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लॉन्ग कॉल कॉन्डोर उन ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी (option trading strategies in hindi) में से एक है, जिसमें “फॉर लैग्स” यानी चार पैर शामिल होते है। यह अलग–अलग स्ट्राइक प्राइस के साथ चार अलग–अलग कॉल ऑप्शंंस से बने होते है, लेकिन इनकी एक्सपायरी एक ही होती है। इस स्ट्रैटेजी का उपयोग तब किया जाता है, जब ट्रेडर स्टॉक या अंडरलेइंग एसेट के प्राइज में बहुत कम या किसी भी प्रकार के कोई मूवमेंट की उम्मीद नहीं करता है।
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर एक डायरेक्शन न्यूट्रल स्ट्रैटेजी है।
यह उस दिशा को जानने के लिए आवश्यक नहीं है, जिसमें बाजार को ऊपर या नीचे ले जाने की उम्मीद है। वास्तव में, यह उस समय काम करता है जब स्टॉक में अस्थिरता कम होती है, और कीमत के बिल्कुल भी बढ़ने की उम्मीद नहीं होती है।
इस स्ट्रैटेजी को बनाने के लिए एक सबसे कम–इन–द–मनी कॉल, एक शॉर्ट मिडिल–इन–द–मनी कॉल, एक शॉर्ट मिडिल–आउट–आफ–द–मनी कॉल का उपयोग करके किया जाता है और एक लॉन्ग हाई स्ट्राइक आउट–आफ–द–मनी कॉल होती है।
यह सरंचना एक इन–द–मनी हॅल कॉल स्प्रैड और आउट–आफ–द–मनी बियर कॉल स्प्रैड के संयोजन से बनती है।
इस स्ट्रैटेजी प्रोफाइल में नुकसान सीमित और मुनाफा या ईनाम असमिति होता है।
इसमें अधिकतम मुनाफा तब दर्ज किया जाता है जब एक्सपायरी डेट पर दो सामान्य अंडरलेइंग के प्राइजों में कुछ असमानता नजर आती है।
इस स्ट्रैटेजी में अधिकतम नुकसान तब होता है, जब स्टॉक या अंडरलेइंग के प्राइज या तो न्यूनतम स्ट्राइक प्राइज से नीचे होती है या एक्सपायरी के समय उच्चतम स्ट्राइक प्राइज से ऊपर होती है।
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर स्ट्रैटेजी टाइमिंग
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर स्ट्रैटेजी का उपयोग करने का आदर्श समय तब होता है जब स्टॉक या शेयर की कीमतें स्थिर होने की संभावना होती है और निकट भविष्य में मूवमेंट नहीं करती है। इस समय, निवेशक या इन्वेस्टर प्राइज मूवमेंट के बिना भी मुनाफा कमाने के लिए लॉन्ग कॉल कॉन्डोर का उपयोग कर सकता है।
इसलिए, जब इन्वेस्टर बाजार के एक नैरो रेंज के अंदर ही रहने की कीमत की उम्मीद कर रहा है।
वह एक लॉन्ग कॉल कॉन्डोर बनाएगा।
यहां इसे पूरा करने के लिए सबसे कम स्ट्राइक प्राइज के साथ एक आईटीएम (इन–द–मनी) कॉल खरीदने और निम्न मध्य स्ट्राइक प्राइज के साथ एक आईटीएम (इन–द–मनी) कॉल बेचने व उच्च मध्यम प्राइज के साथ एक ओटीएम (आउट–आफ–द–मनी) कॉल बेचने और उच्चतम स्ट्राइक मूल्य के साथ एक ओटीएम (आउट–आफ–द–मनी) कॉल खरीदा जाता है।
यह सुनिश्चित करता है कि यदि कीमत सबसे कम और उच्चतम स्ट्राइक प्राइजों के बीच बनी रहती है, तो स्ट्रैटेजी मुनाफा प्रदान करेगी।
बाजार में बहुत अधिक अस्थिरता होने पर नुकसान होगा और प्राइज सबसे नीचे या ऊपर जा सकती है।
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर एक तरह से लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्ट्रैटेजी का एक नया रूप है, जिसमें दो मीडिल स्ट्राइक के स्ट्राइक प्राइस अलग–अलग होते हैं। इससे मुनाफे की क्षमता में कमी आती है, लेकिन नुकसान या घाटा भी कम हो जाता है।
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर एक सही शर्त साबित होती है, जब इन्वेस्टर प्राइज मूवमेंट को लेकर अनिश्चित होता है। इस प्रकार यह नुकसान को कम करता है और लॉन्ग कॉल कॉन्डोर में मुनाफे कमाने की सीमा बहुत बड़ी होती है।
इस स्ट्रैटेजी से आने वाला अधिकतम मुनाफा तब सीमित हो जाता है, जब दो मीडिल स्ट्राइक्स के बीच अंतर होता है, जो कि दी गई प्रीमियम से कम होता है। अधिकतम मुनाफे की स्थिति तब होती है जब एक्सपायरी के समय स्टॉक की कीमत दो मीडिल स्ट्राइक्स की कीमतों के बीच होती है।
इस स्ट्रैटेजी से अधिकतम नुकसान भी भुगतान की गई प्रीमियम की कुल राशि तक ही सीमित होता है। अधिकतम अस्थिरता की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब बाजार अस्थिर होता है और स्टॉक की कीमत एक्सपायरी के समय सबसे कम स्ट्राइक प्राइज या ऊपरी स्ट्राइक प्राइज से ऊपर होती है।
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर के उदाहरण
निफ्टी इंडेक्स पर आधारित कुछ उदाहरणों के माध्यम से हम इसे समझते है:
मान लिजिए कि निफ्टी वर्तमान में 9100 अंको पर है। ट्रेडर को उम्मीद है कि कीमत एक छोटी रेंज के अंदर ही रहेगी।
अब 8900 पर एक ₹240 के प्रीमियम के साथ एक आईटीएम (इन–द–मनी) कॉल खरीद कर और 9000 पर 150 की प्रीमियम वाली आईटीएम (इन–द–मनी) कॉल बेची जाती है और एक आउट–आफ–द–मनी कॉल 9200 पर ₹40 की प्रीमियम पर बेच कर और 9300 की एक आउट–आफ–द–मनी कॉल 10 रू. की प्रीमियम पर खरीदकर लॉन्ग कॉल कॉन्डोर स्ट्रैटेजी बनाई जाती है।
भुगतान किया गया कुल प्रीमियम -240 + 150 + 40-10 = ₹60 का है।
1. परिदृश्य-1
यदि निफ्टी 9000 पर बंद हो जाता है, तो स्ट्रैटेजी मुनाफा प्रदान करेगी। इसमें एक ऊपर स्तर वाली ओटीएम(आउट–आॅफ–द–मनी) एक्सपायर हो जाएगी और 10 रू. का प्रीमियम प्राप्त होगा, जो भुगतान किया गया था। इसके साथ ही ऊपर की मीडिल स्ट्राइक ओटीएम कॉल भी एक्सपायर हो जाएगी और 40 रु. का प्रीमियम प्राप्त होता है।
नीचे की मीडिल स्ट्राइक आईटीएम कॉल भी एक्सपायर हो जाएगी और 150 का प्रीमियम प्राप्त होता है।
अब सबसे कम स्ट्राइक आईटीएम कॉल का प्रयोग किया जाएगा और कुल नुकसान (9000-8900) -240 = 100-240 = -₹140 का होगा, यानी 140 का नुकसान होगा। इस स्ट्रैटेजी से कुल भुगतान -10 + 40 + 150-140 = ₹40 का होगा।
यह अधिकतम मुनाफा है, जो इस स्ट्रैटेजी से प्राप्त हो सकता है। स्टॉक की कीमत एक्सपायरी पर 9000 है, जो 9000 और 9200 के दो मीडिल स्ट्राइक्स की कीमतों के बीच है।
2. परिदृश्य-2
यदि निफ्टी 9600 पर बंद होता है, तो स्ट्रैटेजी में नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि प्राइज तेजी से बढ़ी है और उच्च अस्थिरता दिखाती है। यहां सभी ऑप्शनपैसों में है।
इसमें सबसे डीप आईटीएम से मिलने वाला मुनाफा (9600-8900) =₹700 का और 240 की प्रीमियम का भुगतान किया जाता है, इसलिए कुल मुनाफा 700-240 = ₹460 का होगा।
नीचे की मीडिल स्ट्राइक्स आईटीएम कॉल से (9600-9000) =₹600 का नुकसान होगा और 150 का प्रीमियम प्राप्त होगा।
कुल घाटा 600-150 =₹450 होगा।
ऊपरी मीडिल स्ट्राइक्स ओटीएम कॉल से (9600-9200) = ₹400 का नुकसान भी होगा, लेकिन 40 का प्रीमियम प्राप्त करने के बाद, कुल नुकसान 400-40 = ₹360 का होगा।
ऊंचे स्ट्राइक प्राइस ओटीएम कॉल से (9600-9300) = ₹300 का लाभ होगा, लेकिन 10 का प्रीमियम चुकाने के बाद, कुल मुनाफा 300-10 = ₹290 होगा।
इस प्रकार, 460-450-360 + 290 = -₹60 की कुल अदायगी होगी, अर्थात 60 का नुकसान होगा। इसलिए इस स्ट्रैटेजी में 60 का नुकसान होगा, जो कि स्ट्रैटेजी से अधिकतम नुकसान है और यह तब होता है जब कीमत सबसे कम या उच्चतम स्ट्राइक प्राइजों से आगे निकल जाती है।
3. परिदृश्य-3
यदि निफ्टी 9240 पर बंद होता है, तो उच्चतम यानी हाईएस्ट स्ट्राइक ओटीएम कॉल एक्सपायर हो जाएगी और 10 रु. की प्रीमियम का भुगतान करना होगा। ऊपरी मीडिल स्ट्राइक प्राइस ओटीएम कॉल (9240-9200) = ₹40 का नुकसान देगा, जिसकी भरपाई प्रीमियम के रूप में प्राप्त 40 रु. से होगी।
इसमें कुल अदायगी शून्य होगी।
निम्म यानी लोएस्ट स्ट्राइक प्राइज आईटीएम कॉल से (9240-9000) =₹240 का नुकसान होगा, लेकिन ₹150 का प्रीमियम प्राप्त करने के बाद, कुल नुकसान 240-150 =₹90 का होगा।
सबसे कम स्ट्राइक प्राइस आईटीएम कॉल (9240-8900) =₹340 का मुनाफा कमाएगी और प्रीमियम का भुगतान करने के बाद 240, कुल मुनाफा 340-240 =₹100 का होगा।
इस प्रकार, इस स्ट्रैटेजी के उपयोग से कुल भुगतान -10 + 0-90 + 100 = ₹0 होगा, कुल भुगतान शून्य होगा और यह स्ट्रैटजी के ब्रेक–ईवन प्वाइंट होंगे।
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर के फायदें
इस स्ट्रैटेजी का उपयोग करने से पहल आपको इन बातों की जानकारी जरूर होनी चाहिए–
- स्ट्रैटेजी बाजार में कम अस्थिरता होने पर भी मुनाफा प्रदान करने की क्षमता रखती है।
- मुनाफा सीमित है, लेकिन नुकसान भी सीमित है।
- लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई जैसी अन्य स्ट्रैटेजियों की तुलना में, लॉन्ग कॉल कॉन्डोर में मुनाफा प्राप्त करने के लिए एक बड़ी रेंज होती है, जिससे नुकसान की संभावना कम हो जाती है।
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर के नुकसान
लॉन्ग कॉल कॉन्डोर के फायदों के समान ही इस स्ट्रैटेजी के नुकसान और चिंताओं को भी जानना जरूरी है–
- भुगतान किए गए प्रीमियम की राशि स्ट्रैटेजी के चार पैरों के कारण अधिक है।
- अन्य रणनीतियों की तुलना में इसमें मुनाफे की मात्रा कम है।
- सही स्ट्राइक्स की कीमतों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है।
लान्ग कॉल कॉन्डोर संक्षेप में
जैसे कि आप लॉन्ग कॉल स्ट्रैटेजी को समझ चुके है कि एक कठिन रणनीतियों में से एक है, लेकिन इसमें नुकसान और मुनाफा दोनों ही सीमित है।
- टी91 लॉन्ग कॉल कॉन्डोर में प्राप्त होने वाला मुनाफा सीमित या कम हो है, लेकिन नुकसान या घाटे की संभावना भी कम हो जाती है, क्योंकि कीमतें नुकसान की ओर अग्रसर होने से पहले बड़े स्तर की ओर जा सकती है।
यह कम अस्थिरता और अनिश्चितता के समय में उपयोग की जाने वाली एक उत्तम स्ट्रैटेजी है।
यदि आप सामान्य रूप से ऑप्शनया शेयर बाजार में निवेश करना चाह रहे हैं, तो हम आगे आपकी सहायता करेंगे। यहां बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी!