इक्विटी शेयरों के लाभ

शेयर मार्केट के अन्य लेख

इक्विटी शेयरों के कई सारे लाभ है, लेकिन अपने फंड का प्रयोग करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करने की जरूरत है।

आप सभी को इक्विटी शेयरोंके बारे में कुछ बुनियादी जानकारी होनी चाहिए। जैसे- यह किसके बारे में है? यह कैसे काम करता है? और यह शेयरधारकों के लिए किस हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है?

यह कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न है जो किसी के भी मन में उठ सकते हैं। इक्विटी शेयरों को किसी भी संस्था के लिए सोर्स आफ फाइनेंस (निवेश का स्रोत) माना जाता है। इक्विटी शेयर निवेशकों को संपत्ति और लाभ-बंटवारे पर दवा करने का अधिकार प्रदान करता है।

आइए, निवेशकों और ट्रेडर्स को मिलने वाले फायदों के बारे में बात करने से पहले, इक्विटी शेयरों से जुड़े बुनियादी पहलुओं को समझते हैं।

इक्विटी शेयरों की समीक्षा

अगर आसान भाषा में बात करें, तो यह कहा जा सकता है कि इक्विटी शेयरएक प्रकार का आर्डिनरी (सामान्य) शेयर होता हैं जो कंपनी के ओनरशिप (स्वामित्व) का एक हिस्साके रूप में मौजूद होता है। इसमें, ‘अंशधारकआपका जो शेयर के एक हिस्से का मालिक है, वह व्यवसाय का अधिकतम जोखिम (रिस्क) उठाने में सक्षम है।

इन शेयरों के सभी धारक कंपनी के सदस्य होते हैं और सभी को वोट देने का अधिकार है। इसके साथ ही कंपनी और शेयरधारकदोनों का एकमात्र दृष्टिकोण इक्विटी शेयरों से लाभ कमाना होता है।

इक्विटी शेयर‘ में लाभ कमाने से पहले आपको इक्विटी में निवेश कैसे शुरू करें की जानकारी होना अतिआवश्यक है।

अधिक जानकारी के लिए, आप Share in Hindi की सम्पूर्ण समीक्षा की जांच कर सकते हैं।

इक्विटी शेयरों के बारे में अधिक समझ विकसित करने के लिए, आपको इस विषय के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने की जरुरत है।

इक्विटी शेयरों की विशेषताएं

किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने का मतलब है, कि आप उसके व्यवसाय में हिस्सेदारी रखते हैं और आप उसे आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।

इक्विटी कई सारी पहलुओं के साथ आता है, इस प्रकार किसी नये व्यवसाय या स्टार्टऑप को शुरू करने या इससे जुड़ने से पहले इक्विटी शेयरों के फायदे के साथ-साथ नुकसान को भी समझना महत्वपूर्ण है।

किसी भी कंपनी में प्रवेश करने से पहले आपको स्टॉक और शेयरों से संबंधित कुछ विशेष प्रश्नों के उत्तर जानने की जरूरत है। प्रश्न कुछ इस प्रकार हैं – जैसे कि, आप शेयरों को कैसे बेच सकते हैं, इसमें किस प्रकार के टैक्स अदा करने की जरूरत पड़ेगी, ओनरशिप हिस्सेदारी में मिलने वाले लाभ की दर और इस तरह के बहुत सारे प्रश्न।

नीचे सूची में इक्विटी शेयरों से जुड़ीं कुछ विशेषताएं और दिशानिर्देश दिए गए हैं, जिन्हें आपको जानने की जरूरत है:

