Stock Exchange Meaning in Hindi

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शेयर मार्केट एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में सभी ने कभी न कभी सुना जरूर होगा, लेकिन लोगों को उससे जुड़ी संस्थाओं, ब्रोकर्स, फाइनेंशियल टर्म्स आदि के बारे में नहीं पता है। ऐसी ही एक संस्था स्टॉक एक्सचेंज है जिसके बारे में लोगों को नहीं पता।

चलिए, आज हम आपको बताएंगे कि स्टॉक एक्सचेंज का शेयर मार्केट में क्या रोल है और share market kaise kaam karta hai और फाइनेंशियल फंड के निर्माण में किस तरह से सहायक है। 


Stock Exchange Define in Hindi

स्टॉक एक्सचेंज में सभी कंपनियां लिस्टेड होती है। स्टॉक एक्सचेंज एक कंपनी और एक निवेशक के बीच में एक मीडिएटर का काम करते हैं। 

यह एक ऐसा स्थान है जहां सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग होती है। स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक ब्रोकरों को कंपनी स्टॉक और अन्य सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है। दूसरी मार्केट की तरह स्टॉक एक्सचेंज भी सप्लाई और डिमांड के नियम पर चलता है।

शेयर के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप Share Meaning in Hindi की सम्पूर्ण समीक्षा देख सकते हैं।

इसलिए, किसी स्टॉक को केवल तभी खरीदा या बेचा जा सकता है जब वह एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो। इस प्रकार, यह स्टॉक एक्सचेंज खरीददारों (Buyer) और विक्रेताओं (Seller) की मीटिंग की जगह है। 

दूसरे शब्दों में, स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा फोरम है जहां बॉन्ड और स्टॉक जैसी सिक्योरिटीज खरीदकर उनकी ट्रेडिंग की जाती हैं। यह ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार का हो सकता है। यहां पर ट्रेडिंग बहुत ही व्यवस्थित ढंग से की जाती है। 

जब भी किसी कम्पनी को शेयर मार्केट से पैसा लेना होता है या शेयर खरीदने होते हैं तो सबसे पहले वह अपना नाम  स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज करवाती है जिसके बाद लोग उस कंपनी में निवेश कर सकते हैं। 

दूसरी और यदि किसी व्यक्ति को शेयर खरीदने या बेचने हो तो वह सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर नहीं खरीद सकता। इसके लिए उसे स्टॉक ब्रोकर के साथ डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की आवश्यकता होगी। 

इस प्रकार, ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज का शेयर मार्केट में एक अहम् रोल है। जिसके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। 


Stock Exchange in India

भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1875 से हुई थी। स्टॉक एक्सचेंज 2 भागों में विभाजित किया गया है, जैसे :

  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 
  • रीजनल स्टॉक एक्सचेंज 

इस समय भारत में कुल 21 स्टॉक एक्सचेंज हैं लेकिन सबसे प्रसिद्ध बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) है। और भारत का सबसे पहला और पुराना स्टॉक एक्सचेंज  बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है। 

आइए, इन दोनों के बारे में थोड़ा समझने की कोशिश करते हैं :

1. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसीई)

बीएसीई की शुरुआत 1875 में हुई थी। बीएसई को “नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन” के नाम से जाना जाता था। यह पूरे एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है और यह सीडीएसएल, और एनएसडीएल डिपॉजिटरी सर्विस प्रदान करता है। 

1992 में शेयर मार्केट में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आये जिसके बाद भारत सरकार ने सेबी का निर्माण किया। सेबी को शेयर मार्केट पर निगरानी रखने के लिए बनाया गया था। 

लेकिन बीएसई के ऐसे कई निवेशक थे जिनको इस नियम के तहत निवेश करना सही नहीं लगा और बीएसई ने सेबी के नियम मानने से मना कर दिया। जिसके बाद एनएसई आया और सभी काम कंप्यूटराइज्ड हो गए। 

इसके बाद शेयर की ट्रेडिंग का काम भौतिक रूप से खत्म हो गया और ट्रेडिंग तेजी से होने लगी। आख़िरकार बीएसई को अपना नाम सेबी की लिस्ट में दर्ज करवाना ही पड़ा।  

2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसीई)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना सन 1992 में हुई थी। एनएसई भारत का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है और यह टेक्निकल सुविधाओं से लैस है।

एनएसई की फुल फॉर्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया है। इसमें कई सिक्योरिटीज को लिस्टेड किया जाता है। एनएसीई के तहत 2000 कंपनियां हैं लेकिन इसमें 50 कंपनियां टॉप पर है। इसलिए एनएसई को nifty 50 भी कहा जाता है क्योंकि इसका प्रमुख इंडेक्स nifty 50 है।  

एनएसई को निर्माण करने का मुख्य उद्देश्य ट्रेडिंग को बढ़ाना था जिसकी वजह से लोग अधिक निवेश करें और लोगों के लिए रोजगार का रास्ता भी खुल जाये। 

एनएसई निवेशकों को इक्विटी, डेरिवेटिव (करेंसी, कमोडिटी) लिक्विडिटी और डेब्ट आदि में ट्रेडिंग करने की सुविधा प्रदान करता है।  

समय समय पर सेंसेक्स में तेजी और मंदी आती रहती है ऐसी ही घटनाओ के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप पढ़ सेंसेक्स Historical Data सकते हैं


स्टॉक एक्सचेंज के कार्य 

जब कोई निवेशक कोई शेयर खरीदता या बेचता है तो स्टॉक एक्सचेंज निवेशक और ब्रोकर के ट्रेड प्लेस करने की प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करता है। 

इसके कुछ और भी कार्य हैं जो निम्नलिखित प्रकार हैं :

करंट सिक्योरिटीज को लिक्विडिटी और मार्केटिबिलिटी प्रदान करना: स्टॉक एक्सचेंज सिक्योरिटीज खरीदने और बेचने के लिए एक निरंतर मार्केट प्रदान करता है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जहां शेयर खरीददारों (Buyer) और विक्रेताओं (Seller) द्वारा बेचे और खरीदे जा सकते हैं।

सिक्योरिटीज का मूल्य निर्धारण: सप्लाई और डिमांड के आधार पर स्टॉक एक्सचेंज सिक्योरिटीज पर एक प्राइस को फिक्स करने में मदद करता है जो बायर और सेलर दोनों को तुरंत डेटा प्रदान करते हैं और इस प्रकार सिक्योरिटीज के मूल्य निर्धारण करने में मदद करते हैं।

सुरक्षित ट्रांजेक्शन: एक स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े सभी पार्टिसिपेंट को अच्छी तरह से रेगुलेट किया जाता है, और उन्हें इस कानूनी ढांचे में काम करने की आवश्यकता होती है। इस तरह का सिस्टम लेनदेन की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। भारत में, सेबी द्वारा सभी ट्रेडिंग को रेगुलेट किया जाता है।

इकोनॉमिक ग्रोथ में योगदान: लोगों को अपने शेयरों को खरीदने और बेचने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें पैसा निवेश करने में मदद मिलती है। स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसके द्वारा बचत को सबसे अधिक उत्पादक निवेश प्रस्तावों में जोड़ा जाता है, जिससे कैपिटल निर्माण और आर्थिक तौर पर विकास होता है।

इक्विटी को बढ़ाना: स्टॉक एक्सचेंजों को सूचीबद्ध कंपनियों की अधिक जानकारी है, जो वे आगे लोगों को देते हैं। यह डेटा, सिक्योरिटीज में निवेश के बारे में लोगों को जागरूक करने में मदद करता है। 


निष्कर्ष 

स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी मार्केट जहाँ शेयर्स, बांड्स, डेरिवेटिव, सिक्योरिटीज आदि को खरीदा और बेचा जाता है। भारत में कुल 21 स्टॉक एक्सचेंज हैं और यह 2 भागों में बांटे गए हैं जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और रीजनल स्टॉक एक्सचेंज। 

इनमें से 2 स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज हैं। एनएसी में निफ़्टी ५० ये बेंचमार्क इंडेक्स है जो आपको टॉप 50 कम्पनीज की सूची प्रदान करता है और बीएसई को नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन कहा जाता है। 

इन दोनों को सेबी के अंतर्गत रेगुलेट किया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेडिंग को बढ़ाना है। 


यदि आप भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो हमारी आगे बढ़ने में सहायता करें। 

नीचे दिए गए फॉर्म में अपने बुनियादी विवरण को भरें और उसके बाद आपके लिए एक कॉल बैक की व्यवस्था की जाएगी। 

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