बुलिश मार्केट में लॉन्ग पोजीशन लेने से पहले अगर आपको अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न दिख जाए तो ये आपको मुनाफे को कई गुना तक बढ़ा सकता है। लेकिन ये पैटर्न की क्या विशेषता है और इससे कैसे ट्रेड करते है, आज इस ब्लॉग में विस्तार में जाने Upside Tasuki Gap Candlestick Pattern in Hindi.
ये पैटर्न तेजी का पैटर्न है और तेजी के आगे जारी रहने के संकेत के तौर पर देखा जाता है। इसे टेक्निकल एनालिसिस में बुलिश कंटिन्यूएशन (तेजी जारी) पैटर्न भी कहा जाता है।
अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न क्या है?
जैसा की आपको पता ही है की अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न तीन कैंडलस्टिक से मिलकर बना होता है, और इसके तीन कैंडलस्टिक से बनने का एक कारण होता है।
जब भी मार्केट में तेजी यानी की अपट्रेंड चल रहा होता है और एक स्वभाविक ही बुलिश कैंडलस्टिक बन जाती है, जैसे ही ये कैंडल बनती है तो मार्केट में ट्रेडर्स को लागता है की अब मार्केट में और ज्यादा तेजी आएगी और उसी सेंटिमेंट के कारण तेजी से खरीददारों का दबाव आता है और मार्केट में गैपअप बनता है, और मार्केट तेजी में जाकर बंद होती है।
जब मार्केट में कम समय में ज्यादा तेजी आ जाती है और उसमें गैपअप भी बन जाता है तो ट्रेडर्स को लगने लागता है की मार्केट में काफी ज्यादा बुलिश मूव आ गई और अब मार्केट ओवरबॉट (Overbought) यानी की मार्केट में ज्यादा खरीददारी हो गई है, अब मार्केट के आगे जाने के आसार कम हो गए है।
इसी कारण बुलिश सेंटिमेंट (तेजी का रुझान) कम हो जाता है और मार्केट गिरने लगती है, और मार्केट उसी भाव के आस-पास आ जाती है जहां से गैपअप हुआ था। और अब ट्रेडर्स के बीच ओवरबॉट को लेकर जो डर था वो नहीं रहता।
क्योंकि ये एक अपट्रेंड है तो ट्रेडर्स अब इसे एक छोटे से पुलबैक की तरह लेंगे। और मार्केट में तेजी की और अपने रुझान को जारी रखेंगे।
अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न की बनावट
अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न तीन कैंडलस्टिक से मिलकर बनता है, इसकी पहली और सबसे जरूरी कैंडल एक लॉन्ग बॉडी बुलिश कैंडल (हरे रंग की) होती है।
और इस कैंडल के बाद जो कैंडल बनती है वो गैपअप खुलती है और तेजी में ही बंद होती है, ये बुलिश हरे रंग की कैंडल होती है। और इस दूसरी कैंडल के बाद जो आखिरी कैंडल होती है वो बियरिश कैंडल (लाल रंग की) होती है जो की अपनी दूसरी कैंडल को पूरा कवर करती हुई अपने गैपअप तक आकर क्लोज होती है।
आइये इसे नीचे दर्शाए गए चित्र की मदद से समझते है।
अपट्रेंड में कैंडल A एक बड़ी स्ट्रोंग बुलिश कैंडलस्टिक है, उसके बाद एक गैपअप है और उसके बाद कैंडल B जो की बुलिश कैंडलस्टिक है, और उसके बाद कैंडल C है जो की बियरिश यानी की मंदी की कैंडलस्टिक है, जो की अपनी पिछली कैंडल B को कवर करती हुई गैपअप तक आकर क्लोज होती हुई दिखाई दे रही है। यहाँ आप देख पा रहे है की अपट्रेंड कंटिन्यू हो रहा है।
अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न को कैसे ट्रेड किया जाता है?
क्योंकि ये अपट्रेंड की स्ट्रेंथ भी दिखाता है तो इसे केवल बुलिश साइड में ही ट्रेड किया जा सकता है, ट्रेडर्स इसमें केवल खरीददारी करके ही मुनाफा निकाल सकते है।
जब भी मार्केट बुलिश ट्रेंड में होती है तो इस पैटर्न को बुलिश स्ट्रेटेजी की कन्फर्मेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
नीचे दर्शाए गए चित्र में देखिये।
आप देख रहे है की मार्केट में पहले से ही बुलिश ट्रेंड चल रहा है, यहाँ बुलिश ट्रेंड को ट्रेड करने के लिए हमने मूविंग एवरेज के ट्रेडिंग सेटअप का इस्तेमाल किया है, और इस सेटअप में कन्फर्मेशन के तौर पर हमने अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न का इस्तेमाल किया है।
आप देख पा रहे है की मार्केट मूविंग एवरेज के ऊपर ट्रेंड कर रही है, और जब मार्केट मूविंग एवरेज को रीट्रेस करने के लिए उसके ऊपर आती है और मार्केट में अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न बन जाता है और ट्रेडर्स के लिए ये पक्का हो जाता है की अब मार्केट आगे ही जाएगी।
टेक्निकल अनालिसिस में अकेले कैंडलस्टिक पैटर्न के आधार पर या अकेले किसी इंडिकेटर की आधार ट्रेड करना सही नहीं माना जाता इसलिए कम से कम किन्हीं दो ट्रेडिंग तकनीकों के मिश्रण से ट्रेड करने की सलाह दी जाती है, यहाँ भी दो ट्रेडिंग तकनीकों को आधार बनाकर ट्रेड करने की कोशिश की गई है।
Entry: सबसे पहला सवाल हमारे जहन में यही आता है की अपना सोदा कहाँ बनाएं?
जैसे की देखा जा सकता है की मार्केट तेजी में है और वो मूविंग एवरेज से रिट्रेस कर रही है और इसके साथ-साथ अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न बना है, ट्रेडर्स के लिए इस पैटर्न के हाई के ऊपर जब मार्केट ट्रेड करने लगे तब तेजी में सोदा बनाना सबसे बढ़िया रहता है, क्योंकि ऐसा करके ट्रेडर पैटर्न के फाल्स सिग्नल (गलत सिग्नल) देने के मोकों को कम कर देता है।
स्टॉपलोस: स्टॉपलोस ऑर्डर लगाना सबसे महत्वपूर्ण निर्णय होता है जिसमें लगभग ट्रेडर्स गलती करते है, या तो वो स्टॉपलोस ऑर्डर लगाते ही नहीं या फिर वो गलत जगह पर स्टॉपलोस ऑर्डर लगाते है।
स्टॉपलोस ऑर्डर हमेशां वहीं लगाना चाहिए जहाँ से ट्रेडर्स उसे हंट ना कर सके, यानी स्टॉपलोस ऑर्डर मार्केट में आ रही वोलाटिलिटी का शिकार ना हो जाए।
अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न में स्टॉप लोस इसकी पहली बुलिश कैंडल के नीचे लगाने की सलाह दी जाती है।
यहाँ से मार्केट में पहली और बड़ी मूव आई थी और यही इस पैटर्न का जन्म स्थान है मार्केट के इसके निचे जाने के चांस बहुत कम होते है, और अगर वोलाटिलिटी बढती है तो यहाँ तक उसके असर का पहुचना काफी मुस्किल होता है।
अपसाइड तासुकी गैप और डाउनट्रेंड तासुकी गैप में अंतर।
अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न के बारे में आपने बखूबी जान ही लीया है पर डाउनट्रेंड तासुकी गैप पैटर्न भी होता है जो की अपसाइड तासुकी गैप के जैसा ही होता है पर वो बनता डाउनट्रेंड में ही है।
जैसे की अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न तेजी की मार्केट को और आगे ले जाने में मदद करता है ठीक वैसे ही डाउनसाइड तासुकी गैप पैटर्न मंदी की मार्केट को आगे मंदी में ले जाने का काम करता है।
अपसाइड तासुकी गैप पैटर्न को Upward Gap Tasuki (अपवर्ड तासुकी गैप) और Bullish Tasuki Line (बुलिश तासुकी लाइन) भी कहा जाता है।
निष्कर्ष
कैंडलस्टिक पैटर्न टेक्निकल एनालिसिस में सबसे महत्वपूर्ण होते है, उसके बाद इंडिकेटर, टूल्स, ट्रेंडलाइन इत्यादि आते है, पर कैंडलस्टिक पैटर्न को कभी भी अकेले ट्रेड करने के लिए उपयोग नहीं किये जाने की सलाह भी दी जाती है | इसका मुख्य कारण है की मार्केट में अनुमान लगाने के लिए हमारे पास एक से ज्यादा तरीके हों तो हमारे अनुमान के सही होने के चांस बढ़ जाते है, जब एक से ज्यादा तरीके एक ही परिणाम दिखा रहे हो तो ट्रेडर के लिए निर्णय लेना काफी आसान हो जाता है।
एक ट्रेडर को मार्केट में लम्बे समय तक टिके रहने के लिए टेक्निकल एनालिसिस को अच्छे से सीखना काफी जरूरी होता है, ताकि वो अलग-अलग परिस्थितियों में सोदे बनाकर मुनाफा अर्जित कर सके।
टेक्निकल एनालिसिस को अच्छे से सीखने के लिए आप नीचे दिए गए फॉर्म में अपना जरूरी विवरण भरिये, हमारी टीम आपसे संपर्क करके आपको इसमें मदद करेगी।