  • इक्विटी शेयरों के शेयरधारक संस्था (जिस कंपनी का वे शेयर खरीदते हैं) के मामलों को नियंत्रित करने का अधिकार रखते हैं।
  • खरीदे गए शेयरों की प्रकृति ट्रांसफरेबल (हस्तानांतरणीय) है जिसका मतलब है की शेयरों का ओनरशिप (स्वामित्व) रखने वाला व्यक्ति आसानी से किसी अन्य व्यक्ति को उन शेयरों को हस्तांतरित कर सकता है। जब तक कि कंपनी की तरफ से कोई विशेष दिशा निर्देश नहीं दिया जाता, तब तक यह बिना किसी विचार के किसी दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है।
  • इक्विटी शेयर की प्रकृति स्थाई है और इक्विटी शेयरों के शेयरधारकों को निश्चित लाभांश नहीं मिलता है।
  • इक्विटी शेयर होल्डर्स की जिम्मेदारी केवल निवेश तक ही सीमित है।
  • कंपनी में निवेशक, इक्विटी शेयरधारक कंपनी का मालिक होता है और उसे कंपनी का अधिकतम रिस्क (जोखिम) उठाना पड़ता है।
  • इसमें मिलने वाला लाभ इक्विटी शेयरों के लाभ पर निर्भर करता है, इक्विटी शेयरधारको को मिलने वाला लाभांश कुल लाभ का एक छोटा-सा हिस्सा होता है।

इक्विटी शेयर के उदाहरण

जैसा कि सभी जानते हैं, कि किसी भी कंपनी के इक्विटी शेयरों में हिस्सेदारी कंपनी के ओनरशिप (मालिकाना हक) को दर्शाता है। इक्विटी शेयरों को लेकर लोगों द्वारा अपने सिद्धांतों के आधार पर बनाई गई अवधारणा कठिनाई में डाल सकती है।

किसी भी कंपनी में, जारी होने वाले शेयरों की संख्या कारपोरेट चार्टरमें बनाई जाती है। अगर कोई भी कंपनी किसी भी शेयर धारक को अतिरिक्त शेयर बेचने का निर्णय लेती है तो इसे रिस्किंग इक्विटीकहा जाता है।  

अलग-अलग अपेक्षाओं के आधार पर इक्विटी शेयरोंको विभिन्न हिस्सों में वर्गीकृत किया गया है।

इसमें कुछ महत्वपूर्ण है इक्विटी शेयरों के साथ साथ शेयर पूंजी, जारी शेयर पूंजी, पैड-अप कैपिटल और सब्सक्राइब शेयर पूंजी, बोनस शेयर और इक्विटी शेयर जैसे शेयर शामिल है।

उदाहरण के लिए, यदि रिलायंस इन्फो के पास कुल इक्विटी शेयर 1,00,000 है और आप 10 शेयर खरीदना चाहते हैं तो एक मायने में आप कंपनी के 0.01% हिस्से के धारक हैं।

यह बहुत आसान है, है ना?

यदि यह थोड़ा भ्रमक लगता है तो इस विस्तृत समीक्षा (रिव्यू) शेयर कैसे खरीदें को जाने।


इक्विटी शेयरों से मिलने वाले लाभ

यहां सकारात्मक पहलुओं की एक लंबी सूची उपलब्ध है, जो शेयरधारकों या कंपनीके लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है। यदि कंपनी को उच्च लाभ प्राप्त होता है तो शेयरधारकों को भी उच्च दर पर लाभांश (मिलने वाले सकल लाभ में हिस्सेदारी) मिलेगा।

कंपनी और शेयरधारक दोनों के दृष्टिकोण से इक्विटी शेयरों के कई फायदे हैं, जो नीचे दिए गए हैं:

1. टैक्स बेनिफिट (कर लाभ):

इक्विटी शेयरों के खरीदने से मिलने वाले सबसे प्रमुख लाभों में से एक है। अगर इक्विटी शेयरों में होने वाले लाभ से आप की पूंजी में वृद्धि होता है तो आपको आए से कम दर पर कर (टैक्स) देना पड़ता है।

2. प्रॉफिट पोटेंशियल (लाभ प्राप्त करने की छमता):

किसी भी अन्य निवेश की तुलना में इक्विटी शेयरों में मिलने वाला लाभ अधिक होता है। कुछ मामलों में, आपका वर्तमान लाभांश कम हो सकता है लेकिन पूंजीगत लाभ की संभावना तब भी अधिक होती है।

इस प्रकार, शेयरधारकों के लिए इक्विटी शेयरको अधिक फायदेमंद माना जाता है।

3. वैल्यू ऑफ द इन्वेस्टमेंट (निवेश के फायदे):

