मोतीलाल ओसवाल पीएमएस 

हमारा यह लेख मोतीलाल ओसवाल पीएमएस सेवाओं से सम्बंधित हैं। इसमें हम आपको इस सेवा से जुड़ी सारी जानकारी देंगे, यदि आप इस सेवा का लाभ उठाना चाहतें है तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़िए।

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस सेवा देश की सबसे अच्छी और निश्चित रूप से सबसे प्रमुख पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं में से एक है।

यह ग्राहक की जोखिम उठाने की क्षमता और उसके निवेश करने के उद्देश्य के अनुसार ग्राहक का एक पोर्टफोलियो बनाता है। यह पोर्टफोलियो स्टॉक, डेब्ट और म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय साधनों का उपयोग करके बनाया जाता है।

आइये, अब विश्लेषण के द्वारा इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें-


मोतीलाल ओसवाल पीएमएस का विश्लेषण 

मोतीलाल ओसवाल भारत के सबसे बड़े ब्रोकिंग समूह में से एक हैं। इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1987 में रामदेव अग्रवाल और मोतीलाल ओसवाल के द्वारा की गयी थी। इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।  

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस की पोर्टफोलिओ प्रबंधन सेवा अपने प्रदर्शन के लिए निवेशकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के अनुभवी विशेषज्ञ ट्रेडर्स के निवेश करने के उद्देश्य और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार पोर्टफोलियो बनाती हैं। 

पोर्टफोलियो किसी विशेष वित्तीय साधन से नहीं बनता है, बल्कि यह स्टॉक, डेब्ट और म्यूचुअल फंड से बनता है।

इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के बनाने का उद्देश्य निवेशक के जोखिम को कम करके अधिक रिटर्न अर्जित करना है। इसके लिए, कंपनी के पास तकनीकी विश्लेषण, स्मॉल-कैप और मिड-कैप की वह अपनी भरोसेमंद अनुभवी टीमें हैं।

कंपनी के पास जितने विशेषज्ञ हैं, वे प्रत्येक ग्राहक के पोर्टफोलियो को प्रबंधित करते हैं।

मोतीलाल ओसवाल की पीएमएस सेवा हाई नेटवर्थ इन्वेस्टर्स ( HNI ) के बीच बहुत लोकप्रिय है। इन निवेशकों को  जोखिम उठाने के प्रबंधन, नियमित विश्लेषण आदि जैसे लाभ मिलते हैं। 

इस लेख में हम मोतीलाल ओसवाल पीएमएस से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा करेगें जैसे कि, पीएमएस के प्रकार,रणनीति, लाभ, कमीशन मॉडल, ग्राहक की सहायता, निवेश योजनाएं , प्रदर्शन / रिटर्न आदि।


मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के प्रकार 

मोतीलाल ओसवाल अपने ग्राहकों को दोनों प्रकार की पीएमएस सेवाएं- डिस्क्रिशनरी पीएमएस और नॉन-डिस्क्रिशनरी पीएमएस प्रदान करता हैं। लेकिन, ज्यादातर ग्राहक डिस्क्रिशनरी पीएमएस सेवा लेने के लिए कंपनी में जाते हैं।

डिस्क्रिशनरी पीएमएस 

फर्म के द्वारा दी जाने वाली डिस्क्रिशनरी सेवा बहुत आकर्षक है। क्योंकि यह अपने ग्राहकों को विभिन्न सुविधायें प्रदान करते हैं।

इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है कि ग्राहक अपने निवेश पोर्टफोलियो के लिए अनुभवी प्रबंधन सेवाएं प्राप्त करते हैं फिर ग्राहक को अपने पोर्टफोलियो के बारे में चिंता करने की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है।

नियुक्त फंड मैनेजर निवेशक के पोर्टफोलियो को नियमित रुप से देखता है। और निवेशक के पोर्टफोलियो का प्रदर्शन कैसे करना है यह पूरी तरह से फंड मैनेजर के हाथ में होता है।

फंड मैनेजर निवेशक को अच्छा रिटर्न देने के लिए निवेशक के पोर्टफोलियो में से किसी एसेट को जोड़ भी सकता है और निकाल भी सकता है।

इसका मतलब ये हुआ कि बेहतर रिटर्न के लिए आपको अपने फंड की निवेश प्रक्रिया को जानने की भी जरुरत नहीं है। ये पूरी तरह से फंड मैनेजर पर निर्भर करता है।

नॉन डिस्क्रिशनरी पीएमएस 

नॉन डिस्क्रिशनरी पीएमएस के अंतर्गत ग्राहक अपने निवेशक पोर्टफोलियो की जिम्मेदारी खुद लेता है। फंड मैनेजर ग्राहक को निवेश के लिए सिर्फ बेहतर सुझाव दे सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय केवल एक ग्राहक के हाथों में ही रहता है।  


मोतीलाल ओसवाल पीएमएस मैनेजर का विवरण 

यहाँ पर उन टॉप मैनेजर का विवरण दिया गया है जो मुख्य रूप से HNI ग्राहकों के पोर्टफोलियो को सँभालते हैं। तो आइये, यहाँ एक नजर डालते हैं-

श्रेय लूंकर ( सीनियर वाईस प्रेजिडेंट)

श्री लूंकर ने वर्ष 2005 में आईसीएआई मुंबई से चार्टर्ड अकाउंटेंसी पूरी की। उन्होंने वर्ष 2009 में सीएफए इंस्टीट्यूट, यूएसए से सीएफए भी किया। उनके पास वित्त के क्षेत्र में 13 से भी अधिक वर्षों का अनुभव है। 

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस में शामिल होने से पहले, वे रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट के साथ एक फंड मैनेजर के रूप में जुड़े हुए थे, फिर उन्होंने 11 साल तक रिलायंस बैंकिंग के साथ और 2 साल तक अर्न्स्ट एंड यंग प्राइवेट.लिमिटेड.इंडिया के साथ काम किया।  

आकाश सिंघानिया (सीनियर वाईस प्रेजिडेंट)

श्री आकाश को फंड मनेजमेंट के क्षेत्र में 11वर्षों से भी अधिक का अनुभव है और वित्तीय क्षेत्र में उनको कुल मिलाकर 13 वर्षों का अनुभव है। 

अभी, वह मोतीलाल ओसवाल मिडकैप 30 फंड में एक फंड मैनेजर की पोस्ट पर हैं। इससे पहले, वह डीएचएफएल प्रामेरिका एएमसी, ड्यूश एएमसी-डीडब्ल्यूएस म्यूचुअल फंड हेड में डिप्टी सीआईओ इक्विटी थे और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में सीनियर एनालिस्ट-पीएमएस के रूप में काम करते थे।

उन्होंने पीडब्ल्यूसी,केपीएमजी,अर्न्स्ट एंड यंग में एक वरिष्ठ पद पर भी काम किया है।

श्री सिंघानिया ने आईआईएम, लखनऊ, कंपनी सचिव- आईसीएसआई 2001से पोस्ट ग्रेजुएट मैनेजमेंट (PGDBM) किया है और ऑडिटिंग एंड एकाउंटिंग ICAI-2001 से चार्टर अकाउंटेंसी की है।


मोतीलाल ओसवाल पीएमएस की रणनीतियाँ  

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस ग्राहकों के निवेश पोर्टफोलियो के लिए विभिन्न रणनीतियाँ प्रदान करता है, जो निवेशकों के उद्देश्य और आवश्यकताओं के अनुकूल है।

अब हम मोतीलाल ओसवाल की प्रत्येक रणनीति के बारे में जानेंगे और उनके बारे में बात करेंगे-

  • वैल्यू स्ट्रेट्जी 
  • नेक्स्ट ट्रिलियन डॉलर ऑपरचुनिटी
  • इंडिया ऑपरचुनिटी पोर्टफोलियो स्ट्रेट्जी

वैल्यू स्ट्रेट्जी 

वैल्यू स्ट्रेट्जी का मुख्य उद्देश्य लार्ज-कैप कंपनियों के माध्यम से लोंग टर्म तक निवेश करना है जो पोर्टफोलियो को निरंतर और स्थिर विकास देता है। ये स्ट्रेट्जी उन निवेशकों के लिए है जो एक अच्छे विकास के लिए लम्बे समय तक रुक सकते हैं।

इस रणनीति के तहत, अच्छी और बढ़ती कंपनियों में निवेश किया जाता है, और अनुभवी ट्रेड प्रबंधकों के अंतर्गत इन कंपनियों को प्रबंधित किया जाता है।

इस रणनीति का काम करने का स्टाइल मार्केट में पीएमएस हाउस द्वारा उपयोग की जाने वाली ज़्यादातर  रणनीतियों से बहुत अलग है।

इस रणनीति के अंतर्गत, बिना कुछ सोचे-समझे शेयरों को खरीदा जाता है और ओवरवैल्यूड शेयरों को बेचा जाता है, चाहे वे इंडेक्स मूवमेंट से अलग हों।

