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इंट्राडे ट्रेडिंग में सफल होने के लिए ज़रूरी है मार्केट को सही से समझना जिसके लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस टूल्स, चार्ट और इंडिकेटर की ज़रुरत पड़ती है। तो यहाँ पर प्रश्न आता है की इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही इंडीकेटर्स (best indicator for intraday trading in hindi) कौन-से है?
आज इस लेख में हम जानेंगे की इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए किन इंडिकेटर का चयन करना चाहिए और एक सही सिग्नल के लिए किस तरह से उनका उपयोग करना चाहिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग इंडिकेटर
शुरुआत करते है इंट्राडे ट्रेडिंग की जानकारी के साथ (intraday trading in hindi)। इंट्राडे ट्रेड एक ट्रेडर को ओवरनाइट रिस्क से बचने का विकल्प देती है। इस ट्रेड में ट्रेडर एक ही दिन में ट्रेड पोजीशन लेता है और शेयर के प्राइस की अस्थिरता से मुनाफा कमाता है।
अब इंट्राडे ट्रेडिंग कर हर जल्द से जल्द मुनाफा कमाना चाहते है और उसके लिए वह इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स (intraday trading tips in hindi) का पूर्ण रूप से इस्तेमाल करे। लेकिन ट्रेडिंग में पैसा कमाने के लिए स्टॉक का विश्लेषण करना भी काफी महत्वपूर्ण है।
इंट्राडे में हर एक ट्रेडर के लिए एक सही समय पर और सही प्राइस पर पोजीशन लेना काफी ज़रूरी होता है। लेकिन वो समय और प्राइस क्या है उसकी जानकारी कैसे मिलेगी? क्या आप भी यही सोच रहे है? वैसे तो इंट्राडे ट्रेडिंग पर आधारित कई किताबे (intraday trading books in hindi) है जो आपको इंट्राडे ट्रेड सिखने में मदद करती है लेकिन आप अपनी सही शुरुआत शेयर मार्केट इंडीकेटर्स की जानकारी के साथ कर सकते है। ये इंडिकेटर अलग-अलग प्राइस, वॉल्यूम की गणना करके बनाये गए है।
लेकिन शेयर मार्केट में 100 से भी ज़्यादा इंडीकेटर्स है, आपके लिए कौन सा इंडिकेटर सही है? ये सभी इंडिकेटर को 4 इनके सिग्नल के अनुसार 4 भागो में बांटा गया है जैसे की, मोमेंटम, ट्रेंड, स्ट्रेंथ और वोलैटिलिटी। एक ट्रेडर के लिए इन सभी पैरामीटर की जानकारी होना आवश्यक होता है।
इसके अलावा हर ट्रेडर अपनी इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के अनुसार एक इंडिकेटर का चयन भी करता है। ये सभी इंडिकेटर की एक डिफ़ॉल्ट सेटिंग होती है, तो अगर आप एक शुरूआती ट्रेडर है तो आप बिना किसी परिवर्तन के इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते है।
लेकिन आप चाहे तो इन इंडिकेटर की सेटिंग को अपने अनुसार बदल भी सकते है जिससे आप एक सही पोजीशन लेने में ज़्यादा सफल हो सकते है। तो चलिए अब बात करते है इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ इंडीकेटर्स (best indicator for intraday trading in hindi) की जो आपके ट्रेडिंग के सफर को आसान बनाने में काफी महत्वपूर्ण है।
Moving Average in Hindi
मूविंग एवरेज एक ट्रेंड इंडिकेटर है जो किसी भी स्टॉक या इंडेक्स के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर एवरेज प्राइस की जानकारी देता है। अब अगर करंट मार्केट प्राइस एवरेज प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहा हो तो अपट्रेंड का संकेत देता है, उसी प्रकार मार्केट प्राइस अगर इंडिकेटर से नीचे हो तो ये डाउनट्रेंड को पहचानने में मदद करता है।
इस इंडिकेटर के दो प्रकार होते है, सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) और एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA)। EMA इंडिकेटर नवीनतम प्राइस को ज़्यादा महत्व देता है और इसलिए ये मार्केट ट्रेंड की बेहतर और बारीकी से जानकारी देता है।
अब ये दोनों ही इंडिकेटर की डिफ़ॉल्ट रेंज 9 होती है। तो अगर आपने 1-डे शेयर मार्केट चार्ट का उपयोग किया है तो ये इंडिकेटर आपको पिछले 9 दिनों के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज की जानकारी देता है। उसी प्रकार अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए 1 मिनट चार्ट का उपयोग कर रहे है तो पिछले 9 मिनट के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर ये इंडिकेटर आपको ट्रेंड के संकेत प्रदान करता है।
