जेरोधा काइट में प्रयोग की जाने वाली मार्जिन कितनी है?

अन्य मार्जिन कैलकुलेटर

भारत की नंबर एक डिस्काउंट ब्रोकरजेरोधा, द्वारा एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा काइट शुरू किया गया है और बहुत से लोग ये जानने के लिए उत्सुक हैं कि जेरोधा काइट में प्रयोग की जाने वाली मार्जिन कितनी है?

स्टॉक ट्रेडिंग में मार्जिन शब्द का प्रयोग अक्सर किया जाता है। अगर आसान भाषा मे समझें, तो मार्जिन या लीवरेज, उस पैसे को कहते हैं, जो एक ट्रेडर किसी ब्रोकर से ट्रेड करने के लिए उधार लेता है।

जब हम लोन के अमाउंट से ट्रेडर द्वारा रखे गए इन्वेस्टमेंट के कुल मूल्य को घटाते हैं, तब उस विशेष स्टॉक या शेयर की मार्जिन प्राप्त होती है।


इसे ज्यादा गहराई से समझने से पहले ये जान लें कि असल मे मार्जिन क्या है?

काइट या किसी अन्य ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर, “बाइंग ऑन ट्रेडिंग” का मतलब किसी स्टॉकब्रोकर से उधार ली गई धन राशि से सिक्योरिटी खरीदना है।

इसमें प्रयोग होने वाली मार्जिन वह पैसा है, जिससे ट्रेडर  ने अपनी किसी ओपन पोजिशन या अटके पड़े आर्डर में खर्च कर लिया होता है, ये ऐसा पैसा है जो ब्लॉक यानी कि फंस चुका होता है। 


इसलिए जेरोधा काइट की मार्जिन में क्लाइंट्स सीमित फंड में भी ट्रेड कर सकते हैं। इस मार्जिन को एक्सपोज़र या लेवरेज भी कहा जाता है और ये अलग अलग भाग जैसे इक्विटी, फ्यूचर या ऑप्शन के लिए अलग अलग हो सकती है।

यह भी ध्यान में रखें कि ये मार्जिन सिर्फ इंट्राडे  ट्रेडिंग, यानी ऐसे ट्रेड जिन्हें “MIS” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, पर ही प्रदान की जाती है।

सभी डिलीवरी ट्रेड्स, जिन्हें “NRML” या “CNC” के रूप में वर्गीकृत किया गया है, के लिए आपके जेरोधा अकाउंट में आवश्यक फंड्स की पूरी राशि होनी चाहिए, क्योंकि इन पर किसी तरह की मार्जिन प्रदान नही की जाती है।

आपको ये भी ध्यान में रखना होगा कि अगर आपके अकाउंट में पर्याप्त फंड नही हैं (जिससे किसी आर्डर की मार्जिन भी पूरी नही की जा सकती), तो आपके अकाउंट को “MIS” से “CNC / NRML” में बदल दिया जाएगा।

ये भी पढ़े: जेरोधा में CNC और MIS क्या है

आइये जेरोधा के काइट प्लेटफॉर्म पर प्रयोग की गई मार्जिन को समझें।

जेरोधा काइट में मार्जिन का उपयोग 

“जेरोधा काइट पर प्रयोग की गई मार्जिन” को समझने के लिए, आपको इससे जुड़े दो और टर्म्स समझने होंगे। मार्जिन ट्रेडिंग में, तीन प्रमुख महत्त्वपूर्ण तत्व होते हैं:

■  अकाउंट में कुल कीमत

■ उपलब्ध मार्जिन

■ प्रयोग की जा चुकी मार्जिन

आपके “अकाउंट की कुल कीमत”  जो कैश कल आपके अकाउंट में था और आज (यानी ट्रेड के दिन) भी वो मौजूद है। आसान शब्दों में, ये आपके जेरोधा अकाउंट में मौजूद कुल धन की राशि है। 

