मोतीलाल ओसवाल ऑर्डर प्रकार 

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जब कोई स्टॉक मार्केट में प्रवेश करता है, तो यह समझना चुनौतीपूर्ण होता है कि किस प्रकार के स्टॉक मार्केट ऑर्डर के साथ शुरुआत की जाए।आइए, मोतीलाल ओसवाल ऑर्डर प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। 

ऑर्डर प्रकार को जानने से पहले मोतीलाल ओसवाल के बारे में जानना आवश्यक है। 

मोतीलाल ओसवाल एक फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर है। यह विभिन्न सेग्मेंट्स में रिसर्च, एडवाइजरी सर्विस, ब्रोकिंग सर्विस, एसेट मैनेजमेंट सर्विस, पीएमएस, म्यूच्यूअल फंड  इत्यादि में सेवाएं प्रदान करता है। 

यह ब्रोकर अपनी सेवाओं के लिए भारी भरकम फीस लेता है इसलिए आपको भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि स्टॉक ऑर्डर कैसे काम करता है जिससे आपको स्टॉक्स खरीदने और बेचने में मदद मिलती है।

कैपिटल मार्केट, एक ऐसी जगह है जहाँ पर स्टॉक और बॉन्ड का ट्रेड किया जाता है।  इसका अर्थ यह है कि इसमें स्टॉक और बॉन्ड मार्केट दोनों शामिल है।

अगर आप स्टॉक मार्केट में नए हैं तो आपको स्टॉक ऑर्डर चुनने में मुश्किल आ सकती है।

मोतीलाल ओसवाल ट्रेडिंग अकाउंट होने पर आपको विभिन्न प्रकार के ऑर्डर देने की सुविधा प्राप्त होती है।

हम आपको विभिन्न चरणों में मोतीलाल ओसवाल के ऑर्डर के प्रकार के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।


मोतीलाल ओसवाल के ऑर्डर के प्रकार

मोतीलाल ओसवाल के ट्रेडिंग ऑर्डर प्रकार के बारे में अधिक जानने के लिए प्रत्येक ऑर्डर प्रकार के निम्नलिखित विवरण को ध्यान से पढ़ें-

  1. लिमिट ऑर्डर 
  2. मार्केट ऑर्डर
  3. स्टॉप ऑर्डर 
  4. कवर ऑर्डर 
  5. ब्रैकेट ऑर्डर 
  6. आईओसी (इमीडियेट या कैंसिल)
  7. एएमओ (आफ्टर मार्केट ऑर्डर्स )

अब हम ऊपर बताए गए मोतीलाल ओसवाल के ऑर्डर प्रकार को संक्षिप्त रूप में समझने की कोशिश करते हैं:

1) लिमिट ऑर्डर-  लिमिट ऑर्डर प्रकार में कोई ट्रेडर विशेष मूल्य पर शेयरों को खरीद या बेच सकता है, और उसी समय स्टॉक को ट्रेडर  द्वारा एक्सेक्यूट किया जा सकता है। 

लिमिट ऑर्डर में ट्रेडर को न्यूनतम और अधिकतम मूल्य तय करना होगा, जिस मूल्य पर आप स्टॉक को खरीदना या बेचना चाहते हैं। 

इस ऑर्डर टाइप में, अगर वैल्यू किसी स्तर तक नहीं पहुंचता है, तो लिमिट ऑर्डर एक्सेक्यूट नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर यदि कोई ट्रेडर  XYZ शेयर खरीदना चाहता है या 100 रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। 

इसलिए, इन्वेस्टर को लिमिट ऑर्डर के लिए अमाउंट जमा करवाना होगा, अगर XYZ स्टॉक की कीमत 100 रुपए के बराबर है या उससे कम है, तो उस ऑर्डर को निष्पादित कर दिया जाएगा । 

लिमिट ऑर्डर से मतलब है ऑर्डर को एक निश्चित मूल्य पर ट्रेड किया जाता है। इसका उपयोग तब किया जाता है, जब ट्रेडर चाहता है कि निष्पादन एक विशिष्ट मूल्य पर किया जाए । 

2) मार्केट ऑर्डर-  अगर मार्केट ऑर्डर की सरल शब्दों में बताया जाए तो इसमें ट्रेडर को स्टॉक्स के करंट वैल्यू पर ट्रेड करना होता है।

मान लीजिये कोई ट्रेडर स्टॉक खरीदना चाहता है और उसकी कीमत 100 रुपए है, लेकिन कुछ मिनट के बाद उसकी कीमत ₹102 रूपये हो जाती है, तो ट्रेडर को वर्तमान मूल्य जो कि ₹102 रूपये है, पर ही खरीदना होगा।

मार्केट ऑर्डर एक ऐसा ऑर्डर  है, जिसको उपलब्ध सर्वोत्तम मूल्य होने पर ट्रेड किया जा सकता है।