वर्तमान समय में, वैल्यू स्ट्रेट्जी पोर्टफोलियो में 22 स्टॉक हैं और यह स्ट्रेट्जी इंडेक्स के तहत लगातार 14 वर्षों से बेहतर प्रदर्शन करती आ रही है।

नेक्स्ट ट्रिलियन डॉलर ऑपरचुनिटी 

नेक्स्ट ट्रिलियन डॉलर ऑपरचुनिटी दूसरी सबसे अच्छी स्ट्रेट्जी है जो मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के द्वारा प्रयोग की जाती है। इस स्ट्रेट्जी के अंतर्गत, निवेश पोर्टफोलियो में मल्टी-कैप स्टॉक शामिल हैं।

इस स्ट्रेट्जी के थीम के पीछे का उद्देश्य  ‘नेक्स्ट ट्रिलियन-डॉलर जीडीपी वृद्धि के अवसर’ में निवेश करना है। इस थीम के नाम का मतलब और उद्देश्य बढ़ते हुए व्यवसायों और क्षेत्रों में निवेश करना है, जिससे निवेशकों और ट्रेडर्स का भविष्य उज्ज्वल हो और उन्हें बेहतर विकास का अवसर प्राप्त हो सके। 

इस स्ट्रेट्जी का थीम ऐसे क्षेत्रों के आसपास विकसित होता है जो जीडीपी वृद्धि से लाभ प्राप्त करते हैं और वे कंसम्पशन सेक्टर, बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर,और भारतीय अर्थव्यवस्था में इंफ्रास्ट्रक्चर और उनसे संबंधित सेवाएँ हैं।

वर्तमान समय में, नेक्स्ट ट्रिलियन-डॉलर ऑपरचुनिटी में 26 स्टॉक हैं।

इंडिया ऑपरचुनिटी पोर्टफोलियो स्ट्रेट्जी

इंडिया ऑपरचुनिटी पोर्टफोलियो स्ट्रेट्जी, तीसरी सबसे असरदार स्ट्रेट्जी है जो मोतीलाल ओसवाल पोर्टफोलियो स्ट्रेट्जी के द्वारा प्रयोग की जाती है। 

इस स्ट्रेट्जी का उद्देश्य उन कंपनियों में निवेश करके विकास को बढ़ाना है, जो कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ बढ़ने की उम्मीद रखती हैं। 

यह रणनीति एक मल्टी-कैप स्ट्रेट्जी है जिसका मतलब ये है कि इसका पूरी मार्केट में एक्सपोज़र है। जिसमें   लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शामिल है। 

यह विभिन्न मार्केट के रुझानों को लाभ प्राप्त करने में मदद करता है।

अभी इस समय इंडिया ऑपरचुनिटी पोर्टफोलियो स्ट्रेट्जी में 20 स्टॉक्स हैं। ये उच्च जोखिम और उच्च रिटर्न की स्ट्रेट्जी है।

इसलिए, उपरोक्त तीनों रणनीतियों का उपयोग मोतीलाल ओसवाल पीएमएस द्वारा पोर्टफोलियो निवेशकों को उनकी इच्छा अनुसार रिटर्न देने के साथ और भी अधिक रिटर्न देने के लिए किया जाता है।


मोतिलाल ओसवाल पीएमएस प्रदर्शन और रिटर्न 

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस की निवेशक पोर्टफोलियो का प्रदर्शन बेहद अच्छा रहा है, सभी रणनीतियों ने निवेशकों को मार्केट से अच्छा रिटर्न दिया है और फर्म ने तो 10 सालों के म्यूचुअल फंड रिटर्न से भी अच्छा रिटर्न दिया है। 

यहाँ अगर हम पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस रिटर्न/पोर्टफोलिओ प्रबंधन सेवा के रिटर्न की बात करेंगे तो हम इसके बारे में ये देख सकतें है-

  • 3 वर्षों का रिटर्न करीब 13% है। 
  • 5 वर्षों का रिटर्न 12% के करीब है।
  • 7 वर्षों के लिए ये 17% है।
  • 10 सालों के लिए 20% है।
  • और 11 से अधिक वर्षों के लिए लगभग 25%CAGR है।  

इसलिए, हम यह देख सकते हैं कि मोतीलाल ओसवाल का रिटर्न ग्राहकों को कंपनी के प्रति आकर्षित करने के लिए काफी आकर्षक है।


