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क्या आपको पता है कि SIP Kya Hai या सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान क्या होता है (SIP Meaning in Hindi)?
आज कल हर व्यक्ति सेविंग्स के माध्यम से पैसा कमाना चाहता है। बाजार में सेविंग्स के साथ ब्याज के रूप में कमाई करने के कई विकल्प भी उपलब्ध हैं, जैसे कि बैंक में पैसा जमा करना, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि।
आज हम आपको ऐसे ही एक और विकल्प “सिप यानी सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान” के बारे में बताएगें।
अगर आप एक निवेशक हैं तो फिर आपको SIP Meaning in Hindi के बारे में बेसिक जानकारी जरूर होगी। लेकिन, ऐसे कई लोग हैं जो सिप यानी सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान के बारे में नहीं जानते। इस लेख के माध्यम से हम आपको सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान से संबंधित सारी जानकारी साझा करेंगे।
इस आर्टिकल में, आप SIP Kya Hai, SIP फुल फॉर्म, SIP में निवेश कैसे करें के साथ फायदे और नुकसान इत्यादि के बारे में समझ पाएंगे।
चलिए, शुरुआत से SIP (Systematic Investment Plan) को समझते हैं।
SIP Kya Hai
अक्सर आप निवेश करने के बारे में सोच कर घबरा जाते हैं कि आपको बड़ी राशि निवेश करना पड़ेगी। लेकिन SIP के साथ ऐसा नहीं है, सिप में जरुरी नहीं कि निवेश करने के चक्कर में अपनी आर्थिक स्थिति पर बोझ डालें।
सिप में कम जोखिम के साथ निवेश कर बेहतर रिटर्न प्राप्त करने का अच्छा विकल्प है। इसका मतलब हुआ कि आपको हर महीने या नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि पर निवेश करना होगा।
SIP (सिप) के माध्यम से आपको एक निश्चित अवधि में निश्चित रकम शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश करना होता है।
सिप इंवेस्टमेंट प्लान में एक बार में एक बड़ी राशि निवेश करने के बजाए एक छोटी राशि निवेश की जाती है, जिसके रिजल्ट में हाई रिटर्न मिलता है।
आमतौर पर, यह इक्विटी म्यूचुअल फंड के लिए होता है। यहाँ पर इक्विटी का अर्थ है वह फण्ड जिसमे कंपनी के शेयर्स मौजूद होते है।
हालांकि, SIP में निवेश करने पर अनुशासन का विशेष ध्यान देना होता है। आपको शेयर बाजार में मंदी या तेजी के विपरीत तय अंतराल पर निवेश को बनाए रखना होता है।
SIP Kaise Kaam Karta Hai?
एक बार जब आप एक या अधिक SIP Plan के लिए अप्लाई करते हैं, तो उतनी राशि ऑटोमेटिक रूप से आपके बैंक खाते से डेबिट हो जाती है।
इसके बाद पहले से तय टाइम इंटरवल पर आपके द्वारा खरीदे गए म्यूचुअल फंड में निवेश हो जाता है।
दिन के अंत में, आपको म्यूचुअल फंड की नेट एसेट्स वैल्यू (NAV) के आधार पर म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को अलॉट किया जाएगा।
भारत में SIP Plan में हर निवेश के साथ, मार्केट रेट के आधार पर आपके अकाउंट में एडिशनल यूनिट जोड़ी जाती हैं।
हर इन्वेस्टमेंट के साथ, जो अमाउंट दोबारा इन्वेस्ट होती है वह पहले से अधिक हो जाती है और इसलिए उन इंवेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक मिलता है।
अंत में, यह निवेशक के विवेक पर है कि वह SIP से मिलने वाले रिटर्न सिप पीरियड के बीच में या फिर अंत में लेना चाहता है ।
आइये इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं।
मान लीजिए कि आपको म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना है। आपने इन्वेस्टमेंट के लिए ₹1 लाख अलग से सेव किया हुआ है।
अब आपके पास इन्वेस्टमेंट करने के दो विकल्प सामने होंगे।
पहला, आप म्यूचुअल फंड में एक बार में ही ₹1 लाख रुपये का निवेश करेंगे। या फिर, आप सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या SIP का विकल्प चयन करेंगे।
आपको SIP में इन्वेस्ट शुरू करने के लिए एक अमाउंट सेट करना होगा।
मान लीजिये, आप ₹500 निवेश करना चाहते हैं।
फिर, हर महीने एक निश्चित तिथि पर आप जिस म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, उसके लिए आपके खाते से ₹500 रुपये डेबिट किये जाएंगे।
यह पूरे SIP पीरियड तक जारी रहेगा।
SIP में निवेश कब करना चाहिए?