आप इस डिफ़ॉल्ट सेटिंग को अपने अनुसार बदल भी सकते है। इंट्राडे ट्रेडर्स ज़्यादातर 5 और 8 पीरियड मूविंग एवरेज का इस्तेमाल करते है।
मूविंग एवरेज इंडिकेटर को इस्तेमाल करना और समझना काफी आसान है लेकिन इस इंडिकेटर में कई कमिया भी है, जैसे की:
- ये इंडिकेटर पिछले क्लोजिंग प्राइस की गणना कर संकेत देता है तो यहाँ पर ये मार्केट के अनुसार थोड़ा पीछे रह जाता है, जिसकी वजह से कई बार सही समय पर मार्केट की जानकारी नहीं दे पाता।
- यह इंडिकेटर कई बार गलत संकेत भी देता है जिसकी वजह से ट्रेडर को नुकसान भी हो सकता है।
MACD Indicator in Hindi
MACD सबसे विश्वसनीय इंट्राडे ट्रेडिंग इंडिकेटर (best indicator for intraday trading in hindi) में से एक है। यह विशेषकर, मोमेंटम ट्रेडर के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह किसी भी सिक्योरिटी की मोमेंटम, ट्रेंड डायरेक्शन (रुझान की दिशा) और अवधि के बारे में जानकारी देता है।
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि MACD दो मूविंग एवरेज के कन्वर्जेन्स (Convergence) और डायवर्जेंस पर काम करता है।
किसी भी दो मूविंग एवरेज के बीच का अंतर, जिसे आमतौर पर MACD स्प्रेड कहा जाता है, इसकी गणना 12 दिनों के EMA में से 26-Days EMA (एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज) घटाकर की जाती है।
यह अंतर एक MACD लाइन को बनाने में मदद करता है। सिग्नल लाइन 9-दिन EMA का इस्तेमाल करके बनता है जो आपको मार्केट में आने वाले ट्रेंड की जानकारी प्रदान करता है।
जब MACD लाइन सिग्नल लाइन को नीचे से ऊपर की और काटती है तो खरीदने का संकेत (Buy Signal) उत्पन्न होता है और जब MACD लाइन सिग्नल लाइन को ऊपर से नीचे की और काटती है तो बेचने का संकेत (Sell Signal) उत्पन्न होता है।
इसके साथ जीरो लाइन और हिस्टोग्राम होते है। MACD स्प्रेड का पॉजिटिव वैल्यू होती है तो वह macd और सिग्नल लाइन जीरो लाइन से ऊपर होती और एक पॉजिटिव हिस्टोग्राम बनता है यानी की बुल मार्केट का संकेत मिलता है जबकि इसकी नेगेटिव वैल्यू बेयर मार्केट को दर्शाती है, जिसमे MACD और सिग्नल लाइन जीरो रेखा से नीचे होती है।
हिस्टोग्राम की चौड़ाई आपको किसी भी ट्रेंड के स्ट्रेंथ की जानकारी देती है।
अब वैसे तो 12, 26, 9 MACD इंडिकेटर की डिफ़ॉल्ट सेटिंग है लेकिन आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए इसे अपने अनुसार बदल भी सकते है। ज़्यादातर ट्रेडर मार्केट की संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए 5, 35, 5 सेटिंग का उपयोग करते है।
इतनी सारी विशेषताएं जानने के बाद अब बात करते है इस इंडिकेटर की कुछ कमियों की, जैसे:
- ये इंडिकेटर रेंज मार्केट में सही संकेत प्रदान नहीं करता है।
- मार्केट में ओवरबॉट और ओवरसोल्ड स्थिति का भी ये इंडिकेटर सही संकेत नहीं देता है।
Bollinger Bands Indicator in Hindi
बोलिंजर बैंड या BB सबसे उपयोगी वोलैटिलिटी इंडिकेटर है जो मार्केट में अस्थिरता का संकेत देता है। ये एक रबर बेंड की तरह काम करता है और संकेत देने के लिए तीन बंद से मिलकर बनता है।
इसमें तीन बैंड होते हैं:
- मिडिल बैंड, जो 20 दिन के SMA पर होता है।
- अपर बैंड, जो +2 स्टैंडर्ड डेविएशन पर होता है।
- लोअर बैंड, जो -2 स्टैंडर्ड डेविएशन पर होता है।
सरल भाषा में अगर कोई स्टॉक अपने एवरेज प्राइस से ऊपर या नीचे ट्रेड कर रहा है तो वह कितना ऊपर और नीचे जा सकता है उसकी जानकारी प्राप्त करने में बहुत लाभदायक होता है। अब जैसे रबर बेंड को खींचने से आपकी उंगलियों के बीच दूरिया बढ़ती है, ठीक उसी प्रकार मार्केट में ओपनिंग और क्लोजिंग प्राइस में जितना अंतर आता है ये बेंड उतने ही दूर होते रहते है, जो ज़्यादा अस्थिरता का संकेत देता है।
दूसरी तरफ जब ये बेंड एक दूसरे के बहुत पास होते है तो रेंज मार्केट होती है जिसके बाद मार्केट किसी भी एक दिशा की ओर बढ़ने लगती है।
इंट्राडे टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार, बोलिंगर बैंड का इस्तेमाल करके हम लगभग 80% तक सफलता प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है?