किसी भी कंपनी के इक्विटी शेयर धारकों को दो अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है जिसमें निवेश की गई राशि के मूल्य में वृद्धि के साथ-साथ वार्षिक लाभ में मिलने वाला हिस्सेदारी शामिल है।

4. लायबिलिटी लिमिटेशन (भुगतान की सीमा):

यह इक्विटी शेयरों के सबसे महत्वपूर्ण इलाकों में से एक है। इक्विटी शेयर के शेयरधारकों को व्यापक रूप से भुगतान किया जाता है। इन शेयरों के साथ, शेयर धारक कंपनी के किसी भी विफलता को पूरा करने के लिए उत्तरदाई हैं।

5. इनक्रीज इन वैल्यू (मूल्य में वृद्धि):

इक्विटी शेयरों का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसके मूल्य बढ़ते रहते हैं। यह संस्था के सम्पूर्ण लाभ को समय के साथ साझा करने से होता है।

6. लिक्विड इन नेचर (प्रकृति में सरल):

शेर धारक के दृष्टिकोण से, इक्विटी शेयरों का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इसे पूंजी बाजार (कैपिटल मार्केट) में आसानी से बेचा जा सकता है।

7. क्रेडिट ऑर्थनेस (लोन या ऋण लेने की क्षमता):

कंपनी की दृष्टिकोण से, इक्विटी शेयर क्रेडिटऑर्थनेस (लोन लेने की क्षमता में वृद्धि) के मामले में अधिक फायदेमंद है। यदि कंपनी और शेयरधारकों के पास बड़ा इक्विटी कैपिटल बेस है तो यह कंपनी में निवेशकों के साथ-साथ कंपनी के क्रेडिटऑर्थनेस (लोन लेने की क्षमता में वृद्धि) भी बढ़ाएगा।

8. ईज आफ ट्रांसफरबिलिटी (किसी दूसरे व्यक्ति को स्थानांतरण करने में आसानी):

अगर हम इक्विटी शेयरों के फायदे की बात कर रहे हैं तो इसमें सबसे प्रमुख बात यह है, कि इसे किसी दूसरे व्यक्ति को आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है। शेयरों के मालिक आसानी से अपने शेयरों को किसी अन्य या मौजूदा शेयरधारकों को अपनी रूचि के अनुसार, अपने द्वारा खरीदे गए शेयरों को स्थानांतरित कर सकते हैं।

इस कारण की वजह से, कई छोटे व्यवसायों के शेयर अमरस्थानांतरणिय होते हैं, जिसकी जानकारी ना होने पर शेयरधारकों को बाजार में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

9. राइट टू कंट्रोल द मैनेजमेंट (प्रबंधन को नियंत्रण करने का अधिकार)

इक्विटी शेयरमुद्रास्फीति के दौरान आपके पैसे को बचा के रखता है।

यह विक्रय शक्ति के कम होने पर उसे बढा तो नहीं सकता है, लेकिन मुद्रास्फीति के दौरान आपके पैसे को जरूर बचाकर रखता है। लेकिन अगर ब्याज दरें अधिक हो, तो शेयरों की कीमत थोड़ी कम हो जाती है।

शेयरों के होने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है, कि इससे शेयरधारकों और कंपनी दोनों को अधिक लाभ प्राप्त होता है।

इसके साथ ही, इन शेयरोंको पूंजी का स्थाई स्रोत माना जाता है। इस प्रकार, किसी भी ऐसे देनदारी में शामिल ना हो जहां आपको पूंजी का द्वारा भुगतान करना पड़े।इसके अलावा, आप यह भी जान लें की कंपनी है भुगतान के लिए किसी भी तरह से कानूनी रूप से बाध्य नहीं है।


इक्विटी शेयर की सीमाएं

इक्विटी शेयरों के फायदों की एक लंबी सूची है, लेकिन इसके बावजूद भी इसकी कुछ सीमाएं हैं, जिसके बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए। इन शेयरों की कुछ सीमाएं नीचे दी गई है:

