Large Cap Mid Cap Small Cap in Hindi

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यदि आप एक नए निवेशक हैं जो लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए Large Cap Mid Cap Small Cap in Hindi के बीच अंतर को समझना चाहते हैं, तो बेफिक्र रहिये, क्योंकि हम यहाँ आपको गाइड करेंगें। 

हम आपको इन तीनों के बीच के अंतर को सरल शब्दों में समझाने की कोशिश करेंगें।

आपको इक्विटी से जुड़े कई कांसेप्ट क्लियर नहीं है, तो आपको इक्विटी ट्रेडिंग से संबंधित शब्दावली को समझने में बहुत परेशानी हो सकती है ।

यह सच है कि जब आप इन्वेस्ट करने के लिए विभिन्न प्रकार के स्टॉक्स को ढूंढ रहे हैं या किसी प्रकार के म्यूचुअल फंड को चुनना चाहते हैं तो आपको निवेश करने में परेशानी आ सकती है। 

जब आप गूगल पर इसके लिए सर्च करते हैं तो गूगल द्वारा आपके सामने कई ऑप्शन दिए जाते हैं। लेकिन आपको इससे सही जवाब नहीं मिलता।

चलिए, हम आपको यहाँ इससे सम्बंधित पूरी जानकारी देंगें।

कुछ लोग आपको सही स्टॉक चुनने के लिए कुछ स्टॉक या फंड के नाम देंगें तो वहीं कुछ लोग आपको सलाह देंगें कि लार्ज कैप फंड्स में निवेश करें या स्माल कैप फंड्स में निवेश करें। 

लेकिननए निवेशक के लिए सवाल वही रह जाता है कि आखिर Large Cap Mid Cap Small Cap in Hindi टर्म्स हैं क्या?

या फिर लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप के बीच अंतर क्या है?

इन बातों को समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि मार्केट कैप का मीनिंग क्या है ?


मार्केट कैप 

मार्केट पूंजीकरण को टेक्निकल भाषा में मार्केट कैप कहा जाता है।

इसके अलावा इसे किसी कंपनी के बकाया शेयरों का मार्केट वैल्यू भी कहा जाता है।

सरल शब्दों में, किसी कंपनी के शेयरधारकों (Shareholder) के पास मौजूद सभी शेयरों के मार्केट वैल्यू को मार्केट पूंजीकरण के रूप में जाना जाता है।

आइए इसे बेहतर समझने के लिए एक उदाहरण देखें।

मान लीजिये कोई ऐसी कंपनी है जिसके शेयर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं।

यदि उस कंपनी के पास लगभग 10 लाख शेयर हैं जो मार्केट में 500 प्रति शेयर ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 50 करोड़ (10 लाख शेयर x  500 प्रत्येक)।

आपको किसी कंपनी के मार्केट कैप के फॉर्मूले में कुछ जानकारी नीचे दी गई है।

मार्केट कैपिटलाइज़ेशन = आउटस्टैंडिंग शेयर की कुल संख्या *प्रत्येक शेयर का मार्केट प्राइस 

चलिए, अब जानते हैं कि Large Cap Mid Cap Small Cap in Hindi के बीच अंतर क्या है। 


स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप फंड क्या हैं?

मार्केट पूंजीकरण के आधार पर कंपनियों को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बाँटा गया है: 

चलिए बात करते हैं कि स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप कंपनियाँ क्या हैं? और लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप शेयर में क्या अंतर है?

इसे वर्ष 2017 में, भारतीय सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड ने अपनी मार्केट कैप के अनुसार कंपनियों को वर्गीकृत करने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए है । 

आइए उन विवरणों पर ध्यान दें-

लार्ज कैप कंपनी 

सेबी के नियमों के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध सभी कंपनियों को उनके मार्केट कैप के आधार पर रैंक दी जाती है।

टॉप 100 कंपनियों को लार्ज कैप कंपनियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

चलिए, बात करते हैं, लार्ज कैप फंड क्या हैं? 

इन लार्ज कैप कंपनियों के शेयर में इन्वेस्टमेंट करने वाले म्यूचुअल फंड को लार्ज कैप फंड के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

लार्ज कैप कंपनियों का आमतौर पर एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड होता है।

इन कंपनियों का मार्केट कैप आम तौर पर काफी अधिक होता है। 

यह लगभग 20,000 करोड़ या उससे अधिक का होता है। इन शेयरों को अक्सर निफ्टी और सेंसेक्स जैसे व्यापक मार्केट इंडेक्स में भी शामिल किया जाता है।

इसका मुख्य कारण यह है कि इनकी बहुत मजबूत मार्केट उपस्थिति होती हैं।

मिड कैप कंपनी

सेबी के वर्गीकरण के अनुसार, मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के मामले में 101 से 250 की रैंकिंग वाली कंपनियों को मिड कैप कंपनियों के रूप में जाना जाता है।

उनका मार्केट कैप आम तौर पर 5,000 से 20,000 करोड़ की रेंज में होता है।  

चूंकि मिड कैप कंपनियों के पास एक मजबूत मार्केट उपस्थिति है। इसलिए वे मार्केट इंडेक्स में व्यापक रूप से शामिल हो भी सकते है और नहीं भी हो सकते हैं।

स्मॉल कैप कंपनी 

सेबी के नियमों में कहा गया है, कि सभी कंपनियां जो मार्केट कैप के मामले में 251वें स्थान से आगे हैं। 

उन्हें ऑटोमेट रूप से स्मॉल-कैप कंपनियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। 

स्मॉल-कैप कंपनियों का आमतौर पर एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है।

यह कंपनियां या तो अपेक्षाकृत नए स्टार्ट-अप हो सकती हैं, या फिर वह जो अभी भी विकास के चरण में हैं।

मार्केट कैप के मामले में, ये कंपनियां आम तौर पर 5,000 करोड़ से नीचे आती हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन मार्केट की उपस्थिति बहुत कम होती हैं और इसलिए यह व्यापक मार्केट इंडेक्स में शामिल नहीं हैं।


लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंड में अंतर

इन तीनों के बीच अंतर को दिखाने के लिए यहाँ एक टेबल दिया गया है :

विवरण लार्ज कैप मिड कैप स्मॉल कैप
 इन्वेस्टर प्रोफाइल कम रिस्क लेने वाले इन्वेस्टर के लिए अनुकूल  औसत रिस्क लेने वाले और लॉन्ग टर्म में निवेश करने वाले निवेशक शॉर्ट-टर्म उद्देश्यों के साथ अग्रेसिव निवेशक
रिस्क  कम रिस्क लार्ज कैप की तुलना में अधिक रिस्क   काफी रिस्क से भरा है
कंपनियों पर सूचना की उपलब्धता अक्सर कम वोलेटाइल और अत्यधिक लिक्विड  थोड़ा वोलेटाइल और काफी लिक्विड  अत्यधिक वोलेटाइल और बहुत लिक्विड नहीं है

विकास के लिए संभावित

स्टेबल रिटर्न जेनेरेट करने की उच्च क्षमता ग्रोथ की औसत क्षमता इसमें विकास अधिक होता है

निष्कर्ष: 

अब जब आप जानते हैं कि Large Cap Mid Cap Small Cap in Hindi क्या हैं और लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप के बीच अंतर क्या है 

इसलिए, आप इन्वेस्टमेंट करने के लिए किस तरह की कंपनियों और फंडों के बारे में अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमएसईआई) द्वारा उपलब्ध कराए गए, डाटा के आधार पर एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया समय-समय पर अपने मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के अनुसार शेयरों की एक सूची जारी करता है।

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने से पहले कंपनी की लिस्ट जरूर देखें। 

इसलिए, आप वेरीफाई कर सकते हैं कि क्या वह आपके रिस्क प्रोफाइल और आपके इन्वेस्टमेंट टारगेट को पूरा करते हैं।

हमें उम्मीद है कि आपको Large Cap Mid Cap Small Cap in Hindi की पूरी जानकारी मिल गई होगी।


यदि आप भी इन स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले डीमैट खाता खोलें।

डीमैट खाता खोलने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को देखें:

यहाँ अपना बुनियादी विवरण भरें और उसके बाद आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी।

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