जैसे की आप देख सकते है की बोलिंजर बेंड में तीन बेंड होते है, अब जब प्राइस अपर और मिडिल बेंड के बीच में होता है तो ये दोनों बेंड रेजिस्टेंस और सपोर्ट की तरह काम करते है। तो अगर प्राइस अपने अपर बेंड के पास हो तो ये अनुमान लगाया जाता है कि प्राइस नीचे गिर सकता है और अगर मिडिल बेंड को नीचे से ऊपर की और ब्रेक करता है तो ये तेज़ी का संकेत देता है।
इसी तरह से अगर प्राइस लौवर और मिडल बेंड के बीच में हो तो मिडिल बेंड रेजिस्टेंस और लौवर बेंड सपोर्ट का काम करता है।
अब आप सोच रहे होंगे की ये कैसे कह सकते है की आगे प्राइस अपर और लौवर बेंड के बीच में ही ट्रेड करेगा, तो उसके लिए आंकड़ों के अनुसार अगर आप बोलिंजर बेंड की डिफ़ॉल्ट सेटिंग का उपयोग करते है तो उसमे प्राइस का एक सीमित रेंज में रहने के 96% चांस होते है जिससे एक ट्रेडर मार्केट की दिशा के अनुसार अपने प्रॉफिट और लॉस की गणना कर इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकता है।
हर इंडिकेटर की तरह इस इंडिकेटर की भी है जैसे की:
- सबसे बड़ी कमी यह है कि ये इंडिकेटर मार्केट के प्राइस पर निर्भर होकर वोलैटिलिटी के बारे में बताता है लेकिन ट्रेंड की जानकारी नहीं देता है।
- कभी-कभी ये इंडिकेटर गलत ब्रेकआउट का संकेत देता है जो एक ट्रेडर के लिए नुक्सान का बहुत बड़ा कारण बन सकता है।
RSI Indicator in Hindi
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), ट्रेडिंग का एक ऐसा इंडिकेटर है जो कम कीमत और अधिक कीमत पर बेचने की अवधारणा का पालन करता है।
यह ट्रेडिंग का सबसे आसान और उपयोगी इंडिकेटर है जो बताता है कि कब सिक्योरिटीज अधिक खरीदी गयी या कब अधिक बेची गयी या फिर कब इसका उल्टा हुआ।
RSI अलग-अलग समय के अनुसार तय किया जा सकता है और इसकी वैल्यू 0 से 100 तक के बीच की वैल्यू हो सकती है।
जिसमें 0 अधिक बेचने और 100 अधिक खरीदने का संकेत देता है। इनके बीच का मूल्य अपेक्षित ट्रेंड को दर्शाता है।
यदि RSI का मूल्य 30 से कम है तो स्टॉक के ऊपर जाने की उम्मीद है और यदि RSI का मूल्य 70 से अधिक है तो शेयर घटने की उम्मीद है।RSI एक उत्कृष्ट मोमेंटम इंडिकेटर है और यदि किसी सिक्योरिटीज का मूल्य 30 या 70 तक के स्तर पर पहुँच जाता है तो ट्रेडर को सतर्क किया जाता है कि वो अपने ट्रेड को एक समान दिशा में थोड़ा रोक के रखे।
ADX Indicator in Hindi
ADX भी इंट्राडे ट्रेडिंग इंडिकेटर में से एक है, जो न केवल ट्रेंड के बारे में जानकारी देता है, बल्कि ट्रेंड की ताकत के बारे में भी जानकारी देता है।
यह इसकी एक महत्वपूर्ण खूबी है, क्योंकि एक बार ट्रेंड की ताकत ज्ञात हो जाने के बाद, एक मज़बूत ट्रेडर अपनी ट्रेडिंग की दिशा सुनिश्चित करके ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान और जोखिमों को कम करके अपने लाभ कमाने की क्षमता को बढ़ा सकता है।
