Short Selling Charges in Zerodha in Hindi

अगर आप ज़ेरोधा के साथ शॉर्ट सेलिंग करने जा रहे हैं, तो पहले Short Selling Charges in Zerodha in Hindi के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें।

आमतौर पर शॉर्ट सेलिंग विधि का प्रयोग इंट्राडे में किया जाता है। यहाँ हम इंट्राडे इक्विटी सेगमेंट में शॉर्ट सेलिंग पर लगने वाले खर्चों के बारे में बात करेंगे।

सबसे पहले शॉर्ट सेलिंग के कॉन्सेप्ट को समझने का प्रयास करते हैं और फिर Short Selling Charges in Zerodha in Hindi के बारे में बात करेंगे ताकि आपको कोई भी कन्फ्यूजन ना रहें। 

Zerodha शॉर्ट सेलिंग

आमतौर पर, शेयर मार्केट में पहले शेयर को कम भाव पर खरीदते है और बाद में उच्च कीमत पर बेच देते है.

लेकिन, शॉर्ट सेलिंग इसके बिल्कुल विपरीत है। यहाँ अधिक भाव पर शेयर को बेचते और कम कीमत पर वापस उसी शेयर को खरीद लेते हैं।

ये शेयर आपके डीमैट अकाउंट में नहीं होते हैं, बल्कि आप इन शेयरों को अपने स्टॉक ब्रोकर से उधार लेते हैं, इस मामले में हम जेरोधा की बात कर रहे हैं, तो आप जेरोधा से शेयर उधार लेंगे। 

ये शेयर आपको तय समय पर खरीद कर वापस ब्रोकर को देने होते हैं। 

यदि ऐसा करने में आप विफल रहते है तो आपको पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है। और साथ ही आपको जेरोधा में शॉर्ट सेलिंग शुल्क (Short Selling Charges in Zerodha in Hindi) का भी भुगतान करना होगा। 

अब आगे देखते है इंट्राडे में Short Selling Charges in Zerodha in Hindi कैसे लागू होता है।


इंट्राडे ट्रेडिंग में शॉर्ट सेलिंग शुल्क 

मान लीजिए, आप एक ट्रेडर है और आपका Zerodha डीमैट खाता है। आप इंट्राडे में शॉर्टिंग करने का चुनाव करते हैं जहां आपका मानना है कि किसी एक XYZ कंपनी के शेयरों में गिरावट आएगी।

कंपनी के शेयर का करंट मार्केट प्राइस (CMP) ₹175 रुपये है। आपका अनुमान है कि दिन के किसी भी समय शेयर का भाव ₹175 से गिरकर ₹170 के आसपास रह सकता है।

इस स्थिति में, आप XYZ कंपनी के 100 शेयर ₹175 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बेचने का निर्णय लेते हैं और टारगेट प्राइस यानी खरीदने का मूल्य ₹170 रुपये पर रख कर स्टॉप लॉस ₹177 पर लगा देते हैं।

अब शेयर बेचने के बाद दिन के शुरुआती घंटों में ही XYZ कंपनी के शेयर की कीमत ₹170 रुपये हो जाती है। 

जैसे ही शेयर इस पॉइंट पर पहुंचता है टारगेट प्राइस ट्रिगर हो जाता है और आपका ऑर्डर एक्सीक्यूट हो जाएगा। यानी की XYZ कंपनी के 100 शेयर आप ₹170 प्रति शेयर के भाव से खरीद लेते हैं।

इसमें आपको प्रति शेयर ₹5 रुपये का मुनाफा होता है। इस हिसाब से आपका कुल टर्नओवर ₹34,500 रुपये पर ₹500 रुपये का फायदा होगा।

लेकिन इसमें आपको ब्रोकरेज शुल्क और कुछ अन्य टैक्स का भुगतान भी करना होगा तो आपका वास्तविक मुनाफा ₹500 रुपये से कुछ कम होगा।

आइए अब इस ट्रेड पर लगने वाले जेरोधा ब्रोकरेज शुल्क सहित अन्य टैक्स पर एक बार नजर डालते हैं।


जेरोधा इंट्राडे शॉर्ट सेलिंग ब्रोकरेज शुल्क 

जेरोधा के साथ इंट्राडे ट्रेड करने पर आपको ब्रोकरेज शुल्क 0.03% या 20 प्रति एक्सेक्यूटेड ट्रेड (इनमे से जो भी कम हो) भुगतान करना होगा।

अभी ऊपर बताए उदाहरण का ब्रोकरेज और अन्य टैक्स के बारे में जानेंगे।

इस प्रकार, आपने इस उदाहरण से समझा कि आपके कुल टर्नओवर ₹34,500 पर ₹18.16 का शुल्क दिया।


निष्कर्ष

शॉर्ट सेलिंग से पैसा कमाना सुनने में बहुत दिलचस्प लग सकता है। लेकिन यह एक जोखिम से भरी रणनीति है। 

यदि आपको शॉर्टिंग और Short Selling Charges in Zerodha in Hindi के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है तो इस रणनीति को ना आजमाएं। इसमें आप बहुत अधिक पैसा गंवा सकते हैं।

चूँकि, शॉर्ट सेलिंग में शेयर आपके नहीं होते है और आपको उन शेयर को खरीद कर वापस करना होता है। इसलिए यदि शॉर्टिंग करते हुए शेयर की कीमतों में गिरावट नहीं होती तो इसमें अन्य ट्रेड की तुलना में अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।

इसलिए शॉर्ट सेलिंग की रणनीति सोच समझ कर ही अपनाएं। 

उम्मीद है आपको Short Selling Charges in Zerodha in Hindi का यह पोस्ट पसंद आया होगा। इस लेख से जुड़े किसी भी अन्य प्रश्न के लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर साझा करें। 


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