ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के बारे में और भी
आज कल लोग शेयर मार्केट को लेकर बेहद एक्टिव हैं और बढ़-चढ़ कर शेयर मार्केट ट्रेडिंग कर रहे हैं। लेकिन ट्रेडर्स, स्टॉक मार्केट ऑर्डर के बारे में पूरी तरह से नहीं जानते हैं।
इसी वजह से कई बार ट्रेडर ऑर्डर निष्पादित करते समय परेशान दिखाई देते हैं। इसलिए यह सलाह भी दी जाती है कि share market meaning in hindi की सभी जानकारी के बाद ही ट्रेड करें।
तो चलिए, इन ऑर्डर्स के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जब आप ऑर्डर खरीदने वाले होते हैं, तो कई प्रकार के स्टॉक मार्केट ऑर्डर होते हैं जो आपकी ट्रेडिंग स्क्रीन पर दिखाई देते हैं।
इनमें से कुछ ऑर्डर तुरंत एक्सेक्यूट होते हैं जबकि कुछ एक विशेष प्राइस और समय पर पूरे होते हैं।
एक समय पर आकर ट्रेडर कंफ्यूज हो जाता है कि “किस प्रकार के ऑर्डर पर भुगतान की जाने वाली कीमत और रिटर्न में बड़ा अंतर होगा?”
शेयर मार्केट में दो प्रकार के स्टॉक होते है पहला लिस्टेड स्टॉक और दूसरा अनलिस्टेड स्टॉक एक अच्छे निवेशक का पहला यही गुण है कि उसको इन दोनों के बारे में जानकारी होनी चहिये।
यानी कि किस प्रकार के स्टॉक मार्केट ऑर्डर से उसे अच्छा और बड़ा रिटर्न मिलेगा।
आइए, आज इस लेख में हम समझते हैं:
- शेयर मार्केट में स्टॉक ऑर्डर क्या है?
- ट्रेडिंग ऑर्डर के प्रकार
स्टॉक ऑर्डर क्या है?
स्टॉक मार्केट ऑर्डर केवल ट्रेडर द्वारा उनके ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए दिया गया निर्देश है।
एक ऑर्डर प्लेस करते समय आप नीचे दी गई इमेज में अपनी ट्रेडिंग स्क्रीन पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के ऑर्डर देख सकते हैं।
स्टॉक मार्केट में एक एक्सपर्ट की तरह ट्रेड करने के लिए आपको स्टॉक मार्केट ऑर्डर को समझना और इसे अपने ट्रेड के दौरान सही ढंग से पालन करना जरुरी है।
स्टॉक मार्केट से अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए यह बहुत आवश्यक है।
ट्रेडिंग ऑर्डर के प्रकार
आइए, अब हम विभिन्न प्रकार के स्टॉक मार्केट ऑर्डर के बारे में चर्चा करते हैं।
1. मार्केट ऑर्डर
एक स्टॉक मार्केट ऑर्डर शेयर के करंट मार्केट प्राइस पर खरीदता है या बेचता है।
यहां, ट्रेडर या इन्वेस्टर का प्राइस पर कोई कंट्रोल नहीं होता है, लेकिन इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि ट्रेडर का ऑर्डर तुरंत निष्पादित हो जाएगा।
- यदि आप “ऑर्डर बाय” करते हैं तो शेयर को ट्रेड बुक में दिए गए करंट हाई प्राइस पर खरीदा जाएगा।
- यदि आप “ऑर्डर सेल” करते हैं तो शेयर को ट्रेड बुक में मौजूदा सबसे कम बोली मूल्य पर बेचा जाएगा।
उदाहरण:
मान लीजिये, आप ABC Limited के 1000 शेयर को ₹100 रुपये प्रति शेयर के मार्केट प्राइस पर खरीदना चाहते हैं।
अब, यदि 500 शेयरों के लिए आस्क प्राइस ₹100 लगाया है और बाद में 500 शेयर के लिए ₹99 लगाया गया है।
यहाँ पर जिसका आस्क प्राइस सबसे अधिक होगा, उसे पहले ट्रेड किया जाएगा।
इस स्थिति में, जिसने 500 शेयर के लिए 100 रूपये का आस्क प्राइस लगाया है, पहले उसे ट्रेड किया जाएगा और बाद में ₹99 पर आस्क प्राइस को वरियता दी जाएगी।
2. लिमिट ऑर्डर
लिमिट ऑर्डर वह ऑर्डर है, जहां ट्रेडर एक शेयर खरीदने या बेचने के लिए पहले से एक प्राइस को निर्धारित कर सकता है।
इस प्रकार के ऑर्डर उन ट्रेडर्स के लिए उपयोगी होते हैं, जो प्राइस मूवमेंट का सक्रिय रूप से पालन नहीं करते हैं और उनकी पूर्व निर्धारित कीमत होती है।
इस स्टॉक मार्केट ऑर्डर में ट्रेड का निष्पादन अचानक हो जाता है, यह तब तय किया जाएगा जब शेयर का प्राइस निर्धारित प्राइस पर पहुँच जाएगा।
उदाहरण
यदि आप किसी शेयर को खरीदने या बेचने का मूल्य ₹100 निर्धारित करते हैं तो शेयर का मार्केट प्राइस ₹100 होने पर वह से अपने आप निष्पादित कर देगा।
3. स्टॉप लॉस ऑर्डर
स्टॉप लॉस वह टूल है, जहां एक ट्रेडर ट्रेड से बाहर निकलकर अपने नुकसान को कम कर सकता है।
अगर शेयर, ट्रिगर प्राइस तक पहुंचता है।
यदि शेयर की कीमत अचानक बढ़ जाती है या अचानक नीचे चली जाती है, तो स्टॉप लॉस लगाकर आप खुद को भारी नुकसान से बचा सकते हैं।
स्टॉप लॉस ऑर्डर के प्रकार
- स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर
“स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर” स्टॉप लॉस के समान है, जहां ट्रेडर सर्वोत्तम उपलब्ध मूल्य पर ट्रेड से बाहर निकलने के लिए ट्रिगर प्राइस को निर्धारित करता है।
यहां, जैसे ही शेयर ट्रिगर प्राइस पर पहुंचने वाला होता है तभी एक मार्केट ऑर्डर जेनेरेट होता है और ऑर्डर तुरंत मार्केट रेट पर पूरा हो जाता है।
Stop Loss Order Kaise Lagaye
उदाहरण:
मान लीजिए कि शेयर ₹100 की सेल पोजीशन है।
स्टॉप लॉस के लिए ट्रिगर कीमत ₹95 रुपये रखी गई है। यदि स्टॉप लॉस ट्रिगर हो जाता है, तो शेयर बाजार में सबसे अच्छी उपलब्ध कीमत पर खरीदे जाएंगे।
- स्टॉप लॉस लिमिट आर्डर
यह एक ऐसा ट्रेड है, जहां ट्रिगर हिट होने के बाद ऑर्डर को एक्सचेंज को भेज दिया जाता है।
यह एक “स्टॉप लॉस लिमिट ऑर्डर” है, यानी यह ट्रेड प्राइस पहले से ही यूजर द्वारा निर्धारित होना चाहिए।
उदाहरण
मान लीजिए कि सेल पोजीशन ₹100 रखी गई है। स्टॉप लॉस के लिए ट्रिगर कीमत ₹95 रुपये रखी गई है।
यदि स्टॉप लॉस शुरू हो जाता है तो ऑर्डर एक्सचेंज को भेज दिया जाएगा और बाद में सेट प्राइस ₹95 पर ट्रेड को निष्पादित किया जाएगा।
“लिमिट स्टॉप लॉस” और “मार्केट स्टॉप लॉस” के बीच अंतर क्या है?
