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क्या आप भी share market me investment kaise kare की जानकारी लेने के बाद अब निवेश करने की सोच रहे हैं? यदि हाँ, तो आपके लिए शेयर बाजार के फायदे और नुकसान जानना ज़रूरी है।
चलिए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
शेयर, पीपीएफ, एफडी/आरडी आदि के म्यूचुअल फंडों में आज इन्वेस्टमेंट के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं, इन सब विकल्पों में निवेश कर शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बने ये सब जानना चाहते है लेकिन निवेश से जुड़े जोखिम और अन्य जानकारी के बिना ये लगभग नामुमकिन है।
इसलिए शेयर मार्केट में अपनी मेहनत की कमाई को इन्वेस्ट करने से पहले आपको शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए।
निवेशक आमतौर पर नुकसान की स्थिति आने पर घबरा जाते हैं।
इस घबराहट की वजह से निवेशक कई गलतियाँ कर बैठता है। एक अस्थिर बाजार में हुई गलतियों से उसे नुकसान होता है।
इसलिए, इन्वेस्टर को यह समझने की जरूरत है कि शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नुकसान को कैसे दूर किया जा सकता है ।
आज, हम शेयर मार्केट में निवेश के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।
साथ ही यह भी जानेंगें कि आप शेयर मार्केट का उपयोग करके धन कैसे कमा सकते हैं।
चलिए, शेयर बाजार के फायदे और नुकसान जानते हैं।
शेयर मार्केट के फायदे
शेयर मार्केट के कई फायदे हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
- शॉर्ट-टर्म पर उच्च रिटर्न की संभावना
शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें बैंक एफडी, बचत खाते आदि जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट की तुलना में थोड़े समय में ही अधिक रिटर्न जेनरेट करने की क्षमता है।
- कंपनी में हिस्सेदारी
जब आप पब्लिक लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदते हैं।
इसमें आपका शेयर आकार कितना भी छोटा क्यों न हो, यह आपको कंपनी पर नियंत्रण प्रदान करता है।
शेयरों का यह स्वामित्व आपको वोटिंग अधिकार प्रदान करता है और आपको डिविडेंट, बोनस इत्यादि प्राप्त होते है।
- हाई लिक्विडिटी
अन्य इन्वेस्टमेंट के विपरीत, शेयरों में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है। इन्वेस्टर सेकंड के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से शेयरों को खरीद और बेच सकते हैं।
- सेबी द्वारा आपके अधिकारों को अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है।
स्टॉक मार्केट को भारतीय सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। सेबी सख्ती से शेयरधारकों की सुरक्षा के लिए ब्रोकर, सब ब्रोकर, एडवाइजर और स्टॉक एक्सचेंज जैसे मार्केट पार्टिसिपेंट की निगरानी करता है।
- टैक्स लाभ:
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन जैसे 12 महीने से अधिक समय तक ₹1 लाख रुपये से अधिक की इन्वेस्टमेंट पर 10% टैक्स लगता है।
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स जैसे 12 महीने से कम समय के लिये की गई इन्वेस्टमेंट पर 15% + 3% सेस लगता है।
किसी भी पूंजीगत नुकसान को आठ फाइनेंशियल वर्षों तक ऑफसेट या आगे बढ़ाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: सेबी की स्थापना
शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट के नुकसान
हर सिक्के के दो पहलु होते हैं। उसी तरह अगर शेयर मार्केट में निवेश के फायदे हैं तो उसके साथ ही कुछ रिस्क भी जुड़े हैं। अधिक जानकारी के लिए Share Market Risk in Hindi की समीक्षा पढ़ सकते हैं।
चलिए, इसके नुकसान पर एक नज़र डालते हैं:
- वोलैटिलिटी
शेयर बाजार में निवेश को जोखिम भरा माना जाता है। मार्केट अस्थिर हैं और शेयरों में उतार-चढ़ाव हो सकता है और यहां तक कि यह सबसे नीचे भी जा सकता है।
- रिस्क
शेयर मार्केट में निवेशक के लिए जोखिम काफी होता है। इसलिए शेयर मार्केट फाइनेंशियल मार्केट के पूरे प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले कारकों के कारण नुकसान का सामना कर रहा है।
जोखिम दो प्रकार के होते हैं:
व्यवस्थित रिस्क
सिस्टेमेटिक रिस्क पूरे मार्केट को प्रभावित करता है और इसे विविधीकरण के माध्यम से समाप्त नहीं किया जा सकता है।
उदाहरण: प्राकृतिक आपदाएँ, राजनीतिक उथल-पुथल, आतंकवादी हमले आदि।
अव्यवस्थित रिस्क
एक विशिष्ट इंडस्ट्री या एक कंपनी के लिए व्यवस्थित जोखिम अलग है और इसे विविध किया जा सकता है।
- स्टॉकहोल्डर को अंतिम भुगतान किया जाता है।
जब किसी कंपनी को बंद कर दिया जाता है, तो शेयरधारकों को भुगतान अंतिम में किया जाता है।
जबकि बॉन्डधारक और कंपनी के लेनदारों को पहले भुगतान किया जाता है।
- इमोशनल रोलर कोस्टर
शेयर की कीमतें वोलैटिलिटी के कारण बार-बार बढ़ती और गिरती हैं। कई इन्वेस्टर लालच के कारण हाई वैल्यू पर एक शेयर खरीद लेते हैं और डर से कम कीमत पर शेयर बेच देते हैं।
शेयर मार्केट में रिस्क लगातार बना रहता है जोकि शेयर बाजार का स्वाभिक सा नियम है। अगर आप भी इसके बारे में और अधिक जानकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको Stock Market Prediction in Hindi आर्टिकल का अध्यन करना चाहिए।
ऐसे ट्रेड स्थिति से बचने के लिए शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स का पालन करें और स्टॉक मार्केट में मुनाफा कमाए।
शेयर बाजार में निवेश करने के नुकसान तो हैं। लेकिन, आप कुछ रणनीतियों और टिप्स को अनुसरण करके इस जोखिम को कम कर सकते हैं। लेकिन उसके लिए ज़रूरी एक सही शुरुआत और ज्ञान।
जब ज्ञान की बात आती है तो काफी निवेशक इस असमंजस में रहते है की शेयर मार्केट कैसे सीखे?
उसके लिए आप अलग-अलग सोर्स का इस्तेमाल कर सकते है, जैसे की किताबे, ऑनलाइन एप्लीकेशन या स्टॉक मार्केट कोर्स से जुड़ना।
इसके साथ शेयर बाजार में अपने जोखिमों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपकरणों का अनुसरण कर सकते है।
जोखिम को कम करने के लिए अपनी इन्वेस्टमेंट के अनुसार विविधता लाएं:
- इन्वेस्टमेंट प्रकार
आपको एक पूर्ण रूप से विविध पोर्टफोलियो बनाने के लिए बॉन्ड, कमोडिटीज आदि में इन्वेस्टमेंट करके अपने स्टॉक पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए।
- विभिन्न सेक्टर
आपके स्टॉक पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर जैसे फार्मास्युटिकल, एफएमसीजी, बैंक, आईटी इत्यादि के स्टॉक शामिल होने चाहिए।
- म्यूचुअल फंड और एसआईपी के माध्यम से
म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट को शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से कम जोखिम भरा माना जाता है। यह आपको विशेषज्ञ फंड मैनेजर द्वारा चुने गए सैकड़ों शेयरों का मालिक बनाता है।
एक स्टैग्गर इन्वेस्टमेंट रणनीति का पालन करें:
हमेशा याद रखें कि जब मार्केट की स्थिति अच्छी नहीं होती है, उस समय शेयर को आप आराम से बेचें और शेयर को स्टैग्गर तरीके से ही खरीदें।
निष्कर्ष:
शेयर बाजार के फायदे और नुकसान है इसलिए निवेश के फैसले करते समय सतर्क रहना चाहिए।
शेयर मार्केट की बुनियादी बातों को समझना चाहिए।
इन्वेस्टमेंट करने से पहले सही रिसर्च करना चाहिए, जिससे जोखिमों को कम किया जा सके और अधिकतम रिटर्न प्राप्त किया जा सके।
यदि आप भी शेयर मार्केट में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो कृपया नीचे दिए गए फॉर्म को देखें:
यहाँ अपना बुनियादी विवरण भरें उसके बाद आपके लिए कॉल बैक की व्यवस्था की जाएगी।