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स्क्वायर ऑफ इंट्राडे ट्रेडिंग का एक हिस्सा है। लेकिन कई निवेशकों को शेयर मार्केट में स्क्वायर ऑफ के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती हैं। इसलिए, आज हम अपने पाठकों के लिए Square Off Meaning in Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी साझा कर रहे हैं।
इस विस्तृत लेख में, आपको Square Off Meaning in Share Market in Hindi के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही, भारत के प्रमुख स्टॉक ब्रोकर के स्क्वायर ऑफ टाइम के बारे में भी बताएंगे।
शुरू करने से पहले, आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में एक संक्षिप्त विवरण देता हूं, जो आपको इस अवधारणा को आसानी से समझने में मदद करेगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब है कि एक ही दिन के अंदर ट्रेडिंग सेशन के दौरान सिक्योरिटीज (शेयर, कमोडिटी, करेंसी) को खरीद कर बेच देना।
इस सेगमेंट में सिक्योरिटीज को निवेश करने के उद्देश्य से नहीं ख़रीदा जाता है, बल्कि पुरे दिन कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण लाभ कमाना होता है। आप इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ बनाने के लिए कुछ शेयर मार्केट टिप्स (share market tips in hindi) का अनुसरण भी कर सकते हैं।
हालाँकि शेयर मार्केट में ऐसे कई बुनियादी पहलु हैं, जिनका आपको अध्ययन करना चाहिए। ऐसा ही एक स्क्वायर ऑफ टर्म है जो डे-ट्रेडिंग करते समय इस्तेमाल में आते हैं।
अब, इस लेख के मुख्य विषय Square Off Meaning in Trading in Hindi के बारे में समझते हैं।
स्क्वायर ऑफ, ट्रेडिंग का एक ऐसा फीचर है जहाँ एक ट्रेडर लाभ अर्जित करने के लिए शेयर्स को खरीदता और बेचता है। यह डे-ट्रेडिंग का एक हिस्सा है, इसलिए ट्रेडर को उसी दिन ट्रेडिंग सेशन के अंत तक अपनी सभी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है।
इसका अर्थ यह है कि आप सुबह ट्रेडिंग शुरू होने पर शेयर खरीदते है और आपको उसी दिन एक्सचेंज के बंद होने से पहले अपने सभी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है।
कुछ ब्रोकर्स के द्वारा ऑटो स्क्वायर ऑफ (Auto Square Off) की सुविधा भी प्रदान की जाती है। जहाँ ब्रोकर आपके पोजीशन को किसी निर्धारित समय पर स्क्वायर ऑफ कर देता है।
ऑटो स्क्वायर ऑफ के बारे में बात करने से पहले स्क्वायर ऑफ को एक उदाहरण से समझते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि एक ट्रेडर ने सुबह हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) कंपनी के 100 शेयर को ₹2100 प्रति शेयर के भाव पर खरीदता है और उसी दिन ट्रेडिंग सत्र बंद होने से पहले ₹2120 प्रति शेयर पर बेच देता है।
अब, इसी प्रक्रिया को आप कह सकते है कि एक ट्रेडर ने इंट्राडे ट्रेडिंग में दिन के लिए अपने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) का पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर दिया है।
उसी तरह यदि ट्रेडर दिन के दौरान किसी भी समय इंफ़ोसिस के प्रति शेयर ₹265 पर शॉर्ट सेलिंग (Short Sell) करता है और इसे उसी दिन बाजार बंद होने से पहले प्रति शेयर ₹265 के बाय ऑर्डर के साथ कवर करता है।
इसे प्रत्येक शेयर पर ₹5 रुपये के लाभ के साथ इंट्राडे स्क्वायर ऑफ भी कहा जाता है। अब बात Auto Square Off Meaning in Trading in Hindi की करते हैं।
इस प्रकार, यदि आप इंट्राडे करते है तो सुनिश्चित करें की आपको शेयर बाजार के नियम पता हो।
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Auto Square Off Meaning in Trading in Hindi
कुछ ब्रोकर्स के द्वारा ऑटो स्क्वायर ऑफ की सुविधा प्रदान की जाती है जहाँ पर वे एक नियत समय पर ट्रेडर की पोज़िशन को स्क्वायर ऑफ कर देते हैं।
ऑटो स्क्वायर ऑफ दो प्रकार का होता है जो निम्नलिखित है:
- टाइमर आधारित (Timer Base)
