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खैर, इसका सीधा सा जवाब है ज्यादा सिक्योरिटी, शेयर्स की सरल उपलब्धता और कुछ अन्य कारणों से।
अगर आप स्टॉक में निवेश करने के इच्छुक हैं, तो आपके पास अपना डिमैट अकाउंट होना जरुरी है।
डिमैट अकाउंट ओपन करवाने के लिए, आपको डिमैट अकाउंट से अपनी आधार UID लिंक करके कुछ और KYC शर्तें भी पूरी करनी होंगी।
आपके एक बार किसी स्टॉकब्रोकर (डिस्काउंट ब्रोकर या फुल- सर्विस ब्रोकर) के साथ डिमैट अकाउंट ओपन करने के बाद, आप आसानी से ऑनलाइन ही स्टॉक्स को खरीद और बेच पाएंगे।
इसके साथ ही आप किसी अन्य डिपॉजिटरी भागीदार के साथ कई डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
क्या आपको म्युचुअल फंड्स के लिए डिमैट अकाउंट की आवश्यकता है?
भले ही, किसी निवेशक को अपने म्युचुअल फंड्स रिडीम करवाने के लिए डिमैट अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन डिमैट अकाउंट के कारण आपको अन्य कई लाभ जरुर प्राप्त हो सकते हैं।
यह आपको म्युचुअल फंड्स खरीदने और उन्हें अपने अकाउंट में एक इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित रखने का अधिकार देता है।
इसलिए, सिक्योरिटीज को ऑनलाइन जमा करवा कर, आप निवेशक द्वारा शेयर्स के कागजात उसके पास रखने से रोक सकते हैं।
म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के अन्य तरीकों में डिमैट अकाउंट खोलने के अलावा इसे सीधे तौर पर कम्पनी से खरीदना भी शामिल है।
इसके लिए उस कम्पनी से सीधे सम्पर्क करें और डिमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया से बचें। साथ ही ऐसा करने से आपको किसी तरह का ब्रोकरेज शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा।।
इस प्रकार, डिमैट अकाउंट न खोलकर, आप अधिक नियंत्रण, अपने शेयर्स के प्रति अधिक ज़िम्मेदारी और म्युचुअल फंड्स पर जवाबदेही जैसे कई अन्य लाभ उठा सकते हैं।
लेकिन अकाउंट के होने पर, निवेशक अपने शेयर्स के कागज़ात अपने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रख सकते हैं।
ये भी जानें: Share Meaning in Hindi
इस ऑनलाइन गेटवे की वजह से, निवेशकों के लिए फंड्स को जांचने, चुनने और उनकी तुलना करने में आसानी होती है और इसी वजह से उन्हें अपना अकाउंट मैनेज करने में भी आसानी होती है।
इसके अलावा और भी कई कारण हैं जो बताते हैं कि आपके पास अपना डिमैट अकाउंट होना क्यों ज़रूरी है?
- सुरक्षित एवं महफूज़: शेयर्स के कागजात को मेंटेन रखना मुश्किल होता है और उनके खो जाने का भी डर होता है, लेकिन डिमैट अकाउन्ट के साथ निवेशक अपने शेयर्स इलेक्ट्रोनिक फॉर्म में सुरक्षित रखकर अपने निवेश को अधिक महफूज़ बना सकते हैं। इसके अलावा, सुरक्षा, नियमों और वैधानिक अनुपालन की एक अतिरिक्त परत की वजह से ये निवेशकों के लिए सबसे अच्छे और सुरक्षित विकल्पों में से एक बन गया है।
- ट्रेडिंग के लिए अत्यधिक ज़रूरी: डिमैट अकाउंट के साथ आप स्टॉक मार्किट में ट्रेड करने योग्य बन जाएंगे और आप स्टॉक ट्रेडिंग भी कर पाएंगे। यह आपको किसी भी स्टॉक एक्सचेंज पर डिमैट फॉर्म में ट्रेड करने की अनुमति प्रदान करता है।
- परेशानी को कम करना: कई सारे वित्तीय उत्पाद जैसे कि कर्ज की सिक्युरिटीज़, म्युचुअल फंड, इक्विटी इत्यादि को अलग अलग संभाल पाना निवेशकों के काफी मुश्किल और परेशानी का कार्य होता है। इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट सिस्टम की वजह से, उन्हें इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है और एक अकाउंट में एक साथ ही कई सारी सिक्युरिटीज़ को सुरक्षित रख सकते हैं।
साथ ही, इसके कारण सभी वित्तीय उत्पादों की जानकारी एक ही जगह आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
- कम कीमत: शेयर्स के कागजात और सर्टिफिकेट्स को सँभालने और मेंटेन करने के लिए आपको अतिरिक्त शुल्क जैसे स्टाम्प शुल्क इत्यादि चुकाने पड़ते हैं। लेकिन इसके साथ आप ऐसे सभी शुल्क से बचकर अपने शेयर्स की ट्रेडिंग की कीमत में कमी ला सकते हैं।
- शीघ्र तथा आसान: अपने शेयर्स को खरीदने या बेचने के लिए इसके दस्तावेजों के सिलसिले में आपको अपने ब्रोकर के पास जाना पड़ता है, लेकिन इस इलेक्ट्रोनिक अकाउंट सिस्टम के साथ, आप बार बार ब्रोकर के ऑफिस जाने की परेशानी से खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही पूरी तरह से मैनेज की जा सकती है, जिससे गलती होने की गुंजाईश काफी कम रह जाती है।
निष्कर्ष:
आशा है कि अब आप समझ ही गए होंगे कि आपके पास अपना डिमैट अकाउंट होना क्यों ज़रूरी है?
वैसे तो इसके बहुत से कारण हैं, लेकिन प्रमुख यहीं हैं कि ये आपको टेक्नोलॉजी के लाभ और सहजता प्रदान करता है।
इसलिए, जो भी ट्रेडिंग और शेयर मार्केट का अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं, वो किसी डिपॉजिटरी भागीदार के साथ अपना एक डिमैट अकाउंट ओपन कर सकते हैं।
ध्यान रहे कि अकाउंट खोलने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज आपके पास मौजूद होने चाहिए।
क्या आप डीमैट खाता खोलने के लिए इच्छुक है?
डीमैट खाता खुलवाने के लिए बस नीचे दिए फॉर्म में बुनियादी विवरण दर्ज करे और आपको शीघ्र ही एक कॉलबैक प्राप्त होगी।