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आज के समय में शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना काफी आम हो गया है और इसलिए काफी निवेशक स्टॉकब्रोकर के साथ आपने डीमैट खाता (demat account in hindi) खोल निवेश करने की शुरुआत करते है, लेकिन क्या अपने सोचा है की आप ब्रोकर के बिना भी निवेश कर सकते है? जी हां! ये मुमकिन है तो चलिए जानते है कि बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर कैसे ख़रीदे?
वैसे तो जो भी कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड है आप उसमे निवेश करने के लिए शेयर कैसे ख़रीदे और बेचे उसकी जानकारी प्राप्त कर पैसा कमा सकते है, लेकिन इसके अलावा भारत में कई कम्पनिया है और इनमे से काफी ऐसी भी है जो स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नहीं है, लेकिन चाहे कंपनी स्टॉक मार्केट में हो या नहीं आप फिर भी उसके शेयर खरीद सकते है?
क्या आपको इस बात ने असमंझस में डाल दिया है?
आपकी दुविधा को दूर करते है और जानते है कि बिना स्टॉकब्रोकर के शेयर कैसे खरीदते है?
क्या मैं बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर खरीद सकता हूँ?
आमतोर में आप किसी भी कंपनी के शेयर कैसे खरीदते है? जो कम्पनीज स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती है, आप स्टॉकब्रोकर की मदद से उन कम्पनीज में निवेश कर सकते है। लेकिन बिना एक्सचेंज में लिस्ट हुए भी आप डायरेक्ट परचेस प्लान (DSPP) के ज़रिये कुछ कम्पनीज के शेयर ख़रीदे जा सकते है।
अब क्योंकि यहाँ पर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयर में इन्वेस्ट नहीं करना है तो आप बिना स्टॉकब्रोकर के शेयर खरीद सकते है।
लेकिन ये डायरेक्ट स्टॉक परचेस प्लान है क्या और किस तरह से आप इसका इस्तेमाल कर शेयर का लेन-देन कर सकते है, चलिए इसे बारीकी से जानते है।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान (डीएसपीपी) क्या है?
आमतौर पर, इंवेस्टर्स स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर खरीदते हैं। इस मामले में, ब्रोकर इंवेस्टर और कंपनी के बीच एक बिचौलिए के रूप में कार्य करता है। लेकिन डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान (DSPP) एक ऐसा कार्यक्रम है जो इंवेस्टर्स को बिना किसी ब्रोकर के हस्तक्षेप के सीधे उस कंपनी से शेयर खरीदने में सक्षम बनाता है।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान ब्रोकरेज मॉडल के विकल्प की पेशकश करता है। जो आमतौर पर शेयरों की खरीद और बिक्री के समय ब्रोकर के द्वारा ली जाती है। डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान में इंवेस्टर ब्रोकर को बिना कोई कमीशन का भुगतान किए, आप सीधे कंपनी में इंवेस्ट कर सकते हैं।
हालांकि, डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान एक इंवेस्टर और एक कंपनी के बीच समझौता है। इसलिए, शेयरों की खरीद के संबंध में प्रत्येक कंपनी की अलग-अलग आवश्यकताएं हो सकती हैं, जिसपर निवेशक को काफी ध्यान देने की ज़रुरत होती है।
ब्रोकरेज मॉडल की तरह , यहां पर भी इंवेस्टर अपने चेक या सेविंग अकाउंट से मनी ट्रांसफर करके डायरेक्ट स्टॉक परचेज शुरू करते हैं। इसमें कुछ मिनिमम शेयर वैल्यू निर्धारित की जाती है और निवेशक सिर्फ उतने ही शेयर को खरीद सकता है।
साथ ही, प्रत्येक शेयर का प्राइस मार्केट प्राइस के बराबर नहीं होता है, बल्कि समय के अनुसार इसकी कीमत एवरेज होती है। एक बार शेयर खरीदे जाने के बाद, एडमिनिस्ट्रेटर इंवेस्टर को एक सर्टिफिकेट जारी किया जाता है जो खरीदे गए शेयरों की संख्या, लाभांश और अन्य जरूरी जानकारी बताता है।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज को ट्रांसफर अलग एजेंट द्वारा मैनेज किया जाता है, जो थर्ड पार्टी इंस्टीट्यूशन होते है जैसे की बैंक और एहि इंस्टीटूशन लेनदेन रिकॉर्ड करते हैं, सर्टिफिके जारी करते हैं और एडमिनिस्ट्रेटिव ड्यूटी (प्रशासनिक कर्तव्यों) का पालन करते हैं।
बिना ब्रोकर के आप किस कंपनी के शेयर खरीद सकते है?
