ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

क्या आप जानते है कि दुनिया के ज्यादातर सफल ट्रेडर ऑप्शन ट्रेडिंग (option trading in hindi) करते है क्योंकि ऑप्शंस ट्रेडिंग हमें किसी भी मार्केट कंडीशन में कम जोखिम के साथ ज्यादा लाभ करने की अनुमति देता है। तो अगर आप ऑप्शंस ट्रेडर बनना चाहते है तो आपकी लिए ये समझना बहुत ज़रूरी है की ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

ऑप्शंस ट्रेडिंग आपको स्टॉक ट्रेडिंग के मुकाबले थोड़ी जटिल लग सकती है लेकिन अगर सही तरह से समझा जाए तो ऑप्शंस सबसे अच्छा तरीका है ट्रेडिग़ करने का। साथ ही अगर आप जानना चाहते है कि Nifty 50 me invest kaise kare तो उसके लिए भी ऑप्शन ट्रेडिंग की जानकारी होनी चाहिए। 

एक तरफ अगर स्टॉक ट्रेडिंग देखी जाए जब आप कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो आप केवल यह तय करते हैं कि आपको कितने शेयर चाहिए, और आपका ब्रोकर मौजूदा बाजार मूल्य या आपके द्वारा निर्धारित सीमा मूल्य पर ऑर्डर भरता है। लेकिन ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए ज़रूरी होती है सिर्फ एक सही ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (option trading strategies in hindi) की समझ। 

तो अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग की बारीकियों को समझना चाहते है तो यहाँ आपके लिए नीचे दिए गए पाँच चरण किसी वरदान से कम नही होंगे क्योकि इसमें आपको पूरा रोड्मैप समझाया जायेगा कि ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं।

Option Trading Kaise Karen 

स्टॉक मार्केट में किसी भी तरह के लिए ज़रूरी होता है एक ट्रेडिंग अकाउंट का होना, जिसके लिए एक सही स्टॉकब्रोकर का चयन करना काफी आवश्यक होता है।

यहाँ पर अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए ही ट्रेडिंग अकाउंट खोलना चाहते है तो ज़रूरी है कि ऐसे स्टॉकब्रोकर को चुने जो एक अच्छी एप के साथ स्टॉक के विश्लेषण के लिए एक एडवांस ऑप्शन चैन भी प्रदान करें। साथ ही कुछ ऐसे स्टॉकब्रोकर्स है जो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग बेसिक्स (option trading basics in hindi) को समझाने के लिए अलग-अलग माध्यम प्रदान करता है 

अकाउंट खोलने के बाद सबसे ज़रूरी होता है सही राशि के साथ शुरुआत करना। एक शुरूआती ट्रेडर हमेशा ये जानना चाहता है कि शेयर मार्केट में कितना पैसा लगा सकते है? खैर ये पूरी तरह से आपके जोखिम और लक्ष्य पर निर्भर करता है लेकिन अगर हम ऑप्शन की बात करें तो आपको एक अच्छी धन राशि के साथ ट्रेड करने की शुरुआत करनी चाहिए।

इसके साथ नीचे दिए गए चरणों का पालन कर आप ऑप्शन ट्रेडिंग के सफर को शुरू करें।

1. ट्रेडिंग खाता खोलें

इससे पहले कि आप ऑप्शंस ट्रेडिंग शुरू करे, आपको एक डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा। क्योंकि जैसे बैंक से पैसे निकालने या जमा करने के लिए हमें बैंक में खाता खुलवाना होता है, वैसे ही अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेंडिग करना चाहते है तो आपको किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग खाता खोलना होगा।

इस समय भारत  में बहुत सारे स्टॉक ब्रोकर मौजूद और आपको ये चुनने में दिक्कत आ सकती है कि आपके लिए सबसे सही कौन–सा है। तो इस बात को समझते हुये यहाँ कुछ ख़ास बातों का जिक्र किया गया है जिसकी मदद से आप आसानी से अपने लिए सही स्टॉक ब्रोकर का चुनाव कर सकते है।

  • सबसे पहले एक ट्रेडर स्टॉक ब्रोकर का चयन करने के लिए देखता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है। एक तरह से स्टॉक ब्रोकर वह चुने, जिसकी ब्रोकरेज चार्जेज कम हो और अन्य चार्जेज भी कम हो, क्योंकि हमें लंबे समय तक ट्रेड करना है अगर शुल्क ज़्यादा हुये इससे आपका मुनाफा घट सकते है।
  • ऐसा स्टॉक ब्रोकर चुने, जिसका ट्रेडिग पोर्टल और एप बहुत ही सिम्पल हो, और जिसमें टेक्निकल गिलिच बहुत कम हो। क्यों कि कभी–कभी कुछ स्टॉक ब्रोकर के पोर्टल और एप में टेक्निकल गिलिच हो जाता है जिससे ट्रेडर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। 
  • और सबसे ज़रूरी, उस ब्रोकर का चयन करें जो एक बेहतर और एडवांस ऑप्शन चैन प्रदान करता हो, जिससे एक सही विश्लेषण कर आप सही स्ट्रेटेजी का चुनाव कर सकते है और अपने मुनाफे को बढ़ा सकते है। 

2. ऑप्शन के बेसिक्स को समझें 

हमें अगर कुछ भी सीखना हो तो सबसे पहले हमें उसके बेसिक्स को समझना होता है जैसे अगर इंग्लिश पढ्ना सीखना चाहते है तो सबसे पहले हमें अल्फावेट(A – Z ) फिर इंग्लिश के नियम, तब जाकर हम एक भाषा सीख पाते है ठीक इसी प्रकार अगर आप ऑप्शन ट्रेडिग सीखना चाहते है तो सबसे पहले आपको ऑप्शन के बेसिक्स को समझना होगा।

ऑप्शन के बेसिक्स में बहुत सारे टॉपिक शामिल है जैसे – ऑप्शन क्या होते है, ऑप्शन कितने तरह के होते है, ऑप्शन कैसे काम करते है और भी बहुत कुछ।

एक बात हमेशा याद रखना कि बिना ऑप्शन के बेसिक्स को समझे आप ऑप्शन ट्रेडर नही बन सकते है क्योंकि ऑप्शन बेसिक्स हमारे नींव की तरह काम करेंगा। 

और जिस तरह से बिलिडिंग की मजबूत नींव उस पूरी बिलिडिंग को मजबूत बनती है ठीक उसी तरह ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स और नियमो का पालन कर उसके बेसिक्स से अवगत रहकर आप एक सफल ऑप्शन ट्रेडर बन सकते है।


3. सही ऑप्शन का चुनाव करें

आपको कब क्या ऑप्शन खरीदना है या बेचना है ये समझने से पहले आपको ऑप्शन खरीददार और ऑप्शन सेलर के बारे में जानना होगा। 

  • ऑप्शन खरीददार :- ऑप्शन खरीददार बहुत कम पैसो के साथ ट्रेडिग की शुरुआत कर सकता है क्योंकि ऑप्शन खरीददार को सिर्फ ऑप्शन प्रीमियम देना होता है लेकिन ऑप्शन खरीददार की लाभ कमाने की प्रवृति ऑप्शन सैलर के मुकाबले बहुत कम होती है।
  • ऑप्शन सैलर :- ऑप्शन सैलर बनने के लिए आपको अपने अकाउंट में मार्जिन रखना होता है और इसी कारण एक ऑप्शन सेलर को ज़्यादा पैसो की जरुरत होती है। जबसे सेबी ने नया मार्जिन नियम लागू किया है तब से ऑप्शन सैलिंग के लिए मार्जिन की ज़रुरत कई गुना तक बढ़ गई है लेकिन फिर  भी एक ऑप्शन सेलर के लाभ कमाने की प्रवृति ऑप्शन खरीददार से ज्यादा होती है।

आपने जो भी ऑप्शन ट्रेडिग के केपिटल रखा है उस हिसाब से आप देख सकते है कि आप ऑप्शन खरीददार बनना चाहते है या ऑप्शन सैलर।

अब बात करते है ऑप्शन के प्रकार, कॉल और पुट ऑप्शन (call and put option in hindi) की:

कॉल ऑप्शन :- एक कॉल ऑप्शन एक अनुबंध है जो आपको एक निश्चित समय अवधि के भीतर एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर स्टॉक खरीदने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं।

पुट ऑप्शन :- एक पुट ऑप्शन आपको अनुबंध समाप्त होने से पहले एक निश्चित कीमत पर शेयर बेचने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं। 

अभी हम ये देखते है कि आप किस दिशा में क्या ऑप्शन खरीदेंगे या बेचेंगे।

  • अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत बढ़ेगी: कॉल ऑप्शन खरीदें या पुट ऑप्शन बेचें।
  • अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत स्थिर रहेगी: कॉल ऑप्शन बेचें और पुट ऑप्शन भी बेचें।
  • अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत नीचे जाएगी: पुट ऑप्शन खरीदें या कॉल ऑप्शन बेचें।

4. सही स्ट्राइक प्राइस का चयन करें

किसी भी स्टॉक या इंडेक्स की स्ट्राइक प्राइस (strike price in hindi) वह प्राइस होता है जिसपर फ्यूचर में ट्रेड करना चाहते है। ये वैल्यू एक्स्चेंज द्वारा तय की जाती है। ऑप्शन में ट्रेडिंग करते समय हमें बहुत सावधानी के साथ स्ट्राइक प्राइस का चयन करना होता है।

इसके लिए आप ऑप्शन में मोनीनेस की जानकारी ले सकते है जो आपको इन्ट्रिंसिक वैल्यू और स्ट्राइक प्राइस से जुड़े प्रीमियम और रिटर्न की गणना करने में मदद करता है। 

इसके लिए ऑप्शन ट्रेडिंग उदाहरण (option trading example in hindi) लेते है, यदि आप मानते हैं कि किसी कंपनी का शेयर मूल्य वर्तमान में 1000 पर ट्रेड कर रहा है, और भविष्य की किसी तारीख तक 1050 तक बढ़ जाएगा, आप 1050 से कम स्ट्राइक मूल्य के साथ एक कॉल ऑप्शन खरीद सकते है। 

फिर जैसे – जैसे कंपनी का शेयर मूल्य 1050 के नजदीक जाता जाएगा, आपका लाभ बढ़ता जायेगा। इसी तरह अगर कंपनी का शेयर मूल्य उस भविष्य की तारीख तक 1000 से जैसे –जैसे कम होगा, आपका मुनफा कम होता चला जायेगा लेकिन ऑप्शन खरीदते हुएआपका अधिकतम नुकसान आपने जो प्रीमियम दिया है सिर्फ वही होगा

इसी तरह, अगर आपको लगता है कि किसी कंपनी का शेयर मूल्य वर्तमान में 500 पर ट्रेड कर रहा है, और भविष्य की किसी तारीख तक 450 तक घट जाएगा, तब आप 450 से कम स्ट्राइक मूल्य के साथ एक पुट ऑप्शन खरीद सकते है। 

फिर जैसे – जैसे कंपनी का शेयर मूल्य 450 के नजदीक जाता जायेगा, आपका लाभ बढ़ता जायेगा। और इसी तरह अगर कंपनी का शेयर मूल्य उस भविष्य की तारीख तक 500 से जैसे –जैसे बढेगा, आपका मुनाफा कम होता चला जायेगा। इस में भी ऑप्शन खरीदते हुये आपका अधिकतम नुकसान आपका प्रिमियम है।

इसके साथ स्ट्राइक प्राइस का चयन करने के लिए आपको और भी पैरामीटर देखने होते है जैसे की- ओपन इंटरेस्ट, इम्प्लॉइड वोलैटिलिटी (IV in option chain in Hindi), और ऑप्शन ग्रीक। 

सब चीज़ो की भरपूर जानकारी होने पर आप सही स्ट्रेटेजी के साथ ऑप्शन में ट्रेड कर सकते है। 


5. ऑप्शन समय सीमा निर्धारित करें

ऑप्शन में सबसे अहम रोल एक्सपायरी का होता है लेकिन यहाँ सबसे पहले हम ये समझते है कि शेयर मार्केट में एक्सपायरी होती क्या है (what is expiry in share market in hindi)। 

ऑप्शन एक्सपायरी एक तिथि होती है जहां पर ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट (प्रीमियम) एक भविष्य की तारिख पर शून्य हो जाते है। ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट के लिए तीन विभिन्न एक्सपायरी होती है :

  • नियर मंथ । Near Month (1 महीना)
  • मिडिल मंथ । Middle Month (2 महीना)
  • फार मंथ । Far Month (3 महीना)

अगर आप इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेड कर रहे है तो वहां पर आपको weekly expiry का विकल्प भी दिया जाता है। 

प्रत्येक ऑप्शन की समाप्ति अवधि होती है जो इंगित करती है कि आप उस भविष्य तारीक के अंतिम दिन तक उस ट्रेड में बने रह सकते है। 

उदाहरण के लिए, अभी निफ्टी 17000 पर ट्रेड कर रहा है और आप निफ्टी में ट्रेड करना चाहते है तो आप साप्ताहिक एक्सपायरी (साप्ताहिक एक्सपायरी  सिर्फ इंडेक्स के लिए होती है स्टोक्स के लिए नही) या महीने  की एक्सपायरी को लेकर ट्रेड कर सकते है। 

अब मान लेते है कि आपको लगता है निफ्टी इस महीने के अंत तक 17500 तक या उससे ज्यादा तक पहुंच जायेगा, तब 17500 कॉल ऑप्शन महीने की जो आखिरी एक्सपायरी है उस पर खरीदते है। 

समाप्ति तिथियां साप्ताहिक से लेकर महीनों तक हो सकती हैं। लेकिन साप्ताहिक ऑप्शन सबसे अधिक जोखिम वाले होते हैं और अनुभवी ऑप्शन ट्रेडर्स ज्यादातर इन्ही में ट्रेड करते हैं। 

लंबी अवधि के ट्रेडर्स के लिए, मासिक तिथियां बेहतर होती हैं। लंबी एक्सपायरी स्टॉक को आगे बढ़ने के लिए अधिक समय देती है जो एक ऑप्शन खरीदार को मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करती है। 

लेकिन यहाँ पर प्रीमियम को समझना भी ज़रूरी हो जाता है, जानना चाहते है की क्यों?

क्योंकि ऑप्शन की समाप्ति अवधि जितनी लंबी होगी, ऑप्शन उतना ही महंगा होगा यानी की आपको उतना ज़्यादा प्रीमियम ऑप्शन खरीदने के लिए देना होगा। 

एक लंबी समाप्ति भी उपयोगी है क्योंकि ऑप्शन समय मूल्य को बनाए रख सकता है, भले ही स्टॉक स्ट्राइक मूल्य से नीचे ट्रेड करता हो। एक ऑप्शन का समय मूल्य समाप्ति के दृष्टिकोण के रूप में कम हो जाता है, और ऑप्शन खरीदार अपने खरीदे गए ऑप्शन को मूल्य में गिरावट नहीं देखना चाहते हैं। 

ऑप्शन की एक्सपायरी जितनी दूर होगी उतनी ही धीरे–धीरे ऑप्शन कम होगा और आपके टारगेट तक पहुंचने के लिए आपको ज्यादा समय मिल जायेगा। वो कहते है न कि Time is Money तो यहाँ पर वो बात बहुत अच्छे से लागू होती है। 

अगर मार्केट की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है तो हर एक समय आपके ऑप्शन प्रीमियम की वैल्यू घटती रहती है

अब ऐसे में एक ऑप्शन बायर जिसने मार्केट में लॉन्ग पोजीशन ली होती है उसे नुकसान होता है तो दूसरी तरफ ऑप्शन राइटर जिसने प्रीमियम लेकर ऑप्शन सेल किया होता है उसका मुनाफा, क्योंकि इससे ये अंदेशा लगाया जाता है कि मार्केट in the money expire होगी। 


Option Intraday Trading Hindi

बहुत से ट्रेडर इससे ज्ञात नहीं होते कि वह ऑप्शंस में भी इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते है। जी हां! आप सुबह ऑप्शन को बाय या सेल कर इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम ख़त्म होने से पहले अपनी पोजीशन को कवर कर ट्रेड से बाहर निकल सकते है।

अब कैसे ऑप्शन में इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए उसके लिए आपको सही ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करना होता है, जैसे कि इंट्राडे ट्रेडिग करते है तो सिर्फ आपको सबसे नजदीकी एक्सपायरी के ऑप्शन में ट्रेड करना चाहिए, क्योंकि उसका प्रीमियम कम होता है और इम्प्लॉइड वोलैटिलिटी और अन्य पैरामीटर का ज़्यादा असर होता है, जिससे आप एक सही ट्रेड कर सकते है।

लेकिन हां इसमें जोखिम भी बहुत होते है और इसलिए बहुत सोच समझ और सही एनालिसिस कर मार्केट में ट्रेड करना चाहिए

ऑप्शन में इंट्राडे कैसे करें उसको समझने के लिए एक उदाहरण लेते है:

मान लेते है कि निफ़्टी 17000 पर ट्रेड कर रहा है और आज की एनालिसिस के अनुसार आपको बुलिश ट्रेंड का संकेत मिलता है। अब ऐसे में या तो आप कॉल ऑप्शन खरीदेंगे या पुट ऑप्शन बेचेंगे।

मान लेते है कि आपने कॉल ऑप्शन खरीदने का निर्णय लिया लेकिन अब आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती आती है सही स्ट्राइक प्राइस को चुनने की। तो यहाँ पर शुरूआती ट्रेडर के लिए एक टिप है कि ऑप्शन में  इंट्राडे करने के लिए आउट-ऑफ़-द-मनी वाले ऑप्शन बेहतर होते है क्योंकि उसमे प्रीमियम कम होता है। 

तो एक चरण तो सुलझ गया, अब दूसरा की OTM में कौनसा स्ट्राइक प्राइस चुनना चाहिए, तो उसके लिए आपको ओपन इंटरेस्ट का देता एनालाइज करना चाहिए। ज़्यादातर वह स्ट्राइक प्राइस पर ऑप्शन खरीदना बेहतर और फायदेमंद होता है जहाँ Open Interest की वैल्यू बढ़ी हो और उसके साथ उस स्ट्राइक प्राइस के प्रीमियम वैल्यू भी।

इससे ये संकेत मिलता है कि उस स्ट्राइक प्राइस पर ज़्यादा बायर है जिससे आप कम जोखिम वाली पोजीशन ले फायदा कमा सकते है।

इसके अलावा आप एटीएम कॉल ऑप्शन भी ले सकते है क्योंकि इसका मार्केट अगर आपके अनुसार बुलिश रही तो इसमें प्रीमियम तेज़ी से बदलता है आपका मुनाफा कमाने के अवसर को बढ़ाता है। 

ये सब समझने के साथ आपको ऑप्शन स्ट्रेटेजी को समझना चाहिए कि किस मार्केट कंडीशन में कौन–सी स्ट्राटेजी से ज्यादा लाभ होगा।


निष्कर्ष 

ऑप्शन ट्रेडिंग आपको एक अच्छा मुनाफा कमाने का मौका देता है लेकिन ज़रुरत है उसे सही तरह से करने की। इसके लिए आप ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स का इस्तेमाल कर सकते है और शेयर मार्केट ट्रेडिंग कर ज़्यादा मुनाफा कमा सकते है। 

मुनाफा कमाने के लिए आप ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम (option trading rules in hindi) उससे जुड़े टिप्स का पालन करे और स्टॉक मार्केट में  ट्रेड कर मुनाफा बढ़ाए


ऑप्शन ट्रेडिंग या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए यदि आप एक सही स्टॉकब्रोकर ढूंढ रहे है तो हमे संपर्क करे और हम आपको एक सही ब्रोकर और उसके साथ अकाउंट खोलने में मदद करेंगे:

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