Dark Cloud Cover Pattern in Hindi

बाकी चार्टिंग पैटर्न्स

जिस तरह से आकाश में काले बादल दिन में भी अँधेरा कर देते है ठीक उसी तरह शेयर मार्केट में डार्क क्लाउड कवर पैटर्न (dark cloud cover pattern in hindi) जिसे काले बादल वाला पैटर्न भी कहा जाता है, मार्केट में आने वाले डाउनट्रेंड का सिग्नल देता है।

अब क्या है ये पैटर्न और किस प्रकार इस पैटर्न को पहचान कर एक ट्रेडर मार्केट में सही पोजीशन ले सकता है?

डार्क क्लाउड कवर पैटर्न क्या है?

डार्क क्लाउड कवर पैटर्न टेक्नीकल अनालिसिस में एक जाना-माना पैटर्न है जो ट्रेडर्स को अपने तेजी के सोदे से निकलने और मंदी की तरफ अपना सोदा बनाकर मुनाफा कमाने में मदद करता है।

 इस कैंडलस्टिक पैटर्न (candlestick patterns in hindi) में दो विपरीत रंग की कैंडलस्टिक होती है, जो आमतौर पर तेजी की मार्केट में बनता है।

इसके बनने के पीछे का मनोविज्ञान ये है की जब मार्केट अपट्रेंड में चलते हुए एक रेजिस्टेंस तक पहुंच जाती है तब वहां पर ट्रेडर्स अपनी पोजीशन से निकलना शुरू करते है और इसके चलते मार्केट में एक मंदी का संकेत मिलता है।


डार्क क्लाउड कवर पैटर्न की पहचान कैसे करें?

डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करने के कुछ नियम है जो किस कुछ इस प्रकार है.

  1. डार्क क्लाउड कवर हमेशां तेजी में बनेगा।
  2. डार्क क्लाउड कवर दो कैंडलस्टिक से मिलकर बनता है।
  3. डार्क क्लाउड कवर में पहली कैंडल बुलिश यानी की हरे रंग की होती है।
  4. दूसरी कैंडल बियरिश यानी की लाल रंग की होती है।
  5. दूसरी कैंडल आमतोर आर गैपउप ही खुलती है।
  6. डार्क क्लाउड कवर में दूसरी लाल रंग की कैंडल पहली हरे रंग की कैंडल की बॉडी के लगभग 50% तक या उससे नीचे आकर बंद होती है।

इसे हम नीचे दिए इस चित्र की मदद से समझते है।

 

यहाँ हम देख पा रहे है की एक बड़ी बुलिश (तेजी) हरे रंग की कैंडल बनी है और उसके बाद एक गैपअप हुआ है, जैसे ही गैपअप हुआ उसके बाद मार्केट में एक बड़ी गिरवाट की कैंडल बनी है, जिसने की अपनी पिछली हरे रंग की कैंडल को लगभग 50% तक कवर कर लिया है।

इसका अभिप्राय ये है की मार्केट ने अपनी पहली कैंडल में तेजी दिखाई और एक बड़ी कैंडल बना दी, उसके बाद मार्केट में गैपअप हुआ जिससे ये पता चलता है की मार्केट में अभी तेजी बरकरार है।

उसके बाद अचानक से सेलऑफ आया यानी की जिन्होंने अपने सोदे ले रखे थे उन्होंने बेचना शुरू कर दिया और मार्केट में गिरावट दर्ज हुई, जिससे पिछली कैंडल के आधे से भी ज्यादा तेजी वाला हिस्सा भी कवर हो गया। ये बायर की घटती हुयी और सेलर की बढ़ती हुई ताकत का सिग्नल देते हुए शार्ट पोजीशन के अवसर लेकर आती है।


डार्क क्लाउड कवर पैटर्न कैसे ट्रेड किया जाता है?

