स्टॉकब्रोकर रिसर्च की अन्य समीक्षा
अब Share market kya hai, इसके जवाब को जाने तो ये वह प्लेटफार्म जहाँ आप किसी पब्लिक कंपनी की इक्विटी को खरीद और बेच सकते है। तो किस दाम में शेयर को खरीदना और बेचना है उसके लिए स्टॉक मार्केट विश्लेषण (Share Market Analysis in Hindi) का उपयोग किया जाता है।
स्टॉक एनालिसिस से शेयर के वास्तविक मूल्य (True Value) की पहचान की जा सकती है।
शेयर खरीदने के लिए आपको शेयर खरीदने के नियमों के बारे में भी जानकारी होना जरुरी है।
इसमें मुख्य टूल्स के रूप में फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च शामिल है।
इस आर्टिकल में, हम निम्नलिखित विषयों के बारे में बात करेंगे।
- स्टॉक मार्केट विश्लेषण क्या है?
- स्टॉक मार्केट विश्लेषण क्यों महत्वपूर्ण है?
- फंडामेंटल रिसर्च क्या है?
- फंडामेंटल रिसर्च में किन प्रमुख इंडिकेटर का उपयोग किया जाता है?
- टेक्निकल रिसर्च क्या है?
- इक्विटी में निवेश कैसे शुरू करें
एक ट्रेडर या निवेशक के लिए महत्वपूर्ण है कि वह Share Market Analysis in Hindi के बारे में पूरी रिसर्च करें।
शेयर मार्केट एनालिसिस क्या है?
शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए स्टॉक और कंपनी की जानकारी होना बहुत ज़रूरी है तो अगर आप ये जानना चाहते है कि share market me investment kaise kare तो उसके लिए शै शुरुआत है Share Market Analysis।
निवेशकों को निवेश करने से पहले ही सिक्योरिटीज (शेयर, बॉन्ड) के इन्ट्रिंसिक वैल्यू (Intrinsic Value) की पहचान करने में सक्षम बनाता है।
एक्सपर्ट्स द्वारा गहन रिसर्च के बाद सभीशेयर मार्केट टिप्स (share market tips in hindi) तैयार किए जाते हैं। स्टॉक एनालिस्ट भविष्य में किसी इंस्ट्रूमेंट/सेक्टर/मार्केट की गतिविधि का पता लगाने की कोशिश करते हैं।
स्टॉक एनालिसिस का उपयोग करके, निवेशक और ट्रेडर इक्विटी खरीदने और बेचने के फैसले पर पहुंचते हैं।
निवेशक और ट्रेडर अतीत और वर्तमान डेटा का अध्ययन और मूल्यांकन करते है जिससे वे सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
फंडामेंटल रिसर्च और टेक्निकल रिसर्च दो प्रकार के रिसर्च हैं जिनका उपयोग पहले एनालिसिस और फिर एक सिक्योरिटी को वैल्यू देने के लिए किया जाता है।
जब भी हम Share Market Analysis in Hindi की बात करते हैं तो फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च ही सबसे पहले दिमाग में आता है।
पहले बात स्टॉक मार्केट एनालिसिस की करते हैं।
निवेश करने से पहले एक रिसर्च करना बहुत जरूरी है। पूरी तरह से रिसर्च के बाद ही है, आप किसी इन्वेस्टमेंट वैल्यू और भविष्य के परफॉर्मन्स में कुछ धारणाएं बना सकते हैं।
यहां तक कि अगर आप स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स को फॉलो करना चाहते हैं, तो जरुरी है कि आप उसके बारे में भी रिसर्च कर लें।
इससे आप यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि आप अपने निवेश पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त करें।
जब आप इक्विटी में निवेश करते हैं, तो वहां आप एक बिज़नेस में इन्वेस्ट करते है और उम्मीद करते है उस बिज़नेस में ग्रोथ हो और आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलें।
जब ही आप कुछ खरीदते है, चाहे वह कार हो या मोबाइल, तो आप उस प्रोडक्ट के क्वालिटी और परफॉरमेंस के बारे में भी पता करते हैं।
इन्वेस्टमेंट भी ठीक इसी तरह काम करता है।
यह आपके मेहनत से कमाई पूँजी है जो आप इन्वेस्ट करने जा रहे हैं, तो आपको पूरा पता होना चाहिए कि आप कहाँ निवेश कर रहे है।
फंडामेंटल रिसर्च क्या है?
फंडामेंटल एनालिसिस में, आप कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में दी गई जानकारी का उपयोग करके एक इक्विटी शेयर (equity share meaning in hindi) के मूल्य का पता लगाने की कोशिश करते हैं।
इन्वेस्टर प्रतिस्पर्धी लाभ (Competitive Advantage), वित्तीय सुदृढ़ता (Financial Health), प्रबंधन की गुणवत्ता (Quality of Management) और प्रतिस्पर्धा (Competition) जैसे बिज़नेस के विभिन्न पहलुओं का एनालिसिस करने की कोशिश करता है।
इसका मुख्य उद्देश्य अंडरलाइंग बिज़नेस के सम्बन्धी आकर्षण का पता लगाना है।
यहां, यह माना जाता है कि बाजार की कीमत इन्वेस्टर सेंटीमेंट जैसे कुछ बाहरी कारकों के कारण कंपनी के वास्तविक मूल्य को रिफ्लेक्ट नहीं करती है।
जैसे ही मार्केट स्टेबल होता है, लॉन्ग टर्म में कंपनी की रियल वैल्यू इसके मार्केट प्राइस के बराबर हो जाती है।
यह माना जाता है कि किसी स्टॉक के लिए अधिक कीमत के भुगतान करने से रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
इस प्रकार, फाइनेंशियल रेश्यो की मदद से, एक निवेशक स्टॉक की सही पर पहुँचता है हो स्टॉक को आदर्श रूप से मार्केट में ट्रेड करता है।
फंडामेंटल रिसर्च में किन प्रमुख इंडिकेटर का उपयोग किया जाता है?
फाइनेंशियल रेश्यो फंडामेंटल रिसर्च के स्तम्भ है। कुछ रेश्यो निम्नलिखित है:
- रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE)
ROE से पता लगता है कि कंपनी शेयरधारकों की इक्विटी पर कितना कमाती है। इससे एक सामान्य लाभ क आंकड़े की जानकारी मिलती है। यह दिखाता है कि कंपनी का ऑपरेशन कुशल है या नहीं।
रिटर्न ऑन इक्विटी = [(इनकम – प्रेफरेंस डिविडेंड) / (एवरेज शरहोल्डर्स इक्विटी)] * 100
- डेब्ट इक्विटी रेश्यो (DER)
DER एसेट्स का रेश्यो दिखाता है जिसका उपयोग कंपनी की एसेट्स के फाइनेंस के लिए किया जाता है।
यह संकेत करता है कि कंपनी के उधारकर्ताओं और मालिकों द्वारा कितना फंड प्रदान किया गया है। यह रेश्यो संख्या और प्रतिशत में दर्शाया जाता है।
डेब्ट-इक्विटी (डी / ई) रेश्यो = टोटल डेब्ट / कुल इक्विटी
- अर्निंग पर शेयर (EPS)
अर्निंग पर शेयर एक ऐसा उपयोगी रेश्यो है जिसके ऊपर निवेशकों की हर समय नजर रहती हैं। यह उस अमाउंट को दर्शाता है जो कंपनी हर शेयर पर कमाती है। किसी कंपनी के ईपीएस को बेहतर प्रबंधन प्रदर्शन दिखाने के लिए एक उचित तरीके से वृद्धि करने की आवश्यकता होती है।
EPS = (नेट इनकम – प्रेफरेंस डिविडेंड) / बकाया शेयरों की औसत संख्या
- प्राइस टु अर्निंग रेश्यो
पीई रेश्यो, ईपीएस के साथ शेयर के वर्तमान बाजार मूल्य की तुलना करता है। यह आपको उस कीमत के बारे में बताता है, जो निवेशक मौजूदा कमाई के आधार पर शेयर के लिए भुगतान करने को तैयार हैं।
