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जब कमोडिटी ट्रेडिंग की बात आती है तो MCX और NCDEX दो प्रमुख नाम सामने आते हैं। ये दोनों भारत के प्रसिद्ध कमोडिटी एक्सचेंज हैं, जो कमोडिटी ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और ट्रेडर्स को अच्छा लाभ कमाने का अवसर देते हैं।
रोजमर्रा की ज़िन्दगी में भोजन, तेल और धातु जैसी वस्तुएं एक बुनियादी जरूरतें होती हैं। इन वस्तुओं की कीमत बाजार में तेजी से उतार-चढ़ाव करती है, जिससे लोगों के आमदनी पर काफी प्रभाव पड़ता है।
कमोडिटी ट्रेडिंग इस तरह के उतार-चढ़ाव पर नजर रखती है और ट्रेडर्स को इन वस्तुओं से लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। इन कारणों से कमोडिटी ट्रेडिंग बहुत लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है।
कमोडिटी लंबे समय में पारंपरिक सिक्योरिटीज के अलावा पोर्टफोलियो में विविधता लाने का एक जरिया बनता आया है। इसके अलावा, यह शेयर बाजार में अस्थिरता और मंदी के दौरान कैश को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कमोडिटी मार्केट को ध्यान में रखते हुए, यह वैश्विक ट्रेड प्रणाली की नींव है, जो ट्रेडर को रणनीति के तहत काम करने पर अधिक लाभ प्राप्त करने में मदद करता है।
किसी भी व्यक्ति को वस्तुओं को एक्सचेंज करने के लिए एक कमोडिटी एक्सचेंज की जरूरत होती है। यह एक कानूनी इकाई (Legal Entity) है, जो कमोडिटी ट्रेड को मानकीकृत तरीके से करने के लिए नियमों को निर्धारित करने और लागू करने में मदद करती है।
इसके अलावा, कमोडिटी एक्सचेंज को एक भौतिक स्थान (Physical place) के रूप में परिभाषित किया गया है जहां कोई भी ट्रेड कर सकता है। हर दिन कमोडिटी बाजार में खरबों डॉलर से अधिक का ट्रेड होता है।
कमोडिटी बाजार के ट्रेडर कोई भौतिक वस्तु (Physical Commodities) डिलीवर नहीं करते हैं। वास्तव में, वे फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड करते हैं, जिसमें खरीदार और विक्रेता एक विशेष मूल्य पर सहमति बनाते हैं जिसमें एक विशिष्ट समय पर कमोडिटी बेची जाती है।
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वर्तमान में भारत में चार कमोडिटी एक्सचेंज नीचे सूचीबद्ध हैं:
- नेशनल कमोडिटी और डेरीवेटिव एक्सचेंज (NCDEX)
- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX)
- नेशनल कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX)
- नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE)
इस आर्टिकल में, हम MCX और NCDEX स्टॉक एक्सचेंज की तुलना और दोनों के बीच अंतर को समझने की कोशिश करेंगे। इन दोनों एक्सचेंजों की तुलना करने से पहले, देश के दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों के बारे में जानना महत्वपूर्ण हैं।
नेशनल कमोडिटी और डेरीवेटिव एक्सचेंज (NCDEX)
NCDEX या नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव एक्सचेंज लिमिटेड एक ऑनलाइन मल्टी कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज है, जो कृषि वस्तुओं जैसे तेल, गेहूं, सोयाबीन, आदि में ट्रेड करने की अनुमति देता है। एक्सचेंज में कमोडिटी ट्रेड करने पर ट्रेडर्स को अधिकतम लाभ कमाने में मदद करता है।
इससे किसानों को काफी राहत मिलती है, जो अक्सर मूल्य में उतार-चढ़ाव और नुकसान के बारे में चिंतित रहते हैं।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX)
MCX या मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज एक अन्य कमोडिटी एक्सचेंज है, जो सोने, चांदी और अन्य कीमती वस्तुओं का ट्रेडिंग के लिए प्रवेश द्वार खोलता है, जिसके माध्यम से अधिक लाभ प्रदान करता है। MCX बुलियन, ऊर्जा, नॉन-फेरस मेटल, और अन्य कृषि वस्तुओं जैसे विकल्पों के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करता है।
MCX और NCDEX के बीच सामनता
MCX और NCDEX दोनों एक्सचेंज 2003 में अपना हेडक्वार्टर मुंबई में स्थापित कर संचालन शुरू शुरू कर दिया। यह दोनों कमोडिटी एक्सचेंज अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हैं, जो ट्रेडर्स के लिए तेजी से और बिना किसी समस्या के ट्रेड की सुविधा प्रदान करते हैं।
