शेयर खरीदने के नियम 

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भविष्य को सुरक्षित रखने के महत्वपूर्ण पिलर्स में से एक इन्वेस्टमेंट है। इन्वेस्टमेंट हमें बेहतर रेट पर अपने फंड को बढ़ाने में मदद करता है। अगर आप भी निवेश करके पैसा कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए। 

जैसे की आप जानते हो शेयर मार्केट वह जगह है जहां शेयर खरीदे और बेचे जाते है। शेयर मार्केट आपको इक्विटी (equity in hindi), बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव इत्यादि में ट्रेडिंग करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।  

किसी भी नए या अनुभवी निवेशक को निवेश करने के लिए पता होना चाहिए कि शेयर खरीदने के लिए क्या करें, किस कंपनी का शेयर खरीदे और शेयर खरीदने के नियम क्या हैं?

क्या आप  सोच रहे है कि शेयर मार्केट कैसे सीखेतो शुरू करे कुछ नियमों के साथ, और धीरे-धीरे शेयर मार्केट में निवेश करने की योजना बनाए।

शेयर कैसे खरीदते है?

सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि शेयर खरीदते समय आपको किन किन बातों को ध्यान में रखना है। यहाँ हमनें कुछ टिप्स बताए हैं, जो एक निवेशक के लिए निवेश करने से पहले दिमाग में रखना जरूरी है।  

  • अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें। 
  • मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें। 
  • सही कीमत पर शेयर खरीदें।
  • समय-समय पर निवेश करें   
  • सेबी के नियमों का पालन करें

चलिए, अब इन सब पर एक-एक करके चर्चा करते हैं। 


अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें:

शेयर खरीदने के नियम में सबसे पहला नियम या टिप्स यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। 

इसका मतलब है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको लॉन्ग-टर्म निवेश करना है या शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करना है। 

शॉर्ट टर्म ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग को चुनते हैं। वहीं लॉन्ग-टर्म के लिए निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोज़िशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं। 

यदि आप शॉर्ट-टर्म यानी कम अवधि में के जरिये रिटर्न प्राप्त करना चाहते है, तो आप निवेश के अन्य साधनों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है। 

लॉन्ग टर्म में निवेशक एक कंपनी के शेयर खरीदते हैं जब यह सस्ता होता है, और जब उन्हें लगता है कि स्टॉक की कीमत पर्याप्त रूप से बढ़ गई है, तो वे शेयरों को अधिक कीमत पर बेचना शुरू करते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में जोखिम कम होता है।

इसके विपरीत शॉर्ट-टर्म ट्रेड में इंट्राडे ट्रेड होता है। इसमें अगर सही स्टॉक की पहचान हो जाए तो शेयर बाजार में दैनिक आधार पर पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी काफी होता है।

इसलिए, स्टॉक मार्केट को शॉर्ट टर्म मनी मेकिंग टूल के रूप में सोचने के बजाय, इसे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देखें। लॉन्ग-टर्म रिटर्न को ध्यान में रखकर शेयर खरीदें, क्योंकि शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से मिलने वाला रिटर्न अन्य इन्वेस्टमेंट सेगमेंट की तुलना में बेहतर रिटर्न देता है। 

लॉन्ग टर्म या शार्ट टर्म  किसी भी तरह की ट्रेड पोजीशन से मुनाफा कमाने के लिए न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए निर्धारित करने के बाद ही आगे का सफर शुरू करें


मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें 

यह भी शेयर खरीदने के नियम में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है। 

स्टॉक मार्केट में अंधाधुंध शेयर खरीदना, बिना सही रिसर्च या एनालिसिस के अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। 

इससे पहले कि आप शेयर मार्केट में निवेश करें, आपको यह समझने में कोशिश करनी चाहिए कि शेयर बाजार कैसे काम करता है।

किसी विशेष कंपनी के शेयर खरीदते समय, कंपनी के पिछले प्रदर्शन के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं पर कुछ रिसर्च करना आवश्यक है।

इसी प्रकार, शेयर खरीदने से पहले मार्केट ट्रेंड की जाँच करें और यह जानें कि शेयर मार्केट की स्थिति पहले कैसी थी और अभी कैसे चल रही है। इसके आधार पर ही शेयर खरीदें।

शेयर मार्केट में आप फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस कर सकते हैं।

यदि आप स्टॉक का मौलिक विश्लेषण करना चाहते हैं, तो आपको कंपनी के वित्तीय विवरणों पर ध्यान देना होगा। आखिरकार, यह आपको कंपनी की हालत और विकास की संभावना के बारे में बताता है।

बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, ऑपरेटिंग मार्जिन, प्रति शेयर इनकम और अन्य जानकारी को समझना आपको यह जानने में मदद करेगा कि कोई कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है।

इसके अलावा, टेक्निकल एनालिसिस का मूल उद्देश्य स्टॉक के फ्यूचर और पास्ट प्राइस मूवमेंट के बारे में पता लगाना है। 

दूसरे शब्दों में बताएं तो तकनीकी विश्लेषण का मतलब शेयर मार्केट चार्ट और शेयर मार्केट इंडिकेटर (share market indicator in hindi) का उपयोग करके प्राइस और वॉल्यूम के पिछले ट्रेंड को देखकर स्टॉक प्राइस के बारे में सही अनुमान करना है।

यहाँ आप मूविंग एवरेज, कैंडलस्टिक चार्ट, बोलिंजर बैंड, इचिमोकू चार्ट और ऐसे ही कई अन्य चार्ट्स और इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं। 