मोतीलाल ओसवाल पीएमएस योजनाएँ 

मोतीलाल ओसवाल अपने ग्राहकों के लिए 4 प्रकार की योजनाएँ  प्रदान करता है। यहाँ ग्राहक खुद अपनी आर्थिक सुविधा के अनुसार इनमें से किसी एक योजना को चुनता है। 

यह योजना ब्रोंज श्रेणी के तहत सेबी के द्वारा निर्धारित न्यूनतम निवेश राशि से शुरू होती है जो उच्च निवेश राशि की श्रेणी में अधिक हो जाती है।

नीचे दिए गए विवरण के अनुसार हम आपको निवेशक योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो इस प्रकार है-

  • ब्रोंज  (₹25L – ₹50L)
  • सिल्वर (₹50L – ₹1Cr)
  • गोल्ड (₹1Cr – ₹5 Cr)
  • प्लेटिनम (₹5 Cr और उससे अधिक)

ऊपर बताई गई योजनाएँ अलग अलग प्रकार की योजना हैं जो अलग अलग केटेगरी के ग्राहकों के लिए है। अब हम इन योजनाओं के बारे में आपको विस्तृत रूप से बताएंगे। जैसे कि-

  • सबसे पहली ब्रोंज योजना है। ये 25 लाख से शुरू होकर 50 लाख तक है। यह योजना उन निवेशकों के लिए है जो निवेशक, पोर्टफोलियो निवेश में ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।
  • दूसरी निवेशक योजना सिल्वर योजना है और इस योजना के तहत निवेश राशि की लिमिट ₹ 50 लाख से 1 करोड़ है। 
  • तीसरी निवेशक योजना गोल्ड योजना है और इसकी निवेश राशि 1 करोड़ तक से 5 करोड़ तक की है। 
  • आखिर में जो मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के द्वारा निवेशक योजना प्रदान की जाती है वह प्लैटिनम योजना है। यह निवेश योजना हाई प्रोफ़ाइल निवेशकों के लिए बनाई गई है जो पोर्टफोलियो निवेश में उच्च राशि का निवेश करना चाहते हैं।

अगर आप भी एक ऐसे निवेशक हैं जो एक अच्छा रिटर्न पाने के लिए 5 करोड़ से अधिक राशि अपने निवेशक पोर्टफोलियो में निवेश कर सकतें है और साथ ही जोखिम उठाने की क्षमता भी रखते है तो ये योजना आपके लिए सही है।


मोतीलाल ओसवाल PMS कमिशन मॉडल

अब हम मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के द्वारा लिए जाने वाले कमीशन या फीस के बारे में बात करेंगे।

अन्य पीएमएस समूहों की तरह, मोतीलाल ओसवाल भी पोर्टफोलियो सेवा के लिए ग्राहकों से कुछ प्रतिशत कमीशन लेते हैं।

कमीशन का प्रतिशत, फीस के विभिन्न मॉडलों पर निर्भर करता है जिसको ग्राहक और फंड मैनेजर कमीशन का भुगतान करने के लिए चुनते हैं।

इसमें विभिन्न प्रकार के कारक हैं, जो कमीशन के मॉडल को तय करते हैं इनमें ग्राहक और पीएमएस हाउस दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

ये दोनों पक्षों की सुविधा के अनुसार ही कमीशन के मॉडल को आपसी सहमति के द्वारा तय करते हैं।

यहाँ पर तीन अलग-अलग प्रकार के कमीशन मॉडल के नाम दिए गए हैं जो निम्नलिखित प्रकार हैं- 

  • प्रीपेड कमीशन / शुल्क मॉडल
  • वॉल्यूम-आधारित कमीशन / शुल्क मॉडल।
  • लाभ-साझेदारी आधारित कमीशन / शुल्क मॉडल

प्रीपेड कमीशन मॉडल 

हम कमीशन शुल्क मॉडल से बात करना शुरू करेंगे। इस मॉडल के अंतर्गत, कमीशन / शुल्क प्री-पेड होता है। इसका मतलब यह हुआ कि एक ग्राहक के रूप में आपको अपने पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा को शुरू किए बिना ही एक फंड मैनेजर को कमीशन के रूप में पहले से ही भुगतान करना होता है। 

यह मॉडल हाई लिमिट तक फंड मैनेजर के पक्ष में हैं, लेकिन ये ग्राहक के पक्ष में ज्यादा नहीं है।

अगर ग्राहक शुरू में ही फंड मैनेजर को कमीशन फीस का भुगतान कर देता है तो फंड मैनेजर ग्राहक के पोर्टफोलियो पर काम करने में कम मेहनत करता है क्योंकि ग्राहक पहले से ही भुगतान कर चुके होते हैं।

यदि आपका पोर्टफोलियो प्रदर्शन नहीं करता है, तो फंड मैनेजर को भी नुकसान नहीं होता है। बस ग्राहक ही होता है जिसका दोनों तरफ से नुकसान होता है,उसे पोर्टफोलियो का भी और कमीशन फीस का भी नुकसान उठाना पड़ता है।  


वॉल्यूम-आधारित कमीशन मॉडल

वॉल्यूम-आधारित कमीशन मॉडल एक अन्य प्रकार का मॉडल है जिसके माध्यम से एक फंड मैनेजर के लिए भुगतान किया जा सकता है।

इस मॉडल के तहत, किसी ग्राहक के पोर्टफोलियो के पक्ष में पूर्ण किए गए लेनदेन की मात्रा के आधार पर एक फंड मैनेजर को भुगतान किया जाता है। 

लेकिन, इस मॉडल में सबसे महत्वपूर्ण चीज ग्राहक के फंड मैनेजर की गारंटी है। क्योंकि यह पूरी तरह से एक फंड मैनेजर के हाथ में निर्भर करता है कि लेन-देन कैसे करें।

यदि फंड मैनेजर सही है, तो वह केवल आपके पोर्टफोलियो के प्रदर्शन के लिए काम करेगा और उनके द्वारा किए गए लेनदेन सही होंगे।

लेकिन, अगर वह सही नहीं है, तो वह अधिक कमीशन बनाने के लिए अनावश्यक लेनदेन करके ट्रांसेक्शन की मात्रा बढ़ाएगा।

हालांकि, मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव भी इस मॉडल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रॉफिट शेयरिंग आधारित कमीशन मॉडल

प्रॉफिट शेयरिंग कमीशन मॉडल ग्राहकों के लिए सर्वश्रेष्ठ कमीशन मॉडलों में से एक है। इस मॉडल में, ग्राहक को अपने निवेश पोर्टफोलियो से लाभ प्राप्त करने के बाद ही कमीशन का भुगतान करना होता है।

दरअसल, यह इस मॉडल का नियम है कि इसमें न तो कोई लाभ होता है और न ही कोई कमीशन होती  है।

ये ग्राहकों के लिए बहुत बड़ी राहत है नहीं तो कई मामलों में ग्राहकों को पीएमएस हाउस से बिना कोई लाभ प्राप्त किये उनको फीस का भुगतान करना पड़ता है।

इस मामले में फंड मैनेजर भी अपनी सौ प्रतिशत मेहनत, लाभ प्राप्त करने में लगा देते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि ग्राहक अपने निवेश पोर्टफोलियो से लाभ प्राप्त करने के बाद ही उन्हें फीस भुगतान करेंगे।

इसमें कोई शक नहीं है, कि ग्राहक इस मॉडल को ही लेना चाहते हैं, लेकिन, यदि कोई फंड मैनेजर अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ है, तो उन्हें  कोई आपत्ति नहीं होती है। 

हमने मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के द्वारा दिए गए तीनों कमीशन मॉडल्स के बारे में ऊपर बात कर ली है।

अब हम नीचे दिए गए टेबल में प्रीपेड, वॉल्यूम और प्रॉफिट शेयरिंग के आधार पर लगने वाले कमीशन शुल्क के प्रतिशत के बारे में बात करेंगे। 


मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के शुल्क 

यहाँ पर उन शुल्कों की लिस्ट दी गयी है जो शुल्क कमीशन के अतिरिक्त मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के द्वारा लगाए जाते हैं।

मैनेजर फीस–  प्रबंधन फीस वे शुल्क हैं  जो ग्राहक और फंड मैनेजर द्वारा चुने गए कमीशन मॉडल के अनुसार फर्मों द्वारा लगाया जाता है।

 

अपफ्रंट फीस- यह एक ऐसी फीस है जिसमें ग्राहक को अपनी  पोर्टफोलियो सेवा शुरू करने से पहले शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। एसेट मूल्य के आधार पर शुल्क की सीमा 1% -2% है।   

ब्रोकरेज शुल्क- यह शुल्क फंड मैनेजर, खुद के द्वारा किए गए कुल ट्रांसेक्शन के आधार पर लगते हैं। इस शुल्क की सीमा 0.01% -0.05% है। अधिक जानकारी के लिए, आप इन मोतीलाल ओसवाल ब्रोकरेज योजनाओं की जांच कर स कते हैं।

