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स्टॉक मार्केट में 19 अक्टबर, 1987 को ऐसा क्या हुआ था, जिससे कई निवेशकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा और कुछ की मृत्यु भी हो गई थी? यह जानने के लिए यहां आप ब्लैक मंडे 1987 स्टॉक मार्केट क्रैश का पूरा विवरण प्राप्त कर सकते हैं, जिससे दुनिया भर के लोगों को अपने द्वारा निवेशित सिक्योरिटीज में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था।
स्टॉक मार्केट क्रैश 1987 अक्टूबर में हुआ था जब अमेरिकी स्टॉक मार्केट के इतिहास में उस समय तक होने वाली सबसे बड़ी गिरावट थी।
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19 अक्टूबर, 1987 को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (डीजेआईए) में 22.6% की गिरावट आई थी जिसके कारण अकेले एक ही ट्रेडिंग सीजन में 509 अंक की गिरावट आ गई थी।
यह सब एक बार में नही हुआ था, यह क्रैश उस समय मार्केट में लगातार होने वाली परेशानियों की प्रतिक्रिया का ही परिणाम था।
स्टॉक मार्केट क्रैश 1987 के क्रैश, तथ्यों, कारणों और प्रभावों का पूरा विवरण यहा से प्राप्त करें। ऐसी घटनाएं बहुत अप्रत्याशित होती है तो जरुरी है की आपको शेयर मार्केट को कैसे समझें, इसके बारे में भी ट्रेडिंग करने से पहले पढ़ना चाहिए।
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ब्लैक मंडे 1987 क्रैश
जब इस स्टॉक मार्केट क्रैश की बात आती है, तो वॉल स्ट्रीट में हाइलायट करने के लिए घटनाओं की एक सूची है। हालांकि, कुछ उल्लेखनीय घटनाओं ने मार्केट को हिलाकर रख दिया था और स्टॉक मार्केट में इन सबका सबसे बड़ा प्रभाव कुछ गणनीय निवेशको पर पड़ा।
उन अविस्मरणीय स्टॉक मार्केट क्रैश में से एक 1987 में हुआ था जब एक ही दिन में डॉव में सबसे बड़ी गिरावट 22.6% दर्ज हुई थी। यह क्रैश अमेरिकी ट्रेड में उस समय की सबसे बड़ी गिरावट थी।
1987 में इंटरनेट और वैश्वीकरण की अवधारणा मार्केट और लोगों के लिए नई थी। इस नई प्रगति ने दुनिया के विभिन्न देशों को एक साथ लाया और उन्हें तकनीकी रूप से परस्पर जोड़ा।
वैश्वीकरण के इस युग में और देशों के बीच दूरी को कम करने के लिए ब्लैक मंडे 1987 में लगातार होने वाली ऐसी घटनाओं के कारण हुआ, जिसने वैश्वीकरण की अवधारणा को रेखांकित किया।
हालाँकि, स्टॉक मार्केट क्रैश 1929 की तुलना में मार्केट ने तेज़ी से अपनी स्थिति को स्थिर कर लिया था, लेकिन स्टॉक मार्केट को ठीक से सम्भलने में एक दशक लग गया था।
जबकि स्टॉक मार्केट क्रैश 1987 ने जल्द ही 2 वर्षों में अपनी स्थिति संभाल ली और मार्केट में अपने मूल स्वरूप को वापिस पा लिया। लेकिन इसका मतलब यह नही है की इस क्रैश ने मार्केट में कोई आघात नही किया या इसका कोई प्रभाव नही पड़ा।
वास्तव में, ब्लैक मंडे क्रैश 1987 से मार्केट में भारी नुक़सान हुआ जिससे बाद के कुछ दिनो में मार्केट में 20% की बड़ी गिरावट के साथ दुनिया भर में आर्थिक संकट पैदा हो गया था।
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ब्लैक मंडे 1987 के तथ्य
ब्लैक मंडे 1987 क्रैश अचानक नहीं हुआ था। वास्तव में, यह क्रैश होने के दिन से पहले कई चेतावनी संकेत प्रदर्शित किए गए थे।
हमने यहा स्टॉक मार्केट क्रैश 1987 के कुछ तथ्य हाइलाइट किए गए हैं:
- ब्लैक मंडे में एक दिन में डीजेआईए ने एक दिन में ही कई अंक खो दिए :
- हमारे कहने का मतलब यह है की उस दिन डॉव में डीजेआईए 508 अंको से 22.61 प्रतिशत तक नीचे गिर गया था।
अक्टूबर में इस तूफ़ान ने काफ़ी हलचल मचाई जब फ़ेडरल सरकार ने ट्रेड में कमी और डॉलर की क़ीमत में गिरवाट की उम्मीद की थी। जिससे मार्केट में अतिरिक्त अस्थिरता आ गयी थी।
इससे पहले 14 अक्टूबर 1987 को मार्केट में गिरावट शुरू हो गयी थी, जो की डॉव में पहले दिन 4% और दूसरे दिन 2.5% दर्ज हुई थी। इसलिए 16 अक्टूबर के बाद से लोग के बीच इस घटना को आमतौर पर “ट्रिपल विचिंग” के रूप में जाना गया। क्यूँकि इसमें एक ही दिन में कई विकल्पों और वायदों की मासिक समाप्ति हुई थी।
इस घटना के बाद, दिन के अंत तक डॉव आगे लंदन स्टॉक मार्केट में विनाशकारी नुक़सान के लिए 4.6% तक गिर जाता है।
19 अक्टूबर को, इस क्रैश ने हांगकांग के मार्केट को प्रभावित किया और फिर जल्द ही पूरे एशिया में फैलने के बाद यूरोप और अमेरिका में भी फैल गया। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ऐसी होने वाली लगातार सभी घटनाओं के साथ, डीजेआईए के 500 से अधिक अंक और एसएंडपी 500 के 55 से अधिक अंक गिर गए।
उन घटनाओं ने निवेशको को लिक्विडेट पोजीशन पर स्थानांतरित कर दिया जिसके परिणामस्वरूप सेल ऑर्डर की संख्या बढ़ गयी।
1987 में स्टॉक मार्केट क्रैश होने से न्यूज़ीलैंड के स्टॉक मार्केट में भी 60% तक की गिरावट दर्ज की गई जबकि अमेरिका में डीजेआईए खुलते हाई क्रैश हो गया और उस दिन के अंत तक वह 508 अंको के साथ 22.6% तक गिर गया।
लिटल स्टॉक ऐपल ने साल की शुरुआत $0.73 के एक शेयर के साथ की थी और फिर कुछ समय के बाद ही इस शेयर की क़ीमत $2.08 के उच्चतम स्तर तक पहुँच गयी और इसी तरह 10 महीनों में यह शेयर 140% बढ़ गया था।
जैसे ही मार्केट में बिक्री शुरू हुई वैसे ही ऐपल को 01 अक्टूबर से 16 अक्टूबर $0.36 यानी लगभग 17% का नुक़सान हो गया था। इसके अलावा, 19 अक्टूबर, 1987, ब्लैक मंडे के दिन ऐपल का मूल्य एक ही दिन में $0.42 या 24% तक गिर कर $1.30 तक पहुँच गया।
ब्लैक मंडे 1987 के कारण
ब्लैक मंडे 1987 की घटनाओं के विश्लेषण पर, कई नियामक और अर्थशास्त्री प्राथमिक कारणों के साथ आए, जिनहोने मार्केट में हुए इस क्रैश में योगदान दिया।
1987 से कुछ साल पहले कई अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने अमेरिकी स्टॉक मार्केट में सक्रिय रूप से भाग लिया था, जो स्टॉक की कीमतों में तेजी से पूर्व संकट की सराहना करते थे। इसके साथ ही, इन सब में एक नई निवेश फर्म “पोर्टफोलियो बीमा” लोकप्रिय हो जाती है जिससे मार्केट में विकल्पों और डेरिवेटिव के उपयोग को बढ़ा दिया है।
इस क्रैश के प्रारम्भिक चरणो ने नुक़सान की गति को तेज़ कर दिया और बिक्री के लिए नए दौर को जन्म दिया।
हमने ब्लैक मंडे 1987 के कुछ बड़े कारणो को हाइलाइट करके नीचे सूचीबद्ध किया गया है।
डॉलर की घटती क़ीमतें
स्टॉक मार्केट क्रैश 1987 से कुछ हफ्ते पहले फ़ेडरल सरकार ने ट्रेड में हो रहे घाटो के विस्तार के बारे में एक समाचार प्रकाशित किया था। जिसने वित्तीय मार्केट को हिला कर रख दिया और आखिरकार अमेरिकी डॉलर की क़ीमत में भी कमी आ गई।
डॉलर के कमज़ोर होने से जिससे ब्याज दरों में वृद्धि हुई। फिर यह ख़बर जल्दी ही फैल गयी जिससे स्टॉक मार्केट में तूफ़ान आ गया जिसने 16 अक्टूबर से शेयरों को नीचे उतारना शुरू कर दिया। इसी के कारण डॉव में 4.6% की गिरावट आयी और ऐसे हाई ब्लैक मंडे की गिरावट की शुरुआत हुई।
बुल मार्केट में अतिदेय सुधार
मार्केट एनालिस्ट के अनुसार, यह पाया गया है कि ब्लैक मार्केट क्रैश 1987 को एक लंबी अवधि के लिए बुल मार्केट के अति-सुधार के कारण चलाया गया था। बुल मार्केट 1987 के पांचवें वर्ष में भी कीमतों में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप मार्केट क्रैश हो गई थी।
विस्तृत मीडिया कवरेज
हालाँकि, मीडिया को सीधे तौर पर इस दुर्घटना के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि स्टॉक मार्केट की अद्यतन खबरों ने निवेशकों के मन में घबराहट की स्थिति उत्पन कर दी थी।। और उसी समय, टेलीविजन ने मार्केट में प्रवेश किया और वैश्वीकरण ही उसका शुरुआती चेहरा बन गया था।