डार्क क्लाउड कवर पैटर्न को ट्रेड करने के लिए आपको ट्रेंड देखना होगा जो की बुलिश होना चाहिए, उसके बाद आपको डार्क क्लाउड कवर पैटर्न के बनने का इन्तजार करना होगा, जैसे की पैटर्न पूरी तरह से बन जाए तो कन्फर्मेशन के साथ आपको मंदी की और अपना सोदा बनाना है।

इसे हम एक कैंडलस्टिक चार्ट की मदद से समझते है।

यहाँ हम देख पा रहे है की स्ट्रोंग अपट्रेंड चल रहा है, और अपट्रेंड के बिलकुल ऊपर हमारा डार्क क्लाउड कवर पैटर्न बना है, और उसके बाद मार्केट में तेजी से गिरावट दिखाई दे रही है। यहाँ एक ट्रेडर अच्छा सोदा ले सकता था और मुनाफा निकाल सकता था।

पर इसे अकेले ट्रेड करना अच्छा नहीं माना जाता। टेक्नीकल अनालिसिस को अगर ध्यान में रखें तो हमें एक अन्य टेक्नीकल अनालिसिस की कोई टूल या शेयर मार्केट इंडिकेटर (share market indicator in hindi) की मदद लेनी चाहिए।

ऊपर दिए गए उदाहरण में हमने रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI indicator in hindi) की Divergence से आने वाले डाउनट्रेंड को कन्फर्म किया है।

एंट्री कहाँ ले: RSI की मदद से हमें अपट्रेंड के कमजोर होने का संकेत तो मिल गया, और उसके बाद कार्ड क्लाउड कवर भी बना गया, हम अपनी एंट्री यानी की सोदा तब लेंगे जब स्टॉक डार्क क्लाउड कवर के नीचे ओपन होगा।

स्टॉपलोस आर्डर: टेक्नीकल अनालिसिस के हिसाब से स्टॉप लोस आर्डर (stop loss meaning in hindi) डार्क क्लाउड कवर के बिलकुल ऊपर यानी की कैंडल के हाई पर  लगाया जाएगा, जैसा की आप ऊपर दिखाए गए चार्ट में देख सकते है।


डार्क क्लाउड कवर पैटर्न की सीमाएं और उपयोगिता

डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न की भी कुछ सीमाएं है, जैसे की

  1. डार्क क्लाउड कवर केवल मंदी की भविष्यवाणी करता है।
  2. ये पैटर्न अकेले ट्रेड नहीं किया जा सकता, इसे ट्रेड करने के लिए आपको टेक्नीकल अनालिसिस में इस्तेमाल किये जाने वाली किसी टूल या इंडिकेटर की मदद लेनी होती है, ताकि ट्रेडर को अपनी ट्रेड पर भरोसा हो।
  3. डार्क क्लाउड कवर तेजी में लिए गए सोदे से समय रहते मुनाफा निकालकर सोदे से बाहर निकलने में मदद करता है।

पिअर्सिंग पैटर्न और डार्क क्लाउड कवर पैटर्न में अंतर

पिअर्सिंग पैटर्न (piercing line candlestick pattern in hindi) और डार्क क्लाउड कवर एक दूसरे के विपरीत होते है, जहाँ डार्क क्लाउड कवर पैटर्न तेजी में  बनकर मार्केट को मंदी की और धकेलता है वहीं इसके उलट पिअर्सिंग पैटर्न मंदी में बनता है और उसके बाद मार्केट तेजी की और आगे बढती है।

इन दोनों पैटर्न में 50% बॉडी कवर वाला नियम बिलकुल एक समान है।

आप दोनों पैटर्न में अंतर को निचे दिए चित्र में देख सकते है।


निष्कर्ष

स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के लिए सबसे बेहतर तरीका टेक्नीकल अनालिसिस को ही माना जाता है। जिसमें की कई प्रकार के टूल्स, थ्योरी, इंडिकेटर, कैंडलस्टिक पैटर्न, चार्ट पैटर्न इत्यादि आते है।

डार्क क्लाउड कवर इन्हीं कैंडलस्टिक पैटर्न में से एक पैटर्न है जिसे ट्रेडर्स मंदी में अपना सोदा बनाने और तेजी में अपना मुनाफा कमाकर बाहर निकलने में मदद करता है।

एक ट्रेडर के लिए टेक्नीकल अनालिसिस सीखना बहुत जरूरी है, क्योंकि मार्केट में हर वक्त ट्रेड करने के लिए कोई न कोई मौका बन रहा होता है, अगर टेक्नीकल अनालिसिस अच्छे से आता हो तो ट्रेडर मार्केट में हो रहे बदलाव में अपना मुनाफा आसानी से निकाल सकता है।

यदि आप शेयर मार्केट ट्रेडिंग के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो बस नीचे दिए गए फॉर्म में कुछ बुनियादी विवरण भरें।

आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी:

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