ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न एक जापानी कैंडलस्टिक पैटर्न है। ये पैटर्न शेयर बाज़ार में आने वाली तेजी को दर्शाता है। बाज़ार जब अपने Low पर पहुँच जाता है तब ट्वीज़र बॉटम बनता है, इसके बनने के बाद बाज़ार का भाव तेजी के साथ ऊपर उठने लगता है। आइये Tweezer bottom candlestick pattern in hindi में समझे।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न को चिमटी वाला पैटर्न भी कहते है, ऐसा इसलिए कहते है क्योंकि दिखने में ये बिलकुल एक चिमटी की तरह होता है।
Tweezer Bottom Pattern Meaning in Hindi
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न बाज़ार की मंदी में बनने वाला पैटर्न है, दो कैंडलस्टिक से बना ये पैटर्न जिसमें पहली कैंडलस्टिक लाल रंग की बियरिश (मंदी) की और दूसरी कैंडल हरे रंग की बुलिश (तेजी) की बनती है।
जहाँ ये पैटर्न बनता है वह पर जो ट्रेडर मंदी की तरफ पहले से ही अपने सोदे लेकर बैठे थे वो बाहर निकलते है, और नये ट्रेडर जो आने वाली तेजी में सोदा बनाकर मुनाफा कमाना चाहते है वो अपना सोदा बनाते है।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न का मनोविज्ञान?
एक ट्रेडर के लिए से समझना बहुत जरूरी है की जो कैंडलस्टिक पैटर्न वो देख रहा है वो बना किस कारण से है?
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न के बनने का कारण ये है की जब बाज़ार अपनी मंदी में हो और एक ऐसे लेवल पर पहुच जाए जहाँ से नई बिकवाली आना बिलकुल बंद हो जाए और जो सोदे पहले से ही लिए गए थे उनका मुनाफा निकालना शुरू हो जाए।
इस परिस्थिति को ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न बखूबी दर्शाता है।
ट्वीज़र बॉटम के कुछ उदाहरण।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न की बनावट में कुछ अंतर होता है, जिसे इस चित्र में दर्शाया गया है।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न कई अलग-अलग बनावट में तो बन सकता है पर उसका Low (Low) बिलकुल एक जैसा ही होगा। जैसे की इस चित्र में दर्शाया गया है की पैटर्न A, B, C, D
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान कैसे करें।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करने के जरूरी पहलू कुछ इस प्रकार है। जिससे ट्रेडर को इस कैंडलस्टिक पैटर्न की चार्ट में खोजने में आसानी होगी।
- यह पैटर्न हमेशां डाउनट्रेंड (मंदी) के बाज़ार में बनता है।
- जब भी यह पैटर्न बनता है तो उसके बाद बाज़ार में ट्रेंड रिवर्स आता है और बाज़ार मंदी से निकलकर तेजी की और आगे बढ़ने लगता है।
- यह पैटर्न कुल दो कैंडलस्टिक से मिलकर बनता है।
- इस पैटर्न में पहली कैंडल बियरिश (मंदी को दर्शाने वाली हरी) कैंडल होती है।
- दूसरी कैंडल बुलिश (तेजी को दर्शाने वाली लाल) कैंडल होती है।
- इन दोनों कैंडल का Low बिलकुल एक जैसा होता है।
- दोनों कैंडल में पहली कैंडल का ही बियरिश (लाल रंग की) होना जरूरी होता है, उसके बाद वाली कैंडल हरी या लाल दोनों में से कोई भी हो सकती है, यहाँ रंग मायने नहीं रखता, केवल कैंडल का Low मायने रखता है।
इस तरह से ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान की जाती है।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड कैसे करें।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में तो समझ लिया की यह बनता कैसे है, इसका मनोविज्ञान क्या है पर सबसे जरूरी बात ये है की इसे ट्रेड कैसे किया जाता है।
ट्वीज़र बॉटम को ट्रेड करने के लिए हम निचे दर्शाए चार्ट की मदद लेंगे।
ऊपर AXIS BANK का Daily टाइमफ्रेम का चार्ट है, जिसमें साफ़ तौर पर डाउनट्रेंड चलता हुआ दिखाई दे रहा है, और डाउनट्रेंड के बिलकुल नीचे ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न बना है जिसके बाद बाज़ार सीधा ऊपर तेजी में आ गया है।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न को ट्रेड करने के लिए Setup, Entry, Stop Loss और Risk Management जैसी बातों का पता होना जरूरी होता है।
Setup: ट्रेडर के लिए सबसे जरूरी उसका सेटअप यानी रणनीति होती है, अपनी पुख्ता रणनीति की मदद से ट्रेडर को पता होता है की किस भाव पर और कब सही सोदा बनेगा और उससे मुनाफा कमाने की संभावना कितनी है।
रणनीति के हिसाब से ट्रेडर को ये पता होता है की Entry कहाँ बनानी है और स्टॉप लॉस कहाँ लगाना है।
Entry: एक नए ट्रेडर के मन में जो पहली बात आती है वो ये की Entry कहाँ और कैसे लेनी है, ट्रेडर के लिए एक ऐसा पॉइंट या भाव जिसके बाद उसका मुनाफा होने सम्भावना बढ़ जाती है, उसे Entry Point कहते है।
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न में Entry तब लेना सबसे सुरक्षित होता है जब पैटर्न के बन जाने के बाद बाज़ार पैटर्न की पहली और दूसरी दोनों कैंडलस्टिक के High के ऊपर ट्रेड करना शुरू कर दे।
ऐसा करने से घाटा होने के चांस कम हो जाते है, क्योंकि जब बाज़ार पैटर्न के ऊपर तेजी में ट्रेड करना शुरू करेगा तब सबके लिए ये मानना आसान होगा की अब बाज़ार तेजी की और चल पड़ा है।
Risk Management: ट्रेडिंग में एक कहावात है की जिसने अपनी “पूंजी बचा ली और घटने नहीं दी” वो कभी न कभी एक अच्छा ट्रेडर जरुर बनेगा और लम्बे समय तक मुनाफा कमाने की उसकी बहुत ज्यादा संभावना है।
अनुभवी ट्रेडर्स की मानों तो जो सालों से बाज़ार में ट्रेड और इन्वेस्ट कर रहे है वो शेयर मार्किट के जोखिम (Share Market Risk in Hindi) को ध्यान में रख कर अपनी पूंजी का एक बहुत छोटा हिस्सा ही एक ट्रेड में लागते है|
ताकि अगर उनका कोई फैसला गलत भी हो जाए तो उनकी कुल पूंजी पर कोई ख़ास असर ना पड़े और आगे वाले सोदे वो आराम से ले सके और अच्छा ख़ासा मुनाफा बना सके।
ज्यादातर ट्रेडर जो लम्बे समय से बाज़ार में मुनाफा अर्जित कर रहे है वो अपनी पूंजी का एक ट्रेड में 0.5% से लेकर 2% तक ही लगाते है।
इससे होता ये है की अगर एक ट्रेडर के एक-दो सोदे उसके मुताबिक़ नहीं गए तो उसकी सायकोलोजी (उसके मन पर) बुरा असर नहीं पड़ेगा और वो आगे आने वाले मौंको को सही समय पर पहचान कर उनसे मुनाफा बना सकता है।
ट्वीज़र बॉटम और ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न में अंतर?
ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न और ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न (Tweezer Top Candlestick Pattern in Hindi) में कुछ ज्यादा अंतर नहीं है, बस ट्वीज़र बॉटम मंदी में बनता है और बाज़ार को तेजी की और लेकर जाता है। ट्वीज़र टॉप तेजी में बनता है और बाज़ार को मंदी की और ले जाता है।
आइये नीचे दर्शाए चित्र में अंतर को देखते है।
आप देख पा रहे है की ट्वीज़र बॉटम कैंडलस्टिक पैटर्न में Equal Low (बराबर के लो) बने हुए है, और ट्वीज़र टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न में Equal High (बराबर के हाई) बने हुए है।
निष्कर्ष
कैंडलस्टिक पैटर्न को टेक्निकल एनालिसिस का जनक माना जाता है, पर समय के साथ टेक्निकल एनालिसिस बढ़ता गया और कैंडलस्टिक पैटर्न उसका एक हिस्सा हो गए, पर अभी भी कैंडलस्टिक पैटर्न उतने ही प्रसंगिक है जितने पहले हुआ करते थे, आज उनको इस्तेमाल करने का तरीका बदल गया।
अभी कैंडलस्टिक पैटर्न को किसी इंडिकेटर, टेक्निकल एनालिसिस जैसे की मूविंग एवरेज इत्यादि के साथ इस्तेमाल करना होता है। पर इनके साथ इस्तेमाल करने पर ये पैटर्न बहुत अच्छा मुनाफा देते है।
Tweezer Bottom Candlestick Pattern in Hindi के इस लेख में इतना ही | इस जानकारी का उपयोग आप ट्रेडिंग करते वक़्त जरूरी फैंसले लेने में कर सकते है और अपने मुनाफे को बढ़ा सकते है |
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