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हमारे जीवन में नियम क्यों होना चाहिए? आम जन-जीवन में कई तरह के नियम है जैसे सामाजिक, नागरिक पेशेवर, और अन्य नियम है जो आम जन-मानस की गतिविधियों को व्यवस्थित बनाने में मदद करते हैं। इसी तरह, इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम एक ट्रेडर के जीवन में स्थिरता लाती है।
लेकिन यह काम कैसे करता है?
आइए कोशिश करते है और इस संक्षिप्त समीक्षा में ऐसे ही 11 इंट्राडे ट्रेडिंग नियम (Intraday Trading Rules in Hindi) और इसके इस्तेमाल के बारे में समझेंगे।
इंट्राडे ट्रेडिंग में सिक्योरिटीज में लॉन्ग या शॉर्ट पोजीशन लेना शामिल है। और ट्रेडिंग खत्म होने से पहले पोजीशन को स्क्वायर ऑफ (square off meaning in hindi) करना होता है।
सीधे शब्दों में कहें तो इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ही दिन के अंदर सिक्योरिटीज को खरीदा और बेचा जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्केट बहुत वोलेटाइल होती है। इस प्रकार, बाजार में रुझान चाहे तेजी में हो या मंदी में, मुनाफा दोनों ही स्थिति में कमाया जा सकता है।
यह मुनाफा कमाने का आसान और तेज़ तरीका हो सकता है, लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना सुनने में लगता है। डे-ट्रेडिंग में मार्केट ट्रेंड को अलग रख कर निर्णय लिया जाता है। और उसके बाद ही मुनाफे की तरफ देखा जाता है।
डे ट्रेडिंग की बारीकियों को ना समझना और इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीतियों (intraday trading strategy in hindi) को फॉलो न करने पर आपको काफी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
तो यहाँ पर इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान से बचने के लिए कुछ नियम दिए गए है जो आपको न ही ट्रेड करने में बल्कि उसमे सफलता प्राप्त करने में भी काफी मदद करेंगे।
Intraday Trading Rules in Hindi
इंट्रा डे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण Intraday Trading Rules in Hindi हैं, जिनका पालन करना महत्वपूर्ण है। उनमें से कुछ नियम इस प्रकार हैं:
1. ट्रेडिंग प्लान होनी चाहिए
एक इंट्राडे ट्रेडर बनना आसान नहीं है। आपको पता होना चाहिए कि आप क्या करने जा रहे है और आपको उसके बारे में सुनिश्चित होना चाहिए।
आपको सबसे पहले यह समझना होगा कि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग करना चाहते है या डिलीवरी ट्रेडिंग। इन दोनों ट्रेडिंग सेगमेंट के कुछ अपने फायदे और नुकसान है और दोनों ही ट्रेडिंग फॉर्म प्रत्येक ट्रेडर्स के लिए सही नहीं है।
एक निवेशक कभी भी इंट्राडे ट्रेडर नहीं बन सकता है और ठीक उसी तरह से एक इंट्राडे ट्रेडर भी कभी निवेशक नहीं बन सकता है।
एक बार यह तय हो जाने के बाद कि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग करना चाहते हैं, उसके बाद ट्रेडिंग करने के लिए एक व्यापक योजना बनाएं। अपनी योजना पर अभ्यास करें और फिर उसके बाद ही सही रणनीति को चुनाव करें।
प्रत्येक ट्रेडिंग सेशन की शुरुआत से पहले एक योजना होनी चाहिए। साथ ही, ट्रेडिंग से होने वाले प्रॉफिट और लॉस का रिकॉर्ड रखें। इससे आपको पता चलेगा कि कौन सी रणनीति आपके लिए सबसे ज्यादा उपयोगी है।
प्रत्येक ट्रेडिंग दिन के लिए एक ट्रेडिंग प्लान बनाएं। ट्रेडिंग प्लान में अपने टारगेट प्राइस और स्टॉप-लॉस (stop loss meaning in hindi) निर्धारित करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत अधिक अनुशासन की आवश्यकता होती है और ट्रेडिंग प्लान बनाना और उसका पालन करना उस अनुशासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि आप इन नियमों को अपनी ट्रेडिंग स्वभाव का हिस्सा बना लें।
ऐसा करने से आपको निश्चित रूप से किसी भी नुकसान उठाने वाले ट्रेड से बचने और लाभदायक अवसरों की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
2. वर्तमान दिन के रुझान के साथ ट्रेडिंग करें
अगला इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम है मार्केट के रुझान को समझना।
इंट्राडे मार्केट पानी की लहरों की तरह हैं। यह समय-समय पर ऊपर और नीचे होती रहती हैं। इसलिए एक इंट्राडे ट्रेडर के लिए वर्तमान मार्केट के ट्रेंड के अनुसार ट्रेडिंग करना बेहद महत्वपूर्ण है।
एक इंट्रा डे ट्रेडर को उतार-चढ़ाव का पालन करना चाहिए और उसके साथ ही जाना चाहिए। जब मार्केट में तेज़ी होती है, तो इंट्राडे ट्रेडर को उन शेयरों का चयन करना चाहिए जिसमें ऊपर जाने की संभावना है।
जब मार्केट में मंदी होती है, तो उन्हें उन शेयरों की पहचान करनी चाहिए जो नीचे जा सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेंड्स में तेजी से बदलाव होते हैं और इन बदलावों को ध्यान से देखना चाहिए।
ट्रेडर को रुझान को पहचान करने के बाद उनका पालन करना चाहिए।
जब मार्केट ऊपर की तरफ बढ़ रही हैं, तो कुछ शेयर अधिक तेजी से आगे बढ़ते हैं और ट्रेडर को इन शेयरों में ट्रेडिंग करनी चाहिए, क्योंकि उनमें अधिक मुनाफे और कम जोखिम की संभावना होती है।
इसी तरह, जब मार्केट नीचे जा रही हैं, तो इंट्रा डे ट्रेडर को उन शेयरों में काम करना चाहिए जो मार्केट में तेजी से गिर रहे हैं। एक ट्रेडर को ट्रेंड्स और मार्केट की चाल को पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए। इसके साथ मार्केट की वोलैटिलिटी के आधार पर भी ट्रेड पोजीशन लेनी चाहिए। ज़्यादातर ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम जिसमे वोलैटिलिटी सबसे ज़्यादा होती है उसका उपयुक्त फायदा उठाते है और उसके आधार पर ट्रेडिंग करते है।
3. भावनाओं को एक तरफ रखें
अकसर ट्रेडर भावुक होकर इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेड करते है और मार्केट के उतार चढ़ाव को समझते हुए भी एक सही निर्णय नहीं लेते जिससे उन्हें आगे चलकर नुकसान का सामना करना पड़ता है।
इसलिए ज़रूरी है कि एक इंट्राडे ट्रेडर को अपनी भावनाओं को एक तरफ रखना चाहिए और लाभ या हानि से अत्यधिक प्रभावित नहीं होना चाहिए। वास्तव में, ट्रेडर को नुकसान को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग करना चाहिए और उससे हमेशा सीखना चाहिए।
इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम के अनुसार, एक इंट्राडे ट्रेडर को अपनी पोजीशन से बाहर निकलने के बारे में पता होना चाहिए।
एक इंट्राडे ट्रेडर को नुकसान के लिए मार्केट को कभी दोष नहीं देना चाहिए। एक अनुशासित ट्रेडर, कभी भी मार्केट, सरकार, कंपनियों या किसी अन्य फैक्टर को अपने नुकसान के लिए दोष नहीं देता हैं।
बाजार बड़े अवसर प्रदान करता है, यह ट्रेडर्स के हाथों में होता है कि वह डर या लालच जैसी किसी भी भावना को हावी हुए बिना अपनी रणनीति को पहचान पा रहा है या नहीं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करने के लिए एक ट्रेडर को अपनी रणनीति पर भरोसा होना चाहिए और उससे जुड़ा रहना चाहिए।
4. मुनाफा जमा करें
इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान, सभी उतार चढ़ाव बहुत तेजी से होते हैं।
जब मुनाफा कमाया जाता है, तो रुझान तुरंत खुद को उलट भी सकते हैं और ट्रेडर के खिलाफ जाना शुरू कर सकते हैं। इसलिए, एक प्रभावी इंट्राडे ट्रेडर को लालच से दूर नहीं होने और अपने कागजी-लाभ को वास्तविक लाभ में जल्द से जल्द बदलने के लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम का पालन करना चाहिए।
जब ट्रेडर अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेता है तो ट्रेडर को प्रॉफिट लेकर पोजीशन से बाहर निकल जाना चाहिए।
इंट्रा डे ट्रेडिंग में मुनाफे को अपने पक्ष में करने के लिए उपलब्ध समय बहुत कम होता है और इसलिए इसका सही ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए।
मुनाफे को अपने पक्ष में बदलने के लिए दो महत्वपूर्ण नियम हैं:
- लॉन्ग पोजीशन: इसमें मार्केट के पिछले हाई प्राइस पर या उससे अधिक पर अपने पैसे से लाभ प्राप्त करना चाहिए।
- शॉर्ट पोजीशन: इस स्थिति में, पिछले सबसे कम कीमत पर या इससे थोड़ा नीचे पर लाभ बनाएं।
5. ओवरट्रेडिंग से बचें
एक और महत्वपूर्ण इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम है सही समय में और सीमित ट्रेड करना।
अक्सर इंट्राडे ट्रेडर हर दिन किसी भी समय पर ट्रेड पोजीशन ले लेते है। लेकिन, इंट्राडे ट्रेडिंग इस तरह से काम नहीं करती है। एक ऐसा समय होता है जब मार्केट में कोई खास ट्रेंड नहीं होता है।
इस स्थिति में मार्केट को समझने के लिए या दूसरों को प्रभावित करने के लिए ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।
इंट्राडे ट्रेड को बेहतर समझने के लिए, आप कुछ जरुरी इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स को (Intraday Trading Tips in Hindi) पढ़ सकते हैं।
यह आपको रणनीतिक योजना बनाने में मदद करता है और इस प्रकार लाभ कमाने की संभावना को बढ़ाता है। जब मार्केट में कोई स्पष्ट ट्रेंड नजर नहीं आये तो एक अनुशासित इंट्राडे ट्रेडर को कम निवेश करना चाहिए और मार्केट स्थिर होने तक ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए।
सुनिश्चित करें कि कीमतों की गति की सीमा अधिक है, ताकि मुनाफा संभावित जोखिम से अधिक हो जाएं और जब मार्केट नहीं बढ़ रहा है तो ट्रेड न करें।
इसके अलावा, एक इंट्राडे ट्रेडर को शुरुआत में वॉल्यूम कम से कम रखना चाहिए और एक समय में केवल कुछ खास शेयरों में ही ट्रेडिंग करनी चाहिए।
जब तक ट्रेडर खुद संतुष्ट नहीं हो कि उसने बहुत कुछ सीखा है, उसे अपनी ट्रेडिंग को सीमित रखना चाहिए और पिछले दिन के प्रदर्शन के आधार पर कम या ज्यादा नहीं करना चाहिए।
6. मार्केट में मार्केट ऑर्डर के बजाय लिमिट ऑर्डर की पोजीशन लें
यह सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम में से एक है।
एक मार्केट ऑर्डर में वर्तमान मार्केट वैल्यू पर तुरंत खरीदा या बेचा जाता है। अगर मार्केट में खरीदार या विक्रेता उपलब्ध है तो मार्केट ऑर्डर में तुरंत ही ट्रेड पूरा हो जाता है।
मार्केट ऑर्डर में ऑर्डर पूरा करने के लिए कीमत प्रमुख कारक नहीं होती है। हालांकि, एक लिमिट ऑर्डर में अधिकतम खरीद मूल्य एक बाय ऑर्डर (Buy Order) द्वारा निर्धारित किया जाता है।
इसी प्रकार, एक सेलिंग ऑर्डर में न्यूनतम बिक्री मूल्य एक आर्डर द्वारा निर्धारित किया जाता है।
यदि मार्केट, लिमिट ऑर्डर तक नहीं पहुंचता है तो ऑर्डर पूरा नहीं होगा।
इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई नुकसान नहीं हो, मार्केट ऑर्डर के बजाय लिमिट ऑर्डर निर्धारित करने की सलाह दी जाती है।
मार्केट ऑर्डर अधिक वोलेटाइल स्थितियों के समय स्पष्ट तस्वीर नहीं दिखाते हैं जैसे मार्केट क्रैश, जहां लिमिट आर्डर नुकसान को रोकने में मदद कर सकते हैं।
7. इंट्राडे ट्रेडिंग सीखें
इंट्रा डे ट्रेडिंग एक नौकरी की तरह है जो आप अपने लिए कर रहे हैं और जहां सीखना कभी खत्म नहीं होता है।
प्रत्येक ट्रेड और ट्रेड के प्रत्येक पहलू कुछ नया सिखाते है। एक कुशल इंट्राडे ट्रेडर को जिद्दी और कठोर होने की बजाय सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
उसे अपने मुनाफे के साथ-साथ नुकसान से सीखना चाहिए। रणनीतियों का अभ्यास करते रहना चाहिए और फिर सबसे उपयुक्त को चुनना चाहिए।
प्रत्येक ट्रेडिंग दिन की शुरुआत से पहले एक योजना होनी चाहिए और लाभ और हानि को ट्रैक किया जाना चाहिए, ताकि पता चल सके कि कौन सी रणनीति सबसे ज्यादा असरदार है।
इसके अलावा, इंट्राडे ट्रेडिंग, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से बहुत ज्यादा प्रभावित होती है।
इसलिए एक इंट्राडे ट्रेडर को हमेशा दुनिया भर की सभी घटनाओं से खुद को अवगत रखना चाहिए और उसके सामने आने वाली मुश्किलों का सामना करना चाहिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग नियम के सबसे लोकप्रिय नियमों में से एक सही तरीके से शोध और विश्लेषण करना है।
इंट्राडे ट्रेडर को हमेशा शेयरों की कीमत, सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल, श्रेणियों, कंपनियों के वार्षिक और त्रैमासिक परिणामों के बारे में पता होना चाहिए। यह सारी जानकारी एक डे-ट्रेडर को अच्छी तरह से प्रभावकारी और सफलतापूर्वक सक्षम निर्णय लेने में मदद करती है।
8. ट्रेडिंग को एक बिज़नेस समझें
इंट्राडे ट्रेडिंग का एक और महत्वपूर्ण नियम अनावश्यक जोखिम नहीं लेना और इससे बचना है। यह कोई साहसिक खेल नहीं है। इसके लिए बहुत धैर्य और अनुभव की आवश्यकता होती है।
इसमें नुकसान को स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि यह ट्रेडिंग का एक हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें कम करने के लिए सभी जरुरी प्रयास किए जाने चाहिए।
ट्रेडिंग को एक ट्रेड के रूप में देखा जाना चाहिए जिसका एकमात्र उद्देश्य लाभ प्राप्त करना है।
जब नुकसान होता है, तो एक अच्छा ट्रेडर दोबारा से विश्लेषण करता है और वह अपनी गलतियों से सीखता है और फिर अगले कदम मार्केट के साथ मिलाकर चलता है।
9. केवल उस धन के साथ ट्रेड करें जिसे आप खोने के लिए तैयार हैं
इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम का सबसे महत्वपूर्ण नियम लापरवाह नहीं होना है। शुरुआत में अच्छे पैसे कमाने वाले नए ट्रेडर इस प्रभाव के तहत आ सकते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग मार्केट में तेजी से पैसा बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।
ऐसे में, वह ट्रेडिंग के लिए बहुत ज्यादा धन निवेश कर लेते हैं जिसके परिणामस्वरूप भारी नुकसान भी हो सकता है।
इसलिए, एक अनुभवी और सफल ट्रेडर बनने के लिए नुकसान के बारे में जागरूक होना बहुत महत्वपूर्ण है।
ट्रेडर को केवल उस राशि को निवेश करना चाहिए जिसके लिए वे जोखिम ले सकते हैं।
जब मुनाफा मिलता है तो उसे अलग से रखना चाहिए और ट्रेडिंग में वापिस नहीं डालना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग एक सख्त रस्सी पर चलने के समान है, जिसमें इंट्राडे ट्रेडर को वापस गिरने से बचाने के लिए एक मजबूत सपोर्ट की जरूरत होती है।
यह बेहद जोखिम भरा है और उस अतिरिक्त धन का उपयोग केवल तब करना चाहिए जब ट्रेडर राशि खोने को सहन करने की स्थिति में हो।
10. स्टॉप-लॉस का उपयोग करें
जिस तरह से इंट्राडे ट्रेडर को मार्केट में एंटर करने के बारे में पता होता है, उससे महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रेडर को मार्केट से बाहर निकलने के बारे में भी पता होना चाहिए।
इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम ट्रेडर को भारी नुकसान से बचाता है।
स्टॉप लॉस किसी एक निर्धारित सीमा पर घाटे को रोकने में मदद करता है और यदि कीमत एक लिमिट से आगे बढ़ती है तो यह पोजीशन को कवर करता है।
इस प्रकार, यह ट्रेडर को भावनाओं में आकर निर्णय लेने से दूर रखता है और पूंजी सुरक्षित रखता है।
तो इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले जाने की स्टॉप लॉस कैसे लगाए और इंट्राडे ट्रेडिंग से होने वाले भारी नुकसान से बचा जाये।
एक बार स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो जाने के बाद, उस दिन इंट्राडे ट्रेडर को अपनी पोजीशन से बाहर निकल जाना चाहिए।
इसलिए, बाहर निकलने की रणनीति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी प्रवेश करने की रणनीति।
इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान से बचने के तीन E को पालन करना जरूरी है : Entry Price, Exit Price और Escape Price.
11. मुनाफे को पाने के लिए कोई नियम या बुक नहीं हैं
हालांकि इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने के लिए काफी किताबे (intraday trading books in hindi) है लेकिन उसमे सफलता प्राप्त करने का कोई पक्का इंट्रा डे ट्रेडिंग फॉर्मूला नहीं है।
ऐसा कोई गैजेट या सॉफ़्टवेयर नहीं हैं जो सफलता का वादा कर सकें। यदि कुछ होता है, तो बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक और अन्य बड़ी ट्रेडिंग फर्म ही केवल मुनाफा कमाती और किसी को कोई नुकसान नहीं होता।
हाँ, यह जरूर है की ट्रेडर टेक्निकल इंडिकेटर, टूल्स, सॉफ्टवेयर और टिप्स की सहायता से मार्गदर्शन ले सकता है।
लेकिन अंत में एक ही बात सामने निकल कर आती है की प्रत्येक ट्रेड अपने आप में यूनिक होता है।
सफलता के लिए कोई जादुई मंत्र नहीं है।
हर दिन ट्रेडर को अपनी खुद की ट्रेडिंग शैली, रणनीतियों और सेटअप की पहचान करने की आवश्यकता होती है, जिसमें वह सहज महसूस कर सके और अधिक फायदा हो।
कोई एक विशेष रणनीति किसी एक ही ट्रेडर के लिए काम कर सकती है।
खुद को सभी परिस्थितियों में ढालना एक कारगर उपाय है। अपने स्वयं के आत्मविश्वास और ट्रेडिंग स्किल्स से सफलता हासिल करना ही सफल रणनीति है।
निष्कर्ष
तो अगर आप भी इंट्राडे ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त करना चाहा रहे है ऊपर दिए गए इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम और ट्रेडिंग गाइड (trading guide for beginners in hindi) का उपयोग कर अपने मुनाफे को कई गुना तक बढ़ाये।
इससे आप न ही सिर्फ मार्केट को सही से समझ पाएंगे बल्कि एक सही स्ट्रेटेजी का उपयोग कर सही निर्णय लेने में भी निपूर्ण हो पाएंगे।
हैप्पी ट्रेडिंग!
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