- एमटीएम आधारित (Mark to Market Base)
आइए, अब एक-एक करके दोनों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं और जानते हैं कि यह किस प्रकार से काम करता है।
- Timer Base:
टाइमर आधारित स्क्वायर ऑफ में, आपके पोजीशन एक पूर्व-निर्धारित समय से पहले ही स्क्वायर ऑफ हो जाता है। प्रे स्क्वायर ऑफ मोड (Pre Square Off Mode) का समय दोपहर 3 बजे है जबकि ऑटो स्क्वायर ऑफ का समय दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर है।
टाइमर बेस ऑटो स्क्वायर ऑफ की विशेषताएँ
- इक्विटी और फ्यूचर और ऑप्शन(F&O) में जितनी मार्जिन और इंट्राडे पोजीशन है वे सभी लिमिट/ क्रेडिट होने के बावजूद भी स्क्वायर ऑफ हो जाएगी।
- प्री स्क्वायर ऑफ मोड में एक ग्राहक अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर सकता है, लेकिन वह नई पोजीशन नहीं बना सकता। इसके अलावा, सभी लंबित ऑर्डर ऑटो स्क्वायर ऑफ होने तक खुली रहती है।
- प्रोडक्ट टाइप डिलीवरी में नई पोजीशन तभी बन सकती है जब फंड / लिमिट विस्तार किये हो।
- प्रोडक्ट टाइप डिलीवरी में बदली हुई पोजीशन को स्क्वायर ऑफ नहीं किया जा सकता।
- MTM Base Square Off
MTM स्क्वायर ऑफ में, किसी ग्राहक की इक्विटी और फ्यूचर और ऑप्शन(F&O) में हुई एमटीएम लॉस की गणना करने के बाद स्क्वायर ऑफ हो जाएगा।
एमटीएम बेस स्क्वायर ऑफ की विशेषताएँ
- एमटीएम लॉस की गणना करते हुए केवल बुक किये गए लाभ को ही माना जाएगा।
- प्री स्क्वायर ऑफ में 70% और ऑटोस्क्वायर ऑफ में 80% स्क्वायर ऑफ प्रतिशत सेट किया गया है।
- प्री-स्क्वायर मोड में, केवल डिलीवरी ऑर्डर के लिए उपलब्ध फंड की सीमा तक स्वीकार किया जाएगा और लंबित ऑर्डर तब-तक रहेंगे, जब तक की ऑटो स्क्वायर-ऑफ ट्रिगर्स नहीं हो जाता है।
- जब MTM ऑटो स्क्वायर ऑफ को प्रतिशत में शुरू किया जाता है, तब सभी रुके हुए ऑर्डर्स रद्द कर दिए जाएँगे। और डिलीवरी के लिए कोई नया ऑर्डर प्लेस नहीं किया जा सकता है जो कि फंड में उपलब्ध है।
- सेगमेंट के अलावा कैश या फ्यूचर में सभी ओपन पोजीशन को स्क्वायर ऑफ किया जा सकता है।
इस प्रकार, आप इन बातों ध्यान में रखकर अपनी पोजीशन को लेकर विचार कर सकते हैं।
ब्रोकर स्क्वायर ऑफ टाइमिंग
स्टॉक ब्रोकर का स्क्वायर ऑफ टाइम | |
जेरोधा | 3:20 PM |
आईसीआईसीआई डायरेक्ट | 3:30 PM |
HDFC सिक्योरिटीज | 3:00 PM |
अपस्टॉक्स | 3:15 PM |
5 पैसा | 3:15 PM |
कोटक सिक्योरिटीज | 3:10 PM |
एंजेल वन | 3:15 PM |
शेयरखान | 3:30 PM |
एक्सिस डायरेक्ट | 2:45 PM |
IIFL सिक्योरिटीज | 3:15 PM |
Auto Square off Charges in Hindi
ऑटो स्क्वायर ऑफ शुल्क | |
जेरोधा | ₹50 |
आईसीआईसीआई डायरेक्ट | ₹50 |
HDFC सिक्योरिटीज | ₹50 |
अपस्टॉक्स | ₹20 |
5 पैसा | ₹20 |
कोटक सिक्योरिटीज | ₹50 |
एंजेल वन | ₹50 |
शेयरखान | ₹50 |
एक्सिस डायरेक्ट | ₹50 |
IIFL सिक्योरिटीज | ₹50 |
निष्कर्ष
स्क्वायर ऑफ का निष्कर्ष यही है की एक ट्रेडर अपने सभी पोजीशन को ट्रेडिंग सत्र बंद होने से पहले बंद कर दें।
स्क्वायर ऑफ ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग का एक हिस्सा है, इसलिए एक ट्रेडर को ट्रेडिंग दिन के खत्म होने से पहले अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना ज़रूरी है।
स्क्वायर ऑफ में ट्रेडर दिन के अंत से पहले लाभ की उम्मीद से अपनी पोजीशन को क्लोज़ करता है। पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करने के लिए नियत समय होता है।
यह टाइमर बेस और एमटीएम बेस के रूप दो प्रकार का होता है। इन दोनों की अपनी विशेषताएँ हैं। इस प्रकार आप इक्विटी और F&O सेगमेंट में अपनी पोजीशन के बारे में विचार कर सकते हैं।
यदि आप स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग या निवेश के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो आगे के कदम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते हैं:
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