5 प्रमुख इंट्राडे ट्रेडिंग टूल्स

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading in Hindi) एक चुनौतीपूर्ण डोमेन है लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग टूल्स और एनालिसिस आपके ट्रेडिंग के सफर को आसान बना देती है। हालाँकि, एक ट्रेडर के मन में इंट्राडे टूल्स को अप्लाई करने से पहले कई सारे सवाल हो सकते है।

चलिए, आज आपको इस ट्रेडिंग सेगमेंट के बारे में कुछ बुनियादी पहलुओं को स्पष्ट करते है।

इसमें सिक्योरिटीज को एक्सचेंज के ट्रेडिंग सेशन के दौरान एक ही दिन के अंदर खरीदना और बेचना होता है। इसमें सिक्योरिटीज को निवेश करने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि पूरे दिन कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण मुनाफ़ा कमाने के उद्देश्य से ख़रीदा जाता है।

इसके लिए बाजार की जानकारी, निरंतरता, धैर्य और बाजार के रुझान के बारे में जानकारी की आवश्यकता होती है। इंट्राडे ट्रेडर अक्सर उच्च स्तर के जोखिमों के साथ काम करते हैं और वोलेटाइल मार्केट (अस्थिर बाजार) में ट्रेडिंग करते हैं।

ये सभी खूबियां इंट्राडे ट्रेडर समय के साथ अपने आप ही सीख जाता हैं और वे सही फैसले लेने के लिए अनुभवी हो जाते हैं। 

हालांकि, शुरुआती ट्रेडर्स ज्यादातर ट्रेडिंग टूल्स पर निर्भर होते है जो उनको सही फैसले लेने में मदद करते है।

इंट्राडे ट्रेडिंग नौसीखिए ट्रेडर्स के लिए जोखिमों से भरा हुआ है, लेकिन अगर वे इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम का पालन कर बाजार के रुझानों और टेक्निकल इंडिकेटर पर नजर रखते हैं, तो वे बहुत ज्यादा मुनाफा भी कमा सकते हैं।

इस प्रकार, इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए बहुत मेहनत और अनुशासन की जरूरत होती है।  

हालाँकि, मार्केट में उपलब्ध विभिन्न इंट्राडे ट्रेडिंग तरीक़ों और टेक्नोलॉजी का उपयोग करके काम को ट्रेडिंग को आसान बनाया जा सकता है।

इसमें सही टूल का इस्तेमाल करना डे ट्रेडर की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।


भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए 5 शीर्ष टूल

अब आगे बढ़ते है, इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ट्रेडिंग तरीको के बारे में बात करते हैं:

1. ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए मार्केट में कई प्लेटफॉर्म या सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ इंट्राडे ट्रेडिंग टूल टीटी (ट्रेडिंग टेक्नोलॉजी) ट्रेडिंग प्लेटफार्म, ट्रेड टाइगर, एंजेल ब्रोकिंग स्पीड प्रो, जेरोधा काइट ट्रेडिंग प्लेटफार्म आदि हैं।

ये प्लेटफ़ॉर्म ट्रेडिंग की कीमतों के बारे में बहुत अच्छी और सही जानकारी प्रदान करते है, जैसे बोली लगाना – प्रस्ताव देने की सीमा और आपको मार्केट में चल रही क़ीमतों के द्वारा मार्केट की सही तस्वीर देने के लिए माध्यम प्रदान करता है।

ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडर्स को उनकी जोखिम की क्षमता, नेट वर्थ, निवेश उद्देश्य आदि के आधार पर एक पर्सनलाइज़्ड प्रोफ़ाइल बनाते हैं, फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर इंडिकेटर को प्राप्त करते हैं और इन इंडिकेटर के आधार पर ट्रेड को निष्पादित भी करते हैं।

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मूल रूप से, एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जो वस्तिविक समय के अनुसार आँकड़े प्रदान करता है, जैसे ऑर्डर निष्पादन करने की स्पीड, इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीतियाँ बनाना, फ्लेक्सिबिलिटी, शुल्क और साथ ही साथ बीएसई BSE और एनएसई (NSE) पर दैनिक वॉल्यूम और मूल्य का विवरण प्रदान करना चाहिए।

