बाकी ऑप्शन स्ट्रेटेजी भी पढ़ें
शॉर्ट स्ट्रैंगल स्ट्रैटेजी सबसे प्रभावी ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी (option trading strategies in hindi) में से एक है, जो सामान्य व स्थिर बाजार में भी ट्रेडर को मुनाफा कमाने में मदद करती है। इसका उपयोग तब किया जाता है, जब बाजार में किसी भी प्रकार की अस्थिरता की उम्मीद कम हो और कोई प्राइज मूवमेंट भी न हो। बावजूद इसके इन्वेस्टर शॉर्ट स्ट्रैंगल का उपयोग करते मुनाफा कमा सकता है।
शॉर्ट स्ट्रैंगल का निर्माण एक आउट–आफ–द–मनी पुट ऑप्शन की राइटिंग और उसी स्ट्राइक प्राइज पर एक आउट–आफ–द–मनी कॉल ऑप्शन राइटिंग से होता है, दोनों एक ही स्टॉक या अंडरलेइंग एसेट और एक ही एक्सपायरी डेट के होते है।
शॉर्ट स्ट्रैंगल, शॉर्ट स्ट्रैडल से अलग होता है, क्योंकि शॉर्ट स्ट्रैंगल में दोनों ऑप्शंंस के स्ट्राइक प्राइज अलग-अलग होते है।
पुट ऑप्शन का स्ट्राइक प्राइस वर्तमान प्राइस से कम है और कॉल ऑप्शन वर्तमान स्टॉक प्राइस से ज्यादा है।
शॉर्ट स्ट्रैंगल स्ट्रैटेजी में सीमित मुनाफा कमाने की क्षमता है, जिसमें मुनाफा सिर्फ तब मिलेगा जब प्राइज दो स्ट्राइक प्राइजों के बीच रहेंगी और यह प्राप्त दो प्रीमियम की राशि तक सीमित है।
हालांकि, इस स्ट्रैटेजी में नुकसान की क्षमता असमिति है।
जैसे ही स्टॉक या अंडरलेइंग के स्ट्राइक प्राइज रेंज से ऊपर निकल जाते है, तो ट्रेडर को नुकसान उठाना पड़ेगा। यह नुकसान काफी बड़ा है, जो प्राप्त प्रीमियम से मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा।
शॉर्ट स्ट्रैंगल एक नेट क्रेडिट स्ट्रैटेजी है और इसे क्रेडिट स्प्रैड के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि इसमें प्रीमियम प्रवेश के दौरान ही प्राप्त कर लिया जाता है।
शॉर्ट स्ट्रैंगल टाइमिंग
शॉर्ट स्ट्रैंगल को उपयोग करने का सबसे सही समय तब होता है, जब ट्रेडर उम्मीद कर रहा है कि स्टॉक या अंडरलेइंग एसेट की कीमत में बहुत अधिक अस्थिरता या प्राइज मूवमेंट नहीं होगा। इस मामले में, ट्रेडर वर्तमान प्राइज से कम स्ट्राइक प्राइज पर ओटीएम (आउट आफ द मनी) पुट ऑप्शन को राइट करेगा और वर्तमान प्राइज से अधिक स्ट्राइक प्राइज पर ओटीएम (आउट–आफ–द–मनी) कॉल ऑप्शन राइट करेगा।
दोनों ऑप्शंंस को राइट कर प्रीमियम प्राप्त किया जाता है। इसमें ट्रेडर का इरादा यह है कि स्टॉक आस (ओसीई) दो ऑप्शन स्ट्राइक प्राइजों के बीच रहता है और ऑप्शंंस एक्सपायर हो जाते हैं।
शॉर्ट स्ट्रैंगल स्ट्रैटेजी का उपयोग तब भी किया जा सकता है जब शेयरों की अस्थिरता बहुत अधिक होती है और विकल्प ओवरवैल्यूएट लगते हैं। प्राइज में सुधार से मुनाफा प्राप्त करने के लिए एक्सपायरी से पहले शॉर्ट स्ट्रैंगल को बनाया जा सकता है और पोजीशन को खत्म किया जा सकता है।