  • यदि इक्विटी शेयरों के अत्यधिक लेन-देन होने से संस्था का मूल्य भी बढ़ जाएगा।
  • शेयर धारक के दृष्टिकोण से, इक्विटी शेयरों के बाजार मुल्य में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसे निवेश की गई राशि का मूल्य कम या पूरी तरह नष्ट भी हो सकता है।
  • सर्विसिंग इक्विटी पूंजी की कुल लागत एडवेंचर (दी गई वास्तविक मूल्य) की लागत से थोड़ा अधिक होता है। इसी कारण से इक्विटी शेयर धारकों की उम्मीद भी डिवेंचर या प्रेफरेंस शेयर्स की तुलना में बढ़ जाता है। यदि हम कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं, तो हमें यह भी जान लेना चाहिए कि इक्विटी शेयरों पर मिलने वाले लाभांश के भुगतान पर किसी प्रकार का कर- कटौती नहीं होता है।
  • इक्विटी शेयरों का एक मुख्य नुकसान यह भी है, कि इक्विटी शेयरों का मुद्दा अंडरराइटिंग कमिशन और होने वाली बड़े बदलाव के लिए, ब्रोकरेज के खर्चो को सुनिश्चित करता है।
  • कंपनी के दृष्टिकोण से यह भी कहा जा सकता है, कि इक्विटी शेयरों का लागत संस्था के अलग-अलग फाइनेंसियल सोर्स के लागत से ज्यादा होता है।
  • कंपनी द्वारा अगर नए शेयर जारी किये जाते हैं, तो इससे मौजूदा समय के शेयर धारकों का मुनाफा कम हो जाएगा।
  • किसी भी कंपनी में, इक्विटी शेयरधारकोंं को अधिक जोखिम (रिस्क) उठाना पड़ेगा।
  • इक्विटी शेयरधारकों को होने वाले लाभ की कोई निश्चित संभावना नहीं है। इक्विटी शेयरधारकों को लाभ तभी मिलेगा, जब सभी प्रकार के टैक्स (कर), लिए गए उदार का ब्याज और प्राथमिक लाभांश का भुगतान कर दिया जाएगा।
  • इक्विटी शेयरों की एक सबसे बड़ी कमी यह भी है, कि ‘शेयरधारक’ संस्था के किसी भी मामलों में प्रभावी तरीके से हैं अपने नियंत्रण नहीं कर सकते हैं।

निष्कर्ष

इक्विटी शेयर्स को मुख्य रूप से किसी भी कंपनी के लिए लांग-टर्म सोर्स आफ फाइनेंस (फाइनेंस के लिए उपलब्ध दीर्घकालिक स्रोत) के रूप में वर्गीकृत किया क्योंकि यह प्रकृति में अतार्किक (बिना किसी तर्क का) है।

इक्विटी शेयरों के कई सारे फायदे हैं जो उन्हें अधिक बेहतर बनाते हैं। कंपनी के प्रबंध (मैनेजमेंट) को नियंत्रण करने के लिए शेयरों को आसानी से स्थानांतरित करने का अधिकार है, जिसका उपयोग करके इक्विटी शेयरधारककई अन्य तरह के लाभ का आनंद ले सकते हैं।

इक्विटी शेयर धारक कंपनी के ओनरशिप (मालिकाना हक) के साथ-साथ मतदान के अधिकार, लाभ और अन्य विशेष अधिकारों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, इक्विटी शेयरों के साथ कुछ विशेष सेवाएं भी जुड़ी होती हैं, जिसे इन शेयरों में निवेश करने से पहले ठीक से विचार करने और समझने की जरूरत होती है।

यदि आप इक्विटी शेयर या किसी अन्य शेयरों में निवेश (इन्वेस्ट) करना चाहते हैं, तो आपको एक कदम आगे ले जाने में हम आपकी सहायता करेंगे:



यहां अपना बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉल बैक की व्यवस्था की जाएगी!

 

Summary
Review Date
Reviewed Item
इक्विटी शेयरों के लाभ
Author Rating
51star1star1star1star1star

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × 4 =