इसका उपयोग तब किया जाता है जब ट्रेडर शीघ्र ट्रेड करना चाहता हो।

3. स्टॉप-लॉस ऑर्डर – स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक ऐसा प्रकार है, जिसमें ट्रेडर उन शेयरों का चयन करता है जिन्हें वह खरीदना या बेचना चाहता है और फिर किसी विशेष मूल्य पर स्टॉप-लॉस सेट करता है और किसी भी प्रकार के नुकसान को कम करता है।

मोतीलाल ओसवालस्टॉप लॉस ऑर्डर खरीदने  और बेचने की प्रक्रिया में अलग तरह से कार्य करता है।

संक्षेप में, स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक ऑर्डर है, जो ब्रोकर प्लेस करता है, और ब्रोकर उस स्टॉक को विशेष स्थिति में बेचता और खरीदता है, जब वह स्टॉक विशेष मूल्य पर पहुँचता है।

इसलिए, यह एक ऑर्डर प्रकार है जहां ट्रेडर उपलब्ध मूल्य पर ट्रेड करता है, जो एक विशेष मूल्य अपने सबसे उच्च स्तर पर होता है।

इसका उपयोग उस समय पर किया जाता है, जब ट्रेडर अपने ट्रेड को मॉनिटर नहीं कर पाटा है और कुछ नियमपर ट्रेड करना चाहता है।

4. कवर ऑर्डर- कवर ऑर्डर दो प्रकार, मार्केट और  स्टॉप लॉस ऑर्डर का मिश्रण है। इसके अलावा, स्टॉप लॉस ट्रिगर मूल्य और लिमिट मूल्य को ट्रेडर द्वारा तय किया जाता है। इस तरीके से यह मार्केट एक्सपोज़र के जोखिम को कम करता है। 

5 ब्रैकेट ऑर्डर- ब्रैकेट ऑर्डर तीन चीज़ो पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि यह ऑर्डर को प्लेस करने(चाहे खरीदना या बेचना हो),ऑर्डर को टारगेट करने, और स्टॉप लॉस ऑर्डर तीनो कार्यो करता है। 

यह पूरी तरह से कवर ऑर्डर को प्लेस रखने की अनुमति देता है, जो प्रॉफिट को बुक करता है और नुकसान को कवर करता है।

6 आईओसी (इमीडियेट या कैंसिल )

यह एक प्रकार का ऑर्डर प्रकार जिसमे ट्रेडर सिक्योरिटी को बेच या खरीद सकता है, जो तुरंत  सारे या उसके कुछ भाग पर लागू होता है और किसी भी भाग को जो पूर्ण न हो कैंसिल कर सकता है । 

आईओसी फाॅर्स ऑर्डर का समय है, जो इन्वेस्टर्स जानकारी को स्पष्ट करने के लिए उपयोग करते है, जैसे ऑर्डर कितने समय तक एक्टिव रहेगा और ऑर्डर को किन विभिन्न शर्तों के तहत रद्द किया जाएगा । 

7 AMO (आफ्टर मार्केट ऑर्डर)- इस तरह के ऑर्डर ट्रेडर के द्वारा मार्केट सेशन के बंद होने के बाद दिए जाते है और अगले ओपनिंग सेशन में एक्सचेंज पर  ऑर्डर अपने आप आ जाता है। 

एनएसई, एनएफओ और करंसी  सेग्मेंट्स के लिए एएमओ का समय 5.00 बजे सांय  और सुबह 9.00 बजे का है।


निष्कर्ष

लिमिट ऑर्डर का उपयोग सभी ट्रेडर द्वारा किया जाता है, जबकि नए ट्रेडर मार्केट ऑर्डर का उपयोग करते है और सबसे सीनियर मैनेजर स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करते है। 

यदि लागत को देखा जाए , तो इससे चुनने में मदद मिलती है क्योंकि लिमिट ऑर्डर ज़्यादा कीमत चार्ज करता है,जबकि मार्केट ऑर्डर काम शुल्क चार्ज करता है।

स्टॉप लॉस ऑर्डर निष्पादित नहीं होने पर किसी भी प्रकार की फीस निर्धारित नहीं करता, या कम पेमेंट को कैप्चर करता है।

लिमिट ऑर्डर में जटिलता मध्यम है, जबकि मार्केट ऑर्डर में आसान है और स्टॉप लॉस में यह काफी एडवांस है।

अगर आप ऊपर लिखित ऑर्डर प्रकार में ट्रेड करना चाहते है, तो आप मोतीलाल ओसवाल ट्रेडिंग प्लेटफार्म की वेबसाइट और अन्य किसी ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर जा कर सकते हो।


अगर आप भी डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए फॉर्म में बुनियादी विवरण दर्ज करें।

अपने बुनियादी विवरण दर्ज करने के बाद, आपको शीघ्र ही एक कॉलबैक प्राप्त होगी।

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