इसने पूरी दुनिया भर के लोगों को टेलीविज़न पर स्टॉक मार्केट क्रैश को समय पे वास्तविक रूप में दिखाया।
ब्लैक मंडे में अधिक से अधिक निवेशक आए और उन्होंने त्वरित स्थिति में अपने उस समय स्तिथ पोर्टफोलियो को बेचना शुरू कर दिया।
पोर्टफोलियो बीमा
जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, की पोर्टफोलियो बीमा को ब्लैक मंडे का एक प्रमुख कारण भी माना जाता था। क्यूँकि पोर्टफोलियो बीमा में जोखिम भरे विकल्पों और डेरिवेटिव का ट्रेड भी शामिल था, जिसके परिणामस्वरूप अंततः स्टॉक मार्केट में गिरावट आई।
इसमें जोखिम भरे शेयरों की निरंतर ट्रेडिंग ने कुछ ख़तरों को बढ़ा दिया और साथ ही स्टॉक मार्केट नियमकों की स्थिरता को प्रभावित किया जो अंततः “सर्किट-ब्रेकेर” लागू करने के लिए प्रेरित किया।
इसके साथ, इनके स्टॉक में ट्रेडिंग बंद हो गई और एक्सचेंज ने अत्यधिक अस्थिरता और बड़े नुकसान का भी अनुभव किया।
डिजिटल ट्रेडिंग
एक अन्य कारक जिसे ब्लैक मंडे 1987 का कारण माना गया था, वह कम्प्यूटरीकृत अर्धात प्रोग्राम ट्रेडिंग था। इसको कई निवेशकों और कंपनियों द्वारा दुर्घटना का सबसे बड़ा कारक माना गया था लेकिन कई देशों ने फिर भी स्टॉक मार्केट में प्रोग्राम ट्रेडिंग फेस गंभीरता का उपयोग नहीं किया था।
प्रोग्राम ट्रेडिंग में, कंप्यूटरो को बड़ी संख्या में किसी भी स्टॉक में ट्रेड करने के लिए स्वचालित रूप से प्रोग्राम किया गया था।
चूंकि कई लोग इस प्रकार के ट्रेड से पूरी तरह वाकिफ नहीं थे, इसलिए बड़े स्टॉक ट्रेडर ने मार्केट में विस्फोट कर दिया, जिससे इसकी स्थिति और खराब हो गई थी और ब्लैक मंडे का और अधिक खतरा पैदा हो गया।
ब्लैक मंडे 1987 के प्रभाव
चूंकि स्टॉक मार्केट क्रैश 1987 ने दुनिया के लगभग हर देश को प्रभावित किया था, इसलिए इसका प्रभाव निवेशकों की आत्महत्या के बढ़ते परिणामों और उनकी मृत्यु की संख्या के साथ देखा गया था।
न्यूजीलैंड में, अक्टूबर 1987 के क्रैश के प्रभावों ने वहां की वास्तविक अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक प्रभाव डाला और इस तरह लंबे समय तक वहाँ की मंदी में अपना योगदान दिया। कई बड़े व्यवसाय जो न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार करते थे वो इसकी वजह से ख़त्म हो गए थे।
जापान में इस क्रैश को ब्लू टयूज़्डे के नाम से जाना जाता है क्यूँकि इस दिन टोक्यो मार्केट में एक हाई दिन में 14.9% की गिरावट दर्ज की गयी थी। इसके परिणामस्वरूप न्यूयॉर्क के बाद मार्केट में 421 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुक़सान हुआ। जहाँ पूरी दुनिया में इस क्रैश में 500 बिलियन डॉलर का नुक़सान हुआ।
यूके में, इस क्रैश की गति बहुत ही तेज़ देखी गई थी। जहाँ एफटीएसई 100 में 136 अंकों की गिरावट दर्ज हुई वही मार्केट में 23% की गिरावट आई थी।
निष्कर्ष
ब्लैक मंडे 1987 का प्राथमिक कारण प्रोग्राम ट्रेडिंग था। जो स्टॉक मार्केट में होने वाली सभी गतिविधि को रोकता था। और इसके साथ ही, जिन निवेशको ने मैकेनिकल ट्रेडिंग के विकल्प को चुना था वह भी इस क्रैश से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
हालांकि इस स्टॉक मार्केट क्रैश 1987 के कई कारण ऐसे भी थे जिनका सटीक उत्प्रेरक कारण अभी भी अज्ञात है। यह क्रैश मार्केट में सर्किट ब्रेकरों के कार्यान्वयन के कारण हुई थी और इसने मार्केट की अन्य अनियमितताओं को भी धीमा कर दिया जिससे मार्केट को अपने सुधारों के साथ उठने के लिए अधिक समय मिल गया था।
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