शॉर्ट स्ट्रैडल की तुलना में, जो प्रीमियम शॉर्ट स्ट्रैंगल से प्राप्त किया जाता है, वह बहुत कम होता है। इसमें आउट–आफ–द–मनी आप्शंस, एट–द–मनी ऑप्शंंस की तुलना में कम प्रीमियम प्रदान करते हैं। हालांकि, प्राइज रेंज बीच की एक सीमा के कारण, प्राइज स्विंग का बड़ा होना जरूरी होता है, जो कि नुकसान की भरपाई कर सके।
शॉर्ट स्ट्रैंगल स्ट्रैटेजी एक ऐसी रणनीति है, जिसमें मुनाफा सीमित होता है, लेकिन नुकसान असमिति होता है। इस स्ट्रैटेजी में मुनाफे की क्षमता ऑप्शंंस पर प्राप्त दो प्रीमियमों की राशि तक ही सीमित है। अधिकतम मुनाफे के लिए आदर्श स्थिति तब बनती है, जब प्राइज दो स्ट्राइक प्राइजों के बीच रहता है और बहुत अधिक अस्थिरता नहीं होती है।
यहां दोनों ऑप्शंंस एक्सपायर हो जाएंगे और ट्रेडर को प्रीमियम प्राप्त होगा, जो कि किसी भी प्रकार के प्राइज मूवमेंट नहीं होने की स्थिति में होगा।
अधिकतम नुकसान असीमित हो सकता है क्योंकि कीमत किसी भी दिशा में किसी भी हद तक ऊपर या नीचे जा सकती है।
यदि प्राइज कॉल स्ट्राइक प्राइज से ऊपर जाता है, तो पुट ऑप्शन एक्सपायर हो जाएगा और प्रीमियम प्राप्त हो जाएगा, लेकिन कॉल ऑप्शन का प्रयोग किया जाएगा और परिणामस्वरूप नुकसान होगा।
ठीक इसी प्रकार, यदि प्राइज पुट स्ट्राइक प्राइज से नीचे जाती है, तो कॉल ऑप्शन एक्सपायर हो जाएगा और प्रीमियम प्राप्त होगा, लेकिन पुट ऑप्शन का प्रयोग किया जाएगा और परिणामस्वरूप नुकसान होगा।
शॉर्ट स्ट्रैंगल के उदाहरण
लॉन्ग स्ट्रैंगल के परिदृश्य के समान ही इसके उदाहरण पर निफ्टी पर चर्चा करेंगे:
मान लीजिए कि यहां भी निफ्टी 7900 अंक पर है और ट्रेडर अब उम्मीद कर रहा है कि कीमत में कोई हलचल नहीं होगी। इसलिए वह यहां पर शॉर्ट स्ट्रैंगल का उपयोग करेगा।
ट्रेडर 7700 पर एक पुट ऑप्शन राइट करता है, इस ऑप्शनके लिए वह 28 रु. के प्रीमियम का भुगतान करेगा और 8100 के स्ट्राइक की एक कॉल ऑप्शन को भी 32 रू. पर राइट करेगा। दोनों के प्रीमियम का भुगतान वह पहले ही कर देता है। दोनों ऑप्शन आउट–आफ–द–मनी हैं।
1. परिदृश्य-1
यदि निफ्टी 7800 पर बंद होता है, तो यह दो ऑप्शंंस के स्ट्राइक प्राइस की सीमा के भीतर रहता है। इसलिए, कॉल और पुट ऑप्शंंस दोनों एक्सपायर हो जाएंगे और प्रीमियम प्राप्त होगा।
शुद्ध मुनाफा 28 + 32 = 60 का होगा।
यह अधिकतम मुनाफा है, जो शॉर्ट स्ट्रैंगल का उपयोग करके प्राप्त किया जा सकता है।