इसलिए, शेयर खरीदने के लिए इंडिकेटर और ऑसिलेटर का प्रयोग करें जो कि प्राइस मोमेंटम का सपोर्ट करते हैं वह आपको शेयर खरीदने का फैसला लेने में आपकी मदद करेंगे।


सही कीमत पर शेयर खरीदें

उस कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत महत्वपूर्ण है जो आप देने में सक्षम हो। हो सकता है कि आप ऐसे शेयर को ढूंढ रहे हो जो बहुत लोकप्रिय है और जिसे दूसरे लोग खरीद रहे हैं। 

लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार शेयर खरीदे और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके। 

जो शेयर आपके बजट में फिट नहीं बैठता, आप उसे छोड़ दें। सही समय की प्रतीक्षा करें और उस स्टॉक को चुनें, जो आपके बजट में फिट हो और आपको लाभ भी दे।

इसके अलावा, जब आपको लगे कि आप अपना स्टॉक बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है तब आपको शेयर बेच देने चाहिए। 

शेयर की कीमत को कुछ और बढ़ाने के लिए इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसका प्राइस नीचे जाता है तो आपको नुकसान भी हो सकता है।

इसलिए, शेयर हमेशा सही समय पर खरीदें और सही समय आने पर बेच दें।  


समय-समय पर करें निवेश 

शेयर बाजार में स्टॉक की कीमत में रोज उतार-चढ़ाव होता है। अगर आपने एक ही दिन में पूरा पैसा निवेश कर दिया तो आपके द्वारा बाय प्राइस का एवरेज पैसा भी नहीं बन पाएगा। 

अगर आप धीरे-धीरे शेयरों की खरीदारी करेंगे तो आप किसी कंपनी के शेयरों को अलग-अलग कीमत पर खरीद सकेंगे। इसमें मुनाफा होने की संभावना अधिक होती है। 

अगर आप चाहें तो इसके लिए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) का रास्ता चुन सकते हैं। जिसमें आपको एक निश्चित अंतराल पर निवेश करना होता है। इस प्रकार के निवेश में जोखिम कम होता है और आपको रिटर्न भी अच्छा मिलता है। 


सेबी के नियमों का पालन करे

शेयर मार्केट की रेगुलेटरी बॉडी ने 1 सितंबर 2020 से शेयर खरीदने और बेचने के नियमों में भारी बदलाव किए हैं। एक तरफ जहां इन नियमों के कारण निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर शेयर खरीदना मुश्किल हो गया है।

जैसा कि आपको पता है कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के पैसों के साथ घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।

आपको पता है कि निवेशक अपने ब्रोकर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहाँ ब्रोकर उनके शेयर के साथ मनमानी करते थे और निवेशकों की बिना सहमति के शेयर्स का इस्तेमाल करते थे। 

लेकिन अब सेबी के नए में शेयर आपके डीमैट खाते में ही रहेंगे और वहीं पर क्लियरिंग हाउस प्लेज मार्क कर देगा। इस तरह ब्रोकर के अकाउंट में आपके शेयर नहीं जाएंगे।

इसके अलावा, कैश में भी शेयर खरीद-बिक्री पर अपफ्रंट मार्जिन देना होगा। क्लाइंट से मार्जिन नहीं लेने पर ब्रोकर्स पर पेनल्टी लगेगी। 1 लाख से ज्यादा के शॉर्टफॉल पर 1 फीसदी पेनल्टी लगेगी और मार्जिन प्लेज/री-प्लेज का सिस्टम भी लागू हुआ है। 


मुख्य बातें

आपको सबसे पहले अपने दिमाग में एक वित्तीय उद्देश्यों को रखें, यानी सबसे पहले यह तय करें कि आपको लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करना है या शॉर्ट टर्म निवेश करना है।

यदि आपकी जोखिम क्षमता कम है तो आपको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की तरफ रुख करना चाहिए। इसमें समय अधिक लगेगा लेकिन यह आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है।

आप कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करके उस कंपनी के बारे में बारीकी से जान सकते हैं जिस कंपनी के शेयर आप खरीदना चाहते हैं।  

इसके जरिए कंपनी के बिजनेस, कंपनी क्या Product बनाती है, मार्केट में प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, Company Profit में है या Loss में, Company पर कर्ज कितना है आदि के बारे में आप जान सकते हैं।

आपको शेयर खरीदने के लिए एक सही प्राइस का इंतजार करना चाहिए। यानी अगर शेयर की कीमत आपके बजट से बाहर है तो आपको सही समय की प्रतीक्षा करने के बाद ही शेयर खरीदना चाहिए।

इसके साथ ही हमेशा उसी पैसे का इस्तेमाल करें जो आपके पास एक्स्ट्रा हो और कभी भी अपनी मेहनत की पूरी कमाई का उपयोग निवेश में नहीं करना चाहिए।

समय-समय पर निवेश करें यानि हमेशा वोलैटिलिटी को ध्यान में रख कर ही शेयर खरीदें। इसके अलावा, सेबी के नए नियमों का भी कड़ाई से पालन करें।

इस प्रकार, यदि आप शेयर खरीदने के लिए इन नियमों का पालन करते हैं तो आप एक बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।


अगर आप भी शेयर मार्केट में ट्रेड करना चाहते है तो आपके पास डीमैट खाता होना चाहिए।

अभी डीमैट खाता खुलवाने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म को भरे।

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