Share Market History in Hindi

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यदि आप शेयर बाजार में शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको Share Market History in Hindi के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

जब तक आप शेयर मार्केट का इतिहास नहीं जान लेते तब तक आप शेयर बाजार में निवेश करने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं।

इसलिए, चलिए पहले शेयर मार्किट का इतिहास देखते हैं। इसके साथ ही सेंसेक्स Historical Data के बारे में जानकारी लेने के लिए इस आर्टिकल की समीक्षा कर सकते हैं।

स्टॉक एक्सचेंज “कुछ व्यक्तियों का एक समूह है। इसे सिक्योरिटीज में खरीद, बिक्री या डीलिंग के बिज़नेस को रेगुलेट या नियंत्रित करने के उद्देश्य से गठित किया गया है।

सिक्योरिटीज शब्द , शेयर, बॉन्ड, स्टॉक, डिबेंचर स्टॉक और निगमित कंपनियों या अन्य समान सिक्योरिटीज, सरकारी सिक्योरिटीज और सिक्योरिटीज में अधिकार या इंटेरस्ट को संदर्भित करता है।

भारत में, शेयर बाजार देश में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।

इसके अलावा, 22 लोकल स्टॉक एक्सचेंज भी हैं।

चलिए आगे बढ़ते हैं और Share Market History in Hindi के बारे में अधिक चर्चा करते हैं।


मुंबई शेयर बाजार का इतिहास

भारतीय शेयर मार्केट 18 वीं सदी के अंत में शुरू हुई थी। अभी आपको शेयर मार्केट के इतिहास को समझने के लिए, Share Market Meaning in Hindi को समझना भी महत्वपूर्ण है। 

जब ट्रेडिंग फ्लोर मुंबई में टाउन हॉल के सामने एक विशाल बरगद के पेड़ की नीचे शुरू हुआ था।

कुछ लोग इस पेड़ के नीचे अनौपचारिक रूप से कपास के ट्रेड के लिए मिलते थे।

यह मुख्य रूप से इस कारण था, क्योंकि मुंबई एक व्यस्त ट्रेडिंग पोर्ट था और यहां अक्सर आवश्यक वस्तुओं का ट्रेड होता था।

सन 1850 में कंपनी अधिनियम लागू किया गया, जिसके बाद निवेशकों ने कॉर्पोरेट सिक्योरिटीज में रुचि दिखानी शुरू की थी। लिमिटेड लायबिलिटीज़ की अवधारणा भी इस समय के आसपास दिखाई देनी शुरू हुई थी।

 1875 तक,  ‘द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन’ नामक एक संगठन अस्तित्व में आया। यह बीएसई का पूर्ववर्ती अधिकारी था।

1894 में, अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज शहर में टेक्सटाइल मिल के शेयरों में काम करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से आया था।

1908 में कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज का गठन प्लांटेशन और जूट मिल के शेयरों के लिए एक मार्केट की सुविधा देने के इरादे से किया गया था।

मद्रास स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना वर्ष 1920 में हुई।

बीएसई  (BSE), वर्ष 1957 में भारत सरकार द्वारा सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट के तहत मान्यता प्राप्त पहला स्टॉक एक्सचेंज था।

सेंसेक्स को 1986 में लॉन्च किया गया था। इसके बाद 1989 में बीएसई नेशनल इंडेक्स को लांच किया गया था।

सिक्योरिटीज इंडस्ट्री और स्टॉक एक्सचेंज की निगरानी और उनको रेगुलेट करने के लिए 1988 में भारतीय सिक्योरिटीज और एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) का गठन किया गया था।

1992 में यह पूरी तरह से स्वतंत्र शक्तियों के साथ एक ऑटोनोमस बॉडी बन गई।

1992 में, एनएसई (NSE) का गठन मार्केट में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के इरादे से देश में पहले डीमैटिरियलाइज़ इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के रूप में किया गया था।

एनएसई (NSE) ने 1994 में होलसेल डेब्ट मार्किट (WDM) सेगमेंट में, 1994 में इक्विटी सेगमेंट (equity meaning in hindi) में  और 2000 में डेरिवेटिव खंड में अपना ऑपरेशन शुरू किया।

बीएसई ने 1995 में ओपन-फ्लोर सिस्टम से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम ऑफ ट्रेडिंग की शुरुआत की।

2015 में, सेबी ने कमोडिटीज मार्किट रेगुलेशन को मजबूत करने के लिए घरेलू और विदेशी संस्थागत पार्टिसिपेशन को सुविधाजनक बनाने और नए प्रोडक्ट को लॉन्च करने के उद्देश्य से फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) के साथ विलय कर दिया गया था।

यहाँ आपको Share Market History in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी है।


वर्तमान दिन में शेयर मार्केट की स्थिति:

आज, बीएसई को दुनिया के 11 वें सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है। इसका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर होने की संभावना है। एनएसई का मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 1.65 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।

बीएसई पर 5,000 और एनएसई (NSE) पर 1,500 कंपनियां सूचीबद्ध हैं।

शेयर ट्रेडिंग वॉल्यूम के संदर्भ में, अभी भी दोनों एक्सचेंज समानता पर हैं।

आजकल लोग अपने घर पर आराम से बैठकर ऑनलाइन ट्रेडिंग का संचालन करने में सक्षम हैं।

इसके साथ ही ट्रेडर को जीरो ब्रोकरेज डीमैट और लाइव अपडेट जैसी सुविधाएं इंटरनेट की मदद से उपलब्ध हैं।


 हमें उम्मीद है कि आपको Share Market History in Hindi के बारे में अपने सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगें। 

अब आप शेयर मार्केट में अपनी इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू कर सकते हैं।

उसके लिए सबसे पहले डीमैट अकाउंट खोलें। उसके लिए कृपया नीचे दिए गए फॉर्म को देखें:

यहाँ अपना बुनियादी विवरण भरें और उसके बाद आपके लिए कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी।

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