क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है?

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पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के जो ट्रेंड आ रहे है, उनसे पता चलता है कि यह बहुत ही अच्छा इन्वेस्टमेंट विकल्प है। लेकिन क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है? 

निवेश विकल्पों की विशाल सूची के बीच, पीएमएस सेवाओं को अक्सर एक कारण या दूसरे के लिए अनदेखा किया जाता है। मुख्य रूप से, इन्वेस्टमेंट टूल, हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) के साथ जुड़ा हुआ है।

ग्राहक पीएमएस कंपनियों से संपर्क करते हैं। उनका पहला प्रश्न यही होता है कि पीएमएस हाउस कैसे कार्य करता है? आमतौर पर स्टॉकब्रोकर और निवेश प्रबंधन कंपनियां ग्राहकों की ओर से पोर्टफोलियो के प्रबंधन के उद्देश्य को पूरा करती है।

पोर्टफोलियो स्टॉक में किए गए निवेश या वित्तीय साधनों जैसे कि डेरिवेटिव, शेयर, इक्विटी, कमोडिटी, इत्यादि के संयोजन होते हैं।

किसी भी इन्वेस्टमेंट में निवेश करने से पहले निवेशक बहुत विचार करता है। यह विचार वित्तीय साधन, निवेश की मात्रा, जोखिम कारक, आदि को लेकर हो सकता है।

पीएमएस  में न्यूनतम इन्वेस्टमेंट 50 लाख रुपए की होती है। इसलिए यह प्रश्न जायज़ है- क्या पीएमएस अच्छी इन्वेस्टमेंट है? 

यहाँ पर हम क्लाइंट्स को दिए जाने वालो लाभों और इस इन्वेस्टमेंट में क्या रिस्क है, इस बारे में बात करेंगे। 


पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की विशेषताएं 

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के लाभों को जानने के लिए, हमे पहले इनका मूल्यांकन करना होगा।

सबसे पहले पीएमएस की विशेषताओं के साथ शुरू करते है-

  1. उच्च रिटर्न- पीएमएस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी इन्वेस्टमेंट में उच्च रिटर्न मिलता है। पोर्टफ़ोलियो का प्रबंधन पेशेवर निधि प्रबंधकों द्वारा किया जाता है, जिनको  वर्षों का अनुभव होता है और यह   ग्राहक की उम्मीदों को पूरा करते हैं।
  2. पोर्टफोलियो की स्वायत्तता – पीएमएस सेवा का चयन करने वाले निवेशक अपने पोर्टफोलियो पर पूर्ण स्वायत्तता का आनंद लेते हैं। निवेशक के पास निवेश की खरीद, बिक्री और समय के बारे में पूर्ण जानकारी होती है।
  3. नियमित रूप से निवेश करना- निवेशक अपने निवेश पर सबसे लाभ कमाना चाहता  हैं ऐसा वह  पीएमएस के माध्यम से नियमित और व्यवस्थित रूप से निवेश कर हासिल कर सकते हैं। नियमित रूप से छोटे निवेश करने से समय के साथ मुनाफा बढ़ सकता है।
  4. सही निर्णय – कुछ निवेशक  को ज्ञान या अपेक्षित अनुभव की कमी होती है, जिसके कारण उनको पोर्टफोलियो  एक कठिन कार्य लगता है निवेश का अर्थ है  सही निर्णय लेना या दूसरे शब्दों में – सही समय पर सही स्टॉक  का चयन करना।
  5. इन्वेस्टमेंट को ट्रैक करने में आसानी- पेशेवरों द्वारा प्रबंधित एक विविध पोर्टफोलियो होने से सभी परिसंपत्तियों का ट्रैक रखने में एक निवेशक को आसानी होती है। कई परिसंपत्तियों में निवेश करना कभी-कभी भ्रामक हो सकता है और इसलिए कुछ निवेशक एक ही पोर्टफोलियो में कई परिसंपत्तियों को मिलाकर चुनते हैं।

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के नुकसान

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का सबसे बड़ा नुकसान यह है,कि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में प्रारंभिक न्यूनतम निवेश पूंजी अधिक होती है,इससे  आमतौर पर निवेशक डर जाता है।

इसके इलावा पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कुछ अन्य नुकसान भी है, जिसके बारे में इन्वेस्टर को पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।

पीएमएस के नुकसान की वर्णन नीचे किया गया है-

  1. न्यूनतम निवेश राशि- पीएमएस का सबसे बड़ा नुकसान इसका प्रारंभिक न्यूनतम निवेश है, जो बहुत अधिक है । इन्वेस्टर कम से कम 50 लाख रुपए की पूंजी निवेश करके ही,पीएमएस सर्विसेज की उपयोग कर सकता है। यह कई रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए बाधा साबित होती है।
  2. पोर्टफोलियो का विविधीकरण – विविधता ठीक होती है, लेकिन कभी-कभी इन्वेस्टर कार्य के साथ ओवरबोर्ड जा सकते हैं। विभिन्न वित्तीय साधनों पर निवेश करना आपके पक्ष में काम कर सकता है, और वही यह नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। निवेशक एक शेयर में निवेश करने से संभावित लाभ को खो भी  सकता सकता है ।

एक बार पीएमएस की पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद आपको यह जानकारी भी होनी चाहिए कि इन्वेस्टर किस पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज में कैसे इन्वेस्ट करे।


निष्कर्ष

क्या पोर्टफोलियो प्रबंधन अच्छी इन्वेस्टमेंट है? संक्षेप में, हाँ । वैसे, कई कारण हैं जो इस सेवा को एक अच्छा विकल्प बनाते हैं। हालांकि, इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप इस निवेश से सबसे अधिक लाभ कमा सकते हो।

इसमें इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो का ध्यान  प्रोफेशनल पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा रखा जाता है ताकि इन्वेस्टर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।

एक इन्वेस्टर जिसके पास निवेश में अनुभव और विशेषज्ञता का अभाव है, वह पीएमएस सेवा की सदस्यता का चयन कर सकता है। इसके अलावा, इन्वेस्टर को अपने निवेश पर पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त होती है और वे अपने विवेक के अनुसार लेनदेन कर सकते हैं।

जहाँ पीएमएस सर्विसेज के कई लाभ है, वही इसके कुछ नुकसान भी है। पीएमएस सेवाओं का लाभ केवल कम से कम 50 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी लगाने  वाले इन्वेस्टर को ही मिल सकता है।

इसलिए, यह कई रिटेल इन्वेस्टर के लिए एक बाधा बन जाता है। जिसके बाद वह अन्य कम महंगे फाइनेंशियल सेक्टर का विकल्प चुन लेते हैं।


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