“उपलब्ध मार्जिन” मार्जिन का कुल अमाउंट है, जिसे आप किसी ट्रेड डे पर इस्तेमाल कर सकते हो।  ये वह अमाउंट है, जिसका इस्तेमाल आप ट्रेडिंग के लिए कर सकते हैं।

“प्रयोग की जा चुकी मार्जिन” से तात्पर्य उस मार्जिन या अमाउंट से है, जिसका इस्तेमाल आप पहले ही व्यापार के लिए कर चुके हैं। ये ऐसा अमाउंट है, जिसके जरिये आपने इक्विटी या कॉमोडिटी जैसे स्टॉक खरीदे होंगे। 

उदाहरण के लिए, अगर आपके अकाउंट की कुल कीमत 1000 है, और आपने स्टॉक खरीदने के लिए 200 का ऑर्डर प्लेस किया, तो फिर इसका मतलब की आपके अकाउंट से प्रयोग की जा चुकी मार्जिन 200 है और इस पर उपलब्ध मार्जिन 800 है।

इसमे “प्रयोग की जा चुकी मार्जिन” को दो कैटेगरी में बांटा जाता है- “पॉज़िटिव” और “नेगेटिव”।

अगर आपकी प्रयोग की जा चुकी मार्जिन पॉजिटिव है, तो फिर आपको हानि हुई है, और आपको एक विशेष अमाउंट अपने ब्रोकर को भुगतान करना होगा (इस केस में ज़ेरोधा के नियम का पालन होगा)।

अगर आपकी प्रयोग की जा चुकी ज़ेरोधा मार्जिन नेगेटिव है, तो आपको लाभ हुआ है, और आपको आपके ब्रोकर द्वारा एक विशेष अमाउंट का भुगतान किया जाएगा। 

इस तरह जेरोधा काइट में प्रयोग की जा चुकी मार्जिन का तात्पर्य उस नेट फंड से है, जिसे व्यापारी द्वारा किसी इंट्रेडे, एफ एन्ड ओ या डिलीवरी आर्डर प्लेस करने के लिए प्रयोग किया जा चुका है।

साथ ही यह ओपन या पेंडिंग ऑर्डर्स के लिए ब्लॉक हो चुके अमाउंट, जिसे अभी प्रयोग किया जाना शेष है, को भी दर्शाता है।

जब कोई ट्रेडर अपने शेयर्स बेचता है, एफ एन्ड ओ पोजिशन को खोल देता है, या फिर इंट्राडे ट्रेड्स पर लाभ कमाता है, तो उसके द्वारा प्रयोग की जा चुकी ज़ेरोधा मार्जिन नेगेटिव होगी।

साथ हो जब कभी ट्रेडर अपनी पोजिशन से स्क्वायर ऑफ करता है, तो उसकी “प्रयोग की जा चुकी मार्जिन” को “उपलब्ध मार्जिन” में क्रेडिट कर दिया जाता है। 

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने ₹200 प्रति शेयर की दर से किसी XYZ कम्पनी के 5 शेयर खरीद लिए और उन्हें ₹210 प्रति शेयर की दर से बेच दिया। इसलिए XYZ के 5 शेयर्स पर मिलने वाला लाभ 10*5 यानी कि ₹50 होगा। इस लाभ को, “प्रयोग की जा चुकी मार्जिन” में -₹50 के रूप में देखा जाता है।

इसी तरह अगर आपको ₹50 की हानि हुई है, तो इसे “प्रयोग की जा चुकी मार्जिन” में +₹50 के रूप में देखा जाएगा।

नीचे दी गई पिक्चर “प्रयोग की जा चुकी नेगेटिव मार्जिन” दी गई है, जो ट्रेडर को होने वाले लाभ को दर्शाती है।



जेरोधा काइट मार्जिन कैलकुलेटर:

जैसा कि पहले भी बताया गया है, जेरोधा काइट या फर्म के प्लेटफॉर्म पर प्रयोग की जा चुकी मार्जिन, आम तौर पर, अलग अलग भाग और स्टॉक के प्रकार के लिए अलग अलग होती है। 

