सेंसेक्स कंपनी लिस्ट

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सेंसेक्स (जिसे S&P बीएसई सेंसेक्स भी कहा जाता है) एक इंडेक्स है जो बीएसई और मार्केट सेंटीमेंट के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसका Base Year 1978-1979 है और Base Value 100 है।

सेंसेक्स इंडेक्स के अस्तित्व में आने के बाद कई बदलाव भी किये गए।

अगर शेयर मार्केट में (Definition of Share Market in Hindi) सेंसेक्स के इतिहास में जाएं तो, इंडेक्स की गणना “फुल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन” मेथड के आधार पर की गई थी। लेकिन बाद में सितंबर 2003 से, “फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन” मेथड को अपना लिया गया।

देश में सबसे पुराना इंडेक्स होने के कारण, बीएसई सेंसेक्स S & P देश के प्रमुख ब्रांडों में से एक बन गया है।

ये भी पढ़ें: Share Meaning in Hindi, मार्केट कैपिटलाइज़ेशन


बीएसई सेंसेक्स कंपनी लिस्ट

सेंसेक्स इंडेक्स 30 बीएसई कंपनियों की मार्केट सेंटीमेंट के बारे में जानकारी देता है। सेंसेक्स या बीएसई 30 की गणना करने के लिए उपयोग की जाने वाली सेंसेक्स कंपनी लिस्ट नीचे दी गयी है।

इसके अलावा, आप यह भी देख पाएंगे कि कंपनी किस इंडस्ट्री से रिलेटेड है।

इसके साथ ही अगर आप अब तक हुई सेंसेक्स में हुई प्रमुख घटनाओ के बारे में अधिक जानकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप सेंसेक्स Historical Data की समीक्षा करे।


सेंसेक्स कंपनी लिस्ट का चयन कैसे होता है?

सेंसेक्स कंपनी लिस्ट के चयन में कोई पक्षपात नहीं की जाती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में सूचीबद्ध सभी कंपनियों को सेंसेक्स में शामिल किया जा सकता है।

वर्तमान समय में, बीएसई में 5,000 से अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं। स्टॉक एक्सचेंज, सेंसेक्स कंपनी लिस्ट का चयन करने के लिए एक स्क्रीनिंग क्राइटेरिया का पालन करता है।

कैसे किया जाता है?

बीएसई की सभी 5,000+ कंपनियों को 4 समूहों में बांटा गया है। निम्नलिखित हैं:

A Group,
B Group,
T Group और
Z Group

# 1 पूर्व शर्त

  • Z- समूह की कंपनियों को बाहर रखा गया है: ये ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने BSE नियमों का पालन नहीं किया है।
  • आईपीओ: आईपीओ के द्वारा आये कंपनी सेंसेक्स में शामिल नहीं किया जा सकता। सेंसेक्स में शामिल होने के लिए, कंपनियों को न्यूनतम 3 महीने के लिए बीएसई में लिस्टेड होना चाहिए।
  • दैनिक ट्रेडिंग: अपने पिछले 3 महीने के साइकिल में, कंपनी के स्टॉक को हर दिन ट्रेड किया जाना चाहिए।
  • 4Q रिपोर्टिंग: कंपनी को पिछले 4 तिमाहियों में हुए सेल टर्नओवर (कुल आय) की सूचना देनी होगी।

# 2. स्क्रीनिंग
एक बार उपर बताये पूरी शर्त पूरी हो जाने पर, कंपनी को निम्नलिखित स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा:

  1. स्क्रीनिंग 1 (फ्री फ्लोट): शॉर्टलिस्ट की गई कंपनियों को उनके “औसत तीन महीने फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन” के क्रम में लिस्टेड किया गया है। केवल टॉप 75 रैंक वाली कंपनियों को आगे की स्क्रीनिंग के लिए माना जाता है।
  2. स्क्रीनिंग 2 (फुल मार्केट कैप): सभी 5,000+ कंपनियों को उनके फुल मार्केट कैप्टिलाइज़ेशन (3 महीने के औसत) के आधार पर रैंक दिया जाता है। फिर से, टॉप 75 रैंक वाली कंपनियों को चुना जाता है।
    ऊपर बताये दोनों स्क्रीनिंग (75+75) में लिस्टेड कंपनियों को एक लिस्टेड बनाने के लिए एक साथ रखा जाता है।
  3. स्क्रीनिंग 3 (ट्रेडिंग वॉल्यूम): संयुक्त कंपनियों की सूची को एक बार फिर से उनके औसत कारोबार की मात्रा (पिछले 3 महीनों की) के आधार पर रैंक किया गया है। जिन कंपनियों का कम्युलेटेड वैल्यू ट्रेड किया जाता है वे <98% सूची से बाहर कर दी जाती हैं।
  4. स्क्रीनिंग 4 (वज़न): बैलेंस कंपनियों को फ़्लोट-मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के आधार पर फिर से रैंक दिया जाता है। जिन कंपनियों की गणना करने पर 0.5% से कम वेट आता है, उन्हें फिर से बाहर रखा गया है।

जो कंपनियां शेष रह जाती है – उन्हें टॉप 30 सेंसेक्स कंपनी लिस्ट में शामिल किया जाता है।


सेंसेक्स 30 कम्पनीज वेटज इन इंडेक्स [2021] 

इंडेक्स में दिखाए (30 और 50) संख्याओं का क्या मतलब है? यह इंडेक्स में शामिल शेयरों की संख्या को दर्शाता है।

वर्तमान समय में “स्टॉक के वेटज”(Weightage of stocks) को स्टडी करना बहुत महत्वपूर्ण है। स्टॉक के वेटज का मतलब है स्टॉक का वजन। जैसे किसी एक स्टॉक का इंडेक्स अन्य स्टॉक के इंडेक्स के मुकाबले कितना ज्यादा महत्त्व रखता है। इन स्टॉक को “फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन” के संदर्भ में मापा जाता है।

और ऐसे स्टॉक मैं निवेश करना अच्छा माना जाता है, जिनकी वेटेज अधिक होती है। इन शेयरों को बेस्ट ब्लू चिप स्टॉक भी कहा जाता है।


निष्कर्ष

सेंसेक्स कंपनी लिस्ट में बताई कंपनियां न केवल बीएसई सेंसेक्स में लिस्टेड हैं, बल्कि भारतीय शेयर बाजार की सबसे बड़ी और एक्टिव ट्रेडिंग कंपनियों में भी शामिल हैं। सेंसेक्स कंपनी लिस्ट में शामिल किए जाने का आधार उनका कारोबार, बिक्री और पूंजीकरण है।

ये कंपनियां संबंधित स्टॉक की पेशकश करती हैं जिन्हें आमतौर पर बीएसई सेंसेक्स स्टॉक के रूप में संदर्भित किया जाता है। हम आशा करते है कि इस पोस्ट में टॉप 30 सेंसेक्स कंपनी की जानकारी से संतुष्ट होंगे.

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