ADX प्लस डायरेक्शनल इंडिकेटर (+DI) और माइनस डायरेक्शनल इंडिकेटर (-DI) का उपयोग करता है, जो एवरेज को समझने में आसान करता है।
इन दोनों के बीच का अंतर एवरेज डायरेक्शन इंडेक्स प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ADX 0 से 100 तक के बीच का मूल्य होता है और ट्रेंड की ताकत को दर्शाता है।
Supertrend Indicator in Hindi
सुपरट्रेंड ट्रेडिंग करने का एक उत्कृष्ट शेयर मार्केट इंडिकेटर (share market indicator in hindi) है जो मार्केट के रुझान के अनुसार सिक्योरिटीज को खरीदने के लिए स्पष्ट संकेत देता है।
यह मूविंग एवरेज की तरह कीमतों का अनुसरण करता है, और लाइन का प्लेसमेंट करंट ट्रेंड को दर्शाता है।
यह दो मापदंड के अनुसार बना है: पीरियड और मल्टीप्लायर, और एवरेज ट्रू रेंज (Average True Range) का उपयोग करता है, जो इसकी मूल्य की गणना और प्राइस वोलैटिलिटी के स्तर को दर्शाता है।
इसीलिए, अवधि ATR दिनों की संख्या होता है और गुणक वह मूल्य होता है जिसके द्वारा ATR को गुणा किया जाता है।
जब सुपरट्रेंड क्लोजिंग प्राइस से ऊपर बंद हो जाता है तब एक खरीद संकेत (बाय सिग्नल) उत्पन्न होता है और जब यह क्लोजिंग प्राइस से नीचे बंद होता है तो सेल सिग्नल उत्पन्न होता है।
OBV Indicator in Hindi
OBV भी सर्वश्रेष्ठ इंट्राडे ट्रेडिंग इंडिकेटर (best indicator for intraday trading in hindi) में से एक है।
यह सिक्योरिटीज के मूल्य में होने वाले परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए वॉल्यूम फ्लो का इस्तेमाल करता है।
OBV अप-डे (Up Days) में वॉल्यूम को जोड़ता है, जबकि डाउन डे (Down Days) में मूल्यों को घटाता है जिससे हम खरीदने और बेचने के क्षमता को माप सकते हैं।
यदि सिक्योरिटीज का क्लोजिंग प्राइस पूर्व में होने वाले क्लोजिंग प्राइस से ऊपर है तो वर्तमान OBV पिछले OBV और उसकी वर्तमान वॉल्यूम का योग होता है।
यदि सिक्योरिटी का क्लोजिंग प्राइस प्री-क्लोजिंग प्राइस से नीचे है तो वर्तमान OBV पिछले OBV और उसकी वर्तमान वॉल्यूम के बीच का अंतर है।
यदि क्लोजिंग प्राइस प्री क्लोजिंग प्राइस के समान ही है तो वर्तमान OBV पिछले OBV जैसा ही है।
निष्कर्ष
वैसे तो, मार्केट में विभिन्न प्रकार के टेक्निकल इंट्राडे ट्रेडिंग इंडिकेटर उपलब्ध हैं। लेकिन अगर आप best indicator for intraday trading in hindi को ढूंढ रहे है तो ऊपर दी गयी सूची से एक या दो इंडिकेटर का चयन कर ट्रेड कर सकते है।
हालाँकि, ट्रेडिंग में एक समय में केवल एक या दो टेक्निकल इंडिकेटर का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
अधिक जानकारी आपके निर्णय को अधिक जटिल और गलत बना सकती है।
यदि आप ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो नीचे दिए फॉर्म में अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
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