एक इन्वेस्टर कभी भी मिनिमम रिस्क और सबसे अच्छे सिप प्लान के साथ इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकता है।
निवेशक के लिए वह स्कीम चुनना बहुत जरूरी है जो उसके लॉन्ग-टर्म गोल को अच्छी तरह से सूट करता है।
इसलिए, SIP इन्वेस्टमेंट प्लान शुरू करने के लिए कोई उपयुक्त समय सीमा नहीं है। एक इन्वेस्टर जितना जल्दी शुरू हो सकता है उसे इन्वेस्ट शुरू कर देना चाहिए।
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के प्रकार
निम्नलखित SIP के प्रकार हैं:
- टॉप-अप सिप (Top-up SIP)
यह सिप आपको अपनी इन्वेस्टमेंट अमाउंट को समय-समय पर बढ़ाने की अनुमति देता है। इस प्रकार, जब आपके पास अधिक अमाउंट उपलब्ध होगा तो आप उसी हिसाब से अपनी इन्वेस्टमेंट अमाउंट भी बढ़ा सकते हैं।
यह नियमित अंतराल पर सबसे अच्छा और हाई परफॉर्मेंस करने वाले फंड में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है।
- फ्लेक्सिबल सिप (Flexible SIP)
जैसा कि नाम से पता चल रहा है, इस प्लान में इन्वेस्टर को इन्वेस्ट करने की फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है।
एक निवेशक अपनी निवेश क्षमता के अनुसार, निवेश की राशि को बढ़ा या कम कर सकता है।
- परपेटुअल सिप (Perpetual SIP)
यह SIP प्लान, आपको मैंडेट डेट के बिना निवेश करने की अनुमति देती है।
आम तौर पर, एक सिप प्लान 1 वर्ष, 3 वर्ष या 5 वर्षों के लिए रहता है।
इसलिए, निवेशक अपनी इच्छा अनुसार या अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निवेश की गई राशि को वापस निकाल सकता है।
सिप के फायदे
सिप में निवेश करने के कई फायदे है। उनमें से कुछ निम्नलिखित है:
- आपको एक अनुशासित निवेशक बनाता है:
अगर आपके पास अच्छी वित्तीय जानकारी नहीं है जैसे मार्केट कब ऊपर नीचे होता है, तो फिर सिप इन्वेस्टमेंट प्लान आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
आपको सही समय पर निवेश करने का समय का पता लगाने के लिए विश्लेषण करने की आवश्यकता नहीं होगी।
चूँकि, सिप में अकाउंट से पैसे ऑटोमेटिक डेबिट होकर म्यूचुअल फंड में चले जाते हो जाते है तो फिर आपको कोई फिक्र की जरूरत नहीं।
- रुपी कॉस्ट एवेरजिंग फैक्टर
सिप के साथ रुपये की औसत लागत (Rupee Cost Averaging) का भी लाभ आता है।
चूँकि, आपका इन्वेस्टमेंट अमाउंट लंबी अवधि के लिए स्थिर है तो SIP के बाद से रुपये की औसत लागत के साथ आप बाजार की अस्थिरता (Volatility) का लाभ उठा सकते हैं।
SIP के माध्यम से आपके द्वारा निवेश की गई निश्चित राशि प्रत्येक यूनिट के वैल्यू को एवरेज करती है।
इस प्रकार, जब मार्केट नीचे जाए तो आप अधिक यूनिट खरीद सकते हैं और जब मार्केट हाई तो कम यूनिट खरीद सकते हैं, जो एवरेज कॉस्ट पर यूनिट को कम करेगा।
- पॉवर ऑफ कम्पाउंडिंग
सिप में इन्वेस्टमेंट करने के लिए अनुशासन में रहना महत्वपूर्ण है जो आपको निरंतर इन्वेस्टमेंट ग्रोथ करने करने में मदद करता है।
इसका ऑटोमैटिक प्रोसेस यह सुनिश्चित करता है कि आपका इन्वेस्टमेंट एकमुश्त निवेश के विपरीत भी बढ़ता है जहाँ आप कभी-कभी निवेश करना भूल सकते हैं।
SIP के नुकसान
सिप में निवेश करने के फायदे के साथ-साथ कुछ कमियां भी है, जो निम्नलिखित हैं:
- SIP से लॉन्ग टर्म में मिलने वाला रिटर्न लम्बे समय में एकमुश्त निवेश से मिलने वाले रिटर्न कम होता है।
- इसके बाद आपके बैंक में एक निश्चित अमाउंट होना चाहिए।
- इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपके बैंक में पर्याप्त अमाउंट नहीं होगा तो बैंक पेनाल्टी भी वसूल सकता है।
- इसके अलावा 3 बार इंस्टॉलमेंट नहीं भरने पर आपकी SIP रद्द हो जाएगी।
इस लेख की महत्वपूर्ण बातें
दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको SIP Meaning in Hindi का लेख पसंद आयी होगी। इस लेख में चर्चा की गयी कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
- म्यूचुअल फंड के माध्यम से SIP इन्वेस्टमेंट तेजी से बढ़ा है। निवेशकों के लिए यह एक लोकप्रिय सेगमेंट बन कर उभरा है।
- यह एक सिस्टेमेटिक प्लान है जिसके माध्यम से निवेशक हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट को अपने पसंद के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं।
- सिप में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको शेयर बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव से डरने की जरुरत नहीं होती।
- इसका सबसे बड़ा फायदा कम्पाउंडिंग रिटर्न का है जहाँ आपको इसके ऊपर मिलने वाले रिटर्न पर भी रिटर्न मिलता है।
- सिप के लिए ₹500 रुपये की न्यूनतम राशि से भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
अगर आप सिप में निवेश करने का सोच रहे है तो आपके पास डीमैट खाता होना अनिवार्य है। इसलिए सिप में अभी निवेश करने के लिए अभी डीमैट खाता खोले।
अभी डीमैट अकाउंट खोलने के लिए, निम्नलिखित अकाउंट में नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करें