यदि शॉर्ट स्ट्रैंगल के बजाए शॉर्ट स्ट्रैडल का उपयोग किया जाता है, तो 7800 पर ट्रेडर को नुकसान उठाना पड़ेगा। क्योंकि शॉर्ट स्ट्रैंगल मुनाफा देने के लिए प्राइज मूवमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए अनुमति देता है। हालांकि, शॉर्ट स्ट्रैंगल से प्राप्त मुनाफा शॉर्ट स्ट्रैडल से कम है।
2. परिदृश्य-2
यदि निफ्टी 7400 पर बंद होता है, तो इसका मतलब बहुत अधिक अस्थिरता है और ट्रेडर को नुकसान उठाना पड़ेगा। कॉल ऑप्शन एक्सपायर हो जाएगा और 32 रुपये का प्रीमियम प्राप्त होगा।
तब पुट ऑप्शनका प्रयोग किया जाएगा और नुकसान (7700-7400) = 300 के बराबर होगा। शुद्ध घाटा 300-28 =: 272 का होगा। इस स्ट्रैटेजी में कुल भुगतान -272 + 32 = -: 240 का होगा, यानी 240 रुपये का नुकसान। इस स्थिति में नुकसान बढ़ता रहेगा, क्योंकि स्टॉक की कीमत वर्तमान ई से दूर चलती रहती है।
यह स्पष्ट करता है कि बहुत अधिक अस्थिरता वाले बाजारों के लिए शॉर्ट स्ट्रैंगल सही स्ट्रैटेजी नहीं है।
3. परिदृश्य-3
यदि निफ्टी 8160 पर बंद होता है, तो पुट ऑप्शनएक्सपायर हो जाएगा और 28 रुपये की शुद्ध कमाई प्राप्त होगी।
कॉल ऑप्शन का प्रयोग किया जाएगा और नुकसान 8160-8100 = 60 के बराबर होगा। कुल घाटा 60-32 = 28 का होगा। इस स्ट्रैटेजी में कुल भुगतान 28-28 = 0 होगा। इसे ऊपर भी बताया गया है, जिसमें कॉल ऑप्शन के उपयोग के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई पुट ऑप्शन के एक्सपायर हो जाने के कारण प्राप्त प्रीमियम से की जाती है।
शॉर्ट स्ट्रैंगल के फायदें
- इस स्ट्रैटेजी में शॉर्ट स्ट्रैडल की तुलना में मुनाफा कमाने के लिए अधिक रेंज है। शेयर की कीमत मुनाफा कमाने के लिए दो स्ट्राइक प्राइज की सीमा के भीतर हो सकती है।
शॉर्ट स्ट्रैंगल के नुकसान:
- शॉर्ट स्ट्रैडल की तुलना में शार्ट स्ट्रैंगल में प्राप्त प्रीमियम कम होती है।
- इस स्ट्रैटेजी में नुकसान असमिति होता है।
- मुनाफा सीमित होता है, जिसमें अधिकतम दो प्रीमियम राशि प्राप्त होती है।
शार्ट स्ट्रैंगल संक्षेप में:
बाटम लाइन के रूप में शार्ट स्ट्रैंगल सिर्फ उस समय उपयोग किए जाने की रणनीति है, जब ट्रेडर निश्चित रूप से बाजार में कम या कोई अस्थिरता के बारे में अनुमानित नहीं होता है।
यदि भविष्यवाणी सही नहीं निकलती है, तो स्ट्रैटेजी असीमित नुकसान का कारण बन सकती है।
हालांकि, शॉर्ट स्ट्रैडल की तुलना में, शॉर्ट स्ट्रैंगल ज्यादा नुकसान वाली स्ट्रैटेजी है, क्योंकि प्राइज एक सीमा के भीतर जा सकती है। पेआउट भी शॉर्ट, स्ट्रैडल से कम होता है।
यदि आप सामान्य रूप से आप्शन ट्रेडिंग या शेयर बाजार निवेश के साथ शुरूआत करना चाहते हैं, तो हम आपको कदम आगे बढ़ाने में सहायता करेंगे।
यहां बुनियादी विवरण दर्ज करें और आपके लिए एक कॉलबैक की व्यवस्था की जाएगी!