जहां काइट फर्म के सबसे ज्यादा यूज़ किया जाने वाला ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, वहीं और भी कई सारे एडवांस्ड प्लेटफॉर्म जैसे काइट कनेक्ट, काइट मोबाइल एप, जेरोधा कंसोल, जेरोधा पाई, जेरोधा कॉइन, कॉइन मोबाइल एप और जेरोधा सेंटिनल भी उपलब्ध हैं।

जेरोधा के अलग अलग भागों की मार्जिन जानने के लिए नीचे दिये गए टेबल को देखें:

ब्रेकेट ऑर्डर्स (BO) और कवर ऑर्डर्स (CO) “स्टॉप-लॉस” के इसमे जुड़े होने की वजह से ज्यादा लेवरेज प्रदान करते हैं। इक्विटी के फ्यूचर एन्ड ऑप्शन सेग्मेंट के अंतर्गत सभी BO और CO ऑर्डर्स के लिए कॉन्ट्रेक्ट वैल्यू की 2.45% मार्जिन की आवश्यकता पड़ती है।

इसके साथ ही इंडेक्स के फ्यूचर और ऑप्शन के लिए NRML मार्जिन की 35% मार्जिन की आवश्यकता पड़ती है। 

अगर आपको अभी भी इसमें किसी तरह का भ्रम है, तो आप जेरोधा मार्जिन कैलकुलेटर का प्रयोग कैसे करें सीखकर बेहतर ढंग से ट्रेडिंग करने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

ये बात ध्यान में रखें कि आप “स्टॉक ऑप्शन”, “करेंसी ऑप्शन”, “कॉमोडिटी ऑप्शन” और बीएसई स्टॉक्स के लिए बीओ और सीओ ऑर्डर्स प्लेस नही कर सकते हैं।  साथ ही MIS यानी कि करेंसी ऑप्शन में इंट्राडे ट्रेड करने की अनुमति नही है।


जेरोधा काइट मार्जिन उपयोग के लिए शुल्क 

ज़ेरोधा काइट में अलग अलग भागों में प्रयोग की जाने वाली मार्जिन आपके ट्रेडिंग ओपन करने या फिर अपना जेरोधा डिमैट अकाउंट बनाने के साथ ही अपने आप एक्टिवेट हो जाती है। मार्जिन से अलग, आपके ट्रेड – चाहे वो ऊंचाई पर हो या नीचे- आपको बिना किसी अतिरिक्त खर्चे के उपलब्ध करवा दिए जाते हैं।

इसलिए, जेरोधा काइट पर प्रयोग की जाने वाली मार्जिन पर कोई शुल्क नही लगाया गया है। साथ ही, ये सिर्फ इंट्रेडे ट्रेड्स पर ही अप्लाई होता क्योंकि डिलीवरी ट्रेड्स पर किसी तरह के लेवरेज प्रदान नही किये जाते हैं।


निष्कर्ष 

जेरोधा या किसी अन्य स्टॉकब्रोकर की “प्रयोग की जा चुकी मार्जिन” की परिभाषा है, ये वह मार्जिन है जिसे लॉक कर दिया गया हो और इसका प्रयोग किसी नई पोजिशन को शुरू करने के लिए भी नही किया जा सकता है।

दूसरे शब्दों में, जेरोधा में प्रयोग की जाने वाली मार्जिन, वह अमाउंट/ धनराशि है, जिसे किसी ट्रेडर द्वारा अपने ट्रेड को ओपन रखने के लिए जमा करना अनिवार्य है। 

हम उम्मीद करते हैं कि अब आपको ट्रेडिंग के लिए जेरोधा में प्रयोग की जाने वाली मार्जिन का कॉन्सेप्ट काफी हद तक क्लियर हो गया होगा। ये जरूरी सुनिश्चित करें कि इस प्रक्रिया में स्वयं को शामिल करने से पहले, इसकी सभी जरूरतों और सीमाओं से आप अच्छी तरह परिचित हो जाएं। 

हैप्पी इन्वेस्टिंग!

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