डिपॉसिटरी फीस- एसेट वैल्यू के 0.15% -0.20% तक यह शुल्क लिया जाता है।

 

कस्टोडियन शुल्क: यह आपके पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए पीएमएस हाउस द्वारा लिया जाता है। शुल्क की सीमा 0.3% -0.4% के बीच है।

एग्जिट लोड फीस- यह फीस पोर्टफोलियो से राशि को निकालने पर लगाई जाती है। यदि कोई ग्राहक पोर्टफोलियो बनने के एक साल के अंदर राशि को निकालना चाहता है तो उस ग्राहक को निकाली गयी राशि पर 1.0% से 2.0% तक शुल्क लगेगा। 

यदि कोई ग्राहक एक साल बाद ये राशि निकालना चाहता है तो निकाली गयी राशि पर ये शुल्क 0.5% हो सकता है। 


मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के लाभ 

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के साथ ग्राहक को पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा के अनेक लाभ मिलते हैं जिनमें से कुछ  इस प्रकार हैं:-

  • स्टॉक का चयन मौलिक विश्लेषण के आधार जैसे कि कंपनी की ग्रोथ, भविष्य की संभावनाएं, वैल्यूएशन, कैश रिजर्व, इक्विटी पर रिटर्न आदि पर होता है।
  • वर्ष 2003 में शुरू की गई वैल्यू स्ट्रेट्जी में 14 वर्षों से अधिक का रिकॉर्ड ट्रैक है। इसने लगातार बेंचमार्क को पीछे छोड़ दिया है।
  • पीएमएस के प्लेटफार्म पर मोतीलाल ओसवाल के पास 20,624 से भी अधिक सक्रिय/एक्टिव ग्राहक हैं।
  • देश के 148 से अधिक शहरों में सक्रिय ग्राहकों का आधार हैं। इसका मतलब है कि कोई कहीं भी, किसी शहर में मोतीलाल ओसवाल की पीएमएस सेवा का लाभ पा सकता है।
  •  इनके पास ग्राहकों के अनुकूल निवेश योजनाएं और अच्छी तरह से केंद्रित पोर्टफोलियो निवेश है।
  •  इनके पास वेबसाइट के द्वारा ग्राहक को 24 * 7 पोर्टफोलियो तक पहुँचाने की सुविधा है। इसका मतलब  ये है कि यह किसी भी तरह से नकली नहीं है।
  •  यह वित्तीय वर्ष के अंत में सीए से टैक्स का विवरण प्रदान करता है।

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस के कस्टमर केयर की सेवाएं 

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस अपने ग्राहकों को उनके प्रश्नों के उत्तर के लिए कॉल और ईमेल सहायता प्रदान करता है। और यह व्हाट्सप्प सहायता भी प्रदान करता है।

प्रत्येक ग्राहक के लिए पीएमएस से सम्बंधित सहयता करने के लिए एक रिलेशनशिप मैनेजर होता है।

यदि कोई ग्राहक पीएमएस से सम्बंधित किसी भी प्रकार का प्रश्न पूछना चाहता है या किसी तरह का स्पष्टीकरण चाहता है तो वो महीने में 1 से 7 बार सीधे फंड मैनेजर को फ़ोन कर सकता है।

TAT समस्या के समाधान के सातों दिन काम करता है।


निष्कर्ष 

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस भारत की सर्वश्रेष्ठ पीएमएस सेवाओं में से एक है। इसके पास विभिन्न प्रकार की रणनीतियां हैं जो ग्राहकों के निवेश उद्देश्यों के अनुसार उपयोग की जाती हैं। 

मोतीलाल ओसवाल पीएमएस कंपनी की वैल्यू स्ट्रेट्जी ने मार्केट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। 

यह ग्राहकों को उनके अनुसार कमीशन मॉडल और कई निवेशक योजनाएं प्रदान करता है। 

यदि इनकी कस्टमर केयर सर्विस की बात की जाए तो वह भी बहुत सहायक है।  

कहने का मतलब यह है कि अगर आप अपने निवेश पोर्टफोलियो के लिए अच्छा रिटर्न चाहतें है तो आप ज़्यादा मत सोचिये। मोतीलाल पीएमएस आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।   

क्या आप अपने डिस्पोजेबल फंड के लिए पीएमएस का उपयोग करना चाहते हैं? यदि आपका जवाब हाँ है, तो आइये हम आपको आगे बढ़ने में मदद करेंगे। 

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