पीई रेश्यो = वर्तमान शेयर मूल्य / अर्निंग पर शेयर
अभी आपने Share Market Analysis in Hindi में फंडामेंटल एनालिसिस ऑफ़ स्टॉक के बारे में सीखा। अब आगे बात टेक्निकल एनालिसिस करते करेंगे।
टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक की पुराने कीमतों का स्टडी करते है, जो भविष्य में कीमतों की रुझान की पहचान करने में मदद करते है।
यह आपको शेयर की कीमतों की गति की दिशा दिखाता है।
टेक्निकल रिसर्च की मदद से, आप यह पहचान सकते हैं कि शेयर की कीमत में तेज वृद्धि या गिरावट होगी या नहीं।
यह हाल के समाचारों या घटनाओं पर निर्भर नहीं करते है, जो पहले से ही शेयर की कीमत में शामिल हो चुके हैं।
यहाँ शेयर की कीमतें निवेशक के मनोविज्ञान पर निर्भर करती हैं जो समाचार और घटनाओं के अनुसार बदलती रहती है। टेक्निकल रिसर्च स्टॉप-लॉस के उपयोग करने पर जोर देता हैं।
यह निवेशकों को भविष्य में बड़ा नुकसान उठाने से बचाएगा। टेक्निकल रिसर्च हाई डिमांड और वॉल्यूम वाले शेयर के लिए अच्छे रिजल्ट दिखता है।
टेक्निकल रिसर्च, स्टॉक की कीमतों के पैटर्न को समझने के लिए बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट जैसे विभिन्न प्रकार के चार्ट का उपयोग करता है। शॉर्ट टर्म ट्रेडर द्वारा तेज मूवमेंट की जांच करने के लिए दैनिक चार्ट का उपयोग किया जाता है।
लॉन्ग और मेडियम ट्रेडर द्वारा वीकली और मंथली चार्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लम्बी अवधि में अधिक रिटर्न प्राप्त करने की संभावना बढ़ती है।
इक्विटी में निवेश कैसे किया जाता है?
जब भी आप इक्विटी मार्केट में निवेश करते हैं, तो किसी और के सलाह पर निवेश नहीं करना चाहिए।
स्टॉक खरीदने के पहले पूरी एनालिसिस से गुजरें।
किसी भी कंपनी में 10 प्रतिशत से अधिक निवेश न करें।
ज्यादातर समय इक्विटी में इन्वेस्ट करना मुश्किल माना जाता है। यदि आपके पास पर्याप्त जानकारी नहीं है और निवेश करने में मुश्किल आती है तो आप हमारे ऐप स्टॉक पाठशाला को इंस्टॉल कीजिये।
आप वहां तमाम सवालों के जवाब पाएंगे जो एक सामान्य निवेशक के मन में ट्रेड करने से पहले आता हैं।
अगर आप इक्विटी के साथ कमोडिटी में भी निवेश करने का विचार बने रहे है या इन दोनों को लेकर आपके मन में कोई शंका है तो आप Equity vs Commodity in Hindi समीक्षा को पढ़ सकते हैं।
हमें उम्मीद है आपको Share Market Analysis in Hindi से जुड़ी सारे प्रश्नों का जवाब मिल गए होंगे।
ट्रेड अभी शुरू करने के लिए नीचे दिए फॉर्म में बुनियादी जानकारी दर्ज करें।
फॉर्म में अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करें और आपको शीघ्र ही एक कॉलबैक प्राप्त होगी।