कई इंट्राडे ट्रेडर विशेष रूप से प्राइस एक्शन पर भरोसा करते हैं, जो कि ट्रेडर निर्णय लेने के लिए एक सिक्योरिटीज प्राइस का मूवमेंट है, और इस प्राइस एक्शन को ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा दर्शाया गया है, जिससे उन्हें एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने का स्रोत बनाया गया है।

ये उपयोगकर्ताओं की विविधातो को पूरा करने के लिए विभिन्न भाषाओं मे भी उपलब्ध है।

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2. चार्टस

चार्ट का उपयोग इंट्राडे ट्रेडर द्वारा मार्केट की मूवमेंट को समझने के लिए किया जाता है और ये इंट्राडे ट्रेडिंग के सबसे अच्छे तरीक़ों में से एक साबित हुआ हैं।

चार्ट, जो सबसे अधिक मांग वाले इंट्राडे ट्रेडिंग टूल्स में से एक है, प्राइस मूवमेंट सहित हिस्टोरिकल डेटा प्रदान करके इंट्राडे टेक्निकल एनालिसिस में मदद करता है।

चार्ट प्राइस की गति के साथ साथ कुछ हिस्टोरिकल फैक्ट्स प्रदान करके भी हमारी तकनीकी विश्लेषण में सहायता करते हैं।

चार्टस को आप अपने अनुसार किसी विशेष समय सीमा को दिखाने के लिए एडजस्ट कर सकते है। जिसमें आप ट्रेडिंग के लिए निवेश करना चाहते है जैसे 15 मिनट, 5 मिनट, एक पूरा दिन या कोई और निश्चित समय अवधि।

चार्टस को कुशलता से पढ़ने की क्षमता एक इंट्राडे ट्रेडर के लिए बहुत मुनाफा कमाने और सफल होने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है। इसमें सफल होने के लिए बहुत प्रैक्टिस करने की आवश्यकता होता है।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण पहलू अध्ययन करना और विश्लेषण करना है कि चार्ट कुछ घटनाओं पर प्रतिक्रिया कैसे करते हैं।

कुछ कंपनिया जैसे रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग और एसएंडपी (S&P) द्वारा रीयल-टाइम चार्ट विभिन्न प्रकार के पैटर्न के साथ दिए जाते है।

चार्टस हमें ट्रेड करने के लिए किसी परिभाषित समय अंतराल के अनुसार सिक्योरिटीज के ओपनिंग, क्लोजिंग, हाई और निम्न स्तर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं।

उदाहरण के लिए, 15-मिनट का इंट्राडे चार्ट नीचे दिखाए गए है, जिसमें कैंडलस्टिक समय अवधि के लिए प्रत्येक 15-मिनट के अंतराल पर सिक्योरिटीज के ओपनिंग, क्लोजिंग, हाई और लो प्राइस को दिखाया गया है।

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परिभाषित समय-अवधि चार्ट के अतिरिक्त, इंट्राडे टिक/ट्रेड चार्ट भी होते हैं, जो लाइन चार्ट जैसे होते है और मार्केट के निष्पादन के बाद प्रत्येक ट्रेड को दर्शाते हैं।  

इसमें समय का ध्यान रखे बिना सभी ट्रेडस का प्रतिनिधित्व किया जाता है। इसलिए, बिना ट्रेड वाले बाजार के लिए, टिक चार्ट एक फ्लैट लाइन होगी और अत्यधिक लिक्विड मार्केट के लिए टिक चार्ट लगातार ऊपर और नीचे बढ़ रहा है।

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इसलिए, जिस दिन मार्केट में कोई भी ट्रेडिंग नहीं होती तो टिक चार्ट की लाइन एकदम फ्लैट होगी और जिस दिन मार्केट में अत्यधिक ट्रेडिंग होगी उस दिन टिक चार्ट की लाइन लगातार ऊपर और नीचे बढ़ती घटती रहेगी।


3. टेक्निकल इंडिकेटर 

टेक्निकल इंडिकेटर चार्ट के साथ कॉम्बिनेशन में उपयोग किया जाता है ताकि एक गहन और अधिक उपयोगी विश्लेषण प्राप्त किया जा सके। ये इंडिकेटर पिछले पैटर्न को देखकर भविष्य की कीमतों में उतार चढ़ाव की भविष्यवाणी करते हैं।

इन टेक्निकल इंडिकेटर का उपयोग शॉर्ट टर्म या इंट्राडे ट्रेडस द्वारा मुख्य रूप से किया जाता है, क्योंकि वे फंडामेंटल बेसिक्स नहीं देखते और केवल शॉर्ट टर्म के प्राइस मूवमेंट का ही विश्लेषण करते हैं।   

इसमें प्राइस डाटा के लिए एक इंट्रा डे फॉर्मूला करके निकाले जाते हैं। इसमें कुछ इंडिकेटर केवल बाज़ार बंद होने के समय की  कीमतों का उपयोग करते हैं, जबकि अन्य इंडिकेटर वॉल्यूम और ओपनिंग प्राइस भी शामिल हो सकती है।

ये इंडिकेटर आपको एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करते है जैसे सिक्योरिटीज की क़ीमत किस दिशा में जा सकती है और इसका मूल्य कितना बढ़ सकता है।  

ये इंडिकेटर टेक्निकल एनालिसिस टूल्स के निष्कर्षों की पुष्टि करने और भविष्य में होने वाली क़ीमतों की गति की भविष्यवाणी करके ट्रेडर को सतर्क करके उनकी मदद कर सकते हैं।

अगर दूसरे शब्दों में कहे तो, ये टेक्निकल इंडिकेटर किसी भी इंट्राडे ट्रेडर को एक सफल ट्रेडर बनाने के लिए बहुत अच्छा तरीक़ा साबित हो सकते है और  साथ ही साथ इंट्राडे ट्रेडिंग टूल्स के रूप में भी एक बेहतर विकल्प की तरह काम कर सकते है।

इनमें से कुछ टेक्निकल इंडिकेटर निम्नानुसार हैं:

यह इंडिकेटर एक निश्चित अवधि के दौरान सिक्योरिटीज के औसत मूल्य की गणना करता है। उदाहरण के लिए, पिछले 10 दिन में मूल्य की मूविंग एवरेज आने वाले 10 दिन के एवरेज प्राइस के बारे में बता सकता है।

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यह मूल्यों की गति में होने वाली अस्थिरता को सुगम बनाने और आपको एक स्पष्ट तस्वीर प्रदान करने में मदद करता है, क्योंकि अस्थिर उतार चढ़ाव से किसी भी चीज़ का सही विश्लेषण करना मुश्किल होता है।

इन्हें ओवरले (Overlays) कहा जाता है क्योंकि ये प्राइस मूवमेंट को ओवरलैप (Overlap) करते हैं।

  • बोलिंगर बैंड

बोलिंगर बैंड भी ओवरले (Overlays) होते हैं, क्योंकि ये भी प्राइस मूवमेंट के पीछे ही चलते हैं। ये ऐसे वोलैटिलिटी बैंड होते हैं जो मूविंग एवरेज के आस पास या ऊपर और नीचे रखे जाते है।

जब अस्थिरता बढ़ती है तो बैंड बड़े हो जाते है लेकिन वहीं अगर कम हो जाती है तो बैंड छोटे हो जाते हैं।

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बोलिंगर बैंड में एक मिडिल बैंड भी होता है जो एक सिंपल  मूविंग एवरेज बैंड होता है, जिसमें ऊपरी बैंड और निचला बैंड भी होता है जो स्टैंडर्ड डीवीएशन (Standard Deviation) होते हैं।

  • ऑन बैलेंस वॉल्यूम

यह एक वॉल्यूम इंडिकेटर है जो खरीद और बिक्री के दबाव को निर्धारित करने के लिए वॉल्यूम और मूल्य को जोड़ता है। यह इंडिकेटर निर्धारित करता है कि एक ट्रेंड कितना मजबूत है।

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यह भी पढ़ें: वॉल्यूम प्राइस ट्रेंड इंडिकेटर (VPT)

VWAP इंडिकेटर 

RSI एक मोमेंटम इंडिकेटर है और यह ऊपरी और निचले सीमाओं के बीच, ऊपर और नीचे बढ़ता है, क्योंकि यह ऑसीलेटर की श्रेणी के अंतर्गत आता है।

यह कीमतों की गति और गति में परिवर्तन को मापने के लिए हालिया इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान और लाभ की तुलना करता है और इस प्रकार, ओवरबॉट (Overbought) और ओवरलोड (Oversold) की स्थितियों की पहचान करता है।

हालांकि, अचानक बड़ी कीमतों में उतार चढ़ाव के चलते RSI पर झूठे सिग्नल हो सकते हैं, इसलिए आमतौर पर इसका इस्तेमाल अन्य टेक्निकल इंडिकेटर के साथ किया जाना चाहिए।

  • गिरने – बढ़ने की लाइन

यह एक इंडिकेटर है जो ट्रेडर भावनाओं पर काम करता है। यह नेट एडवांस पर आधारित है, जिसका मतलब है कि बढ़ते शेयरों की संख्या में गिरावट वाले शेयरों की संख्या घटना है।

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ADX Indicator in Hindi

एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स, जैसे की नाम से पता चलता है ये मार्केट में किसी भी ट्रेंड की स्ट्रेंथ की जानकारी देता है जिससे आने वाले रेवेर्सल की जानकारी मिलती है। ADX इंडिकेटर को पढ़ना काफी आसान है, इसकी वैल्यू अगर 25 से कम हो तो इसे चल रहे ट्रेंड की वीकनेस की जानकारी मिलती है वही 25 से ऊपर स्ट्रांग ट्रेंड और 40 से ज़्यादा वैल्यू बहुत स्ट्रांग ट्रेंड का सिग्नल देता है।

जैसे की अगर किसी स्टॉक में लम्बे समय से डाउनट्रेंड चल रहा हो और अब उसके ADX की वैल्यू 20 से कम हो तो इससे आने वाले अपट्रेंड की जानकारी मिलती है

इसे कन्फर्म करने के लिए आप ADX indicator को अन्य इंडिकेटर के साथ प्रयोग कर मार्केट में सही पोजीशन ले पैसा कमा सकते है


  • लाइव समाचार फीड

इंट्राडे ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण कारक छोटे समय का ट्रेड और उसका तत्काल प्रभाव है जो सिक्योरिटीज के मूल्य की चाल पर बाजार द्वारा लाया जाता है।

नए अवसर की पहचान और लाभ उठाने के लिए, इंट्राडे ट्रेडर को ब्रेकिंग न्यूज़ के साथ अपडेट रहना पड़ता है और इस ब्रेकिंग न्यूज़ को वास्तविक समय में प्राप्त करना होता है ताकि वे सिक्योरिटीज की कीमतों पर न्यूज़ के प्रभाव की भविष्यवाणी या गणना कर सकें और तदनुसार कार्य कर सकें या पोजीशन ले सकें।

ट्रेडर जो सही समय पर सही ब्रेकिंग खबरों को पाता और समझता है, वे फायदे में रहता है। न्यूज़ का उपयोग सीधे भी किया जा सकता है या उनका उपयोग कैटेलिस्ट(Catalyst) को समझने के लिए किया जा सकता है जो न्यूज़ का कारण होता है और अन्य सिक्योरिटीज और उनकी गति को भी प्रभावित कर सकता है।

उदाहरण के लिए, जब एक स्टॉक मूल्य अचानक बढ़ जाता है, तो इंट्राडे ट्रेडर लाइव न्यूज़ फीड की खोज करता है और ICICI डायरेक्ट के बारे में कोई खबर देखता है। अब यह समाचार संबंधित तकनीक या अन्य कंपनियों के शेयरों में अन्य मूल्य की गति के कारण उत्प्रेरक होने के साथ-साथ ICICI डायरेक्ट के शेयर की कीमतों में भी वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।

ये ब्रेकिंग न्यूज कई बार अफवाहें या अटकलों के रूप में भी सामने आती है, लेकिन वे फिर भी बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।

इसलिए, यह अक्सर कहा जाता है, अफवाह पे खरीदो, खबरों पर बेचो!

यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अटकलें जो बाजार को बढ़ाती हैं, कुछ समय बाद बाजार को नीचे लाएगी जब अफवाह बनी रहती है या झूठी या नकली होने की पुष्टि हो जाती है।

ब्रेकिंग न्यूज ज्यादातर मोमेंटम पर ट्रेड करके काम करती है।

इसलिए, लाइव न्यूज फीड उन असाधारण इंट्राडे ट्रेडिंग टूल में से एक है जो डे ट्रेडर द्वारा निर्णय लेने में मदद करता है।

ऐसे कई मोबाइल एप्लिकेशन भी हैं जो ट्रेडर को अलर्ट रहने में मदद करने के लिए रीयल-टाइम ब्रेकिंग न्यूज प्रदान करते हैं। उनमें से कुछ Moneycontrol, Yahoo! Finance और Investor है।

दिलचस्प बात यह है कि कुछ न्यूज़ फ़ीड प्रदाता हैं जो विशिष्ट उत्पादों और वस्तुओं के बारे में ब्रेकिंग न्यूज़ और रीयल-टाइम डाटा देने में विशेषज्ञ हैं।

उदाहरण के लिए, प्लेट्स (Platts) तेल, ऊर्जा और धातुओं पर सभी संभावित जानकारी और लेटेस्ट लाइव न्यूज फ़ीड प्रदान करता है। 


  • लाइव रेडियो फीड

तेजी से और वास्तविक समय के समाचार डे ट्रेडर को प्रदान करने का एक अन्य टूल लाइव रेडियो फ़ीड है।

यह ब्रेकिंग न्यूज़ की तुलना में तेज़ी से काम करता है और ट्रेडर्स को तेजी से प्रतिक्रिया करने में मदद करता है और वैश्विक, कॉर्पोरेट और शेयर बाजार से संबंधित घटनाओं के आधार पर अधिक निर्णय लेने में मदद करता  है।

लाइव रेडियो फीड को सभी कार्य दिवसों पर दिन में 24 घंटे प्रसारित किया जाता है और इसमें इक्विटी, कमोडिटीज, निश्चित आय और विदेशी मुद्रा जैसे सभी प्रमुख संपत्ति वर्गों के बारे में खबरें शामिल होती हैं।

रेडियो फीड एक विश्लेषक के रूप में कार्य करती है जिसमें वेबसाइटों, टीवी चैनलों, ब्लॉगों और सोशल मीडिया से समाचार फ़ीड एकत्रित, विश्लेषण और प्रस्तुत किये  जाते है, जो ट्रेडर्स को शीघ्र खरीद / बिक्री निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। 

भारत में ऐसी एक ऐसी रेडियो सेवा LKP सिक्योरिटीज द्वारा संचालित की जाती है और इसे LKP 194.8 कहा जाता है। यह एक वास्तविक समय में बाजार में  चलती रेडियो है, जो प्रतिभागियों को समाचार सुनने और तेजी से कार्य करने में मदद करता है।

यह विभिन्न स्टॉक, RBI मौद्रिक नीतियों, बड़े कॉर्पोरेट प्रेस सम्मेलनों, सभी सरकारी समाचार, BSE और NSE पर सूचीबद्ध कंपनियों की कमाई, फार्मा और ऑटो जैसी विशिष्ट श्रेणी स्टॉक की जानकारी, और सभी वैश्विक, वस्तुओं और कच्चे डेटा पर 24 घंटे का प्रसारण प्रदान करता है।

इस प्रकार, जैसा कि चर्चा की गई है, इंट्राडे ट्रेडिंग टूल इंट्राडे ट्रेडर्स को त्वरित, सूचित और लाभदायक निर्णय लेने में मदद करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यह सभी पहलुओं को देखने के बाद इनपुट लेता है और एक निश्चित निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए इसका विश्लेषण करते हैं और अनुसार निर्धारित करता है की दिन के किस अवधि में कब और कितना ट्रेड करना है।

यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं लेकिन यह नहीं पता कि कौन सा स्टॉक ब्रोकर आपके लिए सबसे अच्छा है, तो बस नीचे अपना विवरण भरें।

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