अब जिस तरह से सभी कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट नहीं होती, ठीक उसी प्रकार सभी कम्पनीज डायरेक्ट परचेस प्लान की सुविधा प्रदान नहीं करती। एक रिटेल इन्वेस्टर किन कंपनी के शेयर बिना ब्रोकर के खरीद सकता है उसके लिए आप कंपनी की वेबसाइट के इन्वेस्टर रिलेशन पेज पर जाए जहाँ पर आपको निवेश से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान की जाती है।
आज के समय में भारत में कुछ ऐसी कम्पनीज है जो डायरेक्ट परचेस शेयर प्लान लागू करती है जैसे की RCOM, SUZLON, IDEA, DHFL, JETAIRWAYS, JP ASSOCIATES, BHUSAN STEEL, आदि।
इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स के लिए जो बड़ी मात्रा में शेयर खरीदते हैं, डायरेक्ट स्टॉक परचेज फायदेमंद हो सकती है क्योंकि कंपनियां ट्रेडिशनल ब्रोकरेज मॉडल की तुलना में डिस्काउंट की पेशकश कर सकती हैं।
रिटेल इन्वेस्टर भी इस प्लान के अंतर्गत कई तरह के लाभ उठा सकती है जिसका विवरण आगे दिया गया है।
बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर खरीदने के फायदे
अब ब्रोकर के साथ शेयर खरीदने के तो कई फायदे है जैसे की आपको डीमैट अकाउंट की सुविधा प्रदान की जाती है, साथ ही आपको share kharidne wala app प्रदान किया जाता है जिससे आप अपने स्टॉक की मूवमेंट की जानकारी प्रदान कर सकते हो।
इसके साथ और भी अन्य फायदे है लेकिन बिना स्टॉकब्रोकर के शेयर खरीदने या कहे डायरेक्ट परचेस प्लान के स्टॉक खरीदने के भी कुछ फायदे है, जैसे की:
- कोस्ट सेविंग:
इंवेस्टर्स के लिए डायरेक्ट स्टॉक परचेज के सबसे बड़े फायदों में से एक है ब्रोकरेज फीस से छुटकारा। साथ ही कंपनियां DSPP के अंतर्गत शेयर्स डिस्काउंट प्राइस में प्रदान करती है।
- आसान ट्रांसक्शन
ब्रोकरेज मॉडल से बचना भी खरीदारी के अनुभव में अधिक सरल बनता है तो अगर आप किसी कंपनी के बिज़नेस से पूरी तरह से अवगत है तो आप आसानी से कुछ ही चरणों में शेयर्स खरीद सकते है।
- स्ट्रांग इंवेस्टर रिलेशन को बढ़ावा देता है
कंपनी के लिए भी डायरेक्ट स्टॉक परचेज फायदेमंद हो सकती है क्योंकि यह इंवेस्टर के साथ उसके स्ट्रांग रिलेशन को बढ़ावा देती है। चूंकि शेयर सीधे खरीदे जाते हैं और कंपनी जानकारी को बढ़ावा देने और साझा करने के लिए सीधे इंवेस्टर्स तक पहुंच सकती है।
- कम बिक्री को रोकता है:
साथ ही, डायरेक्ट स्टॉक परचेज के माध्यम से खरीदे गए शेयरों को छोटा नहीं किया जा सकता है, जो शॉर्ट-सेलिंग को रोकता है और प्राइस वोलैटिलिटी (अस्थिरता) को कम करता है।
बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर खरीदने के नुकसान
अब आप सभी जानते है की स्टॉक मार्केट में सभी तरह की लेन-देन सेबी द्वारा रेगुलेट की जाती है तो अगर आपको किसी भी तरह का फ्रॉड या धोखा होता है तो उसमे आप अपने निवेश की हुई राशि का भुगतान प्राप्त कर सकते है, लेकिन DSPP के अंतर्गत ऐसी कोई रेगुलेशन नहीं होती है और इसलिए इस तरह से शेयर खरीदने के कई तरह के नुकसान भी है, जैसे की:
- अन्य शुल्क
हालांकि डायरेक्ट स्टॉक परचेज ब्रोकरेज फीस को खत्म कर देती है, फिर भी आपको हर कंपनी के शेयर खरीदने के लिए अलग-अलग इनिशियल फीस के अलावा अन्य फीस भी देनी पड़ सकती हैं, जैसे अकाउंट सेटअप फीस, ट्रांजैक्शन फीस और बेचने के लिए फीस आदि।
इसलिए अगर आप एक्टिव ट्रेडर है तो डीएसपीपी के बजाए डिस्काउंट ब्रोकर के साथ जुड़कर ब्रोकरेज बचा सकते हैं।
- ट्रेडिंग ऑप्शन को सीमित करता है:
डायरेक्ट स्टॉक परचेज एक इंवेस्टर और एक कंपनी के बीच होती है। जबकि ब्रोकरेज हजारों स्टॉक ऑप्शन की पेशकश करता है, डायरेक्ट स्टॉक परचेज इंवेस्टर को एक कंपनी के स्टॉक तक ही सीमित कर देती है और इंवेस्टर के ट्रेडिंग ऑप्शन को भी कम कर देता है।
डायरेक्ट स्टॉक परचेज के साथ शेयर खरीदने से पहले उस शेयर की कीमत जानना मुश्किल है क्योंकि कीमतें एवरेज होती हैं। इससे मार्केट को समय देना मुश्किल हो जाता है और इंवेस्टर्स के लिए अपने शेयर बेचना मुश्किल हो जाता है।
निष्कर्ष
बिना ब्रोकर के शेयर खरीदने के लिए एक रिटेल निवेशक को डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान (डीएसपीपी) इंवेस्टर की सुविधा दी जाती है। ये प्लान लंबे समय की इंवेस्टमेंट के लिए सही रहता है। डायरेक्ट स्टॉक परचेज प्लान में सभी काम मैनुवल ही करना पड़ता है, आपको ट्रेडिंग करने के लिए कोई ट्रेडिंग एप नहीं प्रदान की जाती।
हालांकि इस तरह से शेयर खरीदने के कई फायदे है लेकिन डीएसपीपी में कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आपको प्रत्येक कंपनी को अलग-अलग संपर्क करना पड़ता है, जो काफी सिरदर्दी वाला काम है।
तो आप चाहे तो अपनी मनचाही कंपनी की पूरी जांच कर उसमे बिना ब्रोकर के भी निवेश कर सकते है।
अगर आप स्टॉक मार्केट में सुरक्षित तरह से निवेश करना चाहते है तो उसके लिए अभी हमे संपर्क करें। हम आपको एक सही स्टॉकब्रोकर चुनने में और उसके साथ डीमैट खाता खोलने में मदद प्रदान करेंगे।