दोनों एक्सचेंज सोमवार से शुक्रवार तक खुला रहता हैं। इसके अलावा, दोनों एक्सचेंज ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की पेशकश भी करते हैं, जिसे सभी सदस्यों द्वारा कंप्यूटर से कंप्यूटर लिंक (CTCL) और ट्रेड वर्क वर्कस्टेशन तक पहुंचाया जा सकता है, जो VPN, VSA, लीज्ड लाइन और इंटरनेट से जुड़ा है।
MCX और NCDEX दोनों एक्सचेंज प्रमाणित कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार ट्रेड करता है। इस प्रकार लॉट साइज, डिलीवरी के लिए एक वस्तु की गुणवत्ता और एक्सपायरी तिथि प्रामाणिक होता हैं।
NSE और BSE की तरह, MCX और NCDEX दोनों क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन द्वारा लेनदेन और ट्रेड प्राप्त करते हैं। इस प्रकार, यह प्रतिपक्ष(Counter party) के जोखिम को समाप्त करते हैं।
MCX और NCDEX, मार्जिन की ट्रेडिंग करने की अनुमति देते हैं, जिससे ट्रेडर्स मार्जिन को उपयोग कर अपनी पूंजी को ज्यादा कर सकता है।
MCX और NCDEX में अंतर
हालाँकि, MCX और NCDEX दोनों ही ऐसे प्लेटफ़ॉर्म हैं, जो कमोडिटी ट्रेड से संबंधित हैं। वे कमोडिटी के मामले में कुछ अंतर रखते हैं।
एक ओर एमसीएक्स सोने, चांदी, और अन्य ट्रेड किये जाने वाले मेटल में ट्रेड करता है। दूसरी ओर, NCDEX कृषि-आधारित उत्पादों में ट्रेड करके सबसे अच्छा निवेश रिटर्न प्रदान करता है।
यहां दोनों कमोडिटी एक्सचेंज के बीच अंतर को दिखाया गया हैं।
इन दोनों कमोडिटी एक्सचेंजों के बीच प्रमुख अंतर कमोडिटी का होता है, जिसमें वे ट्रेड करते हैं। इसके अलावा, प्रमोटर और शेयरधारकों, क्लीयरिंग बैंक, आदि के संदर्भ में कई अन्य अंतर भी हैं।
एक ओर, एनसीडीईएक्स की स्थापना अप्रैल 2003 में हुई थी, जबकि एमसीएक्स नवंबर 2003 में सक्रिय हो गया था।
NCDEX भारत में एकमात्र एक्सचेंज है जिसे ICICI बैंक लिमिटेड, LIC, NABARD और NSE द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।
दूसरी ओर, MCX को नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL), सिंगापुर मर्चेंटाइल एक्सचेंज (SMX), बहरीन फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (BFX), ग्लोबल बोर्ड ऑफ़ ट्रेड (GBOT), आदि द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।
इसके अलावा दोनों एक्सचेंजों के पास क्लीयरिंग बैंकों की अलग-अलग संख्याएँ हैं। NCDEX में 15 क्लीयरिंग बैंक है, जबकि MCX में 16 क्लीयरिंग बैंक हैं।
Clearning Banks NCDEX MCX Axis Bank Ltd Bank of India Canara Bank Citibank n.a. Corporation Bank Development Credit Bank Ltd. Dhanlaxmi Bank HDFC Bank Ltd ICICI Bank Ltd Indusind Bank Kotak Mahindra Bank Punjab National Bank State Bank of India Tamil Nadu Merchantile Bank Ltd Standard Charted Bank Ltd Union Bank of India Yes Bank
निष्कर्ष
इस लेख का निष्कर्ष यह है कि, चूँकि NCDEX और MCX विभिन्न वस्तुओं में डील करते हैं, इसलिए उन्हें सीधे वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है या एक दूसरे के खिलाफ तुलना नहीं किया जा सकता है। जिस प्रकार के कमोडिटी का ट्रेड करना चाहिए, वह प्लेटफ़ॉर्म निर्धारित होना चाहिए।
वास्तव में, प्रत्येक समझदार निवेशक को एक अच्छे बाजार का अधिकतम लाभ उठाने और बाजार में गिरावट होने पर अपेक्षाकृत नुकसान से बचने के लिए दोनों एक्सचेंजों के सदस्य बन जाना चाहिए।
वर्तमान में वैश्विक बाजारों की अस्थिर प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न वस्तुओं को अलग-अलग ट्रेडिंग में वितरित करना चाहिए और उसी तरह ट्रेडिंग एक्सचेंज भी अलग होना चाहिए।
यदि आप MCX और NCDEX या किसी अन्य संबंधित एक्सचेंज के माध्यम से कमोडिटी में निवेश या ट्रेड करना चाहते हैं, तो नीचे दिए फॉर्म में अपनी मूलभूत जानकारी दर्ज करें।
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