- ट्रिगर हिट होने के बाद मार्केट में स्टॉप लॉस, सर्वोत्तम उपलब्ध मूल्य पर निष्पादित होता है।
- एक लिमिट स्टॉप लॉस में ट्रिगर हिट होने के बाद ट्रेड को निर्धारित मूल्य पर निष्पादित किया जाता है।
4. एएमओ (आफ्टर मार्केट आर्डर )
एएमओ (AMO) वे ट्रेड हैं जिन्हें बाज़ार बंद होने के बाद किया जाता है।
यह उन ट्रेडर्स के लिए बहुत आवश्यक है, जिनके पास शेयर मार्केट में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए समय नहीं है।
लेकिन वे धन बनाने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं।
नोट: एएमओ (AMO) को मार्केट प्राइस पर भी रखा जा सकता है।
उदाहरण
यदि आप एबीसी लिमिटेड के 500 शेयर सुबह 7 बजे खरीदना चाहते हैं, तो आप बस अपने ट्रेडिंग ऐप से ट्रेड कर सकते हैं और यदि शेयर निर्धारित मूल्य तक पहुंचता है, तो ट्रेड को मार्केट समय के दौरान निष्पादित किया जाएगा।
5. आईओसी (इमेजेट और कैंसिल ऑर्डर)
जैसा कि नाम से पता चलता है, जब आप आईओसी ट्रेड करते हैं तो एक्सचेंज पर ऑर्डर प्लेस करने के तुरंत बाद ट्रेड निष्पादित नहीं किया जाता तो यह कैंसल हो जाता है।
यदि आप अक्सर ट्रेड करते हैं और प्रत्येक ट्रेड की निगरानी करने में असमर्थ हैं, तो ट्रेडर्स के लिए आईओसी (IOC) ट्रेड उपयोगी है।
उदाहरण
यदि आप किसी कंपनी के 1000 शेयर, आईओसी(IOC) ट्रेड के लिए ऑर्डर करते हैं और उसका प्राइस ₹100 है।
तो जैसे ही ट्रेड में प्रवेश किया जाएगा और अगर 700 शेयर ₹100 पर उपलब्ध हैं, तो इसे निष्पादित किया जाता है और 300 शेयरों को कैंसल कर दिया जाएगा।
6. कवर ऑर्डर (सीओ)
कवर ऑर्डर, स्टॉक मार्केट ऑर्डर में से एक है, जहां आप एक ही ट्रेड में स्टॉप लॉस के साथ एक पोजीशन में प्रवेश कर सकते हैं।
आप अपनी पसंद के अनुसार स्टॉप लॉस के ऑर्डर का चयन कर सकते हैं।
7. ब्रैकेट ऑर्डर (बीओ)
ब्रैकेट ऑर्डर एक ट्रेड है, जिसमें 3 ऑर्डर एक साथ होते हैं। यहां, आप टारगेट प्राइस और स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड कर सकते हैं।
नोट: सभी ब्रैकेट ट्रेड लिमिट ऑर्डर हैं।
उदाहरण
अगर आप ₹100 में में शेयर खरीदते हैं, जिसका टारगेट प्राइस ₹110 है। उसका स्टॉप लॉस ₹95 है, इसका मतलब आप इसे 1 ट्रेड में ब्रैकेट ऑर्डर के साथ रख सकते हैं।
स्टॉकनेट ऐप के साथ ब्रैकेट ऑर्डर को आसानी से करने और मार्जिन की आवश्यकता को चेक करने के तरीके को जानने के लिए यह वीडियो देखें।
8. सीएनसी
सीएनसी शब्द का मतलब “कैश एंड कैरी” है,जहाँ आप केवल शेयर की डिलीवरी खरीद और बेच सकते हैं।
ध्यान दें कि सीएनसी को “लिमिट प्राइस और मार्केट प्राइस” दोनों पर रखा जा सकता है।
यदि आप शेयर खरीदकर कुछ दिनों के बाद बेचना चाहते हैं, तो आपको सीएनसी को ऑर्डर प्रकार के रूप में उपयोग करना होगा ।
9. एमआईएस (MIS)
एमआईएस का मतलब मार्जिन इंट्रा डे स्क्वायर ऑफ है। एमआईएस (MIS) एक इंट्रा डे प्रोडक्ट है और इन्हें एक ही ट्रेडिंग दिन के दौरान स्क्वायर ऑफ करना होगा।
नोट: आप या तो मार्केट या लिमिट ऑर्डर पर एमआईएस का चयन कर सकते हैं।
इसके अलावा, आपके पास उस प्रकार के ट्रेड का चयन करने का विकल्प है, जो एक दिन का ऑर्डर याआईओसी (IOC) हो सकता है।
निष्कर्ष:
केवल इक्विटी में ही नहीं बल्कि करेंसी और कमोडिटी जैसे अन्य सेगमेंट में ट्रेड करते समय भी विभिन्न प्रकार के स्टॉक मार्केट ऑर्डर को जानना बहुत उपयोगी होता है।
अगर आप इक्विटी और कमोडिटी में के मध्य और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप Equity vs Commodity in Hindi आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।
आज, जब दुनिया डिजिटल है और अधिकांश ट्रेडर खुद ही ट्रेड करना पसंद करते हैं। ऐसे में डेब्ट मार्किट के बारे में पता होना न केवल आपको आसानी से ट्रेड करने में मदद करता है बल्कि आपके आत्मविश्वास के स्तर को भी बढ़ाता है।
हमें उम्मीद हैं कि आप विभिन्न प्रकार के स्टॉक मार्केट ऑर्डर समझ गए हैं, तो आप अपना पहला मार्केट ट्रेड शुरू कर सकते हैं!
यदि आप भी अपना ऑर्डर प्लेस करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपना डीमैट अकाउंट खोलें।
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को देखें :
यहाँ अपना बुनियादी विवरण भरें और उसके बाद आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी।