुगतान करना होगा जिसका मूल्य ₹25 के आसपास होगा।
शेयर स्प्लिट रिवर्स से लाभ:
कंपनी और उसके निवेशकों के लिए स्टॉक स्पीड रिवर्स के कई लाभ हैं जो नीचे दिए गए हैं:
- कंपनी अपने घाटे से उबरने में सक्षम हो सकती है और स्टॉक स्प्लिट रिवर्स से कंपनी के कायाकल्प को एक बेहतर मौका मिलता है। इसके अलावा, कंपनी एक्सचेंज में डीलिस्टिंग और नाइल ट्रेडिंग से बच सकती है।
- कई शेयरों में स्प्लिट रिवर्स के बाद बहुत अधिक वृद्धि दिखाई देता है।
- रिवर्स स्पीड के बाद निवेशक बेहतर लिक्विडिटी वाले शेयरों में कारोबार करने के लिए सक्षम हो जाते हैं।
- इससे बाजार में उपलब्ध शेरों के मूल्य मनोवैज्ञानिक तरीके से हैं बढ़ जाते हैं।
- इसके अलावा, रिवर्स स्प्लिट के लिए आवश्यक नकदी का भुगतान करने वाले शेयरधारकों की संख्या को कम किया जा सकता है।
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स से जुड़ी चिंताएं:
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स को फाइनेंशियल मार्केट (वित्तीय बाजारों) में एक नकारात्मक गतिविधि माना जाता है।
पेनी स्टॉक, स्प्लिट रिवर्स की संभावनाओं को बढ़ा देता है जो बाजार के दृष्टिकोण से एक सामान्य कारक है। इसके अलावा, उच्च निवेशकों और अनियमित ग्राहकों के कारण यह अपना विश्वास खो सकता है।
इसलिए, स्टॉक स्प्लिट में खरीदारी के लिए ग्राहकों के पास और भी प्रश्न है जिसका जवाब दिया जाना चाहिए।
अंत में, स्टॉक मार्केट में के अधिकारियों के अनुमान के अनुसार शेयरधारकों की संख्या कम होने की संभावना है; कंपनिया एक अलग नियामक (रेगुलेट्री) श्रेणी के दायरे में आ सकती हैं।
निष्कर्ष
हमेशा रिवर्स की तुलना में आगे बढ़ना बेहतर होता है और यह आगे विभाजित होने वाले शेयरों के लिए अच्छा होता है। लेकिन कुछ विषम परिस्थितियों में, कठोर परिणामों से बचने के लिए स्प्लिट रिवर्स के साथ भी आगे बढ़ा जा सकता है। यह घटना कई शेयरों के साथ सही साबित हुई है।
इसलिए यदि सभी शेयरों के साथ रिवर स्प्लिट हो तो इस स्थिति में बेहतर है कि आप सबसे पहले इसके बारे में जानकारी रखें और इसके परिणाम भुगतने के लिए आर्थिक और मानसिक रूप पर तैयार रहें।
स्टॉक स्प्लिट रिवर्स से बचने के लिए बेहतर ‘ट्रैक रिकॉर्ड‘ और ‘सही दिशा निर्देश‘ के साथ लंबी अवधि के लिए सुरक्षित शेयरों में निवेश करना बेहतर है।
यदि आप सामान्य रूप से स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग या स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं, तो हम आपको एक कदम आगे ले जाने में आपकी सहायता करेंगे:
यहां अपना बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉल बैक की व्यवस्था की जाएगी।